Book Title: Bharatiya Jyotish Author(s): Nemichandra Shastri Publisher: Bharatiya GyanpithPage 12
________________ س س س س س س س ३३० m ३३१ m साहस विचार २९५ पितृ भाव विचार नौकरी योग २९५ बुद्धि विचार ३४६ राजयोगादि सत्तावन योग २९५ पंचमेश का द्वादश भावों में फल । ३४६ द्वादशभावों में लग्नेश का फल ३१९ षष्ठ भाव विचार ३४७ द्वितीय भाव विचार १२० रोग विचार धनी योग ३२० षष्ठेश का दादश भावों में फल ३४९ दारिद्र योग ३२१ सातवें भाव का विचार ३४९ बड़ा व्यापारी और दिवालिया योग ३२२ विवाह योग ३५० ज़मींदारी योग ३२२ विवाह-स्त्री-संख्या विचार ३५१ ससुराल से धनप्राप्ति के योग ३२३ स्त्रीरोग विचार ३५२ दरिद्र योग विवाह-समय विचार ३५२ सुनफा-अनफा योग ३२३ स्त्रीमृत्यु विचार ३५४ धनेश का द्वादश भावों में फल सप्तमेश का द्वादश भावों में फल ३५४ तृतीय भाव विचार ३२९ अष्टम भाव विचार भ्रातृसंख्या दीर्घायु योग ३५५ अन्य विशेष योग ३३१ अल्पायु योग ३५५ विशिष्ट विचार मध्यमायु योग आजीविका विचार ३३२ जैमिनी के मत से आयुविचार ३५७ तृतीयेश का द्वादश भावों में फल ३३३ स्पष्टायु साधन का नियम ३५८ चतुर्थ भाव विचार आयुसाधन की दूसरी प्रक्रिया ३५९ कतिपय सुख योग नक्षत्रायु दुख योग ३३५ ग्रहरश्मियों द्वारा आयुसाधन इस भाव के विशेष योग लग्नायु साधन ३६१ जातक के गोद-दत्तक जाने के योग ३३६ केन्द्रायु साधन मातृ योग विचार ३३६ प्रकारान्तर से नक्षत्रायु ३६१ वाहन विचार ३३७ ग्रहयोगों पर से आयु विचार ३६१ गृह विचार ३३८ अष्टमेश का द्वादश भावों में फल ३६४ चतुर्थेश का द्वादश भावों में फल । ३३८ नवम भाव विचार पंचम भाव विचार 1३९ भाग्योदय काल सन्तान विचार ३४० इस भाव का विशेष फल सन्तान प्रतिबन्धक योग ३४१ भाग्येश का द्वादश भावों में फल विलम्ब से सन्तान-प्राप्ति योग .. ३४२ __ दशम भाव विचार सन्तान-संख्या विचार ३४३ पितृसुख योग ३७० पंचम भाव का विशेष विचार ३४४ दशम भाव का विशेष विचार ३७० m m mr mmm SWW mm m mr mr mmm m m mr m orur mm Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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