Book Title: Bharatiya Sanskruti me Jain Dharma ka Yogdan
Author(s): Hiralal Jain
Publisher: Madhyapradesh Shasan Sahitya Parishad Bhopal

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Page 442
________________ अस्ति नास्तिप्रवाद ] अल्पारम्भ २३३ अवग्रह २४४ अवचूरी १९२ अवधिज्ञान २२६, २४४, २४५ अवधिदर्शन २४४ अवधिदर्शनावरणीय २२७ अवन्तिनृप १६५ अवन्तिसुन्दरी १६८ श्रवमौदर्य २७१ अवरोध १६५ अवसर्पिणी ६४ अवस्थित २४६ अवाय ६३, २४४ अविनीत (राजा) ३६, ३७ अविभागी २२२ अविरत - सम्यक्त्व २७५ अवैदिक दर्शन २४० अव्यक्त ३५, २४८ अव्याबाध ११५ अशरण ११६ अशरणभावना २६६ अशुचित्व ११६ प्रशुचित्व भावना २६६ अशुद्ध द्रव्यार्थिकनय २५१ अशुभ २३०, २३३ अशोक ३६, ७६, २६४, ३०६ प्रशोकवृक्ष ३०१ अशोका २६५ २६६ अश्वग्रीव १० अश्वघोष ७६ Jain Education International शब्द सूची अश्वमित्र ३१ अश्वशिक्षा २८४ अश्वसेन २०, १३६ अश्वारोहण २९१ अश्वावबोध १४१ अष्टपाहुड ८४ अष्टप्रकरण ६१ अष्टमङ्गल द्रव्य २६३ अष्टशती ५८ अष्टसहस्त्री ● प्रष्टसहस्त्री विषम पद तातपर्य टीका ८५ अष्टाध्यायी १८५, १८६ अष्टापद २६४,२८८,३१८ अष्टांगयोग ११५ अष्टान्हिका पूजा ३७ असंग १५५, १६६ असंग अनुष्ठान ११८ श्रसञ्ज्ञी २१६ असत्य २७० प्रसद्भूत उपचारनय २५२ सम्प्राप्तासृपाटिका २३० असबाल १५७ असातावेदनीय २२६, २३३ असि ६५ असिलक्षण २८४ असुरकुमार २६२ असुरेन्द्र ६१ अस्तिकाय धर्मं ५७ अस्तिनास्तिप्रवाद ५१ ४२६ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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