Book Title: Agam 23 Upang 12 Vrashnidasha Sutra Vanhidasao Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 140
________________ आलोइय-आसय ८४७ आवास (आवास) ५१५२५५।३ ज ३११८,५२,६१, ६६,७७,८४,१४१,१५३,१६४,१६७।१३,१८० उ ५।४१ आविद्ध (आविद्ध) ज ३१९,७७,१०७,१०६,१२४, २२२; ५५६ उ १११३८ आविद्धकंठ (आविद्धकण्ठ) ज ३।२०६ आवीकम्म (आविष्कर्मन्) ज २०७१ आवेढिय (आवेष्टित) प १५३५१ आस (अश्व) प २१४०।१०।११।२१ ज २।३५ ३।६८,१६७१४,१७८,१७६,२२१,७४१३, १८६।३ उ १३१४,१५,२१,१२१,१२६,१३३, आलोइय (आलोचित) उ०१२;३।१५०,१६१, ५२८,३६,४१ आलोगभूय (आलोकभूत) ज ३९६,१६० आलोय (आलोक) ज ३१६,१२,१८,७७,८८,६३, ६५,१५६,१७८,१८०,२२२, ५१४३,४६ आलोय (आ+ लोच ) आलोएहि उ ३.११५; ४।२२ आवकहिय (यावत्कथिक) प १११२५ आवज्ज (आ+पद) आवज्जति प १११७२ आवड (आवर्त) ज ५१३२ आवडिय (आपतित) ज ५।२५ आवण (आपण) ज ३१३२ आवणगिह (आपणगृह) ज ३।१६७२ आवत्त (आवतं) प ११६३ ज ३१३,४१२३,३५, ३७,४२,७१,७७,६४,१८८ से १६१,२६२; ७।५५ सू१६।२२११०,११,१६१२३ आवत्तकूड (आवर्तकूट) ज ४।१६२ आवत्तग (आवर्तक) ज ३।१०६ आवरण (आवरण) ज ३१३५,११६,१६७।६,१७८ आवरित्ता (आवृत्य) सू २०१२ आवरिस (आ+वष ) आवरिसेज्जा ज ५७ आवरेत्ता (आवृत्य) सू २०१२ आवरेमाण (आवृन्वत्) सू २०१३ आवलि (आवलि) ज ५१२८ आवलिया (आवलिका) प १२।२७,१८१३,२७ ज २।४ चं ५११ सू १।९।१८११ २०१५ आवलियाणिवात (आवलिकानिपात) सू१०१ आवस (आ । वस्) आवसामि उ ३।११८ आवसह (आवसथ) ज ३११६,३१,३२।२,५३,६२, ७०,१४२,१६५,१८१ आवसित्ता (ओस्य) ज ३१२२५ आवस्सग (आवश्यक) उ ३१३१ आवाग (आपाक) प २३११३ से २३ आवाड (आपात) ज ३३१०३ से १०५,१०७ से ११५,१२५ से १२७ आस (आस्य) प २।४०११० आस (आम्) आसि ११४७ आसकरण (अश्वकर्ण) प १८६ आसक्खंधसंठिय (अश्वस्कन्धसंस्थित) सू१०॥३४, आसखंध (अश्वस्कन्ध) ज ४११७८ आसखंधग (अश्वस्कन्धक) ज ७।१३३।१ आसग (आस्यक) उ १८६,६० आसण (आसन) प १११२५ ज २८६,६०,६२, ६३; ३,५५,५६,६४,७२,१०३,११२,११३, १४४,१४५; १२,३,७,२०,२१ सू २०१४ उ ३।१०१,१३४ आसत्त (आसक्त) प २।३०,३१,४१ ज २१७,३०, ३५,८८ आसत्थ (आश्वस्त)उ १२४,६२ आसधर (अश्वघर) ज० ३।१७६ आसपुरा (अश्वपुरा) ज ४१२१२२२ आसम (आश्रम) प १७४ ज २।२२,१३१; ३१८,३१,३२,१८०,१८५,२०६ उ ३१५५,१०१ आसमुह (अश्वमुख) प ११८६ आसय (आस्यक) उ ११६१,६२,८६,८७ आसय (आस्) आसयंति ज १११३,३०,३३,३६; २।७,४१२,६४,८७,१०४,१७६,१८५,१६१, १९७,२००,२०१,२०६,२१४,२३४,२४०, २४१,२४७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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