Book Title: Bharatiya Sanskruti me Jain Dharma ka Yogdan
Author(s): Hiralal Jain
Publisher: Madhyapradesh Shasan Sahitya Parishad Bhopal
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भारतीय संस्कृति में जैन धर्म का योगदान
[ गृरु
गुरु २३० गुर्जरदेश ४२ गुर्जर प्रतिहार नरेश वत्सराज (नाग
भट द्वि०) ३३३ गुल्ह १६४ गुहनन्दि ३४, ३०३, ३२५ गूढमण्डप ३३५ गृद्ध कूट ३४ गृध्रपिच्छ १८६ गृहनिर्माण २८२ गृह्यसूत्र ४६ गोण (वृषभ लक्षण) २८४ . गोत्र २२६ गोत्रकर्म २२६ गोत्र योगी १२० गोनन्द नगर १५७ गोपाल १६८ गोपिका गुहा ३०७ गोपी गुफा ३०७ गोपुर २६२, २६८ गोपुरद्वार २६५ गोम्मटसार ७४, ७६, ७६, १०८ गोम्मटेश्वर ३८, ३२० गोल्ह १५७ गोवर्द्धन १५४ गोविन्द १५५, १७९, १६३ गोशर्म मुनि ३११ गोशालक ५६ गोशीर्षचन्दन ३०१ गोष्ठामाहिल ३१
गोसाल मंखलिपुत्र ६२ गौतम २६, २६, ५१, ५६, ६२,
१४५, १५४, १५६ गोतमार्यिका २८ ग्यारसपुर ३२६ ग्रन्थिभेद २४१ ग्रह १४ ग्रह चरित २८४ ग्रैवेयक १४, २८८ ग्लानि २२७ ग्वालियर की जैन गुफाएं ३१७ धत्ता १६२ धर्मक्रीडा २८४, २६० घर्षण-घोलन-न्याय २४१, ११० घाति कर्म २३३ घृतवर २६४ घोरतप ५७ चउपन्नमहापुरिसचरिय १३३, १३४
चउप्पन १६२ चउमुह १६३ चक्र २६८ चक्रलक्षण २८४ चक्रवर्ती ६, ११, ५८, १२८ चक्रेश्वर ८२ चक्षुदर्शन २४४ चक्षुदर्शनावरणीय २२६ चक्षुप्मान ६५ चड्डावलिपुरी १४५ चण्ड १८१, १८३, १८४, १६०
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