Book Title: Akaal ki Rekhaein
Author(s): Pawan Jain
Publisher: Garima Creations

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Page 16
________________ अकाल की रेखाएँ / 14 आवाज सुनकर मुनिराज बच्चे के पास आये और दयालु मुनिराज ने ज्योतिष ज्ञान से सब निमित्तज्ञान का प्रयोग किया । जाना व बिना आहार किए वापिस वन में चले गये । वत्स कहो ! कितने वर्ष तक ? बा... रा... तक वन में जाकर भद्रबाहु ने सभी साधुओं को बुलाकर कहा... हे मुनिराजों ! इस उत्तरभारत में 12 वर्ष का भयङ्कर अकाल पड़नेवाला है, वर्षा नहीं होगी। प्रजा भूखों मरेगी, > अतः संयमियों को यहाँ रहना उचित नहीं है । आचार्य भद्रबाहु के इस कथन का परिज्ञान होने पर नागरिकों ने उनसे विनती की... स्वामी! आप इस देश से न जाएँ, आपके जाने पर तो यहाँ से मोक्षमार्ग ही चला जाएगा। हे महाराज ! आप कोई चिन्ता भी न करें। आपके आशीर्वाद से हमारे पास बहुत धन है । हम वैसा ही करेंगे, जिससे धर्म की वृद्धि हो ।

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