Book Title: Agam 23 Upang 12 Vrashnidasha Sutra Vanhidasao Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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१००२
७ ११८ उ २२; ३९६ से १८,१००,१०१ १०६ से ११२
भग (भद्रक) ज २।१६
भद्दमुत्था ( भद्रमुस्ता ) ज १२४८२६ भय (भक ) ३।१०९३५४४०, ४१ भवत (भाद्रपद) सू १०।१२४
भद्दवय (भाद्रपद) ज ७ १०४, ११३११,११४ सू १०/१२६ उ ३१४०
भालवण (भद्रशालवन) ज ४९४, २१४, २१५,
२१६,२२०,२२१,२२५,२२६,२३४,२६२
भद्दसेण (भद्रसेन ) ज ५१५२
भद्दा (भद्रा ) ज ५। १०३१५१६८७ ११८ सू१०/२, ६०
भद्दासण ( भद्रासन ) ज ३१३,५६,१७८४२८, ११२:५।३६,४२
महिलपुर (महिलपुर ) प ११९३३
भ्रमंत ( भ्रमत् भ्रत्) ज ४३, २५ ममर ( अमर ) प ११५१: १७।१२३ भमरावली (अमरावती) प १७१२३ भमास (दे० ) प ११४१११, ११४८।४६ [भ] (भय) प १।१।१:२१२० से २७:११।३४।१
२३/३६,७७, १४५ ज २०६६,७०३१९२, १११.
११६,१२१।१,१२५,१२७ उ ११८६३।११२,
२।१२:३३२४
१५६;४।११
भयंकर ( भयङ्कर ) ज २१३१
भग (भृतक ) ज २२६
भषणा (भजन) प ११४८५० भयणस्सिया (भयनिचिता) प ११३४ भयमेश्व ( भयभैरव) ज २०६४
भयव ( भगवत् ) प ११११२ ज २१६०,५१३, १४,
१६.१७,२१.१६
भवसण्णा (भयसंज्ञा ) प ६११.२,४,५,७,६,११ भर () भरे
३५१ भरणी ( भरणी) ज ७१११३१.१२८, १२९, १३४१२, १३५१२,१३६,१४०, १४४, १४६, १५६, १७५ १०११ से ६,११,२३,२५,६२,६६,
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भहग-भव
७५,८३,१००, १२०,१३१ से १३४; १८१७ भरह ( भारत ) प १८८; १६।३०१७ १६०
ज ११८ से २०,२३,४६,४७,५१२०७ से १५.२१ से ४५,५०,५२,५६,५७,५८,६०, १२२, १२३, १२०, १२५,१३१,१३२.१३३,१३८, १४१ से १४७, १५०, १५६. १५७,१५९, १६१, १६४, ३१ से १३,१४,१७,१२ से २२, २५ से ३४, ३६ से ४२, ४४ से ५०, ५२ से ५६, ६१ से ६७, ६६,७७, ८३, ८४, ६० से ६४,६६, ६६,१००,१०१.१०२,१०६ से १०६,११५ से १२६,१३१ से १३५।१,१३७,१३८, १३६,१४१ से १४८, १५० से १५४,१५७, १५८. १६०. १६३ से १७०, १७३.१७५, १७७.१७८ १७६, १८१ से १९२, १९०, ११९,२०१,२०२,२०४ से २२६,४१,४८,५३.१०२,१७२,१७४, १७७, २७७ ५:५५ ६७,६,१२,१६
भरहकूड ( भरतकूट ) ज ४४४,४८ भरवास ( भरतवर्ष) ज २१५४।३५ भरवास पढमवति (भरतवर्ष प्रथमपति )
३।१२६२
भराहिव ( भरत घि) ३१८,८१,१३,१२१११, १३५।२,१६७११४,१८०,२२१ भरिय (भृत) ज २२६६३११७८ भरिली ( भरिली) प १०५१ भरा (भरु) प १२८
भरेता (भूत्वा उ ३१५१
भल्लाय ( भल्लात ) प १।३५।२
भल्ली (भल्ली ) प १२४०१४
भव (भव ) प २०६४१५१ ३ १ २ १०१५३०१: १८११२, १८१६५ २३।१३ से २३ ज ३१२४, १३१
भव भवत्) उ ३२४३
भव (भू) अवद ज ११४७ २६ ११३ उ १।२० भवउ ज २१६४, १५७ भवंति
१४१ से ५१,६०,८०,०१,५०४२.१६।१५)
२११८४; २३।१५२, ३६।२०,८२,६३
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