Book Title: Anusandhan 2018 04 SrNo 74
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 66
________________ जान्युआरी - २०१८ २०० मंत्रीश्वर मुकुटामणी, सीरोहीइं तेजपाल, आग्रह करी पधराविआ, श्रीगुरु परमदयाल चउमासइं गुरुनई तिहां, लाभ तणो नही पार, संघवी जयमल्ल आग्रहइ, जालहुरि करइ विहार २०१ ॥ ढाल - पनरमी ॥ १५ राग - धन्यासी ॥ विजयसेनसूरि सूरिशिरोमणि, रूपिं रतिपति जीतोजी ए ढाल । प्रासाद नूतन नूतन बिंबनी, प्रवर प्रतिष्टा कामिइं जी, शांतलपुरथी संघपति धूल्हो, संघ पठवइ बहु मामिइं जी, संघवी भूपति सुत वली बीजो, संघवी घरकण नामिइं जी, जई जालहरि वंदइ गुरु गछपति, वीनतडी भलई भावई जी, करइ कर जोडि कोड अम्ह पूरु, काज सरइ तुम आवइ जी २०२ श्रीविजयदेवसूरीश्वर हरखइ, श्रीआचारजि रंगिइं जी, श्रीसंघना बहु आग्रह माटइ, पधरावइ संघ संगिइ जी, सांतलपुरि संघ संघवी साहमा, साहमईइवित वावई जी, उछव महोच्छव रंग-रस बहुला, कहतां पार न आवइ जी२०३ श्रीविजय... [आंकणी] सेठ नगरनु शवजी साचो, भणसाली तिहां आवइ जी, श्रीगुरुचरण नमी वित खरचइ, शासनि शोभ चढावइ जी, दान मान प्रतिष्ठा उच्छवि, पइसारो गुरु हाथिं जी, भाग्य भलू जूउ गुरु गच्छपतिनूं, सिद्धि सहू थई साथइं जी २०४ विजय... संघ सहू श्रीराधनपुरनो, गुरुनई लभइ उच्छाहिं जी, अति आग्रह करी पधरावई, उच्छव तिहां बहू थाई जी, आडंबर करई संघ साहमईइ, ते कुण सकइ वखाणी जी, दानि मांनि सहूनइं संतोषइ, हरखइ भविजन-प्राणी जी २०५ विजय... तीरथ तिहांनां भेटइ भावई, पास संखेश्वर वंदइ जी, सकल संघ वीनतीथी पहुचइ, पाटणि अति आणंदि जी, कोणी परि तिहां संघपति सामल, साहमईइ वित वावइ जी, साहिब मान दीइ बहु सुपरइं, आनंद सहू संघ पावइ जी २०६ विजय...

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