Book Title: Bhagvati Sutra Part 03
Author(s): Ghevarchand Banthiya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh

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Page 469
________________ १५३२ भगवती सूत्र-श. ८ उ. ६ शरीर बन्ध का पारस्परिक सम्बन्ध भावार्थ-९४ प्रश्न-हे भगवन् ! जिस जीव के औदारिक शरीर का सर्व-बंध है, क्या वह जीव वैक्रिय-शरीर का बन्धक है, या अबन्धक है ? ९४ उत्तर-हे गौतम ! वह बन्धक नहीं, अबन्धक है । ९५ प्रश्न-हे भगवन् ! औदारिक-शरीर का सर्व-बन्धक जीव, आहारकशरीर का बन्धक है, या अबन्धक ? ९५ उत्तर-हे गौतम ! वह बन्धक नहीं, अबन्धक है। . ९६ प्रश्न-हे भगवन् ! औदारिक-शरीर का सर्वबन्धक जीव, तेजस्शरीर का बन्धक है, या अबन्धक ? ... ९६ उत्तर-हे गौतम ! वह बंधक है, अबंधक नहीं। ९७ प्रश्न-हे भगवन् ! यदि वह तेजस्-शरीर का बन्धक है, तो क्या देश-बन्धक है, या सर्व-बन्धक है ? ९७ उत्तर-हे गौतम ! वह देश-बन्धक है, सर्व-बन्धक नहीं। ९८ प्रश्न-हे भगवन् ! औदारिक-शरीर का सर्व-बन्धक जीव, कार्मणशरीर का बन्धक है, या अबन्धक ? ९८ उत्तर-हे गौतम ! तेजस-शरीर के समान वह यावत् कार्मण-शरीर का देश बन्धक है, सर्व-बन्धक नहीं। ९९ प्रश्न-हे भगवन् ! औदारिक-शरीर का देश-बन्धक जीव, वैक्रिय शरीर का बन्धक है, या अबन्धक है ? ___९९ उत्तर-हे गौतम ! वह बन्धक नहीं, अवन्धक है। जिस प्रकार सर्व-बन्धक का कहा, उसी प्रकार देश-बन्धक के विषय में भी यावत् कार्मण शरीर तक कहना चाहिये । १०० प्रश्न-हे भगवन् ! वैक्रिय-शरीर का सर्व-बन्धक जीव, औदारिकशरीर का बन्धक है, या अबन्धक ? १०० उत्तर-हे गौतम ! वह बंधक नहीं, अबंधक है। इसी प्रकार आहारक शरीर के विषय में भी जानना चाहिये । तेजस् और कार्मण For Personal & Private Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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