Book Title: Bhagvati Sutra Part 03
Author(s): Ghevarchand Banthiya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh

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Page 486
________________ भगवती सूत्र-म. ८ उ. १० पुद्गलास्तिकाय के प्रदेश के प्रदेश १५४९ कहलाता है । उसके मूल भेद पांच हैं और उत्तर भेद पच्चीस हैं । पुद्गलास्तिकाय के प्रदेश १७ प्रश्न-एगे भंते ! पोग्गलस्थिकायपएसे किं दट्वं, दव्वदेसे, दबाई, दब्वदेसा; उदाहु दव्वं च दव्वदेसे य, उदाहु दव्वं च दव्वदेसा य, उदाहु दबाई च दव्वदेसे य, उदाहु दवाइं च दब्बदेसा य? ___ १७ उत्तर-गोयमा ! सिय दव्वं, सिय दव्वदेसे; णो दव्वाई, णो दबदेसा, णोदव्वं च दव्वदेसे य, जाव णो दव्वाइं च दव्वदेसा य । . १८ प्रश्न-दो भंते ! पोग्गलस्थिकायपएसा किं दव्वं, दव्व. देमे-पुच्छा। १८ उत्तर-गोयमा ! सिय दव्वं, सिय दव्वदेसे, सिय दवाई, सिय दबदेसा; सिय दव्वं च दबदेसे य, णो दव्वं च दव्वदेसा य; सेसा पडिसेहेयवा। _ १९ प्रश्न-तिण्णि भंते ! पोग्गलस्थिकायपएसा किं दव्वं, दव्वदेसे-पुच्छा। . १९ उत्तर-गोयमा ! सिय दव्वं, सिय दवदेसे, एवं सत्त भंगा भाणियब्वा, जाव सिय दव्वाइं च दव्वदेसे य, णो दव्वाई च दव्वदेसा य। . २० प्रश्न-चत्तारि भंते ! पोग्गलत्थिकायपएसा किं दवं Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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