Book Title: Anchalgacchiya Lekh Sangraha
Author(s): Parshva
Publisher: Anantnath Maharaj Jain Derasar
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संच०५मा धसितपंच म्यातियोसोमवासरश्रीकण्देसन लासपुरवास्तव्याश्रीचना सर्वसझातीयतघुसाषायां। श्रीनागडा गोसाश्रीनाथानारमनशायनाक बाईपत्य तसानरसातज्ञायाऊ मरबाईतयावारबाईमध्येसरनाई
न्यसालीसाहीरनीजापुरबाइनधासावीरजीनालीजबाई सदितेनश्रीमदंचतगले शपुज्यनहारकःश्रीश्रीश्री९०८ श्रीमुक्ति तागरसूरी चरामुपदे श्रीसिचजीतापरिश्रीजिनचे त्पप्रतिष्टाकारितेस कमीसंघनपूतिष्टीतगोदेलानोघणजी . ऊयर श्रीप्रतापसिंघजीविजेरागनीचंपनजितप्रमषाात्रि सतबिंबस्थापितामचचिरंनंदपाश्रीपालीतांरपरीसरेषण दिसेधर्म सालान९२० लांबीगनवोलीक्रततयात्रीपाजीताएंगमध्ये पासरोजी शिरकतवैविपुन्योपार्थिदासालारमनतासामा एताव ईमानमत्रवीदेरोयाधर्मसाजातथाउपास रोएत्रणेसेनिरसीनाथायेंकरा.
पालीताभ से श्री. न२२ नाथा
धावसी याना शिक्षाले. (Anis 333)

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