Book Title: Alankar Raghavam Part 02
Author(s): Yajneshwar Dikshit, T V Sathynarayana
Publisher: Oriental Research Institute

View full book text
Previous | Next

Page 303
________________ 254 अलङ्कारराघ 230 202 51 किं मण्डलं प्रळयकाल उत्तमं पदमवाप्य 177 किं लोचनरमणीयं उद्यद्भुजा विटपकोमल, 60 कीदृश्यो रामभूषायाः उन्मूलयामास तपः कृते 215 किरीटमुख्याभरणानि उपमातृभिः प्रविमला ___159 किरीटरत्नानि यथा उरः प्रदेशे किरीटहाराङ्गद कुंकुमचन्दनचर्चाम् कुम्भसम्भवमहार्णव औदार्य गाम्भीर्य 199. को धवलस्त्रैलोक्ये औदार्यमन्यद्भुवि 103 कौतुकाविष्टहृदयौ औदार्यवत्स्वमृत 94 168 26 80 - खद्योत एव खद्योतो 225 34 230 गच्छति रागममुष्या 157 गानं वितन्वन् मुहुः 215 ग्रहनक्षत्रमार्ताण्ड 246 116 168 कटकं रामपादाने कटीतटालंकृति कटीतटो पीतपटो कर्णयोः समणि काकतीयपति कान्तेन प्रेषितां का विद्या सुकवित्वं किमयं नीलजीमूतः किमिन्दुः किं पञ किमेष चन्द्रः किमु किं णु धणं कुलविज्जा 117 233 55 घटयति शिरसि __77 77 229 चक्षुःश्रोत्रागोचरा 104

Loading...

Page Navigation
1 ... 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348