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________________ 256 अलङ्कारराघवे 25 64 199 161 71 43 218 151 प . प्राग्द्वारमध्यं वसपणं वितन्वन् भवतीं: 148 प्रातस्समेत्य मघवादि । पतिव्रताया मम । 148 प्रायेण भूमिपाला पपात रामो 109 परमाणुरिवाभीक्ष्ण .. . 30 परस्वरूपं प्रतिपादयित्री ... 119 बबन्ध भवतः कण्ठे परिमृदितचम्पकालिं 203 बालराघवगले पवनतनुजदत्तां 124 बालस्य रामस्य पश्चाद्भागं समुपगमितः बालातपेनेव पम्पाकूले क्षणाद्भीतो बुधाः केसरिणः पश्य पद्यमुकुळानि 173 ब्रह्माण्डेऽलमपयाप्ते पश्याञ्जनक्ष्माधर 41 पादारविन्दे 75 म पादे मणिद्ध कटकं 38. भक्त्या भावयितारो पार्थोद्वीजितचामरे 236 भक्तिस्त्वदीया पीताम्बरं रलकिरीट 226 भद्रासनमुपारूढे पुत्रा दशरथस्यामी भवन्ति रामस्य पूर्णेन्दुमण्डलमिदं भाति भ्राम्यहहुल पूर्वार्देशिशखरे . 33. भासते मणिमिमरुः प्रकाश्यमानावयवा भासते राघवे प्रकोष्ठराजन्मणि भुजजृम्भितासि प्रणमन्ति किरीटानि 188 भूपालपालन प्रतापरुद्रेण परा 153 भूषा मुक्ताः प्रवर्तते जगदृष्टिः 174 भूषिता राघवांगुल्या प्रसूनतल्पे शयितस्य 39. भूषितं रघुनाथस्य 145 236 60 165 184 184 98 208
SR No.023454
Book TitleAlankar Raghavam Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYajneshwar Dikshit, T V Sathynarayana
PublisherOriental Research Institute
Publication Year1991
Total Pages348
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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