Book Title: Agam 27 Chhed 04 Dashashrutskandh Sutra Dasao Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 11
________________ तइया दसा ४३१ जस्स इच्छा तस्स-तस्स खद्धं-खद्धं दल यड, आसादणा सेहस्स। १८. सेहे असणं वा पाणं वा खाइम वा साइमं वा पडिगाहेत्ता राइणिएण सद्धि आहारेमाणे तत्थ सेहे खद्धं-खद्धं डाअंडाअं 'रसियं-रमियं ऊसद-ऊस', मणण्णं-मगुण्णं मणाम मणामं निद्धं-निद्धं लक्ख-लक्खं आहरेता भवइ, आसादणा सेहस्स। १६. सेहे रातिणियस्स बाहरमाणस्स अपडिसुणित्ता भवइ, आमादण! सेहस्स। २०. सेहे रातिणियस्स वाहरमाणस्स तत्थगते चेव पडिमुणेत्ता भवति, आसादणा सेहस्स। २१. सेहे रातिणियं किं ति वत्ता", भवति, आसादणा सेहस्स । २२. सेहे रातिणियं तुमंति वत्ता भवति, आसादणा सेहस्स । २३. सेहे रातिणियं खद्धं-खद्धं वत्ता भवति, आसादणा सेहस्स । २४. सेहे रातिणियं नज्जााण नज्जाएण पडिभणिता' भवइ, आसादणा सेहस्स ! २५. सेहे रातिणियस्स कहं कहेमणस्म इति एवंति वत्ता न भवति, आसादणा सेहस्स । २६. मेहे राििणयस्प कह कहेमाणस्स नो सुमरसीति वत्ता भवति, आसादणा सेहस्स । २७. सेहे रातिणियस्स कहं कहेमाणस्स णो सुमणसे भवति, आसादणा सेहस्स ! २८. सेहे रातिणियस्स कहं कहेमाणस्स परिसं भेत्ता' भवति, आसादणा सेहस्स । २६. सेहे रातिणियस्स कहं कहेमाणस्स कहं आछिदित्ता भवति, आसादणा सेहस्स। ३०. सेहे रातिणियस्स कहं कहेमाणस्स तीसे परिसाए अणुट्टिताए अभिन्नाए अव्वोच्छिन्नाए अव्वोगडाए दोच्चपि तच्चंपि तमेव कह कहेत्ता भवति, आसादणा सेहस्स । ३१. सेहे रातिणियस्स सेज्जा-संथारगं पाएणं संघट्टित्ता हत्थेणं अणणुण्णवेत्ता गच्छति, आसादणा सेहस्स । ३२. सेहे रातिणियस्स सेज्जा-संथारए चिद्वित्ता वा निसीइत्ता वा तुयट्टिता वा भवइ, आसादणा सेहस्स। ३३. सेहे रातिणियस्स उच्चासणंसि वा समासणं सि वा चिट्रित्ता वा निसीइत्ता वा तुयट्टित्ता वा भवति, आसादणा सेहस्स। एताओ खलु ताओ थेरेहि भगवंतेहिं तेत्तीसं आसादणाओ पण्णत्ताओ –त्ति बेमि॥ १. भुंजेमाणे (ता)। २. ऊसढं-ऊसद रसितं-रसितं (स० ३३११)। ३. किती वत्ता (अ, क); किं बतित्ता (ख)। ४. वइत्ता (ख)। ५. पडिहणित्ता (ता)। ६. X (क, ख, ग)। ७. खेत्ता (ना) । ८. अच्छिदित्ता (ता, चू)। ६. x (स० ३३॥१)। ' Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 ... 140