Book Title: Agam 20 Upang 09 Kalpvatansika Sutra Kappavadinsiyao Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 312
________________ रयणी - रहवर रयणी (रजनी) ज २१२८, १३३,३६१८८, ७ १२० सू १०८८१३ उ ३२४८, ५०, ५५,६३,६७,७०, ७२,१०६,११८ रयणुच्चय ( रत्तोच्चय ) सू५४१ रयणोच्चय ( रत्नोच्चय ) ज ४२६०११ रत्ताण ( रजस्त्राण ) ज ४११३ सू २०१७ रयमत्त ( रतमत्त) ज २।१२ रथ (रजत) ज ३ | १०३,४१२५, १२५, १४६; १६२१,२३८,२५.५ ५१५,६२; ७११७८ रययकूड (रजतकूट ) ज ४।१६४,२३६ रखंड ( रजतखण्ड ) ११/७४ वालुवा (रजतवालुका) ज ४१३ रययामय ( रजतमय ) ज १२३ ३ १२,८८४३ १३,२५,६४,८८,२०३५१५८ ७ १७८ रव (ख) २३०,३१,४१,४६ ज ११४५ २२६५ ३१२२,३६,७८,८३,६३,६६,१६३, १८०, १८३, १८५, १८७, २०४,२०६,२१३,२१६,५११, ५, ६,२२,२६,४४,४६, ४७,५६,६७, ७१५५,५८, १७८१८४ १८१२३; १९ २३, २६ उ १।१२१,१२२, १२५, १२६,१३३,१३४,१३८; ३।१११, ४११८५ १६ रवभूय ( रवभूत) ज ३११०६ रवि (रवि) ज २०१५; ३१३,३०,७११२७।१,१६७ सू १०९७७ १६८।२:२२/३ रविकिरण ( रविकिरण ) ज २२१५ रस (रस) प ११४ से ६ ३ १८२५१५,७,१०,१२, १४,१६,१८,२०,२४,२८,३०, ३२, ३४, ३७, ३६, ४१,४५,५३,५६,५६,६१,६३,६८, ७१.७४, ७६,७८.८३,८६,८६,६१,६३,९७,१०१, १०४, १०७.१०६,१११,११५, ११६,१२६,१३८, १५०,१५२, १५४,१६०, २०५, २०७, २११. २१४,२२८,२४२,२४४, १० १५३११:११ ५७, १८१५/३८; १७३११४।१, २३११५,१६,१९, २०,१०८ २६१२०,३२.६६; ३६/८०, ८१ २११८,४५, १४२, ३३८२,१८७,२१८; Jain Education International १०२५ ७ ११२२४, २०६ सू १०/१२६२४; २०१७ उ ५।२५ सओ (रस) प ११५ से ६,२८।२६,३२,६६ रसचरिम (रराचरम ) प १०३५०, ५१ रणाम (रसनामन् ) प २३३३८,४६ रसतो ( सतस् ) प १६, ६, ६ ११५८२८८, २०, ५४ रसदेवी ( रसदेवी ) उ ४२१ रसपज्जव ( रसपर्यव) ज २१५१,५४, १२१, १२६, १३०,१३८, १४०,१४६,१५४, १६०,१६३ रसपरिणाम ( रसपरिणाम ) प १३।२१,२८ रसभेय (द) प १।४८।५ समंत (वत्) प १११५२,५७२८१५,५१ रमेह (घ) ज २१४५ रसविण्णाणावरण (सविज्ञान ) प २३।१३ रसादेस (रसादेश ) प ११२०,२३,२६,२६,४८ रसावरण ( रसावरण ) प २३१३ सिदिय (सेन्द्रियत्व ) प ३४१२० रशिय (सित ) ज ३।३५: ५। २२ से २४, २६ रोदय ( रसोदक ) प १२३ रसि (२) ज ३१३,१८८ रह ( 25 ) ज १२६,२।१२,३३,६५,१३४,३३, १४,१७,२१ से २३,२८,३१,३६,३७,४१,४५, ४६,७७,७८,६१,६८,१०६, १३१,१३५, १७३, १७५,१७७ से १७६,१६६,२२१५।५७ उ १११४,१५,२१,२२,१२१,१२६,१३३,१३६ से १३८४११५: ५११८ रहचक्कवाल ( रथचक्रवाल ) प ३६।८१ ज १७ सू ११४ रहच्छाया (रथच्छाया ) प १६/४७ रहनेउ रचक्कवाल (रथनूपुरचक्रवाल) ज १९।२६ रह (रथाथ ) ज २११३४ रहमुसल ( रथमुसल) उ १११४, १५, २१, २२, २५, २६,१३६, १३७,१४० रहरेणु (रथरेणु) ज २१६ रहवर ( रथवर ) ज २।१५; ३।२२.३६,४४ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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