Book Title: Akaal ki Rekhaein
Author(s): Pawan Jain
Publisher: Garima Creations

View full book text
Previous | Next

Page 13
________________ अकाल की रेखाएँ | 11 | विहार करते हुए एक बार भद्रबाहु उज्जैनी नगरी पहुँचकर एक उद्यान में ठहरे। 523 आश्चर्य ! कल तक तो ये वृक्ष सूखे थे और आज इनमें फल फूल... अवश्य ही इन महात्माजी का ही चमत्कार है। 36645 8 || Laxm.in. HERE । KARA000 - NORE संयोग से उसी रात्रि में मगधदेश के सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य ने रात्रि में सोते समय सोलह स्वप्न देखे।

Loading...

Page Navigation
1 ... 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32