Book Title: Bhagvati Sutra Part 03
Author(s): Ghevarchand Banthiya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh

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Page 488
________________ भगवत। सूत्र---श. ८ उ. १० लोकाकाश और जीव के प्रदेश ५५१ है, या एक द्रव्य-देश है-इत्यादि पूर्वोक्त प्रश्न ? १९ उत्तर-हे गौतम ! कथंचित् एक द्रव्य है, कथंचित् एक द्रव्य-देश है, यावत् कथंचित् बहुत द्रव्य और एक द्रव्य-देश है, यहां तक सात भंग कहना चाहिये । परन्तु बहुत द्रव्य और बहुत द्रव्यदेश नहीं है । २० प्रश्न-हे भगवन् ! पुद्गलास्तिकाय के चार प्रदेश, एक द्रव्य है, या एक द्रव्य-देश है, इत्यादि पूर्वोक्त प्रश्न ? २० उत्तर-हे गौतम ! (१) कथंचित् एक द्रव्य है, (२) कथंचित् एक द्रव्य-देश है, इत्यादि आठ भंग कहना चाहिये । जिस प्रकार चार प्रदेशों के विषय में कहा, उसी प्रकार पांच, छह, सात, यावत् असंख्य प्रदेशों तक कहना चाहिये। २१ प्रश्न-हे भगवन् ! पुद्गलास्तिकार्य के अनन्त प्रदेश--एक द्रव्य है, या एक द्रव्य-देश है, इत्यादि पूर्वोक्त प्रश्न ? . २१ उत्तर-हे गौतम ! पहले कहे अनुसार इस में भी आठ भंग कहना चाहिये । लोकाकाश और जीव के प्रदेश २२ प्रश्न-केवइया णं भंते ! लोगागासपएसा पण्णत्ता ? २२ उत्तर-गोयमा ! असंखेजा लोगागासपएसा पण्णता ? .. २३ प्रश्न-एगमैगस्स णं भंते ! जीवस्स केवइया जीवपएसा पण्णता ? २३ उत्तर-गोयमा ! जावइया लोगोगासपएसा, एगमेगस्स णं जीवस्स एवइया जीवपएसा पण्णत्ता । Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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