Book Title: Agam 24 to 33 Das Prakirnak Sutra Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur

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Page 12
________________ किमत्यष्याप्तसो नो एष चिंतेपवनबद्द छंतराष्ट्र बलेखलुष्यथं जीविए इमेयवेशयपित्ति सिंर्भिय निवा या त्रिविद्वारोगाथका फुसतिजी विश्व घ्यासी यस्खलुष्याउ सापुविमणुयाश्रयमया रोगय काय वासस्य स ह स्सजी त्रिणी तजहा जयधम्मिश्रा हिताश्रा चक्की वा बलदेवाषा वासुदयावा घरणाविाहए प्लेगमणुयायणाश्र्यरे सीमारक्षा जोगाप्तमा नागुलस्कन्धरा सुजायसश्च गमुदर गारतुप्पलप उमकरण कामलगुल्तिला नगरगरमग रसागर 'चक्क]रकलरकण क्रियतला सुपडयियकुम्म चारुचलणा गुपछि बुजाय एवं रगुलीच्या उन्नयतपुत्तयनिद्व नया सठिष्णमिलिहगूढगुप्फाएली कुरुविदायत्तव हाणुपुजिया सामुगनिमग्गरमूढजाणूग यदसण सुजास निलोफूत्र राणमप्तल्लभमयिसालनीइ सृजायवरतुरयगुनद मोझाइन्नह यत्र निलया मुष्णरप्तरी इरेगवय कफी साही सायद सवप्पणनिधारपत्रक णग सरि सबरबष्ट्रवलियमला गगामत्रघ्नपयाहिणान्ततरं गन्नगुरवि किरणयोद्दिय उक्कोसाययमउपग मोरविश्वमनाना उज्जयस मसहियमुजायस किसिणनिया जलरुहमुकु मालमउ यरमणियारामराठ ऊसविहग सुजायपीकुत्यी ऊनायरायश्विमनाना सगयपासा सनयपासा सु दरपाखा सुजायपासामि माइयपी रहथपासा करदुषण गरुयनिम्मल सृजाय निश्वयदेहधारी पसत्यय |न्नी सकलक गधरा कणगसिलाय लुयल एसस्य समतलउयविविच्छिन्नपिफलवत्या सिरिवस्यकियवस्था पुख

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