Book Title: Agam 23 Upang 12 Vrashnidasha Sutra Vanhidasao Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 316
________________ याण - रत्या याण (ज्ञा ) याणंति प १५/४६, ४८, ४६; ३४।११.१२ याणति प २३११३ याणामो उ १।३६ याव ( यावत् ) प १२०, २३, २६,२६,३६,३७,३६ से ४७, ११४८ । ७. १० से ३७,४१,४३, ११४८ से ५१,५६,६०.६३ से ६६,७०,७१,७५,७६,७८, ६६,६७ र २।४१ ज ५१२६ र (रति) रकरग (रतिकारक ) ज ५१४८, ४६ रइकरगपव्वय (रनिकरकपर्यंत) उ५।४४ रइत ( रचित) ३६।६२ रइत (रतिद) ज ३।३५ र ( रचित) १ २ ३०, ३१, ४१ ज ११३७,२११५, ३१६,६,१५,२४,३५,६३,१०९, ११७,१७८, १८०,२२१,२२२५१४३०३५५ रइय ( रतिक ) प २१४८ रइय ( रतिद) ज २११५ रइयामय ( रजत मय) ज ४|१३ रजस्सल (रजस्वल) ज २११३१ रत्ता ( रचयित्वा ) उ १।१३७१३५१ रक्खा (रक्षा) ज ५ । १६ रज्ज ( राज्य ) ज २२६४,३२,१७५,१८८ ११६६, ६४,६६,१०३, १०६,११०, ११३, ११४, १२१, १२२,१२६:५१६, ११ / रज्ज ( रज्) रज्जति सु १३।१ रज्जधुरा ( राजधूर् ) १।३१ रज्जवास (राजवास) ज २८७ रज्जसिरि (राज्यश्री) उ ११६५,६६, ७१,९४,९८, ६,१११,११२ रज्जु ( रज्जु) ज ३।१०६७।१७८ रज्जुच्छाया (रज्जुच्छाया ) ९१४ Jain Education International रट्ठ (राष्ट्र ) उ ११६६,६४,६६ रट्ठकूड ( राष्ट्रकूट) उ३।१२८ से १३१.१३३, १३६,१३८ से १४०, १४७, १४६ रक्तकणवीर ( रक्तकरवीरक) प १७ १२६ रतचंदण ( रक्तचन्दन ) प २१३०,३१,४१ रंग (रङ्ग) ज ३ | १६७६ रक्खस (राक्षस) प १।१३२ २४१,४५ ज ७ १२२ रक्तबंधुजीवय ( रक्तबन्धुजीवक ) प १७।१२६ सू १०/८४१३ १०२३ रणभूमि ( रणभूमि ) उ १११३५. रण (रत्न ) प २४८ रणप्पा ( रत्नप्रभा ) प २०४८, ४६; ३३१८३; ६।६१; १०२, ३ रतणवडेंसय ( ग्लावनंसक ) प २१५१ रतणामय ( रत्नमत्र ) २०४९ रति ( रति) २३:३६,७६,१४४ रतिणाम ( रतिनामन् ) प २३/६४ रतिपत्त ( रतिप्रसक्त) सू २०१७ रक्त (रक्त ) प २३१,२२४०११० ज ३१७, २४, २५, १८४,१८८ ७११७८ सू १३१२०/३,७ उ ११७२,७३,८७,६८,६२ रत्त (रात्र ) ज २२६३१, २०१४१ से १४५, ३१११५, ११६,१२१,१२२, १२४ रतंय ( रक्तांशुक) ज ४।१३ सू २०१७ रक्तकंबलसिला (रक्तकम्बल शिला) ज ४१२४४, २५२ रत्तरयण ( रक्तरत्न) ज २१२४,६४,६६, ३।१६७ रत्तवई ( रक्तवती ) ज ४१२७४६।१६ रक्तवईकूड ( रक्तवतीकूट) ज ४।२७५ रत्तसिला (उक्त शिला) ज ४।२४४, २५१ रता (रक्ता ) ज ४१२७४; ६ १६ रक्ताकूड (रक्ताकूट ) ज ४।२७५ रक्ताभ ( रक्ताभ ) प २२४६ रक्तासोग (रक्ताशोक ) ६ १७ १२६ रति (रात्रि ) ज ३१६५,१५६ रतुप्पल ( रक्तोत्पल ) प १७ १२६ ज २।१५; ७१७८ रत्था ( रथ्या) ज ३।७ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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