Book Title: Bharatiya Jyotish
Author(s): Nemichandra Shastri
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 14
________________ ४४३ ४४५ ० ० ० ० 20 AM ० ० सूर्य-उच्चबल सारणी ४१६ योगिनी मुद्दादशा का साधन और चन्द्र-उच्चबल सारणी ४१८ उदाहरण भौम-उच्चबल सारणी ४२० मासप्रवेश साधन और उदाहरण ४४३ बुध-उच्चबल सारणी ४२२ मासप्रवेश और दिनप्रवेश निकालने गुरु-उच्चबल सारणी ४२४ की अन्य विधि शुक्र-उच्चबल सारणी ४२६ पंचांग से मासप्रवेश की घटी लाने शनि-उच्चबल सारणी ४२८ की रीति ४४५ हद्दाबल ४३० सारणी पर से मासप्रवेश का ज्ञान द्रेष्काणबल ४३० मासप्रवेश सारणी नवमांशबल ४३० वर्षेश का फल बलीग्रह का निर्णय मुन्थाफल ४५० पंचाधिकारी ४३० वर्ष-अरिष्ट-योग ४५० त्रिराशिपति विचार ४३० अरिष्टभंगयोग ४५१ ताजिक शास्त्रानुसार ग्रहों की दृष्टि ४३१ वर्ष में धन प्राप्ति का विचार । बलवती दृष्टि और विशेष दृष्टि ४३२ वर्ष में स्वास्थ्य विचार ४५२ दीप्तांश ४३२ सहम फल ४५२ वर्षेश का निर्णय ४३२ रोग सहम का फल ४५३ चन्द्रवर्षेश का निर्णय ४३३ वर्ष का विशेष फल हर्षबल साधन ४३३ मासाधिपति का निर्णय और मासफल ४५३ षोडश योगों का फल सहित लक्षण ४३४ पंचम अध्याय सहम साधन और सहम संस्कार ४३७ मेलापक, मुहूर्त और प्रश्न पुण्यसहम का साधन और उदाहरण ४३७ सौभाग्य विचार गुरु और विद्या सहम का साधन वर-कन्या की कुण्डली मिलाने के और उदाहरण ४३७ अन्य नियम ४५७ यश, मित्र, आशा, राज या पिता, वर्ण जानने की विधि और वर्ण के माता, कर्म, प्रसूति सहम का गुणानयन साधन ४३८ वश्य जानने की विधि और उसके शत्रु, बन्धन, भ्रातृ, पुत्र, विवाह, गुणानयन ४५९ व्यापार, रोग, मृत्यु, यात्रा तारा विचार और उसके गुणानयन ४६० सहम का साधन ४३९ योनिज्ञान विधि और गणानयन धन सहम का साधन योनि वैर ज्ञान विधि ४६१ विशोत्तरी मुद्दादशा का साधन और ग्रहमैत्री और उसके गुणानयन उदाहरण ४४० गण और उसके गुणानयन ४५७ ४४० ४६३ १३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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