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अखाद्य
अखण्डल
देवखाद-बं० । हेच. का० ४ । पुष्करणी ।।। नेत्र के भीतरी कोये का शोथ । ऑब्सट्रक्शन अम । (A natural lake.)।
अॉफ दी पंकटा (Obstruction of the अखाद्य ak hadya-हि. वि० [सं० ] अभय, puncta-ई।
खाने के अयोग्य, (uncatable. )-ई। श्रवुविषः Akhil-vishah-सं० पु. विन्दाल, अखाव मियात्रा akhavan-miyia-वर) घगरबेल, देवदाली-हि। (Luffa Echin
छाल, त्वक | Barks-ई। स० फा) इ.)। ata., Hor.) फो०-०२भा०।। अखाव akhāva-बर, (ए० व० ) छाल, त्वक अखेटिकः Akhetikah संपु० (१)वृक्ष पेड़। ( Bark)-ई। स० फॉ० ई०।
(A tre in general) (२) शिकारी अखियारी akhivari-4) अरण्य गलब, कुत्ता ।
बन गुलाब (wild 1030.)-इ० । अखेर akheinri -पं) कण्टौच, प्राग्वी, ढेरा | अखिल akhila-हि) वि) [ सं.) ] (१) अखोट ak hoti-को.) अखरोट, Walnut
सम्पूर्ण, समग्र, पूरा, बिलकुल, सब (whole)| (Jugans (gia.)। .. (२) अखण्ड, सांग पूर्ण ।
gat akhoda do Fariz Walnut अखिलिका akhiliki-सं०, पु०, करेली छटो, (Juglans regia ).
क्षुत्रकारबेल्ली, उच्छे-बं० A kind of | अखोर akhor:-काश। अखरोट | Walnut gourd ( Momordica charantia, (Juglans regia.) Linn.)
| अखोर-मोरनु ak hor-inorani -कना) सिहोर, अखीतहे जोइय्यह Akhita he-zotiyyah- | सहोर-हिं), बम्ब) । शाखोटकः-सं० ।
अ० ख्यालाते चश्म-फा० चक्षुरोग विशेष | (Streblus Asper, Linn.) इं) मे मे) । जिसमें नेत्र के सामने चिनगारियाँ अथवा तारे | अखोगे akhori-40 कण्टौचा, पाखी, ढेरा-पं)। दृष्टिगोचर होते हैं । मम्मी बॉलिटेण्टीज़ ___-हिं० संज्ञा पु.) अकोला । अंङ्काल ।
(Musce volitantes-)-ई । | अखोला akhola-अकोल । अस्वीफ Akhifa-अ. जिसका एक नेत्र श्याम और अखोह akhoh हिं0 संज्ञा प० (सं) क्षोभ = दूसरा हरित वा नीलवर्ण युक्र हो ।
असमानता ) ऊंची नीची भूनि । ऊभड़ - ग्वाबड़ अखोरूस akhirusa-यु० जङ्गली गेहूं के अतिरिक
पृथ्वी । असम भूमि । एक बूटी है जो जल के समीप उगती है।
अखंड Akhanda हिं0 वि.) [सं.) वि) ] अखील Akhila-अ. अस्थिर, क्षण क्षण में रंग
अखंडनीय, अखंडित, ( Unbroken, बदलने वाला (१) गिरगिट केमोलिन
wholc, entire.) (१) अट । जिसके (Chameleon)-ई. । (२) एक रूमी
टुकड़े न हों। अविच्छिन्न । सम्पूर्ण । समग्र । कपड़ा है जो घंटा घंटा पश्चात रंग बदलता
समूचा | पूरा। (uninterruptedly ) है । ( ३ ) एक प्रकार का पतीहै, जिसके पैरों
(२) लगातार | जिसका क्रम या सिलसिला के विभिन्न प्रकार के ग होते हैं ।
न टूटे । जो बीच में न रुके । (३) बेरोक |
निर्विघ्न । अखीलम Akhilasa-यु. एक काबिज़।
(संकोचक ) और शुष्क बृटी है (An| अखंडनीय Akhandaniya-हि वि)
astringent and dry herb.)। [सं०] (१) जिसके टुकड़े न हो सके । अखी (ख) लस akhilus-यु० नानखाह,
जिसका खंडन न हो सके । जो काटा न जा सके। अजवाइन । ( Carum ptychotis! अखंडल akhandala-हिं वि० [सं० D. C.)- अ. अन्त:स्थ वन कोण-शोथ, अखंड ]
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