Book Title: Agam 23 Upang 12 Vrashnidasha Sutra Vanhidasao Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 186
________________ गविष-गाहेता गव्विय (वित्त) ज ७।१७८ यह (ग्रह) १०१३३:२२ मे २७,४८ से ५१. ६३ ज ११२४, ७ १७७३ १८०, १६१, १८६, ११७ १०।१७१ से १७३१५१.१०.१३ १८१४१८१२३७१९४१,५१२८१२, १६।२२१३.६, ९, १०, २१,२०,२६,३१:२०१८ ग्रहगण (प) ४३०१,१७,२१,३४,१०७,२२२; ७१५५, ५८, १८०, १८१.१६७, सू १८१८ १६।२२, २३, २६:२०३५ २०१२५४१ गहण ( मन ) प १।४८।५३ से ५५ ११०५३, ५५, ५७. ५२, ७१: १६१६५२२१५.०० १७१ महणया ( ग्रहण) उ १०१७ महत (त्व) २८३ शहर (दे० ) प ११७e मदिरा (मान) १६ मे १९४ ज ७।१७८११, १६१,१६२ ३१,३२ हाय (गृहीत्वा ) प ३६८११२६७ ३१५० गहिण (हत्या) ज ३०२४ गहित ( गृहीत ) सू २०१२, ६२३३१५५ महिष (गृहीत) १८८, ११, १५, २४१६१२४७१७२३३१२, ७७,८८ १०७, १२४ ४७,३८ ११३८ ३१६३,७०,७३ गहिर ( गंभीर ) प २१४ *()*XX* गाउय (ब्यून ) प १३५२१६४२१४२,४४,४६, ४७११.२०२४८२३२६.४५ J ४१६६१०३, ११०,१४३, १३०.२०३,२२६, ७६०, १८२ गाउयपुत्तिय (व्यूत पृथवित्वा) १७५ गागर (दे ) प ११५६२३ गात (३४२११, २०१८ गाम (न) Jain Education International ११७४१६१२२२११९२.६३ २१२२.६६७०.१३१.२०१६.३१.३२.०१. १६७२, १८०.१८५,२०६, २२१३३।१०१. ५१३६ गामकंटय (कण्टर) ५१४३ गामिण (समणिमण' ) प ८४ गाममारी (ग्राममारी) ज २१४३ ग्रामरोग (ग्राम)२४३ गाय (गो) १२१४ गामाणुयाम (गानुम) १४२१७३२६,६६, १३२:५/३६ ८६३ नाम (१।१११.११२ गाय (गो) प ११४ गाय (धन) १७०१३४ २०१५, १८२८२. २११५५३५० गायंत (यत्) ३०१७ गारव (ग) ३५३ गारविय (गौरव) सू २०१६१२ गालण ( गालन ) उ ११५१, ७६ लिए) उ ११५२.७६.७७ यामाण ( गालगत ) उ५।२५ गावी (यो ) ज २१३४ गाह (ग्रह) प ११५५.५८ गाह (ह) माहिति ) ज २०१६४ गाहा (गाया ) प १४० २०४० १५०५५ १०१७, १६.२५ गाहाव (गृहपति) ज ४११८१,१०३, १८४,१८६, १९५३।१०,११.१३,२१.१५८,१६०,१६६० ४१७ से १,१६,१८ हाइकुण्ड (पछि ६४१८२१९४ गाहायइणी (गृहपत्नी) उ४ गावइदीप (गृहपतिद्वीप) ४।१८२ गाहारयण (बृहपतिरत्न ) ज ३११, १२०, १७८,१६,१५५१०६, २१०, २१६, २१६, २२० गाहावइरयणत ( गृहपतिः) २०५८ गार्हता (ग्राहयित्वा ) ज २२१३४ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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