Book Title: Apbhramsa Bharti 2005 17 18 Author(s): Kamalchand Sogani, Gyanchandra Khinduka Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy View full book textPage 4
________________ विषय-सूची क्र. सं. विषय लेखक का नाम पृ. सं. प्रकाशकीय 26 27 सम्पादकीय महाकवि स्वयंभू-कृत पउमचरिउ डॉ. नीरजा टण्डन की सीता और स्त्री-विमर्श गिरिविज्झु दुग्गमसिहरु महाकवि वीर 14 वीर कवि विरचित डॉ. सूरजमुखी जैन जंबूसामिचरिउ में विद्युच्चर मुनि द्वारा बारह भावनाओं का अनुचिन्तन कहिं मि गिरिकडणि महाकवि वीर कविकोकिल विद्यापति डॉ. सकलदेव शर्मा और उनकी कीर्तिलता केरिसी विज्झाडई महाकवि वीर 36 अपभ्रंश साहित्य में सूक्तियाँ श्रीमती स्नेहलता जैन जेत्थ पट्टणसरिस वरगाम महाकवि वीर पादलिप्तसूरि-रचित ‘तरंगवईकहा' श्री वेदप्रकाश गर्ग महाकवि स्वयंभू की लोक-दृष्टि डॉ. शैलेन्द्रकुमार त्रिपाठी पार्श्वनाथ आदित्यवार कथा संपा.-अनु. - श्रीमती शकुन्तला जैन योगसार दोधक जोगचन्द मुणि संपा.- अनु. - डॉ. रामसिंह रावत 37 47 56 12. 70Page Navigation
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