Book Title: Bharatiya Sanskruti me Jain Dharma ka Yogdan
Author(s): Hiralal Jain
Publisher: Madhyapradesh Shasan Sahitya Parishad Bhopal
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૪૪૦
क्षुणदेव ३०५ क्षुद्रध्वजा २९३
क्षुधा २६६
क्षुल्लक २३४
क्षेत्रसमास ६७
क्षेप १२०
क्षेमंकर ९५
क्षेमकीर्ति ७३
क्षेमन्धर ६५
क्षौद्रवर २६४
खजराहो ३२८
खङ्ग २८८
खण्डगिरि ३०७, ३०८, ३१०
खंडपाना १३७
खंबात ४४
भारतीय संस्कृति में जैन धर्म का योगदान
खरतरगच्छ ३३६
खरतरगच्छपट्टावली ४३
खरतर वसही ३३६
खरोष्ठिका २८५
खर्जुरिका १८६
खरसाविया २८५
लटिक पर्वत ३०७
खारवेल ३३, ३०७ खारवेल शिलालेख ३३
खुद्द बंध ७४
खेद १२०, १२७
खोटिगदेव १६५
गउडवहो १६९
गच्छाचार ६६, १०७ गजपंथ ३१६
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गजपुर १४५, १६०, १६३
गजणक्षण २८४
गजसुकुमार ५७
गजारोहण २६१
गणचन्द्र गणि १३५
गणधर २८
गणराजा ६०
गणसुन्दर २६, ३० गणसेन १४४
गणिक २८
गणित २०४, २८८, २६१ गणितलिपि २८५
गणितसार ३८
गणिपिटक २७, ४८
गणिविद्या ६६
गण्डी २८७
गति २२६
गदा २८८
गद्दीमण्डप ३२५ गद्यचिन्तामणि १७२
गनीगित्ति ३२५
गन्ध २३०
गन्धकुटी २६५, २६७ गन्धयुक्ति २८४,२८८, २८६
गन्धर्व लिपि २८५
गन्धार बन्दर ३७०
गरुडतत्व १२१
गरुडव्यूह २९० गर्षि ८१
गर्द भिल्ल ३०, ३५, १४६
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[क्षुणदेव
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