Book Title: Bhagavati Sutra ke Thokdo ka Dwitiya Bhag
Author(s): Ghevarchand Banthiya
Publisher: Jain Parmarthik Sanstha Bikaner

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Page 45
________________ .३७ ... : दो प्रदेशी खंध परमाणु पुद्गल को स्पर्शे तो भांगा पावे २-तीसरा, नवमा । दो प्रदेशी खंध दो प्रदेशी खंध को स्पर्श तो भांगा पाये ४-पहला, तीसरा, सातवां, नवमा। दो प्रदेशी खंध तीन प्रदेशी खंध को स्पर्श तो भांगा पावे. ६-पहला, दसरा, तीसरा, सातवां, आठवां, नवमा । इसी तरह अनन्त प्रदेशी खंध तक कह देना। दो प्रदेशी खंध के सब भांगे ७२ हुए। तीन प्रदेशी खंध एक परमाणु पुद्गल को स्पर्श तो भांगा पावे ३-तीसरा; छठा, नवमा। तीन प्रदेशी खंध दो प्रदेशी खंध को स्पर्श तो भांगा पावे ६-पहला, तीसरा, चौथा, छठा, सातवां; नवमा । तीन प्रदेशी खंध तीन प्रदेशी खांध को स्पर्श तो भांगा पाये है। इसी तरह अनन्त प्रदेशी खंध तक कह देना . चाहिए । तीन प्रदेशी खंध के सब मांगा..१०८ हुए। जिस तरह तीन प्रदेशी खंध कहा उसी तरह चार प्रदेशी खंध से लगा कर अनन्त प्रदेशी खंध तक कह देना चाहिए । हरेक बोल में १०८-१०८ भांगा होते हैं 18 ..'७-स्थिति द्वार - परमाणु पुद्गल की स्थिति जघन्य एक समय की, उत्कृष्ट असंख्याता काल की है। इसी तरह दो प्रदेशी खंध से लगा कर अनन्त प्रदेशी खंध तक स्थिति कह देनी चाहिए। ... ... ........................ - ॐ परमाणु के ३६, द्विप्रदेशी- के ७२, तीन प्रदेशी से यावत् दस प्रदेशी तक तथा संख्यात प्रदेशी, असंख्यात प्रदेशी, अनन्त प्रदेशी, इन ग्यारह बोलों के १०८-१०८ भांगे होते हैं । ये कुल मिला कर १२६६ . भांगे होते हैं। .

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