Book Title: Ardhamagadhi kosha Part 2
Author(s): Ratnachandra Maharaj
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 13
________________ श्राउ] [श्राउ श्राउ. न० ( श्रायुष्-प्रतिसमयंभोम्यत्वे आयु कर्म. Ayusya Karma, the नायातीत्यायुः एति गच्छत्यमेनगत्यन्तरमि- fifth of the 8 Karmas. उत्त० ३३, त्यायुः ) ना यथी ७५ ७-८गी २; ४; -काल. पुं० (-काल ) मृत्युस; ભગવે છે તેનું આયુષ્ય કર્મ; આઠ કર્મ भरघुन अवस२. मृत्यु समय; मरणकाल. भांगें पांच में वह कर्म जिस के उदय tine of death. पाया० १, ८, ९, ११:, से आयु प्राप्त करता है; आयुष्य-कर्म; आठ कर्मों- -क्खय. पुं० (-क्षय ) मायुप्य मनो मेंसे पांचवा कर्म. The Karma by the क्षय, आयुष्य भनी निस. श्रायुकर्म का rise of which a soul has to क्षय; आयुकर्म की निर्जरा. “सेणे जह बड्ढयं fiuish a life period; the fifth हरे एवमायुक्खयम्मि तुती" the desof the eight kinds of Karma. truction of Ayuşya Karma. दसा. ६, २, पन्न० ३६; भग० ३, १; ५, १; सूय. १,२; १,१; सु. च. ४, ११६; ७, १; ६; १५, 1; नाया० २; जं. प. नाया० १८, १४; १६; भग० २, १; १, ६; उत्त, ३, १७, १०,३; ३४, २; क. प. ६,३३, २५, ८% परह १,१; कप्प. १, २, ५४, पि. नि. भा. २६; क. गं. १, २; निरं. ३, १; -क्खे म. न. ( -क्षेम) ३: ५, ४;-अज्झवसाण. पुं० ( -अध्य- આયુષ્યજીન્દગીનું સ્વાધ્ય–આબાદી. वसान ) आयुष्य नि!६४ मध्यवसाय श्रायुष्य-जीवन का स्वास्थ्य. the peace शि। प्रायुष्य कर्म उपादान करने वाला and safety of life. “ जं किंचि व अध्यवसाय विशेष. a certain sort कम्म, जाणे आउखेमस्समप्पणो तस्सेव of thought-activity giving rise अंतरद्वाए खिप्पं सिक्खेज पंडिए " आया. to Ayusya Karma भग० २४, १; १, ८, ८, ६; स्य० १, ८, १५; -निवत्ति. --उवकम. पुं० (-उपक्रम) घेताना स्त्री. ( -निवृत्ति) सायनी निश्पत्ति. હાથથી જ આઉખું પુરું કરવું તે જેમ श्रायुष्य की निष्पत्ति. acquisition of શ્રેણિક રાજાએ કાષ્ટ પિંજરમાં હીરે યુસી life भग ६, ४, -पजव. पुं० (-पर्यव) मा पुरयु तेम. अपने हाथ से ही सायुज्यना पाय आयुष्य की पर्याय--मर्यादा. अपनी आयु का पूरा करना, जैसे कि राजा rariation of life. जं० १० २, २६; श्रोणक ने काटके पीजरे में हीरा चूसकर अपनी -परिणाम. पुं० (-परिणाम) सायुप्य आयु पूर्ण की. भग० २०, १०; putting भनी विलाय. श्रायुष्य परिणाम- स्वभाव: a period to one's own exis. आयष्य कर्म का स्वभाव. nature of tence; e. g. in the case of Ayusya Karnia. “नत्र विहे श्राउ Srenika the king, who suck- परिणामे पएणते तंजहा गइ परिणामे " गइ ed a diamond in a wooden बंधण प० ठिइप० ठिहांधण ५० भग ६, cage and died; suicide. -कम्म. ५, जं. प. ७, १७६; -पहीण. पुं. न० (-कर्मन् एति पाति चेस्या युस्तनि- (-प्रहीन ) क्षीण ययेद माथु. क्षीण बन्धनं कर्मायुष्कर्म ) आई भानु पाय | __ श्रायु. worm out life; worn out मुं माय . आठ कर्मों में से पांचवाँ | life-period भग० ११, १०; Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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