Book Title: Agam 20 Upang 09 Kalpvatansika Sutra Kappavadinsiyao Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 234
________________ दिसादि-दुक्ख ६४७ ३७,१७६,१७८ १०२.१७५,१८२.१६८ से २०८,२१० से २१३ दिसादि (दिशादि) ज ४२६०१२ मेरुपर्वत सु १३१४,१६,१७,१६ से २२,२४,२७, २१, दिशापोक्खि (दिशाप्रोक्षिन) उ ३५० ३,३११.२:४।३.४,७,१०।६।१८।१:१०११३२, दिसापोक्खिय (दिशाप्रोक्षिक) उ ३१५०,५५ १४२,१४७; १२।३०:१८१७,२०; १९३१.२,६, दिसापोक्खिय (तावस) (दिशाप्रोक्षिकतःपन) ७८।३,६,१२ मे १४,१५१३,१६१६,१६२२, उ ३२५० २४,१६१२८,३१ से ३४३ ११९३७,६१, दिसाहत्यिकूड (दिशाहस्तिकूट) ज ४।२२५ से २३३ १२५,१५७; ५१२४.४३ दिसि (दिश) प १२७,२३०११:२०६३,३।११, दीवकुमार (दीपकुमार) प१११३१,५३,६१८ १११६६,६६।१२१६५,६६,२८१६,३१.६५ दीवग (ढीपिक) सू १०।१२० ३६।५६,६६,६८,७०,७२ से ७४ ज ४२०४, दीवणिज्ज (दीपनीय) प १७।१३४ ज २०१८ दीवणिजबीपी २१०,२१६,२२०:५।३०,७१४८,५०,५२,५३ दीविग (द्वीपिक) ज २१३६ उ११२४३।५१,५३,६२,८१,१४३,१५६ दोबिय (दीपिक) प ११६६११।२१ ज ३।१३६; दिसौभाग (दिग्भाग) ज ३।२०८:५।५,४४,४५ उ ३।११३:४२० दोवियगाह (दीपिकमाह) ३।१७८ दिसोभाय (दिग्भाग) ज १।३३।१६२,२०४, दीपिया (दीपिका) प १११२३ २०८,४।१२०,१३६,५१५,७ चं सू ११२ दीवियाहत्यगय (हरतगतदीपिका) ज ५११२ उ ५५ दीस (दश) दीनति प ११४८१५७ ज ७।३६,३८ दोण (दीन) उ १५१५,३५, ३१६८ दोह (दीन) प २१६४१४; १३।२३ ज २११५,६६; दोणस्सर (दीनस्वर) ज २११३३ ३३१०६.१६७।११ दीणस्सरता (दीनरवरता) प २३१२० दोहार (दीर्घदर) ज ४८० दीव (द्वीप) प १५४,७५,८०,८१,८४;२।१,४,७, दोहदेयड्ढ (दीर्घवैत ढ्य) ज ६१० १३,१६ से १६,२८,२६,३०।१,२१३२,३३,३५, दोहिया (दीधिकः) प २१४,१३,१६ से १६,२८; ३६,४०१२,६,११,२१४३,५०,५१,१५११२, ११103 ज २।१२।। १५।५४,५५,१६।३०,३३।१० से १२,१५ से दु (दि) प ११३ सू१।१४ १७ ; ३६।८१ ज १७,१५ से १८,२०,२३, दुइय (द्वितीय) प ३१२२ ३४,३५,४६.४८,५१,२।१,७,५२,५६,६०,११६, दुंदुभय (दुल्दुधक) ज ७११८६।२ मू २०१८ १६१,१६४,३१६,३६,४७,५६,११६,१३३, हय (दुन्दुभकः) सू २०१८२ १३८,४११,३१,२२,३४,४१,५२,५१,६२,६८, दहि दिन्द्रमि) अ ३११२,७८,१८०,२०६५।५, ६६,७६,८१,८६,६०,६३,१८,११४,१५६, २२८६,४६,४७.५६,६७ उ १।१२१,१२२, १६०,१६५,१६७,१६६,१७२ से १७४,१७८, १२५ १२६,१३३.१३४,१३८,३११११,४११८; १८१,१८२,२०१ से २०३,२०६.२१३,२६२. ५१६ २६५,२६८,२.१.२७४,२७८ : ५।३,२१,२२, दुक्कालदहुल (दुरकालबहुल) ज १११८ २६.४४,५२,७४,६१ से ५ से २६७12 दुक्त (दुःख) १ २१६४।२२:६१११०,२०११८; ३.४,८ से १४,३१,३३,३६ से ३६.५२.५४, १६१,२,३५११०,११,३६४८८,६२,६४१ ६२,६३,६७ से ७२,८६,८७.६१,१२,१०१. ज १॥२२,२७.५०:२१५८,७१,८८,८६,१२३, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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