Book Title: Anekant 1940 02
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 30
________________ २६६ अनेकान्त [माघ, वीर-निर्वाण सं० २४१६ मनावें तो उनकी शोभा द्विगुणित हो जाती है और की दशा अभी "निर्नायकं हतं सैन्यं" की हो रही आपसमें श्रेय एवं जानकारी बढ़ती है। है ! कौन किसकी सुनता है ? सब अपनी अपनी ____ मंदिरोंकी उपर्युक्त योजनाको अभी' अलग भी डफलीमें अलग अलग राग आलापते हैं। श्वेतारखदें तो अन्य कई ऐसे कार्य हैं जो दोनों समाजे म्बर दिगम्बर संस्थाएँअभी एक न हो सके तो यदि थोड़ीसी उदारतासे काम ले तो लाखों रुपये कमसे कम श्वेताम्बर समाजके तीन मुख्य सम्प्रबच सकते हैं। जैसे दि० श्वे० शिक्षा संस्थाओंको दाय तथा अन्य पार्टी बंदियाँ एक होनेको कटिबद्ध एक कर दिया जाय तो बहुतसा व्यर्थ खर्च बचता होजाँय और इसी प्रकार दि. समाजकी संस्थाएँ है। एक कलकत्ते में ही देखिये, केवल श्वेताम्बर भी, तो कितना ठोस कार्य हो सकता है। अनेकात समाजके तीनों सम्प्रदायोंकी तीन भिन्न २ शिक्षा के उपासक क्या आपसी साधारण मत भेदोंको संस्थाएँ हैं जिनको एक कर लेनेपर आधेसे भी नहीं पचा सकते ? अनेकान्त तो वह उदार सिद्धाकम खर्च में ठोस कार्य हो सकता है। जो जो सं- न्त है जहाँ वैर-विरोधको तनिक भी स्थान नहीं। स्थाएँ द्रव्याभावसे आगे नहीं बढ़ सकतीं वे उस विशालदृष्टि-द्वारा वस्तुके भिन्न भिन्न दृष्टिकोणोंको बचे हुए खर्चसे सहज ही उन्नति कर सकती हैं। उनकी अपेक्षासे समभावपूर्वक देख सकना, सभी इसी प्रकार काँन्फ्रेंस, परिषद् आदि अलग अलग की संगति बैठा लेना ही तो 'अनेकान्त' है। पर होते हैं उनमें हजारों रुपयोंका व्यय प्रतिवर्ष होता हमने उसके समझनेमें पूर्णतया विचार नहीं किया, है उन संगठन सभाओंका परस्परमें सहयोग नहीं इसीसे हमारी यह उपहास्य दशा हो रही है। होनेके कारण प्रस्ताव भी कोरे 'पोथीके बेंगण' की आशा है समाज-हितैषी सज्जनगण मेरे इन विभाँति काग़जी घोड़े रह जाते हैं। अन्यथा एक ही चारोंपर गम्भीरतासे विचार करेंगे । शासनदेव जैनकॉन्फ्रेस हो तो हजारों रुपयोंका खर्च भी बच दोनों सम्प्रदायोंको सद्बुद्धि दें, यही कामना है। जाय और काम भी अच्छा हो, पर हमारे समाज 'वीरशासनाङ्क पर सम्मति (७) प्रो० जगदीशचन्द्रजी एम० ए० रुइया कालिज बम्बई'वीर शासनाङ्क मिला । कुछ लेख पढ़े, लेख संग्रह ठीक है । जैन समाजके लिए ऐसे पत्रकी बड़ी आवश्यकता थी । हर्ष है कि आप इस आवश्यकताको पूर्ण करनेके प्रयत्नमें लगे हुए हैं । ... 'जैन

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