Book Title: Alankar Raghavam Part 02
Author(s): Yajneshwar Dikshit, T V Sathynarayana
Publisher: Oriental Research Institute
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256
अलङ्कारराघवे
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151
प . प्राग्द्वारमध्यं वसपणं वितन्वन् भवतीं: 148 प्रातस्समेत्य मघवादि । पतिव्रताया मम । 148 प्रायेण भूमिपाला पपात रामो
109 परमाणुरिवाभीक्ष्ण .. . 30 परस्वरूपं प्रतिपादयित्री ... 119 बबन्ध भवतः कण्ठे परिमृदितचम्पकालिं
203 बालराघवगले पवनतनुजदत्तां
124 बालस्य रामस्य पश्चाद्भागं समुपगमितः बालातपेनेव पम्पाकूले क्षणाद्भीतो
बुधाः केसरिणः पश्य पद्यमुकुळानि 173 ब्रह्माण्डेऽलमपयाप्ते पश्याञ्जनक्ष्माधर
41 पादारविन्दे
75
म पादे मणिद्ध कटकं 38. भक्त्या भावयितारो पार्थोद्वीजितचामरे
236 भक्तिस्त्वदीया पीताम्बरं रलकिरीट 226 भद्रासनमुपारूढे पुत्रा दशरथस्यामी
भवन्ति रामस्य पूर्णेन्दुमण्डलमिदं
भाति भ्राम्यहहुल पूर्वार्देशिशखरे . 33. भासते मणिमिमरुः प्रकाश्यमानावयवा
भासते राघवे प्रकोष्ठराजन्मणि
भुजजृम्भितासि प्रणमन्ति किरीटानि 188 भूपालपालन प्रतापरुद्रेण परा
153 भूषा मुक्ताः प्रवर्तते जगदृष्टिः
174 भूषिता राघवांगुल्या प्रसूनतल्पे शयितस्य 39. भूषितं रघुनाथस्य
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