Book Title: Bharatiya Sanskruti me Jain Dharma ka Yogdan
Author(s): Hiralal Jain
Publisher: Madhyapradesh Shasan Sahitya Parishad Bhopal

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Page 426
________________ जैन साहित्य-ग्रंथसूची ४१३ १६७ धूर्ताख्यान (हरिभद्र) डॉ. उपाध्ये कृत अं. प्रस्तावना स. (भारतीय वि. भ. बम्बई, १९४४) १९८ धर्मपरीक्षा (अमितगति) हि. अनु. स. (जैन ग्रं. र. बम्बई, १९०१) १६६ सुरसुन्दरी चरिअं (धनेश्वर) हरगो. सेठ बनारस, १६१६ २०० णाणपंचमीकहा (महेश्वर)अ. गोपनीकृत अं. प्रस्ता. स. (सिंघी जै. ग्रं. बम्बई, १६४६) २०१ कुमारपालचरित (हेमचंद्र) डॉ. प. ल. वैद्य कृत सं.प्रस्ता. स. (भंडारकर ओ., पूना, १६३६) २०२ महीवाल कथा (वीरदेव) -अहमदाबाद, सं. १९६८ २०३ सुदंसणाचरिय-शकुनिका विहार (देवेन्द्र) आत्मवल्लभ ग्रं. वलाद, अहम __ दाबाद, १६३२ २०४ कृष्णचरित (देवेन्द्र) रतनपुर, १९३८ २०५ श्रीपालचरित (रत्नशेखर)दे. ला. बम्बई, १९२३) भा. १-वाडीलाल जीवाभाई चौकसी कृत अं. अनु. भूमिकादि स. अहमदाबाद, १६३२) २०६ कुम्मापुत्तचरियं (जिनमाणिक्य) डॉ. प. ल. वैद्य की अं. भूमिका स. पूना १९३० अभ्यंकर सम्पा. अहमदाबाद, १९३२ २०७ वसुदेव हिंडी (संघदास-धर्मसेन) प्रथम खण्ड जै. मारमा. सभा. भावनगर, १६३० २०८ समरादित्यकथा (हरिभद्र)-याकोबी की अं. प्रस्ता.) स. (बिब. इंडिका कलकत्ता, १९२६) भव १, २, ६ म. मोदी के अं. अनु. भूमिका स (अहमदाबाद १६३३, ३६) भव २ गोरेकृत अं. भू. अनु. स. (पूना, १९५५) २०६ कुवलयमाला (उद्योतन) डॉ. उपाध्ये द्वारा पाठान्तर स. (सिंधी ग्रं. बम्बई, १९५६) २१० रयणचूडरायचरिय (देवेन्द्र)-पं. मणिविजय ग्रं. अहमदाबाद, १९४६ २११ कालकाचार्यकथा -प्रो. एन. डब्ल्यू. ब्राउन कृत स्टोरी ऑफ कालक के अन्तर्गत (वाशिंगटन, १९३३) संस्कृत (दे. ला. बम्बई, १९१४ कल्पसूत्र के अन्त में) प्रभावक चरित का सं. पाठ (निर्णय सा. बंबई) पृ. ३६-४६ कथा संग्रह (३० कथाएं) अं. प्रे. शाह अहमदाबाद,१९४६ २१२ जिनदत्ताख्यान (सुमति) दो आख्यान (सिंघी. बम्बई, १९५३) २१३ रयणसेहरीकहा (जिनहर्ष) जे. आत्मा. बम्बई, सं. १६७४ २१४ जम्बूचरियं-सिंघी जै. ग्रं. बम्बई, १९६० २१५ णरविक्कमचरिय (गुणचन्द्र) -नेमिविज्ञान अं. सं. २००८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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