Book Title: Agam 30 Mool 03 Uttaradhyayana Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 10
________________ उल्लिखित तालिका से स्पष्ट है कि आपने आन्ध्रप्रदेश में अपनी उच्चतर योग्यता, सेवा और शिक्षा के कारण विशिष्ट प्रतिष्ठा प्राप्त की है। किन्तु आपके व्यक्तित्व की पूरी विशिष्टता इतने मात्र से नहीं जानी जा सकती। आपके सार्वजनिक क्रियाकलाप बहुत विस्तृत हैं। यही कारण है कि शासन और प्रजाजन-दोनों ही आपकी योग्यता से लाभ उठाते रहते हैं। आप अनेक शासकीय सलाहकार समितियों में मनोनीत किये जाते हैं, यथा-लेबर एडवाइजरी बोर्ड, जोनल रेलवे, पोस्ट एयड टेलीग्राफ मिनिमम वेजेज़ बोर्ड तथा इंडस्ट्रीज़ एडवाइजरी बॉडी ग्रादि। इस सब के अतिरिक्त प्राप अनेक अस्पतालों, स्काउट-प्रवृत्ति तथा रोटरी क्लब आदि से जुड़े हए हैं। भारत-पाकिस्तान-युद्ध के समय ग्रान्ध्रप्रदेशीय डिफेन्स कमेटी को, जो गवर्नमेण्ट बॉडी थी, कार्यकारिणी समिति के मनोनीत सदस्य रह चुके हैं। स्पष्ट है कि ग्राप जैन-जनेतर समाज में हो नहीं, शासकीय वर्तु लों में भी समान रूप से सम्मान्य हैं / सुराणा जी भरे-पूरे परिवार के भी धनी हैं / भाई-बहिन और पुत्रों और पुत्रियों से समृद्ध हैं। प्रस्तुत प्रागम के प्रकाशन में आपकी ओर से प्राप्त विशिष्ट आर्थिक सहयोग के लिए समिति प्रापकी ग्राभारी है। [9] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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