Book Title: Anchalgacchiya Lekh Sangraha
Author(s): Parshva
Publisher: Anantnath Maharaj Jain Derasar

View full book text
Previous | Next

Page 127
________________ ९० ( ३८८ ) बाई वीरबाई जैन पाठशाला अने पुस्तकालय स्वर्गवाशी शेठ केशवजी नाओक ज्ञाते कच्छी दशा ओशवाल वांणीआं जैनधर्म पालनार देश कच्छ मधे गांम श्री कोठाराना रहीश पोतानी ६५ वर्षनी उमरे आ फांनी दुनीआं गांम श्री पालीताणा मधे शुभध्याने श० १९४१ ना वैशाख शुद १५ ने वार बुधे ता० २९ मी मे १८८५ ने दिवसे छोडी स्वर्गवास थया तेमनी स्वर्गवासी सुपत्नी बाई वीरबाइ वि० शं० १९५२ ना वैशाख शुद ३ ने वार रखेउ ता० २७ मी अप्रिल १८९६ ना मध्यान रात्रीओ ४१ वर्षनी ऊमरे श्री मुंम्बापुरी मधे स्वर्गवास थयां अने मरहूम बाइअ पोतान। छेल्ला वशीयतनामा अथवा वीलमा पोतानी ईच्छा गांम श्री पालीताणा मद्ये सीद्धगीरीनो पवीत्र धांम होवाथी त्यां आवनार तमाम साधु साधवी श्रावक श्रावीका वगेरे जैनधर्म पाळनाराओने स्वधर्म शीखाववा तथा वांचवा माटे पोताना नामे अक जैनपाठशाळा तथा ज्ञानभंडारो तथा देरासरजी स्थापवा माटे पोताना छेला वीलमा जणाव्या प्रमाणे मरहूम बाईनी मीलकतना ट्रस्टीओ तथा अक्झीक्युटरो रावसाहेब शा० वशनजी त्रीकमजी मुलजी जे० पी० देश कच्छ मधे गांम सुधरीना रहीश तथा शा० हीरजी घेलाभाई पदमशी देश कच्छ मधे गांम कोठाराना रहीश बेउ ज्ञाते कच्छी दशा ओशवाल वांणीआओ मरहूम बाईनी ईच्छा अनुसार जैनपाठशाळा ज्ञानभंडारो अने देरासरजी बंधाववा अर्थे आ ईमारतनो खातमूर्हत श० १९५४ ना चईतर वद १ ने वार गरेऊ ता० ७ मी अप्रिल १८९८ सांजना गोडश चोगडीओ स्वस्थान श्री पालीताणाना नामदार ठाकोरसाहेब गोहेल श्री सर मानशींहजी बाहादुर के० शी० अश० आईना हाथे कराववामां आव्युं तथा ऊघाडवानी क्रिया शं० १९५६ ना कारतिक वद ६ ने चार गरेऊ ता० २३ मी नवेम्बर स० १८९९ ना सवारना कलाक १०|| ना अमले श्री पालीताणाना नामदार ठाकोरसाहेब गोहेल श्री सर मानशींहजी बाहादुर के० शी० अश० आई० ना शुभहस्तथी करवामां आवी हती । ( ३८९ ) श्रीअथप्रशस्ति श्रीमान श्री दः सदा भूया चंद्रप्रभजिनेश्वरः ॥ शशांक ईव भव्याब्धि समुल्लासकृते क्षमाः ॥ कल्याणपूर्वाक किल सागराख्या जयंति भुव्यंचलगच्छभाजः ॥ स्तंभनिभाचदीयोपदेश जाताजिन सदयवारा ॥ यशोधर श्री जामनगर सन्न नव्यग्रामे महाराजाधिराज जामश्री रणजीतसिंहजी विजयराज्ये विक्रम संवत १९५९ माह सुक्ल पंचम्यां श्रीकच्छदेशस्थेन श्रीसंवेन कारितोऽयं जिनप्रासाद स्वयो श्रेयसे श्रीमदंचल गच्छाधीश युगप्रधान दादाश्री कल्याणसागरसूरीसंतान गगनांगण दिनमणी निभानां (३८८) पासीताथानी श्री वीरमा जैन पाठशाणाना प्रवेशद्वार पासेना शिक्षाक्षेम.. (३८८) नवागाम (डासार) ना विनासयना सभयेोरस भारसनी तफ्ती उपरना शिवाज

Loading...

Page Navigation
1 ... 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170