Book Title: Ardhamagadhi kosha Part 2
Author(s): Ratnachandra Maharaj
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 10
________________ माइराण ] [श्राइय चमड़े का वस्त्र. a skin or leather व्याप्त. Densely or thickly pergarment. निसी० ७, ११, vaded by; dense; thick. भग० प्राइगण. त्रि. (प्राचीर्ण) अशा ४२५. भाज्ञा १३, ४; पाया हुआ. Advised; commanded. आइतव्व. त्रि. (आदातव्य ) ग्रहण १२वा " आइराणं जं पुण अणएए.ायं'' पाया. यो५. ग्रहण करने योग्य. Worthy of नि० १, १, १, ७, acceptance; worth being taken. श्राइराण. त्रि० (अकीर्ण) व्याप्त; संजी; वेय. ४, २५ पीया भीय भरे खचाखच भरा हुआ. श्राइत्त. त्रि. (श्रादीप्त) ३ प्रशित. Pervaded by; thickly scat.. कुछ प्रकाशित. Faintly gleaming. tered over with. ओव० श्रोध नाया० १; नि० ८६; नाया० ६; भग० १, १, २, ५; आइत्तार. त्रि. ( श्रादातृ ) लेना२. लेने वाला. ३, १; ५; (२) त्रि. ति आयी शुद्ध Acceptor; one who takes 31 ; गुणवान थे... जाति आदि से शुद्ध गुणवान श्राइद्ध. त्रि. (श्रादिग्ध ) व्याप्त. व्याप्तः भरा थोड़ा. a horse of good breed. 9. Pervaded by; filled with. " कसंवदट टु माइराणे पावगं पडिबजए' नाया० १; उत्त० १, १२, पण्ह • १, ४; जावा. ३, ४ः पाइन्न. त्रि. (पाकीर्ण ) जुसो "पाइराण" " प्राइराण वरतुरय मुसंप उत्त" भग० ७,८; श६. देखो “ अाइएण" शब्द. Vide नाया. १७; (३) विनयवान पु३५. विनय “आइएण' उत्त. १, १२, २१. १: पगह • बान पुरुष. a reverent, respectful १, ४; जावा. १; नदी ठा० ४, ३: person. ठा० ४, १; (४) सात ના ઘેડાના દષ્ટાંતવાળું નાતાસૂત્રનું ૧૭ મું | | आइन्न. त्रि० ( प्राचाणे) आयरेस. व्यवहार ५५यन. आकोर्ण जाति के घोडे का जिसमें | । में लाया हुआ. Practised: perform. ed. पिं.नि. ३२६; ५७१; प्रव० १०१३॥ वर्णन है वह ज्ञाता सूत्र का १७ वां अध्याय. the 17th chapter of Jñātā श्राइम. त्रि. ( आदिम ) यमनु: पहे. पहिले Sūtra dealing with a horse of का; पहिला. First; foremost ओघ. Akirna breed. नाया० १; सय. नि०.६६०; क• गं. ३, १६; प्रव० ४; १६-णाय ज्झयम. न. (ज्ञाताध्ययन ) ६५६ -गणहर. पुं० (-गणधर ) प्रथम शातासुत्र ७ सययन. ज्ञाता सूत्र का ५२. प्रथम गणधर. the first १७ वां अध्याय. the 17th chapter Ganadhara प्रव• ६५६; of Jiiata Sutra. सम० नाया. १५; प्राइमय. त्रि. (मादिमक ) पडेगुं प्रयमा. -हय. पुं० (-हय ) गतवान् छोडी. जाति- __ पहिला; प्रथम. First; foremost. विशे. वान् घोड़ा. a horse of noble breed. १०४०; जीवा०३; पाइय. त्रि० ( आदिक ) आ६ श्रादिः शुरू आइएणतर. त्रि. (श्राकीर्णतर ) पधारे Beginning; first of a series. 176. व्यात; मति पायो भोय. बहुत ज्यादह १; कप्प० ४, ६१-८९; Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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