Book Title: Alankar Raghavam Part 02
Author(s): Yajneshwar Dikshit, T V Sathynarayana
Publisher: Oriental Research Institute
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अलङ्कारराघ
230
202
51
किं मण्डलं प्रळयकाल उत्तमं पदमवाप्य 177 किं लोचनरमणीयं उद्यद्भुजा विटपकोमल, 60 कीदृश्यो रामभूषायाः उन्मूलयामास तपः कृते 215 किरीटमुख्याभरणानि उपमातृभिः प्रविमला ___159 किरीटरत्नानि यथा उरः प्रदेशे
किरीटहाराङ्गद कुंकुमचन्दनचर्चाम्
कुम्भसम्भवमहार्णव औदार्य गाम्भीर्य 199. को धवलस्त्रैलोक्ये औदार्यमन्यद्भुवि
103 कौतुकाविष्टहृदयौ औदार्यवत्स्वमृत
94
168
26
80
-
खद्योत एव खद्योतो 225
34 230 गच्छति रागममुष्या 157 गानं वितन्वन् मुहुः 215 ग्रहनक्षत्रमार्ताण्ड
246
116
168
कटकं रामपादाने कटीतटालंकृति कटीतटो पीतपटो कर्णयोः समणि काकतीयपति कान्तेन प्रेषितां का विद्या सुकवित्वं किमयं नीलजीमूतः किमिन्दुः किं पञ किमेष चन्द्रः किमु किं णु धणं कुलविज्जा
117
233 55
घटयति शिरसि
__77
77
229
चक्षुःश्रोत्रागोचरा
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