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पत्राक
विषय और प्रश्नादि
विषय और प्रश्नादि
पत्राक ॥१८ द्वार कहते हैं।
काय जीवास्ति काय पगलास्तिकाय प्रशासमय मे यह सदन याठर नासून नोग्रादरो मे कौन थोझा १७२ कौन किस्से द्रय्यार्थता से थीमा घणा इत्यादि १७३ (१८ द्वार अशा) । एव प्रदशार्थतास भी प्रश्न निर्णय
१७३ ॥१९ या कहै है।
| धर्मास्तिकाय आदि द्रव्या प्रदेशार्थ से प्रश्न यह जीव सज्ञी शसज्ञी ना सज्ञी नो असज्ञी मे
(२१ द्वार हुआ) कौन किस्से थोफा इत्यादि १७३
॥२२ वा द्वार कहै है ॥ (१९द्वार जया)
|जीव चरम अचरम मैं कौन किस्से थोडा घणा __॥२० द्वार कहै हैं॥
इत्यादि १७७ | जीव भवसिद्धिक शुभवसिफिक नो भवसिद्धिक
(२२ वा द्वार हुथा) नो अभयसिझिको मैं कौन क्रिस धोका इ० १७३ ___॥२३ वा द्वार है है ॥ (२० द्वार जापा)
| यह जीय पुद्गल अहासमय सर्वव्य सर्वप्रदेश ॥ २१ वा द्वार कहे हैं।
| सर्प पर्याय मे कौन किस्ने धोडा इत्यादि नि० | १७८ | यह धर्मास्तिकाय थधर्मास्तिकाय आकाशास्ति
(२३ द्वार पूर्ण हुआ)