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________________ अनुबन्धः भूषेन्द्रनीलत्विषि भृङ्गेण कल्पवृक्षो मणयो भूषणैः मणिरर्पितो मुदित मणीमयाभ्यां मद्भाग्यतः पूर्वम् मध्याह्नार्कम् मनुजाः स्वकर्ण मन्ये रामो म महोन्नतं वानर मामक स्तनसुगन्धि मारामरोमराजा मासं तापं कृथाः मुकुटमिदं मुकुटमिदं मुकुटमिव राम मुक्ता जटास्त्वयि मुक्कामी राजत मुक्ताहारविकीर्ण मोचनाय तव यतः स्वच्छाकारे यथा प्रसूनानि य 126 यमदिशत कुतुकेन 165 यश इव सुगुण ये ध्यायन्ति यो मौळिहाराङ्गद 244 41 100 134 37 198 85 63 97 रत्नाकरादभ्युदितैः 10 रत्नाकरोऽपि निर्वेल 248 रत्नैर्विभाति मुकुटं 190 रविस्तिरोदधे रत्न 248 राघवस्य चरणाब्जम् 239 राघवस्य सुतराम् 34 राघवं दण्डकारण्ये 38 रात्रौ जालकसंहितेषु 19 रामकण्ठमणिराजि रामकर्णयुगनित्य र रक्षः कुले समुत्पन्नो रक्षोजयश्रीकलनाभि रघुनाथाय देवाय रघुप्रवीर एवैकः रघुवंश एव वंशो रघूत्तम त्वामिह रामकोटीकोटीन्द्र 221 रामकोटीरहीराणां 35 रामचन्द्रकरपल्लवा 257 114 32 204 150 31 12 207 170 230 219 187 141 242 228 97 97 62 71 100 36 100 101 96
SR No.023454
Book TitleAlankar Raghavam Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYajneshwar Dikshit, T V Sathynarayana
PublisherOriental Research Institute
Publication Year1991
Total Pages348
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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