Book Title: Agam 20 Upang 09 Kalpvatansika Sutra Kappavadinsiyao Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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Page #1 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उवंगसुत्ताणि ४ [सण्ड २] सो कासवाडासीया जी.निरयावलिया जती,सूरपणती Fenne IPinabee घण्णवणा,जबुट्टीवर लियाओ, वहिहसाओ वाचना प्रमुख आचार्य तुलसी संपादक युवाचार्य महाप्रज्ञ wulusainio rg Page #2 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रज्ञापर्व वर्ष के उपलक्ष्य में निग्गंथं पावयणं उवंगसुत्ताणि (खण्ड २) पण्णवण्णा • जंबुद्दीवपण्णत्ती • चंदपण्णत्ती. सूरपण्णत्ती • उवंगा निरयावलियाओ • कप्पडिसियाओ • पुफियाओ. पुफिचूलियाओ • वहिदसाओ वाचना प्रमुख आचार्य तुलसी सम्पादक युवाचार्य महाप्रज्ञ प्रकाशक जैन विश्व भारती लाडनूं [राजस्थान Page #3 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रकाशक : जैन विश्व भारती लाडनूं [ राजस्थान ] प्रबन्ध-सम्पादक : श्रीचंद रामपुरिया अर्थ सौजन्य : श्री रामलाल हंसराज गोलछा विराटनगर (नेपाल) प्रकाशन तिथि: विक्रम सम्वत् २०४५ ( मर्यादा महोत्सव ) ईस्वी सन् १९८६ पृष्ठांक ११७० : जैन विश्व भारती मूल्य ६००/ मुद्रक : मित्र परिषद्, कलकत्ता के आर्थिक सौजन्य से स्थापित जैन विश्व भारती प्रेस, लाडनूं (राजस्थान) Page #4 -------------------------------------------------------------------------- ________________ On the occasion of Pragyapray Year Niggantham Pāvayanam UVANGA SUTTĀNI IV (PART II) PAŅŅAVAŅĀ . JAMBUDDĪVAPAŅŅATTI. CANDAPANNATTT . SURAPAŅŅATTI. NIRAYĀVALIYO, KAPPAVADIMSIYÃO, PUPPHIYAO. PUPPHACŪLIYÃO. VANHIDASÃO (Original Text Critically Edited) Vâcana-pramukha : ĀCĀRYA TULSI Editor! YUVĀCĀRYA MAHĀPRAJNA Publisher : JAIN VISHVA BHARATI LADNUN (RAJASTHAN) Page #5 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Publisher : JAIN VISHVA BHARATI. Ladnun-341 306 Managing Editor : Shrichand Rampuria, By Munificence : Shri Ramlal Hansraj Golchha Viratnagar (Nepal) Year of Publication : Vikram Samvat 2045 (Maryada Mahotsava) 1989 A.D. Pages : 1170 जैन विश्व भारती TĘOOM Printers : JAIN VISHVA BHARATI PRESS, [Established through the financial co-operation of Mitra Parishad, Calcutta) Ladnun (Rajasthan) Page #6 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अन्तस्तोष अन्तस्तोष अनिर्वचनीय होता है उस माली का जो अपने हाथों से उप्त और सिंचित द्रुमनिकुंज को पल्लवित, पुष्पित और फलित हुआ देखता है, उस कलाकार का जो अपनी तूलिका से निराकार को साकार हुआ देखता है और उस कल्पनाकार का जो अपनी कल्पना को अपने प्रयत्नों से प्राणवान् बना देखता है। चिरकाल से मेरा मन इस कल्पना से भरा था कि जैन आगमों का शोधपूर्ण सम्पादन हो और मेरे जीवन के बहश्रमी क्षण उसमें लगे । संकल्प फलवान् बना और वैसा ही हुआ। मुझे केन्द्र मान मेरा धर्म-परिवार उस कार्य में संलग्न हो गया। अत: मेरे इस अन्तस्तोष में मैं उन सबको समभागी बनाना चाहता हूं, जो इस प्रवृत्ति में संविभागी रहें हैं ! संक्षेप में वह संविभाग इस प्रकार हैसंपादक : युवाचार्य महाप्रज्ञ पाठ-संशोधन सहयोगी : मुनि सुदर्शन ___ मुनि हीरालाल शब्दकोश ___ मुनि श्रीचन्द्र 'कमल' संविभाग हमारा धर्म है। जिन-जिनने इस गुरुतर प्रवृत्ति में उन्मुक्त भाव से अपना संविभाग समर्पित किया है, उन सबको मैं आशीर्वाद देता हूं और कामना करता है कि उनका भविष्य इस महान् कार्य का भविष्य बने । आचार्य तुलसी Page #7 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Page #8 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समर्पण पुट्ठो वि पण्णा-पुरिसो सुदक्खो, आणा-पहाणो जणि जस्स निच्चं । सच्चप्पओगे पवरासयस्स, भिक्खुस्स तस्स प्पणिहाणपुव्वं ॥ जिसका प्रज्ञा-पुरुष पुष्ट पटु; होकर भी आगम-प्रधान था । सत्य-योग में प्रवर चित्त था, उसी भिक्षु को विमल भाव से ।। विलोडियं आगमदुद्धमेव, लद्धं सुलद्धं णवणीयमच्छं । सज्झाय-सज्झाण-रयस्स निच्चं, जयस्स तस्स पणिहाणपुव्वं ॥ जिसने आगम-दोहन कर कर, पाया प्रवर प्रचुर नवनीत । श्रुत-सद्ध्यान लीन चिर चिन्तन, जयाचार्य को विमल भाव से। पवाहिया जेण सुयस्स धारा, गणे समत्थे मम माणसे वि। जो हेउभूओ स्स पवायणस्स, कालुस्स तस्स प्पणिहाणपुव्वं । जिसने श्रुत की धार बहाई, सकल संघ में मेरे मन में। हेतुभूत श्रुत-सम्पादन में, कालुगणी को विमल भाव से। Page #9 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रकाशकीय प्रस्तुत ग्रन्थ उवांगसुत्ताणि ४ का द्वितीय खण्ड है। इस में नो आगम समाहित हैं १. पण्णवण। २. जंबुद्दीवपण्णत्ती ३. चंदपण्णत्ती ४. सूरपण्णत्ती ५. निरयावलियाओ ६. कप्पडिसियाओ ७. पुप्फियाओ ८. पुप्फचूलियाओ ६. वहिदसाओ। आगम संपादन एवं प्रकाशन की योजना इस प्रकार है१. आगम-सुत्त ग्रन्थमाला -मूलपाठ, पाठान्तर, शब्दानुक्रम आदि सहित आगमों का प्रस्तुती करण। २. आगम-अनुसंधान ग्रन्थमाला-मूलपाठ, संस्कृत छाया, अनुवाद, पद्यानुक्रम, सूत्रानुक्रम तथा मौलिक टिप्पणियों सहित आगमों का प्रस्तुतीकरण । ३. आगम-अनुशीलन ग्रंथमाला--आगमों के समीक्षात्मक अध्ययनों का प्रस्तुतीकरण । ४. आगम-कथा ग्रन्थमाला--आगमों से संबंधित कथाओं का संकलन और अनुवाद । ५. वर्गीकृत-आगम ग्रन्धमाला—आगमों का संक्षिप्त वर्गीकृत रूप में प्रस्तुतीकरण । ६. आगमों के केवल हिंदी अनुवाद के संस्करण । प्रथम आगम-सुत्त ग्रन्थमाला में निम्न ग्रन्थ प्रकाशित हो च के हैं(१) अंगसुत्ताणि (१)-इसमें आयारो, सुयगडो, ठाणं, समवाओ-~ये चार अंग समाहित हैं। (२) अंगसुत्ताणि (२)- इसमें पंचम अंग भगवई प्रकाशित है। (३) अंगसुत्ताणि (३)- इसमें नायाधम्मकहाओ, उवासगदसाओ, अंतगडदसाओ, अणुत्तरोव वाइयदसाओ, पण्हावागरणाई, विवागसुयं-ये ६ अंग हैं। (४) उवंगसुत्ताणि (४) (खं० १)) -इसमें (१) ओवाइयं (२) रायपसेणियं और (३) जीवाजीवाभिगमे-ये तीन आगम ग्रन्थ हैं। (५) उवंगसुत्ताणि (४) (खण्ड २)-प्रस्तुत ग्रन्थ । इसमें पण्णवणा, जंबुद्दीवपण्णत्ती, चंद पण्णत्ती, सूरपण्णत्ती, निरयावलियाओ, कप्पवडिसियाओ, तुफियाओ, पुप्फचूलियाभो, वहिदसाओ प्रकाशित हो रहे हैं। (६) नवसुत्ताणि (५)-...इसमें आवस्सयं, दसवेआलियं, उत्तरज्झयणाणि, नंदी, अणओग दाराई, दसाओ, कप्पो, ववहारो, निसीहझयणं-ये नौ आगम ग्रन्थ हैं। द्वितीय आगम अनुसंधान ग्रन्थमाला में निम्न ग्रन्थ प्रकाशित हो चुके हैं(१) दसवेालियं १. इस ग्रंथमाला के अन्र्तगत (१) दसवेआलियं तह उत्तरज्झयणाणि, (२) आयरो तह आयारचूला, (३) निसीहज्झयणं, (४) मोवाइयं, (५) समवाओ-ये ग्रंथ जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा, कलकत्ता द्वारा भी प्रकाशित हुए थे। Page #10 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२) उत्तरज्झयणाणि (भाग १ और २) (३) ठाणं (४) समवाओ (५) सुयगडो (भाग १ और भाग २) उक्त में से द्वितीय ग्रंथ जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा, कलकत्ता द्वारा प्रकाशित हुआ है। तीसरी आगम-अनुशीलन ग्रन्थमाला में निम्न दो ग्रन्थ निकल चुके हैं..... (१) दशवकालिक : एक समीक्षात्मक अध्ययन । (२) उत्तराध्ययन : एक समीक्षात्मक अध्ययन । चौथी आगम-कथा ग्रन्थमाला में अभी तक कोई ग्रन्थ प्रकाशित नहीं हो पाया है। पांचवीं वर्गीकृत-आगम ग्रन्थमाला में दो ग्रन्थ निकल चुके हैं। (१) दसवैकालिक वर्गीकृत (धर्म प्रज्ञत्ति खं०१) (२) उत्तराध्ययन वर्गीकृत (धर्मप्रज्ञप्ति खं० २) छठी केवल आगम हिंदी अनुवाद ग्रन्थमाला में एक 'दशवकालिक और उत्तराध्ययन' ग्रन्थ का प्रकाशन हुआ है। उक्त प्रकाशनों के अतिरिक्त दसर्वकालिक एवं उत्तराध्ययन (मूल पाठ मात्र) गुटकों के रूप में प्रकाशित किए जा चुके हैं। उक्त विवरण से पाठकों को विदित होगा कि भूलपाठ, पाठान्तर, शब्दानुक्रम आदि सहित ३२ आगम ग्रंथ आगमसुत्त ग्रंथमाला के अर्न्तगत प्रकाशित हो चुके हैं। ३२ आगमों का इस प्रकार का आलोचनात्मक प्रकाशन आगम प्रकाशन के इतिहास में प्रथम बार ही सम्मुख आया है। आगम प्रकाशन कार्य की योजना में निम्न महानुभावों का सहयोग रहा --- (१) सरावगी चेरिटेबल फण्ड, कलकत्ता (ट्रस्टी रामकुमारजी सरावगी, गोविदालालजी सरावगी एवं कमलनयनजी सरावगी)। (२) रामलालजी हंसराजजी गोलछा, विराटनगर । (३) स्व० जयचंदलालजी गोठी, सरदारशहर। (४) रामपुरिया चेरिटेबल ट्रस्ट, कलकत्ता। (५) बेगराज भंवरलाल चोरडिया चेरिटेबल ट्रस्ट । यह ग्रन्थ जैन विश्व भारती के निजी मुद्रणालय में मुद्रित होकर प्रकाशित हो रहा है । मुद्रणालय के स्थापना में मित्र-परिषद्, कलकत्ता के आर्थिक सहयोग का सौजन्य रहा, जिसके लिए उक्त संस्था को अनेक धन्यवाद । आगम-संपादन के विविध आयामों के वाचना-प्रमुख हैं आचार्य श्री तुलसी और प्रधान संपादक तथा विवेचक हैं यूवाचार्यश्री महाप्रज्ञजी। इस कार्य में अनेक साधु-साध्वी सहयोगी रहे हैं। Page #11 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११ इस तरह अथक परिश्रम के द्वारा प्रस्तुत इस ग्रन्थ के प्रकाशन का सुयोग पाकर जैन विश्व भारती अत्यंत कृतज्ञ है। जैन विश्व भारती २६-६-८७ लाडनूं (राज.) श्रीचंद रामपुरिया कुलपति Page #12 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Page #13 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सम्पादकीय प्रस्तुत ग्रन्थ में नौ उपांग हैं-- १. पण्णवणा २. जंबुद्दीवपण्णत्ती ३. चंदपण्णत्ती ४. सूरपण्णत्ती ५. निरयावलियाओ ६. कप्पडिसियाओ ७. पुफियाओ ८. पुष्फचलियाओ ६. वण्हिदसाओ। उपांग बारह हैं । उवंगसुत्ताणि भाग ४ खण्ड १ में तीन उपांग प्रकाशित हैं। प्रस्तुत ग्रन्थ में शेष नौ उपांगों का मूल-पाठ पाठान्तरसहित सम्मिलित है। अंगसुत्ताणि की शब्दसूची एक स्वतन्त्र पुस्तक (आगम शब्दकोश) में मुद्रित है। पाठक और शोधकर्ताओं की सुविधा की दृष्टि से इस खण्ड में उपर्युक्त नौ आगमों की संयुक्त शब्दसूची संलग्न है। प्रस्तुत पुस्तक के प्रकाशन के साथ बत्तीस आगमों के प्रकाशन का कार्य सम्पन्न हो जाता है। इस आगम सुत्त ग्रन्थमाला के सात ग्रन्थ सम्पन्न हो रहे हैं:१. अंगसुत्ताणि भाग-१ आयारो, सूयगडो, ठाणं, समवाओ। २. अंगसुत्ताणि भाग-२ भगवई। ३. अंगसुत्ताणि भाग-३ नायाधम्मकहाओ, उवासमदसाओ, अंतगडदसाओ, अणत्तरोववाइयदसाओ, पण्हावागरणाई, विवागसुयं । ४. उवंगसुत्ताणि भाग-४, खण्ड १ ओदाइयं, रायपसेणियं, जीवाजीवाभिगमे । ५. उवंगसुत्ताणि भाग-४, खण्ड २ पण्णवणा, जंबुद्दीवपण्णत्ती, चंदपण्णत्ती, सूरपण्णत्ती, निरियावलियाओ, कप्पवडिसियाओ, पुफियाओ, पुप्फचूलियाओ, वहिदसाओ । ६. नवसुत्ताणि भाग-५ आवस्सयं, दसवेआलियं, उत्तरज्झयणाणि, नंदी, अणुओगदाराइं, दसाओ, कप्पो, ववहारो, निसीहझयणं । ७. आगम शब्दकोश (अंगसुत्ताणि शब्दसूची) इस मूलपाठ की ग्रन्थमाला के अन्तर्गत अन्य ग्रन्धों के सम्पादन का कार्य अभी चल रहा है। उनमें प्रकीर्णक, नियुक्ति और भाष्य सम्भावित हैं। विक्रम संवत् २०१२ (सन् १९५५) महावीर जयन्ती के दिन आचार्य श्री ने आगम-सम्पादन की घोषणा की। सम्पादन का कार्य उसी वर्ष चतुर्मास में प्रारम्भ हुआ । शुद्ध पाठ के बिना सम्पादनकार्य में अवरोध आए । तब पाठ-शोधन की ओर ध्यान गया। पाठ-शोधन का कार्य वि० सं० Page #14 -------------------------------------------------------------------------- ________________ * २०१४ (सन् १९५७) में प्रारम्भ हुआ । यह कार्य वि० सं० २०३७ (सन् १९८०) में सम्पन्न हुआ। इसका विवरण इस प्रकार है: दसवेमालिय उत्तरभयणाणि नंदी, अनुभोगवाराई ओवाइयं शयपसेणियं ठाणं समवाओ सूपगडो नायाधम्मक हाओ आयारो, आधारचूला उवासगदसाओ, अंतगडदसाको अनुत्तरोववाइयदसाओ विपाक पहावा गरणाई निरयावलियाओ भगवई पण्णवणा दसाओ, पज्जोसवणाकष्पो कप्पो ववहारो जीवाजीवाभिगमे जंबुद्दीपण्णत्ती निसीहज्भयणं चंदपण्णत्तो, वि० सं० २०१४ वि० सं० २०१६ वि० सं० २०१८ वि० [सं० २०१८ वि० सं० २०१८ वि० सं० २०१० वि० सं० २०१६ वि० सं० २०२० वि० [सं० २०२२ वि० सं० २०२६ वि० सं० २०२६ वि० [सं० २०२० वि० सं० २०२८ वि० [सं० २०२९ वि० [सं० २०३० वि० [सं० २०३१ वि० [सं० २०३२ वि० सं० २०३३ वि० [सं० २०३३ वि० सं० २०३४ वि० [सं० २०३५ वि० [सं० २०३५ वि० सं० २०३७ सूरपण्णत्ती आरब्ध होता है, वह उसी आकार सम्पादन का कार्य सरल नहीं है—यह उन्हें सुविदित है, जिन्होंने इस दिशा में कोई प्रयत्न किया है। दो-ढाई हजार वर्ष पुराने ग्रन्थों के सम्पादन का कार्य और भी जटिल है, जिनकी भाषा और भाव-बारा आज की भाषा और भाव-धारा से बहुत व्यवधान पा चुकी है। इतिहास की यह अपवाद-शून्य गति है कि जो विचार या आचार जिस आकार में में स्थिर नहीं रहता । या तो वह बड़ा हो जाता है या छोटा । ही परिवर्तन की कहानी है और कोई भी आकार ऐसा नहीं है, है परिवर्तनशील घटनाओं, तथ्यों, विचारों और आचारों के मनुष्य को असत्य की ओर ले जाता है । सत्य का केन्द्र बिन्दु यह है कि जो कृत है, वह सब परिवर्तन यह हास और विकास की कहानी जो कृत है और परिवर्तनशील नहीं प्रति अपरिवर्तनशीलता का आग्रह मील है। कृत या शाश्वत भी ऐसा क्या है वही है जिसकी सत्ता शाश्वत और परिवर्तन जहां परिवर्तन का स्पर्श न हो इस विश्व में जो है, वह की धारा से सर्वधा विभक्त नहीं है। Page #15 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १५ शब्द की परिधि में बंधने वाला कोई भी सत्य क्या ऐसा हो सकता है जो तीनों कालों में समान रूप से प्रकाशित रह सके ? शब्द के अर्थ का उत्कर्ष या अपकर्ष होता है भाषा-शास्त्र के इस नियम को जानने वाला यह आग्रह नहीं रख सकता कि दो हजार वर्ष पुराने शब्द का आज वही अर्थ सही है, जो आज प्रचलित है । 'पाषण्ड' शब्द का जो अर्थ आगम-ग्रंथों और अशोक के शिलालेखों में है, वह आज के श्रमण-साहित्य में नहीं है । आज उसका अपकर्ष हो चुका है । आगम साहित्य के सैकड़ों शब्दों की यही कहानी है कि वे आज अपने मौलिक अर्थ का प्रकाश नहीं दे रहे हैं। इस स्थिति में हर चिन्तनशील व्यक्ति अनुभव कर सकता है कि प्राचीन साहित्य के सम्पादन का काम कितना दुरूह है। मनुष्य अपनी शक्ति में विश्वास करता है और अपने पौरुष से खेलता है, अत: वह किसी भी कार्य को इसलिए नहीं छोड़ देता कि वह दुरूह है। यदि यह पलायन की प्रवृत्ति होती तो प्राप्य की सम्भावना नष्ट ही नहीं हो जाती किन्तु आज जो प्राप्त है, वह अतीत के किसी भी क्षण में विलुप्त हो जाता। आज से हजार वर्ष पहले नवांगी टीकाकार (अभयदेव सूरि) के सामने अनेक कठिनाइयां थीं। उन्होंने उनकी चर्चा करते हुए लिखा है : ---- १. सत् सम्प्रदाय (अर्थ बोध की सम्यक् गुरु-परम्परा) प्राप्त नहीं है। २. सत् ऊह (अर्थ की आलोचनात्मक कृति या स्थिति) प्राप्त नहीं है। ३. अनेक वाचनाएं (आगमिक अध्यापन की पद्धतियां) हैं। ४. पुस्तकें अशुद्ध हैं। ५. कृतियां सूत्रात्मक होने के कारण बहुत गंभीर है। ६. अर्थ विषयक मतभेद भी हैं । इन सारी कठिनाइयों के उपरान्त भी उन्होंने अपना प्रयत्न नहीं छोडा और वे कुछ कर गए। कठिनाइयां आज भी कम नहीं हैं । किन्तु उनके होते हुए भी आचार्यश्री तुलसी ने आगम-सम्पादन के कार्य को अपने हाथों में ले लिया। उनके शक्तिशाली हाथों का स्पर्श पाकर निष्प्राण भी प्राणवान बन जाता है तो भला आगम-साहित्य जो स्वयं प्राणवान् है, उसमें प्राण-संचार करना क्या बड़ी बात है ? बड़ी बात यह है कि आचार्य श्री ने उसमें प्राण-संचार मेरी और मेरे सहयोगी साधु-साध्वियों की असमर्थ अंगुलियों द्वारा कराने का प्रयत्न किया है। संपादन कार्य में हमें आचार्यश्री का आशीर्वाद ही प्राप्त नहीं है किन्तु मार्ग-दर्शन और सक्रिय योग भी प्राप्त है। आचार्यवर ने इस कार्य को प्राथमिकता दी है और इसकी परिपूर्णता के लिए अपना पर्याप्त समय दिया है। उनके मार्ग-दर्शन, चिन्तन और प्रोत्साहन का संबल पा हम अनेक दुस्तर धाराओं का पार पाने में समर्थ हुए हैं। पाठ सम्पादन-पद्धति पण्णवणा प्रज्ञापना के पाठ-शोधन में चार हस्त-लिखित आदर्श काम में लिए गए । आचार्य मलयगिरि की वत्ति का भी उसमें उपयोग किया गया। मुनि पूण्यविजयजी द्वारा सम्पादित प्रज्ञापना भी हमारे सामने रही। किन्तु हम किसी एक प्रति को आधार मानकर नहीं चलते। टीका की व्याख्या, अन्य आगम तथा शब्दों का अर्थ-ये सब पाठ-शोधन के महत्त्वपूर्ण आधार-बिन्दु रहे हैं। इसलिए हमारे सम्पादन में पाठ-शुद्धि के अनेक विशेष विमर्श उपलब्ध हैं। उदाहरण के लिए गण्ठी शब्द प्रस्तुत है : ."वत्थुल कच्छुल सेवाल गण्ठी"। यहां 'गण्ठी' पद अशुद्ध है । शुद्ध पाठ है 'गत्यी । पाठ-शोधन Page #16 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १६ में प्रयुक्त हस्तलिखित आदर्शों तथा मुनिश्री पुण्यविजयजी द्वारा सम्पादित आगमों में 'गण्ठी' पाठ ही उपलब्ध है। इस पाठ का शोधन जीवीजीवाभिगम और जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति के आधार पर किया गया है। इसके लिए प्रस्तुत आगम का ११३८ का पाद-टिप्पण द्रष्टव्य है। दुसरा उदाहरण है-.-'तिट्टाणवडिते' । इसके स्थान पर कुछ आदशों में 'चउट्ठाणवडिते' पाठ मिलता है। मुनिश्री पुण्यविजयजी ने भी 'चउट्ठाणवडिते' पाठ स्वीकार किया है। किन्तु हमने 'तिट्ठाणवडिते' पाठ वृत्ति के आधार पर मान्य किया है। इसका समर्थन पण्णवणा ५११५, ११६, की वृत्ति से होता है। प्रज्ञापनावृत्ति पत्र १९५-१९६ तथा पण्णवणा ५॥११५ का पाद-टिप्पण द्रष्टव्य है। जम्बद्वीपप्रज्ञप्ति इसके पाठ-शोधन में सात प्रतियों और तीन टीकाओं का उपयोग किया गया है। उपाध्याय शान्तिचन्द्र की वृत्ति तथा हीरविजय वृत्ति में अनेक पाठान्तर और उनकी टिषणियां मिलती हैं । देखें ---४११५६ का पाद-टिप्पण। यह पाठान्तर-बहुल आगम है। उपाध्याय शान्तिचन्द्र ने वाचना-भेद की विस्तृत चर्चा की है। उदाहरण के लिए ११२ का पाद-टिप्पण द्रष्टव्य हैं। कहीं-कहीं अशुद्ध पाठ के कारण व्याख्या भी अशुद्ध हुई है। देखें---४।४६ का पाद-टिप्पण । चन्द्रप्राप्ति और सूर्यप्रज्ञप्ति इनके पाठ-शोधन में पांच हस्तलिखित आदशों तथा चन्द्रप्रज्ञप्ति और सूर्यप्रज्ञप्ति की वृत्तियों का उपयोग किया गया है। एक आदर्श का क्वचित् प्रयोग किया गया है। चन्द्रप्रज्ञप्ति का पूर्ण रूप उपलब्ध नहीं है। उसका सूर्यप्रज्ञप्ति से जो भेद है वह एक परिशिष्ट में दिया गया है। कुछ हस्तलिखित आदर्श चन्द्रप्रज्ञप्ति के नाम से उपलब्ध हैं। उनके पाठ-भेद सूर्यप्रज्ञप्ति के पाद-टिप्पण में दिए हुए हैं। निरयावलिका निरयावलिका आदि पांच वर्गों के पाठ-शोधन में तीन हस्तलिखित आदशों तथा श्रीचन्द्रसूरिकृत वृत्ति का प्रयोग किया गया है। १. शान्तिचन्द्रीयवृत्ति पत्र ६७ : पाठान्तरं-वाचनाभेदस्तगतपरिमाणान्तरमाह-मूले द्वादश योजनानि विष्कम्भेन मध्येऽष्ट योजनानि विष्कम्भेन उपरि चत्वारि योजनानि विष्कम्भेन, अत्रापि विष्कम्भायामतः साधिकत्रिगुणं मूलमध्यान्तपरिधिमानं सूत्रोक्तं सुबोधं । अत्राह परः- एकस्य वस्तुनो विष्कम्भाविपरिमाणे द्वैरुप्यासम्भवेन प्रस्तुतग्रन्थस्य च सातिशयस्थविरप्रणीतत्वेन कथं नान्यतरनिर्णयः ? यदेव स्यापि ऋषभकटपर्वतस्य मूलादावष्टादियोजनविस्तृतत्वादि पुनस्तत्रैवास्य द्वादशादियोजनविस्तृतत्वादीति, सत्यं, जिनभट्टारकरणां सर्वेषां क्षायिकज्ञानवतामेकमेव मतं मूलतः पश्चात्तु कालान्तरेण विस्मृत्यादिनाऽयं वाचनाभेदः, यदुक्तं श्रीमलयगिरिसूरिभिज्योतिष्करण्डकवृत्तौ - "इह स्कन्दिलाचार्य प्रवृ (तिप) तौ दुषमानुभावतो दुभिक्षप्रवृत्त्या साधूनां पठनगुणनादिकं सर्वमप्यनेशत्, ततो दुभिक्षातिकमे सुभिक्षप्रवृत्तौ द्वयोः संघमेलापकोऽभवत्, तद्यथा---एको वलभ्यामेको मथुरायां, तत्र च सूत्रार्थसंघटने परस्परं वाचनाभेदो जातः, विस्मृतयोहि सूत्रार्थयोः स्मृत्वा संघटने भवत्यवश्यं वाचनाभेद" इत्यादि, ततोऽत्रापि दुष्करोऽन्यतरनिर्णयः द्वयोः पक्षयोरुपस्थितयोरनतिशायिज्ञानिभिरनभिनिविष्ट मतिभिः प्रवचनाशातनाभीरुभिः पुण्यपुरुरिति न काचिदनुपपत्तिः । Page #17 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १७ शब्दान्तर और रूपान्तर पण्णवणा श१४ १११४ ०२३ श२६ ११३५ ११३८ ११४८१४७ १९३४ २।१० २२१३ २।४० बैदियः तेंदिय ओसा वायमंडलिया अंकोल्ल कोरंटय बलिमोडओ वीइभयं पडीण तडागेसु चोट्ठि विसेसाहिया दाहिणेणं विभंगणाणीण अहेलोए अस्साता जहा मकसाई एगणवीस पणुवीस (क,ग) (क) (घ) (घ) (क,घ) (क,घ) (ख,म,प) (क) ३१ (क,ग,ध) (घ) (ख,ग) ३७ ३३१०२ ३।१२७ ३।१७४ ३।१८२ ३३१८३ ४।२५५ ४।२७५ ५॥५ ५१५ ५१५ बेइन्दिय तेइन्दिय उस्सा बाउमंडलिया अंकुल्ल कोरिटय (क); कोरेंट पलिमोडओ वीय भयं पयोण (क); पईण तलागेसु चोट्टि विसेसाधिया दक्खिणेणं विहंगणाणीण अहोलोए (ग); अधेलोए असाता जधा सकसादी एकूणवीसं (क,घ); एक्कूणवीस पंचवीसं (ख,घ); पणवीसं जइ (ख,ग,घ); जति मधुर अभइए (क); अब्भतिए 'पडिए मणसे बुढिजति एणठेणं अहिलावो उस्सण्ण आणवणी बिगे सतणं सरीरप्पभवा वोगड अन्वोगडा जदि (पु) (क,ख,घ) (क,ग,घ) अब्भहिए वडिए मणुस्से वढिज्जति एएणछेणं अभिलावो ओसण्ण आणमणी वगे सयण सरीरपहवा वोयड अव्वोयडा ५२१०१ ५.१७६ १२४२ ६।४६ ८८ १११६ ११०२१ १०२५ १११३० १०३७ (ख,घ) (ख,ग,घ) (क,ख,ग,घ) (क,ख,ग,घ) Page #18 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १८ ११३७ ११२७२ ११७५ १८४ ११५८८ ११३८८ १२२७ १२१७ १५१३५ आणमणी परिवड्ढमाणाई कदलीथं भाण णिसरति बिति भासज्जायं बद्धेल्लया मुक्केल्लया ओसप्पिणीहि अणागारो णग्गोह सादी पेहमाणे पेहति 'थिम्गले °ओवचए अहवेगे पच्चथिमिल्लं आयरियं सेयंसि माउलंगाण तिदुयाण इणछे समभिलोएमाणे PEO. १५१५० १५।५३ १५१५८ १६३१५ १६३३४ याणमणी परिवड्ढे माणाई (ख,घ) कदलीखंभाण णिस्सरति (ख); णिस्सिरति (ग); निसरति (घ) बीयं भासजाय बद्धिल्लया मुक्किल्लया (क,ख,ग,घ) अवसप्पिणीहि (म) अणायारो णिग्गोह साती पेहेमाणे पेहेति "थिग्गिले ओवचते (ख,ष) अहवेते पच्छिमिल्लं आयरितं से इंसि (क,ग) मातुलिंगाण तिडुयाण इणमढे (क); तिणठे (ख,घ) समभिलोतेमाणे (क,ध) हलहर (क,ग,घ) कयरसारए (ख,ग); कतरसारए बालेंदगोये बलाहते अपक्काणं (क,ख,घ) आगारभावमायाए (क,ग) वेए (क,ग); देते वयजोगी (ख,घ,पु) सकसादी (क); सकसाती सवणयाते (क,घ) धणुहपुहत्तं समाति (क,घ); सयाई (ग) (ग) कण्ह १६१५१ १६३५४ १६१५५ १६.५५ १७।२४ १७।१०६ १७१११६ १७।१२४ १७११२५ १७११२६ १७१२८ १७११३२ १७११५० १८१ १८.५६ १८१६४ २०१२८ २१२५ २११४७ २११६२ हलधर काइरसारे बालिदगोवे 'बलाहए अपिक्काणं आगारभावमाताए वेदे वइजोगी सकसाई सवणताए धणुपुहत्तं सगाई Page #19 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णियच्छति कडस्स णीयागोयस्स (ख,ग) (क,घ) खवए २३।३ २३३१३ २३२२२ २३३१६१ २८।४४ ३३११ ३३।१७ ३४।१ ३४।६ ३४/१५ अफासाइज्ज अपडिवाई सगाई परियाइयणया जाणंति सपरियारा निगच्छति (क,घ) निग्गच्छति कतस्स (क,घ); कयस्स णीतागोतस्स खमए अप्फासाइज्ज अपडिवादी सताई (क,घ) सयाति परियादिणया (ख); परियायणया याणंति सपरिचारा जंबुद्दीवपण्णत्ती (क,घ) (क,घ) (ख) (क,ख,ग,घ) (ख,ग) (अ,ख) श८ १११८ ११२३ श२६ श२८ ११४८ विच्छिण्णा °णउय घणुपट्टे पडोयारे पासिं दुहा विस्थिण्णा °णोत° धणुवढें (अ); धणुपुळं पडोगारे पस्सिं दुधा हिस्स उडू (त्रि); उऊ पडोकारे (त्रि,ब) (अ,त्रि,ब) (ख,स) (क,ख) (प) २१४ २।४ मेतिणि वेइगा यत्थ (अ,ब); एस्थ कधक २११४ २।१५ २२२० २।२० २१३२ २१७० २१७८ २।१३१ २११३३ २११३३ पडोयारे मेइणि वेइया इत्थ कहग 'हास वाकरेमाणाणं हाहाभूए वलीविगय टोलाकिति (त्रि,ब) (अ,ब) (क,ख,स) (अ,ख,ब) (म,ख,ब) (प) (अ,क,ख,ब,स) वागरमाणाणं हाहाब्भूते पलीविगय डोलाकिति (अ); डोलागिति टोलागित्ति (त्रि, स); टोलागति सीय उण्ह सीउण्ह २११३३ ३।३ जूय (प) (क,ख,त्रि,ब,स) (क,ख,प,स) (क,ख,प,स) (अ,ब) (अ,ब) ३।११ ३।११ पउसियाओ बब्बरी बहलि व उसीयाओ पप्परी पहलि Page #20 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २० कडिच्छुय (ख); °कडेच्छुय (अ,ब,स) °कडुच्छ्य दुखहइ बंभयारी (अ,त्रि,ब) दुरुढे ३।११ ३३२० ३१२० ३३२१ ३१२२ ३१२३ ३१२४ ३३२६ ३३३५ ३१३५ ३२३५ बोल 'बालचंद (स) (क,प,स) (क,ख) अंतवाले ° पट्टसंगहिय खिखिणी अयोझ पम्हचारी रूढे (अ); द्रुढे पोल °बालयंद 'तोंड अंतपाले (अ,त्रि,ब); अंतेवाले वसंगहिय किकिणी अजोझ (अ,ब); अओझं अवोझ सोतामणि (क); सोदामणि प्पकासं विस्सुतं (क,ख,स) (क,ख,प,म); (त्रि) (ख,स) (अ,क,ख,त्रि,ब,स) (क,स) ३१३५ ३३३५ ३१३५ ३१७७ ३.११७ ३।११७ ३।१३८ सोयामणि प्पगासं वीसुतं चिधपट्टे সিংহ चिंधवट्टे उऊण हिदय मरीई (त्रि) उदूण (अ,ख,ब); रिदूण (क ,स) हियय (अत्रि,प,ब); हितय' (क,स); हदय निहितो (अ,त्रि,ब); °निहओ (ख,स) अभिसेयपेढं गंठिम (त्रि,प) तिसोमाण (अ,ब) काकिणि (अ); कागिणि” (व); काकणि° (स) (अ,ब) पुवकड ३११७८ ३२१६४ ३।२११ ३।२१४ ३१२२० ३१२२१ ३।२२३ ४१३६ ४१५४ ४१५५ ४१७७ ४१८५ ४१८६ ४१८७ ४।६१ ४१४३ निहिओ अभिसेयपीढं गंथिम तिसोवाण कागणि पुवकय° ईहापोह बावट्टि हस्सतराए दक्खिणेणं हरिवासं संखतल' बायाले णिसहस्स सीतोदा विउत्तरे (त्रि) ईहापुह (अ,क,ख,स); ईहावूह (पुर्व) बासद्धि हस्सतराए दाहिणेणं हरिवस्सं (अ,प,ब) संखदल° (प,शाव,पुवृपा) पायाले (अ,ब) बायालीसे (त्रि) णिसअस्स सीओता (अ,ब); सीओदा (त्रि); सीओआ (प) पिउत्तरे Page #21 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४६६ ४।१०२ णिसढ हेमवय-हेरण्णवय दह ४११०३ ४।१०६ ४।१४० ४११४० ४११४२ ४११५७ ४।१८० ४२१० ४॥२३१ श२५ णीलवंतस्स सणिच्चारी उववायसभाए जमगाओ दस णियया परुप्परति सयज्जल पलासो घंटापडेसुया णिसभ° (अ,ब); णिसह (क,ख,स) हेमवएरण्णवय (क,ख,ब,स); हेमवय एरण्णवय (त्रि) णेलवंतस्स (अ,क,ख,ब,स) सणिच्चारी ओतावसभाए (क) जवगाओ (अ,ब); जमिगाओ (अ,क,ख,ब,स) णितिया (अ,क,ख,त्रि,ब,स) परोप्परति (अ,त्रि,ब) सयंजल (त्रि) वलास घंटापर्डेसुका (अ,ब); घंटापडिसुका (क,ख); घंटापडिस्सुया (त्रि); घंटापडंसुया गत्ताई (क,ख); गताई (ब) जाणु उड्ढंमुह (अ,ब); उद्धीमुह (क,ख,प) भावियाया अभिजिदाइया (अ,ब); अभिजादिया (क,स); अभिजादीया समणे (अ,ब) मगसिर अभिती (अ,ब,स); अभिवी (क,ख) पहस्सती (अ,ब); वहप्फई कत्तिकी (अ); कित्तिकी (ख,ब); कित्तिगी (स) आसिणी लांगूलाणं १५८ १५८ ७.३१ ७.१२२ ७:१२६ गायाई जण्णु उड्ढीमुह भावियप्पा अभिजियाइया ७।१२८ ७.१२८ ७।१२६ ७/१३० ७:१५५ ७।१५६ ७.१७८ सवणो मियसर अभिई वहस्सई कत्तिगी अस्सिणी गंगूला सूरपण्णतो (ग,घ) (ट) इहगतस्स चउरुत्तरे पिहला पोग्गला ओयसंठिती ओयाए रयणिखेत्तस्स इदगतस्स चउत्तरे पिधुला (क); पुहुलो पुग्गला तोतसंठिती ओताए रतणिखेत्तस्स (क,ग,प); रातिखेत्तस्स (ट,व) (ट) Page #22 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २२ १०१२ १०१५ १०१७ १०१० १०७७ १०७८ १०७६ १०८७ १०1८६ १०११३६ १०११४७ १०.१७३ १४१२ १॥३१ १८१३४ २०११ २०१२ सदा वयं....वदामो सवणे सायं आसोई अमोइण्णं आदिच्चेहि बम्ह सवणे बितिया दुविहा तिही पातो उवाइणावेत्ता सयावि कहं अहियं मेहणवत्तियं अहे वइयरिए सता (ग,घ,ट,) वतं....वतामो (ब) समणो (ग,घ) साग अस्सोती अस्सोदिपण आतिच्चे हि (व) बंभ (क,ग,घ) समणे (ट,व) बिदिया दुविधा तिधी पादो (क,घ,व) उवादिणावेत्ता (क,ग,घ); उवातिणावेत्ता (ट,व) सताधि (क,ग,घ,ब); सदावि (ग) कधं (क,ग,घ) अधियं (क,ग,घ); अहितं मेधुणवत्तियं (क) वतिचरिए अधो निरयावलियाओ अण्णया जणवदं ऊसए पिइसोएणं पट्टे अंदोलावेइ निच्छुहावेद लेच्छा सुब्धयाओ (ग) ११४२ ११६६ ११७२ १९९१ श६७ १९६७ १२११७ १११२७ ३।११५ ३११३४ ४१६ ४१२१ ५२६ ५११० (क) अण्णदा (क); अण्णता जणवयं ऊसवे पितसोएण प्पिळे (क); पुढे अंदोडावेइ निच्छुभावेइ लेच्छती सुब्वदाओ जुवलं (ख); जुगलं तिट्ठा "पाओसिया सव्वोय आधेवच्चं (क) जुयल इट्ठा (ग) 'बाओसिया सव्वोउय आहेबच्च (क,ग) (क,ग) Page #23 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २३ पण्णवणा प्रति-परिचय (क) पण्णवणा मूलपाठ (हस्तलिखित) यह प्रति पूनमचन्दजी बुधमलजी दूघोड़िया 'छापर' के संग्रहालय की है। इसकी पत्र संख्या ३०२ है ! इसकी लम्बाई १० इन्च व चौड़ाई ४॥ इन्च है। लगभग प्रत्येक पत्र में ११ पंक्तियां व प्रत्येक पंक्ति में ३३ से ४१ अक्षर हैं। प्रति सुन्दरतम व शुद्ध है। यह प्रति लगभग १५ वीं शताब्दी की लिखी हई है। प्रति के अन्त में केवल ग्रन्थान ७७८७ लिखा हआ है। (ख) पण्णवणा टब्बा (हस्तलिखित) यह प्रति जैन विश्व भारती हस्तलिखित ग्रंथालय, लाडनूं की है। इसमें मूल पाठ तथा स्तबक लिखा हआ है । इसकी पत्र संख्या ४६५ है। इसकी लम्बाई ॥ इंच तथा चौड़ाई ४ इंच है। प्रत्येक पत्र में भूल पाठ की पंक्तियां ७ व प्रत्येक पंक्ति में ३५ से ३६ अक्षर हैं । प्रति अति सुन्दर लिखी हई है। प्रति के अन्त में प्रत्यक्षरगणनया अनुष्ठपच्छंद: समानमिदं ग्रन्थानं ७७८७ प्रमाण' लिखा हुआ है । आगे स्तबककर के ६ श्लोक हैं । संवत् १७७८ वर्षे फाल्गुन मासे शुक्ल पक्षे प्रतिपदा तिथी रविवारे पंडित ईश्वरेण लिपी चके श्री वेन्नातट नगर मध्ये..... श्री रस्तु कल्याणमस्तु: शुभ भूयाल्लेषक पाठकयोः । (ग) पण्णवणा त्रिपाठी (हस्तलिखित) मलपाठ सहित वृत्ति ___ यह प्रति हमारे संघीय हस्तलिखित ग्रंथ-भंडार 'लाडनूं' की है। इसमें मध्य में मूल पाठ व ऊपर नीचे वृत्ति लिखी हुई है। इसकी पत्र संख्या ४४८ है। इसकी लम्बाई ६।। इंच तथा चौड़ाई ४॥ इंच है। प्रत्येक पत्र में मूल पाठ की पंक्तियां १ से १६ तक है। कुछ पत्रों में केवल वृत्ति ही है। प्रत्येक पंक्ति में ३७ से ४५ तक अक्षर हैं । ग्रंथान मूल पाठ ७७८७ तथा वृत्ति का ग्रन्याय १६००० । प्रति सुन्दर व शुद्ध है । लगभग १७ वीं शताब्दी की प्रति होनी चाहिए। (घ) पण्णवणा मूलपाठ (हस्तलिखित) ___ यह प्रति श्रीचन्दजी गणेशदास जी गधैया संग्रहालय 'सरदारशहर' की है। इसकी पत्र संख्या १३८ है। इसकी लम्बाई १३॥ इंच तथा चौड़ाई ५ इंच है। प्रत्येक पत्र में बीच में तथा हासिए के बाहर चित्र सा किया हुआ है। प्रत्येक पत्र में १५ पंक्तियां तथा प्रत्येक पंक्ति में ६० से ६५ के लगभग अक्षर है । प्रति सुन्दर तथा शुद्ध है । यह १६ वीं शताब्दी की लिखी हुई प्रतीत होती है । ग्रंथानं ७७८७ के सिवाय अन्त में कुछ लिखा हुआ नहीं है। (गव) 'ग' संकेतित प्रति में लिखित वृत्ति के पाठान्तर (व) हस्तलिखित वृत्ति यह प्रति श्रीचन्द गणेशदास गधया 'सरदारशहर' की है। इसकी पत्र संख्या १५६ । लिपि संवत् १५७७ । वैशाख शुक्ला १० । (मवृ) मलयगिरि वृत्ति --प्रकाशक आगमोदय समिति (मवृपा) मलयगिरि द्वारा गृहीत पाठान्तर (हव) श्री हरिभद्र सूरि सूत्रित प्रदेश व्याख्या संकलितं प्रकाशक श्री ऋषभदेव केशरीमलजी रतलाम पूर्व भाग पद ११! Page #24 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २४ जंबद्दीवपण्णत्ती प्रति-परिचय (अ) जंबुद्दीवपण्णत्ती मूलपाठ (हस्तलिखित) यह प्रति जेसलमेर मंडार की ताडपत्रीय (फोटोप्रिंट) मदनचन्द जी गोठी सरदारशहर द्वारा प्राप्त है। इसके पत्र १६४ और पृष्ठ ३२८ हैं। प्रत्येक पत्र में २ से ६ तक पंक्तियां है। कहीं-कहीं पंक्तियां अधूरी लिखी हुई हैं। प्रत्येक पंक्ति में अक्षर ३० से ३५ तक हैं। अन्त में ग्रंथान ४१४६ इतना ही लिखा हुआ है । इसके साथवाली प्रति के आधार पर यह प्रति १४ वीं शती की होनी चाहिए। (ब) जंबुद्दीवपण्णत्तो मूलपाठ (हस्तलिखित) __यह प्रति जेसलमेर भंडार ताडपत्रीय (फोटोप्रिन्ट) मदनचन्दजी गोठी 'सरदारशहर' द्वारा प्राप्त है। इसके पत्र ६७ व पृष्ठ १६४ हैं। प्रत्येक पत्र में २ से ६ तक पंक्तियां हैं। प्रत्येक पंक्ति में ४७ से ५० तक अक्षर हैं। लिपि सं० १३७८ लिखा हुआ है। (स) जंबुद्दोवपण्णत्ती मूलपाठ (हस्तलिखित) यह प्रति जेसलमेर मंडार पत्राकार (फोटोप्रिन्ट) मदन चन्दजी गोठी 'सरदारशहर' द्वारा प्राप्त है। इसके पत्र ४६ व पृ. ६२ हैं। प्रत्येक पत्र में २० पंक्तियां हैं। प्रत्येक पंक्ति में ७० से ७४ तक अक्षर हैं। लिपि सं. १६४६ लिखा हुआ है। प्रति बहत महीन लिखी हुई है। (क) जंबुद्दीवपण्णत्तो मूलपाठ (हस्तलिखित) पत्र संख्या ७३ श्रीचंद गणेशदास गधया संग्रहालय (सरदारशहर) (ख) जंबुद्दीवपण्णत्तो मूलपाठ (हस्तलिखित) यह प्रति जैन विश्व भारती हस्तलिखित ग्रंथालय 'लाडनूं' की है। इसके पत्र १०१ व पृष्ठ २०२ हैं। प्रत्येक पत्र में १३ पंक्तियां व प्रत्येक पंक्ति में ५० से ५५ तक अक्षर हैं। प्रति प्राचीन व सुंदर लिखी हुई है। लिपि संवत् नहीं है । (ग) जंबुद्दोवपण्णत्ती त्रिपाठी, मूलपाठ व वृत्ति (हस्तलिखित) यह प्रति जैन विश्व भारती हस्तलिखित ग्रन्थालय 'लाइन' की है। इसके पत्र ३५८ व पृष्ठ ७१६ है। प्रति के मध्य में मूलपाठ व ऊपर नीचे टीका लिखी हुई है। लिपि संवत् १९१३ अंकित है । प्रति सुंदर लिखी हुई है। इसके ६६-७० दो पत्र प्राप्त नहीं हैं। (होवृ) हीरविजयसूरि विरचित वृत्ति त्रिपाठी (हस्तलिखित) (हीवृपा) हीरविजय सूरि द्वारा गृहीत पाठान्तर यह प्रति शासन ग्रंथ भंडार 'लाडनू' की है। इसकी पत्र संख्या ५८२ है । बीच में मूलपाठ व ऊपर नीचे वृत्ति लिखी हुई है । लिपि संवत् १६१६ । (पुव) खरतरगच्छीय जिनहंसगणि शिष्य महोपाध्याय पुण्यसागर विरचित वृत्ति (हस्तलिखित) (पुवृपा) पुण्यसागर द्वारा गृहीत पाठान्तर यह प्रति श्रीचन्द गणेशदास गधैया संग्रहालय 'सरदारशहर' की है। इसके पत्र २४३ व पृष्ठ Page #25 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २५ ४८६ हैं । लिपि सं. १५७५ । प्रति सुन्दर लिखी हुई है। (शाव) तपागच्छीय होरविजयसूरि परशिष्य शान्त्याचार्य विरचित वृत्ति (हस्तलिखित) यह प्रति श्रीचन्द गणेशदास गधैया संग्रहालय 'सरदारशहर' की है। लिपि सं. १५५१ (शावृपा) शान्त्याचाय द्वारा गृहीत पाठान्तर सूरपण्णत्तो प्रति-परिचय (क) सूरपण्णत्ती मूल यह प्रति लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्यामंदिर 'अहमदाबाद' की है। इसकी क्रमांक डा. २-५७ है। इसकी लम्बाई-चौड़ाई १२ 11 x ५ इंच है। इसकी पत्र संख्या ६२ है । प्रथम पत्र नहीं है। प्रत्येक पत्र में १३ पंक्ति के प्रत्येक पंक्ति में ४८ से ७० तक अक्षर हैं। प्रति सुन्दर व सुवाच्य है। प्रति के बीच में हरी व लाल स्याही से चित्र-चित्रण किया हुआ है। लिपि संवत नहीं दिया है। परन्तु प्रति प्राचीन है लगभग १७ वीं शताब्दी की होनी चाहिए। प्रति के अन्त में प्रशस्ति के २५ श्लोक प्राकृत में लिखे हुए हैं। (ग) सूरपण्णत्ती मूल नंबर ६० (हस्तलिखित) यह प्रति भी पूर्व उल्लिखित 'अहमदाबाद' की है। इसकी पत्र संख्या ८७ व इसकी लम्बाई चौड़ाई १०॥४४इंच है। प्रत्येक पत्र में ११ पंक्तियां हैं। प्रत्येक पंक्ति में अक्षर ३३ से ४१ तक है । प्रति की लिपि सुन्दर है पर अशुद्धि बहुल प्रति है । लिपि सं. १५७० । (घ) सूरपण्णत्ती मूल नम्बर ६०७ (हस्तलिखित) यह प्रति लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्यामंदिर 'अहमदावाद' की है। इसकी पत्र संख्या ६६ व इसकी लम्बाई चौड़ाई १०४४ इंच है। प्रत्येक पत्र में १३ पंक्तियां है। प्रत्येक पंक्ति में अक्षर ३४ से ४२ तक हैं । प्रति की लिपि सुंदर पर अशुद्धि बहुल है। लिपि सं. १६७३ है। ___ उपर्युक्त तीनों प्रतियों के बीच में बावड़ी है। (सूवृ) सूरपण्णत्तो टोका नं. ४८ यह प्रति लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्यामंदिर, 'अहमदावाद' की है। इसकी लम्बाई चौडाई १२॥१४५ इंच है। पत्र संख्या २२४ है। प्रत्येक पत्र में १३ पंक्तियां व प्रत्येक पंक्ति में ४४-६० अक्षर हैं। प्रति सुन्दर व स्पष्ट लिखी हुई है। लिपि संम्बत् १५७४ है। चन्द्रप्रज्ञप्ति प्रति-परिचय (क) चंदपण्णत्ती मूल नं. ६०० (हस्तलिखित) यह प्रति भी लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्यामंदिर 'अहमदावाद' की है। इसकी पत्र संख्या ६८ व इसकी लम्बाई चौड़ाई १०1४ ४ । इंच है। प्रत्येक पत्र में ११ पंक्तियां व प्रत्येक पंक्ति में ३२ से ४१ तक अक्षर है । यह प्रति भी सुन्दर है पर अशुद्धि बहुल है। इसमें पत्र के बीच में बावडी है। लिपि संवत् १५७० है। Page #26 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २६ (चंव) चंदपण्णत्ती टोका (हस्तलिखित) यह प्रति हमारे संघीय हस्तलिखित भण्डार 'लाडन' की है इसकी पत्र संख्या १७६ है। इसकी लम्बाई-चौड़ाई १०४४॥ इच की है। प्रत्येक पत्र में पंक्ति ६ व प्रत्येक पंक्ति में अक्षर ५० करीब है। प्रति सुन्दर है । लिपि संवत् १७६२ । (2) चंदपण्णत्ती टब्बा (हस्तलिखित) जैन विश्व भारती लाडनूं हस्तलिखित ग्रंथालय ! पत्र ५७ । निरयावलियाओ प्रति-परिचय (क) निरयावलियाओ मूलपाठ (हस्तलिखित) यह प्रति जेसलमेर भंडार की ताडपत्रीय (फोटोप्रिन्ट) मदनचन्दजी गोठी 'सरदारशहर' द्वारा प्राप्त है । इसके पत्र २५ व पृष्ठ ५० हैं। फोटो प्रिंट के पत्र है । एक पत्र में ६ पृष्ठों के फोटो है। किसी में न्यूनाधिक भी है । प्रत्येक पत्र १२ इंच लम्बा व ३ इंच चौड़ा है। प्रत्येक पृष्ठ में पाठ की पांच पंक्तियां हैं, किसी पत्र में दो-दो तीन-तीन पंक्तियां भी हैं। कहीं-कहीं पंक्तियां अधूरी भी हैं । प्रत्येक पंक्ति में करीब ४५ से ५० तक अक्षर है। प्रति के अंत में प्रशस्ति नहीं है। (ख) निरयावलियाओ मूलपाठ (हस्तलिखित) यह प्रति श्रीचन्द गणेशदास गधया पुस्तकालय 'सरदारशहर' की है। इसके पत्र १६ तथा पृष्ठ ३८ हैं । प्रति १३३ इंच लम्बी व ५ इंच चौड़ी है। प्रत्येक पत्र में १५ पंक्तिया तथा प्रत्येक पंक्ति में करीब ७१ से ७५ तक अक्षर हैं । प्रति काली स्याही से लिखी हुई है। प्रति के मध्य भाग में बावड़ी व उसके बीच में लाल स्याही का टीका लगा हुआ है। लेखन संवत् नहीं है। परन्तु उसके साथ की प्रति के आधार पर अनुमानित १६ वीं शताब्दी की है। प्रति सुंदर, स्पष्ट तया शुद्ध लिखी हुई है। (ग) निरयावलियाओ टब्बा (हस्तलिखित) यह प्रति जैन विश्व भारती हस्तलिखित ग्रन्थालय, लाडनूं की है। इसके पत्र ६३ तथा पृष्ठ १२६ है। प्रत्येक पत्र में पाठ की ७ पंक्तियां तथा प्रत्येक पंक्ति में अक्षर करीब ३५ से ४५ तक हैं। यह प्रति १०३ इंच लम्बी तथा ४३ इंच चौड़ी है । लिपि सं० १८३३ । (ब) निरयावलियाओ वृत्ति (हस्तलिखित) यह प्रति श्रीचन्द गणेशदास गधया पुस्तकालय 'सरदारशहर' की है। इसके पत्र हैं। यह १३३ इंच लंबी ५ इंच चौड़ी है । लिपि संम्वत् १५७५ है । (मव) मुद्रित वृत्ति ____ए. एस. गोपाणी एण्ड वी. जे. चोकसी। प्रकाशित-शंभूभाईजगसीशाह, गुर्जर ग्रन्थरल कार्यालय, गांधी रोड़ अहमदाबाद प्रकाशन १९३४ । सहयोगानुभूति जैन परम्परा में वाचना का इतिहास बहत प्राचीन है। आज से १५०० वर्ष पूर्व तक आगम Page #27 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २७ की चार वाचनाएं हो चुकी हैं । देवद्धि गणि के बाद कोई सुनियोजित आगम-वाचना नहीं हुई। अनेक वाचना-काल में जो आगम लिखे गए थे, वे इस लम्बी अवधि में बहुत ही अव्यवस्थित हो गए हैं। उनकी पुनर्व्यवस्था के लिए आज फिर एक सुनियोजित वाचना की अपेक्षा थी। आचार्य श्री तुलसी ने सुनियोजित सामूहिक बाचना के लिए प्रयत्न भी किया था। परंतु वह पूर्ण नहीं हो सका । अन्तत हम उसी निष्कर्ष पर पहुंचे कि हमारी वाचना अनुसंधानपूर्ण, गवेषणापूर्ण, तटस्थ दृष्टि-समन्वित तथा सपरिश्रम होगी तो वह अपने आप सामूहिक हो जाएगी। इसी निर्णय के आधार पर हमारा यह आगमवाचना का कार्य आरंभ हुआ। हमारी इस वाचना के प्रमुख आचार्य श्री तुलसी हैं। वाचना का अर्थ अध्यापन है। हमारी इस प्रवृत्ति में अध्यापन कर्म के अनेक अंग हैं .. पाठ का अनुसंधान, भाषान्तर, समीक्षात्मक अध्ययन, तुलनात्मक अध्ययन आदि-आदि। इन सभी प्रवृत्तियों में हमें आचार्य श्री का सक्रिय योग, मार्ग-दर्शन और प्रोत्साहन प्राप्त है। यही हमारा गुरुतर कार्य में प्रवृत होने का शक्ति-बीज है । मैं आचार्यश्री के प्रति कृतज्ञता ज्ञापन कर भार मुक्त होऊ, उसकी अपेक्षा अच्छा है कि अग्रिम कार्य के लिए उनके आशीर्वाद का शक्ति-संबल पा और अधिक भारी बनूं । प्रस्तुत पुस्तक के अन्तर्गत नौ उपांगो के पाठ-शोधन में मुनि सुदर्शनजी, मुनि हीरालालजी, का पर्याप्त योग रहा है। पण्णवणा में मुनि बालचंदजी, निरयावलियाओ में मुनि मधुकरजी का भी योग रहा है। प्रतिलिपि शोधन में स्व. मन्नालालाजी बोरड़ भी इसमें सहयोगी रहे हैं। पष्णवणा की शब्दसूची मुनि श्रीचन्द जी, जंबुद्दीवपण्णत्ती, सूरपण्णत्ती, चंदपण्णत्ती की मुनि सुदर्शन जी तथा निरयावलियाओ की मुनि हीरालालजी ने तैयार की है। इस ग्रन्थ के प्रथम परिशिष्ट व इसका ग्रन्थ परिमाण मुनि हीरालाल जी ने तैयार किया है। पण्णवणा व जंबुद्दीवपण्णत्ती की शब्दसूची में क्रमश: साध्वी जिनप्रभाजी व साध्वी चन्दनबालाजी का भी योग रहा है। प्रूफ निरीक्षण में मुनि सुदर्शनजी, मुनि हीरालालजी. मुनि दुलहराजजी तथा समणी कुसुमप्रज्ञा संलग्न रही है। कहीं मुनि विमलकुमारजी, मुनि सम्पतमलजी भी सहयोगी रहे हैं । पाठ के पुननिरीक्षण के समय मुनि हीरालालजी विशेषतः संलग्न रहे हैं । __ आगम बत्तीसी के पाठ-सम्पादन कार्य में नामोल्लेख के अतिरिक्त जिनका यत्किञ्चित् योग रहा है, उन सबके प्रति हम कृतज्ञता वा भाव व्यक्त करते हैं। सम्पादन कार्य में संघीयभंडार के अतिरिक्त एल० डी० इन्स्टीट्यूट अहमदाबाद, श्रीचंद गणेशदास गधैया पुस्तक भंडार सरदाशहर, तेरापंथी सभा सरदारशहर, पूनमचंद बुद्ध मल दूधोडिया छापर, घेवर पुस्तकालय सुजानगढ़, जैन विश्व भारती ग्रंथालय लाडनूं , जेसलमेर भंडार, इन सब संस्थानों से प्राप्त हस्तलिखित आदर्शों का हमने प्रयोग किया। मुनिश्री पुण्यविजयजी ने 'नन्दी' की संशोषित प्रति भी हमें उपलब्ध कराई थी। इन सबका योग हमारे कार्य में मूल्यवान बना। आचार्य श्री के वाचना-प्रमुखत्व में आगम-वाचना का जो कार्य प्रारंभ हुआ था उसका एक पर्व संशोधित पाठयुक्त आगम बत्तीसी के साथ सम्पन्न हो रहा है । बत्तीस आगमों का संशोधित पाठ पहली बार विद्वान् पाठकों के लिए सुलभ हो रहा है । यह हमारे लिए उल्लास का विषय है। Page #28 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २९ वि. सं. २०१२ उज्जैन में आगम-सम्पादन का कार्य प्रारंभ हुआ। उसी वर्ष प्रायः बत्तीस आगमों की शब्द सूचियां तैयार हो गई। इस कार्य में अनेक साधु और साध्वियां संलग्न हुए । चारचार या तीन-तीन साधु-साध्वियों के वर्ग बने और उन्होंने इस कार्य को शीघ्रता से सम्पन्न किया । मुनि चौथमलजी, सोहनलालजी (चूरू) जैसे प्रौढ़ सन्त इस कार्य में लगे, वहां उनके सहयोगी के रूप में छोटे-छोटे साधु भी जुट गए। एक अभियान जैसा कार्य चला और सब में एक नयी भावना जागृत हो गई । पहले पाठ-शोधन नहीं हुआ था इसलिए उनका पूरा उपयोग नहीं हो सका। शब्द-सूचियां फिर से बनानी पड़ी, किन्तु जो काम हुआ वह अत्यंत श्लाघनीय है। इस सम्पादन की एक उल्लेखनीय बात यह है कि यह सारा कार्य साधु-साध्वियों के द्वारा ही सम्पादित हुआ, किसी गृहस्थ विद्वान् का इसमें योग नहीं रहा । आचार्यश्री का नेतृत्व और तेरापंथ धर्मसंघ का संगठन ही इसके लिए श्रेयोभागी बनता है। आगमविद् और संपादन के कार्य में सहयोगी स्व. श्री मदनचंदजी गोठी को इस अवसर पर विस्मृत नहीं किया जा सकता । यदि वे आज होते तो इस कार्य पर उन्हें परम हर्ष होता। आगम के प्रबन्ध सम्पादक श्री श्रीचन्दजी रामपुरिया (कुलपति, जैन विश्व भारती) प्रारंभ से ही आगम कार्य में संलग्न रहे हैं। आगम साहित्य को जन-जन तक पहुंचाने के लिए वे कृत-संकल्प और प्रयत्नशील हैं। अपने सुव्यवस्थित वकालात कार्य से पूर्ण निवृत्त होकर वे अपना अधिकांश समय आगम-सेवा में लगा रहे हैं। जैन विश्व भारती के अध्यक्ष खेमचंदजी सेठिया और मंत्री श्रीचंद बैंगानी का भी इस कार्य में योग रहा है। संपादकीय और भूमिका का अंग्रेजी अनुवाद डा. नथमल टाटिया ने तैयार किया है। एक लक्ष्य के लिए समान गति से चलने वालों की सम प्रवृत्ति में योगदान की परम्परा का उल्लेख व्यवहारपूर्ति मात्र है। वास्तव में यह हम सबका पवित्र कर्तव्य है और उसी का हम सबने पालन किया है। अणुव्रत भवन (दिल्ली) २२ अक्टूबर, १९८७ युवाचार्य महाप्रज्ञ Page #29 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भूमिका पण्णवणा नाम-बोध प्रस्तुत ग्रन्थ में नौ उपांग हैं। उसमें पहला है पण्णवणा (प्रज्ञापना)। इसमें जीव और अजीव इन दो तत्त्वों का विस्तार से प्रज्ञापन किया गया है। इसके प्रथम पद का नाम प्रज्ञापना है। संभवतः इस आदि पद के कारण ही इसका नाम प्रज्ञापना रखा गया है। प्रज्ञापना का एक कार्य प्रश्नोत्तर के माध्यम से तत्त्व का प्रतिपादन करना है। प्रस्तुत आगम में प्रश्नोत्तर के द्वारा तत्त्व का प्रतिपादन किया गया है। इसलिए भी इसका नाम प्रज्ञापना हो सकता है। प्रारंभिक गाथाओं में इस आगम को "अध्ययन" भी कहा गया है। इससे प्रतीत होता है कि इसका एक नाम 'अध्ययन" रहा है। इसका संबंध दृष्टिवाद (बारहवें अंग) से है इसलिए इसे दृष्टिवाद का नि:स्यन्द या सार कहा गया है। विषयवस्तु प्रस्तुत आगम के ३६ पद हैं। उनमें जीव और अजीव के विभिन्न पर्यायों का प्रतिपादन किया गया है । यह तत्त्व-विद्या का अर्णव-ग्रन्थ है । इसके अध्ययन से भारतीय तत्त्व-विद्या के गहन स्वरूप को समझा जा सकता है । प्रथम पद में वनस्पति जीवों के दो वर्गीकरण उपलब्ध हैं:--प्रत्येकशरीरी और साधारणशरीरी ।' साधारणशरीरी का चित्र समाजवाद का ऐसा अनूठा चित्र है जिसकी मनुष्यसमाज में कल्पना नहीं की जा सकती। इसमें आर्य और म्लेच्छ का विशद वर्णन है।। प्रस्तुत आगम तत्त्व-ज्ञान का आकर-ग्रन्थ है। भगवती अंगप्रविष्ट आगम है और यह उपांग कोटि का आगम है। ये दोनों तत्त्व-ज्ञान की दृष्टि से परस्पर जुड़े हुए हैं। देवधिगणी ने भगवती में प्रज्ञापना के अधिकांश भाग का समावेश किया है। वहां बार-बार "जहा पण्णवणाए" का उल्लेख है। प्रस्तुत आगम के प्रत्येक पद में गूढ़ तत्त्वों की एक व्यूह-रचना सी उपलब्ध है। इसमें लेश्या और कर्म के विषय में अनेक महत्त्वपूर्ण सूत्र मिलते हैं। नन्दीसूत्र में आगमों के दो वर्गीकरण किए गए हैं ...अंगप्रविष्ट और अंगबाह्य । अंगबाह्य के दो प्रकार हैं .- आवश्यक और आवश्यकव्यतिरिक्त । आवश्यकव्यतिरिक्त के फिर दो प्रकार बतलाए गए है -कालिक और उत्कालिक । प्रस्तुत आगम अंगबाह्य, आवश्यकव्यतिरिक्त और उत्कालिक है।' नंदी में अंग और अंगबाह्य के संबंध की कोई चर्चा नहीं है । आगम-व्यवस्था के उत्तरकाल में अंग और १. पण्णवणा, गा०२ २. वही, , ३ ३. वही, ११३२ ४. नन्दी, ७३-७७ Page #30 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३० अंगवाह्य की संबंध योजना निर्धारित की गई। उसके अनुसार प्रज्ञावना समवायांग का उपांग है यह सम्बन्ध योजना किस आधार पर की गई, यह अन्वेषण का विषय है । यदि प्रज्ञापना को “भगवती” का उपांग माना जाता तो अधिक बुद्धिगम्य होता । रचनाकार और रचनाकाल प्रस्तुत आगम " दृष्टिवाद" का निःस्यन्द है, इस उक्ति से यह अनुमान किया जा सकता है कि इसका विषय "वृष्टिवाद" से संग्रहीत किया गया है। इसके रचनाकार आर्यश्याम है।' वे सुधर्मा स्वामी के तेवीस पट्टधर थे वे वाचकवंश की परंपरा के शक्तिशाली वाचक थे उनका अस्तित्व । । काल वीर निर्वाण की चौथी शताब्दी है । प्रस्तुत आगम का रचनाकाल वीर निर्वाण के ३३५ से ३७५ के बीच का संभव है । नंदी में महाप्रज्ञापना का उल्लेख किया गया है । वह अभी अनुपलब्ध है । महाप्रज्ञापना और प्रज्ञापना दोनों स्वतंत्र हैं। प्रज्ञापना महाप्रज्ञापना का अवतरण है अथवा इसमें कोई नया विषय है, यह निश्चयपूर्वक नहीं कहा जा सकता । बारह उपांगों में प्रज्ञापना का एक विशिष्ट स्थान है । इससे प्रतीत होता है कि इसका रचनाकाल वह है जब पूर्वो की विस्मृति हो रही थी और उसके अवशिष्ट अंशों की स्मृति शेष थी। वैसे ही समय में "पखण्डागम" की रचना हुई थी। शेष उपांग प्रज्ञापना की रचना के उत्तरकाल में लिखे गए थे। उनकी विषयवस्तु के आधार पर यह संभावना की जा सकती है उमास्वाति का अस्तित्व काल वीर निर्वाण की पांचवी शताब्दी है। उन्होंने तत्वार्थ सूत्र में "आर्या म्लेच्छाश्च" सूत्र लिया है। उसका आधार प्रज्ञापना का पहला पद हो सकता है। वहां जो आर्य और म्लेच्छ की स्पष्ट अवधारणा एवं परिभाषा है वह अन्यत्र उपलब्ध नहीं है । इस आधार पर इसका रचनाकाल उमास्वाति से पूर्ववर्ती है। व्याख्या ग्रंथ प्रस्तुत आगम के व्याख्याग्रंथ अनेक हैं। सबसे पहला ग्रन्थ हरिभद्रसूरि का है। व्याख्याप्रन्य की तालिका इस प्रकार है: व्याख्या ग्रंथ १. प्रदेशव्याख्या २. तृतीय पद संग्रहणी ३. विति ४. अभयदेवसूरिकृत तृतीयपद संग्रहणी अवचूर्णि ५. वृत्ति ग्रन्थाग्र ३७२८ १३३ १४५०० ग्रन्थकर्ता हरिभद्रसूरि अभयदेवसूरि मलयगिरि कुलमण्डनगणी अज्ञात समय (वि० सं०) ८ वीं शताब्दी १२ वीं शताब्दी १. प्रज्ञापमा वृ० प० ४७१. आश्यामो यदेव प्रन्थान्तरेषु आसालिगा प्रतिपादकं गौतमप्रश्न भगवन्निर्वचनरूपं सूत्रमस्ति तदेवागम बहुमानतः पठति । प्रज्ञापना, वृ० प० ७२ – भगवान् आर्यश्यामोऽपि इत्थमेव सूत्रं रचयति ।" २. तत्वार्थ सूत्र ३०३६ का पूर्वार्ध १३ वीं शताब्दी १५ वीं शताब्दी Page #31 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३१ ६. वनस्पति सप्ततिका अथवा मुनिचन्द्र १२ वीं शताब्दी वनस्पति विचार ७. अवचूरी पद्मसूरि ८. बालावबोध धनविमल अनुमानित १७ वीं शताब्दी १. बालावबोध जीवविजय १७८४ १०. स्तबक परमानन्द १८७६ ११. पण्णवणानी जोड़ जयाचार्य १८७८ इनके अतिरिक्त प्रज्ञापना से संबद्ध कुछ लघुकाय ग्रन्थों का विवरण मिलता है। मुनि पुण्यविजयजी ने हर्ष कूलगणी द्वारा विरचित "बीजक" का उल्लेख किया है। मुनिपुण्यविजयजी द्वारा लिखित प्रज्ञापना की प्रस्तावना तथा "जिन रत्नकोश" में "पर्याय" का भी उल्लेख मिलता है। "जिनरत्नकोश" में 'प्रज्ञापना सूत्र सारोद्धार' का भी उल्लेख मिलता है। ____ आचार्य मलयगिरि ने अपनी विवति में णि और 'वृद्धव्याख्या' का उल्लेख किया है। चणि अभी अनुपलब्ध है। उपलब्ध व्याख्याओं में सबसे बड़ी व्याख्या आचार्य मलयगिरि की है। मौलिक और आधारभूत व्याख्या आचार्य हरिभद्रसूरि की है। जंबुद्दीवपण्णत्ती नाम-बोध प्रस्तुत आगम का नाम जंबुद्दीवपण्णत्ती (जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति) है। प्राप्ति का अर्थ है व्याकरण, उत्तर या निरूपण । इसमें जम्बूद्वीप का व्याकरण है इसलिए इसका नाम जंबूद्वीपप्रज्ञप्ति है। स्थानांग में चार अंगबाह्य प्रज्ञप्तियों का उल्लेख है, १. चन्द्रप्रज्ञप्ति, २. सूरमज्ञप्ति, ३. जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति ४. द्वीपसागरप्रज्ञप्ति ।' 'कसायपाहुड' में प्रज्ञप्तियों को 'दृष्टिवाद' के प्रथम भेद 'परिकम' के पांच अर्थाधिकार माना गया है----१. चन्द्रप्रज्ञप्ति, २. सूरप्रज्ञप्ति, ३. जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति, ४. द्वीपसागरप्रज्ञप्ति ५. व्याख्याप्रज्ञप्ति। नंदी में जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति को कालिक आगम के वर्गीकरण में रखा गया है।" १. पण्णवणा सुतं, भाग २, प्रस्तावना पृ० १५८ २. वृत्ति प० २६६ -आह च चूणिकृत् । वृ०प० २७१ - आह च चूणिकृतोऽपि । वृ० प० २७२ - यत आह चूणिकृत् । वृ०प० २७७ -- आह च चूणिकृत् । व० ५० ५१७ -'प्रज्ञापनायाश्चूणौ। वृ०प०६००-तत्रैवं वृद्धव्याख्या। ३. ठाणं, ४११८६ ४. कसायपाहड़, प्रथम अधिकार —पेज्जदोसविहत्ती, पृ० १३७---- "परियम्मे पंच अस्थाहियारा-चंदपण्णत्ती सुरपण्णत्ती जंबुद्दीवपण्णत्ती दीवसायरपण्णत्ती वियाहपण्णत्ती चेदि।" ५. नन्वी, ७८ . Page #32 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३२ विषय-वस्तु - इसका मुख्य प्रतिपाद्य जम्बुद्वीप है। पारिपार्श्विक विषयों की सूची बहत लंबी है। भगवान ऋषभ, कुलकर, भरत चक्रवर्ती, कालचक्र, सौरमण्डल आदि अनेक विषय इसमें प्रतिपादित हैं। इनमें भरत चक्रवर्ती का वर्णन अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। चक्रवर्ती के चौदह रत्नों और नौ निधियों का वर्णन बहुत ही सजीव है। कालचक्र के वर्णन में वर्तमान अवसर्पिणी के छठे अर का जो वर्णन है वह बहुत रोमाञ्चक है । प्रलय की जितनी भविष्य वाणियां उपलब्ध हैं, उनमें यह सर्वाधिक ध्यानाकर्षण करने वाली है। इसे पढ़ते-पढ़ते अणुयुद्ध की विभीषिका सामने आ जाती है। भगवान् ऋषभ और भगवान् महावीर में बहुत एकरूपता रही है। भगवान् ऋषभ को आदिकाश्यप और भगवान् महावीर को अन्त्यकाश्यप कहा जाता है। भगवान् ऋषभ और भगवान् महावीर दोनों ने पंच महाव्रत धर्म का प्रतिपादन किया था। भगवान महावीर की भांति भगवान् ऋषभ भी एक वर्ष से कुछ अधिक समय तब सवस्त्र रहे. फिर अचेल हो गए। भरत चक्रवर्ती काच के महल में बैठे थे। वे काच में अपना प्रतिबिंब देख रहे थे । देखते-देखते उन्हें कैवल्य प्राप्त हो गया। उत्तरवर्ती ग्रन्थों में इस कथा का विकास हुआ है। अंगुली की अंगूठी गिर जाने पर सौन्दर्य की कमी का अनुभव हुआ और उस चितन की गहराई में गए, अन्तत: केवली हो गए। योगलिक व्यवस्था की समाप्ति, समाज और राज्य-व्यवस्था के प्रारंभ का सुन्दर चित्र प्रस्तुत आगम में उपलब्ध है। भगवान् ऋषभ के सर्वतोमुखी व्यक्तित्व को समझने के लिए यह बहुत महत्त्वपूर्ण है। इसका "श्रीमद्भागवत" में वणित ऋषभ के साथ तुलनात्मक अध्ययन करना बहुत महत्त्वपूर्ण प्रस्तुत आगम सात अध्यायों में विभक्त है । इन अध्यायों को "वक्खारो" या "वक्षस्कार" कहा गया है। उनके विषय इस प्रकार हैं---- १. जम्बूद्वीप २. कालचक्र और ऋषभ-चरित ३. भरत-चरित १. जंबुद्दीवपण्णत्ती, २११३०-१३७ २. धनञ्जय नाममाला, ११४, पृ० ५७ वर्षीयान् वृषभो ज्यायान् पुनराधः प्रजापतिः । ऐक्ष्वाकुः काश्यपो ब्रह्मा गौतमो नाभिजोऽग्रजः ॥ धनञ्जय नाम माला, ११५, पृ० ५८ सन्मतिमहती:रो महावीरोऽन्त्यकाश्यपः । नाथान्वयो वर्षमानो यत्तीर्थमिह साम्प्रतम् ।। ३. जंबुद्दीवपण्णत्ती, २१६६ ४. वही, ३१२१२, २२२ ५. आवश्यक चूणि, पृ० २२७ Page #33 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३३ ४. जम्बूद्वीप का विस्तृत वर्णन ५. तीर्थकर का जन्माभिषेक ६. जम्बूद्वीप की भौगोलिक स्थिति ७. ज्योतिश्चक्र रचनाकार और रचनाकाल प्रस्तुत आगम उपांग के वर्गीकरण का ग्रन्थ है। इससे यह स्पष्ट है कि इसकी रचना भगवान् महावीर के निर्वाणोत्तर काल में हुई है । इसके रचनाकार कोई स्थविर थे । उनका नाम अज्ञात है। रचना का काल भी ज्ञात नहीं है। जीवाजीवाभिगम स्थविरों द्वारा कृत है। उसमें कल्पवृक्षों का विस्तृत वर्णन है। इसमें उनका संक्षिप्त रूप उपलब्ध है । विस्तार की सूचना 'जाव' पद के द्वारा दी गई है। ____ इससे प्रतीत होता है कि यह जीवाजीवाभिगम के उत्तरकाल की रचना है। संभवतः श्वेताम्बर और दिगम्बर का स्पष्ट भेद होने के पूर्व काल की रचना है । जंबुद्वीप के विषय में दोनों परंपराओं में प्रायः ऐकमत्य है। इस आधार पर इसका रचनाकाल वीर निर्वाण की चौथी-पांच वीं शताब्दी के आस-पास अनुमित किया जा सकता है। व्याख्या-ग्रन्थ प्रस्तुत आगम पर नो व्याख्याएं उपलब्ध हैं। उनमें केवल शांतिचन्द्रीयवृत्ति मुद्रित है, शेष अप्रकाशित हैं । शान्तिचन्द्र ने यह उल्लेख किया है कि मलयगिरि की टीका काल-दोष से विच्छिन्न हो गई है। किन्तु आधुनिक विद्वानों ने उसे खोज निकाला है। वह जैसलमेर के भण्डार में उपलब्ध है। शान्तिचन्द्रीय और पुण्यसागरीय वृत्ति में चणि का भी उल्लेख है।' इन व्याख्या-ग्रन्थों की तालिका इस प्रकार है-- ग्रन्थ সথায় कर्ता रचनाकाल १. चूणि अज्ञातकर्तृक २. टीका (प्राकृतभाषा) हरिभद्रसूरि ३. टीका मलयगिरि ४. वृत्ति १४२५२ हीरविजयसूरि वि० सं० १६३६ ५. वृत्ति १३२७५ पुण्यसागर ६. टीका (प्रमेयरत्नमञ्जूषा) १८००० शान्तिचन्द्र १. शान्ति चन्द्रोया वृत्ति पत्र २ --तत्र प्रस्तुतोपाङ्गस्य वृत्तिः श्रीमलयगिरिकृताऽपि संप्रति काल दोषेण व्यवच्छिन्ना। २. द्रष्टव्य, जैन रत्नकोश, पृ० १३० ३. शान्तिचन्द्रीया वृत्ति, पत्र १६, परिध्यानयनोपायस्त्वयं चणिकारोक्तः । वृ० ५० ५३, २५२, २७८ । पुण्यसागरीयवृत्ति, पत्र १२२-.-."एतच्चू! च।" Page #34 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७. टीका १५००० ब्रह्ममुनि ८. वृत्ति १८३५२ धर्मसागर और वानरऋषि " १६३६ ६. वृत्ति अज्ञातकर्तृक __गुजराती भाषा में धर्मसीमुनि ने इस पर स्तबक (टब्बा या बालावबोध) भी लिखा है। इन व्याख्या-ग्रन्थों की अधिकता से प्रतीत होता है कि प्रस्तुत आगम बहुत पठनीय रहा है। चन्दपण्णत्ती और सूरपण्णत्ती नाम बोध स्थानांग में चार अंगबाह्य प्रज्ञप्तियां बतलाई गई हैं। उनमें प्रथम प्रज्ञप्ति का नाम चन्द्रप्रज्ञप्ति और दूसरी का सूरप्रज्ञप्ति है । कषायपाहुड में भी इसी क्रम से नामोल्लेख मिलता है। प्रथम प्रज्ञप्ति में चन्द्र की वक्तव्यता है, इसलिए उसका नाम चन्द्रप्रज्ञप्ति है और द्वितीय प्रज्ञप्ति में सूर्य की वक्तव्यता है, इसलिए उसका नाम सूरप्रज्ञप्ति है। विषय-वस्तु आगम की प्राचीन सूचियों से पता चलता है कि चन्द्रप्रज्ञप्ति और सुरप्रज्ञप्ति दो आगम हैं। 'नन्दी' की आगम सूची में चन्द्रप्रज्ञप्ति को कालिक और सूरप्रज्ञप्ति को उत्कालिक बतलाया गया है।' इस भेद का हेतु क्या है, यह अभी अन्वेषणीय है । चन्द्रप्रज्ञप्ति वर्तमान में प्राय: उपलब्ध नहीं है। उसका थोड़ा-सा प्रारंभिक भाग मिलता है । यद्यपि कुछ हस्तलिखित आदर्श 'चन्द्रप्रज्ञप्ति' के नाम से उपलब्ध होते हैं और कुछ आदर्श सूर्यप्रज्ञप्ति के नाम से मिलते हैं, किन्तु प्रारंभिक सूत्र को छोड़कर इनका पाठ एक जैसा है । आचार्य मलयगिरि ने इन दोनों की व्याख्याएं लिखी हैं, उनमें भी प्रायः समानता है। वर्तमान धारणा के अनुसार चन्द्रप्रज्ञप्ति आज उपलब्ध नहीं है । जो उपलब्ध है, वह सूरप्रज्ञप्ति है । डा. वाल्टर शुकिंग ने एक प्रकल्पना प्रस्तुत की है--सूरप्रज्ञप्ति के १० वें पाहड़ से आगे सूर्य की अपेक्षा चन्द्र और ताराओं को अधिक महत्त्व दिया गया है अतः हम यह अनुमान करते हैं कि दसवे पाहुड़' से चन्द्रप्रज्ञप्ति का प्रारम्भ हुआ है।" किन्तु चन्द्रप्रज्ञप्ति की समग्र विषयवस्तु की जानकारी के अभाव में शुब्रिग के निष्कर्ष को सहसा निर्णायक नहीं माना जा सकता । फिर भी उसमें विचार के लिए अवकाश है। व्याख्या-ग्रंथ चन्द्रप्रज्ञप्ति और सूरप्रज्ञप्ति दोनों पर मलयगिरि-कृत टीकाएं उपलब्ध हैं। दोनों टीकाएं प्राय: समान हैं। उनमें जो अन्तर है, वह परिशिष्ट में दिया हुआ है। जिनरत्नकोश' के अनुसार चन्द्रप्रज्ञप्ति की टीका का ग्रन्थाग्र ६५००" तथा सूरप्रज्ञप्ति की टीका का ग्रन्थाग्र ६००० है। भद्रबाह-कृत १. ठाणं, ४११८६ २. कषायपाहुड़, प्रथम अधिकार, पेज्जदोसविहत्ती, पृ० १३७ ३. नंदी, ७७, ७८ ४. Doctrine of the Jains P. 102 ५. जिनरत्नकोश, पृ० ११८ ६. वही पृ० ४५२ Page #35 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नियुक्तियों में सूरप्रज्ञप्ति की नियुक्ति का उल्लेख है। किन्तु वह मलयगिरि के समय में अनुपलब्ध थी। उन्होंने अपनी टीका में पूर्वाचार्यों के मत का भी उल्लेख किया है।' निरयावलियाओ नाम-बोध प्रस्तुत आगम एक श्रुतस्कन्ध है । इस का प्राचीनतम नाम उपांग प्रतीत होता है । जम्बूस्वामी ने उपांग का क्या अर्थ है, यह प्रश्न पूछा । सुधर्मा स्वामी ने इसके उत्तर में कहा-उपांग के पांच वर्ग हैं -निरयावलिका, कल्पावतंसिका, पुष्पिका, पुष्पचूलिका, वृष्णिदशा ।। 'उपांग' शब्द का बहुवचन में प्रयोग किया गया है। उपांग पांच वर्गों का एक श्रुतस्कन्ध है। इसलिए संभवत: बहुवचन का प्रयोग किया गया है। इसका मूल अंग कौन-सा है, इसके बारे में कोई जानकारी प्राप्त नहीं है । वर्तमान में प्रस्तुत श्रुतस्कन्ध के लिए "उपांग' शब्द प्रचलित नहीं है। अभी 'उपांग' शब्द के द्वारा बारह आगमों का संग्रहण है। 'नन्दी' सूत्र की आगमसूची में 'उपांग' शब्द का उल्लेख नहीं है। वहां 'निरयावलिया' आदि पांचों स्वतंत्र आगम के रूप में उल्लिखित हैं । अनुमान किया जा सकता है कि 'नन्दी' सूत्र की रचना के उत्तरकाल में पांचों आगमों की एक श्रुतस्कन्ध के रूप में व्यवस्था की गई और श्रुतस्कन्ध का नाम 'उपांग' रखा गया। प्रो. विन्टरनित्ज के अनुसार ये पांचों आगम निरयावलिका के नाम से प्रसिद्ध थे। अंग और उपांग की व्यवस्था के समय से वे अलग-अलग गिने जाने लगे। 'निरयावलिया' का दूसरा नाम ‘कल्पिका' मिलता है। नंदी के कुछ आदर्शों में वह उपलब्ध है । आचार्य हरिभद्रसूरि और आचार्य मलयगिरि ने नंदी की वृत्ति में 'कल्पिका' का ही उल्लेख किया है।' यह संभावना की जा सकती है कि 'उदंगा' के प्रथम वर्ग का नाम 'कल्पिका' था, किन्तु नरक-परिणाम वाले कमों का वर्णन होने के कारण इसका दूसरा नाम 'निरयावलिका' रख दिया गया । इस प्रकार प्रथम वर्ग के दो नाम हो गए--निरयावलिका और कल्पिका। विषय-वस्तु निरयावलिका श्रुतस्कन्ध का प्रतिपाद्य विषय है—शुभ-अशुभ आचरण, शुभ-अशुभ कर्म और उनका विपाक । १. आवश्यक नियुक्ति, गाथा ८५ २. सूर्यप्रज्ञप्ति, वृत्ति पत्र, १, गाथा ५ अस्या नियुक्तिरभूत् पूर्व श्रीभद्रबाहुसूरिकृता। कलिदोषात् साऽनेशद्, व्याचक्षे केवलं सूत्रम् ॥ ३. सूर्यप्रज्ञप्ति, व. प०१६८.-."तदेवं यथा पूर्वाचायरिदमेव पर्वसूत्रमवलम्ब्य पर्वविषयं व्याख्यानं कृतं तथा मया विनेयजनानुग्रहाय स्वमत्यनुसारेणोपदशितम ।" ४. निरयावलियाओ १४, ५ ५. History of Indian Literature, Second edition, Vol II PP. 457-458 ६. नन्दी, सूत्र ७८ Page #36 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रथम वर्ग में चेटक और कोणिक के भयंकर युद्ध का वर्णन है। इसका उल्लेख भगवती और आवश्यक चणि' में भी मिलता है। बौद्ध साहित्य में भी इस युद्ध का उल्लेख मिलता है। यह आश्चर्य का विषय है कि इतिहास में इस युद्ध का कोई उल्लेख नहीं है। युद्ध आत्मरक्षा से लिए अनिवार्य हो सकता है ! उस हिंसा को एक गृहस्थ के लिए आवश्यक कहा जा सकता है। फिर भी हिंसा हिंसा है, उसे अहिंसा नहीं माना जा सकता । प्रस्तुत वर्ग में यह युद्धविरोधी स्वर उभरकर सामने आया है और वह युद्ध को धार्मिक रूप देने के प्रतिपक्ष में एक सशक्त उद्घोष है। दूसरे वर्ग में धर्म की आराधना करने वाले श्रेणिक के दस पौत्रों की सद्गति का वर्णन है। तीसरे वर्ग में संयम और सम्यक्त्व की आराधना और विराधना का प्रतिपादन है। चौथे वर्ग में पार्श्वनाथ की दश शिष्याओं का निरूपण है। पांचवें वर्ग में वृष्णि-वंश के बारह राजकुमारों की चारित्र-आराधना और 'सर्वार्थसिद्धि' में उत्पत्ति का निरूपण है। इस प्रकार इस लघुकाय उपांग या निरयावलिका श्रुतस्कन्ध में अनेक रुचिपूर्ण एवं महत्त्वपूर्ण विषयों का प्रतिपादन हुआ है। रचनाकार और रचनाकाल प्रस्तुत श्रुतस्कन्ध के रचनाकार और रचनाकाल के बारे में कोई निश्चित जानकारी प्राप्त नहीं है। यह अंगबाह्य श्रुतस्कन्ध है। इससे यह निश्चित है कि यह किसी स्थविर की रचना है। इसमें भगवती, ज्ञाता, उपासकदशा, औपपातिक और राजप्रश्नीय से संबंधित विषयों की चर्चा मिलती है। किन्तु इस आधार पर रचनाकाल का निर्णय नहीं किया जा सकता। आगमसूत्रों के व्यवस्थाकाल में पूर्ववर्ती आगमों में उत्तरवर्ती आगमों के नाम उल्लिखित किए गए हैं, अतः वे रचनाकाल के पौर्वापर्य के निर्णायक नहीं बनते । व्याख्या-ग्रन्थ प्रस्तुत श्रुतस्कन्ध पर एक संस्कृत व्याख्या उपलब्ध है । विक्रम संवत् १२२८ में श्री चन्द्र सूरि ने इसकी व्याख्या लिखी थी। वह बहत संक्षिप्त है। मुनि धर्मसी (धर्मसिंह) ने इस पर गुजराती में एक टब्बा (स्तबक) लिखा था। कार्य-संपूर्ति प्रस्तुत ग्रन्थ के संपादन का बहुत कुछ श्रेय युवाचार्य महाप्रज्ञ को है, क्योंकि इस कार्य में अहनिश वे जिस मनोयोग से लगे हैं, उसी से यह कार्य संपन्न हो सका है, अन्यथा यह गुरुतर कार्य बड़ा दुरूह होता । इनकी वृत्ति मूलत: योगनिष्ठ होने से मन की एकाग्रता सहज बनी रहती है। सहज ही आगम का कार्य करते-करते अन्तर्रहस्य पकड़ने में इनकी मेधा काफी पैनी हो गई है। विनयशीलता, श्रमपरायणता, और गुरु के प्रति पूर्ण समर्पण-भाव ने इनकी प्रगति में बड़ा सहयोग दिया है। यह वृत्ति इनकी बचपन से ही है। जब से मेरे पास आए, मैंने इनकी इस वत्ति में क्रमशः वर्धमानता ही पाई है। इनकी कार्यक्षमता और कर्तव्यपरता ने मुझे बहुत संतोष दिया है। १. भगवती, ७.१७३, २१० २. आवश्यकचूणि, भाग २, पृ० १७४ Page #37 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मैंने अपने संघ के ऐसे शिष्य साधु-साध्वियों के बलबूते पर ही आगम के इस गुरुतर कार्य को उठाया था। प्रस्तुत आगमों के पाठ-संशोधन में अनेक मुनियों का योग रहा । उन सबको मैं आशीर्वाद देता हं कि उनकी कार्यजा शक्ति और अधिक विकसित हो। यह बृहत् कार्य सम्यग् रूप से सम्पन्न हो सका, इसका मुझे परम हर्ष है। -आचार्य तुलसी अणुव्रत भवन (नई दिल्ली) २२ अक्टूबर, १९८७ Page #38 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Page #39 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Editorial The present volume consists of nine āgamas :- 1. Pappavanā, 2. Jambuddivapannatti, 3. Candapannatti, 4. Sūrapannatti, 5. Nirayāyaliyão, 6. Kappavadim. siyão. 7. Pupphiyao, 8. Pupphacūliyão, and 9. Vanhidasão. The upäřgas are twelve in number. Three upāngas have already been included in the 'Uvangasuttăņi', Part 4, Volume 1. The original text of the remaining nine upangas, with variant readings, has been incorporated in the present volume. "The word index of Angasuttani has already been published as a separate book (Agama śabda-kośa). To provide convenience to readers as well as the research scholars a joint word index of the above-mentioned nine āgamas is appended in this volume. With the publication of this volume, the publication work of all the 32 canons is now over. This Agama-sūtra series at present contains seven volumes as under :-- 1. Angasutiāni, Part I: Āyāro, Süyagado, Thāṇam, Samavão. 2. Angasultāņi, Part II : Bhagaval. 3. Angasultäni, Part III : Näyādhammakahão, Uvasagadasão, Antagadadasão, Anuttarovaväiyadasão, Pannāvāgaraņāim, Vivāgasuyam. 4. Uvařgasuttaņi, Part IV, Volume I: Ovāiyam, Räyapaseniyam, Jiväjiväbhigame. 5. Uvangasuttani, Part IV, Volume II : Pannavaņā, Jambuddivapaņņatti, Candapannatti, Särapannatti, Niraya. valiyão, Kappavadimsiyão, Pupphiyão, Pupphacūliyão, Vanhidasão. 6. Nayasuttăni, Part V: Avassayam, Dasaveāliyam, Uttarajjhayaņāņi, Nandi, Aņuogadārāim, Dasão, Kappo, Vavahāro, Nisihajjhayanam. 7. Agama Sabda Kosa (Angasuttāņi Sabdasüci). Under this series of original texts, the work of editing the other canons too is in progress. They are likely to contain prakirnaka, niryukti and bhâsya. On Mahāvīra Jayanti of 2012 Vikram Samvat (1955 A.D.), Acāryasri Page #40 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 2018 declared his intention to edit the agamas, and the assignment was taken up in the caturmāsa of the same year. Many obstacles were faced in the work of editing for want of the correct versions. Consequently we thought of correcting the text to begin with. The work was actually started in 2014 V.S. (1957 A D.) and brought to completion in 2037 V.S. (1980 A D.) as follows: Dasavedliyam Vikram Samvat 2014 Uttarajjhayanāni 2016 Nandi, Anuogadārāim Ovãiyam, Rāyapaseniyam 2018 Thānam 2018 Samavão 2018 Suyagado 2019 Nāyādhammakahão 2020 Āyāro, Ayāracula 2022 Uvāsagadasão, Antagadadasão 2026 Anuttarovavāiyadasão 2026 Vipaka 2028 Panhāvāgaraņāim 2028 Nirayāvaliyão 2029 Bhagavai 2030 Pannavaņā 2031 Dasão, Pajjosavaņākappo 2032 Kappo 2033 Vavahāro 2033 Jlvājlvābhigame 2034 Jambuddiva pannatti 2035 Nisihajjhayanam 2035 Candapannatti, Sürapannatti 2037 It is well known to all working in this field that editing is the most difficult job, specially when the texts to be edited are separated by a gap of several millennia in respect of language, style and thought. It is unexceptionally true that a thought or a custom does not continue in its original shape through the ages. It invariably expands or contracts. The story of expansion and contraction is the story of change. What is made up' is necessarily amenable to change. The insistence on the eternality of events, facts, thoughts and customs that are subject to change leads one to untruth and false imagination. The truth is 'what is made up' is necessarily transient. Whether 'made up or 'eternal', it must needs be susceptible of change. Whatever there is must be of a nature that is not absolutely divorced from the stream of eternity and change. It is possible that an idea or truth expressed by a particular word is capable Page #41 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 8? of being expressed with its original connotation at all times? The semantic change is a necessary phenomenon and so no one with a knowledge of linguistics will insist that a word continues to have the same connotation through a period of two thousand years. For example, the expression păṣaṇḍa has not the same meaning in modern frumonic literature as it had in the times of the Agamas and Ashoka's inscriptions. It has acquired a derogatory nuance. Hundreds of words in the ancient Agama literature have shared the same fate. Under the circumstances, any thoughtful person will appreciate the difficulties in the task of an editor of ancient literature. Self-confidence is an innate virtue of human beings who take great pride in the exercise of their courage, and do not shirk from responsibility however ardous. Were escapism a human virtue, not only the achievement of any enduring value would have been impossible, but whatever had been achieved in the past would have been lost at any time. About a millennium ago, Abhayadevasuri, the great commentator of the nine Angas was confronted with a great many obstacles which he had detailed as follows: (i) Absence of authentic tradition (sampradaya, about the meaning of the texts). (ii) Lack of authentic ratiocination (uh). (iii) Conflicting modes of recitation (vdcand). (iv) Vitiated manuscripts. (v) Unfathomable depth of the sutras. (vi) Differences of opinion (about the readings and the meaning). In spite of all these difficulties and hurdles, he did not draw back from the Herculean task, but on the contrary achieved something that was of a permanent value. Even today the difficulties are not fewer, but as the work of editing has been taken up by Acaryasri Tulsi himself, the task has acquired a new dimension. Any programme that is undertaken by him opens up new vistas, what to speak of the editing of the canonical literature which is by itself full of new possibilities. What is most conspicuous is that Acaryaśri has infused life in the programme through me and my colleagues, monks and nuns, who were quite tyros in the field. Not only are his inarticulate blessings with us but also his concrete guidance and active co-operation are always available to us. He has given priority to the work and devoted plenty of time to it. Under his direction, deliberative counsel and encouragement, we could solve the problems, however formidable, that cropped up from time to time in the course of our difficult enterprise. Page #42 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Procedure adopted in editing the text Pannavana In editing the text of Prajñāpana, four Ms. ādarśas were consulted, Ācārya Malayagiri's Vitti was also used for this purpose. Muni Punyavijaya's edition was also before us. But we do not take for granted a single particular edition or manuscript for our work. The important basic points for us are the critical exposition of the commentary, other parallel ägamic texts and the meanings of words. Accordingly, the reader will find many a deliberation in our edition for the purpose of arriving at correct readings. For example, take the word "ganthi" in 'vatthula kacchula sevāla ganthi'. Here 'ganthi' is incorrect. The correct version should be 'gatthi'. We have come across the reading 'ganthi' alone in all the available manuscripts as also in the agamas edited by Muni Punyavjjayaji. This reading has been revised on the basis of Jivājivābhigama and Jambūdvipaprajñapti. Please refer to the footnote of 1/38 of this ăgama. Another instance is 'titthāpavadite', in place of which some adarśas contain the reading as "cau(thānavadite", and Muni Punyavijayaji too has accepted the latter reading. But on the basis of the Vstti, we have preferred 'titthāņavaçite', which is endorsed by the vsiti of Paņpavaņā, 5/115,116. Please refer to Prajñāpanā Vịtti patra 195-196 as also the footnote of Pannavaņā, 5/115. Jambūdvipaprajñapti Seven different texts and three commentaries were consulted in the revision of the text. We find many variant readings and notes thereon in the vșttis of Upadhyāya Sānticandra and Hiravijaya. Please refer to the footnote of 4/159. This agama abounds in variant readings. Upadhyāya Sänticandra has described in detail the variant readings, as is evident from the footnote of 2/12. At other 1. Sánticandi iyavşti, patra 87: Variation of text-vacanābbedastadgatapariņāmāptaramāha--müe dvadasa yojanāni viskambhena madhye'stayojanāni viskambheda upari catvári yojanādi viskambhepa, atrāpi viskambhāyāmatan sădhikatriguņam mūlamadhyāntaparidhimādam sūtroktam subodham. atráha parah-ekasya vastuno viskambhādiparimāne dvairupyāsambhavena prastutagranthasya ca sàtisayasthavirapranitatvena katham Dânyataranirnayah ? yadekasyäpi Isabhakütaparvatarya müladavaştādiyojaoavistftatvadi punastraivāsya dvădaśädiyojanaviststatvaditi, satyam jidabhattarakanām sarvesäm ksāyikajnänavatāmekameva matam mülatah paścăttu käläotarena vismftyādida'ya vāca ābhedah, yaduktam śrimalayagirisüribhirjyotiskarandakavsttau--"'ha skandilācārya pravi (tipa tau dussamădubhávato durbhikṣapravsityā sādhūnām pathanagunanadikam sarvamapyanesat, tato durbhiksātikrame subhiksapravsttau dvayoh sanghamelåpako' bhavat, ladyatha-eko valabhyameko mathurāyām, tatra ca sütrarthasamghatane parasparero vācanăbhedo jätab, vismstayorhi sūtrarthayoh smrtvà sanghagane bhavatyavaśyam väcană. bheda" ityădi, tato trapi duşkaro'ayataranis payah dvayoh pakşayorupasthitayoranatisãy jõāpibhiranabbiniviştamatibhih pravacanăśátanābhirubhiḥ punyapuruşairiti na kācidanupa. pattih. Page #43 -------------------------------------------------------------------------- ________________ places we come across incorrect explanation due to faulty text, as is given in footnote 4:49. Cundraprajñapti and Suryaprajñapri In order to revise the text, we consulted five manuscripts and the vșttis of these agamas. We rarely depended on a particular ādarśa. The complete text of Candraprajñapti is not available. Its variation from Suryaprajñapti has been given in an Appendix. We come across some manuscripts which have passed for Candraprajñapti. Their variant readings are contained in the footnotes of Süryaprajñapti. Nirayavalikā Three manuscripts and the Vitti by Sricandra sūri have been consulted in revising the text of the five chapters of Nirayávaliki. Transformation of Words and Metamorphosis PAŅŅAVAŅĀ 1/14 bendiya beindiya (ka, kha) 1/14 tendiyao teindiya (kha) 1/23 os ussa (ka, ga) 1/29 vāyamandaliya vāumandaliya (ka) 1/35 aikolla aokulla (gha) 1/38 koranțaya korinţaya (ka) korenţa (gha) 1/48/47 balimodao palimodao (ka, gha) 11934 viibhayari viyabhayam (ka, gha) 2/10 padiņa payīņa (ka) paina (kha, ga, gha) 2/13 tadāgesu talāgesu (ka) covathin cosatthim visesahiya visesadhiya (gha, pu) 317 dāhinena dakkhipenam (ka, kha, gha) 3102 vibhangaạånina vibanganāņiņa (ka, ga, gha) 3/127 aheloe aholoe (ga) adheioe (gha) 31174 asātā (kha, ga) 3/182 jaha jadhā (kha, gha) 3/183 sakasai sakasādi (ka) 4255 egunavisam ekūņavisam (ka, gha) ekkūnavisam (kha) 4/275 panuvīsam pancavisam (kha, gha) 2/40 3/1 assātā Page #44 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 5/5 panavisam jai jadi gati 5/5 315 mahurao abbhanie 5/7 5/101 3/179 5/242 6/46 818 11/6 11/21 11/25 11/30 11/37 11/37 11/72 11/75 11/84 ovadie matusse vaddhijjanti eenatthenam abhilāvo osanna Panamani vage sayanam sarirapahavā voyada avvoyadā anamani parivaddhamāņāim kadalithambhana Disarati madhuro abbhaie abbhatie padie maņuse vuddhijjanti enasthenam ahilão ussanna Pāņavani vige satanam satirappabhavā vogada avvogadā yānamaņi parivado hemāņāim kadalikhambhāpa pissarati nissirati nisarati biyam bhāsajāya baddhillayā mukkillaya (ga) (kha, ga, gha) (pu) (ka, kha) (ka) (pu) (ka) (ka, kha, gha) (ka, ga, gha) (ka, kha) (kha, gha) (ka) (kha, ga, gha) (ka, kha, ga, gha) (ka) (ka, kha, ga, gha) (ka) (gha) (kha, gha) (ga) (kha) (ga) (gha) (ka, ga) 11/88 11/88 12/7 (ga) (ka, kha, ga, gha) 12/7 1318 15/35 15/35 15/50 15/53 15,58 16/15 16/34 16/51 16/54 16/55 16/55 1724 bitiyam bhāsajjāyam baddhellaya mukkellayā osappiņīhi aņāgaroo paggohao sadi pehamăge pehati othiggale ovacaye ahavege paccatthimillam ayariyam seyansi māulungāņa tinduyāna inatthe avasappinihi aņāyāroo Diggohao sāti pehemāne peheti 'thiggile ovacate ahavete pacchimillam ayaritam seinsi mātulingana tiņduyāna . ipamatthe (ga) (ka, kba) (ga) (pu) (ga) (kha) (kha, gha) (ka, kha) (pu) (ka) (ka, ga) (ga) (ga) (ka) Page #45 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 17/106 17/119 17/124 17/125 17/126 17/128 17/132 17/150 18/1 18/56 18/64 20/28 21/25 21/47 21/92 23/3 23/13 23/22 23/191 28/44 33/1 33/17 34/1 34/6 34/15 1/8 1/18 1/23 1/26 1/28 1/48 samabhiloemāņe kicha haladhara kairasăre bälindagove "balähae apikkāṇam agarabhavamätie vede vaijogl sakasai savapatde sür° dhapupuhattam sag&im niyacchati kadassa niyagoyassa khavae aphāsāijja apadivai sagaim pariyaiyanaya jānanti sapariyārā vicchinnä "nauya" dhapupattham ४५ 'padoyare päsim duha tinatthe samabhilotemane kapha halahara kayarasarae katarasärae balendagope °balähate apakkanam ägärabhävamāyāc vee vete vayajogi saka såd sakask savapayate süyi dhanuhapubattam sagāti sayaim nigacchati niggacchati katassa kayassa pariyādiņaya pariyayanaya yananti saparicără JAMBUDDIVAPANNATTI vitthinnä "naota" nitāgotassa khamac apphäsäijja apaḍivādi satäim sayatim dhapuvattham dhanuputtham *padogāre passim dudhā (kha, gha) (ka) (ka, gha) (ka, ga, gha) (kha, ga, (gha) (ga) (gha) (ka, kha, gha) (ka, ga) (ka, ga (kha, gha) (kha, gha, pu) (ka) (gha) (kha) (ka, gha) (kha) (ka, gha) (ga) (ka, gha) (ka) (ka, gha) (kha, ga) (ka, gha) (kha) (ka, gha) (ka, gha) (ka, gha) (kha) (kha) (ka, ga) (ka, kha, ga, gha) (kha, ga) (a, kha) (a, ka, ba) (a) (kha) (tri, ba) (a, tri, ba) (kha, sa) Page #46 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 214 hatthassa udú (ka, kha) (tri) 2/4 (pa) 2/14 2/15 2/20 padoyāre meini ittha 2/32 2/70 2/78 2/131 2/133 2/133 (ba) (tri, ba) (a, ba) (ka, kha, sa) (a, kha, ba) (a, kha, ba) (pa) (a, ka, kha, ba, sa) kahaga 'hāsa väkaremāņānam hähàbhüe valīvigaya tolākiti (a) (ka, kha) (tri, sa) (pa) siunha juva 2/133 3/3 3/11 3/11 3/11 3/11 pausiyão babbari bahali kaducchuyao hitthassa udú ūu paçokāre metini yattha ettha kadhaka hassa vāgaramāņāņam hāhābbhūte palivigaya dolākiti dolāgiti tolāgitti rolagati siyaunha jūya vausīyāo pappar! pahali okadicchuya kadecchuya druhai pamhacări rūdhe drudhe pola obālayanda 'tondam antapäle antevāle ovațiasangahiya kinkiņio ajojjham aojjham avojjham sotamani sodāmaņi 'ppakäsam vissuttam 3/20 3/20 3/21 duruhai bambhayāri durúdhe 3/22 3/23 3/24 3/26 bola bālacanda otundam antavāle (ka, kha, tri, ba, sa) (ka, kha, pa, sa) (ka, kha, pa, sa) (a, ba) (a, ba) (kha) (a, ba, sa) (a, ba) (a, tri, ba) (a) (ba) (a, ba) (sa) (ka, pa, sa) (a, tri, ba) (ka, kha) (a, ba) (ka, kha, sa) (a, ba) (ka, kha, pa, sa) (tri) (ka) (kha, sa) (a, ka, kha, tri. ba, sa) (ka, sa) 3/35 3/35 3/35 Spaţtasangahiya okhinkhinio ayojjham 3/35 soyāmaņi 3/35 3/35 oppagāsamo visutam Page #47 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 3/77 3/117 3/117 3/138 3/178 3/194 3/211 3/214 3/220 3/221 3/223 4/36 4/54 4/55 4/77 4/85 4/86 4/87 4/91 4/93 4/96 4/102 4/103 4/109 4/140 4/140 4/142 4/157 'cindhapatte *mirli uūņa "hidaya" nihie abhiseyapidham ganthim tisovana kāgani puvvakaya ihapoha bāva thim hrassatarãe dakkhinenam harivāsam sankhatala bāyāle Disahassa sītodā viuttare Disadba" pilavantassa saniocări uvavāyasabhāe jamagão ४७ dasa piyaya *cindhavatte *marli udüna riduna hiyaya "hitaya "hadaya" °nihito nihao abhiseyapedham ganthim tisomāna kākini kägini käkani puvvakada Thapaha Jhâvüha basalihim hassatarãe dāhinepam harivassam sankhadala pāyāle bäyälise nisaassa hemavaya-herappavaya hemavaraṇavaya hemavaya eranṇavaya nelavantassa sani mccārī otāvasabhie slotā slodā sioā piuttare nisabha pisaha javagão jamigão daha pitiya (ba) (tri) (a, kha, ba) (ka, sa) (a, tri, pa, ba) (ka, sa) (kha) (a, tri, ba) (kha, sa) (a, ba) (tri, pa) (a, ba) (a) (b) (sa) (ka, sa) (a, ka, kha, sa) (pu, vṛ) (pa) (pa) (tri) (a, pa, ba) (pa, savṛ, puvṛpā) (a, ba) (tri) (a, ba) (a, ba) (tri) (pa) (ba) (a, ba) (ka, kha, sa) (ka, kha, ba, sa) (tri) (a, ka, kha, ba, sa) (pa) (ka) (a, ba) (kha) (a, ka, kha, ba, sa) (a, ka, kha, tri, ba, są) Page #48 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 85 4/180 4/210 4/231 5/25 (a, tri, ba) (tri) (ba) (a, ba) (ka, kha) (tri) (sa) 5/58 5/58 7/31 7/122 7/126 (ka, kha) (ba) (tri) (a, ba) (ka, kha, pa) (kha) (a, ba) (ka, sa) (kha) (a, ba) (ba) (a, ba, sa) (ka, kha) (a, ba) (tri) (a) (kha, ba) 7/128 8/128 71129 parupparanti paropparanti sayajjala sayañjala palaso valāsa ghanţāpadensuyão ghanţăpadensukā ghanțāpačinsukao ghantāpadissuyā ghanţāpadaysuyao gāyāim gattâm gatäim janpu° jāņuo uddhimuha uddhammuha uddhimuhao bhāviyappa bhāviyāyā abhijiyāiyā abhijidāiya abhijādiya abhijadiya savano samane miyasara magasirao abhii abhiti abivi vahassai pahassati vahapphal kattigi kattiki kittiki kittigi assiņi asini nangulāņam lâögūlānam SURAPANNATTI ihagatassa idagatassa cauruttare caut tare pihula pidhulā puhulo poggala puggalā oyasanthiti totasanthiti oyãe otāe rayanikhettassa ratapikhettassa rātikhettassa sada sata vayam...vadāmo vatam... vatāmo savane samaño sāyam sagam 7/130 7/155 (sa) 7/159 7/178 (ba) (pa) 2/3 2/3 4/3 611 (ga, gha) (ta) (ka) (ta) (ka, ga, gha) (ta, va) (ta) (ka, ga, gha) 6/1 611 811 9/3 10/2 1015 (ga, gha, ţa, va) (va) (ga, gha) (va) Page #49 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४६ (ka) sadāvi 10/7 ãsoi assoti (va) 10/10 asoinnam assodinnam (ga, gha) 10/77 ādiccehim àticcehim (va) 10178 bambao bambhao (ka, ga, gha) 10/79 savage samane (ta, va) 10/87 bitiya bidiya (ka, gha) 10,89 duvihā tihi duvidhā tidhi 10/136 pāto pădo (ka, gha, va) 10/147 uvaiņāvetta uvādināvettā (ka, ga, gha) uvätiņāvettä (ta, ba) 10/173 sayāvi satāvi (ka, ga, gha, va) (ga) 1412 kaham kadham (ka, ga, gha) 15/31 ahiyam adhiyam (ka, ga, gha) ahitam (ta) 18/34 mehu avattiyam medhunavattiyam (ka, ga, gha) 20/1 ahe adho (ka) 2012 vaiyarie vaticarie (ta) NIRAYAVALIYAO 1/42 arpayā annada (ka) annatä (kha) 1/66 janavadam janavayam (kha) 1/72 usae üsave (kha) 1/91 piisoenam pitasoepam (kha) 1/97 patthe ppitthe (ka) putthe (ga) 1/97 andolāvei andodāvei (ka) 1/117 nicchuhāvei nicchubhāvei 1/127 lecchai lecchati 3/115 suvvayão suvvadão 3/134 juyalam juvalam (kha) jugalam (ga) 4/19 ittha (ka) 4/21 bãosiya opāosiyā (ka, ga) 516 savvouya savvoduya (ka, ga) 5/10 åhevaccam adhevaccam (kha) DESCRIPTION OF MANUSCRIPTS AND PRINTED VERSIONS PAŅŅAVAŅĀ (5) PAŅNAVAŅĀ Text (manuscript) Place Punamchand Budhmal Dudhoria, Chhāpar. (ka) (ka) (ka) itthā Page #50 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (v) (1) (B) Size No. of folios Lines per page No. of letters per line Script Special information Place Size No. of folios PANNAVANA Tabbá (Manuscript) Lines per page No. of letters per line Script Colophon Place Size No. of folios Lines per page No. of letters per line Special Information ५० 101 x 41" 302 patras 11 33 to 41 Most beautiful and correct. It belongs to 15th century approximately. It ends only with the mention of granthagra 7787. Special Information Ms. PANNAVAṆA TRIPATHI with Text and Vetti Place Ms. Section, JVB Library, Ladnun. 9" x 4" 465 patras 7 35 to 39 Beautiful Size "Pratyakaşaragananaya anuṣṭhapacchandaḥ samânamidath granthägram 7787 pramanam". Six verses of stabaka :-- "Samvat 1778 varse phalguna mise śuklapakṣe pratipada tithau ravivare pandita Ivarepa lipi cakre śri vennätata nagara madhyerirastu kalyāṇamastu: subham bhüyällekhakapāthakayob." It contains the text and stabaka. Order's Ms. Grantha Bhandara, Ladnun, 93' x 41 448 patras 1 to 16 PANNAVANA Text (Manuscript) 37 to 45 Text is given in the middle, with vṛtti up and down. Some pages have vṛtti alone. Granthagra of text is 7787 and that of vrtti is 16000. The Ms. is beautiful and faultless. It must belong to 17th cen. approximately. Srichand Ganeshdass Gadhaiya Library, Sardarshahar. 13" x 5" Page #51 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( गव् ) (1) (A) (4) No. of folios Lines per page No. of letters per line Script Special Information No. of folios Special Information Variations of Vrtti written in Ms. bearing sign. Vrtti (Manuscript) Place (a) Variation as approved by Malayagiri. हवृ) (1) Compliled with 'Pradeśa' commentary by Harlbhadra sūri". Publisher-Shri Rṣabhadeva Kefarimal, Ratlam, Part I; verses 11 JAMBUDDIVAPANNATTI Place ५१ No. of folios & pages Lines per page No. of letters per line Special Information 138 patras. 15 60 to 65 Beautiful and correct. Place Every patra is illustrated in the middle and out of the margin too. It appears to belong to 16th cen. Nothing else is mentioned at the end except 'granthagram 7787'. Jambuddivapappatti Text (Mauuscript) No. of folios & pages Lines per page Srichand Ganeshdass Gadhaiya Library, Sardarshahar. 159 patras. Manuscript, Scribing year 1577, VaiSakha Sukla 10 Jambuddivapappatti Text (Manuscript) Palm-leaf (photoprint) Ms. of Jaisalmer. Bhandara, belonging to Madanchand Gauti, Sardarshahar. 164, 328 2 to 6 30 to 35 Some of the lines are incomplete. The Ms. ends only with the mention of Granthagra 4146. It must be belonging to 14th century in view of its accompanying ms. Palm-leaf (Photoprint) Ms. belonging to Madanchand Gauti, Sardarshahar. 97 and 194 2 to 6 Page #52 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (स) (क) (a) (T) Letters per line Script year Jambuddivapappatti Text (Manuscript) Place No. of folios & pages Lines per page Letters per lines Script year Special Information Place Place No. of folios & pages Jambuddivapanpatti Text (Manuscript) Lines per page Letters per line Special Information ५२ Place No. of folios & pages 47 to 50 Samvat 1378 73 No. of patras Jambuddivapappatt! Text (Manuscript) Scribing year Special Information Paim-leaf (Photoprint) of Jaisalmer Bhandara, belonging to Madanchand Gauti, Sardarshahar. 46 & 92 20 70 to 74 No. of patras Scribing year Sepecial Information Samvat 1646 The size of letters is very small. Srichand Ganeshdass Gadhaiya Library, Sardarshahar. Jambuddivapappatti Tripathi, Text and Vrtti (Manuscript) Ms. Section, JVB Library, Ladnun 101 & 202 13 50 to 55 Ms. is antiquated and beautifully scribed. Script year is not mentioned. Ms. Section, JVB Library, Ladoun. 358 & 716 Pages 69-70 missing. () Vitti Tripathi by Hiravijaya Süri (Manuscript) (1) Variant readings as approved by Hiravijaya Suri Place Samvat 1913 Original text scribed in the middle, with commentary at top and bottom margin. Script beautifully written. Order's Library, Ladnun. 582 Samvat 1919 Original text scribed in the middle and Vṛtti at top and bottom margin (5) Vitti by Mahopadhyaya Punyasagara, the disciple of Jinahansagani of (पुवृ) Kharataragaccha (Manuscript). Page #53 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Place (999) Variant readings as approved by Punyasāgara. Srichand Ganeshdass Gadhaiya Library, Sardarshahar. No. of folios & pages 243 and 486 Scribing year Samvat 1575 Special Information Beautifully scribed. ( a) Vrtti by Säntyācārya, the disciple of Hiravijaya Sūri of 'Tapāgaccha Order (Manuscript). Place Srichand Ganeshdass Gadhaiya Library Sardarshanar. Scribing year Sarvat 1551 (straf) Variant readings as approved by Santyacārya. SORAPANNATTI 13 Ink sūrapanpatti Text Place L D. Institute of Indology, Ahmedabad. Serial No. of Ms. Dā 2/57 Size 121" x 50 No. of folios 62 [The first leaf is missing). Lines in each page Letters in each line 48 to 70 Picture drawing in Green and Red ink in the centre of each page. Scribing year Not mentioned. Special Information It is beautiful and easily legible. It is a very antiquated Ms. belonging to about 17th century. It ends with 25 verses in Prakrit language. Sūrapannatti, Original, No. 60 (Manuscript) Place L.D. Institute of Indology, Ahmedabad. Size 101" x 4.1 No. of patras 87 Line in each page Letters in each line 33 to 41 Scribing year Samvat 1570 Special Information Script is beautiful, but abounds in mis takes. Sūrapannatti, Original, No. 607 (Manuscript) Place L.D. Institute of Indology, Ahmedabad. Size 10" x 4" No. of patras (T) 66 Page #54 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (सूवृ) (4) (x) (*) Lines per page Letters per line Scribing year Special Information Sürapappatti, Commentary, No. 48. Place Size No. of patras Lines per page Letters per line Scribing year Special Information Place Size No. of patras ૪ Lines per page Letters per line Scribing year Special Information 13 34 to 42 Samvat 1673 CANDRAPRAJNAPTI Candapannatti Original No. 600 (Manuscript) Beautiful script but abounds in mistakes. Place No. of patras L.D. Institute of Indology, Ahmedabad. 12" x 5" 224 13 44 to 60 Samvat 1574 Script beautiful and distinct. (*) Candapanpatti Commentary (Manuscript) (चं L.D. Institute of Indology, Ahmedabad. 10 x 41° 68 11 32 to 41 Samvat 1570 Beautiful script, but abounds in errors. A bavadi in the middle of the page. Place Size No. of patras Lines per page Letters per line Scribing year Special Information Candapappatti Tabba (Manuscript) Order's Ms. Library, Ladnun. 10" x 4" 179 6 about 50 Samvat 1762 Script beautiful Ms. Section, JVB Library, Ladnu. 57 NIRAYAVALIYO Nirayavaliyão Text (Manuscript) Place Palm-leaf (Photoprint) copy of Jaisalmer Bhandara, belonging to Madanchand Gauti, Sardarshahar. Page #55 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 44 No. of folios & pages 25 & 50. Nine patras are photoprinted. Each page contains photos of six pages. Somewhere it is less or more. Size 12 x Lines per page 5 lines of the text. Some patra contains 2 or 3 lines also. Some lines are even incomplete. Letters per line 45 to 50 Special Information No colophon at the end. Nirayāyaliyão Text (Manuscript) Place Srichand Ganesh dass Gadhaiya Library, Sardarshahar. Size 131x 5' No. of folios & pages 19 & 38 Lines per page 15 Letters per line 71 to 75 Ink Black colour. A bävadi in the middle portion and a thojn Red ink in its centre. Scribing year Not mentioned Special Information It should belong to 16th cen. approximately on the basis of the copy accompanying Nirayāvaliyão Tabbá (Manuscript) Place Ms. Section, JVB Library, Ladnun. No. of folios & pages 63 and 126 Lines per page Letters per line 35 to 45 Size 103" x 41 Scribing year Samvat 1833 Nirayāvaliyão Vịtti (Manuscript) Place Srichand Ganesbdass Gadhaiya Library, Sardarshahar No. of patras Size 13}" x 5" Soribing year Samvat 1575 Printed Vitti Editors A.S. Gopani & V.J. Choksi Publisher Shambubhai J. Shah, Gurjar Granthratna Karyalaya, Gandhi Road, Ahmedabad. Year of publication 1934 A.D. (2) Page #56 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Acknowledgement of Collaboration The tradition of councils in Jainism is very old. As many as four councils had been held before the period that ended ere a millennium and a half from now. After the time of Devardhigani no well-organised council was held. The Agamas committed to writing in his time were disorganised to a very great extent in this long interval. A fresh council was therefore a desideratum. Ācārya Sri Tulsi made an attempt at holding a Comprehensive Consentaneous Council, but could not succeed. Ultimately we arrived at the view that our Council will serve the same purpose, if it was based on impartial research and complete dedication to the cause of truth. We started our work in accordance with this resolution. The chief inspiration to this council is the Acarya Sri. The council is a deliberative assembly headed by an eminent personality who combines in him. self a variety of functions, the chief among them being teaching and instruction, translation, investigation, critical study, sorting out correct reading and so on. We enjoyed the active cooperation, guidance and encouragement in all these activities from the Acārya Sri. This indeed was our strength and support for undertaking such an arduous task Instead of feeling relieved of the burden by expressing my gratitude to the Acārya Sri, it would be better for me to feel more burdened by the support of his blessing for the future work and responsibility. In editing the text of the nine upãngas in the present volume I received sufficient cooperation from Muni Sudarshanji and Muni Hiralalji. In the work of ascertaining the readings in Pannavanā and Nirayāvaliyão, Muni Balchandji and Muni Madhukarji respectively offered assistance. In preparing the press copy, Late Mannala lji Borad also proved helpful. The work index of Pannavaņā has been prepared by Muni Srichandji, of Jambuddivapannatti, Sūrapannaiti and Candapannatti by Muni Sudarshanji and of Nirayāvaliyão by Muni Hiralalji. The first Appendix and the extent of the text was determined by Muni Hiralalji. In preparing the word indexes of Pannavanā and Jambuddivapaņgatti, Sadhvi Jinaprabhā and Sadhvi Chandanbālā respectively contributed a lot. In proof-reading Muni Sudarshanji, Muni Hiralalji, Muni Dulaharajji and Samaņi Kusumprajña actively cooperated. At certain stages Muni Vimalkumarji and Muni Sampatmalji also proved helpful. Muni Hiralalji was specially engaged in revising the text again. I express sentiments of gratitude for all those, in addition to the names already mentioned, who contributed whatever little they could in editing the text of the 32 agamas. In this task we utilised the muss. belonging to the institutions such as L. D. Institute of Indology, Ahmedabad, Shrichand Ganeshdass Gadhaiya Page #57 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Pustak Bhandara, Sardarshahar, Terapantha Sabha, Sardarshahar, Punamchand Buddhamal Dudhoriya, Chhapar, Ghewar Pustakalaya, Sujangarh, Jain Vishva Bharti, Ladnun and Jaisalmer Bhandāra, in addition to Order's Bhandāra. The text of Nandi revised by Muni Punyavijayaji was also made available to us. All this provei a valuable assistance to us. An important stage of the publication of the revised text of 32 āgamas, which began under the able stewardship of Ācārya Si Tulsi as Vācanā-pramukha, is completing today. For the first time the revised and authorised version of the 32 āgamas is being made available to the scholars. It is a matter of ineffable joy for us. The work of the editing of agamas first started in V.S. 2012 at Ujjain. In that year the word indexes of almost all the 32 agamas had been prepared. Several monks and nuns were actively engaged in it. Groups, each containing three or four monks or nuns, were formed and they finished the assignment without any loss of time. On the one hand the aged monks like Muni Chauthmalji, Muni Sohanlalji (Churu) etc. were actively engaged in it while on the other hand the younger monks too devoted themselves wholeheartedly to this job, which was like a campaign and every participant was full of the awakening of a new spirit. The text was unrevised so far, so it could not be utilised fully weli. Word-indexes had got to be prepared anew, but whatever line of action was chalked out, was quite commendable. One special and worth-mentioning characteristic of this editing is that everything was done by the monks themselves and no external help from any scholar-householder was required. The whole credit goes to the leadership of Acărya Sri as also to the Terapanth Religious Order. I cannot afford to forget on this occasion the services rendered by the late Madanchandji Gothi who had a very sound knowledge of agamas and was exceedingly helpful in revising the text of agamas. Had he been alive, he would have felt satisfied on the publication of this volume. The Managing Director of the Agama series, Sri Srichand Rampuria (Vice-Chancellor, Jain Vishva Bharti) has been taking interest in this work since its inception. He is ever devoted to the task of popularising the Agamic lore. After retiring completely from his well-established profession, he has been devot. ing a major part of his time to the service of Agama literature. Sri Khemchand Sethia and Sri Srichand Bengani, the President and the Secretary respectively of Jain Vishva Bhart i have cooperated a lot towards the successful completion of this task. The English rendering of 'Editorial' and 'Introduction' has been made by Dr. Nathmal Tatia. The mention of the cooperation of the co-workers in a common enterprise is only a formality. In fact it was a sacred duty of all of us and that we have fulfilled. Anuvrata Bhawan, Delhi. Yuvācārya Mahaprajña 22nd Oct., 1987. Page #58 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Page #59 -------------------------------------------------------------------------- ________________ The present volume consists of nine agamas -uvangas-Pantavaņā, Jambuddivapagbatt, Candapappatti, Sarapannatti, Nirayavaliyão (five in number). PANNAVANA The canon under review is Paṛṇavaṇā (Prajñāpanā). It treats extensively the two substances-sentient being (jiva) and insentient being (ajiva). The term used in the beginning is prajñāpana', hence the whole canon bears the name 'Prajñāpanā". One of its aims is to interpret the Reality through QuestionAnswer method, and the same thing has been done in this canonical text. That also justifies its nomenclature as Prajñāpona. In the opening gathās, this agama has been named as 'Adhyayana' which shows that one of its names is 'Adhyayana" also. It relates to Drstivada, the twelfth anga, so it has been called as the essence or niḥsyanda of Drstivada. Subject-Matter It contains 36 topics (padas) which discuss the various aspects (paryayas) of soul (jiva) and non-soul (ajiva). It is like an ocean of the Science of Reality (tativa vidya) through which the deeper meaning of Indian Science of Reality can be appreciated. The first topic (pada) provides two classifications of vegetable-bodied beings-the individual-bodied (pratyekaśarlrl) and commonbodied (sadharanasariri). The common-bodied presents such a unique picture of Socialism which cannot even be imagined in human society. It deals in greater details with the dryas and the mlecchas. This canon is the source book of the Science of Truth (tattvajñāna). Whereas the Bhagavar is an anga-pravista canon, the Pannavana is an Upanga. Both these Agamas are inter-related on account of their common theme of the Science of Truth. Most of the Prajñāpana has been included in Bhagavat! by Devarddhigani, as is evident from the use of Jaha pannavande time and again. Its every pada is like the embodiment of abstruse metaphysical problems. It contains various important sutras about lesya and karma. Nandisutra gives us the two classifications of Agamas-angapravista and 1. Pannavana, gatha 2 21 2. 3 3. 1/32 Introduction " " " Page #60 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६० angabahya. The former is again twofold-Avasyaka and Avasyaka-vyatirikta. The latter is again classified as kālika and utkálika. Thus Pannṇavaṇā is Angobahya, Avatyaka-vyatirikta and Utkäliku. Nandi does not contain any reference to Anga and Angubahya. In the latter part of the Agama age the interrelation between Anga and Angabahya was determined. Accordingly, Prajñāpana turns to be the upanga of Samaväyänga. On what basis this interrelationship was determined is a matter of research. It would have been all the more intelligible if Prajñāpand had been recognised as Upäriga of Bhagavati. Author and the Period of Composition Pannavand is the sum and substance (nibsyanda) of Drşivdda. We can thus infer that its subject-matter has been derived from Drapivada. Its author is Arya Syama 2 He was the 23rd in lineage from Acarya Sudharmasvami He was a powerful vacaka in the tradition of the lineage of vacakas. He flourished in the 4th century of Vira-nirvana. The date of composition of Punnavand is probably between the year 335 and 375 of Vira-nirvana. Nandi mentions the 'Mahaprajñāpand" which is now extinct. Both Mahaprajñāpand and Prajñāpană are independent works. It cannot be said definitely whether the former is the progenitor of the latter or the latter contains any new topic. Among the twelve updñgas, Prajñāpand holds a unique position. We can guess from this that it was composed at the period when the Purvas were passing into oblivion and their remaining portions alone were in memory Şatkhaṇḍagama too came into existence at such a period. The remaining upangas were composed in the period subsequent to the composition of Prajñapand. All this conjecture has been made on the basis of their subjectmatter. Umāsvāti flourished in 5th century of Vira-nirvana. His Tattvärthasūtra mentions the sutra "äryä mlecchaśca", which must be based on the first 'pada' of Prajñapand. The clearcut idea and definition of 'årya' and 'mleccha' appearing there is net to be found elsewhere. On this basis Pannavaṇā precedes the period of Umåsväti. Commentaries Many commentaries of Pannavana are available. They are as follows:Commentaries Author Haribhadrasūri Abhayadevasūri 1. Pradeśa-commentary 2 Triya-pada-Sangrahant Granthågra 3728 133 1. Nandi, 73-77 2. Prajñāpana Vr, patra, 471, äryasyamo yadeva granthantareşu asaliga pratipädakam gautamapraśnabhagavannirvacanarupam sūtramasti tadevāgama bahumānataḥ pathati. Prajñapana Vr. Patra, 72; bhagavan āryasyamo'pi itthameva sütram racayati. 3. Tattvärthasutra, 3/36 Date 8th Cen. First half of 12th Cen. Page #61 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Tavāna 3. Vivsti 14500 Malayagiri 13th Cen. 4. Abhayadeva's Titium-pada-sangrahoni avacūmi Kulamandariagani 15th Cen. 5. Vyti Anonymous 6. Vanaspoti-siplikā or Vanaspati.' icara Municandra 1/?th Ce: 7 Avucuri Padmasuri S. Bulanabodha . Dhanavimala 17th Cen Jivavijaya Year 1785 10. Stahaka Parmānanda ► 1876 11. Pannuruna ni Joda 550 Jayācārya 1978 In additioa to this, we also find some smaller commentaries of Pannavana. Muni Punyavijaya has meitioned the commentary named “Bījaka' by Harsakulagani'.! In Muni Punyavijaya's "Introduction to Prajñāpana" and in Jinaratnakośa' we find mention of 'puryāya'. "Prajñāpanā-sútra-sároddhara" is also mentioned in Jiniratnakośa'. Acarya Malayagiri mentio:as cūrņi and Vyddhayrakhya in his Vrtti? Cúrņi is untraceable at present. Malayagiri's commentary is the most elaborate among all the available commentariesĀcārya Haribhadra Sūri's commentary is the most origiual and basic too. JAMBUDDIYAPANNATTI Nomenclature This canon is known as Jambuddivapannatti (Jambūdvipaprajñapri). Prajñāpti means exposition, information or treatment. It contains the cxposition of Jambūdvīpa, hence it is called Jambūdvipap ajñapti. Sthānanga sutra mentions four ungabāhya prajñapris---(1) Candraprajñupti, (2) Süryaprajñapti, (3) Jumbidvípaprajñapti, and (4) Drīpasāgaraprajñupti.' In Kasāyopõhudu, projñaptis have been classified as the five arthadhikaras of 'parikarma' which is the first division of Drsțivada-(i) Candraprajñapti, (2) Suryaprajñapti, (3) Jambūdvipuprajñapti, (4) Dvipasāgara prajñapti and (5) Vyākhyāprujñapti.* In Nandi, Jumbūdvipaprujñapti 1. Pannavana Sattam, Part II, Introduction, p. 158 1. Vrati patra, 269: aha ca cürnikt. * 271 : äha ca cürnikrlo'pi. " " 272: yadah cūrniks!. > " 277: aha ca cürnikri. " S7:prajiāpanāyāốcũrno. ” ” 600 : tatrāivam vrddhavyakhya. 1. Thanam, 4/189 2. Kasayepähudla, Adhikara I, pejjadosavihalti, p. 137; parivamme pañca atthähirarā-randapannalla sarapannalli jamhuddivapannatti divasāyarapannarri viyahapannatti cedi. Page #62 -------------------------------------------------------------------------- ________________ has been categorised as Kālika āgama. Subject matter Its main theme is Jambūdvipa. The list of peripheral and incidental topics is very long. Lord Rşabha, Kulakara, Bharata Cakravarti, Kālacakra, Sauramandala, and many others are the subjects dealt with in it. The description about Bharata Cakravarti's fourteen jewels and nine treasures has been described here in a lively manner. Under the 'wheel of eternity' (kalacakra), thrilling account has been given about the sixth spoke of the present descending cycle. Of all the available forecasts about the universal annihilation, it invites our attention most effect ively. By going through it one is confronted with the horrors of the atomic warfare. Both Lord Rşabha and Lord Mahavira have similarity in various respects. The former is called Adi Kāśyapa while the latter is called Antyakāśyapa. Both propounded the path of five Great Vows. Like Lord Mahavira, Lord Rşabha also put on garment for more than a year, followed by absolute nudity.. Bharata Cakravarti was seated in his palace of glass. While he was looking at his reflection in the mirror, he attained liberation. In later literature this incident is developed in a number of ways. At the loss of his finger-ring he felt the diminution of his beauty, which led him to deeper thought culminating into the attainment of a kevalihood. The canon gives us a beautiful picture of the termination of the 'yaugalika' state, and the beginning of social life and political administration, It is a very important document to get a clear idea of the multifaceted personality of Lord Rşabha. A comparative study of the delineation of Rşabha in the present text with that in the Srimadbhagavata is bound to be very fruitful. The canon is divided into seven chapters which are called 'vakkhäro' or ‘vakşaskāra'. Some of the topics are :-- 1. Jambůdvipa 2. Kālacakra & Rşabha-carita 3. Bharata-Carita 4. Jambūdvipa : detailed description 1. Nandi, 78 2. Jambuddivapannatli, 2/130-137 3. Dhananjaya-namamala, 114, page 57 : vharsiyan vrşabho jyäyän punaradyah prajapatih / aik svakuh kasyapo brahma gautamo nabhijo'grajah // Ibid, 115, p. 58: sarmalirmahatirviro mahaviro'ntyakaśyapah/ nathanvayo vardhamano yatirthamika sampratam // 4. Jambuddivapannatti, 2/66 5. Ibid, 3/221,222 6. Avasyakacūrni, p. 227 Page #63 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 5 Birth Celebration of Tirthankara 7. Jyotiścakra. Author and Date This canon has been categorised as Upanga which shows that it was composed at a later period after Lord Mahavira's nirvana. Its author must be some anonymous elderly monk. The date of composition too is unknown. Jivājīvābhigame, containing detailed accounts of the Kalpavrksas, was also composed by the elders. Jambudvipaprojňupti gives only a brief account of them indicating the details through 'java'. This shows that Jambudvipaprajñapti was composed at a later period than that of Jivājīvābhigume. Possibly we may ascribe it to an earlier date than the emergence of a clear-cut distinction between Svetambara and Digambara schools which are mostly unanimous about the contents of Jambudvipaprajñapti. On this basis we can guess it to belong to the 4th-5th century of Vīranirvana. SN. Canon i. Carni 2. Tika (in Prakrit) 3. Commentaries Out of them, the About nine commentaries are available on this canon. Vrtti by Santicandra alone, has been printed; the remaining ones are unpublished. Santicandra has mentioned that Malayagiri's commentary was lost with the passage of time, but modern scholars have traced it out in the Jaisalmer Bhandara The Vṛttis by Santicandra and Punyasagara bear the mention of Curni. These Commentaries are as follows:-- Granthigra 4. Vriti 5. Yriti 6. Tika (Prameyaratnamañjāṣā) 7. Tikā 8. Vrti ६३ 14252 13275 18000 6. Geographical condition of Jambudvipa 15000 18352 Author Anonymous Haribhadrasüri Malayagiri Hiravijayasuri Punyasigara Sânticandra Brahma Muni Dharmasagara and Vanara Ṛşi Anonymous 9. Vriti 1. Sänticandra: Vrtti patra 2: "tatra prastuto pangasya vrttiḥ śrimalayagirikṛtä'pi sampratikāladosena vyavacchinna." 2. See, Jinaratnakośa, p. 130. 3. (a) Santicandra. Vrtti patra, 19: "paridhyānayanopâyastvayam cürṇikāroktaḥ." (b) Vr. p. 53,252,278. (c) Punyasagari vrtti, patra, 122: "etaccurņo ca." Date 1639 (Vikram Sath) 1645 1660 1639 Page #64 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Muni Dharmasi has composed stubaka (labbā or bālavabodha) on it ul Gujarati. The abundance of commentaries reveals that this ca.101 was síudied very frequently CANDAPANNATTI AND SŪRAPANNATTI Nomenclature Shānanga mentions four angababya prajñaptis, of which the first is Candraprajñapri and the second is Súrraprujnapti. Kusayapähuda also mentions them in the same order. As the name comiotes, the first prajñapti deals with the moon while the second one deals with the sun, so they are named as Candruprajiapti and Sūryoprajñupti respectively, Subject Matter The list of ūgumes contains both these águmas--Candraprajñupti and Süryaprajñpti. Nandi's Agama-list too tells of Candraprajñapri as Kalika and Süryapruji-pri as Uikalika.“ 'The cause of this distinction demands investigation. The former is not available at prese it but for a very small portion of its beginning. We come across some manuscripts entitled Candrup ajñapri and Süryoprojñapti but their text throughout is identical except the initial sutra. Acārya Maluyagiri has composed cominentaries on both of them did they are almost identical "The general impressio, prevailing at present is that Cundruprujñopri is not at all available these days. Whatever is available is Süryaprajñupti alonc. Dr. Walter Schubring has put forward a conjectureSuryaprajñapti, from its 71 puhuda Ojiwards, ascribes more importance to the moon and ihe stars, so we imagine thui! Candraprajñupri begins from the 10th pāludu.' But in the absence of the whole subject matter of Candruprojiupti, Schubring's conclusions cannot be taken as authoritative outright. Even then there is much toom for consideration. Commentaries Malayagiri's commentaries are availabic On boin-Cund aprajñopli and Süty prujñopii. The commentaries are identical and whatever iheir difference is has been noted in the Appendix. According to Jinaratnak ośu, the granthägra of the commentaries of these agamus is 9300 and 9000% respectively. Bhadrabāhu's Nirvukiis mention the Niryukti on Sú paprajñop i,? which was, liowever, 1101 1. Thunani, 41189. 2 Kasayapāhida, Chapter 1-"pejjuulosa rihatti". p. 137 3. Nandi, 77,78 4. Schutring : The Doctrine of the Juina, p. 102 5. Jinaratnakosa, p. 118 6 Ibid, P 452 7. Avasyaka-niryukti, gatha, 85 Page #65 -------------------------------------------------------------------------- ________________ traceable in Malayagiri's period. He has mentioned the views of his foregoing ācāryas also in his commentary. NIRAYAVALIYO Nomenclature This agama is a śrutaskandha- Its oldest name seems to be upanga Jambūsvāmi enquired of Sudharmāsvāmi the meaning of upanga, whereon the latter repliců—“Upānga is fivefold-Nirayávalika, Kalpavatamśikā, Puspikā, Puspacūlika, Vrsnidaśa. The term 'upānga' is here used in plural number. It is a frutaskundha consisting of five sections. The plural number is probably used on this reason. We do not know about its original anga. The term 'upangu' is not in vogue at present for the text. Upānga stands for the 'collection of twelve agamas.' Nandi's list of canons does not mention the term 'upanga', but only Nirayāvaliyão' etc. are mentioned as five independent äganas. It may be supposed that the five canons were regarded as a śrutaskundha in later times after the composition of the Nuindi, and the śrutaskandha was named as upanga. According to Prof. Winternitz, these five agamas were earlier known as 'Niravavalika'. They were regarded as separate entities when the contents of angas and upangas were determined. Nirayávaliyao is also known as kalpikā, as we find this in some manuscripts of Nandi. The same term has been used in the writi of Nundi by Acārya Haribhajrasürj and Ācārya Maiayagiri : It is just possible that the first group of the 'uvarigā' was namel as 'kalpika', but as it related to the karmas leading to heli, it was given the second name Nirāyāva lika. In this way, the two names viz. Nirayāvalika' and 'kalpika' originated. Subject-matier The main theme of the Niruyávalikā śrutaskandha is the auspicious and inauspicious conduct and karma and their vipāku. In the first section we find the description of fierce battle between Cetaka 1. Vitti p. 1, gatha 5 usya niryuklirabhüpürvam śribhadrubahusürikria / kaluloso sa nesada yvacak şe kevalam sitram !! 2. Sir yaprajnapti, Vrtip 168: tallevam yuthi purvācâr yairidunieva pūrvasātrumavalanıbya piirvuvisayum vyakhyanam krtam tarha moyi vineyajananugrahüy'u s umat yanusareitopadaršitam // 3. Nirayuvaliyão, 1/4,5 4. listory of Indian Literature, II Edn, Vol. II, pp. 457-458 5. Nandi, 78 Page #66 -------------------------------------------------------------------------- ________________ and Srenika, which has been referred to not only in the Bhagavarii and the Avaśyaka cūrņi", but in the Buddhist literature too. It is surprising that history does not record this battle. Battle may be indispensable for self-protection, and the consequent violence may be regarded as inevitable for a householder. Even then none can deny that violence is, for all purposes, but violence and it can never masquerade as nonviolence. In the section under review, this anti-war attitude has come to the forefront, and it is a spiritual edict against the religious justification of holy wars. The second section contains the description of the salvation of Sreņika's ten grandchildren, who adopted the path of religious austerities. The third section propounds the obscrvance and non-observance of restraint and equanimity. The fourth section contains the description of the ten nuns (disciples) of Parśvanātha. We find the description of the observance of conduct by the twelve princes of Vţşņi dynasty and their birth in 'Survärthasiddhi' in the fifth section. Thus various interesting and important topics have been propounded in this small-sized upanga, that is, Nirayavalikā śrutaskandha. Author and Date of Composition No definite information is available about the author and the date of composition of this angahāhya śrutaskandha. It is, however, certain that some elderly monk composed it. It deals with the topics related with Bhagavari, jñātā, Upāsakudasā, Aupapātiku and Rajapraśniya, but this is 110t a sufficient ground to determine the date of its composition. When the Āgamas were analysed, it was found that thc earlier agamas contain the names of the later āgamas, so they cannot determine which agamas were composed carlier and which at a later date. Commentaries A Sanskrit commentary is available on this śrutuskandha. Sricandrasuri wrote its commentary, a very abridged piece of composition, in the Vikram era 1228. A fabbá (stabaka) was composed on it in Gujarati by Muni Dharmasi (Dharmasingh). Completion of the Assignment The overall credit of its editing goes to Yuväcărya Mahaprajña. The work has come to successful completion due to the single-mindedness with which he applied himself to the task day and night, without which this gigantic task would have been insurmountable Being a yogi basically, he is able to ever maintain concentration of mind. Engaged as he has been in the cditing of the agamas for a 1. Bhagavati, 7/173,210 2. Avašyaka cúrni, part II, p. 174 Page #67 -------------------------------------------------------------------------- ________________ very long period, he is eminently endowed with the power to penetrate into the deeper mysteries of the canonical texts. Modesty, perseverance and complete dedication to the guru have contributed to the development of these merits in him. Such merits were inherent in him since childhood. Since the time he came to me, I have found gradual intensification of these merits. I have derived utmost satisfaction from his capability and wholehearted devotion to duty. Many other mo: ks also contributed towards the editing of the text of these canons 1 bless them all with the wish that their working capacity may be all the more developed. I had embarked upon this Herculean work of agamas, having complete faith in my disciples--the monks and nuts of the Order. I feel highly satisfied that this gigantic task has been accomplished successfully in a right way. Anuvrata Bhawan, New Delhi, - Acharya Tulsi 22nd October, 1987 Page #68 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Page #69 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कप्पडिसियाओ सू०१ से १४ पढमं अज्झयणं पृ०७४१, ७४२ Page #70 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Page #71 -------------------------------------------------------------------------- ________________ बीओ वग्गो कम्पडिसियाओ पढमं अज्झयणं पउमे १. जइ णं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं उवंगाणं पढमस्स वग्गस्स निरयावलियाणं अयमठे पण्णत्ते, दोच्चस्स णं भंते ! वग्गस्स कप्पवडिसियाणं समणेणं भगवया महावीरेणं जाव' संपत्तेणं कइ अज्झयणा पण्णत्ता ? २. एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव' संपत्तेणं कप्पवडिसियाणं दस अज्झयणा पण्णत्ता, तं जहा-- पउमे महापउमे, भद्दे सुभद्दे पउमभद्दे । पउमसेणे पउमगुम्मे, नलिणिगुम्मे आणंदे नंदणे ॥१॥ ३. जइ णं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव' संपत्तेणं कप्पवडिंसियाणं दस अज्झयणा पण्णत्ता, पढमस्स णं भंते ! अज्झयणस्स कप्पवडिंसियाण समणेणं भगवया महावीरेणं जाव' संपत्तेणं के अछे पण्णत्ते ? ४. एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा नाम नयरी होत्था। पुण्णभद्दे चेइए। कूणिए राया । पउमावई देवी ॥ ५. तत्थ णं चंपाए नयरीए सेणियस्स रण्णो भज्जा कूणियस्स रण्णो चुल्लमाउया काली नामं देवी होत्था - सूमाला ॥ ६. तीसे णं कालीए देवीए पुत्ते काले नाम कुमारे होत्था--सूमाले ।। ७. तस्स णं कालस्स कुमारस्स पउमावई नाम देवी होत्था-सूमालपाणिपाया जाव विहरइ॥ ८. तए णं सा पउमावई देवी अण्णया कयाई तंसि तारिसगंसि वासघरंसि अभिंतरओ सचित्तकम्मे जाव सोहं सूमिणे पासित्ताणं पडिबुद्धा ।। ___६. एवं जम्मणं जहा महाबलस्स जाव' नामधेज-जम्हा णं अम्हें इमे दारए १,२,३,४,५. ना० १६१७ । ८. महब्बलस्स (क)। ६. ओ० सू० १५। ६. भग० ११११३३-१५३ । ७. भग० ११११३३ । ७४१ Page #72 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७४२ कप्पडिसियाओ कालम्स कुमारस्स पुत्ते पउमावईए देवीए अत्तए, तं होउ णं अम्हं इमस्स दारगस्स नामधेज पउमे-पउमे । सेसं जहा महाबलस्स, अटुओ दाओ जाव उप्पिं पासायवरगए विहरइ। सामी समोसरिए । परिसा निग्गया। कूणिए निग्गए। पउमेवि जहा महाबले निग्गए तहेव । अम्मापिइआपुच्छणा जाव' पव्वइए, अणगारे जाए इरियासमिए जाव' गुत्तबंभयारी !! १०. तए णं से पउमे अणगारे समणस्स भगवओ महावीरस्स तहारूवाणं थेराणं अंतिए सामाइयमाइयाई एक्कारस अंगाई अहिज्जइ, अहिज्जित्ता बहहिं चउत्थछद्रुम'- दसम-दुवालसेहिं मासद्धमासखमणे हि विचितेहिं तवोकम्मेहिं अप्पाणं भावेमाणे' विहरइ ।। ११. तए णं से पउमे अणगारे तेणं ओरालेणं जहा मेहो तहेव धम्मजागरिया चिंता एवं जहेव मेहो तहेव समणं भगवं महावीरं आपुच्छित्ता विउले जाव' पाओवगए [कालं अणवकखमाणे विहरइ ? ]in १२. तए णं से पउमे अणगारे समणस्स भगवओ महावीरस्स तहारूवाणं थेराणं अंतिए सामाइयमाझ्याई एक्कारस अंगाई अहिज्जित्ता, बहुपडिपुष्णाइं पंच वासाइं सामण्णपरियागं पाउणित्ता, मासियाए संलेहणाए अप्पाणं झोसेत्ता, सट्टि भत्ताइं अणसणाए छेदित्ता आणपुवीए कालगए। थेरा ओइण्णा। भगवं गोयमे पुच्छइ, सामी कहेइ जाव' सर्टि भत्ताइं अणसणाए छेदित्ता आलोइय-पडिक्कते उड्ढे चंदिम-सूर-गहगण-नक्खत्त-तारारूवाणं सोहम्मे कप्पे देवत्ताए उववण्णे । दो सागराई ठिई ॥ १३ से ण भंते ! पउमे देवे ताओ देवलोगाओ आउखएणं पुच्छा ? गोयमा ! महाविदेहे वासे जहा दढपइण्णा जाव' अंतं काहिइ ।। १४. तं एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावोरेणं जाव' संपत्तेणं कप्पडिसियाणं पढमस्स अज्झयणस्स अयमठे पण्णत्ते __ .--त्ति बेमि ।। १. भग० ११११५४-१६८। २. ओ० सू० २७ । ३. सं० पा०-छट्ठम जाव विहरइ । ४. ना० १३१०२०२-२०६ । ५. ना० ११११२११। ६. ओ० सू० १४१-१५४ । ७. ना० १।१७। Page #73 -------------------------------------------------------------------------- ________________ बीअं अज्झयणं महापउमे १५. जइ णं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव' संपत्तेणं कप्पडिसियाणं पढमस्स अज्झयणस्स अयमठे पण्णत्ते, दोच्चरस णं भंते ! अज्झयणस्स कप्पडिसियाणं समणेणं भगवया महावीरेणं जाव' संपत्तेणं के अढे पण्णत्ते ? १६. एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा नाम नयरी होत्था। पुग्णभद्दे चेइए। कुणिए राया। पउमावई देवी ॥ १७. तत्थ णं चंपाए नयरीए सेणियस्स रण्णो भज्जा कूणियस्स रण्णो चुल्लमाउया सुकाली नामं देवी होत्था ।।। १८. तीसे णं सुकालीए पुत्ते सुकाले नाम कुमारे ॥ १६. तस्स णं सुकालस्स कुमारस्स महापउमा नाम देवी होत्था-सूमाला।। २०. तए णं सा महाप उमा देवी अण्णया कयाई तंसि तारिसगंसि एवं तहेव महाप उमे नाम दारए जाव' सिज्झिहिइ, नवरं---ईसाणे कप्पे उववाओ उक्कोसटिइओ।। २१. तं एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं कप्पडिसियाणं दोच्चस्स अज्झयणस्स अयमठे पण्णत्ते –त्ति बेमि ॥ ३-१० अज्झयणाणि २२. एवं सेसावि अट्ठ नेयव्वा । मायाओ सरिसनामाओ। कालाईणं दसहं पुत्ताणं आणुपुवीए -- दोण्हं च पंच चत्तारि, तिण्हं तिण्हं च होंति तिण्णेव । दोण्हं च दोणि वासा, सेणियनत्तूण परियाओ ॥१॥ उववाओ आणपुवोए--पढमो सोहम्मे बिइओ ईसाणे तइओ सणंकुमारे चउत्थो माहिंदे पंचमो बंभलोए छट्ठो लंतए सत्तमो महासुक्के अट्ठमो सहस्सारे नवमो पाणए दसमो अच्चुए। सव्वत्य उक्कोसट्टिई भाणियबा । महाविदेहे सिज्झिहिति ।। १,२. ना० ११११७ । ५. उ० २।१-१४ । ३. उ० २०८-१३ । ६. पुत्ता (क,ख)। ४. ना० १५१७॥ ७. अणुपुवीए (ख,ग)। ७४३ Page #74 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट Page #75 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Page #76 -------------------------------------------------------------------------- ________________ संक्षिप्त-पाठ अणागारेहिं जाव पासति अतिरिया चैव जाव अमणामतरिया अणितरिया जाव अमणामतरिया अबाहा जाव णिसेगो आगारेहि जाव जं परिशिष्ट - १ संक्षिप्त-पाठ, पूर्त स्थल और पूर्ति आधार-स्थल आभिणिबोहियणाण एवं जहेव कण्हले साणं तहेव भाणियध्वं जाव चउहि इट्टतरिया चैव जाव मणामतरिया उट्टे जाव एलए उदएण जाव अट्ठविहे उववेया जाव फासेणं तो जाव अमणामतरिया एवं जहा इंदियउद्देसए पढमे भणियं तहा भाणियव्वं जाव से तेणट्ठेणं एवं जहा नेरइयाणं एवं मणूसाण वि कंता जाव मणामा कम्मभूमगपलिभागी वा जाव सुतोवउत्ता कम्मभूमगपलिभागी वा जाव सुतोवउत्ते कालं जाव खेत्तओ खेत्तं जाव पासति जाव इत्तरिय गोयमा जाव णण्णत्थ गोमा जाव रोएज्जा जहा पंचेंदियतिरिक्खजोगिएसु जाव जेणं पूर्त-स्थल ३०१२७, २८ १७/१३० १७।१२५ २३१६८, ७४ ३०/२६ १७/११३ १७११२६,१२७,१३४ ११११७, १९, २० २३।२१,२२ १७/१३४ १७/१३१,१३२ ३४।१२ २८३३६ ३४१६ २८/१०५ २३।२०० २३।२०१ १८११७ १७ १०७ ११ १६, २० २०१३४ २०१८ पूर्ति आधार- स्थल ३०१२८ १७।१२३ १७।१२३ २३।६० ३०/२५ १७।११२ १७।१३८ ११।१६ २३ १३ १७।१३३ १७।१२३ १५/४६ २८२२ ३४८ २५/२४ २३१६६ २३ १६६ १८/२६ १७ १०६ ११।११ २०१७ २०१७ Page #77 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २८॥३३ १५.४७ १२५१ १७।१०६ १७।१०६ १७११५१ १५१५२ ३४११५ ३४|१८ २३॥१३ २३.१५ ३०१२६ १७११३२ १७।१०८ अहा भासुद्देसए जाव पियमा २८११२.१६ जहेव नेरइया तहेव २८.३५ जाणंति जाव अत्येगइया ११४६ जावतियं तं चेव ११५१ रइए जाव पासति १७११०७ रइए तं चेव जाव इत्तरिय १७११०७ तं चेव १७१५४ तं चेव जाव चिट्ठति १२५२ तं चेव जाव णो ३४३१६ तं चेव जाव मणपरियारणा ३४११८ तहेव पुच्छा २३.१६ तहेव पुच्छा उत्तरं च, णवरं-अमणुण्णा सद्दा जाव कायदुहता २३३१६ तेणठेणं जाव णो ३०१२६ पसत्येणं जाव फासेणं जाव एत्तो १७.१३३ पासइ जाव विसुद्धतरागं १७४११० पुच्छा १५.१७,१८,२०-२३,२६-३६,३६, ४२-४४,४६,४६-५१,५७,६२,६३, ६५,६६,६८,७०-७५,७७,७८,८०, १२,८४,८५,८७-६०,६३,९४,९७, ६८,१००-१११,११३,११४,११६, ११७,११६,१२०,१२२,१२३,१२५१२७ २११४० २३।१६,२१,२३ पुच्छा २३२२८,३०,४० पुच्छा २४१११ २८.४१,४३,४८ पुच्छा । गोयमा ! एवं चेव, णवरं---अणिद्रा सद्दा जाव होणस्सरता दोणस्सरता अणिदुस्सरता अकंतस्सरता 5 वेदेते सेसं तं वेब जाव चोद्दसविहे २३३२० पुच्छा । गोयमा! एवं चेव, णवरं—जातिविहीणया जाव इस्सरियविहीणय २३२२२ बस्स जाव कतिविहे २३३१७ पुच्छा पुच्छा १८११ २११३८ २३३१३ २३३२५ २४१४ २८।२४ पुच्छा २३.१६ २३१२१ २३६१३ Page #78 -------------------------------------------------------------------------- ________________ बद्धस्स जाव पोग्गलपरिणामं मस्सा एवं चैव वरं - आभोगणिव्वत्तिए जहणेणं अंतोमुत्तस्स उक्कोसेणं अट्टमभत्तस्स आहारट्ठे समुपज्जति माणूस अतीता वि पुरेक्खडा वि जहा णेरइयस्स पुरेक्खडा महिड्ढीए जाव महासोक्खे वाससताइं जाव णिसेगो सपज्जवसिए जाव अवं समट्ठे एतो जाव अमणामतरिया सम्मुच्छिम सामण्णपुच्छाकायच्वा सिज्झति जाव अंत सीलं वा जाव पडिवज्जित्तए सेसं जहा नेरइयाणं जाव आहच्च अंचेइ जाव पणामं अंचेत्ता जाव करयलपरिग्गहियं अंतलिक्खपविणे जाव उत्तरपुरस्थिमं अंतलिक्खपविणे जाव पूरेंते अंतवाले जाव पच्छिइ अकोहे जाव अलोहे अच्छर गणसंघसंविकिष्णा जाव पडिरूवा अणते जाव समुप्पन्ने अणुपविसर जाव णमि अणुसज्जिस्संति जाव सणिचारी अगखंभसयसणि विट्ठे जाव सुहसंक मे अगखं भसयस णिविट्ठेहिं जाव सुहसंक मेहि bet जंबुद्दीवपण्णत्ती अणे गरायवरसहस्साणुयायमग्गे जाव समुद्दव अदंडकोदंडिमं जाव सपुरजण जाणवयं अपत्थियपत्थगा जाव परिवज्जिया अयमेयारूवे जाव संकप्पे अवक्कमित्ता जाव अन्भवद्दलए विउव्वंति २ जाव तं हियरयं अहोरत्तंसि जाव चारं २३।१४, १५ २८१४६-७१ ३६।१० ३६/८० २३६६ i૬૪ १७ १२४ ४१३४ ३६ ६२ २०३४ २८/३२,३३ ३११२ ५।५८ ३।१३० ३४३ ३।१३३,१३४ २६८ १।३१ २८५ ३।१३७ २।१६३ ३|१०० ३।१०१ ३|१८० ३२१२ ३।१२४ ५।२२ ५७ ७।२७ २३११३ २८१४-१६,३२,२१, २२,४०, ४३-४५ ३६१६ २३० २३३६० १८५६ १७।१२३ ४१११६ ३६८८ २०११७ २८ २०,२१ ३३६ ५१२१ ३।४३ ३।३० ३।२६,२७ पज्जो० ७८ पण्ण० २।३० पज्जो० ८१ ३।२० २१४६ ३६६ ३६६ ३२२ ३।१२ ३२७७ ५३२० राय० सू० १२ ७२६ Page #79 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७६२ ३।४३ राय० सू०४० ३११५,१६ २१४१ ३७ आउहघरमालाओ तहेब जाव उत्तरपुरत्थिमं आपुरेमाणा जाव अतीव आभिसेक्कं जाव पच्चप्पिणंति आयामेणं जाव वासं आसत्तोसत्तविपुलवट्ट जाव करेइ आसयंति जाव भुंजमाणा आसयंति जाव विहरति आसोए जाव आसाढे इट्टत्तराए चेव जाव आसाए इत्तरिया चेब जाव मणामतरिया इटाहि जहा पविसंतस्स भणिया जाव विहराहित्तिकट्ट इट्ठाहिं जाव जयजयसई इड्ढी एवं चेव जाव अभिसमण्णागए इत्थिरयणेणं जाव णाडगसहस्से हिं इमं जाव विणमी इमेयारूवे जाव समुप्पज्जित्था इव जाव ससिव्व ईरियासमिए जाव पारिद्रावणियासमिए ईसर जाव पभितयो उक्करं जाव मागह उक्किट्ठाए जाव अट्टाहियं जाव पच्चप्पिणति उक्किट्ठाए जाव उत्तरेणं उक्किट्ठाए जाव एवं उक्किट्ठाए जाव तिरियमसंखेज्जाणं उक्किट्ठाए जाव देवगईए उक्किट्ठाए जाव वीईवयमाणे उक्किट्ठाए जाव सक्कारेइ सम्माणेइ, २ ता पडिविसज्जेइ जाव भोयणमंडवे, तहेव महामहिमा कयमालस्स पच्चप्पिणंति उक्किट्ठिसीहणाय जाव करेमाणे उत्तरेणं जाव चउणवई उप्पलहत्थ गया जाव अप्पेगइया उल्ला जाब पीइदाणं से, णवरं चुडामणि च दिवं उरत्थगे विज्जग सोणियसुत्तगं कडगाणि य .... तुडियाणि य जाव दाहिणिल्ले अंतवाले जाव अद्राहियं ३२६० ५॥३८ ३०१७३,१७४ २२१४४,१४५ ३.८८ ११३३ ४१२ ७।१०३ २।१८ २०१६ ३१२०६ श५८ ३३१२६ ३३२१४ ३११३८ ३१८८ ३२६,१७ २१६८ १११३ १११३ भ० १८१२१६ जी. ३५६६ जी० ३३२७६ ३१८५ ३११८५; शाव ३६१२६ ३२२०४ ३१२६ ३१२६ ओ० सू० ६३ पज्जो०७८ ओ० सू० ५२ ३११२ ३२८ ३१६४-६७ ३११३३ ३६५६ २।१० २५,४४ ५१४७ ३।२६ ३१२६ जी० ३४४३ ३।२६ ३।२६ ३१७२-७५ ३२९६ ४१८६ ३११० ३।२२ १३२० शाव ३१३७-४२ ३१२३-२६ Page #80 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३१४५-५० ३१२१६ ७८४ ३१२३-२६ ३१८६ ७१७८ २५ ४१ उल्ला जाव पौइदागं से, णवरं माल मडि मुत्ताजालं हेमजालं कडगाणि य तुडयाणि य आभरणाणि य सरं च णामाहा पभासतित्थोदगं च गिण्हइ २ ता जाव पच्चत्थिमेणं पभासतिस्थमेराए अहण्णं देवाणुप्पियाणं विसयवासी जाव पच्चत्थि मिल्ले अंतवाले, सेसं तहेब जाव अट्ठा हिया निव्वत्ता उवट्ठाणसाला जाव सीहासणवरगए उवाएणं जाव संकममाणे उवागच्छित्ता जाव आगायमाणीओ उवायच्छित्ता जाव ससिव्व एज्जमाणा जाव निव्वु इक रेणं एयारूवाए जाव अभिसमण्णागए एवं ओववाइयगमेणं जाव तस्स एवं पच्चथिमिल्लाए जाव पच्चथिमिल्लं कटु जाव पडिसुणेइ कडगाणि य जाव आभरणाणि कडगाणि य जाव मागह कडगाणि य जाव सो चेव गमो जाव पडिविसज्जेइ कत्तिइण्णं जाव वत्तव्वं करयल जाव अंजलि करयल जाव एवं करयल जाव कटु करयल जाव जएणं करयल जाव मत्थए करयलपरिम्गहियं जाव अंजलि करयलपरिग्गहियं जाव मत्थए करेइ अवसिझें तं चेव जाव निहिरयणाणं करेत्ता जाव गट्टविहिं करेत्ता जाव वेयड्ढगिरिकुमारस्स करेता जाव सिंधूए कामगमाणं जाव मणोरमाणं किण्हचामरझया जाव सुक्किल' केणठेणं जाव सासए कोटुपुडाण वा जाव पीसिज्जमामाण कोडीए जाव दोहिवि पुढे ३१२२२ ३६ ५।३८ रायः सू० ४० ३२१२२ ३१२६ ३३१७८,१७६ शाव, हीवृ, ओ० सू० ६४ ४११०८ ३१८४ ३११६ ३२७२ ३१२६ ३२२६ २२६ ३१५६,५७ ३२६,२७ ७१४२ ७१४१ ३६,२०४ ሃ ५॥४६ ३२५ ओ० सू० २० ओ० सू० २० ३८८ ३१५१ ३२११४,१२६,५१५८ ३६१६४-१६६ ३३१८-२० ५१५८ शा ३६१८-२० ३१५२-५४ ३।१८-२० ७११७५ ७११७५ ४१२६ जी० ३१२८८ ४१३४ ४१२२, पुत्र, हीव ४११०७ जी० ३२२८३ ४११७२ ४११०८ ३२५ ३१५ ३१५ ३२५ ३.५ Page #81 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७९४ कोहे वा जाव लोहे २०६६ पज्जो०७४ गच्छंति जाव नियमा ७१४०-४८ भ० ११२५८-२६६, शावृ गयवई जाव दुरुढे ३१२१५ ३१७ मामाइ वा जाव सण्णिवेसाइ २१२१ ठाणं ॥३६० गाहावइकुडप्पमाणं जाव मंगलावत्त ४।१६५ ४११८३; ही गुणेत्ता जाव तं चेत्र ७.३३ ७१३१ घडमुहपवत्तिएणं जाव साइरेग' ४११०,६१ ४॥२३ घाइय जाव दिसोदिसिं ३३११० ३३१०८ चंदिम जाव तारारूवा ७१५८ ७१५५ चंदे जाव संकममाणे ७७५,७८ ७१६६ चक्करयणदेसियमम्गे जाव खंडगप्पवायगुहाओ ३।१६३ ३३९३ चच्चर जाव महापह ३३२१२ ३॥१८५ चरइ जाव केवइयं ७.८० ७७६ चेव जाव गंधे ४११०७ जी० ३२८१ छत्तपडामा जाव संपट्ठिया ३३१७८ ओ० सू० ६४ जा पढममज्झिमेसु वत्तब्धया ओसिप्पिणीए सा भाणियन्वा २०१५८ २१५५ जुगमुसलमुट्टि जाव वासं ३।१२२ ३१११५ जुगमुसलमुट्ठि जाव सत्तरत्त २११४२ २११४१ जोएइ जाव कुलोबकुलं ७.१३६ ७.१३६ जोयणंतरिएहिं जाव जोयणज्जोयकरेहि ३६६ ३१६५ णरवई जाव सव्वे ३१३१ ३।२४ णवजोयणविच्छिण्णं जाव कयमालस्स ३१६६-७१ ३११८-२० णवजोयणविच्छिण्णं जाव खंधावारणिवेसं ३११८० ३११८ णवजोयणविच्छिण्णं जाब विजयखंधावारणिसं ३११६४ ३।१८ णवरं पम्हलसूमालाए जाव मउड ३२११ जी० ३।४४६ णाणामणिपंच जाव कित्तिमेहि २।१२७ २१५७ णिक्खममाणस्सवि जाव अप्पडिव ज्झमाणे ३।२०४ ३३१८६ णिरयगामी जाव अंत ११५१ ११२२ णिरयगामी जाव अप्पेगइया २११४८,४११०१ ११२२ णिरयगामी जाव देवगामी २२१२३ १।२२ णिरयगामी जाव सव्वदुक्खाणमंत २११२८ १२२२ णेया वेढो भरहस्स ३१७७ णो चेव णं तेसि मणुयाणं आबाहं वाबाहं वा जाव पगइभद्दया २१४१ २०३६ तयणतराओ जाव संकममाणे ७१६६ तलवर जाब सत्यवाह ३।१७८,१८८,२१६,२२१ ३।१० तहेव पविसंतो मंडलाई आलिहइ ३।१५८-१६० ३१६४-६६ तहेव सेसं जाव विजयखंधावार' ३११८ ७१८१ Page #82 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तित्य गरचियगं जाव अणगारचियग तित्थगरचियग जाव णिव्वाति तित्थगरचियगाए जाव अणगारचियगाए तित्थगरचियगाए जाव विउव्वं ति तिस्थगरसरीरगं जाव अणगारसरीरमाणि तित्थयरस्स जाव फुट्टिहीतिकटु तिसोवाणपडिरूवएणं जाव पज्जुवासंति तुरग जाव वणलयभत्तिचित्ताओ तुरियाए जाव उद्ध् याए तुरियाए जाव वीतिवयमाणा तेणेव जाव पच्चप्पिणं ति तेरसहिं जाव छेत्ता तोरणेणं जाव पवूढा दंडणायग जाव दूय दंडणायग जाव सद्धि दिब्बतुडिय जाव आपूरेते दिव्वा वा जाव पडिलोमा दुरंतपंतलक्खणे जाव परिवज्जिए दुरंतपंतलक्खणे जाव हिरिसिरि दुरुहिता जाव सीहासणंसि दुरुहित्ता तहेव जाव णिसीयंति दुस्समदुस्समाकाले जाव सुसमसुसमाकाले देवराया जाव पच्चप्पिणइ देवाणुप्पिया जाव अम्हे देवा य जाव विहरति देविड़ित जाव उवदंसेमाणे देविड़िढ जाव दिव्वं देवेण वा जाव अग्गिपओमेण वा जाव उद्दवित्तए नाणेणं जाव चरितणं पउंजित्ता जाव पम्हसूमालाए पउमवरवेइयाए जाव संपरिक्खित्ता पंड्यए जाव संखे पकरेंति जाव जहणणं पगिण्हित्ता जाव अट्ठम भतं पच्चत्यिमाभिमुहे जाव समप्पेइ पच्चथिमिल्लाए जाव पुढा २११११ २१११२ २।१०५-१०७, १०६ २।१०८ २०१०८ ५७३ श२०६ २।१०१ ३११३८ ३।११३ ५७० ७८०,८१,५३ ४१७७ ३९ ३१७७ ३।१७२ २६७ ३।१२२ ३३११४ ५१४१ ५४२ २।३ ५७१ ३११३८ ११३६ ५१४४ २६५ २११११ २९५ २।१०७ २।१०७ ५७२ ३१२०५ ११३७ ३।२६ ३।२६ ३।१३ ७.७६ ४१३५ शा ३६ ३।१४ पज्जो०७७ ३१२६ ३३५ राय० सू० ४७ ५२४२ २२ ३।१३ ३१२६ १.१३ राय. सू० ५६ राय० सू० ५६ ३।११५ पज्जो० ८१ शाव, जी० ३१४६६ ४१३ ३।१६७ ७५६,५७ ३३२० ६।२४ ४१ ३।१२५ २०७१ ५।५८ ४१२४२ ३११७८ ७।५६,६० ३।१८२ ६२४ ४१५५ Page #83 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७६६ ११४८ ३३३३,३४ ३१२०० १०२० ३१२०,२१ पच्चत्थिमिल्लाए जाव पुढे पच्चप्पिणइ सेसं तहेव जाव मज्जणघराओ पच्चप्पिणह जाव पच्चप्पिणंति . पच्चुवसमंति एवं पुप्फवद्दलगंसि पुप्फवासं वासंति, वासित्ता जाव कालागुरुपवर जाव सुरवराभिगमणजोग्गं पडिणिक्खमित्ता जाव उत्तरपुरस्थिमं पडिणिक्खमित्ता जाव गंगाए पडिणिक्खमित्ता जाव दाहिणं पडिणिक्खमित्ता जाव पूरते पडिसाहरेमाणे जाव जेणेव पण्णत्ते सयणिज्जवण्णओ भाणियव्यो पतणतणाइस्सइ जाव खिप्पामेव पतणतणाइस्सइ जाव वासं पत्तेयं जाव अंजलि परामुसइ वेढो जाव छत्तरयणस्स परिगरणियरियमझो जाव तए परिभुज्जमाणाण वा जाव ओराला पवरवाहण जाव सेणाए "पवरवीर जाव दिसोदिसिं पाईणपडीणायया जाव पच्चस्थिमिल्लाए पाउप्पभाए जाव जलते पारेत्ता जाव सीहासणवरगए पासाईयाओ जाब पडिरूवाओ पामादीया जाव पडिरूवा पिंडिम जाव पासादीयाओ पीइमणे जाव अंजलि पुष्फारुहणं जाव वत्थारुहणं पुरथिम जाव पुढे पेच्छिज्जमाणे एवं जाव णिग्गच्छइ जहा ओववाइए जाव आउलबोल बहुलं ५७ राय० सू०१२ ३११४० ३।४३ ३।१४६ ३१४३ ३।१३६ ३१४३ ३३५१ ३४३ राय० सू०५६ ४१३ जी० ३.४०७; शावृ २११४२ २१४१ २११४३ २११४१ ३३२०६ जी० ३।४४६ ३२११६ ३६२ ३।१३१ ३।२४ ४११०७ जी० ३।२८१ ३२२१ ३३१७ ३।१०६ ३११०५ ४११ १।१२० ३११८८ ओ० सू० २२ ३१५८ ३।२८ २।१५ १८ २।१४ २।१२ ओ० सू०७ ३।१६ ३॥८८ ३।१२ ४११८ श २०६५ पोसहसालाए जाव अट्ठमभत्तिए पोसहसालाए जाव णमि पोमहसालाए जाव णिहिरयणे पभिइओ तेवि तह चेव णवरं दाहिणिल्लेणं फामपज्जवेहिं जाव परिहायमाणे वंभयारी जाव अट्ठमभत्तिए ३१६३ ३११३७ ३११६६ ३१२०६ २।१३० ३२८४,८५ ओ० सू० ६६ वाचनान्तर; वृतित्रय ३१५४ ३१५४ ३१५४ ३।२०५ २१५१ ३२०,२१ Page #84 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७६७ ३१२० २।११४ ३३१७८ ३।६७ ११२२ बंभयारी जाव कयमालगं ३७१ बंभयारी जाव दन्भसंथारोवगए बहवे जाव करेंति २।११५ बहवे जाव सत्यवाह ३३१० बहुमझदेसभाए जाव उम्मुग्ग ३११६१ बहुसंघयणा जाव अप्पेगइया ११५० बहसमरमणिज्जे जाव भविस्सइ, मणयाणं जा चेव ओसप्पिणीए पच्छिमे तिभागे वत्तन्वया सा भाणियव्वा, कुलगरवज्जा उसभमामिवज्जा २११५६,१५७ भगिणी में जाव संगथसंथुया २०६६ भवण जाव वेमाणिएहिं ४१२४८ भवणवइ जाव अट्ठाहियाओ २।१२० भवणवइ जाव जे ५७३ भत्रणव इ जाव तित्थगर जाव भारग्गसो २१११० भवणवइ जाव देवेहि ४।२५२ भवणवइ जाव भारहगा ४१२५० भवणवइ जाव वेमाणिए २।१०१,१०६,११४ भवणवइ जाव वेमाणिया २।६६,१००,१०२,१०४,११३,११६ मंसाहारा जाव कहि २११३७ मग्गे जाव समुद्दरवभूयं ३।१०६ मडंब जाव जोयणंतरियाहिं ३११८० मणगुत्ते जाव गुत्तबंभयारी ३।६८ मणुण्णा जाव गंधा ४११०७ महज्जुईए जाव पलिओवमट्ठिईए ३१२५६ महज्जुईए जाव महासोक्खे ३१११५ महज्जुईया जाद महासोक्खा महया जाव आहेवच्चं पोरेवच्चं जाव विहराहित्तिक? ३११८५ महया जाव भुजमाणे ३।१८७ महाणईओ सहेव णवरं पच्चथिमिल्लाओ ३।१६१ महामेहणिग्गए जाव मज्जणघराओ ३।२१ महिड्ढीए जाव णो ३।१२५ महिड्ढीयं जाव उद्दवित्तए ३।१२४ माडंबिय जाव सत्थवाह ३८६ य जाव छेत्ता ७.८२ रयणकुच्छिधारिए एवं जहा दिसाकुमारीओ जाव धण्णासि ०४६ २२५७,५८ सू० २१११५१; शावृ ४१२४६ २.११६ ५७२ ११०६ ४१२४८ ४।२४८ २०६५ २०६५ ११३५ ३।२२ ३११८ पज्जो० ७८ जी० ३२८१ ११२४ १०२४ श२४ शाव ३१८२ ३१६ ३।११५ ३।११५ ३.१० ७७६ Page #85 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४१३८ ३१८६ २११५७ ३१३२ ३३१९८ ३।१३६ ३६१७३ रा० सू० १२ ४१२५ ३६१० २।१२८ ३।१३ ३११३ ३२७ ३३३१ ३३१३३ ३।२६ ५१४३ (राय० सू० ५४, शावृ रयणाणं जाव संवट्टगवाए रययाम यकूले जाव पासाईए जाव पडिरूवे राईसर जाव सत्यवाह रायधम्मे जाव धम्मचरणे राया जाव तमाणत्तियं राया जाव पच्चप्पिणंति राया जाव पडिविसज्जेइ राया जाव पास इ रुटठे जाव पीइदाणं सम्वोसहि च मालं गोसीसचंदणं कडगाणि जाव दहोदगं रूवेहिं जाव णिओगेहिं रोहिया णं जहा रोहियंसा पवहे य मुहे य भाणियब्वा जाव संपरिक्खित्ता लवणं जाव समप्पेइ लुहेता एवं जाव कप्परक्खगं लोगपालेहिं जाव चउहि वंदणघडसुकय जाव गंधुद्ध याभिरामं वंदेज्ज वा जाव पज्जुवासेज्ज वणसंडेणं जाव संपरिक्खित्ते वणसंडेहि जाव संपरिक्खित्ते वण्णपज्जवेहिं जाव अणंतगुण' वण्णपज्जवेहिं जाव परिवढेमाणे वण्णपज्जवेहि तहेव जाव अणंतेहिं उढाणकम्म जाव परिहायमाणे वण्णपज्जवेहिं तहेव जाव परिहाणीए वण्णेणुववेए जाव फासेणुववेए वाइय जाव दिब्वाई वाइय जाव मुंजमाणा वाइय जाव भोगभोगाई वालग्गे एवं हेमवयएरण्णवयाणं मणुस्साणं पुवविदेह अवरविदेहाणं मणुस्साणं वित्थडा तं चेव जाव तीसे विमलदंडं जाव अहाणुपुब्बीए विसयवासी जाव अहण्णं विसुद्धरुक्खमूलाई जाव चिठ्ठति ४१७२ ४१३७ ५।५८ रा. ३१७ २०६७ ४१७६ ४१५६ २१५४,१३८,१४०,१५३ २।१४६ ४१४३ ४१३५ शाव, जी० ३।४४६ ॥१६ ओ० सू० ५५ शाव ४॥३१ ४१३१ २२५१ २२५१ २२१२१ २।१२६ २०१८ ७१८२ ७।५८ २१५१ २१५१ जी० ३१५६६ ५।१८ ५।१८ ११८ २१६ ७१३३ ३११७८ ३१३३ २२६ ७१३१ ओ० सू० ६४ ३३२६ Page #86 -------------------------------------------------------------------------- ________________ वीइक्कंते जाव सव्वदुक्खप्पहीणे वीरिय जाव केवलकप्पे देउब्विय जाव समोहनति वेदिम जान विभूतियं वेलेण वा जाव कसेण वेरुलियविमलदंडं जाव धूवं संथरइ जाव कयमालस्स सकोरंट जाव चाउचामर" सक्कस्स जाव अंतियं सक्करा वा जाव मणु सक्के जाव आसणं सक्के तं चैव जाव अंतियं सखिखिणीयाई जाव जएणं सच्चैव सव्वा सिंधुवत्तव्वया जाव णवरं कुंभट्टसहस्सं रयणचित्तं णाणामणिकणगरयण भत्तिचित्ताणि य दुवे कणगसीहासणाई सेसं तं चैव जाव महिमत्ति सण्णद्धबद्धवम्मियकवया जाव गहियाउह सहावेत्ता जाव अट्ठाहियाए महामहिमाए सहावेत्ता जाव पोसहसालं समचउसे जाव तिक्खुत्तो आदाहिणपयाहिणं करेइ वंदति वंदित्ता जाव एवं समाणीए जाव पच्चत्थिमं समाणे जाव सरसगोसीस समाणे सेसं तहेव सम्माणेता जाव पुरोहियरवणं समंत जाव फलवित्तिविसे सब्वज्जुईए जावणिग्पोसणाइयरवेणं सव्वबलेणं जाव निग्धोसनाइएणं सहइ जाव अहियासेइ सहस्सा जाव समपैति सासया जाव णिच्चा सिंगारागार जान त्तोववार कुसल सिघाउन जान एवं सिंपादन] जाब महापह सिज्यंति जाव अंतं सिज्यंति जाव सव्वदुक्खाणमंत 022 २८८ ३।१८८ ३।१६२ ३।२११ २६७ ३३८८ ३२८४ ३६ ५।२२ ३६८ ५।२१ ५।२६ ३११३८ ३।१४१-१४६ ३।१२४ ३१५८,५१ ३१८०-१८२ ११५,६ श६८ ३१८२ ३०३६ ३।२१६ १।३० ३।१८० श७५ २१६७ ६।२६ ११११ ३११३८ ५।७३ ३३१८५,५७२ ४ १०१ ११५०, २०५८ शह ३११८८ ३।१६२ जी० ३२४४९ शाबू ३।१२ ३१२० ओ० सू० ६३ ५।२० ३६८ ५।२० ५२२ ३१२६ ३।५२-५६ ३।७७ ३१२८,२६ ३।१८-२० भ० ११६,१० २०४३ शाब् ३२२ ३।१८६ १|१३ ३।१२ s पज्जो० ७७ ६२६ ११४७ २१५ ५४७२ ओ० सू० ५२ १।२२ १।२२ Page #87 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८.० ५३५ ३।८८ ३११७८ ४१२८ ३।११६ २।२०६ २१६६ २११५६-१६१ २११६२,१६३ ३।२०५ २।९०,१५८ ७१५५ ३१०८,२१० ३१२०६,२१५ राय० सू०१२ ३३१२ ३११२ जी० ३२८७ ३७६ जी० ३१४४४ सू० २।११५० २।५०-५२ २१५०,७ ७१५५ ३।१७८ ३।१८८ सिया जाब तहेव जं सिरिवच्छ जाव कयग्गह सिरिवच्छ जाव दप्पण सिरिवच्छ जाव पडिरूवा सिरिवच्छसरिसरूवं वेढो भणियन्वो जाव दुवालस सुरभिवरवारिपडिपुण्णेहिं जाव महया सुवणं मे जाव उवगरणं सुसमा तहेव सुसमासुसमा तहेव सुस्सूसमाणा जाव पज्जुवासंति सुस्सूसमाणे जाव पज्जुवासइ सूरिय जाव तारारूवा सेणावइरयणे जाव पुरोहियरयणे सेणावइरयणे जाव सत्थवाह. सेणिपसेणिसद्दावणया जाब णिहिर यणाण अट्ठाहियं महामहिमं करेइ हट्ट करयल जाव एवं हट्ठ जाव सोमणस्सिए इट्ठतुटुचित्तमाणदिए जाव करयल' हतचित्तमाणदिए जाब विणएणं हदतचित्तमाणंदिया जाव हियया हट्टतुट्ट जाव कोडुबिय हट्ठतुट्ठ जाव पोसहसालाओ हट्टतुटु जाव हियए हट्टतुटु जाव हियया हत्थिखंधवरगया जाव घोसंति हयगय जाव सण्णाहेत्ता हयगयरह तहेव अंजणगिरि हयगयरहपवर जाव चाउरंगिणि यमहिय जाव पडिसेहिया हरिय जाव सुहोवभोगे हारोत्थयसुकयरइयवच्छे जाव अमरवइ° सूरपण्णत्ती सव्वम्भंतराए जाव परिक्खेवेणं एवं एग दीवं एग समुई अण्णमण्यास्स अंतरंकट्ट ३६ ३८ ३३५ ३।१६८,१६६ ३१५८,५६ ३१८ ३३५; ओ० सू० ५६ ३५ ३३७७,८४ ३.१०० ३११६ ३।११४ ३।३१,१७३ ३.१६६ ३१५ ३१५ ३१५ ५।२७ ३३५ ३१२१३ ३२२१२ ३३१६६ ३३१५ ३।१७५-१७७ ३१५-१७ ३१७७ ३११५ ३११११ ३।१०८ २।१४६ २११४५ ६।६३,१८० ३।१८ १११४ १०२० जं० ११७ १२० Page #88 -------------------------------------------------------------------------- ________________ राइदिए तहेव सीसे सब जान सव्यवाहरिया उहीमुहका पुष्कसंटिता तहेव जान बाहिरिया से तहेव अणुपरियद्विता जाव विगतजोई गह जाव तारारूत्रा वाइव जाव रवेणं सन्जाब चिति समचत्रकवालसंटिते जाव णो सव्वतो जाव चिट्ठति समचक्कवाल जाव णो अंतरं वा जाव मम्म अंतराणि जाव पडिजागरमाणे अतिए जाव पडिवज्जइ अगाराओ जाव पचइत्तए अज्जयं जाव उव संपत्ति अवाणं जान पवदत्तए अभरिए अमथिए जाव समुपज्जित्था अत्थियं जाव वियाणित्ता अनगारे जाव अप्पाणं ८०१ उवंगा अत्तए जाव वेहल्लं अपत्यपत्थर जान परिवज्जए अम्माओ जाव अंगपडिचारियाओं निरवसेसं भाणियन्त्र जाव जाहे वि य णं तुमं वेयणाए अभिभूए महया जाव तुसिणीए अम्मयाओ जाव एतो अम्मयाओ जाव जम्म अयमेव वेजाव ममुपज्जिस्था असण जाव सम्माणेत्ता अहं जाव पव्वइत्तए अहsरूवं जाव विहरति आएहि जान ठि १।२४ ४४ ४६,७ ४७ १५।१४ १६।२६ १६।२६ १६।२८ १६१२६ १६।३२ १९:३३ १११०५ ३।१०४ ३।१०६ ११११६ ३।१०६,१३० ३२६ १।१५ ३।४८,५०१५ ५१३५ ५। ३७ ५३२ १।११४ १२८१. १।६६ १।७४-८७ ३१०१ १/३४ १५१, ११: ३।१०६ ३०५० ४१४ ५२६ १२४३ ११२४ ४३ ४१३,४ ४|४ १५।१० ११।२३ १६।२३ ર १६/३ १६२ १६।३ १।६५ १।६५ ३११०३ ३ ११८ १.१०६ ३ १०६ १।१५ राय० सू० ६ १।१५. भ० १।५१ १।११० उवा० २।२२ १।३४-६२ ३६८ ना० ११:३३ १११५ ना० १।७।६ ३।१२८ ३६६ १।४१ Page #89 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८०२ वृत्ति २।३ आघवित्तए वा जाव विण्णवित्तए ३१०६ ३३१०६ आरंभेहि जाव एरिसरण १।१४० ११२७ आलोएहि जाव पायच्छित्तं ३१११५ ठाणं ३१३३८ आसाएमाणीओ जाव परिमाएभाणीओ ११३४ वि० ११।२६ आसुरुत्ते जाव मिसिमिसेमाणे धण ११२२ आहारपज्जत्तीए जाव भासमणपज्जत्तीए ३११५ राय० सू० ७६७ आहेवच्च जाब विहरइ ५११० ना० १६५६ इच्छिए जाव अभिरुइए ३३१३ ना० १११।१०२ इट्ठाहिं जाव वगृहिं १४४ ११४१ इमेयारूवे जाव संकप्पे ३।६८ १३१५ उखेवओ ३८८,१५४,१६७ ३२२० उक्खेवओ ४।३।५।३ उक्खेवओ जाव दस ४११,२ २१,२ उक्खेवओ भाणियचो ३१२३,२४ ३।२०,२१ उड्ढे जाणू जाव विहरइ ओ० सू०८२ उबट्टवेत्ता जाब पच्चप्पिणंति १।१७,१८ राय० सू० ६६०,६९१ उवट्ठवेत्ता जाव पच्चप्पिणह ४।१६ १११७ एयारूवे जाव समुपज्जित्था ११५४ १५१५ एवं मारेउ बंधेउ २७३ एवमाइक्खइ जाब परुवेइ १९९८ ओ० सू० ५२ ओग्गहं जाव विहरंति ३११३२ ३११ ओहय जाव झियाइ ३१६८ १४१५ ओहयमण जाव झियाइ १११५ वृत्ति कंता जाव भंड ३०१२८ ना० ११०२०६ कयवलिकम्मा जाव अप्प० श१६ ओ० सू० २० करयल० ११३६:५८ ; ३१०६१३८, ५११६ करयल० १६४५,४।१५ १४५ करयल० १५१०७ ओ० सू० २० करयल जाव एवं १६६ करयल जाव कटु करयल जाव पडिसुणेता ११४५ ओ० सू० ५६ करयल जाव बद्धावेंति ११२२ १।१०७ करयल जाव वद्धावेत्ता श११६ १२१०७ काणि जाव वेहल्लं १६११२ १११११ कुणिएणं करयल जाव पडिसुणेत्ता ११४५ गामागर जाव सविणवेसाई ३।१०१ ओ० सू० ८६ चउत्थ जाव अप्पाण ५।२८ २०१० १७३ वृत्ति १२१०८ Page #90 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चउत्थ जाव भावेमाणे चरमाणे जेणेव रायगिहे नवरे जाव अहापतिरूवं चिलाई जाय जूषा छट्ठ छट्ठट्ठम जाव मासद्ध ० छट्टट्टम जाव विचित्ते हि छट्ठम जाव विहरइ छत्तादीए जाव पम्मिय जइस्सइ जाव कालं जहा पढमं जाव वेहल्लं जहा पण्णत्तीए । सामिलो निग्गओ खंडियविहूणो जाब एवं वयासी जता ते भंते! जयणि च ते भंते! पुच्छा । सरिसवया मासा कुलत्था एगे भवं जाय संबुद्धे जहा भगवया कालीए देवीए परिकहियं जाव जीवियाओ ववरोविए जहा सिवो जाव गंगाओ हाए जाय सभ्वालंकार व्हायं जाय पायच्छित्तं व्हाया जहा कालादीवा जाव जएग व्हाया जाय पायच्छित्ता ८०३ तं चैव जाव कट्ठमुद्दाए तं चैव जाव निव्वेयणे तं चैव भाणियव्वं जाव बेहल्लं तं चैव बंधारे तं चैव सव्वं भाणियव्वं जाव आहारं अहारेइ, नदरं इमं नातं दाहिनाए दिखाए जमे महाराया पत्याने पत्थियं अभिरक्खउ सोमिलं महाणरिसिं, जापि य तत्थ कंदाणि य जाव अणुजाणउ ति कट्टु दाहिणं दिखि पसरइ एवं पत्रत्यिमेणं वरुणे महाराया जाय पच्चरिथमं दिसि पसर उत्तरेण बेसमणे महाराया जाव उत्तर दिसि पसरइ | पुव्वदिसागमेणं चत्तारि वि दिसाओ भाणि जाय आहार आहारह तलवर जाव संधिवाल तलवर जाव सत्यवाह" तवसा जाय विहरति ३।१४ १२ ३५० ४|२४ १८३ ५३६ २११० શ १।२१ |१|११३ ३।२६-४५ १।१४० ३१५६ १७० ३।११० १।१२६,१३० १।१२१५।१६ ३५५ १:६२ १।११० १।११६ ३५३, ५४ १६२ ३।१०१ ३६६ २११० राय० सू० ६८६ ३।४८ २०१० २१० २११० ना० १११।२०१ ४|१८ १।१५ १८१०९ भग० १८१२०५-२२१ १।२२ ३५१ भग० ११.६४ ओ० सू० ७० ११७० १।१२१.१२२ १७० ३।५५ १।६१ ११०६ १११५ ३०५१ ओ० सू० ६३ ११६२ Page #91 -------------------------------------------------------------------------- ________________ हावा जाव विउलस्स तब भागिय जाव हल तितो जान एवं ते जाव पच्चप्पिणंति दंतिसहस्सेहिं जाव ओयाए दंतिसहस्सेहि जान मणुस्तकोटीह दं तिसहस्सेहि जाव रहमुसलं दतिसहस्सेहि जाव सत्तावण्णाए दिव्वा जाव अभिसमण्णगया दुज्जा एहि जाव नो संचामि विहरितए दुरंत जान परिवज्जिया देवसयणिज्जंसि जाव ओगाहणाए देवसमणिगि जाव भासमणपती देविड्ढी जाव अभिसमण्णागया देवी जाव कहि देवे जाव एवं नमसंति व पशुवासंति इयत्ताए नरए जाय नाइ जाव रवेणं निवसेव निसम्म जान हिया नीय जाव अडमाणे पढमं भइ तहेव परिमाणइ जान तुमिणीए पवर जाव पच्चपिणं नि पासादीए जाव पडिरूवे पुप्फ जाब दरिसणिज्जे पुवरता जाव समुप्पज्जित्या वाजिव बसालवणे विहरद बहुपदिष्णणं जाव माल बहूणं नगरनिगम जहा आनंदो बुझिदि जाव अंत बुझिदि जाव सम्व भगवं जाव पज्जुवासानि भविता जाव पब्वाइ भवित्ता जाव पव्वयाहि ८०४ १।१७ १११०६ १:२१ ४१७ १।१५ १११३६ १।२१ १।१३७ ३१८५ ३११३४ ११११५ ३८३ ४२४ ३।१६१: १६२ ३१२२ ४१२६ ३७५.७६ ५/३६ १।१४० ४|१८ ३८७, १६६ १७० ४२७ ५४३ १।२१ ३।१३२ ३।७७ ३।६१ ५११८ ५।५ ५६६ ११६५ ३।२६ १।५३ ६।११ १११४१ ५३४३ १११७ ३।११२ ३।१३६ ओ० ० ५२ १११०७ ओ० सू० ८१ १११५ १११४ १।१४ १।१४ १११४ राय० सू० ७६७ ३।१११ १८६ ३।१२० ३१८३, ८४ ३१८४ ३११२५ ३५७,५८ ० ० ५२ १।२६ ३११११ ३।१६ ओ० सू० ८१ ३.१०० ३1५६ aixe १११२३ ५।३ ना० ११५२४ ११५१ ओ० सू० ५२ ओ० सू० १४३ उवा० १|१३ ओ० सू० १५४ ओ० सू० १५४ ओ० सू० ५२ ३११०६ ३।१०६ Page #92 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८०५ ना० १११।१६० ३१११२ ३३९८ २१२४ ३।१०६ ३११०६ ३।१०६ ३।१०६ ना० १४१६२८ ३१११४ भीए जाव संजायभए भीया जाव देवाणुप्पियाणं भोगभोगाइ जाब विहरामि मज्जणघरे जाव दुरुढे मुंडा जाव पन्बयाई मुंडा जाव पब्वयामि मुंडा जाव पव्वयाहि मुंडे जाव पव्वइत्तए मुच्छिया जाव अज्झोववण्णा मुच्छ्यिा जाव अभंगणं रज्ज च जाव जणवयं रज्जसिरि जाव विहामि रज्जेण वा जाव जणवएण राईमर जाव मत्थवाह' लोह जाव गहाय मुडे जाव पन्चइए लोह जाव घडावेत्ता जाब उवक्खडावेत्ता लोह जाव दिसापोक्खिय वसही जाव वद्धावेता वाणारसीए जाव पुप्फारामा य जाव रोविया विउलाई जाव विहरामि विउलाई जाव विहरित्तए संकाय जाद कट्ठमुद्दाए संजमेणं जाव विहार सण्णद्ध जाव गहियाउह. सद्द जाव विहरइ सद्धि जाव भुंजमाणी समाणी जाव पवइत्तए समाणे जाव भासमणपज्जत्तीए सीय जाव विविहा सुरं च जाव पसण्ण मोल्लेहि य जाव दोहलं हट्ठ जाव हियया हीलिज्जमाणीए जाव अभिक्खण श६६ ४।१६ ३।१०६ श१६ ४१६ ३११३६ ३।१०७,१३६ ३२ ३३११४,११५ ३।११६ १।१४ ११७१ १९६ ५२२० ३२५५ ३१५५ ३५० १।११० ३१५५ ३३१०६ ३३१३१ ११६५ श६६ १९२ ३२५० ३५० ३३५० राय० सू० ६८३ ३१४८ ३११८ ३।१३१ ३.७३ राय० सू० ६८६ राय० सू० ६६४ ओ० सू० १५ ३११३० ३।१०६ ३।१५ ना० १२१२२०६ वि० ११२१२६ श२ १११३८ ५।२० ३।१३१ ३।१०८ ३१८४ ३११२८ १३४ ११४६ ११४२, ३३१२८ ३।११८ ओ० सू० २० ३११७ Page #93 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Page #94 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट ३ Page #95 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रमाणविधि • अव्यय, सर्वनाम का साक्ष्य-स्थल का निर्देश प्राय: एक बार दिया है। • रूट (1) अंकित शब्द धातुएं हैं । उनके रूप भी दिए गए हैं । ० शब्द के बाद साक्ष्यस्थल .. पण्णवणा पहला प्रमाण पद का, दूसरा सूत्र का और तीसरा श्लोक का परिचायक है। जंबुद्दीवपणती... पहला प्रमाण वक्खार का, दूसरा सूत्र का, तीसरा श्लोक का परिचायक चंदपण्णत्ती, सूरपण्णत्ती -पहला प्रमाण पाहुड का, दूसरा सूत्र का, तीसरा प्रलोक का परिचायक है। उवंग अंक १ निरयावलियाओ, अंक २ कापडिसियाओ, अंक ३ पुपियाओ, अंक ४ पुष्फलियाओ, अंक ५ वण्हिदसाओ का परिचायक है। दूसरा सूत्र का प्रमाण, तीसरा श्लोक का है। अध्ययन (पद, वखार) आदि के परिवर्तन का संकेत (B) सेमिकोलन है। जहां एक सूत्र में अनेक श्लोक आ गए हैं वहां आगे के सूत्र की संख्या से पहले अध्ययन की संख्या भी दी गई है। जैसे उप्पल (उत्पल) पा० ११४६, १४४८१४४. १२६२ । शब्द पहले सूत्र में आया फिर उसी सूत्र के श्लोकों में आया तो उसके दोनों प्रमाण दिए हैं, जैसे --अइकाय (अतिकाय) प० २।४५, २०४५।२। Page #96 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ (अ) प ११६६७ अइ (अपि) प २१६४७ अइ (अयि) उ ११२६; ५।४० अइकंत (अतिकान्त) ज २।१५ अइकाय (अतिकाय) ५ २१४५,२१४शर अइगच्छमाण (अतिगच्छत् ) ज ३।२१७ अइगय (अतिगत) ज ३८१ अइछत्त (अतिछत्र) प २।४८ अइतेया (अतितेजा) ज ७१२०१२ अइदूर (अतिदर) ज २१६०; ३।२०५,२०६; अइपडागा (अतिपताका) ज ३१७ अइमुत्तग (अतिमुक्तक) ५ ११४ अइमुत्तय (अतिमुक्तक) १ १४४०१३ अइमुत्तय (लता) (अतिमुक्तकलता) प १३६१ अइरत (अतिरात्र) सू १२॥१७११ अइरित (अतिरिक्त) उ ५६४५ अइरेक (अतिरेरु) ज २११५ अइवइत्ताण (अतिव्रज्य) प ३४११६ अइविकिट्ठ (अतिविकृष्ट) उश११० अइविगिट्ठ (अतिविकृष्ट) उ १११२६,१३३ अइसीय (अतिशीत) ज ७।११२११ अइ (अति- इ) अईइ ज ३.१५७,१८६ अईव (अतीव) ज २१८,६; ७।२१३ उ ३.४६ अउज्झ (अयोध्य) प २।३०,३१,४१ अउणतीस (एकोनत्रिंशत्) सू २१३ अउणत्तर (एकोनसप्तति) ज ६:१० अउणत्तरि (एकोनगप्तति) ज ७८२ अउणपणास (गकोनपञ्चाशत्) सू० १६७२२२ अउणाउति (एकोननवति) सू १२७ अउणागति (एकोननवति) सू १९।१४,१५११ अउणाणवइ (एकोननवति) ज ७७३ अउणापण्ण (एकोनपञ्चाशत्) ज ४।२४० सू० १०.१६३ अउणावीस (एकोनविंशति) सू २।३ अउणासीई (एकोनाशीति) ज १७११ अउणासीत (एकोनाशीति) सू श२७ अउणासीति (एकोनाशीति) सू २१२१३ अउणासीय (एकोनाशीति) ज ४।२३४; ७।१६ अउण्णापण्ण (एकोनपञ्चाशत) १ २०६४ अउय (अयुत) ज २।४; ७.१७८ अउयंग (अयुतांग) ज २४ अउल (अतुल) ज ३।६५,१५६ अओज्झ (अयोध्य) ज ३६११७, ४२१२ अंक (अंक) प १॥२०॥३, २।३०,४८,४६; १७।१२८ ज २११५, ४२१२,२५५, ५१५ अंकमय (अंकमय) ज ७।१७८ अंकमुहसं ठित (अंकमुखसंस्थित) ज ७१३१, ३३ सू ४१३,४,६,७ अंकलिवि (अंकलिपि) प १९८ अंकवडेंसय (अंकावतंसक) प २१५१,५६ अंकावई (अंकावती) ज ४२०२१२,२११; ७।१७८ अंकिय (अंकित) प २।३० अंकुर (अंकुर) ५ ३६१६४ ज २११३१,१४४ से १४६ अंकुस (अंकुश) ज २११५; ३१३; ५॥३८; ७।१७८ अंकेल्लण (दे०) ज ३१०६ अंकोल्ल (अंकोल, अंकोठ, अंकोट) प १३५॥१, ११३७१५ अंग (अंग) प १९३।१,१११०१।६,८ ज २११४; ३१६,३५,१०६, २२१,२२२ उ १११२२,१२६; २११०; १२; ३।१४, १५०,१६१,१६६; २२८,३६,४१ अंगइ (अंगजित्) उ ३११०,११,१३,१४,२१ अंगण (अंगन) १ १११२५ ज २१६६%; ५५,७ Page #97 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंगद-अंतरगत अंगद (अंगद) प २१३०,४६ १८३,२०१,२१४ अंगपडियारिया (अंगपरिचारिका) उ ११३६,३७ अंजणा (अजना) ज ४:१५५।२,२२३३१ अंगमंग (अंगांग) ज २१६,११३ अंजणागिरि (अजनगिरि) ज ४१२२५२१ अंगय (अंगद) प २।३१,४१ ज ३१६,२११, अंजलि (अञ्जलि ) ज २१६५, ३३५,६,८,१२, २२२ १६,२६,३६,४७,५३,५६,६२,६४,७०,७२, अंगलोय (अंगलोक) ज ३८१ ७७,८१,८४,८८,६०,१००:११४,१२६,१३३, अंगा (अंग) उ १:१२२ १३८,१४२,१४५,१५१,१५७,१६५,१८१, अंगारग (अंगारक) प १४८ १८६, १८६,२०४ से २०६,२०६; ५१५, अंगुढ़ (अंगुष्ट) ज ३३१०६ २१,४६,५८ उ ११३६,४५,५५,५८,८०,८३, अंगुल (अंगुल) प ११७४,७५,८४, २०६४, १६,१०७,१०८,११६,११८,१२२; ३।१०६, २१६४।८; १२:१२,१६,२७,३१,३२,३७,३८%; १३८, ४११५, ५/१७ १५७ से ६,२२,४० से ४२; १८।४१,४३,६५, अंजलिपुट (अलिपुट) ज ३८१ ११७, २११३८,४० से ४३, ४८,६३ से ७१,८४, अंडग (अण्डज) ज ५।३२ ८६,६० से १२; ३३.१२,१३,१६,१७; अंत (अन्त) प ६.११०; २०१८; २११६०; ३६।६६,७०,७२ से ७४,८१ ज १७, २१६ ३६।८८,६२ जे श२२,२७,५०; २१५८, सू १।१४; १०।६३ से ७३; १६२२१७. ८४,१२३,१२८,१५१,१५७; ४११०१,१०३, उ ३८३,१२०,१६१, ४।२४ १७१,१७८,२०० सू ४।४,७, २०१२,७ अंगुलपुहत्तिय (अंगुलपृथक्विक) प १९७५ उ ११४२,१४१,१४७; ११३; ३१२१, अंगुलि (अंगुलि) प २।३०,३१,४१ ज २।१५; ८६,१५२,१६५, ५१४३ ३।६,१८४,१८६,२०४,२२२ अंतकड (अन्तकृत) ज २१८८,८६ अंगुलिज्जग (अंगुलीयक) ज ३।६,२२२ अंतकम्म (अन्त कर्मन्) ज ५१५८ अंगुलितल (अंगुलितल) ज ३१७,८८ अंतकर (अन्तकर) उ ११५४,७६ अंतकिरिया (अन्तक्रिया) प ११११५; २०११।१, अंगुलिय (अंगुलिक) ज ५५८ अंच (कृष्) अंचेइ ज ३१६ २००१ से ४,६ से १३,४०,४४,४६,४८ अंचिय (अञ्चित) ज ५१५७ अंतक्खरिया (अन्त्याक्षरिका) प ११६८ अंचेता (कृष्ट्वा ) ज ३१६ अंतगड (अन्तकृत) ज ३१२२५ अंज (अङ्ग्) अंजेइ उ ३३११४ अंतगमण (अन्तगमन) उ ११४२ अंतर (अन्तर) ५ २१३०,३१,४१, ११७० अंजण (अजन) प १०२०१२; १३१, १७।१२३ ज १:१७, ३१३,३५,२२१, ४।२७,४६, ज ४२०२; ५१५,२१ सू २०१२ उ ३.११४ १४०१२; ७।६,६५,८६,१६८,१७८,१८२ अंजणई (अजनकी) प ११४०१५ च ३११ मू० ११७।१,१५१६,२०,२१,२४,२७; अंजणकेसियाकुसुम (अजनकेशिकाकुसुम) १२, ११, १८।२०; १६।२२२८ प १७११२४ उ ११२४,४७,६५,६६,६८,९०,६२,१०५, अंजणग (अञ्जनक) ज २१११७,११६,१२० अंजणगिरि (अजनगिरि) ज ३११७ अंतरकंद (अन्तरकन्द) ५१४८६४२ अंजणगिरिकूड (अञ्जन गिरिकूट) ज ३।६१,१७७, अंतरगत (अन्तर्गत) सू ५११; ७।१ Page #98 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंतरणई- अंतोमुहुत अंतरण (अन्तनंदी) ज ४।२१२ ५५५ अंतरदीव ( अन्तद्वीप ) प २०२९ ६६४ अंतरबीय (अन्तपज, दीपक ) प १०५,६६ ६।७२,८१,६७, १०८ १७/१७२ २१।७२ अंतरीचय (अन्तद्वीपज, दीपक) प १८४,०६ ६/७६ १७ १६२, २१।५४ अंतरवीहिय ( अन्तर्वोधिक) ज ३१७ अंतराय ( आन्तरायिक) २२२०२३१ ८,१२,२२,२४,५६,१३३,१५४, १५६,१६३, १६६,१७५१६६,११०,२०२, २४३१; २५१ ३ २६१,७ २७१.४ अंतरा ( अन्तरापथ ) प १६।२२ अंतराय ( अन्तराय) प २४ । १५ अंतरवास (अन्तरावास) उ ११००, १२६,१३३ अंतरिम ( अन्तरित) ज ३१८३१६५२६. १५१, १६०,१५० ११३४ ३३१४,८३,१२०, १६१ ४२४ अंतरिया ( अन्तरिका ) सू १६१२२/३० अंतक्खि ( अन्तरिक्ष) ज ३११४,२६,३०,३६, ४३,४७,५१,५६,६०,६४,६८,७२, ११२,१३६, १३८, १४०, १४५ १४६, १७२३३।६६ अंतवाल ( अन्तपाल ) ज ३।२६,३१,४७, ११३ अंतिम (अन्तिक ) प ३४।११,२१ ज ३२६,८,१३ ७७,८४,६१,१०७,११३ से ११५,१२५. १३८, १५३, १६६५/२२, २३, २६ से २८.७३ १।२१,२३,३७,४१,४५,८८, ११५११७, ११६,१२१,१२६ २१०, १२ : ३।१३,१४, २६, ५०, ५५,५७,६५, ६९, ७२,७५,७६, १०३, १०४,१०६ से १०८, ११२, ११८, १३४,१३६. १३८, १३१, १४८, १५०,१६१,१६१ ४१४, १६,२०,२८ ५१२८,३२,३९,४१,४३ अंतिया (अन्तिकतम् उ ३।११० अंतेउर (अन्तःपुर ) ज २१६४ ३१२२४; ५१५, ७ उ ११६,६३,९७,६५,१०५ से १०७,११९ अंतेवासि (अन्तेवासिन् ११५२१०२.८३ चं १० सू १५ उ १२,३ ५।२०, ४०, ४१ २२७, २० से २७. २३१६१, १२६, १७७, ३३।२७ मे २१ ज १।१३,१४,३१,३२२१०४०११,४१, ५०, ११४,११७,१३१, २३४, २४० ; ५।३२; ७१३१,३३,५५, १६८१४३, ४, ६, ७ १६।२२।१५,२१, ११।२३ २०१७ अंत (असर) प २०७४, २४ २९ से ३५, ४१, ४८ १८२,१५६,११० ८११ अंतोमुहत ( अन्तर्म से) व ४२,३,४,६,८,९,११, १२,१४, १५, १७, १८, २०,२१,२३,२४,२६, २७,२६,३०,३२,३३,३५,३६,३८,३६,४१,४२, ४४,४५,४७,४६,५०,५१,५३,५४,५६ से ६७, ६६ से १६४,१६६, १६७,१६९,१७०, १७२, १७३, १७५, १७६,१७८, १७६, १८१,१८२, १-४१०५, १०७, १००, ११०,११,१२३, ११४,१६,११७,११६,२००,२०२,२०३, २०५,२०६, २०६, २०१, २११,२१२,२१४, २१५,२१७, २१८, २२०, २२१,२२३,२२४, २२६,२२७,२२६,२३०,२३२,२३३,२३५, २३६,२३८,२३९,२४१, २४२, २४४, २४५, २४७, २४०, २५०, २५१, २५२, २५४, २५६, २५७,२५१,२६०,२६२,२६३,२६५, २६६, २६८, २६६, २७१, २७२, २७४, २७५, २७७, २७८, २००,२६१,२०३२८४,२६६, २८७, २८१,२०,२१२, २४३, २१५,२१६,२६८, २११६२०,२१; १८३, ४, ६, १,१०,१२, १४ से १६,१० से २४,२६ से २८,३० से ३६,४१ से ५४,४६,५७,२६,६१,६३ से ६७, ६६ से ७४,७६ से ७६,८३,८५,६०,९१,६३, २६,१०३ से १०५,१०७, १००, ११०, ११२. ११०,११३, ११४,१११, ११७,११६, १२०; २०१६३० २३६०,६२,६५,६७, ७२,७८,७६, १२३, १४७, १५८,१६२,१६५,१६२, १७०, १६, १८४ २८४७, ५० ३६६१,७६ जं २२८४,१२३, १२८, १४८, १५१ ४ १०१ Page #99 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८१२ अंतोमुत्तग-अकिरिय अंतोमुहत्तग (अन्तर्मुहूर्तक) य १११७१ अंतोमुहुत्तद्धाउय (अन्तर्मुहूर्ताद्धायुष्फ) प ११७४ अंतोमुहुत्ताउय (अन्तर्मुहूर्तायुष्क) ५ ११८४ अंतोमुहुत्तिय (आन्तर्मुहूर्तिक) प १५।६१; २८१४,३:; ३६।२,८४,६२ अंतोवाहिणी (अन्तर्वाहिनी) ज ४।२१२ 'अंदोलाव (आन्दोलय) अंदोलावेइ उ ११६७ अंधकार (अन्धकार) ज ३६३,६५,१५७,१५६, १६३ सू १४१५ से ८; १६६५,६ अंधकारपक्ख (अन्धका रपक्ष) सू १३:१; १४१२, ३,५ से ८ अंधयार (अन्धकार) प २०२० मे २७ ज ११२४; अकंत (अकान्त) ज २११३३ अकंततरिया (अकान्ततरका) प १७११२३ से १२५, १३० से १३२ अकंतत्त (अकान्तत्व) प २८।२४ अकं तस्सर (अकान्तस्वर) ज २।१३३ अकंतस्सरता (अकान्तस्वरता) प २३१२० अकंप (अरम्प) ज २१६८,३७६.६ से १०१ अज्ज (अकार्य) ज २१३३ अकण्ण (अकर्ण) प ११८६ अकतिम (अकृत्रिम) ज २११२२,१२७, ४११००, १७० अकम्मभूमग (अकर्म भूमज) प ११८५,८७; ६७२ ८१८४,६५,६७,१०८,२१:५४,७२ अकम्मभूमय (अकर्मभूमज) १६७६; १७११६२, अकम्मभूमि (अकर्मभूमि) प ११८४,२१२६ अकयपुण्य (अकृतघुण्य) उ १११२३३१८,१०१ अंधयारसंठिति (अन्धकारसंस्थिति) ज ७।३३, से ३५ सू ४।६,७,६ अंधिया (अन्धिक!) प ११५१११ अंब (आम्र) प १३३५११; १६॥५५; १७:१३२, १३३ ज ३।११६ अंबट (अम्बष्ठ) प ११६४११ अंबर (अम्बर) ज ७१७८ अंबरतल (अम्बरतल) ज ३।१४,३०,४३,५१,६० ६८,१३०,१३६,१४०,१४६,१७२ अंबसालदण (अम्रशालवन) उ ३।२६,६,९५ अंबाडग (आम्रातक) प ११३६६१,१६।५५; १७११३२ अंबाराम (आम्राराम) उ ३४८ से ५०,५५ अंबिल (अम्ल) प १४ से ६,५१५,७,२०५; २८१२६,३२,६६ ज २।१४५ अंबिलसाय (अम्लशाक) ५११४४०२ अंबिलिया (अस्तिका) ज ३१११६ अंबिलोदय (अम्लोदकः) प ११२३ अंबुभक्खि (अम्बुर्भाक्षन् ) उ ३.५० अंस (अंस) उ १११३८ अंसु (अश्रु) ज २१६०, १०३,१०६,१०८ अकंटय (अकण्टक) ज २११२ अकरंडुय (अकर"डक) ज २२१५ अफरणया (अकारणता) उ ३.११५ अकविल (अकपिल) ज २११५ अकसाइ (स्क्रपायिन्) प ३१६८; १३.१६; १८१६७२८११३८ अकसायसमुग्धाय (अकषायसमुद्घात) १ ३६:४८ अकसायि (अकपायिन्) प ३९८ अकाइय (अकायिक) प ३१५०; १८२६ अकामय (अकामक) उ ३।१०६ अकामिय (अकामित) उ १४५२,७७ अकाल (अकाल) ज ३.१०४,१०५ अकालतालु (अकालतालु) ज ३।१०६ अकालपरिहीण (अकालपरिहीन) जं ५१२२,२६ से २८ अकित्तिम (अकृत्रिम) जं ११२१,२६,४६; २६५७, १४७,१५०,१५६ अकिरिय (अक्रिय) प १७१२५, २२।७,८,२६,३० Page #100 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अकुडिल-अम्गमहिसी ३२ से ३४,३६,३७,४५ अकुडिल ( अकुटिल ) ज २।१५ अवमाण ( अकुर्वत्) सू २०१७ अकेसर ( अकेसर ) प ११४८४६ अकोह (अक्रोध) ज २१६= अक्क ( अर्क ) प १|३७|३ अक्कबोंदी (दे० ) प ११४०५ v अक्कम ( आ-: क्रम्) अक्कम १।११६ अक्कमाहि उ १।११५. अक्कमिता ( आश्रम्य ) उ १।११५ अक्किज्ज (अक्रेय ) ज ३।१६७११३ अक्किट्ठे ( अक्लिष्ट) ज २०४६ अक्कुस्समाण (आक्रोशत् ) उ ३११३० अक्कोप्प (अकोव्य) ज २।१५ अक्कोसमाण (आक्रोशत् ) उ २०१३० ara (अक्ष ) ज २६,१३४ अक्खय (अक्षय) ज १|११,४७, ३।१६७,२२६; ४।२२,५४,६४,१०२, १५६ : ५१२१ ७।२१० ३।४३, ४४ अक्खर (अक्षर) ज २१६,१३४ अक्खरपुट्ठिया ( अक्षरपुष्टिका 'पृष्टिका ) प १६८ अक्खाइया (आख्यायिका ) प ११।३४।१ अवखाइयाणिस्सिया (आख्याधिकानिश्रिता ) प ११३४ अक्खात (आयात) प ११४६,६६,७५,८१; २।२१ से २६,३०,३२ से ३९, ४१, ४३,४६, ४८ से ५२, ५५ से ५७.६० मे ६२ सू ३१; १३१२ अक्खा (आयात) प ११५०,५१,६०,७६, २१२०,३१,५८,५१ ज २६४१२१; ६।१०, ११, १४, १५, १८ से २२,२६७ ४,६३ ८७ १०।१२७ ( अक्खिव ( आ + क्षिप् ) अक्खिवइ उ १।१०५ अक्खिविकाम (अक्षेतुकाम) उ १।१०५ १. टीका में अक्षरस्पृष्टिका है । अक्खीण (अक्षीण ) प ३६८२ अक्खोड (नोट) प १६५५ अक्खोटय (अक्षोटक ) प १७ ११३२ अक्खोभ ( अक्षोभ ) ज ३१३ अगंण ( अगत्वा ) प ३६/८३३२ ८१३ अगंथ (अग्रन्थ) ज २७० अगक्छमाण ( अगच्छत् ) सू २२ अगड (दे० ) प २२४, १३.१६ से १६, २८ : ११।७७ ज २।३१ अगणि (अग्नि) प ११४८ ५६२।२० से २५ अगणिका (अग्निकाय) ज २३१०५ से १०८ अगत्थि ( अगस्ति ) प १३८ २ ज २११० सू २०१६, २०१८१४ अगरुलहु ( अगुरुलघुक ) प १५ ५७ ज २२५१, ५४, १२१,१२६,१३०,१३८, १४०, १४६, १५४, १६०, १६३ freeहज्जव (अगुरुलघुकपर्यव) ज २।१४६, १५४,१६०,१६३ अगरु लहु परिणाम (अगुरुलघुकपरिणाम ) प१३१२१,३० अगार ( अगार ) प २०११७, १८ ज २२६५,६७,८५, ८७ उ ३।१३,१०६ से १०८, ११२, ११८, १३६,१३८, १३६, ४११४, १६५३२,४३ अगारवास ( अगारवास ) ज २८७ ३।२२५ उ ३।११८ अगुरु (अगुरु ) जं २।१०६,११० अगलघुअणाम (अगुरुलघुकनामन् ) प २३।५१ अगुरुलणाम (अगुम्लघुनामन् ) प २३३८, ११ अग्ग (अग्र ) प २।३१ ज ११३७, २०१२०, ३११२, १८,२२,३१,७६,८८ १०७,१२५ से १२८, १५१,१५२, १५६, १८० अगुलिया (अगुलिका) उ ११५६, ६१ से ६३ ६४,८६,८७ अगभाव (अग्रभाव) ज ७|१३२१. सू १०६४ अगमहिती (महिपी ) प २०३० से ३३,३५, Page #101 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८१४ अग्गर-अच्चुय ४१, ४३,४८ से ५२ ज ११४५; २१६०, अचरित्ति (अचरित्रिन्) प १३३१४,१८,१६ ४.१५१; ५:१६,३६,४१,४४,५०,५२,५३; अचरिम (अचरम) प १११०३,१०६,१०७ १०६ ७।१६८१२,१८३,१८६ सू १८२१,२३,२४, ११०,११३,११४,११६,११६,१२०,१२२, २०१६ १२३,३।१२३,१०।२ से १३,२१,२६ से ५३; अग्गर (दे०) प ११८६ १८११२७ अग्गल (अर्गल) सू २०१८ अचरिमंत (अचरमान्त) प १०।२ से ५,२१,२६,से अग्गसाला अग्रशाला) ज २।१०।४।१६६ अग्गसिहर (अग्रशिखर) ज ११३७ अचल (अचल) ज ३१६ से १०१,५१२१ अग्गहत्य (अग्रहस्त) ज २०१५ अचवल (अचपल) ज ५१५,७ अग्गाणीय (अग्रणीक) ज ३३१०७ से १०६ अचित्त (अचित्त) प ६१३ से १७,१६ ज २१६६ अन्गि (अग्नि) प २।३०।१,२।४०।२,६,११; अचित्तजोणीय (अचित्तयोनिक) प ६।१६ ३६।६४ ज २१६ ; ३।३,६५,११५,१२४,१२५ अचित्ताहार (अचित्ताहार) १२८।१,२ १५६; ५॥१६,५२,७१३०,१८६।३ उ ३४८, अचिरयत्त विवाह (अचिरवृत्तविवाह) सू २०१७ ५०,५१,६४ अचेलय (अचेलक) ज २०६६ अग्गिकुमार (अग्निकुमार) प १४१३१; १३ अचोक्ख (दे०) ज ५१५ ६.१८ ज २११०५,१०६ अच्च (अर्च ) अच्चे इ उ ५।अच्चेति ज० २११२० अग्मिदेवया (अग्निदेवता) सू १०१८३ अच्चंत (अत्यन्त) उ ११७२,७३,८७,८८,६२, अग्गिमाणव (अग्लिमानव) प २१४०१७ ३।४८,५०,५५ अग्गिमेह (अग्निमेघ) ज २।१३१ अञ्चणिज्ज (अर्चनीय) ज ७११८५ सू० १८१२३ अग्गिल (अग्निल) सू २०१८।५ अच्चणिया (अनिका) ज ४११४०११ अग्गिवेस (अग्निवेश्मन्) ज ७१११७,१२२१३, अच्चसण (अत्यशन) ज ७.११७१२ सू १०।८६४२ १३२।३ सू १०८४।३,१०।८६।३ अच्चासण्ण (अत्यामन्त्र) ज २१६०३।२०५,२०६, अग्गिसीह (अग्निसिंह) प २१४०१६ ५५८ अग्गिहोत्त (अग्निहोत्र) उ ३।५५,६३,७०,७३ अच्चासन्न (अत्यासन्न) ज ११६ अग्गिहोम (अग्निहोम) ज ५११६ अग्धा (आना )-अग्याति प १५।३८,४२ अच्चि (अचिस्) प १।२६२१३०,३१,४१,४६ अच्चिणेत्ता (अर्चयित्वा) ज ३८८ अग्घाडग (दे० अपामार्ग) प १।३७१४ अच्चिमालि (अचिर्मालिन् ) प २१५०,५४,५८ से६० अचंचल (अचञ्चल) ज ३।१०६ अचंडपाडिय (अचण्डपातित) ज ३।१०६ ज ७१८३ सू १८।२१,२४,२०१६ अच्चिसहस्तमालणीय (अचिस्सहस्रमालनीक) अचक्खदसण (अचक्षुर्दशन) प ५१५,७,१०,१२, ज४।२७,५२८ १४,१६,१८,२०,२१,४५,५३,५६,५६,६३, अच्च इंद (अच्युतेन्द्र) ज ५१५८ ६८,७१,७४,७८,६३,६७,२६।३,७.१०, १३,१४,१७,१६ से २१ अच्चुण्ह (अत्युषण) ज ७११२।१ सू१०।१२६।१ अचक्खुदंसणावरण (अचक्षुदर्शनावरण) प २३।१४ । अच्चुत (अच्युत) प १४१३५२१४६,५६,६०,३११८३ अचक्खुदंसमि (अचक्षदर्श निन् ) प ३।१०४; अच्चुतव.सय (अच्युतावतंसक) प २६५६ ५१४७,६५,८०,६६,११७,१८१८६ अच्चुय (अच्युत) प २१४६,५६,५६२,६३,४१२६४ Page #102 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अच्चुयग-अजीवपज्जव से २६६,६३८,५६,६६,८५,८६,६८,७१६; १८८, २०१६१,२११६१,७०,६१,६२२६ ३०/२६,३३।१६,२४,३४।१६, १८ ज २१६४; ५३४६, ५४,५६,५८,५६ उ २२२५.४१ अच्चुग (अच्युतक) ज ५१४६ अच्चेत्ता (अर्चयित्वा ) ज २।१२० अच्छ ( रुक्ष ) प १६६,११।२१ ज २१३६, १३३ अच्छ (अच्छ) प १९३१४२२३०,३१,४१,४६,५० ५.२,५८,५६,६३,६४ ज १८ से १०,२३,३१, ३५,५१:३।१२,८८,१६,१६४४११, ३, ७.१२, १५, २४, २५, २८ से ३१,३० से ४१,४५,५७, ६२,६४,६६ से ६८,७४ से ३६,८६,८८, ११ से ९३,१०३, ११०,११४,११८,१४३, १५६ १७८, २०३,२०६,२१३,२१८,२४२२४५ २५१,२५२,२६०१२,५३५६, ३१५५ म् 21१; १६।२३ √ अच्छ (आम्) अच्छेज्ज व २२६४।१६ अच्छत्तय (अछत्रक) उ५।४३ अच्छरगण ( अप्सरोगण ) प २१३०,३१,४१ ज १।३१ अच्छरसातंडुल (अप्सनस्तण्डुल ) ज ३११२,८८ ५।५८ अच्छरा (दे० ) प ३६८१ अच्छरा ( अप्सरम् ) प २४|११ से २४ उ ५ ५ अच्छि (अक्षि ) प १४६१४७, १११२५ चं १३१ ज २२४३;३११७८७।१७८ उ० ३१११४ अच्छिण्ण (अच्छिन्न ) प १५।४० से ४२ अच्छि ( अछिद्र ) ज २११५ अच्छिरोड ( अक्षिरोट ) प ११५.१ अच्छिवेह ( अक्षिवेध ) प ११५१ अच्छी (ऋक्षी ) प १११२३ अच्छेरग (आश्चर्य ) ज २११५ अजर ( अजर ) प २१६४२१ १ अच्छो रसो येषां ते अच्छरमाः प्रत्यासन्नवस्तु प्रतिविम्वाधारभूता इवातिनिर्मला इतिभाव: टीका पत्र १६२ अजसो कित्तिणाम (अयश: कीर्तिनामन् ) प २३३८, १२८ अजहरण ( अजघन्य ) प २३।१६१ से १९३ ज २११५ अहमreate ( अजघन्यानुत्कर्ष ) प ४।२६७, २६६, ५४२,४६, ६४,७६, ११२, ११६,२४४; ७३०, १८११०२२/२३६३२८१६७ मक्कोसगुण ( अजघन्यामुत्कर्वगुण) ८१५ ५३८,६०,७५,२०,१०८,१२१,१६४,२०१, २०४,२०८,२१२,२१५,२१६,२२२,२२५,२४३ अजहण्णमणुक्कोसट्ठितिय (अजघन्यानुत्कर्षस्थितिक ) प ५१३५,५७,७२,८७,१०५, १७५, १७८,१८२, १८५,१६८,२४० अजहणमणुक्कसपदेसिय (अजघन्यामुत्कर्पप्रदेशिक) प २३१,२३२ अजहण्णमणुक कोसमति ( अजघन्यात्कमति ) ५१६४ अजहण मणक्को सो गाहणम (अजघन्यानुत्कर्षावगाहनक) प ५११७१,१७२,२३६,२३७ अजहष्णमणुककोसोगाहणय ( अजघन्यानुत्कपवगाहनक ) प ५५०,५४,६६, ८४, १०२, १५२, १५८ १६०,१६४,१६७,१७२,२३७ अजष्णुक्कोस ( अजघन्योत्कर्ष ) प ५४,६८ अज हृणुक्को सो गाहणग ( अजघन्योत्कर्षोवगाह्नक ) प ५३१,३२ अजहष्णुकोसोगाहणय ( अजघन्योत्कपीवगाहनक ) प ५३२,१६१ अजाइय (अयाचित ) उ० ३।३८ अजावणिज्ज ( अयापनीय ) ज२११३१ अजिण ( अजिन ) ज ७६ अम्हि (अजिह्म) ज २।१५ अजिय ( अजित ) ज० ३।१८५,२०६ अजीरग ( अजीरक) ज २२४३ अजीव (अजीव ) प १११०१।२१५।५७ ज २१७१ सू २०११ ३।१४४ : ५/३४ अजीवपज्जव ( अजीवपर्यव ) प ५।१,१२३ से १२५, २४४ Page #103 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८१६ १३०१,२१,११ अजीवपण्णवणा (अजीवाना) ११ से ४१ अजीव परिणाम (अजीपर) अजीवमिस्सिया (अजीवमिश्रिता ) प ११३६ अजोगवा (अयोगता ) प ३६४१२ अजोगि (अयोगिन् ) प ३९६ १३१६, १००५८ २८११३८ अजोगकेवली (अयोगिकेवलिन् ) प ११२०८, ११०. १२१,१२३ अजोगिभवत्थकेवलि ( अयोगिभवस्थ केवलिन् ) १०१०१ १०३ अजोणि (अयोनि ) प ६१६ अजोणिय ( अयोनिक) प ६।१२,१६,२५ अज्ज ( अद्य) ज २११४६ सू १०।१६२ से १६६ उ ११४२ अन्न (आ) ज ३।१२४७२१४ अजय (अजंक) ज ५४७२,७३ अग (आक) उ १।१०५ से १०७.११९ अज्जम ( अर्थमन्) ज ७२१२०, १८६४४ अज्जमदेवता ( अर्थमदेवता ) सू १०/०३ अज्जय (अर्जक ) प ११४४१३ अज्जल ( आयल ) प १1८8 अजय ( आजंव) ज २०७१ अज्जसम्म (आर्यसुधर्मन्) १२,३ अज्जा (आर्या ) उ ३।२६ से १०४,१०६ से १०८, १११ से १२०, १३२ से १३२,१४१.१४२ १४३, १४५, १४६, १४० से १५०४।२१ से २४ अजय (अति) ३।१७५ अज्जिया (आर्यिका ) ज २२७५,८२३।१२ अण (अर्जुन) प ११३६३४२०१३०११० अत्ययण (अध्यात्मवचन) प ११००६ अज्झत्थिय (आध्यात्मिक ) ज ३।२६,३६,४७,५६, १२२,१२३, १३३,१४५ १८८५१२२ १।१५ १७,५१,५४,६५,७६,७६, ६९, १०५;३:२६ ४८,५०,५५, १८, १०६.११६,१३१:५१३६,२७ अायण (अध्ययन) प २०१३ ज ७११४ चं ५२ अजीवपण्णवण अ गु १२२२१०७८ ११६ से ८ १४२.१४३, १४८ २०१ ३,१४,१५,२१,३२,३,११,२०, २२,२३,६३,८०,१५३,१५४.१६६.१६७,१७०, ४०१ से ३,२७:५४२,३,४४,४५ अमवसरण (अध्यवसान) १ ३४।१११,३४०१३ ज ३।२२३ अमावस (अधि आ वम्) - अभावग ज २१६४ अमावसमाण (अध्यावत्) ज २१६४ अवसा (अध्ययन २०६४ अशोचवण (पपत्र) अनुसिर (अशुषिर ) ज ३४३ अट्ट (आ) उ ११५२,७७ अट्टर (दे० ) १० ११३७/३ अट्टज्झाण (आर्तध्यान ) ज ३।१०५ उ १ । १५;३६८ अट्टालग (अट्टासक) ज २०२० अट्टालय ( अट्टालक ) प २०३०,३१,४१ ३११४.११५.११९ अट्ठ (अष्टन् ) प ११५० ज १८ ३३२ अट्ठ (अर्थ) प ५२३,४,७,१०,१२,१४,१६,१५,२०, २४,२८,३०,३२,३४,३७,४१,४५,४६,५३,५६, ५.६,६३,९८,७१,७४,७८,०३,०६,८१,१२,१७, १०१, १०४, १०७,१११, ११५, ११६, १२७, १२९, १३१.१३४,१३६,१३८, १४०, १४३, १४५, १४७, १५०,१५४, १५७,१६२, १६६,१६२,१७२, १७४, १७७,१०१, १०४,१८७, १२०, १२३, १६७,२००, २०३,२०७,२११,२१४,२१८,२२१.२२४, २२०,२३०,२३२,२३४, २३७,२३६,२४२ ११०३,११ से २०, ३९, ४१: १५०४४, ४०, ४९ १७।१ से ६ से १७,२०,२२,२४,२५,२७, १०७, १०, १११, ११६,११,१२३ से १२८, १३० से १३२,१३५, १५०,१५२, १५५, २०१२ ३,१४ से १७, १० से २५, २० से ३०,३३,३४, ३१ से ४८,५० से ५२,५५,५६,२२६,७१, ८०,८२, १२, १४, १५, २६१४, २५,२७,२६,३८, ४०,५०,७३ से ७५,६७,२६१७,१२ से २१: ३०११६,१६,२१,२३,२५,१६,२०:३४.१२. Page #104 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अट्ठअसीय-अट्ठहत्तर ८१७ १६,१८,३५११८,२०,२३; ३६१८०,८१,८३, ८८६२,६४, ज १११,४५,४७,५१; २११७,१८,२१ से २३,२५,२६,३० से ३३, ३८ से ४०,४२,४३,५२,५६,१५६.१६१,३।१ ६,६१,६८,१०६.१०७,११३,११४,१८६, १६६,२०९,२२६,४।१६,२२,३४,३७,४१,५१, ५३,५४,६०,६१,६४,७०,७६,७६,८१,८५, ८६,८६,६०,६३,६७,१०२,१०७,१०८,११०, ११३,१४१,१४२,१४६,१५१,१५६,१६१,१६६, १७७,१८०,१८४,१८६,१८८,१६३,१६६, १६६,२००,२०३,२०५,२०६,२०६ से २११,२६१,२६४,२६६,२७०,२७२,२७३, २७६,२७७,२७,७५१६६,१८४,१८५,२०६, २१३,२१४ सू १६।२,४,६,१८१२२ उ ११४, ८,१७,२३,२४,३७ से ४०,४२,४३,५५,५७, ५८,६७,८०,८२,८३,८८,६६,१००,१०२, १०४,१०७,११५,११७,११६,१२०,१२२, १२७.१४२,१४३,२।१,३,१४,१५,२१,३३१, ३,१३,१६,२०,२२,२३,२६,३८,४०,४२,४४, ५६,६१,७७,८७,८८,१०२,१०७,११६ से ११८,१२३,१४०,१४७,१५३,१५४,१६०, १६६,१६७,१७०,४।१,११,२७,५१,३,१५, ३८,४३,४४ अट्ठअसीय (अष्टाशीति) सू १८।१ अट्ठक (अप्टक) सू १३०५,६ अट्ठकणिय (अप्टकणिक) ज ३४६४,१३५,१५८ अद्वछत्ताल (अष्टचत्वारिंशत् ) सू १०।१४६ अट्ठजोयणिय (अप्टयोज निक) प २१६४ अट्ठतरि (अप्टसप्तति) सू ४।५ अट्ठतीस (अष्टत्रिशन् ) प २।३८ ज ११२० सू. १०११५२ उ ३.१२ अट्ठपंचासत (अप्टपञ्चाशीति) सू १२३ अठ्ठपदेसिय (अष्टप्रदेशिक) प १०।१३,१४ अपिणिठ्ठिया (अष्टपिटनिष्ठिता) ५१७११३४ अट्ठभाग (अष्टभाग) प ४११७१,१७३,१७४, १७६,२०१,२०३,२०४,२०६, ज २।५९; ४१२१५,७।१६५,१६६ सू १८१२५,२६,३४,३६ अट्ठम (अष्टम) प ३६।८५,८७ ज २१७१,४।२११ ५।१०।७१६७ मू १०७७:१२।१७,१३१८ उ २०१०,२२, ३११४,८३.१५०,१६१,४१२४; ५।२८,३६,४३ अट्ठमंगलग (अष्टमंगलक) ज ३।१७८,२०२, २१७,४।२८,११५,१३८,१५८,५१४३,५८ अट्ठमंगलय (अप्टमंगलक) ज ३१२,८८,४।१२५ अट्ठमभत्त (अष्टमभक्त) प २८१५० ज ३२०, २१,२८,३३,३४,४१,४६,५४,५५,५८,६३, ६४,६६,७१,७२,७४,८४,८५,१११,११२, ११३,१३१, १३७ से १३६,१४३,१४४, १४७,१६६,१६८,१८२,१८३,१८७,१६१, २१८ अट्ठमभत्तिय (अष्टमभक्तिक) ज ३।५४,६३,७१, १११,११३,१३७,१४३,१६७,१६० अट्ठमी (अष्टमी) ज ७।१२५ अट्ठया (अर्थ) सू १७११;२०११ उ ३१४४ अट्ठविह (अष्टविध) प ११४,१३२,१३१२६; २११५५:२२०२१ से २३,२८,८३,८४,८६,८७ १०:२३।१५,१६,२१,२२,३०,३१,५०,५८%; २४।२ से ८,१० से १३,२५।४.५:२६१२ से ६, ८ से १०,२७१२,३; २६।२ सू ६३५ अट्ठवीस (अष्टविंशति) प २१५६।१ अठ्ठसइय (अष्टशतिक) ज २१६४ अठ्ठसठ (अष्टपप्टि) ज ७३१ सू ४।४ अट्ठसठ्ठि (अप्टषष्टि) ज ६।१५ अट्ठसमइय (अप्टसामयिक) प ३६१३,८५ अठ्ठसयमंगुलमायत (अष्टशताङ्गुलायत) ज ३।१०६ अट्ठसुवण्ण (अप्टसुवर्ण) ज ३।६५,१५६ अट्ठसोवपिणय (अप्टगौवणिक) ज ३१६४,१५८ अट्ठहत्तर (अष्टसप्तति) प २।२१ Page #105 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८१८ अदृहत्तरि-अणंत अठहत्तरि (अष्टसप्तति) ज ७३२,३४ अड (दे०) प ११७६ अट्ठा (अष्टा) ज २१६५ अडड (अटट) ज २१४ अट्ठाणउइ (अष्टनवति) ज ७६८ अडडंग (अटटाङ्ग) ज २१४ अट्ठानउति (अष्टनवति) सू १०११६५ अडतालीस (अष्टचत्वारिंशत् ) सू ११२३ अट्ठाणउय (अप्टनवति) सू १०११७३ अडमाण (अटत् ) उ ३।१००,१३३ अट्ठार (अष्टादशन) प १०।१४।४ से ६ ज ४।६२ अडयाल (दे०) ५२।३० अटठारस (अष्टादशन् ) प २१२४ जं ११४८ स अडयाल (अष्टचत्वारिंशत् ) ज ११२० सू ११२४ १११३ उ १५१०४ अडयालीस (अप्टचत्वारिंशत् ) ज २१६ सू ११२४ अडवीबहुल (अटवीबहुल) ज १११८ अट्ठारसवंक (अष्टादशवक्र) उश६६,१०२ से अडसदिछ (अष्टषष्टि) सू १५।२ ११७,११६,१२७,१२८ अडिल (अटिल) ११७८ अठारसविह (अष्टादशविध) प १६८ अड्ढ (आढ्य) ज ३।१०३ उ १६१४१:३।१०,२१ अट्ठावण्ण (अष्टपञ्चाशत) ज ४११४२ २८,६६,१५८,४७ अट्ठावय (अष्टापद) ज २॥१५,८८,६०,३१२२४ अठ्ठावीस (अष्टाविशति) प २१२३ ज ११७ ११४ अड्ढाइज्ज (अर्धतृतीय) प ११३४,८४,२७,२६; १८१४५;२११६६,६७,३३१५,६ ज ११३८,४३; अट्ठवीसइभाग (अष्टाविंशतिभाग) सू १०११४२ ४।१०,१२,४३,४५,५७,७२,७८,११०,१४७, अट्ठावीसइविह (अप्टविशतिविध) ज ७।११३ सू १८३,२१५,२२१,२४५,२४८,५१५.२ सू ११२३ १०।१३० १८१ अठ्ठावीसतिभाग (अष्टविंशतिभाग) प २३११०२ अणंगसेणा (अननसेना) उ ५।१०,१७ से १०४,१५२ मू १२१३० अणंत (अनन्त) ११५१३,४८,११४८७,८, १० से अठावीसतिविह (अष्टाविंशतिविध) प ११८६; १६,३० से ३३,३८ से ४२,५०,५२,५७,५८, ६०,२२६४।१०,११,१३,१५,१६:५२ से ७, अठ्ठावीसविमाणसयसहस्साहिवइ (अष्टाविंशति ६ से २०,२३,२४,२७ से ३४,३६,३७,४०, विमानशतसहस्राधिपति) ज २६१ ४१,४४,४५,४८,४६,५२,५३,५५,५६,५८,५६, अटासोइ (अष्टाशीति) सू २०१८16 ६२,६३,६७,६८,७०,७१,७३,७४,७७,८२,८३ अट्ठासोति (अष्टाशीति) सू १८१४,२०१८ ८५,८८,६२,६६,१००,१०१,१०३,१०६,११० अट्ठासीय (अप्टाशीति) ज ११२३ सू १०११४१ ११४,११८,११६,१२६ से १३०,१३३,१३५, अठ्ठाहिय (अष्टाहिक) ज २१११७ से १२०७३।१२ १३७,१३६,१४२,१४४,१४६,१४६ से १५४ से १४,२८,३०,४१,४२,४३,४६ से ५१,५८ से ६०, १५६,१६२,१६५,१६८,१७१,१७३,१७६, ६६ से६८,७४ से ७६,१३६,१३६,१४७ १८०,१८३,१८६,१८६,१६२,१९६,१६६,२०२ से १५१,१६८ से १७०, ५७४ २०६:२१०,२१३,२१७,२२०,२२३,२२७, अछि (अर्थिन् ) ५२८.११,२८१३,२५,२८,३७, २२६,२३१,२३३,२३८,२४१,६४६३,१०।१६, ४६, ज ३।१०६ १८ से २०,१२१७ से ११,२०१५।१४,१५, अदिठकच्छभ (अस्थिकच्छप) प १४५७ २७,३२,५७,८३,८४,८७,८६ से १६, १०३, अट्ठिय (अस्थित) प १११८० से ८३ १०४,१०६,११२,११५,११८,११६,१२१, अठिय (अस्थित) प१०४१ १ अडयाल शब्दो देशीवचनत्वात् प्रशंसायाची , રા: Page #106 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनंतक अणच १२२,१२६,१२,१३०,१३५ से १३७, १३ से १४२:१६।३७१७१४२१८१३, १४, २७,४५,५९,६४,७७,८२,६०,१०८३६८, १२,१४,१६,१८ से २६ ३२ से ३४,४४ से ४७,८३१२ ज २१६,५१,५४,७१,८५,१२१ १२६,१३०,१३८,१४०.१४६. १५४,१६०, १६३:३।२२३:५०२१,५० अनंतक (अनन्तक) ज ३।२११ अततो (अनन्तकृत्स्) ज ७।२१२ अनंतगुण (अनन्तगुण) प २०६४१५३।३८ से ४२ ४६ से ५२,६० से ६३, ७१ से ७४,६४ से ८७,६५ से १०२,१०५ से ११५.११८,१२२, से १२४,१७५, १७७ से १७६, १८२.१०३ ५०५.१२१,१५१.१५२.२०१२.१६, २५, १००४, ५.२६, २०११५४,५६,५८,६०,६१,७२,७६, १०:१२॥७,१०,२०,१५११३,१६,२६,२८,३१, २२.१७१५६,५९,६६,१४४, १४६ २१०१०४; २८१७.१०, ११.४१, ४४, ५३, ५६,५७,७०; २६।३५४० २१५१,५४, १४९, १५४, १६०, १६३ सू २०१७ अनंतनाणि (अनन्तज्ञानिन् ) २०४१३ अनंतपएसिप (अनन्तप्रदेशिक ) प ५३१३७,१३८, १६८,१६,१७१,१७२,१८७,२०२, २०३, २०६,२०७,२२४;१०११४,१७,२०,२४,२६, ३०,११।४६; १५।११,२४,१६।४३ अणतपदेखिय (अनन्तप्रदेशिक ) प ३२१७१ ५।१२७,१७२,१८६,२०७,२२३,२२४,१०११७, २५,१६३६; १७।१४० २८१५,२१,३०१२६, २८ अनंतभाग (अनन्तभाग ) १ ५१५, १२६,१२०७, १०, २०:१५।५७,२८।२२,३४,३६,६८ अनंतमिस्सिया ( अनन्तमिश्रिता ) प ११३६ अनंतय (अनन्तक ) प ११४८५२ अणंतर ( अनन्तर ) प २६४:६६६, १०१, १०३, १०५, ११० १११६६।१, २०११११:२०१६ से १५ ८१९ १७ से २५२७,२६,३२,३४, ३५ से ४०, ४५ ५२:३४।१।१:३४११ से २ २६६२३१७८ २११,४।३६,७२,७०,१५,१०३, १४३, १७८, २००,२०२,२१२:५।४३, ७१६, १०, १२,१३,१५ १६,१८ से ३० ४२,५०,६८,६१,७१,७२,७४ ७१,७७,७८,८०,८३,८४,सू १११४,१६,१७, २१,२४,२७,२२,३, ६।१, ८।१, ६।१:१३० १४; १९।२२२५११४१३४९२,१२५,४१२६, २८,३०,४३ अतरपच्छाकट (अनन्तरपश्चात्कृत) सू १ ११२ से ६ अनंतरपुरक्खड (अनन्त पुरस्कृत) सू८११ ११०२ से ६ अतरसिद्ध (अनन्तर सिद्ध ) प ११११,१२; १६०३५,३६ अनंतशेवगाढ (अनन्तरावगाढ) प ११ ६३,६४; २८।१३, १४,५१,६० अनंतवण्णग (अनन्त रोपपन्नक) प १५।४६; ३४।१२ अर्णतसमयसिद्ध (अनन्तगमयसिद्ध ) प ११३ अतानुबंध (अनन्तानुबन्धिन् ) प १४७; १६।१; २३।३५ अणसुपाति (अनपातिन् ) ज २०१०९ अणगार (अनगार) १५:११ १५४३ : ३६।७१ ज ११५ २४६५,६७३८५,८७, ८,६५,१६,१०० से १०२,१०४,११४, चं १० सू १५ ४ १०२.३२९ से १२:३०१३. १४, १६१,५०२१,२२,२७,२८,३२,३५ से ४१ ४३ अणगारचियगा (अनगारचितका ) जं २।१०५ से ११२ अणदारिया (अनगारित) प २०१७१८ ३।१३,१०६ से १०८,११२,११८,१३६. १३८, १३९ : ४१४, १९ : ५३२,४३ अणघ (दे०अक्षत) ज० ३१८१ Page #107 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८२० अणगघाइज्जमाण-अगाहारग अणागार (अनाकार) प २१६४।१२।२६।११; ३०१२६ से २८ अणागारपस्सि (अनाकरदर्शिन् ) प ३०।१५ से१८ २०,२२,२३ अणागारपासणता (अनाकार दर्शन, पश्यत्ता) प३०१७ अणागारपासणया (अनाकारदर्शन, पश्यत्ता) ५३०११,३,५,७,१२,१३ अणागारोवउत्त (अनाकारोपयुक्त) प ३३१०६, १७४; १३।१४; १८१६३, २६१६ से २१ अणागारोवओग (अनाकारोपयोग) १ १३१८,२६११ ३,५,७,८,१०,१३,१४ अणाघाइज्जमाण (अनाघ्रायमाण) प २८१४४,७० अणाढाइज्जमाण (अनाद्रियमाण) उ ३१६२ अणाढायमाण (अनाद्रियमाण) उ ३.५६,६१,७७, अणग्घाइज्जमाण (अनाघ्रायमाण) प २८॥४३, ४४,६६,७० अणग्घिय (अनधित) ज ३।६२,११६ अणतिवर (अनतिवर) ज ३.११६ अणदभवाह (अदभ्रवाह) ज ३११०६ अणभिम्गहिय (अनभिग हीत) प ११०१११ अणभिग्गहिया (अनभिगहीता) प ११३७।२ अणरिह (अनह) उ १४०,४३ अणव (ऋणवत्) ज ७।१२२।३ सू१०८४१३ अणवकंखमाण (अनवकाङ्क्षत् ) ज ३।२२४ उ० २।११ अणवगल्ल (अनवकल्प) ज २।४।१ अणवति (अनवस्थित) सू ६।१०८११०; १३।१७,१६३२२।१०,२७ अणवठ्यि (अनवस्थित) प ३३.३५,३६ ज ७१३१,३३ सू ४३ से ७ अणवष्णिद (अणपन्निकेंद्र) प २१४६ अणवणिय (अणपलिक) प २१४१,४६ अणवण्णियकुमारराय (अणपन्निककुमारराज) प २०४६ अणवन्निय (अणपन्त्रिक) १२१४६,४७११ अणवरय (अनवरत) ज २१६४; ३।१८५,२०६ अणसम (अनशन) उस१२,३३१४,८३,१२०, १५०,१६१,५२८,३६,४१,४३ अणस्साइज्जमाण (अनास्वाद्यमान) प २८१४३,४४ ६६,७० अणह (अनघ) सू२०१७ अणह (दे० अक्षत) ज ३१८१ अणाईय (अनादिक) प १८११३,१०५ अणाएज्जणाम (अनादेयनामन्) प २३५१२६ अणागतद्धा (अनागताध्वन्) २०६४,३६।६३ अणागय (अनागत)ज १६०, ३१२६,३६,४७, ५६,१३३,१३८,१४५; ५॥३,२२, ७।३६,५२ अणागयद्धा (अनागताध्वन ) प ३६।६४ अणागयवयण (अनागतवचन) प १११८६ अणाढिय (अनादत) ज ४।१५०,१५६,१६०; ७.२१३ उ ३१२,१७१ अणाणत्त (अनानात्व) प २१३,६,६,१२,१५ अणाणुगामिय (अनानुगामिक) प ३३१३५ अणाणुयुव्य (अनानुपूर्व्य) ज ७४७ अणाणपुल्वी (अनानुपूर्वी) प ११४६८,२८1१८, ६४ अणादि (अनादि) सू११६,१२१ अणादीय (अनादिक) प १८।२५,५५,५६,६४,६८ ७७,८३,८६,६०,१११,१२२,१२३,१२६, १२७ अणादेज्ज (अनादेय) ज २११३३ अणादेज्जणाम (अनादेयनामन्) प २३३३८ अणाभोगणिवत्तिय (अनाभोगनिर्वतित) ५१४।९% २८१४,५०, ३४१५ अणारिय (अनार्य) ज २१४३ अणालोइय (अनालोचित) उ ३१८३१२०, ४१२४ अणाबुटिठबहुल (अनावृष्टिबहुल) ज १२१८ अणासाइज्जमाण (अनास्वाद्यमान) ५२८१४०, अणाहारग (अनाहारक) ५३।१०७, २८।१०८ Page #108 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अणाहारय-अणुत्तर से ११०,११२,११४ से ११६,११८ ११६, १२१,१२३ मे १२५,१३०,१३१,१३६ से १३६,१४१, १४२ अाहारय (अनाहारक ) प १८।६७ से १०३; २८।१०६ से १०८,१११, ११३, ११७,११६, १२०,१२२, १२५,१२७ से १२६,१३२,१४३ अदि ( अनिन्द्र ) प २१६०,६३ अणदिय ( अनिन्द्रिय) प ३।४०; १३ १६ १८ ।१७ अणदिया (अनिन्दितः ) ज ११ १ अणि वित्त ( अनिक्षिप्त) उ० ३१५० अणिगण (अनग्न ) ज २।१३ अणिच्चजागरिया (अनित्यजागरिका) उ० ३।५५ अणिच्छियत्त (अनिष्टत्व ) प २८/२४ अणिज्जिण (अनिर्जीर्णे ) प ३६८२ अणिट्ठ ( अनिष्ट ) प २३।२० ज २।१३३ अणितरिया ( अनिष्टतरका ) प १७।१२३ से १२५,१३० से १३२ अणिट्ठत्त (अनिष्टत्व) १२८१२ अणिट्ठस्सर ( अनिष्टस्वर ) ज २११३३ अणिट्ठस्सरता (अनिष्टस्वरता ) प २३।२० अणिडिट (अनद्धि ) प ६६८ २१।७२ अणिढिपत्तारिय (अनद्विप्राप्तायं ) प १६०,६२, १२६ अत्थित्थ (अनित्यस्थ ) प २२६४/६ अणिदा (दे० ) प ३५।१।१; ३५।१६ अणदाया (दे० ) प ३५।१७ मे २०,२२,२३ अणिमिस ( अनिमेष ) ज ५।६७ अणिय ( अनीक ) प २३० मे ३३,३५,४१,४३,४८ से ५१ ज १२४५ ; २१६० ; ३११२५: ५११, १६, ४३, ४४, ५०, ५६, सू १८१२३ अणिय ( अनिवृत्ति ) सू २०१८,२०1८15 अणियत (अनियत ) सू २१२६ अणियय ( अनियत ) प १७२० अणियाधिवति ( अनीकाधिपति) प २३० से ३३ ४१,४३,४८ से ५१ अणियाहिव ( अनीकाधिप ) ज ४।१५१।२ अणियाहिवs ( अनीकाधिपति) ज १।४५ ; २६० ४। १६,१५१ ५ १,१६,३६,४३,४८,५०,५२, ५३, ५६ सू १८।२३ अणियाविति ( अनीकाधिपति) प २३० अणिल (अनिल) ज २०६८ अणिवारिय ( अनिवारित) उ ३|११६४।२२ अणीय ( अनीक ) उ १।१४६; १४७ अणु (अणु) प ११६४,६५,६६।१ २८।१४,१५, ६०,६१ ज ७१४३,५०,१६८ सु ६।१२; १७१ : १८२, ३; १६/२१ ८२१ अणु (अनृतु) सु १०।१२६॥३ अणुतनुक (दे०) ज ३११०६ अणुगंतव्य ( अनुगन्तव्य ) प १/४८ २०४० : १५।५५ ज ७ १३४ ~ अणुगच्छ ( अनु + गम् ) अणुगच्छइ ज ३१६ ; ५।२१ उ ३।१०१ अणुगच्छति ज ३ १०,११,५१,८६,८७ अणुगच्छति प १६४८ अगच्छमाण (अनुगच्छत् ) ज ३।१८,३१,१८० अणुगच्छित्ता (अनुगम्य ) ज ३३६ उ ३११०१ अम्माण (अनुगम्यमान ) उ३।१३० अणु हिमाण ( अनुगृण्हान ) उ १।१०७,१०८ ~ अणुचर ( अनु + चर् ) अणुचरति १६।२२।११ अणुचरंत ( अनुचरत् ) सू १९२२।११ अणुचरिय ( अनुचरित) ज ३।१२,२८,४१,४६,५८ ६६,७४,१४७, १६८,२१२,२१३ अणुजाण ( अनु --- ज्ञा ) अणुजाण ३१५१ अणुजाय (अनुयात) ज ३।२२,३५,३६ अणुडिया ( अनुतटिका ) प १११७७ अणुतडियाभेद (अनुतटिकाभेद ) प ११३७,७६ अणुर्ताsयाय (अनुतटिका मेद ) प ११।७३ अणु (अणुत्व) ज ७ १६६ सू १८/३ अणुत्तर ( अनुत्तर) प २२७, २७४ २१४६,६३; Page #109 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८२२ २११५५ ३४।२३, २४ ज २१७१,८५ ३।२२३ अणुत्तरविमाण (अनुत्तरविमन ) प २२६२।१ ; १०१२ ३०१२६ अणुत्तरोववाइय (अनुत्तरोपपातिक) प ११३६, १३८ २४६,६३ : ३।१८३ ६१४६,६६,६६, ६८, ११३; २०१५७:२११५५, ७१,८३,६३, १४; ३३११८, २६; ३४।१६, १८ ज० २२८१ अणुत्तरोववातिय (अनुत्तरोपपातिक ) प २०१५६ ; २११६२ अणुदु (अनृतु ) ज ७।११२।३ अणुद्धय (अनुद्धृत) जं ३।१२, २८, ४१, ४६, ५८ ६६,७४,१४७, १६८,२१२,२१३५१५ अणुपरिट्ट ( अनु --- परि + वृत् ) अणुपरिट्टइ ज ७११५६ से १६७ सू १०१६७ अणुपरियट्टति ज ७५५ सू १६।२३ अणुपरियट्टति सू १०५ अणुपरियट्टित्ता (अनुपरिवृत्य ) सु १०५ अणुपरिट्टत्ताणं (अनुपरिवृत्य ) प ३६।८१ अणुपरिवाडीय (अनुपरिपाटीक) ज ७ १३० अणुपविट्ठ (अनुप्रविष्ट) ज ३३८१ १।३३, ३८,१००,१३३ अणुपविस ( अनु + अ + विश् ) अणुविस ज ३६, १७,२०,२१,२८,३१ से ३४,४१,४६,५४,६३,७१,७७, ६५, १३७,१३६, १४३,१५६,१६६,१७७, १८२,२०१,२०४, २१८,२२२ सू २१ अणुपविसंति ज ३३२०५, २०६ अणुपविमति ज ३११८३,१८४ अणुविसह उ ३।१०१ अपविमाण (अनुप्रविशत् ) ज ३।१८४,१८५ अणुपविसित्ता ( अनुप्रविश्य) ज ३१६ २०१ अणुपुत्व ( अनुपूर्व) ज २।१५,४।३।२५, ३५ सू ६१ उ ११५७,५८,८२,८३३४६ अणुत्पत्त (अनुप्रप्त ) उ ३११२७,१२८,५१४३ अणुध्याहिणीकरेमाण ( अनुप्रदक्षिणीकुर्वत्) ज २०४ से २०६, २०६५/४१ अणुत्तरविमाण अणुलित्त अणुष्पवाएमाण (अनुप्रवाचयत् ) ज ३१२६,३६, ४७, १४३ / अणुष्पवाय ( अनु - प्र - | - वाचय् ) अणुप्पवाएइ ज ३।२६,३६,४७,१३३ अणुबंध (अनुबन्ध ) ज २१४२ अणुबद्धचारि ( अनुवद्धचारिन् ) सू २०१२ अणुब्भड (अनुद्भट) ज २।१५ अणुभाव ( अनुभाव ) प २३।१।१,२३।१३ से २३ ज ४।८३ चं २।५ १।६।५ १६।२२।१६,२० अणुभावणामणिहत्ताउय ( अनुभावनामनिधत्ता युष्क ) प ६।११८ अणुभावणामनिहत्ताउय ( अनुभावनामनिधत्तायुष्क ) प ६।११६,१२२ अणुभावनिहत्ताउय ( अनुभावनिवत्तायुक) १६ । १२३ अणुमण्ण ( अनु : मन् ) अणुमणित्था उ ३३१०६ अणुमय (अनुमत ) प ११।३०११,२ ज २११५ उ ३।१२८ अणुमा (अनुमान ) सु ६३ अणुमा इत्ता ( अनुमान्य ) ३ ३।५५ अणुयाय (अनुयात) ज ३११३,६६, १०६,१६३, १७५, १८० अणुरंगिणी (अनुरङ्गिनी ) सू १०॥७४ अणु रंजिएल्लिय (अनुरञ्जित) ज ३१११७ अणुरत (अनुरक्त) सू २०१७ उ १११३६ अणुराग (अनुराग) प २२४०१११११७२,७३, ८७८८६२ अणुराधा (अनुराधा ) सू १०१२ से ६, १८ अणुराहा ( अनुराधा ) ज ७११२८, १२६,१३६१, १४०,१४६,१५२,१६६, सू २०१२ से ६,१८, २३,५०,६२,७३,७५, ८३, ११५, १२०,१३१, १३३ अनुलिप ( अनु + लिए ) अणुलिपइ ज २६; ३।१२ अणुलिपति ज २११००३।१२,२११; ५१५८ अणुलिपित्त (अनुलिप्य) ज अणुलित्त (अनुलिप्त ) प २३१ ज ३६,२२२ Page #110 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अणुलिह-अण्णतरठितिय ८२३ अणुलिह (अनु + लिह) अणुलिहंति ज ३१७८५४३ अणुलिहंत (अनुलिहत्) उ ५१५ अणुलिहमाण (अनुलिखत्) प २०४८ अणुलेवण (अनुलेपन) प २१२० से २७,३०,३१, ४१,४६ ज २७० अणुलोम (अनुलोम) ज २।१६,६७ अणुलोमच्छाया (अनुलोमछाया) सू ६।४ अणवत्त (अनुपयुक्त) प १५१४८,४६ ; ३४११२ अणुवत्तमाण (अनुवर्तमान) ज ५।२७ अणुवम (अनुपम) प ३०१२७,२८ अणुवरयकाइया (अनुपरतकायिकी) प २२१२ अणुक्वेत (अनुपेत) प १७।१३२ अणुवसंत (अनुपशान्त) प १४।६ अणुवसंपज्जमाणगति (अनुपसंपद्यमान गति) प १६१३८,४२ अणुवसंपज्जित्ताणं (अनुपसंपद्य) प १६४२ अणुवाय (अनुवाद) ज ४१०१ अणुवायगइ (अनुपातगति) सू १:१४ अणुवासिय (अनुवासित) ज ५।५ अणविद्ध (अनुविद्ध) ज ३.१२,८८५.५८ अणुव्वय (अणुव्रत) उ ३८१,८२ अणुसज्जमाण (अनुसजत् ) ज ४१२०५ अणुसज्ज (अनु | पंज) अणुसज्जित्था ज २१५० अणुमजिस्म ति ज २११६२, १६४ अणुसमवयणोववत्तीय (अनुसमवदनोपपत्तिक) ज ३।१६७।१२ अणुसमय (अनुसमय) प ६।१६,६२,६३ ; १११७०; २८१४,२६.५० अणुसार (अनुमार) प २११८० ज० ५१५७ उ ५.४५ अणुहर (अनु+ह) __ अणुहरंति ज ३११३८ अणुहो (अनु ! भु) अणुहोति प २१६४।२२ अणूण (अनून) सू १९०२११८, १९४२२०२८ अणेग (अनेक) प १३८३३,११४८१६,४७:११०११ ७; २।४१,६४ ज ११३७,२।१२,११३,१४६; ३१३,६,१२,२२,२४,२८,३१,३६,४१,४६,५८, ६६,७४,७७,६३,६६से१०१,१०६,१११,११६, १२०,१४७,१६३,१६८,१६३,२१२, २१३, २२२, ४।३,६,२५,३३,१२०,१४७,२१६, २४२; ५।३,४,२८,३२,३३,४३ उ श६७ से १६; ३।४३,४४,५१०,१७ अणेगजीविय (अनेकजीवित जीवक) प १३५,३६ अणेगविह (अनेकविध) प १।१३,२०,२३,२६,२६, ३५ से ५१,५६,६३ से ६६,७०,७१,७५,७६, ७८,७६.८६,६६,१६।३०,३७ अणेगसिद्ध (अनेकसिद्ध) पश१२,१६॥३६ अगिदिय (अनेकेन्द्रिय) प १११३८ अणेरइय (अनैरयिक) प१७१६०,६१ अणेसणिज्ज (अनेषणीय) उ ३।३८ अणोगाढ (अनवगाढ) प १११६२,२८।१२,५८ अणोवम (अनुपम ) ज ३१६२,१०६,११६ अणोवमा (अनुपम!) प २१६४११८,१७।१३५ अणोवमा (दे०) ज २।१७ अणोवाहणय (अनुपानत्क) उ ५१४३ अणोहद्रिय (दे०) उ ३३११९४१२३ अण्ण (अन्य) प १२०,२३,२६,२६,३५ से ३७,३६ से ४७,४८१७.१० से २६% ११४८ से ५१,५६, ६०,७८,६६,६७,२२३० से ३३,४८ से ५५; १०२१ से २५, ३६.६४ ज ११४५,४६; २।२०,७१,६०,३८१,१८६,१८८,२०६, २१०,२१६,२२१; ४११३,१४,५२,११४,१४६, १५६,१६५,२०६,२१६,२१६,२२१; ५:१,५, १६,२४,३८,४७,५०,६७, ७।५६,५६,१८३, १८५ सू ६.१:१०।१६२ से १६४,१६६; १७११,१८१२१,२३,१६६११,२४, २०११ उ ५।१०,१७ अण्णतर (अन्यतर) मू ६३१ अण्णतरठितिय (अन्यत रस्थितिक) प २८१५०,५१ Page #111 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८२४ अण्णत्थ-अस्थि अण्णत्थ (अन्यत्र) प ११।११ से २०,४६ र १।१४, अतिवतित्ताणं (अतिव्रज्य) प २८।१०५ ; ३४।१६ - १७,१०११३६; २०१७ अतिसीत (अतिशीत) सू १०११२६।१ अण्णमण्ण (अन्योन्य) प१६।३६,४२ ज २।३६, अतिहि (अतिथि) उ ३१४८,५०,५१ ४१,१४६,३।१०५,१०७,११३ से १३८; अति (अति-!-इ) अतीति ज ३।६३,६५ ५१३,२७,३८ सू १११८ से २१ उ ११४७,६८, अतीत (अतीत) प १५१८३,८४,८६ से ६७,६६ १३८,१३६ से १०१,१०३ से १०६,१०६,११०,११२ अण्णयर (अन्यतर) प २२१६१ से ६५:२३।१६१ से ११७,११६,१२०,१२२,१२३,१२५ १६२ ज २६६ में १३२,१३५,१३६,१४०,१४१,१४३, ३६१८ अण्णया (अन्यदा) ज ३।४,८३,१०४,१३०,१५४, से २६,३० से ३४,४४, से ४७ १७२,१८८,२२२ उ १११४; १८, ३१४६; अतीय (अतीत) प १५१०८,११८,३६१३४ ४।२१:५।१३ अतीव (अतीव) ज ५।३८ अण्णलिंगसिद्ध (अन्यलिङ्गसिद्ध ) प ११२ अतुरिय (अत्वरित) ज ५१५,७ अण्णहा (अन्यथा) प ११०११३,५ उ १।१०६ ___ अतुल (अतुल) प २१६४।२० अण्णाण (अज्ञान) प ५१२४,२८,३०,३२,३४,३७, अत्त (आत्मन) प १५१५० ज ३।२२२ उ ३८३, ४३,४५,४६,५३,५६,६८,७१,७४,८०,८३,८४ १२०, १५०५२८,४३ ८६,८७,८६,६७,६६,१०१,१०२,१०४,१०५, अत्तय (आत्मज) उ १२१०,३१,६५,१०६,११०, १०७,११७ ११३,११४, २६ अण्णाणपरिणाम (अज्ञानपरिणाम) प १३।१४,१६ । अत्तया (आत्मजा) उ ४ाह १७,१६, अत्थ (अत्र) ज ४१४२,३ सू ।१ उ ३.१५१ अण्णाणि (अज्ञानिन्) प११७४,८४,५२६४,१८।८३ अत्थ (अर्थ) ज ५।२६ चं ११३ म २०१७ उ ३.४० २३१२००,२८११३७ अत्थ (अस्त्र) ज ३१७७,१०६ अण्णाणुपुवी (अनानुपूर्वी) प २८.१८,६४ स २६ अत्थओ (अर्थतस्) प १११०१८ अण्णोष्ण (अन्योन्य) प २१६४११० ज ७५८ अत्थजुत्त (अर्थयुक्त) ज ५१५८ सू १६।२६ अत्थणिउर (अर्थनिकुर) ज २।२४ अण्हाणय (अस्नानक) उ ५१४३ अस्थणिउरंग (अर्थनिकुराङ्ग) ज २०४ अतसी (अतसी) प १६३७१२ अत्यस्थि (अर्थाथिन ) सू २०१७ अतिक्कम (अतिक्रम) ज २११३३ अत्यस्थिय (अर्थाथिक) जे ३।१८५ अतितेया (अतितेजा) सू १०८८२ अस्थमंत (अस्तवत् ) ज ३.१६ अतित्थगरसिद्ध ((अतीथंकरसिद्ध) प ११२ अस्थमण (अस्तमयन) ज ७।३६ से ३८ च ४११ अतिथसिद्ध (अतीर्थ सिद्ध) प११२ गू श८।१२।३६।२ अतिदूर (अतिदूर) ज ११६ अत्थसत्य (अर्थशास्त्र) उ ११३१ अतिभाग (अतिभाग) सू ४।८ अत्यसिद्ध (अर्थ गिड) ज १११२ सू १०८६।२ अतिमास (अतिमास) सू १५१३७ अत्थाम (अस्थामन्) ज ३।१११ अतिराउल (दे०) प ११:१४,१६ अस्थि (अस्ति) प १७५२१६४।१४,५८०, अतिरेग (अतिरेक) ज ३१३५,२११; ५१५८ १९६११०,१२।६; १५१४५,४७ मे ४६, Page #112 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अत्थकायधम्म-अद्धजोयण ६०,६२,६३,६५,६६,८७,९४ से १०१,१०३ से १०६,१०८,११२ से ११४,११६,१३८, १४१:१७३१३,३५; १६।१।२ : २०११, ४, १७ १८,२२,२५,२८,२६,३४,३८,३६,४६,५०,५३, ५८ २१६८ मे १००, १०३; २२१६, ११, १२, १४,१६,१८,५८,५६,७७,७६,८१,८२, २३६; २८।१२३,१३६,१४१, १४५; ३४।७ से ६, ११, १२,१५,१६,२०,३६१८ से ११,१७ से २३, २५, २६,२६ से ३२,३४,४४ ज ११४७, सू १/३; ६११ उ ३११०१४१५ ; ५।२६ अथिकाधम्म ( अस्तिकायधर्म ) प १।१०१११२ अथ (अस्थिक ) प १।३६।१३।१।२ अत्थोग्गह (अर्थावग्रह ) प १५४६८,७० से ७२,७४, ७५ अरिणाम (अस्थिरनामन् ) प २३१३८,१२२ अद (अदस्) म् ११४ अदंड (अदण्ड) ज ३११२,२८,४१,४६,५८,६६,७४ १४७, १६८,२१२,२१३ अदंतवणय (दे० अदन्तधावनक) उ ५ ४३ अदि (अपि) उ५/४१ अदि ( अदीति ) ज ७।१८६३ अदिज्ज ( अदेय ) ज ३११२,२८,४१,४६,५८,६६, ७४, १४७, १६८,२१२,२१३ अदिट्ठ (अदृष्ट) सू ५११ ; ७३१ अदित ( अदृष्टान्त ) प ३०।२७, २८ अण्णादाण ( अदत्तादान ) प २२१४,१५,८० अदिति (अदिति) ज ७ १३० अदितिदेवया (अदितिदेवता ) सू १०१८३ अदुवखमसुह ( अदुःखामुख ) प ३५।११२३५।१० १२ अदुत्तर (दे० ) ज २१४७, १३१ ; ३१२२६४।२२, ३४,५४,६४,१०२, १०५,११३,१५६,१६१, १६६,२०८,२१०,२६११।११६ अदुवा (दे० ) ज ७।२१२ अदूरसामंत ( अदूरसामन्त ) प ३४१२२,२३ ११५३।१८,३१,५२,६६,१३१, ८२५ १४१,१८०; ५१५,७ उ११३ ३१२६; ५२६ अदेवीय (अदेवीक ) प ३४११५, १६ अ ( आई ) प २३१ अद्दस (अटरूपक, अटरूपक) प १३७१४ अद्दा (आर्द्रा ) ज ७ १२८, १२६१,१३४ से १३६, १३६।१,१४०,१४६,१६१, सू १०१३ से ६, १३,२४,३६,६२,६८,७५,८३,१०४, १२०, १३१ से १३४१२,१३५१२,१६० अद्दाय (दे० ) प १५ १।१ ; १५.५० अद्दारिट्ठय (आर्द्रारिप्टक) प १७।१२३ अद्ध ( अर्ध ) ज १११६; ३।१०६ ४१२०८ ५३८ ७।१७६, १७७/३ सू २।२६।३ उ १११०३, १०६,११०,११३,११४ अद्धअउठि (अर्द्धकोनषष्टि) स् ६ ३ अद्धअट्ठारस (अर्धाष्टादश) सू १८ ।१ अद्ध एकोणवीस (अर्धकोनविंशाति) सू १८/१ अद्धएकवीस (अर्धकविशति ) सू १८ ।१ अएकरस (अर्धकादश ) सू १८ |१ अर्द्धगुल (अर्धागुल ) प ३६।८१ ज १११७ ३।१०६७/२०७सू १।५४ अद्धकविट्ठग (अर्द्धकपित्थक ) प २१४८ सू १८१८ अद्धकुंभिक (अर्द्धकुम्भक ) ज ५३८ अद्धकोस (अर्द्धकोश) ज ११३७, ४२, ५१,४६, १५,२४,३३,३६,११४, ११८, १२८, १४७, १५४, १५५, २४२, सू १८ ।१२,१३ अद्धगाउय (अर्द्धगव्यूत) प ३३२,६ ज ७ ६० अद्धचवीस (अर्द्ध चतुर्विंशति ) सू १८११ अद्धचंद (अर्द्धचन्द्र) प २४८, ५०, ५६, ज १।२० ; ३१२४,७६,११६; ४१४६, १०८, २४५ अद्धचंद ठाणसंठित (अर्द्धचंद्रसंस्थानसंस्थित ) प २५८ अद्धचोट्स (अर्धचतुर्दश) सू १८११ अद्धछट्ट (अर्द्धषष्ठ) सू १८ । १ अद्धछब्बीस (अर्द्धविशति ) सू १ = |१ अद्धवसति वह (अर्द्धविशतिविध ) प १।६३ अजोयण (अर्द्धयोजन ) ज १७११, ११९, १०, १७, २३,२५,४६,७,१४,२४,३६,४२,४६,५६,७१, Page #113 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८२६ अद्धट्रम अधिपति ७४,७८,११२,११४,१११,११६,१२३, अद्धमंडलसंठिति (अर्द्धमण्डलसंस्थिति) सू १७।१, १२६,१२७,१४६ सू १८११.२० १.१५ से १७ अट्ठम (अष्टिम) ज २१७८,४।११०,११६, अद्धमागहा (अर्द्धमागधी) प ६८ १२८ सू१८।१ उ १३५३,७८ अद्धमास (अर्द्धमास) प ६।१२; २३७१,१८४ अट्ठारस (अप्टिादश) प २३।१०४ __ सू १३।४,५,११ अद्धणवम (अर्द्धनकम) सू १८१ अद्धमासिया (अर्द्धमासिकी) उ ३३१४,८३,१२० अद्धणाराय (अर्द्धनाराच) प २३।४५,६७ अद्धवीस (अर्द्धविंशति) सू १८१ अद्धतिवण्ण (अत्रिपञ्चाशत् ) पश२७।३ अद्धसत्तम (अर्द्धसप्तम) स १८।१ अद्ध तेरस (अर्द्ध त्रयोदश) प ११६०,८११; अद्धमत्तरस (अर्द्धसप्तदश) सू १८।१ २३।१०२ ज ४१३६,४३,६६,७२,११४,१२०, अद्ध सीतालीस (अर्द्धसप्तचत्वारिश) सू श२३ १२२ स १८१ अद्धसोलस (अर्द्धषोडश) ज ४।११६ सू १८।१ अद्धतेवट्ठि (अर्द्ध त्रिषप्टि) ज ४।२४०३७ अद्धहार (अर्धहार) ज ३।६,२११,२२२:५॥३८ अद्धतेवण्ण (अद्धं त्रिपञ्चाशत् ) प २।२७ अद्धतेवीस (अर्द्ध त्रयोविंगति) प६३१ स. १८।१।। अद्धा (अद्धा, अध्वन्) प १६४।१५,१६,१५। अद्धदसम (अर्द्धदश) सू १८१ ५८।१:१५॥६३,६४; १८.१,१२५; ३६।१२, अद्धद्धमिस्सिया (अद्धि मिथिता) प १२३६ ६४, मू१११,१२,२७ से ३१; रा२; ६३; अद्ध पंचम (अर्द्धपञ्चम) ५४३४,३६,४०,४२ १२।२ से ६,१० से १२ सू १८१ अद्धामिस्सिया (अर्द्धमिश्रिता) ५ १११३६ अद्धपण्णवीस (अर्द्धपञ्चविंशति) म १८१ अद्धासमय ('अद्धा'समय) प १५३,३।११४,११५, अद्धपण्णरस (अर्द्धपञ्चदशन ) स १८१ १२१,१२२,१२४; ५।१२४,१५५३ से ५५, अद्धपलिओवम (अर्द्धपल्योपम) प ४११६८,१७०, ५७,१८।१२५ १७४,१७६,१८०,१८२,१८६,१८८,१६२, अद्भुट्ठ (दे०) प ३३३३,४ ज ४११६ सू ११२३, १६४,१६५,१६७ ज ७।१८८,१६०,१६२, ३।१; १८११ उ ५।१० १६३ सू १८।२६,२८,३०,३२,३३ अधरण (अधन्य) उ ११६२, ३।९८,१०१,१३१ अद्धपलियंकसंठित (अपर्यक संस्थित) स १०॥४४ ।। अधमस्थिकाय (अधर्मास्तिकाय) प ११३ ; ३१११४, अद्धपोरिसी (अर्द्धपौमषी) सू ।३ ११५, ११७.१२२, ५११२४; १५१५३,५४ अद्धबारस (अर्द्रद्वादश) सू १८।१ अधर (अधर) ज २११५ अद्धबयालीस अर्द्धवाचत्वारिंश) स ११२३ अधरिम (अधरिम) ज ३११२,२८,४१,४६,५८,६६, अद्ध बाबण्ण (अर्द्धद्विपञ्चाशत् ) सू ११२३ ७४,१४७,१६८,२१२,२१३ अद्धबावीस (अद्वंद्वाविशति) स १८।१ अधाजोग (यथायोग) सू १५:१० अद्धभरह (अदभरत) ज ३१६५ अधाजोय (यथायोग) मू १५१३ अद्धभाग (अर्धभाग) ज १।२३,४८, ४।१,६२,८१ अधातच्च (यथातथ्य) सू १२११३ अधारणिज्ज (अधारणीय) ज ३११११ अद्धमंडल (अर्द्ध मडल) च ३३१ सू १६१८; १३१७ अधिगय (अधिगत) प १३१०११२ से ११,१४ से १६:१५।२६ से ३१ अधिपति (अधिपति) ज ३१२५,४६ Page #114 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अधिय-अपत्थियपत्थग अधिय (अधिक) सू १३।११,१४ १८३,४२,५,८,११,१४,१७,२०,२३,२६,२६, अधिवति (अधिपति) प २१५०,५१ ३२,३५,३८,४१,४४,४७,५०,५३,५७,६०,६३, अधेसत्तमा (अधःसप्तमी) प ३।१८३ ६६,६८,७०,७३,७५,७७,८०,८३,१०२,१०५, अनिल (अनिल) ज २६८,१३१ १०८,१११,११४,११७,१२०,१२३,१२६, अपइट्ठाण (अप्रतिष्ठान ) प २२७ १२६,१३२,१३५,१३८,१४१,१४४,१४७, अपच्चक्खाण (अप्रत्याख्यान) प १४।७,२३।३५ १५०,१५३,१५६,१५६,१६३,१६६,१६६, अपच्चक्खाणकिरिया (अप्रत्याख्यानक्रिया) १:३२,१७५,१७८,१८१,१८४,१८७,१६०, प १७११,२२,२३,२५; २२१६०,६४,६६, १६३,१६६,१६६,२०२,२०५,२०८,२११,२१४, ७२,७४,६८,६६ २१७,२२०,२२३,२२६,२२६,२३२,२३५, अपच्चक्खाणि (अप्रत्याख्यानिन्) प २२१६४ २७१;६७१,७२,७६,८३,८४,९७,१०२; अपच्चक्खाय (अप्रत्याख्यात) प १११८६ १११३१,३५,३६१८१८,१८,३०,३६,११४; अपज्जत्त (अपर्याप्त) प १।१७,२२,३१,४६ २११४०,४२, २३११६३; २८/१४३ से १४५; से ५१,६०,६६,७५,७६,८१,२।१७,२० ३६।५२ से ३६,४१ से ४३,४८ से ६३ : ३१४३ से ४६, अपज्जत्ति (अपर्याप्ति) प २८.१४३ ५३ से ६०,६४ से ७१.७५ से ८४,८८ से १५, अपज्जवसित (अपर्यवसित) १६४ ११०,१७४ ; ४१५५,८६,८६,६१,६३,६६,६६, अपज्जवसिय (अपर्यवसित) प १८७,१३,१७, २३८,२४१,२४४,२४७,२५०,२५३,२५६, २५,२६,५५,५८,५.६,६३,६४,६७,६८,७५ २५६,२६२,२६५,२६८,२७४,२७७,२८०, से ७७,७६,८२,८३,८६,८८,९०,६२,१००, २८३,२८६,२८६,२६२,२६५,२६८, २११६, १०५,१११,११२,११५,११८,१२१,१२३, १६,१८,२३ से ३२,३६,४०,४१,४८,५०,५३, १२४,१२७ अपज्जुवासणया (अपर्युपामना) उ ३।४७ अपडिक्कत (अप्रतिक्रान्त) उ ३१८३,१२०,४२४ अपज्जत्तग (अपर्याप्तक) प १२०,२३,२५,२६,२८ अपडिबद्ध (अप्रतिबद्ध) जरा७० २६,४८१६०; १९४८ मे ५१,५३,८४, १३१ अपडिबद्धगामि (अप्रतिबदगामिन्) जश६८ से १३३,१३५,१३७,१३८,२१२,३,५, अपडिबुज्झमाण (अप्रति बुध्यमान) ज २०६५ ६,८,६,११,१२,१४ से १६३४१,८३ से ४६,५१,५३ से ६०,६२,६४ से ७१,७३,७५ अपडिवाइ (अप्रतिपातिन) प ३३।१११,३३३३५ से ८४,८६,८८,६१,६३ से ६५,११०,१४२, अपडिवाति (अप्रतिपातिन) प११११४ १४८,१५१,१८३,६७१,७२,८३,१०२; अपडिसुणमाण (अप्रतिशृण्वत्) उ १११२७ १११३६,४१,१५१४६१८१४८,२११५,१०, अपडिहय (अप्रतिहत ) प १११८६ १३,२०,३३,३४,३६,४१,५२ से ५५,७२, अपडोयार (अप्रत्यवतार) प ३०।२७,२८ ३४.१२ अपढ़म (अप्रथम) प १३१३,१०३,१०६,१०७, अपज्जतगणाम (अपर्याप्तकनामन् ) २३१३८,१२० १०६,११०,११३,११४.११६,११६,१२०, अपज्जत्तय (अपर्याप्तक) प ११२६,३१६२,६६ १ २२,१२३ ;१६।३७ से ६८,८६,८६,६०,६२,६३,६५,१४५,१५४, अपत्थियपत्थग (अप्राथितप्रार्थक) ज ३।१२४ १५७,१६०,१६३,१६६,१६९,१७२,१७४, उ १।११५.११६ ५५ Page #115 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५२८ अपत्थियपत्थय-अप्प अपस्थियपत्थय (अप्रार्थितप्राथंक) ज ३।२६,३६, ४७,१०७,११४,१२२,१३३ उ शाह अपदेसठ्या (अप्रदेशार्थ) प ३११७६,१८१ अपमत्त (अप्रमत्त) १७३३,२१७२ अपमत्तसंजत (अप्रमत्तसंयन) प ६१६८ अपमत्तसंजय (अप्रमत्तसंयत) प ६।१८,१७१२५, २२१६३ अपमाण (अप्रभाण) प ३०।२७,२८ अपराइय (अपराजित) ज ३।३ अपराइया (अपराजिता) ज ४१२१२ अपराजित (अपराजित) प १११३८ ; २१६३; ६।५६ ; ७।२६ ज ११५ अपराजिता (अपराजिता) ज ४२०२; ७१८६ अपराजिय (अपराजित) प ४।२६४ से २६६; ६.४२,१५१८६,६२,१००,१०५,१०८,१०६, ११४,११६,१२०,१२१,१२३,१२५,१२६, १३१,१३६,२८।६६ अपराजियत्त (अपराजितत्व) प १५३११३ अपराजिया (अपराजितः) ज ४।२१२।४५८१ ७.१२००२ सू १०१८८।२ अपरिग्गहिय (अपरिगृहीत) प ४।२२२ से २२४, २३४, से २३६, अपरिजाणमाण (अपरिजानत्) उ ३१५६,६१,७७, अपरिसे सिय (अपरिशेषित) प २८१२३ अपविठ्ठ (अप्रविष्ट) प १५॥३६, ४१ अपसत्थ (अप्रशस्त) प १७।११४११, २३६५६, १०६,११७,१२८ अपाणय (अपानक) ज २१६५,७१,८८, ३३२२५ अपि (अपि) ज ११२२ उ १९७; ३१६०; ५११७ अपिक्क (अपक्व) प १७:१३२ अपुठ्ठ (अस्पृष्ट) प १११६१, १५१३६ से ३८,४१; २२१५६; २८१११,५७ ज ७४४०,५३ अपुणरावित्ति (अपुनरावृत्ति) ज ५।२१ अपुणरुत्त (अपुनरुक्त) ज १६४; ५१५८ अपुण्ण (अपुण्य) उ ११६२; ३१६८,१०१,१३१ अयुरिसक्कार (अपुरुपकार) ज ३१११ अपुरोहिय (अपुरोहित) प २१६०,६३ अपुष्व (अपूर्व) १२८१२०,३२,६६ अपुवकरण (अपूर्वकरण) ज ३।२२३ अपोह (अपोह) ज ३।२२३ अप्प (आत्मन्) ५० ११४०१४, २२१४ से ६ ज ११५; २१७१, ८३; ३।१८८; ५:५७ सू१।१६; १३३१२,१४ से १७,१८१८; २०१४ उ ११२,३,४६,६५,६८,७२, २११०,१२, ३११४,२६,५०,५१,५३,५४,८३,६६,१३२, १४४,१६१, ४।२४,२८, २६, २८,३२,३६, अपरिताविय (अपरितापित) ज २०४६ अपरित्त (अपरीत) ५ ३।१०६; १८।१०६ अपरि जमाण (अपरिभजत ) उ ११३५ अपरिभूय (अपरिभूत) ज ३११०३ उ ३.१०, २८ अपरिमिय (अपरिमित) ज ३।१६७ अपरियाग (अपरिपाक, अपर्याय) प १७११३२ अपरियार (अपरिवार) प ३४११५,१६ अपरियारग (अपरिचारक) प ३४।१८,२५ अपरिसेस (अपरिशेष) प २८/४०, ६६ ज ४।८३, अप्प (अल्प) प ३३८ से ११६, ११७.१,११८ से १२०,१२२ से १२४,१७४,१७६ से १८३; ६।१२३; ८1५,७,६,११; ६।१२,१६,२५; १०३ से ५,२६ से २६; १११७६,६0; १५।१३,१६,२६,२८,३१,३३,६४; १७१५६ से ६६,७१ से ७६,७८ से १३,१४४ से १४६; २०६४; २१११०४,१०५; २२११०१, २८१४१, ४४,७०, ३४।२५; ३६१३५ से ४१,४८,४६ ज १२५०; २१५८,८३,१२३,१२८,१४८,१५१, १५७; ३३१०,११,८५,८७,११७११,१८४; ४११०१, ५१५२७,५७७.११२१४,१६८,१६७ सु १०।१२६।४; १५१, १८।१८,३७; १४ Page #116 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अप्प-अबाहा ८२६ २३,२६; २०१७ उ १११६,४२,६३, ३।२६, १४१; ४।१२ अप्प (अल्प) जवासा प १४०।४ अप्पकप्पिय (आत्मकल्पित) उ ११४६ अप्पकम्मतराग (अल्पकर्मतरक) प १७१३,१६ अप्पच्चदखाण (अप्रत्याख्यान) प १४७ अपच्चक्खाणकिरिया (अप्रत्याख्यान क्रिया) प २२१६४,६६,७४,६७,१०१ अप्पच्चक्खाणवत्तिया (अप्रत्याख्यानप्रत्यया) प२२०६४ अप्पडिबुज्झमाण (अप्रतिबुध्यमान) ज ३१२०४ अप्पडिय (अप्रतिहत) ज ३८१,८८,१०६,१५१; ५२१ अप्पणया (आत्मन् ) प २८।२०,३२,६६ अप्पतराय (अल्पतरक) १७१२,२५ अप्पतिट्ठिय (अप्रतिष्ठित) प १४१३ अप्पत्त (अप्राप्त) सू१९२२१७ अप्पत्थियपत्थय (अप्रार्थितप्रार्थक) ज ३१०७ अप्पबहु (अल्पबहु) प १७४११४।१; २१।१।१; ३४१११२ ज ७११६८२ अप्पमेय (अप्रमेय) ज ५१५८ अप्पवस (आत्मवश) उ ३।११८ अप्पवेदणतराग (अल्पवेदनतरक) प १७१६,२७ अप्पसत्थ (अप्रशस्त) प १७११३८२३।११६, १३२, ३४।१३ अप्पसरीर (अल्पशरीर) प १७।२,२५ अप्पसोय (अल्पशोक) उ ११६३ अप्पयगति (अप्रहतगति) ज २१६८ अप्पाबहु (अल्पबहु) प६।१२३; १५।११ अप्पाबहुग (अल्पबहुक) प १७।६६,७० अप्पाबहुय (अल्पबहुक) प०१०।२५; १९८० १५.१८,१६, १५।५८११, १७७७ अप्पिच्छ (अल्पेच्छ) ज २०१६ अप्पिढिय (अल्पद्धिक) प १७१८४ से ८७,८६ ज० ७.१८१ मू १८१६ अप्पिण (अर्पय्) अप्पिणइ उ० १।११८ अप्पिणामि उ० ११११७ अप्पिणित्ता (अपयित्वा) ज ३।८१ अप्पिय (अप्रिय) ज २११३३ अप्पियतरिया (अप्रियतरका) प १७.१२३ से १२५, १३० से १३२ अप्पियत्त (अप्रियत्व) प० २८।१४ अप्पियस्सर (अप्रियस्वर) ज २११३३ अप्पुस्सुय (अल्पौत्सुक्य) ज ३।२६,३६,४७,१३३ अप्पेस्स (अप्रेष्य) ५०२१६०,६३ अप्फुण्ण (दे) उ ११२३,६१ अप्फोड (आ+स्फोटय)--अफोर्डेति ज ५७ अप्कोडिय (आस्फोटित) ज ३१३१; ७१७८ अप्फोया (आस्फोता) मल्लिका, अपराजिता प १॥४०॥३ अफासाइज्जमाण (अस्पृश्यमान) प २८।४०,४१, ४३,४४,६९,७० अफुण्ण (दे०) प ३६५६,६०,६६ से ६८,७०,७१, ७३ से ७५ अफुसमाण (अस्पृशत् ) प १३।२३ अफुसमाणगति (अस्पृशद्गति) प १६।३८,४०; ३६६२ अफुसित्ता (अस्पृष्ट्वा ) प १६:४० अबंधग (अबन्धक) प ३११७४; २२।८४; २६६ अबंधय (अबन्धक) प २२१८३,८४,८६; २६.८ से अबल (अबल) ज ३११११ अबहुस्सुय (अबहुश्रुत) सू २०१६।२ अबाधा (अवाधा) सू२८।२० अबाहा (अबाधा) प २१६४, २३१६० से ६४,६६, ६८,६६,७३ से ७७,८१,८३,८५ से १०,६२, ६५ से ६६,१०१ से १०४,१११ से ११४, ११६ से ११८,१२७,१३०,१३१,१७६,१७७, १८२,१६३,१८७,१६० ज ११७, ३.१; ४।११०,११६,१४१,१४२,२०६.२०७; १५, Page #117 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अबाहूणिया-अभवसिद्धिय ६,८ से १३,६४,६५,६७ से ७२,८८,८६,६१, ७४,८४; २३५८,७६,१६६; २६२१ ६२,१६८८१,१७१ से १७४,१८२ सू १८१५,६ ज ३११८,६३,१८०; ७१८७ से १६० अबाहूणिया (अबाधोनिका) प २३१६० से ६४,६६ सू १८१२५ से ३० उ ३३१६ ६८,६६,७३ से ७७,८१,८३,८५, से ६०,९२, अदिभतर (आभ्यन्तर) प १३५५३३०१ ६५ से १६,१०१ से १०४,१११ से ११४, जे १७, २११२, ४,२१, ५।३६सू १११४, ११६ से ११८,१२७,१३०,१३१,१३३,१७६, १६,२१,२४,२७ से २६,३१; २१३; ४।६; १७७,१८२,१८३,१८७,१६० ६११; ८।१, १६।२१।१ अबीय (अद्वितीय) ज ३१२०,३३,८४,१८२ अभिंतरओ (अभ्यन्तरतस् ) ज ३।२४।२,१३१२ अभइय (अभ्यधिक) प १८:४ उश अभंग (अभि । अञ्ज ) अब्भंगेइ उ ३१११४ अभिंतरग (आभ्यन्तरक) प ११४८।४५ ___ अभंगेति ज ५११४ अभिंतरय (आभ्यंत रक) उ ११४४ अभंगण (अभ्यञ्जन) उ ३।११४,११५,११६ अभिंतरिय (आभ्यंतरक) ज ४।१६ अभंगेत्ता (अभ्यज्य) ज ५११४ अब्भुक्ख (अभि+ उक्ष ) अब्भुक्खेइ ज ३११२, अभंतर (आभ्यन्तर) प ३६८१ ज ३।१८४; ८८ उ०४।२१ ४।१५२, ७।५,८,९,१०,१३ से १६,१६ से अब्भुक्खेत्ता (अभ्युक्ष्य) ज ३।१२ २२,२५ से २७,३०,३१,३३,६४,६७ से ६६, अन्भुग्गय (अभ्युदगत) प ४।४८ ज ११४२, २।१५; ७२ से ७५,७८ से ८१,८४,८८,६१,६३,६५, ४.४६, २२१, ७.१७६,१७८ सू १८१८ १७५ सू १११,१२,१४,१६,१७,२१,२४, अब्भुट्ठ (अभि-1-उत्-+-ष्ठा) अब्भुद ठेइ २७,३०; २।३; ३११,२; ४१७; ६.१ ६२; ज ३१६,२६,३६,४७,१३३, २१४; ५१२१ १०११३२; १३।१३, १९४१, १६।२२।१२ उ ३६१०१--अब्भुट्ठमि उ ३११३६, ४११४ -~-अभुळेहि उ ३।११५ अभंतर पुरक्खरद्ध (आभ्यन्तर पुस्करार्द्ध) सू ८१ अब्भुठ्ठिय (अभ्युत्थित) ज २१७० १६.१६ स १६ अब्भुठेत्ता (अभ्युत्थाय) ज ३१६ उ ३३१०१, अभंतरिय (आभ्यन्तरिक) सू ४१३,४,६,७ अभंतरिल्ल (आभ्यंतरिक) ज ७।१७५ सू१८१७ अब्भुण्णय (अभ्युन्नत) ज २११५, ७११७८ अब्भक्खाण (अभ्याख्यान) प २२०२० अब्भुवगम (अभ्युपगम) प ३५।११ अभणुण्णाय (अभ्यनुज्ञात) उ ३३१०६,१०८,१३८; अन्भोरुह (अभ्यवरुह) प ११४४०१ ४।११ अन्भोवगमिया (आभ्युपगमिकी) प ३५।१२,१३ अभपडल (अध्रपटल) प १।२०।२; ११७५ अभंगय (अभङ्गक) प २६९; २८११६ अब्भवद्दलय (अभ्रवादलक) ज ५१७ अभवखेय (अभक्ष्य) उ ३१३७ से ४० अब्भवग्लुया (अभ्रवालुका) प १।२०।२ अभड (अभट) ज ३।१२,२८,४१,४६,५८,६६,७४, अन्भहिय (अभ्यधिक) प ४११७१,१७३,१७४,१७६, १४७,१६८,२१२,२१३ १७७,१७६,१८०,१८२,१८३,१८५,१८६, अभय (अभय) उ १३१,४२ से ४६,४८ १८८; ५१५,१०,२०,३०,३२,७२,८१,१०२, अभयदय (अभयदय) ज ५।२१ १२६,१३१,१३२,१३४,१६०,१७७,१६३, अभवसिद्धिय (अभवसिद्धिक) प ३.११३,१८३; २१४,२२८; १७॥६३; १८२८,४७,६०,६६ से १२७,२०; १८११२३, २८।११२ Page #118 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अभव्व जण-अभिरूव अभव्वजण (अभव्यजन) सू २०६१ अभायण (अभाजन) सू २०६।३ अभाव (अभाव) प ३६१२१ अभासग (अभाषक) १ ३।१०८; १११३८ से ४१, अभिणंद (अभिनणद् ) अभिणंदति ज २१६४ अभिणंद (अभिनन्द) सू १०११२४११ अभिणंदत (अभिनन्दत्) ज २१६४; ३।१८५, २०६ अभिणंदिज्जमाण (अभिनन्द्यमान) ज २०६५ अभिणंदिय (अभिनन्दित) ज ७११४।१ अभिणय (अभिनय) ज ५१५७ अभिणिसढ (अभिनिमृत) सू ६।१,३ अभिणिस्तव (अभि+नि । स्र ) अभिणिस्पति ज ४११०७ अभिणिस्सित (अभिनिथित) सू ६३ अभिणी (अभिणी ) अभिणेति ज ५१५७ अभिष्ण (अभिन्न) प ११।७२ अमिथुण (अभि : प्टु) ___ अभिथुणंति ज २१६४ ; ३।२१० अभिथुणंत (अभिष्टु वत्) ज २१६४ ; ३।१८५,२०६ अभिथुब्वमाण (अभिष्टयमान) ज २१६५, ३१८६ २०४ अभासय (अभाषक) १०१८।१०५ अभिइ (अभिजित् ) ज ७।११३।१, १२८ से १३१, १३३,१३४११, १३५,१३६,१३८,१४१,१४६, १५६,१७५ सू १०।१ से ६,८,२०,२३,२७,५५, ६३,७५,७८,६२,१२०,१२२,१२३,१३० से १३६; १२।१६; १५।८,११; १८७; अभिओग (अभियोग) उ ३६१ अभिक्ख (अभीक्षण) ज २११३१ अभिक्खण (अभीक्ष्ण) ११७१२,२५, २८।२१,३३, ६७ ज०१।१८, २११३१,१३३; ३।१०४, १०५ उ ११५६,८४,६७, ३।११७; ४१२१ अभिगम (अभिगम) प ३४।१२ अभिगमण (अभिगमन) ज ५७,४१ सू० १३११७ उ १।१७; ३७ अभिगय (अभिगत) उ ३३१४४; ५।३४ Vअभिगिण्ह (अभि+ ग्रह )अभिगिण्हइ उ ३।५५ अभिगिहिस्सामि उ ३१५० अभिगिण्हेत्ता (अभिगृ ह्य) उ ३१५० अभिग्गह (अभिग्रह) प १११३७१२ उ० ३१५० अभिचंद (अभिचन्द्र) ज २१५६, ६१; ७/१२२११ सू १०१८४।१ अभिजात (अभिजात) सू१०1८६४२ अभिआय (अभिजात) ज ३१३; ७१११७.२ अभिजिणमाण (अभिजयत् ) ज ३१८,३१,१८० अभिजिय (अभिजित) ज ३।३६,३६,४७,५६,६४, ७२, १२६१४, १३३,१३८,१४५,१८८) ७/१२६ अभिजेतुं (अभिजेतुम् ) ज ३१६५ अभिज्झियत्त (अभिध्यातत्व) प २८।२४,२६ अभिनिविट्ठ (अभिनि विष्ट) प २०१३६ अभिनिस्सब (अभि-नि+स.) अभिनिस्सवेइ उ १४५६ अभिभूय (अभिभूत) ज २११३३ उ ११६०,६२,८५, ८७,६३ अभिमुह ((अभिमुख) ज ११६; २६०३.१४, १५,२२,३०,३१,३६,४३,४४,५१,५२,६० ६१,६८,६६,१३०,१३१,१३६,१३७,१४०, १४११४५,१४६,१५०,१७२,१७३,२०५,२०६, ४।१,३७,३८,६५,७१,७३,६०,६१,६४; ५।५८,६।२३ से २६ उ १।१६३४३ अभिरक्ख (अभिरक्ष ) अभिरकरवउ उ ३३५१ अभिरममाण (अभिरममाण) ज २११४६ : ५१६७ अभिराम (अभिराम) प २१३०,३१,४१ ज ३.१, ७,६,१७,२१,३४,८८,१०६,१७७,२२२; ४१२७,५७,२८,४३ सू २०१७ उ ५५ अभिरुइय (अभिरुचित) उ ३११३८ अभिरूव (अभिरूप) प २१३०,३१,४१,४८,४६, Page #119 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८३२ अभिलंघमाण-अमणुण्ण ५६,६३,६४ ज ११८,२३,३१,४२; २।१२,१४, अभिसिचाव (अभि+सेचय) अभिसिचावेइ १५, ४१३,६,१३,२५,२७,२६,३३,४६,१४६; उ ११६८ अभिसिंचावेसि उ १।७२ ५६२ सु०१११ उ०५।४ से ६ अभिसिंचावित्तए (अभिपिञ्चयितुम) ज ३११८८ अभिलंघमाण (अभिलङ्घमान) ज ४१४६ उ० ११६५ अभिलाव (अभिलाप) ५४।५५; ६।४६.५६,६९,७८ अभिसिचित्ता (अभिपिच्य) ज २१६४ १११,१२३,१११८३ १५३३८,५०; १७८८, अभिसिंचिय (अभिषिञ्चित) ज ३।२१२ ६१,६६,११७,१४५,१४६२११५५; २२१५८; अभिसित्त (अभिषिक्त) ज ३१२१४ २३६१६१ ; ३६६६५ ज ३१२११ : ४।२३८; अभिसेक (अभिषेक) ज ३।२०४,२१४,२१७, ४।१४० ७.१५५ सू ५।१ ; ६।१; ७११ ; ६१२,३ ; १०।२३, १४८,१५०; १५१६; १८।११६१,३१, २०१२ अभिसेवक (अभिषेक्य) उ १११२३,१३१ अभिवंदिऊण (अभिवन्द्य) प १११ अभिसेय (अभिषेक) ज २०१५, ३१२०६; ४११४०११ अभिवढि (अभिवृद्धि) ज ७।१३० १६०,२४४,२४८, ५१५७,५८,६१,६५ अभिवडिढत (अभिवधिन) सू १०।१२८,१२६% अभिसेयपीढ (अभिषेकपीठ) ज ३११९४ से १९६, ११११,१२१,६,१२,१५।२६से २८ २०४ से २०६,२१४ से २१६ पनि अभिनय ११ अभिसेयमंडव (अभिषेकमण्डप) ज ३१६१,१६३, से ६,१२१६ १६४,१६८,२०४ से २०६,२०८,२१४ अभिवडिढत्ता (अभिवयं ) सू ६।१ अभिसेयसभा (अभिषेकसभा) ज ४११४० अभिवढिदेवया (अभिवृद्धिदेवता) सू०१०१८३ अभिसेयसिला (अभिषेकशिला) ज ४१२४४,५१४७ अभिवढिय (अभिवधित) ज ७१०५,११० से अभिसेयसिहासण (अभिषेकसिंहासन) ज ४१२४८%3 ११२।५ सू १०१२७,१२६।५ ५.४७ अभिवढियसंवच्छर (अभिवधितसंवत्सर) सू अभिहण (अभि+ हन्) १०1१२७ ___अभिहणंति प ३६।६२,७७ अभिवता (अभिवयं ) ज ७।२७ सू६।१ अभिहणमाण (अभिघ्नत् ) ज ३११०६ अभिवड्ढेमाण (अभिवर्धमान) ज ७.१०, अभिहिय (अभिहित) प १११०१।१२ १६,२२,२५,२७,३०, ६६,७५,८१, सू१२०, अभीइ (अभिजित् ) ज २१८५,८८,१३८,७११३६।१ २१,२७,६।१६२ सू १६।२२१२७ अभिवुड्ढ (अभि + वृध) अभिवुड्ढइ सू ६१ अभीय (अभीत) ज २०६४ अभिवुढिड्त्ता (अभिवयं) सू ११४ अभेज्ज (अभेद्य) ज ३७६,६६ से १०१,११६, अभिवुड्ढेमाण (अभिवर्धमान) सू १११४ ; २१३; हा२ अमेल (अभेल) ज ३।१०९ अभिसमण्णागय (अभिसमन्वागत) प २०१३६ मू अमच्च (अमात्य) ज ३१,६,७७,२२२ ३।२६,३६,४७,१२२,१२६,१३३ उ ३.८५, अमणाम (दे०) ज २।१३३ १४,१२२,१६३,५।३१।। अमणामतरिया ('अमणाम' तरका) प १७११२३ अभिसरमाण (अभिसरत् ) उ ३६८ से १२५,१३० से १३२ अभिसिंच (अभि ।-सिंच) अभिसिंचइ ज २१६४ अमणामत्त ('अमणाम' त्व) प २८२४ अभिसिंचंति ज ३।२१० ; ४१२४८,२५० से अमणुण्ण (अमनोज्ञ) प २३।१६,३१॥ २१३१, २५२:५।५६ अभिसिंचति ज ३१२०६५६० १ ३३ Page #120 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अमणुण्णतरिया-अरतिरति ८३३ अमणण्णतरिया (अमनोज्ञ तरका) प १७११२३ से १२५,१३० मे १३२ अमणुण्णत्त (अमनोज्ञत्व) प २८१२४ अमणूस (अमनुष्य) प २१७२ अमम (अमम) ज २।५०,१६४,४।१०६ २०५, ७१२२६३ सू १०८४।३ अमयमेह (अमृतमेघ) ज २६१४४,१४५ अमर (अमर) प २१३०,३१,४१, २०६४।२१; ज०७१, ३।३५,१०६,१३८ अमरपति (अमरपति) ज ३१३१ अमरवइ (अमरपति) प २१४५२ ज ३।३.१८, ६३,१८० अमल (अमल) ज ४।२६ अमाइसम्मपिठिउववण्णग (अमायिसम्यक दृष्ट्यु पपन्नक) प १७४२७,२६ अमाइसम्मद्दिठी (अमायिसम्यकदष्टि) प१५।४६; ३४।१२,३५॥३ अमाइसम्महिठी उबवण्णग(अमायि सम्यकदृष्ट्युप पन्नक) प १७।२७ अमाण (अमान) ज २१६८ अमाय (अमाय) ज २१६८ अमावासा (अमावास्या) ज ७।१२५,१३७,१४७, १४८.१५०,१५१,१५४,१५५, सू १०७,२३ से २६,१३६,१३७,१४८ मे १५१,१५७ से १६१, १३.१ से ३,६, अमिज्ज (अमेय) ज ३११२,२८,४१,४६,५८,६६, ७४,१४७,१६८ २१२,२१३ अमित्त (अमित्र).ज ३।२२१ अमिय (अमृत) प २१६४११६ अमिय (अमित) प२१४०१७ ज ७१७८ अमियवाहण (अमितवाहन) प २१४०१७ अमिलाय (अम्लान) ज ३।१२,२८,४१,४६,५८, ६६,७४,१४७,१६८,२१२,२१३ अमिलाव (अमिलाप) ज ४१२३८ अमूढदिदिठ (अमूढदृष्टि) | ११०१।१४ अमोहा (अमोहा) ज ४११५७।१ अम्मता (अम्बा) उ ४१११ अम्मया (अम्बा) उ १२३४,४०,४३,७४, ३६८, १०१,१३१ अम्मा (अम्बा) प १११३,१८ उ १७१,७३,८८ अम्मापिइ (अम्बापितृ) उ राह अम्मापियर (अम्बापितृ) उ ११६३ ; ३११२६,१२८ ४।११,१४,१५,१६, २७,३८ अम्ह (अस्मत्) प ११३ ज ५।३ सू ११२० उश१५ अय (अज) प.१६४; ११।१६ से २० ज २१३४, ३५७।१८६।३ अय (अयस्) प १२०१ ज १७ अयकरय (अजकरक) ज ७:१८६।२ स २०१८,८।२ अयखंड (अयस्खण्ड) प ११।७४ अयगर (अजगर) ११४६८,७२ ज २०४१ अयगोल (अयोगोल) ११४८१५६ अयण (अयन) ज २१४,६६७१२६,१२७ सू ६.१८१११३७,६,१२ से १४ अयदेवया (अजदेवता) स १०।८२ अयमाण (अयमान) ज ७१२०,२३,२६,२८ सू १११४,१६,२१,२४,२७, २॥३,६६१,१३११ १४॥३,७ अयल (अचल) ज ३७६,११६ अयसिकुसुम (अतसीकुसुम) प १७।१२४ अयसी (अतसी) ५११४५२२।३१ ज १३७ अयाणंत (अजानत्) प १।१०१५ अयोझ (अयोध्य) ज ३१३५ अयोमुह (अयोमुख) प ११८६ अर (अर) ज ३१३५ अरइ (अरति) प २३७७ जं २७० अरजा (अरजा) ज ४१२१२ अरणि (अरणि) ज ५११६ उ ०३१५१ अरण्ण (अरण्य) ज २२६६,१३१ अरति (अरति) प २३१३६,१४५ अरतिरति (अरतिरति) प २२०२० Page #121 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८३४ अरत ( अरक्त ) प २१७० अरय ( अरक) ज ३।३० अरय (अरजस् ) सू २०१८ १७ अरयंबर (अरजोम्बर ) प २५० से ५३, ५४ ज २१६१ अरयंबरवत्थधर (अरजोम्बरवस्त्रधर ) ज ५११८, *; अरया (अरजा) ज ४।२१२।२ अरबाक (अरबक ) प १८ अरविंद ( अरविन्द ) प ११४६, ११४८ । ४४ ज ३१११७ अरसमेघ ( अरसमेघ) ज २११३१ अरह (अर्हत् ) ज २१६३ से ६७,७३ से ६० ; ५१५८, ६५३।१२,१४,२६,४६,७६,४।१०, ११,१३,१४,१६,२०,५।१४,२०,३२,३३,३६, ३७, ३० से ४१ अरहंत (अर्हत् ) प १६१; ६२६ ज १ १ : ५२१ सू० २०१६ ४ उ १।१७ अरहंतवंस (अर्हदुवंश ) ज २९१२४ अरि (अरि) ज २२८ अरिट्ठ (अरिष्ट ) प १।३५।२ अरिट्ठनेमि (अरिष्टनेमि ) उ५११४,२०,३२,३३, ३६,३७,३६, से ४१ अरिस (अर्शस् ) ज २१४३ अरिह (अहं) ज ११२ उ ११३९, ४२ अरुण (अरुण ) ज ४१८४,८५ सू २०१८,८१५ अरुणवर ( अरुणवर ) प १५।५५ । १ सू १६ ३१ अरुणवरोभास ( अरुणवरावभास) सू १६ ३१ अरुणोभास (अरुणावभास) ज ४१६५ अरुणाभ (अरुणाभ ) सू २०१२ अरुणोद ( अरुणोद) सू १६१३१ अरुय ( अरुज ) ज ५।२१ अवि ( अरूपिन् ) प ११२,३ ५।१२,३,१२४ अरुह (अर्ह ) अरुहतु ज ३।१२६ अलंकार ( अलङ्कार ) ज २२६५,६६, १०० ३।१२ अरत-अवज्झा ६४,७२,७८, १५०, १८०, २०६,२२४; ५।१४, २२,३६,४१,४३ उ ११३५, ७० ३१५०, ११०, ११३४११८, २०६५।१७ अलंकारिय ( अलंकारिक) ज ४।१४० अलंकित (अलङ्कृत) सू २०१७ अलंकि ( अलङ्कृत) प २०४८ ज ३६, ८५, २११, २२२, ४/४६ ५३५८ ३ १।१६,४२, ३३२६, १४१ ; ४११२ अलंबुसा (अलम्बुसा) ज ५१११११ अलकापुरी (अलकापुरी) ज ३|१ अलत्तग ( अलक्तक) उ ३१११४, अलद्ध (अलब्ध) उ ३१३८ अलभमाण ( अलभमान) उ१।६६ अलसंडविसयवासी (अलसण्ड विपयवासिन् ) ज ३१८१ अलाय ( अलात ) प १ २६ अलिय ( अलीक) उ १४७ अलेस्स (अलेश्य ) प ३६६ १३/१६; १७५६, ८; १८७५ २८१२४ अलोग (अलोक ) प १०१२, ४, ५ १५ १२ अलोय (अलोक ) प २।६४।३; १५।५७; ३३११३ अलोवेमाण (अलोपयत् ) उ १।१११,११२ अमोह (अलोभ) ज २१६८ अल्ल (आर्द्रा) उ १।४४ से ४६ अल्लकुसुम (कीकुसुम ) प १७ १२७ अलग (आक) ज ३३११६ अल्लीण ( आलीत) ज २३१५,१६६७।१७८ अवक्कम (अव-: क्रम् ) अवक्कमइ उ ३।११३, अवक्कमति ज ३।१११,११५,१६२,२०८; ५।५,७,५५ अवक्कमह् ज ३११२४, ४१२० अववकमित्ता (अवक्रम्य ) ज ३।१११; उ ३१११३; ४/२० अवगाह (अवगाह ) प १७।११४।१ अवचिज्ज (अव + चि) अवचिज्जति प २१।६७ अवज्झा (अवध्या ) ज ४१२१२,२१२३४ Page #122 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अवद्वित-अवाय ५३५ अवठित (अवस्थित) ६.१,१६२२॥११ ५५,५७,६५,६८,७२,७५,७६,९८,१०६,१३१, अवत्तिा (अवस्थाय) यू १६।२२।२२ अवठिय (अवस्थित) प ३३१२५ ज १।११,४७, अवर विदेह (अपरविदेह) प १६।३०।१७।१६१ ३।६२,११६,२२६,४१२२,५४,६४,१०२,१५६, जे रा६४/६४,६६,२१३,२६३।१ २१२ ; ७।३१,३३,१०१,१०२,२१० सू ४१३ अबरविदेहकूड (अपरविदेहकूट) ज ४१६६ ४,६,७,८१ उ ३।४३,४४ अवरयेयालि (अपर'वेयाली') प १६।४५ . अवड्ढ (अपाधं) प १८५६,६४,७७.८३,६०,१०८ अबराइया (अपराजिता) ज ४।२०२।२,२१२, सू ११२२;६।३ २१२।२ अवड्ढखेत्त (अपार्धक्षेत्र) १०।४,५ अवलद्ध (अपलब्ध) ५१४३ अवडढगोलगोलच्छाया (अपार्धगोलगोलछाया) अवव (अवव) ज २१४ सू ६५ अववंग (अववाङ्ग) ज २।४ अवडढगोलच्छाया (अपाधंगोलच्छाया) ६।५ अवस (अवश) उ १५२,७७ अवडढमोलपुंजच्छाया (अपाधंगोल पुजछाया) अवसण (अवसन) ज ३११११,११३ मू ६५ अवसाण (अवसान) प ८१३ ज ३।६,२१७,२२२ अवडढगोलावलिच्छाया (अपार्धगोलावलिछाया) अवसिठ्ठ (अवशिष्ट) प २३३१७५ ज ४११६२ से १६४,२०४,२०८,२१०, अवड्ढभाग (अपार्धभाग) सू १२॥५ २६२,२७१,२७४ ,५१४६,५० अवडढवाविसंठिय (अपार्द्धवापीसस्थित) सू १०.३१ अवसेय (अवशेष) प २५४; ३३१८२५१३७,३६, अवणीयउवणीयवयण (अपनीततोपनीतवचन) ७४, ८६,१०७,१४६,१५६,१६०,१६३,१६७, प१११८६ २००,२०३,२०५,२०७,२२४,२४२१७।१७, अवणीयवयण (अपनीतवचन) प ११३८६ २०१२३,२२१२४; २४११:२६।४,८,२७१२; अवण्ण (अवर्ण) प ३०।२७,२८ २८११२५,१३३,१३६,१३७,१४१ से १४३; अवतंस (अवतंस) सू ५१ ३०१२४,३६१२० ज २१४६,५६,६२,६५,६६, अवतव्बय (अवक्तव्यक) प १०१६ मे १३ १०१,१०२,११३,११४; ४।५३,१४०,१६५, अवदाल (अवन दलय) अवदालेति प ३६।८१ २६५,२६८,५।४२,४५,७१३४१४,१३५१४, अवदालेत्ता (अवदल्य) प ३६८१ १५३ सू १०१२२:१३११, २०१३ अवद्दार (अपद्वार) उ ११११७ मे ११६ अवहाय (अपहाय) ज २१६ अवमंस (दे० अमावास्या) ज ७।१२७१,१६७१। अवहार (अपहार ) प १२॥३२ अवय (अवका) प ११४६,११४८११,११६२ शैवाल अवहिय (अपहृत) ५१२४,३३ अवर (अपर) प १११६,११४८१४,८११६१ ज अवहीर (अप । ह) अवहीरंति प १२।७,८,१०, ४११७; १३७,१५१,५३६ च ५२ सू ।। १२,१६,२०,२४,२७,३२ अवहीरति २.१,३।११०१५,१२७,१३१५,१७,१८१, १२।२७,३२ अवहीरमाण (अपह्रियमाण) प १२।२४,३३ अवरक (अप-क) म १३११२ अवाउक्काइय (अवायुकायिक) प २१:५० अवरत्त (अपरात्र) उ १५१,६५,७६, ३।४८, १० अवाय (अवाय) प १५१५८।२१५।६६ Page #123 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अधि-असंखेज्ज अवि (अपि) प २११३ ज ४२०० सू १।२५,५1१। उ ११३१, ३१११,४१६५४५ अविदमाण (अविन्दान) उ १२४१,४३ अविग्गह (अविग्रह) प ३६।६२ अविग्ध (अविघ्न) ज २०६४ अविणिज्जमाण (अविनीयमान) उ १५३५,४०,४३ अविणीय (अविनीत) ज ३१०६ २०१६१६ अवितह (अवितथ) ज २७८ उ ११२४,४२ ३।१०३ अवियाउरिया (दे० अविजनयित्री) उ ३११३१ अवियाउरी (दे० अविजनयित्री) उ ३६७ अविरत (अविरत) प ३।१८३ अविरत्त (अविरक्त) सू २०१७ अविरय (अविरत) प ११८६ अविरल (अविरल) ज २१५ अविरहिय (अविरहित) प ६१९,६२,६३, ११। ७०,२८१४,२६,५० सू १०७७; १६३२२।१७ अविराहियसंजम (अविराधितसंयम) प २०१६१ । अविराहियसंजमासंजम (अविराधितसंयमासंयम) प २०६१ अविसय (अविषय) प १११६७,२८३१७,६३ ज ७१४६ अविसारय (अविशारद) १० १११०१।११ अविसुद्ध (अविशुद्ध) प १७:१३८ अविसुद्धलेस्सतराग (अविशुद्धलेश्यतरक) प १७७ अविसुद्धवण्णतराग (अविशुद्ध वर्णतरक) प १७।६, १७ अविसेस (अविशेष) प २।३,६,६,१२,१५ अविसेसिय (अविशेषित) ज १५१ अविस्साम (अविश्वाम) प २१४८ अवीरिय (अवीर्य) ज ३.१११ अवे (अप-। इ) अवेति प २८५१०५; ३४।१६ अवेद (अवेद) प २६४।१ अवेदग (अवेदक) प ३।६७:१३६१६ अवेदणा (अवेदना) प २१६४।१ अवेदय (अवेदक) प १८१६३; २८।१४० अवेदिय (अवेदित) प ३६८२ अब्वय (अव्यय) ज ११११,४७,३३१६७,२२६; ४।२२,५४,६४,१०२,७।२१० उ ३१४३,४४ अन्वहिय (अव्यथित) ज २१४६ अव्वाबाह (अव्याबाध) प २१६४११४,२०,२२; ३६४६४११ ज ५१२१ उ ३.३०,३५ अश्वोच्छिण्ण (अव्यवच्छिन्न) ज ३१३ अन्योच्छित्तिणय (अव्यवच्छित्तिनय) सू १७११ २०११ अन्वोयड (अव्याकृत) प १११३७ार अस (अस्) अत्थि प ११७५,८०,५।६६; १२।६,१५१६५,६६,१७३३,२८।१२३,१३६, १४१,१४२,१४५ ज ११४७ आसि ज २४७ आसीप २६४१५ सिया स१०।२५ असइ (असकृत) ज ७१२१२ असंकिलिट्ठ (असंक्लिष्ट) प २।३१,१७११३८ असंख (असंख्य) प ११४८।६० असंखभाग (असंख्यभाग) प ११४८६० असंखिज्जइभाग (असंख्येयभाग) प २३.१०१, १५१,१५७ असं खिज्जगुण (असंख्येयगुण) ५१८१६३,२११४० असंखिज्जतिभाग (असंख्येयभाग) प २१४८ असंखिज्जसमइय (असंख्येयसामयिक) प १५।६१ असंखेज्ज (असंख्येय) प १११३,२०,२३,२६,२६, ४८,११४८१८,४०,५६,२।१०,११,४१ से ४३, ४६,४८५०,५६३११८०:५२,३,५,१२६, १२७,१४४,१४५,१५१,६१४२,६० से ६४,६८, १०।१६.१८ से २०,२३,२५,२८,३०,११।५०, ७०,७२,१२१७,८,१२,१६,२०,२४,२७,३१, ३२,१५.१२,२५,५८११:१५८३,८४,८७,६१, ६२,६४ से ६६,१०३,१०४,११८,१२० से १२३,१२५ से १२८,१३५ से १३७,१४० से १४२,१७११४१,१४३:१८१३,२६,२७,३७ Page #124 -------------------------------------------------------------------------- ________________ असंखेज्जइभाग असंविदित ३८,४१,४३,९५, १०७,११७, २८५, ५१:३३ । १०,१२,१३,१६,१७; ३४ १३,३६१८, १३ से १५, १७ से २०, २२, २३, २५, २६,३३,३४,४४, ६६,६८,९२ ज ११४६, २२४,५८,८४,६०,१५७; ३।३;४।५२,१६५;५।४४ १३१२, १४/४, ८; १८/१; १६१२२१; १६१३४, ३५, ३७, ३८ असंखेज्जइभाग (असंख्येयभाग ) प १।७४, ८४; २११,२,४,५,७,८,१३,१६ से ३२,३४३५, ३७. ३८, ४१ से ४३,४६,४६, ५०, ५२, ५८ से ६०; ४।१४६,१५१,१५७;१५।२२; १८१२७,७० से ७२,६५,११७,२०१६३,२१।३८, ४० से ४२, ४८,६३ से ६७,७०,७१,८४,८६,६० से ६२; २३।६१,६४,६६,६८,७३,७५ से ७७,८३ से ८६८८ से ६०,६२,६५ से ६६, १०२ से १०४, १११ से ११४,११७,११८,१३४,१३५,१३८, १४०,१४२,१४३,१५१ से १५३, १५५,१५६, १६०,१६१,१६४,१६६ से १६६,१७१ से १७३,२८।४०,६६ उ ३८३, १२०,१६१; ४२४ असंखेज्जग (असंख्येयक) ६१२७ असंखेज्जगुण ( असंख्येयगुण ) प २०६४ | ११,३ | १० से २३,२६,२६ से ३६, ३८,३६,४५ से ५२,५६ से ६३,७१ से ६६,१०१, १०३ से १०५, १०७, १११,११६,११७,११६,१२०,१२२,१२५ से १२६,१३१ से १७३, १७५ से १७७, १८२, १८३, ५१५, १०, २०, ३२, १२६, १५१,६११२, १६,२५१०३ से ५; ११ ६० : १५।१३; १७।५७,६०,६३,६४,६७, ६८, ७१,७३,७४,७६, ७६ से ८३,१४४ से १४६ : २०१६४; २१।१०४, १०५ २८१७,५३, ३४।२५,३६।३५ से ४१, ५२, ६२ असंखेज्जजीविय (असंख्येयजीविक ) प ११३५, ३६ असंखेज्जतिभाग (असंख्येयभाग ) प २१५१,६१,६३, ६४ ४ ११५५; १२१८, १२, १६, २४, २७, ३१; १५७, ८, ४०, ४२: १८१३,४१,४३; २३३८१ २८ २२,३४,३६,६८,३३१२,१३,१६,१७१ ३६।६६,७०,७३,७४ ८३७ असंखेज्जपएसिय (असंख्येयप्रदेशिक ) प ५ १३५, १३६,१६५,१६६,१८३, १८४, १६६,२००, २२०, २२१; १०११७,२२,२७,१११४६ असंखेज्जपदेसिय (असंख्येयप्रदेशिक ) प ३३१७६; ५११२७,१८४१०११७,१६,२३,२८ असंखेज्जभाग (असंख्येयभाग ) प ५१५, १०, २०,३०, ३२,१०२,१२६ असंखेज्जवासाउय (असंख्येयवर्षायुष्क ) प ६।७१, ७२,७६,८१,६४,६५, ६७, १०७, १०८, ११६ २१।५३, ५४,७२ असंखेज्जसमइय (असंख्येयसामयिक ) प ११ ७१ ; २८१४,३८,३६१२,८४,६२ असंखेज्जसमयदिट्ठतिय (असंख्येय समय स्थितिक) प५।१४८, ११३५१ असंखेज्जसमयठतीय (असंख्येय समय स्थितिक ) प ३।१८१ असंखेपद्धपविट्ठ (असंक्षेप्याध्वप्रविष्ट) प २३।१६३ असंग (असङ्ग ) प २२६४।१,२१ असंत ( असंयत ) प ३।१०५; ६२६७, ९८ असंजय ( असंयत ) प ३।१०५ १७ २३,२५,३०; १८ १०; २०१६०; २१।७२ ३२ १ से ४, ६ असंजयभवियदव्वदेव (असंयतभविकद्रव्यदेव) प २०१६१ असंठाण (असंस्थान ) प ३० २७, २८ असंत (असत् ) प २६४११७ असंतप्पमाण ( असंतप्यमान ) सू २१ असंदिद्ध (असंदिग्ध ) उ० ११२४, ४२ असंपत्त (असंप्राप्त ) प १२०, २३, २६, २६, ४८; २३१; १६।२२ ज ४१४२,७१,७७,६४,२६२; ५१५,३८,४४ सू १०।१४२, १४७, १२।३० असंभंत (असम्भ्रान्त) ज ५१५,७ असंविदित (असंविदित) उ १११०७, १०८, ११६, १२७ Page #125 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८३८ असंसारसमावण्या-असुरकुमार असंसारसमावण्ण (असंसारसमापन्न) प ११० से । असाढय (अपाढक) ११४२११ असात (असात) प ३५।११२; ३५।८,६ असंसारसमावण्णग (असंसारसमापन्नक) असातवेदग (असातवेदक) ५ ३.१७४ प११:३६, २२।८ असातावेयणिज्ज (असातवेदनीय) प २३१२६,१८० असकण्णी (अश्वकर्णी) प ११४८।१ असामण्णक (असामान्यक) सू १३१५,६,१२,१३,१७ असककारिय (असत्कारित) उ १२११७ से ११६ असाय (असात) १ २२१५ असच्चामोसभासग (असत्यमृषाभाषक) ५१११९० असायावेदणिज्ज (असातवेदनीय) प२३१६ असच्चामोसमण (असत्यमृषामनस) प १६६१,७ असायावेयणिज्ज (असातवेदनीय) प २३।१६,६४, असच्चामोसमणजोग (असत्यमृषामनोयोग) ५३६३८६ असासय (अशाश्वत) ज ७२०८,२०६ असच्चामोसवइ (असत्यमृषावाक्) १ १६३३,६,१३ असाहुदंसण (असाधुदर्शन) उ ३.४७,७६ असच्चामोसवइजोग (असत्यमृषावारयोग) असि (असि) प २१४१:१५।१।२१५५० प३६।६० ज २।२३,३१,१७८ ; ३३१७८; उ ११३८ असच्चामोसा (असत्यमृषा) प १११२,३,३५,३७, असिय (असित) प २१३१ ४२ से ४६,८३ से ८५,८८,८६ असिरयण (असिरल) ज ३३१०६१७८, २२० असण (अशन) प ११३५१३ उ ३१५०,५५,१०१, असिरयणत्त (असि रत्नत्व) प २०१६० ११०,१३४,१४६ असिलेस (अश्लेष) ज ७:१२६११,१६२ असणि (अशनि) प १२६ मू २०११ असोइ (अशीति) प २५६।३ असणिमेह (अशनिमेघ) ज २२१३१ असीइमंगुलमूसिय (अशीत्य गुलोच्छित) ज ३।१०६ असण्णि (असंज्ञिन्) प १८४; ३१११२; १७:२०; असीति (अशीति) प० २०५१ सू ११२२; १२१५,१२ १८।१२०:२०१६१,६३, २३३१६७,१७१; असुइ (अशुचि) प २२० से २७ ज २।१३३,५५ २८.११७ से ११६३१११ से ३,५,६,६३१ उ ११६३,३।१२६,१३० ३५०२० असुइजायकम्मकरण (अशुचिजातकर्मकरण) असपिणआउय (असंजयापुष्क) प २०१६२ उ० ११६३ ; ३११२६ असण्णिभूत (असंज्ञिभूत) प ३५।२० असुइय (अशुचिक) प ११८४ असण्णिभूय (असंज्ञिभूत) प ११४८:१७183 असुभ (अशुभ) प २२० से २७, २२६४ ३५१८ असुभणाम (अशुभनामन्) प २३१३८,१२३ असणिहि (असन्निधि) ज २११६ असुभत्त (अशुभत्व) प २८१२४ उ १२७,१४० असण्णिभूय (असं जिभूत) प १७।२० असुर (असुर) १०२१३०१,२१४०।१,५,१०, असत्य (अशस्त्र) ज ३।६२, ११६ उ ३३३८,४० ५।३,३६१४६ ज २६४; ३।२४।१,२, असमोहत (असमवहत) प ३।१७४ १३१६१,२,३२१८५,२०६५५२; चं ११२ असमोहय (अममवहत) प ३.१७४,३६॥३५ से ४१,४८ से ५१ असुरकुमार (असुरकुमार) प १११३१; ॥३१ से असम्माणिय (असम्मानित) उ० १११७ से ११६ ३३,४०1८४१३७ से ३९५६ से ८,४८ से असरीर (अशरीर) २०६४।१२,३६।६३,६४ ५०,१२१, ६।१७,५२,६१,८१,८५,६३,१०१, असरीरि (अशरीरिन् ) प २८११४१ १०६,१११,११२,११४, ७।२८।३६३; Page #126 -------------------------------------------------------------------------- ________________ असुरकुमारत्त-अहवणं ८३६ १५,१०,१११४४; १२२,१५,१६,३१; १३।१५,२०१५।१६,३५,७१,७८,८४,८७, १०२,१३६,१३८; १६:३,११,१६,१७:१४ से १७,२६,३०,३३,३४,६३,६८,६६,१०१, १०२,१०५,१६१; २०१३,५,६,११,१२,१५, २० से २४,२७,३५,३७,४४,६०, २११५५, ६१,७०,६०%, २२।२३,३७,४५,२८.१,२५, ७४,१०६ ; ३१।२; ३३।१०,२०, ३४।२,४,५, ३५१३,३६५,८,१६,२०,२३,२४,२६,३७, ४१,५०,५५,६९,७२ उ २०१७ असुरकुमारत्त (अमुरकुमारत्व) प १५१६५,६७, ११६,१४१३६।१८,२०, २२ से २४ असुरकुमारराय (असुरकुमारराज) प २।३१,३२ ज २११३,५१५०,५१ असुरकुमारिद (असुर कुमारेन्द्र) प २१३१,३२ असुरकुमारी (असुरकुभारी) प ४१४० से ४२; २०१२ असुरिंद (असुरेन्द्र) ज २१११३,५१५० से ५२ सू २०१७ असुह (अशुभ) प २२० से २७ असेलेसिपडिवण्णग (अशैलेशीप्रतिपन्नक) प १११३६, २२१८ असेस (अशेष) ज ७।१३५३२ असोग (अशोक) प० ११३५३ ज २१६५, ३।१२, ३५,८८,१८८,४।२१२१२,५०५८ सू २०१८, २०१८१७ उ १२१, ३६५६,६४,६६,६८,७६ असोग (लता) (अशोकलता) प ११३६१ असोगवडेंसय (अशोकावतंस) प २।५०,५२ असोगवणिया (अशोकवनिका) उ ११५५ से ५७, ८० से ८२ असोगवण (अशोकवन) ज ४११६ असोगा (अशोका) ज ४१२१२ अस्प्त (अश्व) प ११६३ अस्संजत (असंयत) प ३२०६१ अस्संजय (असंयत) प ११८६; २८।१२६% ३२।६।१ अस्संजयभवियदव्वदेव (असंयतभविकद्रव्यदेव) प२०६१ अस्सण्णि (असं जिन्) प ११७४६।८०१ अस्सतर (अश्वतर) प ११६३ अस्सदेवया (अश्वदेवता) सू १०८३ । अस्सपुरा (अश्वपुरा) प ४।२११ अस्सरह (अश्व रथ) प ३१२१,२२,३४ अस्मातावेदग (असातवेदक) प ३११७४ अस्सातावेदणिज्ज (असातवेदनीय) प २३१६ अस्सातावेयणिज्ज (असातवेदनीय) प २३११६ अस्साय (आ-!- स्वादय) अस्साएइ प १५।३.८ अस्साएंति प २८१२२,३६,६८ अस्सायण (आश्वायन) ज ७१३२ सू० १०६६ अस्सायावेदणिज्ज (असातवेदनीय) प २३।३१।। अस्सिणी (अश्विनी) ज ७।११३११,१२८,१२६, १३६,१४३,१४६,१५५,१५८,१५६, सू१०११ से ६,१०,२२,२३,३४,६२,६५,६६,७५,८३, ६६,१२०,१३१ से १३३,१५४ अस्सेसा (अश्लेषा) ज ७/१२८,१३४,१३६,१४०, १४७,१५० सू १०१ से ६,१४,२३,२५,४२, ६२,६६,७५,८३,१०७,१२०,१३१ से १३४।२, १५७ अस्सोई (आश्वयुजी) ज ७।१४०,१४३,१४६ सू १०१२३ अस्सोय (आश्वयुज) सू १०।१२४ अह (अथ) प ५१५ उ० ३१२६ अह (अधस्) ज ३११८८ अहक्खाय (यथाख्यात) प १३१२४,१२६ अहक्खायचरित्तपरिणाम (यथाख्यातचरित्रपरिणाम) प०१३।१२ अहत (अहत) ज २११००; ३1३५,२११,५१५८ अहत्ता (अधस्ता) प० २८१२४,२६ अहमिद (अहमिन्द्र) प २०६०,६१,६२।१,६३ अहय (अहत) ज ३१६,११७.१२,२२ अहर (अधर) प २१३१ अहवणं (अथवा) प० १२११२ Page #127 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८४० अहवा ( अथवा ) प १।१०३ ज २।६६ सू १०।१२० उ १।११५ अहा छंद ( यथाछन्द) उ३।१२० अहाछंदविहारि ( यथाछंदविहारिन् ) उ ३ । १२० अहापडिव ( यथाप्रतिरूप ) उ ११२३/२६,६६, १३२; ५।२६ अहावी ( यथानुपूर्वी) ज ३३१७८, १७६,२०२, २१७:५।४३ अहाबायर ( यथावादर ) ज ३११२२; ५३५, ७ अहमालय ( यथामालिक ) ज ३१६ अहारिह ( यथार्ह) उ ३।११५ अासु ( यथासुख) उ ३११०३, ११२,१३६, १४७, १४८४१११, १४, १५, १६ अहाम (यथासूक्ष्म ) ज ३३१९२ अहि (अहि) प १६८,६६, ७१ ज० २।४१ अहिंग ( अधिक ) सू ११२७१५।२४, २५ अहिगम ( रुइ ) ( अधिगमरुचि ) प १।१०१।१ अहिंगमes ( अधिगमरुचि ) प १।१०१८ अहिरणिया (आधिकरणिकी ) प २२३१,३,४८, ५३ से ५६,५८,५६ अहिगरणिसंठिय (अधिकरणीसंस्थित) ज ३१६४, १३५,१५८ अहिगरणी (अधिकरणी ) प २२१४८ अहिछत्ता (अहिछत्रा ) प १९३२ ( अहिज्ज ( अधि + इ ) अहिज्जइ उ २1१० ; ३११४; ५२८ अज्जित (अधीयान) प ११०१/६ अहिज्जिता (अधीत्य ) उ २ १०६३।१४;५|३६ a (अधिक ) प २२७/२; १३१२२/२ : २३/१४७, १५८,१६२, १६५ ज २ १३१३/३६,७६,११७, २२२;४११४६;७।२७, २९, ३० सू १११४, १६ २१,२४६।१; १५/२८,३१,३२; १६।११।१ अहियास (अधि + सह, आस्) अहियासिज्जति उ ५१४३ अहिया सेइ ज २२६७ अहिलाण (दे० ) ज ३ | १०६,१७८ घोड़े के मुंह पर अहवा अहोसिर बांधे जानेकला अहिवइ ( अधिपति) ज ३१२६,३६,१५६ ५।१८,४६ अहिसलाग (दे० ) प ११७१ अहीण ( अहीन) उ५३४५ अहोय (अधीत ) उ ३१४८,५० अणोववरण (अधुनोपपन्न) उ३११५, ८४, १२१, १६२ आहे (अधस् ) प २२० से २७,२७१३, २।३०,३१, ४१; ११।६५,६६,६६११; १६५५ २१३८७, ६०,६१,२८।१५,१६,६१,६२,३३।१६ ज २१६५, ७१ ७ ५४,१६८ ।१ २११ ; ४ १०; १६१२२; २०११ २ १।४६; ३५६, ६४,६८,७१,७४ आहे (अथ ) ३।५१११ अहेतु (अहेतु) प ३०/२७,२३ अहेदिसा (अधोदिशा ) प ३।१७६, १७८ अलोइय (अधोलौकिक ) प २१/६२, ६३ अहेलोय (अधोलोक ) १० ३।१२५ से १७३, १७५, १७७ असत्तमा ( अधः सप्तमी ) प ३।१७,१८ ४१२२ से २४;६/१६,५१,६०,८०,८८, ६१, १२, १००, १०६, १०१२,३,१६२६, २०१७, ४३,५७; २१५२,५६,६७,८७ ३०१२६; ३३१६, १७ असत्तमापुढवि (अधः सप्तमी पृथ्वी) प० २०५२ अहो ( अहो ) ज ३११२६ उ ११६२५१२२ अहोरत (अहोरात्र ) ज २२४,६६,७२० से २४, २६ से २६,१२२१२६, १२७,१३४११, १३५।१ से ४,१५६,१५७,१६० सू १११४, १६,२१,२४, २७, २३ : ६१; ८।११०१३,६३ से ७४,८४,१३४; १२२ से ५, १२, १५/११, १२,२६ से ३१,३४ अहोलोग (अधोलोक ) ज ५११ से ३, ५ अहोलोय (अधोलोक ) प २११,४,१०,१६ से १६,२८ अहोवाय (अधोवात ) प १२६ अहोसिर ( अधः शिरस् ) ज ११५, २१८३ उ० ११३ Page #128 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आइ-आउहघरसाला ८४१ आ आइ (आदि) प ५१४,१४३,२१८, २५।४ ज २१२१:५१२७,४०,५५,५७, ७/४५,५० उ २२२२, ५।४५ Vआइक्ख (आख्या ) आइक्खइ ज ७२१४ उ१६८ आइक्खग (आख्यायक) ज २०६४ आइगर (आदिकर) ज ११ उ ३।१२,५११४ आइच्च (आदित्य) ज ३१३,७४२५,३०,१११, ११२१४,५ सू १६।३।१०।१२८,१२६१४,५ आइच्चचार (आदित्यचार) च ५१३ आइणग (आजिनक) ज ४।१३ आइण्ण (आकीर्ण) ज २१३४, ३.१०३,१७८ आइय (आदिक) ५ ११५०,५१,६०,७५,७६,८१, २४।८ ज १३५,६४,१४४,३११८५; ४१२४८,२५१, ५.३८,५७,७११२६ उ २११०, १२३३१४,१६१,२५०२८,३६,४१ आइय (आचित) १७११६ आइल्ल (आदिम) प ५.१०२, २२।३५,५१,५४ आइल्लिग (आदिम) प १७।३० आइल्लिय (आदिम) प २२।७३,७४ आईणग (आजिनक) सू २०६७ आईय (आदिक) ५ १४।१८, २८।११६; उ १६६,६७,६४,४११३३ आउ (दे० अप) प ६६१०२,१०४,११५; ६।४; १११२६ से २८; १३१६:१७।३३१८१२६, ३२,२०१८,२२,२८,२११८५:२२।२४:२८।१२३ आउ (आयुष) ज ११२२,२७,५०,२१४६,५१,५३, ५४,५८,१३३ से १३५,१६१; ३१३; ७११३०, १८६।४,२११ आउ (काइय) (दे० अकायिक) प १७१४० आउकाइय (अप्कायिक) प ११५, ३१५० से ५२, ५५, ६० से ६३,६६,७१ से ७४, ७७,८४ से ८७,६०,६५,१५६ से १६१,१८३,४।६५ से आउकाइयत्त (अकायिकत्व) ज ७।२१२ ७०,५॥३,११,१२,६.१६,१०२,१५११३७ आउक्काइय (अप्कायिक) प ११२१:२।४ से ६ ३।३।६।८६,१२।२२,१५।२६,८५,१७१६०, ६६,१०२,१८।३८,४०,४२,५०,२०११३,२५, २६,४४:२११२४,४०; २२॥३१ आउकाय (अप्काय) सू २।१ आउक्खय (आयुःक्षय) उ० २११३; ३३१८,८६, १२५,१५२,४१२६, ५।३०,४३ आउज्जीकरण (आवर्जीकरण) प ३६१८४ आउट्ट (आ+वृत्) आउज्जा ज २१६७ आउट्टि (आवृत्ति) सू १२।१८ से २८ आउड (आ.कुट ) आउडेइ ज ३१८८,१३५, १५५ आउडिय (आकुटित) ज ३।८६,१५६ आउत्त (आयुक्त) प १११८६ ज ३३१७८ आउदेवया (अब्देवता) सू१०।८३ आउपज्जव (आयुषपर्यव) ज २१५१,५४,१२१, १२६,१३०,१३८,१४०,१४६,१५४,१६०,१६३ आउय (आयुष्क) ए ३३१७४; २०१६१,६३; २२।२८, २३११,१२,१८,३७,१४६,१६६,१८५ १६१,१६३,१६७ से २०१; २४११४:२६:११; २७१५,३६.८२,८३।१,६२ ज २१४६,५८,१२३, १२८,१४८,१५१,१५७, ३१२२५४।१०१ आउयबंध (आयुष्कबन्ध) प ६।११८,११६ आउयबंधद्धा (आयुष्कबन्धाध्वन् ) प २३।१६३ आउल (आकुल) प० २।४१ ज० २०६५ सू २०१७ आउस (आयुष्मत् ) प २।३,६,९,१२,१५,२० से २७, ६० से ६३; ३।३६, १५६४३,४५,३६७६, ८१ ज ११६.१६ से २१,२३,२५,२६,२८, ३० से ३६,३६ से ४३,४८,४६,५१,५४,१२१, १२६,१३०,१३३,१३८,१४०,१४६,१५४,१५६, १६०,१६३, ७.१०१,१०२,१२६, सू ८।१०; २०१७ आउह (आयुध) ज ३७७,१०७,१२४ उ ११३८ आउहघरसाला (आयुधगृहशाला) ज ३१४,५,६,१२, Page #129 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८४२ आउपरिय-आणंदकड १४,३०,४३,५१,६०,६८,१३०,१३६,१४०, ___ आगायमाण (आगायत्) ज ५१५,७ से १२,१७ १४६,१७२,२२० उ० ३।११४ आउधरिय (आयुधगृहिक) ज ३१५,६ आगार (आकार) ५११३८१३; ३३।१६,२४ आएज्जणाम (आदेयनामन्) प २३।१२६ आगार (आगार) प ३०.२५,२६ आएस (आदेश) ज ३।१६७।६ आगारभाव (आकारभाव) ज १७,२१,२६,२७, आओग (आयोग) ज ३११०३ २६,३३,४६,५०; २५.१४,१५,२०,५२,५६ से आओजित (आयोजित) प २२२५७ ५८,६५,१२२,१२३,१२७,१२८,१३१ से १३३, आओजिय (आयोजित) प २२१५८ १३६,१४७,१४८,१५०,१५१,१५६,१५७,१५६ /आओस (आ+ क्रुश्) आओसइ उ ११५७ १६१,१६४,४१५६,८२,१००,१०१,१०६,१७०, आओसणा (आक्रोशना) उ १६५७,८२ १७१ आकासिया (आकाशिका) ज २११७ आगारभावमाता (आकारभावमात्रा) प १७:१५०, आकुल (आकुल) ज ३१६,२२२ १५२,१५५ आकोसायंत (आक्रोशायमान ) ज २०१५ आगरिस (आकर्ष) प६।१।१६।१२०,१२१,१२३ आगइ (गति) ज २०७१ आगास (आकाश) प २१६४११६१५१५३,५४, आगच्छ (आ। गम् ) आगज्छइ ज २१२४, ५७ ज ३३१०४,१०५,१०७,२११,५१५८ ३.१०७,११४;७/२० से २५,७६,८२ सू २०३ सू २१६ उ १७० आगच्छति प१११७२,२८/४०, आगासस्थिकाय (आकाशास्तिकाय) प ११३; ४३.६६ ज २१३४,३५,३७,१०१,७१०१, ३१११४,११५.११८,१२२,५१२४; १५:५३, १०२,२०२,२०४,२०६ सू ८।१ आगच्छति ५४,५७ सू २३ आगच्छेज्ज प ३६१६१ आगच्छेज्जा आगासथिग्गल (आकाशथिग्गल) प १५।५३,५६ प३६।८१ ज २२६ १४।१२३ आगासफलोवम (आकाशफलोपम) ज २१७ आगच्छमाण (आगच्छत् ) सू २०१२ आगासफालिओवमा (दे०) प १७११३५ आगत (आगत) प२०१६,१० आघवणा (आख्यान) उ ३।१०६ /आगम (आ+ गम् ) आगमेसि ज २८१ आघवित्तए (आख्यातुम् ) उ ३३१०६ आगमण (आगमन) उ ३.१६६ आचिट्ठ (आ- स्था) आचिट्ठामो ज ३१११३ आगमेस्स (आगमिष्यत्) ज २११३८,१६१ आजीविय (आजीविक) ५ २०६१ आगम्म (आगम्य) ज ५१५५ उ ५७ आजोजित (आयोजित) प २२२५७ आगय (आगत) प २०१६ से १,११ से १३; आडोव (आटोप) ज ७१७८ ३४।१।१ ज ३१८२ सू २०१७ उ० १२१७,२२, आढई (आढकी) १६३७११ १०७,१०८,१२७,१२८,१३८,१४०, ३१७,२१, आढत्त (आरब्ध) प १७११४८ २५,२६,६१ आढा (आ--द) आढाइ उ ११३८, ३१५६ आगर (आकर) प १।५४ ज २१२२,१३१; आति उ ३११८ ३।१८,३१,८१,१६७।२,८,३११८०,१८५,२०६, आणद (आनन्द) ज ७/१२२।२ सु १०।८४१२ २२१ उ० ३।१०१:५३३६ उ १७१,७२,२१२१ आगरपति (आकरपति) ज ३१८१ आणंदकड (आनन्दकूट) ज ४।१०५ Page #130 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आनंदा-आदरिस आणंदा (आनन्दा) जा आदिय (आनन्दित ) ज ३१५,६,८,१५,१९,३१, आणा (आज्ञा ) प ११०१५ १२४५३२ १६,५३,६२,७०,७७,८४,१००, १४२, १६५, १०१.१०५, ११२,२०१,२२१:५।११,२३,७३ उ ११२०,४५, १०५ आणाईसर (आज्ञेश्वर) १२१३०,३१,४१,४९ उ ५।१० ३:१३६ आणापाणु (आनप्राण, आनापान ) सू ८२२०१५ आणण ( आनन ) प २१४६ ज ३६,१८, ६३, १८०, आणापाणुचरिम (आनप्राणचरम आनापानचरम ) प १०१४०, ४१ आणापाणुपज्जत्ति (आनत्राणपर्याप्ति, आनापान - पर्याप्ति) प २८।१४२ ५२,५३,६१,६२,६६,७०,७७,८४,६१,१००, १३४, १३७, १४१, १४२, १५०, १६५, १७३, ११.१५६,१११, २१३५५,१५,२१,२३.२७, २८,२६,४१,४५,५७,७०१।२१,४२; २२२ आणत ( आनत ) प १११३५ / आणत ( अन्यत्व ) प १५।४४, ४५ आणति (आज्ञप्ति) ३१२६,३६,४७,५६,६४, ७२,१३३,१३८, १४४, ४२६११।११६ आणतिया (आप्लिका) १३,१५,१०,१९,२०,२१,३१,३२,४१,४२, ४७, ४९, ५०, ५२, ५३, ५०, ५०,६१,६२,६४, ६६,६७,६९,७०,७४ से ७६,८३,१६,१००, १२८,१४१.१४२.१४५. १४७, १४८, १५१. १५४,१६४, १६५,१६० से १७१.१७२.१७४. १८०,१८१,१६१, १६८,१६६,२१२,२१३,५१३, २०,६८,६६ से ३४ १११७,१८,१२३;३०७ ४१६.१७५१० २०१०५३७.१.१२, आणपाणयज्जत्ति (आनप्राणपर्याप्ति, आनापानपर्याप्त उ ३११५२६४ आणपाणु (आनप्राण, आनापान ) प १०३५.३॥१ आणम ( आ + नम्) आणमंति ५ ७२१ से ४.६ से १५ आणमणी (आज्ञापनी ) ११११६,६, २७, ३७।१ आय (आन) २/४१,२८,५१,५६०२,६२३१०२ ४२५५ से २५७६/१५,५६,६६,०६,८६, ११३७।१६.१५२६६२१७०१२, २०१०३ ३३।१६:३४११६,१० ज ४२४६: XIVE; وان आणव (आप) आणइ ज ५१२२,२६ उ ११११० ८४३ आणामिय (आनमित) ज २०१५ आणres ( आज्ञारुचि ) प ११०१।१,५ आणु (आन) व ११४८५३ आणुगामिय (आनुगामिक) ३३३५.२६ आणुषाण (आनप्राण, आनापान ) प ११४८५५ आणविणाम (आनुपूर्वीनामन् ) प २३५४,१११, ११२,११४,१४६ आणुपुथ्वी (आनुपूर्वी) प २२४७३ ११६८,६६० ६९।१,२३८११२,११५.१७५, ११०; २०१८, १६,६४,६५७४७,५०२०८४२१२, २२:५।३९ आणुपुखीणाम (आनुपूर्वीनाम) २३३८ आगे आनेतुम् १।१०७ आणता ( आनीय) उ ४११६ आयव्व ( आनेतव्य) ज २२६४ आपपत्त ( आतपत्र ) ज ३।३ आतरक्ख (आत्मरक्ष ) प २१३१,४३ आतव (आप) ज २।१३४:१० ११७ १६०३, ४ आतवा (आता) सू १८१२४ आतीय (आदिक) ४१६ आस (आदर्श) ३०११० आसघर (आदर्शगृह) ज ३२२२,२२४ आदसिया (दे० ) प १७११३५ ज २११७ आवरिस (आदर्श) ज२४६८ Page #131 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८४४ आदाण-आभिणिबोहियणाणि से ६ आदाण (आदान) सू१२।१५ आपुच्छित्ता (आपृच्छ्य ) उ २०११; ३१५०,५॥३८ आदाय (आदाय) ज २०६५ आपूरेत (आपूरयत्) ज ३३१४,१७२ आदि (आदि) प ११६४,७६,८९२५,४६,१३१, आपूरेमाण (आपूर्यमाण) ज ४।३५,४२,६४,१७४, १३४,१३६,१४०,१४७,१६३,१६६,१६६, २६२,५१३८ १७२,१७४,१७७,१८१,१८४,१८७,१६३, आबाहा (आबाधा) ज २३०,३६,४१ १६७,२००,२०३,२०५,२२१,२२४,२३०,२३२, आभकर (आभङ्कर) सू २०१८,२०८७ २३४,२३७,२३६,१०।२:११६६,६७,६६।१; । आभरण (आभरण) प २१३०,३१,४१,४६% २०१२५,२३।१०८:२४१८; २६१६; २८११२, ११।२५,१५१५५।२ ज २१६५, ३।६,११,१२, २८.१६,१७,६२,६३,१२३,१३३,१३६,१३७, २६,३६,४७,५६,६४,७२,७८,८१,८५,१३३, १४०३६।२०,४६ ज २।६।१,२१७१,१३१, १४५,१८४,२२२,२२४; सू २०१७ उ १११६ १४५ च १३ सू११६।३।५।११०१५,११२२ ४२,३।२६,११३,१४१,४११२,२० आभरण (वासा) (आभरणवर्षा) ज ५१५७ आदिच्च (आदित्य) सू १।१३,१४,१६,१७,२१, आभरणयिहि (आभरणविधि) ज ३११६७४ २४,२७, २०३६।११०५,१०,११,७७, आभरणारहण (आभरणारोहण आभरणारोपण) ज३।१२ १२।१,५,१० से १२,१३१५:१५।२३ से २५; आभासिय (आभाषिक) प ११८६,८६ १६।२२१४,७,८,२२, २०१५ आभिओग (आभियोग) प २०१६१ ज २१२६,६७, आदिच्चचार (आदित्यचार) सू १०।१२१,१२३ आदिपदेस (आदिप्रदेश) सू १३१६ ९८५११४,१५,५३,६१,७२,७३ उ ३१३७,६१ आभिओगसेढी (आभियोगश्रेणी) ज ४।१७२ आदिय (आदिक) प ११४६,६६,२८१४५ आभिओगिय (आभियोगिक) प २०१६१ ज ५।३, सू १०११,१३१, २०१५ ४,२८,४३,५० आदिल्ल (आदिम) प ५१०५, २२१५१ आमिओग्ग (आभियोग्य) ज १११३,३।१६१, सू१६।२२।२५ आदिल्लिय (आदिम) प १७१९७ १६२,१६६,२०७,२०८५१२८,५४,५५ आभिओग्गसेढी (आभियोग्यश्रेणी) ज १२२८ से आदीय (आदिक) प ६१२३,१११३०,२२१४५; ३२, ६६५ २४।९ से ११२६१८,२८.१२३,१२६,१३७, आभिणिबोहिय (आभिनिबोधिक) प १७।११२, १४०,१४५,३६।२० उ १११६,११६ से १२२, १२५, ३।३१,४० आभिणिबोहियणाण (आभिनिबोधिकज्ञान) प ५१५, आदेज्ज (आदेय) ज २०१५ ७,२०,२४,४१,४२,४६,७८,६३,६७,१११, आदेज्जणाम (आदेयनामन्) प २३१३८ ११२,१७।११२,११३,२०।१७,१८,३४; आदेस (आदेश) प १८१६० २६२,१२,१७,१६,२१ आधाव (आ+धाव) आधाति ज ५१५७ आमिणिबोहियणाणारिय (आभिनिबोधिकज्ञानार्य) आपडिपुच्छमाण (आप्रतिपृच्छत् ) ज २१६५ प१९९६ आपुच्छ (आ+प्रच्छ) आपुच्छइ उ ३११४८% आभिणिबोहियणाणावरणिज्ज (आभिनिबोधिक ४१५ आपुच्छामि उ ३३१३६, ४।४५।२७ ज्ञानावरणीय) प २३।२५ आपुच्छणा (आप्रच्छना) उ २६ आभिणिबोहियणाणि (आभिणिबोधिकज्ञानिन) आपुच्छणिज्ज (आप्रच्छनीय) उ ३६११ प ३.१०१,१०३,५१४० से ४२,७७ से ७६, Page #132 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आभिणिबोहियनाणपरिणाम-आयाम ५४५ ६२ से १४,६६,१०० से ११२,११७:१३३१४, १७,१६,१८१८०; २८११३६ आभिणिबोहियनाणपरिणाम (आभिनि बोधिज्ञान परिणाम) प० १३६ आभियोगसेढी (आभियोगश्रेणी) ज ४१२०० आभिसेक्क (आभिषेक्य) ज ३।१५,१७,२०,३१, ३३,५४,६३,६४,७१,७७,६१,१४३,१५१,१६६, १७३,१७५,१७७,१७८,१५२,१८३,१८५, १६६,२०२,२०४,२१४,२१७,४११४० उ ५:१८ आभिसेय (आभिषेक) ज ३।१०६ आभूय (आभूत) उ १७४ आभोएत्ता (आभोग्य) ज २१६० आभोएमाण (आभोगयत्) उ ३७,६१ आभोग (आभोग) प १४११८१ आभोगणिबत्तिय (आभोगनिवर्तित) प १४१६% २८१४,२५,२७,३७,४७,५०,७३ से ७५; ३४१५ आभोय (आ+ भोगय) आभोएइ ज २१६०,६३; ३१५६,१४५,५२१ आभोएंति ज३।११३; आयंक (आतङ्क) ज २१४३,५१५ उ ३।३५,११२, १२८ आयंत (आचान्त) ज ३८२ उ ३१५१,५६ आयंस (आदर्श) ज २।१५,५१५५ आयंसमुह (आदर्शमुख) प ११८६ आयंसलिवि (आदर्श लिपि) प १०६८ आयत (आयत) प ११४ से ६२२५० से ५२,५७, ५८,६१,६२,१०११५ से २५,२७ से ३०; १५१५२ ज ३।२४,१०६,१३१,१३८।१ आयय (आतत) १७,२॥३१,५३ से ५६,५६, ६०१०।२६:१३।२४ ज १।१८,२०,२३,२५, २८,३२,४८,४।८१,६८,१०३,१०८,१७२, १६१,२०३,२०५,२१४,२४५,२५१,२५२, २६८ उ ११२२,१४० आयर (आदर) ज ३११२,७८,१८०,२०६:५।२२, २६ आयरक्ख (आत्मरक्ष) प २१३० से ३३,३५:४०।५; २०४१,४८ से ५६ ज २४५२।१०४२०, ११२,१५११२२११५६११,१६,४०,४६ से ५१,५२।२,५३,५६ सू १८।२३ आयरिय (आचार्य) प१६५१ ज ३१३५ च १२ उ ५१२६,२८ आयव (आतप) ज ७/१२२।३ सू १०८४१३ आयवणाम (आतपनामन्) प २३।३८,११५ आयसरीर (आत्मशरीर) १२८१२०,३२,६६ आयाए (आदाय) उ १६३ आयाणभंडमत्तनिक्खेवणासमित (आदानभाण्डामत्रनिक्षेपणासमित) उ ३.66 आयाणभंडमत्तनिक्खेवणासमिय (आदानभाण्डामत्रनिक्षेपणासमित) ज ३१६८ आयाम (आयाम) ५२१५०,५.६,६४, २११८४,८६, ५७,६० से १३,३६१६६,६८,७०,७२ से ७४, ८१ ज १७,२०,२३ से २५,२८,३२,३७,४०, ४३,४८,५१, २१६,१५,१४१ से १४५:३११, १८,३१,५२,६१,६६,६५,६६,१३१,१३७, १३८,१४१,१५६,१६०,१६४,१८०४११,३, आमोयण (आभोगन) प ३४।१।१ आमंत (आ+ मंत्रय) आमतेइ उ ३।११० ४.१६ आमंतणी (आमन्त्रणी) प १११३७११ आमंतेत्ता (आमन्त्र्य) उ ३१५०, ४११६ आमलग (आमलक) प ११३६।१ आमलगसारिय (आमलकसारिक) सू १०।१२० ५ आमुस (आ - मृश्) आमुसइ उ १६१ आमुह (आमुख) सू१६१२३ आमेल (आपीड) प २१४१ ।। आमेलग (आमेलक) ज २११५:)३.१०६ आय (दे०) प १।४७ आय (आत्मन्) प १४१३ ; १४।१८१ आय (आय) उ १४१,४३ Page #133 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८४६ आयारभाव-आलोअंत ६,७,६,१२,१४,१५,१६,२४,२५,३१,३३,३६ आराह (आ राध) आराहेहिति उ ५५४३ से ४१,४७,५२ से ५५,५७,५६,६२,६४,६६ से अराहणविराहणी (आराधनविराधनी) ११३ ६८,७०,७४ से ७६,८०,८१,८६,८८,८६,६१ आराहणी (आराधनी) प ११४३,८ से ६३,९८,१०२,१०३,१०८,११०,११२,११४, आराहय (आराधक) प ११८६ उ १२० ११६,११८ से १२०,१२२ से १२७,१३२, आराहेत्ता (आराध्य) 3 ५१४३ १३६,१४०,१४३,१४५ से १४७,१५३ से १५६, आरिय (आर्य प १३८८,६०,६३३६,१११२६ १६५,१६७,१६६,१७२,१७४,१७६,१७८, उ १३१७ २००,२१५,२१६,२१८,२१६,२२१,२४२, आरूढ (आरुढ) ज ३१३५,१२१ २४५,२४८,५३३५७७,१४,१६,३१,३२११, आरुभित्ता (आरुह्य) सू ६१४ ३३,३४,६६,७३ से ७८,६०,६३,६४,१०७, आरह (आ: रह.) आरुहेति ज २।१०३,१०४ २०७ सू १।१४,२६,२७, ४१३,५ से ८,१८६ आरुहेत्ता (आरुह्य) ज २११०३ से १३,१६२०,३० उ ५४ आरोग्ग (आरोग्य) ज ३६२,११६ आयारभाव (आकारभाव) ज ११२२ आरोहग (आगेहक) ज ३।१७८ आयावण (आतापन) उ ३१५० आलइय (आलगित) प २१५० ज ५११८ आयावणभूमी (आतापनभूमी) उ ३.५०,५१,५३ आलंकारिय (आलंकारिक) ज ३११५० आयावेमाण (आतापयत् ) उ ३१५० आलंबण (आलम्बन) ज ४।२६ आयाहिण (आदक्षिण) ज १६; २१६३१५; आलंबणभूय (आलम्वन भूत) उ ३.११ ५५,४४,४६ उ १।१६,२१, ३.११३,४।१३ आलय (आलय) ज २७१ आरंभ (आरम्भ) उ १।२७,१४० आलावग (आलापक) प १७।१६७ से १७२; आरंभिया (आरम्भिको) प १७११,२२,२३,२५, २१:३१ सू ८१ २२।६०,६१,६६ से ६६,७६,६१,६८,१०१ आलिंगणवट्टिय (आलिङ्गनवतिक) ज ४।१३ आरंभियाकिरिया (आरम्भिकी क्रिया) प २२१६७ सू२०१७ आलिंगपुरखर (आलिङ्गपुष्कर) ज १११३,२१,२६, आरण (आरण) प १।१३५; २।४६,५६,५६२, ३३,३६,३६.४६:२१७,३८,५२,५७,११२, ६०,६३,३।१८३;४।२६१ से २६३,६।३७,५६, १२७,१४७,१५०,१५६,१६१,१६४,३।१६२; ६६,७१८,१५।८८,२११७०,९२,२८८५; ४।२,८,११,५।३२ ३३११६, ३४.१६,१८ ज ५१४६ आलित्त (आदीप्त) उ ३।११३ आरद्ध (आरब्ध) २०१६० आलिसंद (दे०) प ११४५११ आरबक (आरब) ज ३१८१ आलिसंदग (दे०) ज २१३७ आरबी (आरबी) ज ३११११२ आलिह (आ-:-लिख ) आलिहइ ज ३११२,८८; आरम्भ (आरब्ध) प १७१३२ ५५८ आरभड (आरभट) ज ५१५७ आलिहमाण (आलिखत् ) ज ३६५,१५६ आरस (आ+रस्) आरसइ उ ११६० आलिहिज्जमाण (आलिमयमान) ज ३९६,१६० _आरससि उ १९८५ आलिहिता (आलिख्य) ज ३।१२ आरसिय (आरमित) उ १६१,८६ आलुग (आलुक) प ११४८।२ आराम (आराम) जरा६५:५५,७७ ३१३६,३६ आलोअंत (आलोकमान) ज३।१७८ Page #134 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आलोइय-आसय आलोय (आलोचित ) उ २११२३३११५०,१६१; ५१२८,३१,४१ आलोय (आलोकभूत) ज ३११६,१६० आलोय (आलोक ) ज ३६,१२,१८,७७,८८, ६३, १५, १५, १७, १८०,२२२५४३४६ आलोय (आलोच्) आलोएहि उ ३३११५ ४।२२ आवकहिय ( यावत्कथिक ) १।१२५ / आवज्ज ( आ + पद्) आवज्जंति प ११/७२ आवड ( आवर्त) ज ५३२ आवडिय (आपतित ) ज ५।२५ आवण ( आपण ) ज ३५३२ आवणहि (आपणगृह) ज ३।१६७४२ आवत (आवतं ) प ११६३३१३४५२३, २५. ३७,४२,७१,७७,९४,१६८ से १११.२६२ ७।५५१६।२२११०,११११।२३ 1 आवत्तकूड (आयकूट) ज ४१६२ आवत्तम] ( आवर्तक) ज ३।१०६ आवरण (आवरण) ज ३१३५,११८,१६७९,१७८ आवरिता (आवृत्य ) सू २०१२ ( आवरिस (आ+ वृष्) आवरिसेज्जा ज ५७ आवरेत्ता ( आवृत्य ) सू २०/२ आवरमाण (आवृन्यत्) सू २०१३ आवलि ( आवलि) ज ५१२८ आवलिया (आवलिका ) प १२/२७ १८१३, २७ ज २४ चं ५।१ सू १ ||१८११ २०१५ आवलियाणिवात ( आवलिका निपात ) सू १०।१ / आवस (आ | वस् ) आवसामि उ३।११८ आवसह (आवसथ) ज ३३१६,३१,३२१२,५३,६२, ७०,१४२, ११५,१८१ आवसित्ता ( ओस्य ) ज ३१२२५ आवस्सग (आवश्यक) उ ३१३१ आवाग (आपाक ) प २३१३ से २३ आवाड (आपात ) ज ३।१०३ से १०५, १०७ से ११५,१२५ से १२७ आवास (आवास) प १५५५।३ ज ३।१८,५२,६१, ६६,७७,८४,१४१,१५२,१६४, १६७१३,१८० ८४७ उ ५४४१ आषिद्ध (आविद्ध) ज ३१६,७७, १०७, १०६, १२४, २२२५।५६ उ १११३८ आविकंठ (विकण्ठ) ज २०२०९ आवकम् (आविष्कर्मन् ) ज २०७१ आवेदिय ( आवेष्टित ) प १५३५१ आस (अश्व ) प २१४०११० १११२१ ज २३५ ३१८,१६७ ४,१७८, १७६,२२१३७।१३, १८६।२१।१४,१५,२१,१२१.१२६,१३२, १३६,१३७ आस (आय) प २०४०११० आस (आस) आणि १४७ आसकरण ( अश्वकर्ण ) प १८६ स ंधसंहिय ( अश्वस्कन्धसंस्थित) सू २०१३४. सबंध (अश्वस्कन्ध) ज४२१७८ आसखंधग (अश्वस्कन्धक) ज ७।१३३।१ आसग (आस्यक ) उ ११८६,६० आसण ( आसन ) प १११२५ ज ८६, १०, १२, ६३, ३, ५५,५६,६४,७२,१०३, ११२,११३, १४४, १४५ ५२२,७,२०,२१ २०२४ उ ३।१०१,१३४ आसत ( आसक्त ) प २३०,३१,४१ ज २१७,३०, ३५,८८ आसस्थ (आव्यस्त ) उ ११२४, १२ आसार (अश्वधर) ० २३०१७९ आसपुरा ( अश्वपुर) ४२१२२ आसन (आश्रम ) प १।७४ २१२२१३१ ३१८,३१,२२,१००१०५२०१३३।५५,१०१ आसमुह (अल्यमुख) प शब्६ आसव (आस्यक) उ ११६१,६२,०६,८७ आस (आस) आसयंति ज १११३,३०,३३,३६; २७ ४१२,६४,८७,१०४, १७२, १८५,१६१. ११७,२००, २०१,२०६२१४,२३४,२४०, २४१,२४७ Page #135 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आसरयण-आहारगसरीर आसरयण (अश्वरत्न) ज ३३१०६,२२० सू१०१२६२,५ आसरयणत्त (अश्वरत्नत्व) प २०१५६ आहच्च (दे०) प १७१२,२५,२८।२१,३३,३८,६७ आसरह (अश्वरथ) ज ३३३४ से ३६ उ ११११०, आहत (आहत) प २१३०,३१,४१,४६ सू १६०२३, ५३८ आसल (दे०) प १७।१३४ आय (आहत) ज ११४५; ३१२६,८२,१३३ : ५१, आसव (आथव) प १११०११२; १७:१३४ १६७१५५,५८ सू १८१२३ आसा (आशा) उ ३.१५६ आहर (आ+ह) आहरेइ उ ३५१ आसाएमाण (आस्वादयत् ) उ १३४,४६,७४ आहार (आ+ह) आहारिस्सइ ज २११४६ आसाढ (आपाढ) ज २१६५७।१०४,११३,११४, आहारिस्संति ज २६१३४,१४६ आहारेइ १२६ सू १०।१२४,१२६ उ ३४० उ ३१५० आहारेंति प १५१४६ से ४६१७१२, आसाढा (आषाढा) सू१०७५,१२०,१५५,१५६ ; २५ ; २८५ से ७,६ से २३,३० से ३५,३६, ११.२ से ६,१२।२४ से २८ ४०,५१,५२,५३,५५ से ६६,६८ से १०१, आसाढी (आषाढी) ज ७१३७,१४०,१४६,१४६, ३४१६ से १,११,१२ आहारेमि प ११।१२,१७ १५३,१५५ सू १०७,१६,२४,२५,२६ आहार (आहार) ११।१७,११४८५५३।१।१ आसाय (आस्वाद) प १७।१३० से १३५ १०१५३।१,११५१२:१५:१११,१७।११ ज २०१७,१८ १७:१५,१८१११२८।१११, २८१३ से ५, आसाय (आ+स्वाद) आसाएंति प २८१२२, २०,२७ से ३०,३२,३७,३८,४०,४७,४६ से ३४,६८ ५१,६६,६६,७३ से ७५,६७,१०६।१ ३४।१।१,३४१ से ३,५,३६।१११ ज २।१६, आसायणिज्ज (आस्वादनीय) प १७।१३४ ज २०१८ आसालिय (आशालिक, आसालिग) प ११६८,७३, १६,५२,५६,१४६,१५६,१६१ उ ३.५१,५३,५४ आहार (आधार) उ ३।११ आसासग (अश्वास्यक) प २१४०१० आहारग (आहारक) प ३।१०७:१२।१३,२८, आसासण (आश्वसन) ज ७१८६२ सू २०१८, ३६, २१.१०४,१०५:२३:४२,६१,६२,१४६, २०१दार १७४, २८१०८ से ११०,११२,११४ से ११६, आसिय (आसिक्त) ज २१६५; ३१७,१८४,५७ ११८,११६,१२१,१२३,१२४,१३०,१३१,१३६, आसीत (आशीत) १ २२७१ १३७,१४१,१४२ आसीत्तिय (दे०) सू १०११२० आहारगमीसगसरीर (आहारकमिश्रकशरीर) आसीविस (आशीविष) प १७० ज ४१२१२ प १६.१५ आसुरुत्त (आशुरक्त) ज ३।२६,३६,४७,१०७, आहारगमीससरीर (आहारकमिश्रशरीर) १६६१, १०६,१३३ उ ११२२,५७,८२,११५ से ११७, १०,१५,३६८७ ११६,१४० आहारगमीसासरीर (आहा रकमिश्रकशरीर) आसोइ (आश्वयुजी) ज ७।१३७ सू१०१७,१०,२२, प १६॥१०,१५, ३६८७ २३,२६ आहारगसमुग्धात (आहारकसमुद्घात) प ३६१३३ आसोत्थ (अश्वत्थ) प ११३६.१ आहारगसमुग्धाय (आहारकसमुद्घात) प ३६१ आसोय (आश्वयुज) ज ७१०४ उ ३।४० २,७,६,१०,१३,१४,३०,३५,५३,५८,७४ आह (ब्र.) आहंसु सू ११२० आहु ज ७।११२।२,५ आहारगसरीर (आहारकशरीर) प १२।१३,२१, Page #136 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आहारगसरीरय इंदियपरिणाम ३४; १६।१,१०,१५,२१।७२ से ७४,६६,६६, १०१,१०२,१०४,१०५ २३/१८६; ३६ ८७ आहारगसरीरय ( आरारकशरीरक ) प १२६ आहारगसरीर ( आहारकशरीरिन् ) प २८।१४१ आहारचरिम (आहारचरम ) प १०।४२,४३ आहारत (आहारत्व ) प २८१२२ से २४,३४ से ३६,३६,४०, ४२,४५,४८,६८,६६, ७१ ३४१६ आहारपज्जत्ति (आहारपर्याप्ति ) १२८/१४२, १४३, उ ३।१५,८४ आहारपय (आहारपद) ज ७१५० आहारभूय (आधारभूत) उ ३३११ आहार ( आहारक ) प १२ १,५,२५; १८६४ से ९७२१११ ; २८|१०६ से १०८,१११,११३, ११७,११६,१२०,१२२,१२५.१२७ से १२६, १३२,१४३ आहार यसरीर (आहारकशरीर ) ११२।१७ आहारसण्णा (आहारसंज्ञा ) प ८।१ से ११ आहारेता (आहार्य ) ज २१६ आहारमाण (आहारयत् ) प ११।१२,१७ आहिंड ( आ + हिण्ड् ) आहिंडह उ ३।१०१ आहित (आयात) सू १।१०,११,१५ से १८,२०, २२,२३,२५; १११२२३ आहिय ( आख्यात ) प ३४११।१ ज २४२; ७/३१,३३ चं २।३,५ सू ११६३३, ५ अहिवच्च (आधिपत्य ) ज ३।१६७|१३ आट्ठि (दे०, अर्ध चतुर्थ ) सू १६/१ अयि ( आधुनिक ) ज ३१६८; ५८५ ७ १८६१ आहूय (आहूत ) उ३।४८५० सू २०१८, २०५११ आहेवच्च (पत्य ) प २१३० से ३३,३५,३६, ४१, ४३, ४८ से ५१,५७,५६ ज ११४५३ १८५, २०६,२२१; ५/१६ उ५।१० इ इ (इति) प १।४८२ ज ११२६ मू १८ इ (चित् ) उ १३६ : ३।११ इइ (इति) २०११ इंगाल (अङ्गार ) प १।२६ उ ३५० इंगालभूय (अंगारभूत) ज २११३२,१४१ इंगालय (अंगारक ) ज ७ १८६।१ २०१८, २०१८१ इंगिय ( इङ्गित) ज ३१८७ इंद (इन्द्र) प २४०, ४५४७३१ ज २६४३ ।२४१३, ३७११,४५१११३१३, १८५,२०६५/४६, ५२,५७७३५६,५७,५६,६०,१३०, १८६१४ सू १६ २४,२७ ईदगोवय ( इन्द्रगोपक ) प १०५० इंग्ग (इन्द्रग्रह ) ज २।४३ इंदग्गि (इन्द्राग्नि) ज ७।१३०,१८६१२,४ ८४६ सू २०१८, २०१८२४ इंदग्गिदेवया ( इन्द्राग्निदेवता ) सू १०१८३ इंदज्य ( इन्द्रध्वज ) ज ३।३ इंदट्ठाण ) इन्द्रस्थान ) सू १६२५ इंदणील (इन्द्रनील ) ३।३५ इंददेवया ( इन्द्रदेवता ) सू १०१८३ इंदणु (इन्द्रधनुष ) ज ३।२४ इंदनील ( इन्द्रनील ) प १२०३ ज ३३१०६ इंदभूइ ( इन्द्रभूति) ज ११५ इंदभूति ( इन्द्रभूति) चं ११४,१० सू ११५ इंदभूय ( इन्द्रभूत ) सू २०७ इंदमह (इन्द्रमह) ज २१३१ इंदमुद्धा भित्ति (इन्द्रमूर्धाभिपिक्त) ज ७ | ११७२ सु १०८६।२ इंदिओवत्त (इन्द्रियोपयुक्त ) प ३११७४ इंदिकाइय (दे० ) प ११५० इंदिय (इन्द्रिय) प १११।५३ । १ १ १३।१७; २५१,१७,१६,२०,३०,३४,५८११, १५३५ से ६०,६२,६३,६५,६६,६७,७५,७६,१३४, १४३; १७।१३४; १८११।१३ २८/१०१ इंदियउवउत्त (इन्द्रियोपयुक्त ) प ३११७४ इंदियजवणिज्ज ( इन्द्रिययापनीय) उ ३३२,३३ इंदियपज्जत्ति (इन्द्रियपर्याप्ति) २८१४२ उ ३३१५,८४ इंदियपरिणाम ( इन्द्रियपरिणाम ) प० १३१२, १४ Page #137 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८५० इंदीवर-इत्थी १६,१७,१६ इट्ठतरिय (इष्टतरक) प १७१२६ से १२८,१३३ इंदीवर (इन्दीवर) प १४४४१३ से १४५ ज २०१७ इक्क (एक) ज ११२० सू १९२५ इठ्ठत्त (इष्टत्व) प ३४.२० इक्कड (इक्कड) सरकंडा, पानी का पौधा इट्ठस्सरता (इष्टस्वरता) प २३.१६ प ११४८/४६ इड्ढि (ऋद्धि) प २।३०,३१,४१,४६,६६८%; इश्कवीस (एकविंशति) ज २१३४ १७१८६२११७२ ज २२५,३११२,१८,३१, इक्कारम (एकादशन्) ज ४।२७५ ७८,८८,६३,१२६,१८०,१८६,२०६,२१६; इवकारसम (एकादश) सू १०७७ ४११४०,२२,२६,२७,४३,४४,४६,४७,५६, इक्कारसी (एकादशी) ज २७१ ६७ उ ११६२,१२१,१२२,१२६,१३३,१३४, इक्कावण्ण (एकपञ्चाशत्) सू ११२१ १३८,३।४६,५०,१११,१२२:४।१८:५।१७, इक्किक्क (एकक) ज ७.१७८१२ १६,२३,३१ इक्खाग (इक्ष्वाकु) प ११६५ इड्ढिपत्तारिय (ऋद्धिप्राप्तार्य ) प १६०,६१ इक्खु (इक्षु) प १।४१११,११४८।४६ इड्ढिमंत (ऋद्धिमत्) ज ७।१६८।२ इक्खुवाडिया (इक्षु वाटिका) प ११४८।४६ इदिसिय (दे०) ज ३।१८५ इक्खुवाडी (इक्षुवाटी) प ११४१६१ इणं (एतत्) प १११३ ज २२१७ सू १८।२२ इगतालीस (एकचत्वारिंशत् ) ज ७७५ सू १११३ । इतर (इतर) सू १२५; २१२,४१२ इगुणापण्ण (एकोनपञ्चाशत्) ज ७१७५ इति (इति) प ११७५ ज १२२६३।३२११ इगुणालीस (एकोनचत्वारिंशत् ) ज ७.२४ सू १०।१० उ १११७ इच्छ (इषु ) इच्छइ उ श५१ इच्छंति इत्तरिय (इत्वरिक) प १११२५; १७४१०६,१०७ प १६१४६ इच्छसि सू १६।२२१२६ इत्तो (इतस्) प २६४।१८ ज ३।१२४ इच्छामि उ १८७६,३।१०६४।११ इत्थ (अत्र) प १३१ ज ४११४७ इच्छामो प २८।१०५,३४११६,२१ से २४ इत्थं (अत्र) ज २२० इच्छा (इच्छा) ज ७.१२०१२ सू १०८।२ इस्थि (स्त्री) प ११६०,६६,७५,७६,८१,६७६, इच्छाणुलोम (इच्छानुलोम) प ११॥३७१ ८०८०१२१११५ से १०,२३,२६ से २८% इच्छामण (इच्छामनस) प २८।१०५,३४।१६,२१ १७११६६ से १७२ ज ३१२२१ से २४ इत्थिरयण (स्त्रीरत्न) प ६२६ ज ३।७२,१३८, इच्छिय (इष्ट, ईत्सित) ज ३८८,१३८; १७८,१८६,२०४,२१४,२२० उ ३११३८ इत्थिरयणत्त (स्त्रीरत्नत्व) प २०१५८ इच्छियत्त (इष्टत्व) प २८।२६ इस्थिवयण (स्त्रीवचन) प १११२६,८६ इच्छियव्व (एष्ट व्य, एषितव्य) ज ३८१ इत्थिवेद (स्त्रीवेद) ५१८१६०; २३१७३ ; २८।१४० इट्ठ (इप्ट) ५ २३।१६२८।१०५ ज २१६४; इस्थिवेदग (स्त्रीवेदक) प १३३१४,१६ ३१२४,८२,१८५,१८७,२०६,२१८,५१५८ इत्थिवेय (स्त्रीवेद) प २३।३६,१४१ सू २०१७ उ ११४१,४४,३।११२,१२८,४।१६; इथिवेयपरिणाम (स्त्रीवेदपरिणाम) प १३:१३ ५।२२,२५ इत्थिवेयग (स्त्रीवेदक) प १३३१५ इतर (इष्टतर) ज २११८४११०७ इत्थी (स्त्री) उ ३१३६,४२ Page #138 -------------------------------------------------------------------------- ________________ इत्थीलिंगसिद्ध उउ ईसर ( ईश्वर ) प २/४७२; १६६४१ ज २१२५; ३११२६।३५।१६ उ ११६२५|१० ईसर ( ऐश्वयं) ज ११४५, ३११०,१८५, २०६,२२१ ईसाण ( ईशान ) प १३१३५, २४६,५१,५३,६३; इत्थीलिंग सिद्ध (स्त्रीलिंगसिद्ध ) प १।१२ इत्थवेदग (स्त्रीवेदक ) प ३६७१३।१८ इम ( इभ्य ) प १६ ४१ ज २२२५, ३११०,८६, १७८,१६,१८८, २०६,२१०,२१६,२१६, २२१ उ १/६२,३१११,१०१,५३१० इन्भजाति ( इभ्यजाति ) प १६४११ इम (इदम्) प १२४८ सू ११५१११५२राह इय (इति) प २६४|१८ ज १७ सू ११६ इयर (इतर) प २१/३५ ३१३०,१८३४।२२५ से २३६६।२८,५६,६५, ८५,१११,१५ १३८ २०१६० २८।७६, ३४।१६, १८ ज २९१ से ६३, ११३, ११६,४।१७२, २००,२२१,२२४)१, २३५, २४०, २४२, २४३; ५४८,५६,६०,७११२२/१ सू १०२८४।१ उ २१२०, २२,५१४१ ईसापवास (ईशानकल्पवासिन् ) प २१५१ ईसाग ( ईशानज ) प २१५१६६५७६; १५८७; २११७०, ६०, ३३ १६ ज ५२४६ इयाणि ( इदानीम् ) सू १६१२४ उ ३१५५ इरियावहियबंध ( ईर्यापथिकबन्धक) १ २३६३ इरिया व हिय बंधय (ईर्यापथिकबन्धक ) प २३|१७६ इरियासमिय ( ईर्यासमित) उ २२६, ३१३,६६, इलादेवी ( इलादेवी ) ५१०११ ४।२।१ इलादेवीकूड ( इलादेवीकूट ) ४/४४, २७५ इब (इव ) प २।४८ उ ३११२८ १०२,११३,११५,१३२,१४६,४१२२,५१३८,४३ ईसाणवडेंसग (ईशानावतंसक ) प २२५५, ५७ ईसावर्डेस ( ईशानावतंसक ) प २०५१ ईसि ( ईषत् ) प २३१, ६४; १७ १३४; २३ १६५ ज ३११०६, १७८, ४१५४, ५१५,२१,३८,५८ ७१७८ इसि (ऋषि) प २२४७/२ ज ३।१०६ उ १२० इसिपाल ( ऋषिपाल ) प २२४७२ इसिवाय ( ऋषिवादिक) प २०४१ २/४७।१ इसीपारा ( ईषत्प्राग्भारा ) प २११२११६० इस रियविसिया ( ऐश्वर्य विशिष्टता) प २३२१, ईसिउच्छंग ( ईषदुत्सङ्ग) ज ३२१७८ ईसिणिया (ईशा निका) ज ३|११|१ ईसितुंग ( ईषत्तुङ्ग ) ज ३ । १७८ ईसिदंत ( ईषदान्त ) ज ३ | १७८ ईसिमत्त ( ईषन्मत्त ) ज ३११७८ ५८ इस्सरियविहोणया ( ऐश्वर्यं विहीनता ) प २३।२२, ५८ ईसीप मारा ( ईषत्प्राग्भ / रा ) प २२६४ : १०११,२; २११६०, ३० २६, २८ इह (इह ) ज २।६६ उ १६ ईसीहस्सपंचक्खरुच्चारणद्धा ( ईषद् ह्रस्वपञ्चाक्षरो इह (इह ) प १७५ उ १११७ च्चारणाध्वन् ) प ३६।२ इह (इहगत ) ज ५।२१७ २०, २२ से २५,७६, ईहा ( ईहा ) प १५।५८ । २१५।६७ ज ३१२२३ ईहामद ( ईहामति) उ ११३१ ८२ ईहामिंग ( ईहामृग ) ज २ ३७,१०१४/२७ ई ईतिबहुल ( ईतिबहुल) ज १।१८ इताल ( एकचत्वारिंशत् ) सु १६८११ तालीस ( एकचत्वारिंशत् ) सू १३ १४ ईतालीस ( एकचत्वारिंशत्क ) सू १३११७ ईरियासमिय ( ईर्यासमित) ज २०१६६ ८५१ उ उ (तु) प १४ ज ११४७ सू १७ उ १७ उदर ( उदीरण ) प १४।१८ १ उ (ऋतु) ज २२६६३।११७ १, ७ १११, ११२२५, १२६, १२७ उ ५ २५ Page #139 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८५२ उउय-उक्कोसपय उउय (ऋतुक) प २१४१ उंबर (उदुम्बर) प ११३६१ उ ३७४,७६ उंबेभरिया (दे०) प १।३५१२ उक्कड (उत्कट) प १५० ज ३।३१ उक्कर (उत्कर) ज ३।१२, १३,२८,४१,४६,५८, ६६,७४,१४७,१६८,२१२,२१३ उक्करिया (उत्करिका) प ११७८,१३१२५ उक्करियाभेद (उत्करिकाभेद) १ १११७८,७६ उक्तरियामेय (उत्करिकाभेद) प १११७३ उक्कलिया (उत्कलिका) ५११५० उक्कलियावाय (उत्कलिकावात) प ११२६ उक्का (उल्का) प २६ उक्कामुह (उल्कामुख) प १८६ उक्कालिय (उत्कालिक) ज७ उक्किट्ठ (उत्कृष्ट) ज २६०३।१२,२६,२८,३६, ४१,४७,४६,५६,५८,६४,६६,७२,७४,११३, १३८,१४५,१४७,१६८,२१२,२१३;५।५,४४, ४७,६७,७१५५ उ ११३८,३।१२७ उक्किट्ठि (उत्कृष्टि) ज ३१२२,३६,७८,६३,९६, १०६,१३३,१६३,१८० उक्किण्ण (उत्कीर्ण) प २।३०,३१,४१ ज ३१८२ उक्कित्तिता (उत्कीर्तिता) मू २०१६।१ उक्किरिज्जमाण (उत्कीर्यमाण) ज ४।१०७ उक्कुट्ठ (उत्कृष्ट ) स. १६।२३ उक्कुडुठ्ठिय (उत्कुट कस्थित') ज २।१३३ उक्कुरुडिया (दे०) उ १५४ से ५७,५६,६३,७६ से १७/१४५,१४६;१८२ से ४,६,८ से १०,१२, १४ से १६,१८ से २४,२६ से २८,३० से ३६, ४१ से ५४,५६,५७,५६ मे ६७.६६ से ७४, ७६ से ७६,८१,८३ से ५,८७,८६ से ११, ६३,६५,६६,६८,१०३ से १०५, १०७,१०८, ११०,११३,११४.११६,११७,११६,१२०, २०१६ से १३,६१,६३,२११३८,४० से ४४, ४६ से ४८,६३ से७१,७४,८४,८६,८७,६० से ६३,२३।६० मे ७६,८१,८३ से १२,६५ से ६६, १०१ से १०४,१११ से ११४,११६ मे ११८,१२७,१२६ से १३१,१३३ से १३५, १३८,१४०.१४२,१४३,१४७१५१ से १५५, १५७,१५८,१६० मे १६२,१६४ से १६६, १०१ से १७३,१७६,१७,१८२,१८३,१८६, १८७,१६०,२८२,२७,८७,५०,७३ से १६; ३३१२ से १३,१५ से १७:३६१८ से १०,१७, १८,२०,३०,३४,४४,६१,६६,६८,७०,७२,७४, ७६ ज १६,४८,४५,५८.१२३,१२८,१३३, १४८,१५१,१५७४।१०१,७१५७,६०,१८२, १८७ से १६६,२०६ सू १८१२०,२५,३६; १६२५ उ २२०,२२,३६१३० उक्कोसकालठिईय (उत्कर्षकालस्थितिक) प२३१२०० उक्कोसकालठितीय (उत्कर्षकालस्थितिक) प२३।१६४ से १९६,१६८ मे २०१ उक्कोसग (उत्कर्षक) प १७११४५,१४६; २३।१८४ उक्कोसगुण (उत्कर्ष गुण) प ५।३८,६०,७५,६०, १०८,१६१,१६४,१६८,२०१,२०४,२०८, २१२,२१५,२१६,२२२.२२५,२४३ उक्कोसटिईय (उत्कर्षस्थितिक) १८५ उक्कोसद्वितीय (उत्कर्षस्थितिक) प ५१३५,५७, ७२,८३.१०५.१७५,१७८,१२२,१८८,२४० उक्कोसपएसिय (उत्कर्षप्रदेशिक) ५ ५।२२६,२३० उकोसयद (उत्कर्षपद) प १२॥३२ उक्कोसपय (उत्कर्षपद) ज ७१६८,१९६,२०२, उक्कुला (उत्कूला) सू १०१६ उक्कूवमाण (उत्क्रूजत्) उ ३११३० उक्कोस (उत्कर्प) प ११७४ ; रा६८।६ ४११ से ६७,६६ से २९६,२६८,५१४२,४६, ७६,६४, १८,११२,११६६१ से १८,२० से ४५,६०, ६१.६४,६६ से ६८,१२०,१२१,१२३,२,३, ६ से २६११।७०,७१:१२२९१५:४० से ४२; १. अस्थिक इत्यपि भवति विकल्पेन । Page #140 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उक्कोसमति उच्छोल उकोसमति ( उत्कर्षमति ) प ५६४ उक्कोसमदत (उत्कमदप्राप्त) प १७।१३४ उनकोस ( उत्कर्षक) प १५६४२१११०५. ७२६११६.१७२१.२२,२४,२७,२३१ ३२२६६१८११६१२:२०१३ उक्कोसा ( उत्कर्षक ) प १७११४६ उनकोसिया (उत्कपिक) २२७४ से ६० ७२५ १११४,२१२३४१२६११ उक्कोसोमाग (उत्क ५२० कोसोग्राहणय ( उत्पविगाहनक ) प ५२६ ३०, ५०, ५४,६६,८४,१०२,१५५,१५८, १६०, १९४,१६७,१७०,२३५ उक्ति (उत्क्षिप्त) २१५७ उक्खेव ( उत्क्षेप) ज ५१४६,६०,६६ उग्ग ( उ ) प १६५ ज २,१६५ उमाच्छ ( उद्गत्य ) ज ७११०१,१०२ ८१ उगत (उप) ११२ उगमण ( उद्गमन) १३६ से ३८ सू २३; ર उगममाण ( उद्गच्छन्) उग्गय ( उद्गत) १३ उग्गवई (उपवती) ज ७।१२१ उगवित ( उग्रविष ) प ११५० उसे (उसमेन) २०१० १५६५७१.७२ उपग्रह (अव) उमा (दे०) ११७ उघोस ( उद्घोष ) ज २२६५ उधाण (उ)२१२२१३ १८६५२ ३१२४ ४ २७, ५१२८ १०६१ १२२,२६ उच्च (उच्च) उ ३११००,१३३ उच्चंत ( उच्चतंग ) प १७।१२४ उच्च ( उच्चत्व) ए २११८०२ ज ११८ से १०,१६,२२ से २४,२०,३५,३७,३८,४०, ४२,४६,५१:२१६,१५,४५,५१,५४,५६,५८, ८६,१२३,१२८,१३८, १४०, १४८, १५१,१५७, १५६,४११,६,१०,१४,३३,४५, ४७ से ४६,५४, ५७,५१,६२,००,८४,०६,१६,१०१.१०३, ११०,११२.११४,११५, ११६ से १२२,१२५, १२८,१३९,१४२.१४६, १४७, १४९,१५५. १५६,१६३ से १६५, १७२, १७५.१७८, २०३, २१२,२१६,२१७,२१६,२२१,२२६,२४२ २०३८,४६,७२,७३७३७,३८,२०० २१५ १२६५११२,३१८११ उच्चत्तच्छाया ( उच्चत्वछाया ) ६४ उच्च तपज्जव ( उच्चत्वपर्यव) ज २१५१,४४,१२१, १२६,१३०,१३८, १४०, १४६, १५४, १६०, १६३ उच्चतुस ( उपत्वोदे) १२ उच्चागोय ( उच्चगोत्र ) प २३१२१,५७,५८, १३१,१५३,१८८ उच्चार (उच्चार) १८४ ८५३ √ उच्चार (उन् : चाय्) उच्चारेइ उ ३७६ उच्चारपासवणखेलजलापरिणियासमिय (उपचारप्रवणदवे 'जल' 'मिचाण' परिष्ठापनिका समित) ज ६८ उच्चारणात सिंघाण जनपरि ढाणियासमिय ( उच्चारप्रसवणवेल 'सिंघाण' 'जल्ल' परिष्ठापनिकासमित) उ ३६६ उच्चारेतव्द उच्चारवितव्य ) मू १०।१३५ उच्चारेव (उच्चारवितव्य ) ज ७१६० सू १०११३४ उच्चावय (उच्चावच ) प ३४१२६,२४ उ ११५७, ८२५४४३ उच्चाविय ( उच्च कृत्वा ) प १७।१११ उच्छंग (उपन) २०६८, ११४ उच्छृण्ण ( उत्सन्न) ज २२८,६ उठणाणाणि ( उत्सन्नज्ञनिन् ) प २३।१२ उगणि ( उत्सन्नदर्शनन् ) प २३|१४ उच्छाह (उत्साह) सू २०१६/३, ५ उच्छूढसरीर ( उत्क्षिप्तशरीर ) ज ११५ / उच्छोल (दे० उत् । - क्षालय् ) उच्छोलेति Page #141 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८५४ उजुसेदि-उड्ड ज ५५७ उज्झरबहुल (निर्भरबहुल) ज ११५ उजुसेढि (ऋजुश्रेणि) प ३६।१२ ‘उज्झाव (उज्झय) उज्झावेसि उ ११५७ उज्जय (उद्यत) ज २११३३ उज्झावित्तए (उज्झयितुम् ) उ ११५४,५६ उज्जल (उज्ज्वल) ज ११३७,७४१७८ उजिमज्जमाण (उज्झयमान) उ ११५६,६३,८४ उज्जाण (उद्यान) ज २१६५,७१,५१५,७ उ ३३३६; । उजियत (उज्झित) उ ११५६,८१ ५१६,७,२४,२६,३७ उज्झिय (उज्झित) उ ११५७,८२ उज्जाणसंठित (उद्यानसं स्थित) सू ४१३ उट्ट (उष्ट्र) प ११६४; ११२१६ से २० ज २१३५ उज्जाल (उत्+ज्वालय) उज्जालंति ज ५१६ उिट्ठा (उत्+ष्ठा) उठेइ उ ११२४ उज्जालेइ उ ३१५१ उज्जालेंति ज २११०८ उठेति ज ३१११४,१२६ उठे ति ज ११६ उज्जालेह ज २११०७ उट्ठा (उत्था) उ ११२४ उज्जालित्ता (उज्ज्वाल्य) ज ११६ उट्ठाण (उत्थान) प २३।१६,२० ज २१५१,५४, उज्जालेत्ता (उज्ज्वाल्य) उ ३३५१ १२१,१२६,१३०,१३५,१३८,१४०,१४६, १५४,१६०,१६३ सू २०११,७,६३,५ उज्जु (ऋजु) प २।३१ ज २०१५ उट्ठाय (उत्थाय) ज ११६ उज्जुय (ऋजुक) ज २०१५ उठ्ठिय (उत्थित) ज ३।१८८ उ ३४८,५०,५५, उज्जुसुय (ऋजुसूत्र) प १६१४६ ६३,६५,७०,७४,१०६,११८ उज्जोइय (उयोतित) प २१४६ ज ३१६,१८,६३, उठेत (उत्तिष्ठत् ) ज ३३५ १८०,२२२ उठेत्ता (उत्थाय) ज ११६ उ ११२४ उज्जोत (उद्योत) प० २१४१,५६,६६ उडय (उटज) उ ३३५१,५३ उज्जोय (उद्योत) प २।३०,३१,४६,५६,६३ उडिय (दे०) ज ७/१७८ ज १८,३१,३१६३,१२१,५३२ उडु (ऋतु) सू ६.१,८११०।१२८,१२६१२२१, Vउज्जोय (उद्- िद्योतय्) उज्जोए ति सू १६१ ४,११,१२,१४,१५,१५।२० से २२ उज्जोएति सू १६१ उडु (उडु) सू१०११२६।१.५ उज्जोयकर (उद्योतकर) ज ३।९५,६६,१५६,१६० उडुकल्लाणिया (ऋतुकल्याणिका) ज ३११७८, उज्जोयणाम (उद्योतनामन्) प २३१३८ १८६,२०४,२१४,२२१ उज्जोयभूय (उद्योतभूत) ज ३।६६,१६० उडुपाण (उडुपान') प १५।१२,१५१५० Vउज्जोव (उत् । द्युत् ) उज्जोवेइ ज ४२११ उड्ड (उड़) प १८६ उज्जोवेति ज ७५१,५८ सू ३।१ उज्जोवेति उड्ढ़ (ऊर्ध्व) प २१४,४८ से ५३,६०,६३,६४; सू ३।२ १११६५,६६,११६६।१,१५१५२,२२८७, उज्जोवणाम (उद्योतनामन्) प २३।११५ ६० से ६३२८११५,१६,६१,६२,३३३१६, उज्जोविय (उयोतित) ज २।१६ उ ११५६,८१ १७; ३६१६२ ज ११८ से १०,२५,२८,३२, उज्जोवेमाण (उद्योतयत्) प २।३०,३१,४१,४६ ३५,३७,३८,४०,४२,५१,२१६,५६,८६,१२३, उज्झ (उज्झ) उज्झइ उ १२५५ उज्झाहि १२८,१४८,३३१३१,१३२,४।१,६,१०,२३, ४५,४७,५७,५६,६२,८६,१०१,१०३,११०, उज्झर (उज्झर) प २१४,१३,१६ से १६,२८ ११२,११४,११५,११६ से १२२,१२८,१३६, १. उडु (जलम्) आप्टे पृ० ४०१ Page #142 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उडुजा - उत्तरढकच्छ १४२,१४६,१४७,१५५,१५६,१६३ से १६५, १७५, १७८, २०३,२१२,२१६,२१७,२१६, २२१,२२६,२३४,२४० से २४२; ५६४; ७१४४,५४,१६८११,२०७ सू २२१:४११०; ६१३; १८ ।१ ; १६।२२११२, १६ २३ उ १४६७; २।१२,३१५० ५।४१ उड्ढजाणु (ऊर्ध्वजानु ) ज १५; २८३ उ ११३ उड्डत्त (ऊर्ध्वत्व) २८१२४, २६ उड्ढदिसा (ऊर्ध्व दिशा ) प ३१७६,१७८ उड्ढमुह (ऊर्ध्वमुख) ज ३३; १७ १६८ उड्ढलोग (ऊर्ध्वलोक) ज ५१६,६७ उड्ढलो (ऊर्ध्व लोक ) १ २११,४,१०,१३,१६ से १६२८३११२५, १२७ से १७३, १७५, १७७ उड्ढवाय (ऊर्ध्ववात) प १।२६ उड्ढामुकलं बुया पुष्फलं ठाणसंठित ('उद्धी' मुख कलम्बुकपुष्पसंस्थानसं स्थित ) सू १६।२३ उड्ढोकला संठित ('उद्धी' मुखकलम्बुकपुष्पसंस्थित) ज ७ ३१,३३,३५ ४/३,४,६, ७, ६ उड्ढोबवण्णग (ऊर्ध्वोपपन्नग ) ज ७ ५५ सू १६।२३, २६ उष्णं दिज्जमाण ( उन्नन्द्यमान) ज ३३१८६, २०४ उणय ( उन्नत ) ज २ १५; ३११०६,१३८, ४।१३ ; ७१७८२०१७ उष्णाय (उन्नाक) उ५।४३ उन्ह (उष्ण ) प १७|११४।१,१७।१३८३ २८/२६ उ ३११२८ उतालीस ( एकोनचत्वारिंशत् ) सू १२/२० उत्तत्त ( उत्तप्त ) प २४०६ उत्तम (उत्तम) २०४१ ज २३१५; ३१३, १२, १२५ ४२६०।१; ५।५८ सू ५११ उत्तमकट्ठपत्त (उत्तमकाष्ठा प्राप्त) ज २७,५२, १३१,१६१,१६४; ७ २६, २८ सू ११४,१६, १७,२१, २२, २४, २७, २२३, ३१२ ४८, ६; ६११:६२ ८५५ उत्तमपुरिस ( उत्तमपुरु) प ६२६ उत्तमा (उत्तमा) ज ७। १२० १ सू ५।११०३८८१ उत्तर (उत्तर) प २२१ से २७२७१, २,२१३० से ३६,४४,४८,५१,६०,६१,६२११, २१६३; ३।१ से ३७,१७६, १७८१५१८५, १८१६० ज ११८, २०, २३, ४८, ३११,८२,१२६१४,१३१, १३३,१३८,१५१,४१,१७,३८,५५,६२,७३, ७६,८१,८६,६१,१३,१८,१०३, १०८, ११४, १२६,१४१ से १४३, १५०,१५६,१६०,१६५, १६७,१६६,१७२,१७३, १७५, १७७, १७८, १८०,१८१,१८४,१८५, १८७,१६०, १६१, १६३,१६६,१६७,१६६ से २०३,२०५,२०८, २०६,२१३,२२६,२३१,२३४, २३७,२३८, २४६,२५२,२६२,२६५, २६६, २६६,२७१, २७२,२७४,२७५, ५।११,३६,४२६ ११, १४,२४,७।५, १५, १७, २४, २५,६४,७४,७६, ७८,८३,८४,८८,६४, १२७, १२६,१३४/३, १३५।३,१७४,१७८,२०१,२०४ १।१५ से १७,२४,२६ से ३१,२३,१०१७५,१३५; १२ १२,१३ ६, १०; १८ । १४ से १७,१६८१, ११।१२०/२३१५४,५५,६३,६७,७०,७३; ४११६,५१४१ ( उत्तर (उत् + त्) उत्तर ज ३११०१,१२६ उत्तरओ ( उत्तरतस् ) प २१४० ४ ज १।१८ उत्तरकुरा (उत्तरकुरु) ज ४।६६,१०३,१०८ से ११०,१४१,१४३,१६१,१६२,२०५,२१३ उत्तरकुरु ( उत्तरकुरु ) प १३८७,१६३० १७ १६४ ज २२६४ १४२१३.१६१२, १६२,२०७, २६२५/५५ उत्तरकुरुकूड (उत्तरकुरुकूट) ज ४११०५,१६३ उत्तरकूल (उत्तरकूल ) उ३ । ५० उत्तरगुण ( उत्तरगुण) प ११।४६ उत्तरढ़ (उत्तरार्द्ध) प २१५१८ । १ उत्तरढकच्छ (उत्तरार्द्धकच्छ) ज ४११६८,१७२, १७३ से १७६ Page #143 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५५६ उत्तरडभरह-उत्तरिल्ल उत्तरढभरह (उत्तरार्द्धभरत) ज ११६,४७ से ५१,३।१०३,११३;४१३५ उत्तरढभरहकूड (उत्तराद्ध भरतकूट) ज ११३४ उत्तरलवणसमुद्द (उत्तरलवणसमुद्र) ज ४।२७७ उत्तरढलोकाहिवइ (उत्तराद्धलोकाधिपति) ज ५।४८ उत्तरण (उत्तरण) ज ३१७६,११६ उत्तरदारिया (उत्तरद्वारिका) सू १०॥३१ उत्तरदाहिण (उत्तरदक्षिण) ज ११२४४११०६, १६४,१६७,१६६,१७८,१८०,१८१,१८५, १८७,१६१,१६६ से २०१,२०३,२०६,२१५, २४५,२४८,२५१,२५२ स ८१ उत्तरदाहिणायया (उत्तरदक्षिणायता) ज १।२४; ४११०३,१६२,१६७,१६६,१७८,१८५,१८७, १६१,२००,२०३,२४५,२५१ उत्तरद्ध (उत्तरार्द्ध) ज २०६१ उत्तरद्धभरह (उत्तरार्द्धभरत) ज ११२३ उत्तरपच्चस्थिम (उत्तरपाश्चात्य) प ३।१७६,१७८ ज ३१४३,४४,४११०३,१०६,१५०,२२४,२३१, २३२ सू २१,२०१२ उत्तरपच्चथिमिल्ल (उत्तरपाश्चात्य) ज ४२३८ सू. १।१६; २३१,२००२ उत्तरपाई (उत्तरप्राची) में ३।१२६ उत्तरपुरस्थिम (उत्तरपौरस्त्य) प३।१७६,१७८ ज ११३,३।६०,६१,१३०,१३१,१४०,१४१, १६१,१६२,२०४,२०८,४।१७,१२०,१३६, १३६,१५०,१५४,१६२ से १६४,२२१,२२६, २३३,२३९,५५,७,३६,४४,५५ च ७ सश२ २०१२ उ ३।११३ ; ४।२०। ५१५ उत्तरपुरथिमिल्ल (उत्तरपौरस्त्य) ज ४।१५६, २३७,२३८,५।४८,४६ सू १।१६ उत्तरपोट्टवया (उत्तरप्रोष्ठपदा) ज ३।२०६ सू १०।६४ उत्तरफागुणी (उत्तरफल्गुनी) ज ७/१२८,१२६, उत्तरभद्दवया (उत्तरभद्रपदा) ज ७११२८,१२६, १३६,१३६,१४२ उत्तरवेउन्विय (उत्तरवैयिक) प १५.१८,१६%3 २११५८,५६,६१,६५ से ६७,७०, ३४११६,२१ से २३ ज ३।२०६५४१ उत्तरवेयड्ढ़ (उत्तरवैताढय) ज ३८१ उत्तरा (उत्तर) सू १०३२,४५,६०,६२,१२०, १५३,१५५,१५६,१५८ ११०२,४ से ६; १२।२४ से २८ ज ७११३ उ ३।५५.६३,६५, ६७,७०,७४ उत्तरापोवया (उत्तरप्रोष्ठपदा) सू १०१५,६,२१, २३,६५,७५,८३,६७,१३१ से १३५ उत्तराफग्गुणी (उत्तरफल्गुनी) ज ७।१४०,१४८, १५१,१६३,१६४ सू १०।२ से ६,१५,२३,७०, ७१,७५,८३,११०,१३१ से १३३ उत्तराभद्दवया (उत्तरभद्रपदा) ज ७१४६,१५७, १५८ स १०१२ से ६,१३१ उत्तराभिमुह (उत्तराभिमुख) 3 ३१५५,६३,६७, ७०,७३ उत्तरासंग (उत्तरासङ्ग) ज ३।६; ५।२१ उत्तरासाढा (उत्तरापाढा) ज १७१,८५, ७/१२८, १३०,१३६,१४०,१४६,१५६,१६७ सू १०१ से ६,१६,२३,५४,६२,६३,७४,८३,११६, १२२,१२३,१३० से १३५,१५१९,१२ उत्तरिज्ज (उत्तरीय) ज ३१,२२२ उत्तरित्तु (उत्तीर्य) ज १११८१ उत्तरिय (औत्तरिक) प ३६१२१,२२,२४,२६,२७, ४६ उत्तरिल्ल (औदीच्य) प २।३३,३६,३६,४०,४४, ४७,१६१३४ ज ११२६,२१११६३।१०२, १०६,१३३,१३७,१५४ से १५७,२०५,२१५, २२०, ४१३८,४२,७३,33,६१,९४,१७२, १६६ से २०२,२०६,२०७,२१२,२३२,२३३, २३८,२४८,२५१,११११,१४,४४,४५,४६,५२, ७१७८ उ ३६१ Page #144 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उत्तरोट्ठ-उद्धय उत्तरोठ्ठ (उत्तरौष्ठ) ज २१५ उत्ताण (उत्तान) उ३।१३० उत्ताणग (उत्तानक) ज ३११११,११३ उ १४६ उत्ताणय (उत्तानक) प २१६४ उ १।४६ उत्ताणसेज्ज (उत्तानशय } उ ३।१३०,१३१,१३४ उत्तासणग (उत्तामनक) प २०२० से २६ उत्तासणय (उत्तासनक) प २२७ उत्तिण (उत्तीर्ण) ज ३१८१ उत्तिमंग (उत्तमाङ्ग) ज २०१५ उदग (उदक) ज २।१३१,३१२६,३६,४७,१०६) १३३,२२१:५५५ उदगधारा (उदकधारा) ज ३१८८ उदय (उदय) प २३१३,१३ से २३ सू ११६१२, १८१ उदय (उदक) प ११४१२,१६४६:१०१७ १६।५४ ज ३१६,२०६,५११४,५६७११२।१, २ च २।२,४११,३ र १०।१२६१,२ उदयसंठिति (उदयसंस्थिति) सू १६२,१८११,३ उदर (उदर) उ ११४३ उदाह (उदधि) प २१३०११,२।४०१२,८,१०; १५.११२ ज २.१५,५१५२ उदहिकुमार (उदधिकुमार) प १११३१,५३,६।१८ उदार (उदार) ज ३१२४,१३१ उदाहु (उताही) प १०१६:१५।४६,४७,३४१६ उ १११२७ उदिण्ण (उदीर्ण) प २०१३९,२३३,१३ से २३ उदीण (उदीचीन) प २११०,५० से ५२,५४,५६, ५८ से ६० ज ११८,२०,२३,२५,२८,३२, ४८,३११,४।१,३,५५६२,८६,८८,६८, १०८,१७२,२०५,२१४,२५२,२६२,२६८; ७११०१,१०२ सू का? उदीणदाहिणायता (उदीच्यदक्षिणायता) स १११ २।१:१०।१४२,१४३१२।३० उदोणवाय (उदीचीनवात) प १२६ ‘उदोर (उद। ईर) उदीरति प १४।१८ उदीरिस्सति प १४।१८ उदीरेंति 3 ३।३४ उदीरेंमु य १४।१८ उदीरेति प २२१५ उदीरण (उदीरण) ज २१३१ उदीरिज्जमाण (उदीयमाण) प २३३१३ से २३ उदीरिय (उदीरित) प २३।१३ से २३ उदु (ऋतु) ज २१४७११२११ उदंडग (उद्दण्डक) उ ३१५० उईडिय (उद्दण्डिक) ३१३२ उद्दव (उद । द्रु) उद्वेति प ३६।६२,७ उद्दवित्तए (उद्भवयितुं) ज ३।११५ उद्दाइत्ता (उद्रुत्य) ज ६४ उद्दाल (उदाल) ज २१८ उहाल (अवदाल) ज ४.१३ सू २०१७ उद्दाल' (आ : छिद) उद्दाले इ उ १११०५ उद्दालेउकाम (आछत्तुकाम) 3 १।१०५ उद्दिठ्ठ (दे०) सू१६।२२।२५ उद्दिस (उत्- दिश् ) उदिसंति उ १४५ उद्दिस्यि (उद्दिश्य) प १६।५१ उद्दिस्तपविभत्तगति (उद्दिश्यप्रविभक्तगति) उद्देस (उद्देश) ज ७१०१,१०२ उद्देसग (नदेशक) उ५१४५ उद्देसय (शिक) प १७११४८ उद्देहिया (३०) ११५० उद्ध (ऊच्वं) प ३३।२४ ज १३१६,२३,२४,२१६, ५८,६५,१५७ उद्धंस (उन् । वृष) उद्धसइ उ ११५७ उद्धसणा (उद्धर्पणा) ज ११५७,८२ उद्धंसेत्ता (उद्धप्यं ) उ ११५७ उद्धत (उद्धत) ज २०६५ उद्धिय (उद्धृत) ज ३१२२१ उद्धृत (उदत) प २०४८ उद्धृय (उद्भूत) प २।३०,३१,४१ ज २।६०,३।७; २४१३,२६.३७।१,३६ ४५॥१,४७,५६,६४, ७२,८८,११३,१३१३,१३८,१४५,१७८; १. हेमा ४१२५ Page #145 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उद्धर-उम्मुग्गजला ४१४६, १५,७,४३,४४,४७,६७ सू २०१७ उप्पलिणीकंद (उत्पलिनीकन्द) प ११४८९४२ उद्धर (उद्धर) ज ५१५; ७१७८ उप्पलगुम्मा (उत्पलगुल्मा) ज ४।११।१,२२२ उद्धृब्वमाण (उद्धूयमान) ज ३१८,३१,६३,१८० उप्पलुज्जला (उत्पलोज्वला) ज ४।११५३१,२२२ उ ५११६ उप्पाइय (औत्पातिक) ज ३३१०४,१०५,१०६ उपगच्छ (उपगम्) उपगच्छंति ज ३।१६७।१४ उपाएत्ता (उत्पाद्य) १२८२०,३२,६६ उपचयंकर (उपचयङ्कर) ज ३११६७ उप्पाड (उत्+पादय) उप्पाडेज्जा प २०११७, उपरिल्ल (उपरितन) सू १८७ १८,३२ से ३४,४७ उपसंत (उपशान्त) ५ २०३६ उपाय (उत्पाद) प १५० उप्पइत्ता (उत्पत्य) प २।४८ से ६३ ज ११२५ उप्याय (उत्। पादय) उप्पाएंति ज २१३६,४१ सू २२१,१८०१ उपि (उपरि) प २१५२ से ६२ ज १११०,१२, उप्पज्ज (उत्+पद्) उप्पज्जइ सू ६.१ १४,१६ सू १२।३०१८।२,३ उ १।४६;रा उप्पज्जति ज २६७ ५।१३,२०,२७,३१ उप्पज्जंत (उत्प द्यमान) ज ३।१६७।५ उप्पीलिय (उत्पीडित) ज ३१७७,१०७,१२४ उप्पज्जय (उत्पद्यक) ज ३।३ उ ११३८ उप्पड (उत्पट) प ११५० उप्फिडिय (उतफिट्य) प १६:४४ उप्पण्णमिस्सिया (उत्पन्न मिश्रिता) प १११३६ उप्फेस (दे०) प २।३० उप्पण्णबिगमिस्सिया (उत्पन्न विगतमिश्रिता) उब्बहिया (उद्वाह्य) प १६।५४ प११।३६ उन्भड (उद्भट) ज २११३३ उत्पत्ति (उत्पत्ति) प ११६३१६:१४।५,३६१६४ उब्मिज्जमाण (उद्भिद्यमान) ज ४११०७ ज ३.१६७/३,६,८,९,१० उभओ (उभयतस्) ज ११२३,२५,२८,३२; उत्पत्तिया (औत्पत्तिकी) उ ११४१,४३ ३.१७६४।१,१३,३६,४३,६२,७२,७८,८६, उत्पन्न (उत्पन्न) ज ३.२६,३६,४७,५६,१३३, ६५,६८,१०३,११०,१८३,२००,२०१,२०६; १३८,१४५,१७५,५५३,२२ ५।४६,६०,६६७१३१,३३ सू ४१३,४,६,२०१७ उप्पन्नकोउहल्ल (उत्पन्नकुतूहल) ज ११६ उभय (उभय) ज ३।३ उत्पन्नसंसय (उत्पन्नसंशय) ज १२६ उभयभाग (उभयभाग) सू १०॥४,५ उत्पन्नसड्ढ (उत्पन्नश्रद्धा) ज ११६ उम्मज्जग (उन्मज्जक) उ ३१५० उपयनिवय (उत्पातनिपात) ज ५५७ उम्मत्तजला (उन्मत्तजला) ज ४।२०२ उपय (उत् + पत) उप्पयंति ज ५१५७,६४ उम्माण (उन्मान) ज ३१६५,१३८,१५६,१६७१३ उप्पल (उत्पल) प ११४६,११४८।४४,११६२, उम्मिमालिणी (ऊमिमालिनी) ज ४।२१२ १५१५५१२ ज ११५१, २२४,१६,३।३,८६, उम्मिलिय (उन्मीलित) प २१४८ ज ३१८८%, १८८,२०६४।३,२२,२५,३०,३४,६०,११३, ४।४६ २६६,२७२,५१५५,५६,७।१७८ उम्मुक्क (उन्मुक्त) पश६४।२१ ज ३१२०,३३, उप्पलंग (उत्पलाङ्ग) ज १४ ५४,६३,७१,८४,१३७,१४३,१६७,१८२ उप्पलहत्यगय (हस्तगतोत्पल) ज ३१० उम्मुग्गजला (उन्मुक्तजला) ज ३६७ से १०१, उप्पला (उत्पला) ज ४११५५६१,२२२ Page #146 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उपर-उवट्टेत्ता जर (उदर) उ १ ३४, ४०, ४६,४८,४६,५१,५४, ७४,७६,७६ उर (उरस् ) ज ५।५ उ ३।११४ उरग (उरग ) प ६८०३१ ज ३३२४ उरत्थ (उरःस्थ ) ज ३१३६ उरपरिसप्प ( उरः परिसर्प ) प १३६७,६८,७५; ४१३१ से १३६,६७१; २१।१४ से १६,३५, ४५,६० उबंग (उपाङ्ग) उ ११४ से ८,२|१; ३११,२; ४११,२,५५१,३,४५ उवकुल ( उपकुल ) ज ७।१३६।१,१४१,१४३ से १४६,१५० से १५३ सू १०१६, २० से २२,२५ / वक्खड (उपस्कारय् ) उवक्खडावेइ उ ३१११०; ४११६ उक्खडावेत्ता ( उपस्कार्यं ) उ ३।५० √ उबगच्छ (उप + गम् ) उवगच्छइ ज ३।४१ उवगच्छत्ता (उपगम्य ) ज ३१४१ उम्भरुहिर ( उरभ्ररुधिर ) प १७।१२६ उराल (उदार ) प १४४१३ गुलू नामक वृक्ष उराल (दे०) ज ५।३८ उरु ( उरु) ज २ १५,१६,५१५;७ १७८ उरुलुंग (दे० ) प १।५० उवाय (उपगत ) प २१६४ १४, २० ज ३१२०,३३, ५४,५६,८४,१०५, १०८ से १११,११३,१३७; ५३५,७ उ ११५,२५; ३२६८, १०६ ५ ३५ उवगरण ( उपकरण ) ज २१६६ सू २०१४ उ ११९३, १०५, १०६ ३।५५,६३,७०,७३ उवगिज्जमाण ( उवगीयममान ) ज ३१८२, १८७, √ उलंघ ( उत् + लघु ) उलंघेज्ज प ३६।६१ उल्ल (आर्द्र ) ज ३।२२,३६,४४,१२५,१२६ / उल्लाल ( उत् + लालय् ) उल्लालेइ ज ५।२३ उल्लालिय (उल्लाल्य) ज ५।२४ उल्लालेमाण ( उल्ललायत्) ज ५१२२ १८८ उ५/२५ उबग्गच्छाया (उपाग्रछाया ) सू २४ उवधाइय ( उपघातिक ) १० ११।३४।१ उल्लोइय (उल्लोचित ) प २०३०,३१,४१ ज ११३७ उवग्गहिय ( औपग्रहिक ) प २३३६ ३।७,१८४ उल्लोय (उल्लोच ) ज ४।११६; ५/३४,६७ सू २०१७ उल्लोयण ( उल्लोचन ) उ १०४६ उवइथ (उपचित) ज ४।२७ उवजज्जिऊण ( उपयुज्य ) प १६:२०; २२३४५ ; ३६/३२ उवउक्त (उपयुक्त ) प २/६४।१२,१३८ ।४ से ११ ; १५/४८, ४६, २६११७,१६,२०,३४।१२ ज ५।२६ ८५६ उवघाणाम ( उपघातनामन् ) प २३।३८, ५२,११० उवधायणिस्सिया ( उपघात निश्रिता ) प ११।३४ उवचय ( उपचय ) प १५/५८११, १५३५८,५६ ~ उवचय ( उप - चि) उवचयंति प २६ √ उवचिण ( उप चि) उदचिण प १४ १५ १ उवचिज्जंति प १४।१८ १;२११६७ उवचिति प १४/१५ उवचिणि प १४।१४ उचविणिस्संति प १४/१६ उarees ( उपदेशरुचि ) प ११०१११, ४ उवओग ( उपयोग ) १३१ ७३ | १११ : १५ ५ ८१ ; १५/६३,६४, १८।१।१३ २८।१०६।१:२६ १, ५, ८,११,१५ उवज्झाय ( उपाध्याय ) प १६१५१ चं १२ उवओगपरिणाम (उपयोगपरिणाम ) प १३२, १४, √ उबट्ट ( उद् + वृत्) उट्ठेति ज ५।१४ १६ उट्टे (उद्धृत्य ) ज ५११४ उचित (उपचित) प २३१,४१ उवचिय ( उपचित) प २।३०,२३०१३ से २३ ज २।१४५, १४६; ३१७, ४१३,२५,२७,७/१७८ उवज्जिय (उपार्जित ) ज ३२१८५,२०६ Page #147 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८६० उवटुव-उवलालिज्जमाण Vउवठ्ठव (स्थापय ) उवट्ठति ज ३१२०८, उबभोग (उपभोग) ११४६ १५. उबट्ठति ज ३११२० उपट्ठवह उवभोगतराय (उपभोगान्तराय) प २३१२३ म २१५.४:३।२०७ उ११७ उवमा (उपमा) प २६४।१७:३५।२५,२६ उववेत्ता (उपस्थाप्य) ११७ ज ३१२४।४३०२,४५१२,१३१४ उ ३१६८ उवाइ (उपस्थायिन् ) ज ३।३२१ उवयार (उपचार) प २३०,३१,४१ ज २।१०, उववासाला (जस्थानशाला) ५,१२,१७, १५.६५:३७,१२,८८,१३८,४११६६,५१७, २१,२८,३४,४१, ४६५८,६६,३४,७७,१३५, ५८,७१३३११ मू २०१७ १४७,१५१,१७७,१८८,२१६ उश१६,४१, उवयारियालयण (उपकारिकालयन) ज ४१११८ ४२,१२४,४।१२:११६ उवरक्खिय (उपरक्षित) प२।३०,३१,४१ उदिव्य (उपस्थित) ११२० उरि (उपरि) प २२१ से २७,३० से ३६,४१ उवणी (उमणी ) उवर्ण६ ज ३१२६,३६,४०, मे ४३,४५१२१३२ ज ११३५,४।१५६।१, ४७,५६,६४,७२,१३३,१४५,१५१ उवणेति ब ३८१,१२६:१६१ । १।४५ उवह उरितल (उपरितल) ४।१४२६१,२,४।२१३ उरिम (उपरितन) प २१२७।३,६२११ उवणीयअवगीयवयण (उपनीतापनीत वचन) उरिमउवरिमगवेज्जग (उपरितनोपरितनग्रेवेयक) प११८६ प१११३७,४१२६१ से २६३७१२८,२८१६५ उवणीयवयण (उपनीतवचन) प ११८६ उवरिमगवेज्जग (उपरितनग्रंवेयक) प २१६२ उवणेत्ता (उपनीथ) 1३।१२६ ३११८३,६।४१,५६,२०१६१:३३:१७ उवत्या मिया (स्थानिका) । ३१२६,३६,४७, उपरिमगेवेज्जय (उपरितनग्न व्यक) ५ २०६१ उरिममज्झिम (उपरितनमध्यम) प२८१९४ Vउवः (- ) उवदमहज 21५७,५८, १२.१४ : ११२३ उवाति) ज ५१५७ उरिममजिसमगेवेज्जग (उपरितनमध्यमग्रेवेयक) "वदराति गू२०१२ प११३७४१२८८ मे २६०७।२७ उपसण (दन २६१ उरिमठिम (उपरितनाधस्तन) १२८१९३ उपसाप (दशयितुम् ) 3 ३१११२ उरिमठिमगवेज्जग (उपरितनाधस्तनप्रैवे. क) उत्तिा (उपदश्य) उ३।२१५ प१११३७४२८५ मे २८७७१२६ उबदस्यि (उपदोस) ५१।११२ उरिल्ल (उपरितन) प २१६४:५११३१.१३४, उतरता (पद) प ५१५८ १३६,१४०,१४३,१६६,१६६,१८१,१८४, उवयंसेमाण (उपदशंयत्) ३४१२२ ज ५१४४ १६३,१६७,२००,२२८,२३४:१६।३४; सु २०१३ २२१५१,२०,७१.२४ ज २१११३;४१२५३, उतक्टिठ (जगदिष्ट) प ११०१४ च ४३ २५६,२५६१७३ से १७५ सू १८६१ Vउदिम (उस दिश) उवदिगई प २१६४ ।। उरिल्लय (उपरितन) प २८११४३ उदणि सिता उपदिश्व) पश६४ उवल (उपल) प १२०१ ज ४।२५४ उपदा (उपद्रव) २१४०।३।१०५ उवलद्ध (उपलब्ध) प ११०११६ उ ३।१०१ उवप्पयाण (उपादान) १३१ उवलालिज्जमाण (उपलाल्यमान) ज ३१८२,१८७, उयबूह (प ) ११०१:१४ २१८ Page #148 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उबलित्त उवागच्छ उवलित्त (उपलिप्त ) ज ३३१८४५।५७ ३ ३ १३०, १३१.१३४ उपलेषण (उपलेपन) २०५१,५६,७१,७९ 1 उववज्ज ( उप -- पद् ) उववज्जड़ ग १७।६५ उबजेति ६४७ मे २६,६० मे २४,६६ ७० से ७२.७८ ११०.११०,११३ २१४९ यू १७१ उबवण्जति १६५०:१७९०, १२, २४,९५,११ से १०४ जिहि १०१४१ उ ३४१८६४०२६ उज्जित २१३५ से १३७ उज्जमाण ( उपपद्यमान ) प २०१६१ उज्जावे (उपपदविव्य) ६६२,९४ उवण ( उपपन्न) ज ७५६, २४, २१२ १६ २२/२१.१६२४१४२५ मे २०१४० २०१२, २०१४,०८३, १००, १६२, ४००८,२०५८ ३०, ४०, ४१ उष्ण ( उपपन्नक) १३०३६ १५०४२: ३४।१२ ३५।२३ उववणपुत्र ( उपपन्नपूर्व) ज ७।२१२ उवन्नग ( उपपन्नक) प १५१४६; ३४।१२ उवाय ( औपपातिक ) प ६ । ७३ उवदाएयय (उपपादवितव्य ) प ६२७३,७४ उवात ( उपपत ) प २०१६० चं १५. स. १।६।५१७|१ उववातगति (उपपातगति ) प १६।३७ उववातसभा (उपपातगभा) उ३|१४ (उपपासप २०१,२,४,५,७,८,१०,११. १३,१४,१६ से ३०,४६६१ ४,१० से २३,२७,४३,५६,६३,६१,८०१२,६५१,५३, ८१,१२,१००, १०२१०७ १०८२०१६१. ज २२७१ : ४। १४० ११,१६०६७१५७,६० उ २१२०,२२, ३३१६६ उपवायगति (उपपातगति) १६३१७,२४ से ३५ उवासभा (उपपातसभा) ज ४।१४० उ ३१८३; १२०,१६१ : ४।२४ उववास (उपवास) ज० २।१३५ उववेत (उपेत ) प १७।१३३ उववेय (उपेत ) प १७३१३४ २२१४,१८ उ ५।५ उवसंकम (उपक्रम) सू. १।१७ उपसंकमित्ता (उपगतम्) १०.१.२९ सू १।११:१४ उबसंत (उपशान्त) प १४२२०२ ६८६ ५५७. उ ३।३५ उवसंतकसाय (उपशान्तकपाय ) प ११००१०३. ११५, ११६ उवसंपज्जनागगति (उप) १६।३८४१ ८६१ उवसंपज्जिथं () (49 ज ७५५६५. १६२४४०५२ ू उवसग्ग ( उपसर्ग ) ज २२६४,६७६ ३१६२.११५, ११६,१२५ उवसम (उपगम ) ज ७ ११७,१२२/२. १०६४/२६६२ उवसाय (उपशामक) ५२३।१२१,१६२ उसोभय (उप) १४१३,२१,२६,२९, २३,४६ २४७,५७,१२०.१२७.१४७.१५०, १५, १६४३११७८११२४१२६.६३६२३ ५।३२,३८,७१७म उपसोमशण (उपमान) उसोभमान)६३६ ७१२१३ उसोहि उप उदयय (उपाध्य) उहाण (उपधान) ज ४४१२ उवहि (उपधि ) प १४५ उहित (उप) सू २४ उपादाता (पातिक सू१०११३८ ~ उवागच्छ (उप आ गम्) बागच्छ ११६ २०१० ३१५.९.१२.१७, १८.४१ ३११११११८.१४१४१२२ Page #149 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८६२ उवागच्छित्ता-उस्सासणाम उ ११२३१२६४।११।५।१६ - उवागच्छति उव्वेहलिया (दे०) प ११४८५० प ३४१२२,२३. ज २१११६. उ १।४५५।१७ उसभ (ऋषभ) प २।४६ ज० ११३७,५१, २।१५, -उबागच्छति. ज २।१६५, ३१२८,३२,४१, ५६,६२,६४ से ६७,७३ से ८६,१०१, ४६,२१६ उवागच्छसि. उ ३७६ ४६७, ५।२८ उवागच्छित्ता (उपागत्य उपागम्य) प३४१२२, उसभकूट (ऋषभकूट) ज० १:५१३।१३५; ज ११६. उ० ११६, ३१२६, ४१११:५११६ ४।१७४,१७५, ६.१६ उवागय (उपागत) उ १।१२२,१३०, ३७१,७६, उसभणाराय (ऋषभनाराच) प २३:४५,६५ ६६,१०६,१३८,४।१५,१८,१६ ५।२६ उसभसेण (ऋषभसेन ) ज० २।७४ उवाय (उपाय) प० १११७१, ३६६२ ज १०, उसह (ऋषभ) ज २६३,६०४।२७ १३,१६,१६,२२ से २५,२७,३०,६९,७२,७५, उसहक ड (ऋषभकूट) ज० ११५१,१३५,४।१७५, ७८,८१,८४ सू १११४,१६,१७,२१,२४,२७, उसहच्छाया (ऋषभछाया) ११६४७ २१३, ६।१।१०।१४१,१४६,१४८,१५० उसहसंधयण (ऋषभसंहनन) ज ३।३ उ १४१,४३ उसिण (उष्ण) प ११४ से ६५१५,७,१२६,१५४, उवागय (उपागत) ज २१६५,७१,८८, ३१२२५ २११,२१४,२१८,२२१,२२६६१ से ११ उवे (उप-1 इ) उवेइ प १३१२२२२. उ ३११११ ११।५६,६०, २८।३२,६६,१०५, ३४११६ उति ज २१६, ३।१२६ उवेह ज' ३.१२५ ३५१ से ३ उन्वट्ट (उद्+वृत्) उव्वति प ६१५८,६८ उसिणजोणिय (उष्णयोनिक) प १२ उव्वट्टति प १७६१,६२,६४,६५,१००,१०२ उसिणोदय (उष्णोदक) प १२३ से १०४ उन्वटे इ उ०३।११४ उसीरपुड (उशीरपुट) ज ४।१०७ उव्वट्ट (उद्वर्त) प २०११ उसु (इषु) ज ३१२४,३७,४५,१३१ उ ११२२, उव्वट्टण (उद्वर्तन) प ६१.१. उ० ३१११४ १४० उन्वट्टणया (उद्वर्तन) प ६१६,७ उसुय (इषुक) उ ३।११४ उव्वट्टणा (उद्वर्तना) १६८,६,४५,४६,५६,६६, उस्सक (उत्+वष्क) उस्सक्कति १००,१०२,१०३,१०७,१०८ प १७।१५०,१५२ उव्वट्टिता (उद्वर्त्य) १६६६ उ १११४१ उस्सण्हसहिया (उत्श्लक्षणश्लक्षिणका) ज २१६ उव्विग्ग (उद्विग्न) प २।२० से २७ ज ३।१११, उस्सप्पिणी (उत्सपिणी) प १२१७,८,१०,१२, १२५ उ ११८६; ३१११२; ४११६ १६,२०,२७,३२,१८१३,२६,२७,३७,३८,४१, उम्बिद्ध (उद्विद्ध) ज २६५,३।३१,५१२८ ४३,४५,५६,६४,७७,८३,६०,९५,१०७, जिविह (उद्-व्यध्) उबिहइ उ ११६१ १०८. ज २११,३,६,१३८,१६१,१६४; उब्वेह (उदवेध) ज० ११२३,५१,४११,३,६,१४; ७१०१ सू ६५१८।१६।२; १७१;२०१५ २५,३६,४०,४३,५४,५७,६२,६४,६७,७२, उस्सास (उच्छ्वास) प १२११४१७११११ ७८,८०,८४,८६,८८,६०,६५,१०३,११०, उ ५१४३ १२८,१४६,१५४,१५६,१७२,१७८.१८३, उस्सासणाम (उच्छ्वासनामन्) प २३॥३८,५५, २०३,२१३,२२१,२२६७२०७ Page #150 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उस्सासखाएक्कहत्तर ८६३ उस्सासद्धा (उच्छ्वास अद्धा') ज १४ उस्सासविस (उच्छ्वासविष) प १७० उस्सिय (उच्छ्रित) ज ३११८४. सू १८१३ उस्सीसग (उच्छीर्षक) ज ५१६७ उस्सुक्क (उच्छुल्क) ज ३११२,१३,२८,४१,४६, ५८,६६,७४,१४७,१६८,२१२,२१३ उस्सेह (उत्सेध) ज ११४०,३।१२,८८,१६७।११; ४।१०३,१७८,५१५७,५८ च १० उ १३; ३।१२ उस्सेहंगुल (उत्सेधाङ्गुल) ज २१६ ८८,६०,६२,१०४,११७,११५,१३४,१३५, १३८,१४०,१४२,१४३,१५१,१५३,१५५, १५७,१६०,१६१,१६४,१६६ से १६८,१७१ से १७३ ज २।६,१२६,१२४ ऊताल (एकोनचत्वारिंशत्) सू१९१४ ऊतालीस (एकोन चत्वारिंशत्) सू २३ ऊर (ऊरु) उ ११३८,३।११४ ऊस (ऊष) प ११२०१ ऊसय (उत्सव) उ १९७१,७२ ऊसविय (उच्छित) ज ५२१ सू १८१८ ऊसस (उत् +-श्वस्) ऊससंति प ७१ रो३; १७४२२८।२१,३३,६७ ऊसास (उच्छवास) प११४८।५३ ज० २।४।१ ऊसिय (उच्छित) प २१४८,१५१५२ ज ११४२; २११५,१६,५२,१६१,३७,३५,१०६,१७८; ४१६,१४,३१,४१,४६,६८,७६,६३,२२१; ५१४३;७।१६६,१७६,१७८ सू १८८. उ०३७ ऊण (ऊन) १२२६,२७१४,२१६४।७,४।३,६,६, १२,१५,१८,२१,२४,२७,३०,३३,३६,३६, ४२,४३,४५,४६,४८,४६,५१,५२,५४,५८,६४, ६७,७१,७४,७८,८१,८७,६०,६४,६७,१००, १०३,१०६,१०६,११२,११५,११८,१२१, १२४,१२७,१३०,१३३,१३६,१४२,१४५, १४८,१५१,१५४,१५७,१६०,१६४,१६७, १७०,१७३,१७६,१७६,१८२,१८५,१८८, १९१,१६४,१६७,२००,२०३,२०६,२०६, २१२,२१५,२१८,२२१,२२४,२२७,२३०, २३३,२३६,२३६,२४२,२४५,२४८,२५१, २५४,२५७,२६०,२६३,२६६,२६६,२७२, २७५,२७८,२८१,२८४,२८७,२६०,२६३, २६६,२६६।१२।१०।१५१५७,१८१६,१०,१२, ५६,६४,७७,८१,८३,८४,८९ से ११,६५, ६६,१०८,२११७४:२३।७६,१५६ ज १११७६१,२१८८४१५५,६२,७४२७,२६, ३० सू १११४,१६,२१,२३,२४;६:१:१५।१८, १६,२९,३४ ऊणक (ऊनक) सू १३।२।। ऊणग (ऊनक) प २३१६६,८१,८३ से ८६,८६, ६५ से १६,१०१ से १०३,१११ से ११४, १५२ ज ३१२२५,१५१२७ ऊणय (ऊनक) प २३१६१,६४,६८,७३,७५,७७, एकादसम (एकादश) सू १०११२४१२ एकावलि (एकावलि) ज ३१२११ एकासीइ (एकाशीति) ज ४।११० एकणवीसतिम (एकोनविंशतितम) सू० १२।१६ एक्क (एक) प ११४८1५४ ज १।३२ सू १०।१५७ एक्कग (एक) ज ७१३१४१ एक्कड (इक्कट) प ११४११ एक तरह का सरकंडा जिसकी चटाई बनाई जाती है। एक्कतीस (एकत्रिशत्) प ४२९१ ज ४।११३ सू २।३ एक्कतीसधा (एकत्रिंशद्धा) सू १३।१४,१६,१७ एक्कमेक्क (एकक) ज ५१ एक्कवीस (एकविंशति) १७१६. ज २६ सू २१३. उ ५:१० एक्कवीस (एकविंशतितम) प १०११४।४ एक्कहत्तर (एकसप्तति) ज ११४८ Page #151 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८६४ एक्काणउति-एगवउ एगगुण (एकमुण) प ३११८२,५११४६,१५०; १११५.४.५६,५८,६०:२८७,१०,५३,५६ एगग्ग (एकात्र) ज ५१२५ एगजडि (एक टिन्) सू २०१८ एगजोक (एकव) प२४७।१ एकजीविय (एकत्रीविका) प१४७।१ एगट्ठ (एकार्थ) सू १६६२,४,६ एगट्ठिभाग (एक टिनम) सू १११४,१६,२०, एक्काणउति (गकनवनि) सू १११६ एककार (एकादश) व १०।१४१३ एक्कार (एकादशन) सू १८१६ एक्कारस (कादान्) ११.१ ज ११४८. सू १२१६. र १६६ एक्कारस (एकादश) ५ १०११४१२ एक्कारसग (एकादश) ज ७११३१२ एकारसम (एकादश) प१०।१४।१ ज ७१६७ सू १०१७७१३।१० उ १११४,१५,२१,१४०; ३११२६ एक्कारसविह (एकादशयि) प १६१३,२० एक्कारसी (एकादशी) १.५ एक्कावण (करना) : ७१६ सू ११२७ एक्कासी (एक शीति) सू १६१८ एक्कासीइ (एकाशीति) ज ४११४३ एक्कासीत (एकाशीति) सू १६५ एक्कासीतिविह (काशीतिविध) ५० १७४१३६ एकिक्किय (एककक) सू १६।२२।८ एक्कणवीसइम (एकोनविंशतितम) प ११४८१६२ एक्केक्क (एकैक) प ११४८१५८ ज ७१७८।१.२. सू८।१:१६।२२।४ से ६ एग (एक) प १२० ज १७. सू १।१४ उ १११७ एगइय (एकक) प १७५:११४५,४७ से ४६; १७१३,२०६१,४,१७,१८.२२,२५,२८,२६, ३४,३८,३६,४६,५०,५३,५८,२२१५६,२३६; ३४१७ से ६,११,१२,१५,१६ १२२,५०, २२५८,८३,१२३,१२८,१४८,१५१,१५७; ३३१०,११,८६,८७,१४४,४।१०१,१८४; ५।२७,५७,६१४ उ ११६७३।११४,१३०, १३१,१३४,१५१:५।१७,२६ एगओवत्त (एकतोवत्त) प ११४६ एगत (एकान्त) ज ३१९८५१५,२६. सू २०१७. उ ११५४ मे ५७,५६,९३,७१ से १८४ एगखर (एकखुर) प ११६२,६३ एगठ्ठिय (एकास्थिक) प ११३४,३५ एगठिहा (एकपष्टिधा) सू२१३ एगणासा (एकनासा) ज ५११०।१ एगतओ (एकततम् ) 3 १{१२५ एमतारा (एकताग) सू १०१६२ एगतिय (एकक) प ६।११० सू । एमतीस (एकत्रिशत् ) ज ४।६२ सू १३।११ एगतोनिसहसंठिय (एकतानिषधसं स्थित) सू ४१३ एगत्त (एकत्य) प ११८३,८५,२२।२५,२८; २३१८,१२,२४।६।२५१४;२७।२;२८१२४; १३०,१३१,१३६,१४३,१४५ एगदिसि (एकदिश) ज ७४८ एगपएसिय (एकप्रदेशिक) प १११४६ एगमेग (पकैक) प १०१५१५।८३,८४,८६,६४ स ६७,१००,१०३ से १०६,१०६,११४,११५, ११७,१३५,१४१,३६१८ से ११,१८ से २२, ३०,३१,४४,४६ ज २१४:४१६४,११५,२६२, ६।१४,१६,२१,२२,७१३,१६,१६ से २५, ६६,७२,७५,७८ से ८२,८४,९५,९६,९८ से १००,११४ से ११६,११६,१७० सू ११८, २०,२१,२३,२४,२७,२६३, ६।११०।८४,८५, ८७,६०,६१,१२४:१५।२ से ४,२६ से ३४; १८।४,२१ एगयओ (एकततस्) ज ३.१११ एगराइय (एकररात्रिक) प २१७० एगलक्खण (गकलक्षण) सू १६।२,४,६ एगवउ (एकवचस्) प ११२१ Page #152 -------------------------------------------------------------------------- ________________ एगवयण- एत graण ( एकवचन ) प ११३८६,८७ एगविह ( एकविध ) प २२३,६,६,१२,१५,२२८३, ८४,८६,२४।१० से १२:२६१२, ४, ६, ८ से १० एगबीस ( एकविंशति ) प ४/२,६१ सू २/३ एसट्ठि ( एकषष्टि) ज ७ ७ एसट्ठिभाग ( एकषष्टिभाग) ज ७ २७,२६,३०, ६६,७२, ७५ एसट्ठिनाथ (एकषष्टिभाग ) ज ७१६५,६६,७१, ७२,७५,७७ एसट्ठिा ( एकपष्टधा ) ज० ७ २१, २२, २४, २५ एगसत्तर (एकसप्तति ) ज ४।१६६ सू १२ १२ एग समय ( एकसामायिक ) प ३६/६०,६७,६८, ७१,७५ एगसमइयट्ठितीय ( एकसमयस्थितिक ) प ५।१४६, १४७, ११ ४१ एगसमयठतीय ( एकसमयस्थितिक ) प ३१३८१ एगसाडिय (एकशा टिक) ज ३०६ : ५३२१ एगसिद्ध ( एगसिद्ध ) प १११२ एग सेल (एकल) ज ४ १६६,१६७ एगसेलकूड (एकलकूट) ज ४१६८ गागार ( एकाकार ) प ११६०,७२,७३,८०,८१, ८४; १३ २०; २१।७२, २३।५१ से ५३, ५५,५६, ज ४।२५६ एगारस ( एकादशन् ) ज ३।१ गावण्ण ( एकपञ्चाशत् ) ज ७ २० गावलि ( एकावलि) ज ७ १३३ गावलिसंठिया ( एकावलिसंस्थित) सु १०/५० एगासीति ( एकाशीति) ज ३३२ एगाहच (एगाहत्य) उ ११२२,२५,२६,१४० गाहिय ( एकाहिक ) ज २१६,४३,७५२५ सू २१३ एगिदिय (एकेन्द्रिय) प १११४, ४८ ३४० से ४२, ४४, ४६,१४१ से १४३,१८३,६७१,८३,८६,६२, १००, १०२, १०७,११२; १० ३६ ११ ३६, ४१,८०,८४,१३११६,१५११०३; १६।२७, १७/३६,५६,६०,६२,८७,१८।१४,२०; २०१३५२१२ से ५, २२ से २५, ३६, ४०४६, ८६५ ५०,५७,६४, ७५,७६,७६,८०, ८५, ९४; २२।२५, ८२ २३/४०, ८५, १३४, १३५,१३७ से १४०, १४२, १४३,१५०,१५६,१५६; २४।१३:२६ ४, ५, ६, २८।११२; २८,६६, १०२,१०६,११२,११५, ११६, १२३, १२६, १२७,१२६,१३२,१३३,१३७ से १४१,१४३; ३४५,१४:३५।७,३६।५६,६६ ज ३।१६७१५, १७८ offरण (एकेन्द्रियरत्न) ज ३११७८, २२०; ७/२०५, २०६ एगुणणउड ( एकोननवति) ज ७ १४ एगूणण उति ( एकोनवति) ज २१८८ सू ११२७ एगूणतालीस ( एकोनचत्वारिंशत् ) सू २१३ एगूणतीस ( एकोनत्रिंशत् ) प ४१२८५ सू २३ एगुणपण्ण ( एकोनपञ्चाशत् ) ज २।४६ सू २३ एगुणवण्ण ( एकोनपञ्चाशत् ) प ४६८ एगुणवीस ( एकोनविंशति ) प ४ । २५७ ज ७१४ सू १।१० errates ( एकोनविंशति) ज १।१८ गुणवीसइभाग ( एकोनविंशतिभाग) ज १।२३; ४१८१, ६०, ६८, १६६ एगूणवीस भाय ( एकोनविंशतिभाग ) ज १।१८, २०, ४८, ४६८, २००,२०१ एगुणवसति ( एकोनविंशति ) जरा एगूणसट्ठि ( एकोनषष्टि) सू १२/६ एगूणासts ( एकोनाशीति) ज २२५६ एगेंद (एकेन्द्रिय) प १ १५; ३।४६ एगोरु ( एकोरुक) प १९८६ एज्ज माण (एजमान) ज ३।१०७ एज्जमाण ( आयत् ) उ १२२,८६,१४० एज्जेमाण (आयत्) ज ४१३५, ४२,७१,७७, ९४ √ एड (एड् ) एडेइ ज ३६८ एडेंति ज ५।५ एडेला (एलित्वा एडित्व) ज ५१५ एणी (एणी) ज ३।१०६ एत ( एतद् ) प १२० Page #153 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८६६ एताव ( एतद्रूप ) प १७ १२३ से १२४, १२७, १२५, १३० से १३२,१३४,१३५ एताब ( एतावत् ) ज २१४ एलात ( एतावत् ) सू १३।१०,१३ से १६ एतो (इतर) प १७ १३५ उ ३।१०१ एत्थ (अत्र ) प १।७४ ज १३३ चं ७ १।२ उ ३१४५ १८,१०६,११८,१२६,१३१५।२३,३१,३६, ३७ एरंड (एरण्ड ) प १४२१२; ११४८४६ एरंडबी ( एरण्डबीज ) प ११।७८ एरणवय (ऐरण्यवत ) प १७।१६३ ज २।६ एरवत ( ऐरवत ) प १८८ एरव (ऐरवत ) प १६ ३०,१७ १६० ज ४।१०२; ५५५ ६१६,१३,१६,२० सू १११८, १६ एरवकूड (ऐरवतकूट ) ज ४।२७५ एरावण (ऐरावण ) ज ४११४२१३,२०७,२६२; एवइ ( एतावत् ) प ३६१६० एमेव ( एवमेव ) प १।१०१३ एवय ( एतावत् ) प ३६१५६,६६,७४ ए ( एतद् ) प १२६ ज ३।१०७ चं २५ सू ११६ एवं ( एवं ) प १६० ज ११६ च २५ सू ११५ उ १११७ उ ११४ एयारूव ( एतद्रूप ) प १७ १२६ ज ११११ ; २१७, १८३१२६, २७, ३६, ४०, ४७, ४८,५६, ५७,६४,६५,७२,७३,११२,१२२,१२३, १३३, १३४,१३८,१३६,१४५, १४६, १८८, १६५, १६७,४१७,१५,२६,१०७,१४६, ५१३, २२ उ १।१५,१७,३४, ४०, ४३,५१,५४,६३,६५, ७४,७६,७६,६६,१०५ ३२६,४८,५०,५५, ५।१८ रावणवाहण (ऐरावणवाहन ) प २१५० एराति (ऐरावतिक) सू १।१६ एराय (ऐरावत) ज ४।२७४,२८७ एराग ( ऐरावतक) ज ४१२५२ एरिस ( ईदृशक ) प २३१६५, १६६,२०० सू २०१७ उ १।१४० एरिसिथ ( ईदृशक ) प २३१२०१ एल (एलक ) प ११६४ ज २१३४,३५ एतारूव ओगहण ट्ठया एलय (एलक) प ११।१६ से २० एलबालु (दे० ) प ११४८।४८ एलवालुंको (दे० ) प १।४०।१ एलापुड (एलापुट) ज ४।१०७ एलावच्चा ( एलापत्या ) ज ७ १२० सू १०८८११ एवं (एव) ज १।१६ सू १६।१११।२ एवंकरणया ( एवंकरण ) ज ३११२६ एवंभाग ( एवंभाग) सू ११६; १०/४ एवंभूय ( एवंभूत) प १६ ४६ एवति ( इयत्, एतावत् ) प ३६६७,७१,७५ एवतिय ( एतावत्, इयत् ) प ३६१६६,६८,७०,७३ सू २१२:१६ २२१२,३ एवमेव ( एवमेव ) प ३४११६ एवामेव ( एवमेव ) प २८।१०५ १।२६ सू ३०१; १०।१२७१।६३ एससमय (एषणास मित) ज २२६८ ३६६ एसणिज्ज (एपणीय) उ ३१३६,३८ ओ ओअवण (दे० साधन, स्वायत्तीकरण ) ज ४।२७७ ओइण्ण (अवतीर्ण) उ ११६०, ६१ ओगाढ ( अवगाढ ) प ३।१८०, १८२५११३९ से १४५१०११८ से ३०,१११५०,६२ से ६४, ६६।१, १५११११; १५११२,२५; १७११४१ ; २८१५,१२,१३,२०,३२,५१,५८,५६,६६ जे ७ ४१, ४२,५०,५८ / ओगाह (अव + गाह) ओगाहइ ज ३१२२,२६ चं ३१२ सू १।७।२ उ ३१५१ ओगाहई प ११०१६ ओगाहेइ ज ३०४४ गाहट्ठया ( अवगाहनार्थ ) प ५१५, ७, १०, १२, १४,१६,१८,२०,२४,२५,२८,३०,३२,३४, ३७,४१,४५,४६,५३,५६,५६,६३,६८,७१, Page #154 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ओगाहणसंठाण-ओय विय ८६७ ७४,७८,८३,८४,८६,८६,६३,६७,१०१,१०२, १०४.१०५,१०७,१११,११५,११६,११७, ११६,१२६,१३१,१३२,१३४,१३६,१३८, १४०,१४३,१४५,१४७,१५०,१५४,१६०, १६३,१६६,१६६,१७२,१७४,१७७,१७९, १८१,१८४,१८७,१६०,१६३,१६७,२००, २०३,२०७,२११,२१४,२१८,२२१,२२४, २२८,२३०,२३२,२३४,२३७,२३६,२४३; १५।१३,२६,३१ ओगाहणसंठाण (अवगाहनासंस्थान ) प १।११६ ओगाहणा (अवगाहना) १७४,८४, २१६४१४, ६ से १५१६६,१३२,१६५,११।७२, १५।१३,२६,३०,३१,५८।२,६५,२१।१।१, २१॥३८,४० से ४२,४८,६३ से ६६,६८ से ७१,७४,८४ से ६४,१०५ उ ३।८३,१२०, १६१,४१२४ ओगाहणाणामणिहत्ताउय (अवगाहनानामनिधत्ता युष्क) प ६।११८ ओगाहणाणामनिहत्ताउय (अवगाहनानामनिधत्ता युष्क) प६।११२ ओगाहणानामनिहनाउय (अवगाहनानामनिधत्ता- युष्क) प६।११६ ओगाहिऊण (अवगाह्य) ज ४।२४० ओगाहित्ता (अवगाह्य) प २२१,२२,२४ से २७, ३० से ३२,४१ से ४३; १५१४३,४५,५२ ज ११४६, ४।२२१; सू ११२२ उ ३१५१ ओगाहेत्ता (अवगाह्य) २।२३,३३,३५,३६ ओगिहित्ता (अवगृह्य) उ ११२,३१२६, ५१२६ ओगुंडिय (अवगुण्डित) २११३३ ओग्गह (अवग्रह) ११२:३१२६,६६,१३२; ५.२६ ओघ (ओघ) ज ५२२ से २४ ओघमेघ (ओधमेघ) २११४१,१४२,१४५; ३१११५.११६,१२२,१२४ ओघसण्णा (ओषसंज्ञा) प ८.१,२,३ ओघस्सर (ओघस्वर) ज ५१५२,५६ ओचूलग (अवचूलक) ज ३११२५,१२६,१७८; ७१७८ ओच्छपण (अवच्छन्न) ज २११२,१३,३।१२१ ओट्ठ (ओष्ठ) प २।३१,३२ ज २१४३,७१७८ उ ३१११४ ओठावलं विणी (ओष्ठावलम्बिनी) प १७११३४ ओणय (अवनत) ज २१६० ओत्थय (अवस्तृत) ज ३।६,१८,६३,१८०,२२२ ओभंजलिया (दे०) १५१ ओभास (अव-भास्) ओभासइ ज ४।२१० चं २११ सू १९६।१ ओभासंति सू०३।१ ओभासति सू ३१२ ओभासें ति ज ७।४६,५८ ओभास (अवभास) ज ११२३,२११२:४।२०१, २१४,२४०,२६४,२७० सू २०१८,२०८१६ ओम (अवम) सू ६३ ओमंथिय (दे० अवमस्तिक) उ १२१५,३५, ३।६८ ओमज्जायण (अव मज्जायन) ज ७१३२११; सू १०११०६ ओमत्त (अनमत्व) १५४४,४५ ओमरत्त (अवमरात्र) सू १२११६,१७११ ओमइत्ता (अवमुच्य) ज २१६५ उ ३।११३ Vओमुय (अव + मुच् ) ओमुयइ ज २१६५,२२४; ५१२१ ३ ३१११३,४१२० ओमोय (दे०) ज ३१६ ओम्मिमालिणी (मिमालिनी) ज ४२११ ओय (ओजस्) चं ।२ सू १।६।२;६।१;६३ ओयमि (ओजस्विन) ज ३७७,१०६ 1 ओधर (अब ' त) ओयरइ उ १६७ ओयव (द०) ओयवेइ ज ३११७५ ओयवेहि ज ३१७६,१२८,१५१,१७० ओयवण (दे०, साधन, स्वायत्तीकरण) ज ३।१२६;४११७७ ओयविता (दे० अधीनीकृत्य) ज ३१७१ ओयविय (दे० परिकर्मित) प २।३१ ज ४.१३ स् २०१५ Page #155 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८६८ ओयवेऊण (दे० स्वायत्तीकर्तुं ) ज ३।८१ ओयवेत्ता (दे० अधीनीकृत्य ) ज ३३७६ ओयसंठिति (ओजः संस्थिति ) सू ११६; ६ १६ शर ओयाय (उपयात ) उ १११४,१५,२१,१३६, १३७ ओयाहार (ओज आहार ) प २८११०४,१०५ ओराल (दे०, उदार ) प ३४११६,२१,२२ ज ११५; २१६४३।१८५४।१०७ सू २०१७ उ ११४०, ४१, ४३, ४४ २१११ ओरालिय ( औदारिक) प १२१, ३ से ५, ८, ६, ११ से १३, १५ से १७,२१,२३,२७ से २६, ३२,३३,३५,३६,२१११,३६,८०,८२,१०२, १०४,१०५२३।४१ से ४४,८६,६२,३६।१२ ओरालियामीसगसरीर ( औदारिकमिश्रकशरीर ) १६।१५ ३६८७ ओरालियमीससरीर ( औदारिक मिश्रशरीर) १६।१,४ से ७ ओरालियमीसासरीर ( औदारिक मिश्रकशरीर ) क १६।१२ से १५; ३६८७ ओरालियसरीर ( औदारिकशरीर ) प १२/२३,२७, ३२,१६।१,४ से ७,१२ से १५,२११२ से ५, १६ से २५,२८ से ३२,३६,३५,४० से ४२, ४८,७६,७७,६५,६८ से १००,१०४,१०५; २२१३७,४४,४५,२८११०४,१४१,३६१८७ ओरालियरीरग (औदारिकशरीरक) प १२१२० ओरालियसरीरय ( औदारिकशरीरक ) प १२७ ओरालियसरि ( औदारिकशरीरिन् ) प २८१२,१४१ ओरोह (अवरोध ) ज ५।२२,२६ ओलंग ( अवलम्ब) ज ७ १७८ ओलुग्ग ( अवरुग्ण ) उ १।३५ ओवय (दे० ) प ११५० ओवक्कमिया ( औपक्रमिकी ] प ३५ | १|१:३५ ।१२, १३ ओमिय (ओमिक) ज २०४, ५ ओयवेऊण - ओहडिय ओवन ( औपम्य ) प २६४।१८ ओवम्मसच्च ( औपम्यसत्य ) प ११।३३।१, ११:३३ / ओवय ( अव + पत्) अवयंति ज ५।५७ ओयवमाण (अवपतत् ) ज ५१४४ ओववाइय ( औपपातिक) ज २१८३५।५७ ओवाय (अवपात) ज २२३८ ओवासंतर ( अवकाशान्तर ) प १५१५१ ओविय (दे० ) ज ३६,२४; ५१२१,२८ / ओक्क ( अव + ष्वप्क् ) ओसक्कति प १७ १५२, १५५ ओसक्कत्ता ( अवष्वष्क्य) सू १०।१४८ ओसण्ण ( अवसन्न ) प ६१४,६,८,१०२८१२०, २६,३२,६६ ज २।१३३,१३५ से १३७ उ ३।१२० ओसण्णविहारि ( अवसन्नविहारिन् ) उ३।१२० ओसत्त ( अवसक्त ) प २ ३०, ३१, ४१ ज ३७,८८ ओसधि ( ओषधि ) प १०३३।११।४५ ज २३१३१, १४४ से १४६; ३।१३३,२०,२११५ ॥५५, ५६ ओपिणी ( अवसर्पिणी ) ११२७, ८, १०,१२,१६, २०,२७,३२; १८१३, २६, २७, ३७, ३८,४१,४३, ४५,५६,६४,७७, ८३, ६०, ६५, १०७, १०८ ज २११,२,६,७,५२,५६,१३५३१ सू८११; ६६२; १७११;२०१५ ओसरिता ( अपसृत्य ) ज ५।५८ ओसह ( ओषध) उ ३।१०१ ओसही ( ओषधी) ज ४२००११ नगरी का नाम ओसा (दे० ) प १।२३ ओसारिय ( उत्सारित) उ ११३८ ओसोवणी (अवस्वापिनी ) ज ५/४६,६७ ओहय ( उपहत, अवहत ) ज ३३१०५, १०६, २२१ उ १।१५,३५,४१ स े ४४,७१३३६८ ओहस्सर ( ओघस्वर) ज २०१६ : ५|५१ ओहडिय ( अवघटित ) ज १।२४ Page #156 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ओहारिणी-कंतरिय ८६६ ओहारिणी (अवधारिणी) प ११११ से ३ ओहि (अवधिप ११७१७।१०६ से १०८, ११०; ३३।१।१; ३३.१ से १३,१५ से १६, २६,२७,३५ ज २१६०,६३, ३।१२,५६,८८, ११३,१४५, ५.३,७।२१,५८ उ ३७,६१ ओहिणाण (अवधिज्ञान) प ५१५,७,२४,४१,४६, ६७,११५,१७१११२,११३, २०१७,१८,३४; २८.१३६,२६२,६,१७,१६,३०।२,६ ओहिणाणारिय (अवधिज्ञानार्य) प १९६ ओहिणाणि (अवधिज्ञानिन्) प ३।१०१,१०३; ५६४३,६६ मे १६,११४ से ११७; १३।१४; १८१८०२८।१३६, ३०1१६ ज २१७६ ओहिदसण (अवधिदर्शन) प ५१५,७,४५,६७; २६॥३,७,१७,१६,३०१३,७ ओहिदसणावरण (अवधिदर्शनावरण) प २३।१४ ओहिदंसणि (अवधिदशं निन्) प ३.१०४:५।४७, ६६,११७,१८१८७,३०१६ ओहिनाणपरिणाम (अवधिज्ञानपरिणाम) प १३१६ ओहिनिगर (अवधिनिकर) ज ३३१२,८८ ओहिय (औधिक) प २।३४,३७,४२,४३,५०%; ४।५५,६८,७५,६१,६७३,७४;१११८२,८३; १२२६,२८,२६,३२ से ३४,३६:१५.१८, १६,३०; १७।२८ से ३०,३२,३३,३५,५८, ६०,६२,६३,२११३१,३६,४२,४४ से ४७, ६१,७०:२२१२४,२३।१७६,१८१,१६५,१६०, २६१५ कओ (कुतस्) प ६८२,६३,१११३०११ ज ७।३१ कंक (कक) प १७६ ज २११३७ कंकरगहणी (कङ्कग्रणी) ज २०१६ कंकडग (कंकटक) ज ३1३५,१७८ कंकण (कडकण) उ ३।११४ कंकावंस (दे०) प ११४११२ कंग (कङ्गु ) प ११४५१२ ज २१३७,३।११६ कंगुया (कंग) प ११४०१२ कंचण (काञ्चन) ज ११३७२११५,७०,३११२, २४,३५,८८,१०६.११७:५१५८,७१७८ कंचणकूट (काञ्चनकूट) ज ४।२०४११ कंचणकोसी (काञ्चनकोशी) ज ३१७८ कंचणग (काञ्चनक) ज ४।१४२२१ कंचणगपव्यय (काञ्चनकपर्वत) ज ४।१४२ ६१० कंचणपुर (काञ्चनपुर) प ११६३१ कंटक (कण्टक) ज ४।२७७ कंटकबहुल (कण्टकबहुल) ज ११८ कंटग (कण्टक) ज २६३६ कंटय (कण्टक) ज ३१२२१ कंठ (कण्ठ) ज ५।५६७।१७८ कंठाणुवादिणी (कण्ठानुवादिनी) सू ११४ कंड (काण्ड) प २६४१ से ४३,४६ कंडावेलु (कण्डावेणु) प ११४१।२ कंडुइय (कण्डू यित) ज १११३३ कंडक्क (कंडुक) प ११४८१५०,६२ भिलावा, तमाल कंडुरिया (कंडुर) प ११४८१२ एक तरह का सरकंडा कंत (कान्त) प २१४१,२८।१०५ ज २।१५,६४, ६५;३।६२,११६,१८५,२०६:५।२८,५८ सू २०१४ उ ११४१,४४,३।११२,१२८,५२२ कंततर (कान्ततर) ज २११८,४।१०७ कंततरिय (कान्ततरक) प १७११२६,१२७,१३३ ___ से १३५ ज २११७ कंतत्त (कान्तत्व) प ३४।२० कंतयरिय (कान्ततरक) प १७१२८ क क (किम् ) प ११ ज ११४५ सू ११६ उ ११४ कइ (कति) प १५१५३,१५।१४१,२२।४०,४१, ६०,२५१४ ज ११३४,४१२१४ चं ११.३ सू ११६।१,३ उ ११६; २।१,४।१ कइविह (कविविध) प १६११:२११७,१३,३०२ __ ज २।५७११०४,१०५,१११ से ११३ कइरसार (करीरसार) प १७११२५ Page #157 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६७० कंतस्सरता-कट्ट कंतस्तरता (कान्तस्वरता) प २३११६ कंति (कान्ति) ज २६५:३।१८६,२०४ कंद (क-द) प ११३५,३६,४८७,११,२१,३१,३५, ६१,१११०१,१२८ ज ४७ उ ३३५०,५१,५३ कंदप्प (कन्दर्य) १ १४१ कंदपिय (कान्दर्पिक) २०१६१ ज ३।१७८ कंदमाण (क्रन्दत्) उ ११९२३.१३० कंदमूल (कन्दमूल) प ११४८१८,६१ कंदर (कन्दर) ज २१६५ ; ३१३५ कंदल (कन्दल) ज ३३५ कंदलग (कन्दलक) प ११६३ कंदील (कन्दली) प ३७२,१।४३३१ कंदली (कंद) (कन्दलीकन्द) प ११४८०४३ कंदलीथंभ (कन्दलीस्तम्भ ) प १११७५ कंदाहार (कन्दाहार) उ ३.५० कंदित (ऋन्दित) प २१४१ कंदिय (ऋन्दित) प २।४।१ कंदु (कन्दु) उ ३१५० कंदुक्क (कंदुक) ब ११४८.५० कंपण (कम्पन) ज ३।३५ कंपिल्ल (काम्पिल्य) प ११९३२ कंबल (कम्बल) प १५१११२,१५१५१ कंबु (कम्बु) प ११४८३ कंस (कांस्य) प १११२५ ज २।२४,६६ सू २०१८ कंसणाभ (कंसनाभ) सू२०१८, २०१३ कंसताल (कांस्यताल) ज ३।२१ कंसवण्णाभ (कांस्यवर्णाभ) सू २०१८ कसोय (कंसीय) प १११२५ ककुह (ककुद) ज ७।१७८ कक्कस (कर्कश) उ ३१९८ कक्केयण (कतन) ज ३१३५,१०६ कक्कोडइ (कर्कोटकी) प १४०।२ कक्ख (कक्ष) ज० २।१५ उ० ३।६८ कक्खंतर (कक्षान्तर) उ ४१२१ कक्खड (कवखट) प ११४ से ६; २।२० से २७; ३११८२,५५,७,२०६ से २०८:१३।२६) १५११४,१६,२७,२८,३२,३३,२३३१०२८९ १०,२०,३२,५५,५६,६६ कच्चायण (कात्यायन) ज ७१३२१४ सू १०।११७ कच्छ (कक्ष) ज ४।२४८ कच्छ (कच्छ) ज १८१,४।१६२२१,१६७,१७२।१, १७७,१७८,१८१,१८४,१८७,१६०,२००; ७.१७८ कच्छकूड (कच्छकूट) में ४।१६३,१६४,१८० कच्छगावइ (कच्छकावती) ज ४।१८५ से १८६ कच्छगावइकूट (कच्कावतीकूट) ज ४।१८७ कच्छगावती (कच्छकावती) ज ४११८७ कच्छभ (कच्छप) प ११५५,५७ ज २११३४; ४१३,२५ सू २०१२ कच्छभी (कच्छभी) ज ३।३१ कच्छविजय (कच्छविजय) ज ४।१६३,१६६,१६६ कच्छा (कक्षा) वराही नामक पौधा, भींगुर प११४६,११४८१६२ कच्छ (कच्छू) ज २११३३ कच्छुल (कच्छुरा) प ११३८१२ कच्छुरी (कच्छुरा) ५१३७११ कज्ज (कृ) कज्जाइप २२।१०,१५,१६,१८,४८, ५०,५२,६७ से ६६,७२,८२,६१ से ६३,६८, ६९ ७५२,५३ कज्जति ११७।११,२२, २३,२५,२२।५१,७१,७३।७४ कन्जति प १७१२५,२२१६,११ से १४,१७,१६,४८ से ५०,५२ से ५६,६१ से १५.६७ से ६६,७१ से ७४,७६ से ७६,८१,६१,६४,६७ से ६६ कज्ज (कार्य) सू१०११२० उ ३।११,५१,५६ कज्जल (कमल)५१७४१२३ कज्जलप्पभा (कज्जलप्रभा) ज ४।१५५।२, २२३०१ फज्जोक्य (कार्योपग) ज ७१८६।२ सू २०१८; २०१८२ कटु (कृत्वा) प ११७० ज श६४ सू १२०, २१ उ १११७ Page #158 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कट्ठ-कण्णपाउरण ८७१ कट्ठ (काष्ठ) प १६४८।३० से ३७ ज २१६५, ६६,९८,१३१,३१६८,५५,१४ से १६ उ ३१५०,५१ कठ्ठपाउयार (काप्ठपादुकाकार) प १६७ कट्ठमुद्दा (काष्ठमुद्रा) उ ३।५५,५६,६३,६४,६७, ६८,७०,७१,७३,७४,७६ कट्ठसेज्जा (काप्ठशय्या) उ ५।४३ कट्ठा (काष्टा) सू १४६३११६१ से ३ कट्ठाहार (काष्ठाहार) प ११५० कड (कृत) २०१३९;२३।१३ से २३ ज १११३, ३०,३३,३६,२७१,४।२ सू १२१२ से ६,१० से १२ उ ११२७,१४० कडक्ख (कटाक्ष) ज ७१७८ कडग (कटक) प २१३० ज ३१६,६,१७,२६,२६, ४७,५६,६४,७२,६७,१०६,१३३,१३५,१३८, १४५,१५०.१६१,२११,२२२२५२१,५८ उ ५१५ कडय (कटक) पश३१,४१,४६ ज ११६,३१६५, १५६,४१६ कडाह (कटाह) प ११४८४६ कटावक्ष कडि (कटि) ज ३।१७८७११७८ उ ३३११४ कडिसुत्त (कटिसूत्र) ज ३।६,२२२ कडुमतुंबी (कटुकतुम्बी) १७१३० कडुगलंबीफल (कट कतुम्बीफल) प १७।१३० कडुच्छुग (दे०) ब १२४०,४११३६,२४२ कडुच्छ्य (दे०) ज ३१११,१२,८८,४१२१६; ५।५५,५७,५८ उ ३१५०,५५ कडय (कटक) प १४ से ६५५,७,२०५; २८१२०,३२,६६, ज २११४५,७।११२१२ सू १०११२६।२ कढिण (कठिन) उ ३३५० कण (कण) सू २०१८ कणहर (करवीर) प १३८१ ज २०१० कणिकार का पेड कणकण (कणकण) ज ५२४ कणकणय (कणकणक) सू२०१८ कणग (दे०) ज ३.३५ बाण कणग (कनक) प १५१, २१४०1८,६२१४८ ज ११५,१६,३८, २११५,६४,६८,६६; ३६, २४,३५,५६,८१,१४५,१७८,२११,२२२; ४११०,११५, ४।२१०११,२१७; १५८, ७.१७८ कणगमय (कनक मय) ज ३.१६७४१२ कणगरयणदंड (कनकरत्नदण्ड) ज ३।१०६ कणगसणाम (कनकसनामन्) ज ७।१८६? सू २०११ कणगामई (कनकावती) ४.७,१५,२४५ कणगामय (कनकमय) ज ११४६,३३१०६,१६७ ४।१,११०,१५६ कणगावलि (कनकावलि) ज ३१२११ कणय (कनक) प ११४११२ पलाश, धतूरा कण्दय (दे०) ज ३३१ । कणय (दे०) सू २०१८ एक ग्रह का नाम कणयदंडियार (कनकदण्डिकार) ज ३।३५ कणयमय (कनकमय) ज ११४६।१ कविताणय (कनकवितानक) सू २०१८ ग्रह का नाम कणसंताणय (कन कसंतानक) सू२०१८ ग्रह का नाम कणवीर (करवीर')ज २११५,३३१२,८८,५।५८ कणिक्कामच्छ (कणिका मत्स्य) प ११५६ कणीयस (कनीयम) उ ११६५ कण्ण (कर्ण) ज २१४३,६४,५१२६,३८,७१७८ उ३।१०२ कण्णकला (कर्णकला) सू १।८।१२१२ कण्णगा (कन्यका) उ ५१३,२५ कण्णत्तिय (दे०) प १९७८ कण्णपाउरण (कर्णप्रावरण) प ११८६ १. हे० ११२५३ Page #159 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८७२ कण्णपीढ-कतिविह कण्णपीढ़ (कर्णपीठ) प२३०,३१,४१,४६ ७,६,११,६।१२,१६,२५,१०१३ से ५,२६, कण्णमूल (कर्णमूल) ज ५११६ २८,२६११७६,६०,१५:१३,१६,२६,२८, कण्णा (कन्या) ज ३१३२ ३१,३३,६४,१७१५६ से ६६,७१ से ७६,७८ कण्णायत (कर्णायत) ज ३।२४,१३१ से ८३,१४५,१४६,२०१६४;२१११०४,१०५; कण्णायय (कर्णायत) उ ११२२,१४० २८१४१,४४,७०,३४१२५:३६।३५ से ३७,३६ कण्णिमा (कणिका) ज ४७ से ४१,४८,४६ सू १३१६,८,१०,१३,१८१७, कणिया (कणिका) प ११४८१४५ ज ३२११७; ४१८,१५,१६ कति (कति) प ६१२०,१२१:८1१ से ३,१०११ कणियारकुसुम (कणिकारकुमुम) प १७१२७ ,१५,१११३०१११११४२,८८,१२११ से ५; कणिलायण (कणिलायन) सू १०६५ १४.१ से ३,५,११ से १४,१७; १५३१११, कण्णिल्ल (कणिल) ज ७१३२१६ १५.१,१२,१७,१६,२०,२५,३०,५४,५६, ५७,७७ से ८०,१३३,१३४,१७१३६ से कण्ह (कृष्ण) प ११४४१३:११४८१७,११६३१६; ४०,११२ से ११४,१२६,१३६,१३७, २।२०:१७।२६,५६ से ६६,७१ से ७६,८१ १४७,१५६,१५७,१५६ से १६१,१६३; से ८७,९४,१०० से १०४,१०६,१०६,११२, २१।१,६५,६६,२२११,२१ से २३,२६,२७, १६६,१६७,१६६ से १७२ उ १७; ५१६,१५, २६,३०,३२ से ३६,४२ से ४७,५७,६६,८३, १७ से १६ ८४,८६,८७,८६,६०२३११।१,२३३१,२,६,७, कण्ह (बल्ली) (कृष्णवल्ली) प १४०।३ २४,२४११ से ५,१० से १५:२५.१,२,५; कण्हकंदय (कृष्णकंदक) प १७।१३० २६.१ से ४,८,९,२७११ से ३,५,६:२८।३१; कण्हकडबु (दे०) प १४८।३ ३६।१,४ से ७,४२,४३,५३,५४,५८,६२ से कण्हलेस (कृष्णलेश्य) प १३३१५; १७१८३,६२, ६४,७७,७८ ज ११५,४।२६० चं ॥३,५ ६४,६५,१०३,१०४,१०७,१०८,१२१,१२६, सू ११६१३,१।९१ से ३:१०।८ से १६,६३ से १७०,१७२,१८१६६,२३:१६५,२०० ७४,७६,१२११,१३१४,५,१५ से ३७,१८११४ कण्हलेसट्ठाण (कृष्णलेश्यास्थान) प १७।१४६ से १७१६१ कण्हलेसा (कृष्णलेश्या) प १७:१२१:२८११२३ कतिपएसिय (कतिप्रदेशिक ) ११५१११,२४ कण्हलेस्स (कृष्णलेश्य) प १३३१४,१६ कतिपदेसिय (कतिप्रदेशिक) प १७१४० कण्हलेस्सट्ठाण (कृष्णलेश्यास्थान) प १७:१४६ कतिप्पगार (कतिप्रकार) प ११।३०।१ कण्हलेस्सा (कृष्णलेश्या) प १३३१४,१६,१६१४६, कतिभाग (कतिभाग) ५२८1१।१,२८।२२,३४,३६ ५०;१७१३६,३८,३६,४१,४३,४७,५०,८२, ११४ से ११६,११८,१२१,१२३,१३०,१३६ कतिभागावसेसाउय (कतिभागावशेषायुष्क) से १४५,१४७ से १५०,१५६ से १६४ प६११४ से ११६ कण्टलेसापरिणाम (कृष्णलेश्यापरिणाम) ११३१६ कतिविध (कतिविध) प ६१११८,१७१३६ कण्हसप्प (कृष्णसर्प) प ११७० सू २००२ कतिविह (कतिविध) प ५।१,१२३ से १२५; कत (कृत) प २८११०५,३४११६ सू २०१७ ६।११६६।१,१३,२०,२६:११॥३१ से ३७, कतर (कतर) प ३३८ से ४८,५० से १२०,१२२ ७३,८६,१३१ से १३,२१ से ३१,१४७,६; से १२४,१७४,१७९ से १८२६।१२३,८१५, ११५८ से ६०,६२,६३,६५ से ७४,७६; Page #160 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कतिसमइय-कब्बडय ८७३ १६१२,३,१७,१६,२०,२०६२, २१२ से ६ ८ मे १२,१४,१५,१६,२०,४६,७२,७५ से। ७७,६४:२२१२ से ६; २३११११,२३।१३ से २३,२५ से ४७,५७ से ५६,२६।१ से ३,५ स ७,६,१०,१२,१३,३०६१,३,५ से ११,१३; ३३।१,३४।१७:३५१,४,६,८,१०,१२,१६ ज २१ से ३,४।२५४,२५५ सू १०११२६; २०१३ कतिसमइय (कतिसामयिक) प १५१६१, ३६२, ३,८४,८५ कतो (कुतस्) प० ६१७० सू ४।४ कत्तिई (कार्तिकी) ज ७१४०,१४४,१४६ सू१०१२६ कत्तिगी (कार्तिकी) ज ७।१३७.१५५ कत्तिम (कृत्रिम) ज २।१२२,१२७,४।१००,१७० कत्तिय (कार्तिक) ज ७१०४,११३११,१३७ उ ३३१३,४० कत्तिया (कृत्तिका) ज०७।१२८,१२६,१३६, १४०,१४४,१४६,१५६,१६० सू १०१ से ६, ११,२३,३६,६२,६६,६७,७५,८३,१०१,१२०, १२४,१३१ से १३३,१२।२८ कत्तिया (कार्तिकी) सू १०७,११,२३,२६ कत्तो (कुतस) प ६।१।१६७५,७८,८०,८१,८७, ६०,६४,९६ ज ३३१२७ कत्य (कुत्र) प २१६४।२ कत्थइ (कुत्रचित्) ज २१६६ सू २०१७ कत्थुल (कस्तुल) ज २।१० कवलीथंभ (कदलीस्तंभ) प १११७५ कद्दम (कर्दम) ज० ३१०६ उ १३१३६ कद्दुइया (दे०) प १९४०१२ कषं (कथं) सू१६।२४ काप (कल्प) प० २११,४,१०,१३,५० से ५६, ५६१२:२१६०,६३,३।२६ से ३६,१८३,४।२१३ से २४०,२४३,२४६,२५८,२६४,६।२८,६५, १८,१०६,२०६१२११७०,९१,९२,३०।२६) ३४११६,१८ ज ५१८,२४ मे २६,४४,४६ उ २।२०,२२, ३।१०,१२०,१५६,१६१,४१५, २४,२८ /कप्प (कृप)-कप्पइ उ ३१५०,४१२२ कति ज ५११३,१८,२४,२५ कप्प (कल्पय्) कप्पेह उ ५११८ कप्पकार (कल्पकार) ज ३.११७ कप्पणा (कल्पना) ज ३१३५ कप्पणी (कल्पनी) ज ३१३१ कप्पणिकप्पिय (कल्पनीकल्पित) उ ११४६ कप्परक्ख (कल्पवृक्ष,कल्परूक्ष) ज ३१६,२११,२२२ कप्परुक्खग (कल्परूक्षक) ज ५१५८ कप्पडिसिया (कल्पावतंसिका) उ ११५:२१ से ३,१४,१५,२१,३११ कप्पाईय (कल्पातीत) प १११३८ कप्पातीत (कल्पातीत) प १।१३४:२११५५,७१ कप्पातीतग (कल्पातीतक) प ६८५,६२ कप्पातीय (कल्पातीत) प ११३६,२११६२ कप्पासठिसमिजिया (कासास्थिसमजिका) प११५० कप्पासिय (कार्यासिक) प १६६ कप्पिद (कल्पेन्द्र) प १५॥५५।२ कप्पिय (कल्पित) ज ३१६,२२२ कप्पूरपुड (कर्पूरपुट) ज ४११०७ कप्पेत्ता (कल्पयित्वा) ज ५११२ कप्पेमाण (कल्पमान) ज १११३४ करपोवग (कल्पोपग) प १११३४,१३५, ६१८५, ८६,६५, २१:५५ कप्पोववण्णग (कल्पोपपन्नक) जे ७.५५ सू १९४२३ कबंध (कवन्ध) उ १११३६ कब्बड (कबेट) प ११७४ ज २२,१३१,३।१८, ३१, १८०,१८५,२०६,२२१ उ ३३१०१ कब्बडय (कर्बटक) ज ७१५६२ सू२०१८, २०१८२ Page #161 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६७४ कम-कयपुण्ण कम (क्रम) ज ३।३१,१०६,२१७ ; ४१२०२,७१३० कम्मपगडि (कर्मप्रकृति) प १४।११ से १४,१७; सू १६२२।१४ २२।२१ से २३.२८,८३,८४,८६.८७,८६, किम (क्रम्) कमइ २१६, ४।२०२७।१३० ६०।२३।१ से ५,२४,२४।१ से ५.१० से १५; कमंडलु (कमण्डलु) ज २०१५ उ ३१५१११ २५.१.२.४५,२६।१ रो ४८६;२७११ से ३, कमल (कमल) ज २११५,३१३,६,१८८,२०६, २१०,५।२१,५६ उ १११५,३५,३१६८ कम्मबीय (कमबीज) प ३६।१४ कमलमाला (कमलमाला) उ ११३५ कम्मभूमग (कर्मभूमिक) १११८५,८८,१२६; कमलागर (कमलाकर) ज ३।१८८ ६।७२,८४ ६७.६८,११३,२११५४,७२ कमलामेल (कमलामेल) ज ३.१०६ कम्मभूमग (कर्मभूमिज) य २३।२०० कम्म (कर्मन् ) प १११६:२१६४।२५,३।१७४; कम्मभूमगपलिभागि (कर्मभुमिकपरिभागिन्) १११८६; १७।१।१:१७११८:२०१३६; प२३।१६६,१६६ स २०१ २१११०२:२२२६,२७,२३१३,६,७,६ मे ११, कम्मभूमय (कर्मभूमज) प ६७६;१७।१५६,१६१, १३ से २३,२५,२६,२६ से ४१,४७,४८,५७ १७१,२३।१६६.१६६ से ६४,६६,६८,६९,७३ से ७७,८१,८३,८५ कम्मभूमि (कर्मभूमि) प १।७४,८४,२७,२१ से १०,६२,६३,६५ मे १६.१०१ से १०४, कम्मभूमिग (कर्मभूमिज) प २३१२०१ १११ से ११४,११६ से ११८,१२७,२३०, कम्मय (कर्मक) प १२०१ से ५,३५,३६,२१११ १३१,१३३ से १३५,१३७.१३८,१४२,१४३, काम कम्मवेदय (कर्मवेदक) प १३१६६ १५५,१६१,१६५,१६७,१७१,१७६,१७७, कम्मसरीर (कर्मशरीर) प १२८ १८२,१८३,१८७.१६१ से २०१:२४१२ मे ५, कम्मा (कर्मक) प १२।२५२११०२ ११,१२,१४:२५।२,४,५,२६१२ से ४,८,९ कम्मार (कार) ज २६ २७२,३.६:३६।८२,८३३१,३६॥६२ ज १२१३, कम्मारिय (कार्य) ९२,६६ ३०,३३,३६; २१५१,५४,६४.७०,१२१.१२६, कम्मासरीर (कर्मकशरीर) ५ १६।१ से ८.१० से १३०.१३८,१४०,१४६,१५४.१६०.१६३ १ ५.१६ ३।३।२,३५,१२५.१६७७.१७८,२११,२२३; कम्मिया (काभिकी) उ११४१,४३ ४।२७।११२।३ सू १०११२६।३२०११,२, कम्हा (कस्मात् ) ज७३८ २०१६।३,५ उ ११२७,१४० कय (कृत) २।३०,३१,४१ ज ३६,१८,५८, कम्मंस (कमांश) ५३६१२,६२ ६६.७२.७४.७७८१.८२,८५,६२,६३, कम्मकर (कर्मकर) ज ३।१७८ ११७११,११६ १२१,१२५,१४७,१८० २२१, कम्नखंध (कर्मस्कन्ध) प ३६।९२ २२२.२२६; १२६,५६ उ ११६,७०,८८, कम्मग (कर्मक) प १२।१४.२१,२६,२६; २१६६, ६२.१२१३४८,५०,५१,५६,११०,५१७ १०५:२३।४१,४३,४४,३६।१२ कयंब (कदम्ब) प ११३६।३ कम्मगर (कर्मकर) ज ५१५७ कयकज्ज (कृतकार्य) सू २०१७ कम्मगसरीर (कर्मकारीर) प १२११०,१६.१५, कयग्गह (कच ग्रह) ३।१२,८८,५७,५८ १८.२१:२११६४.१०० १०३ से १०५,३६।८७ कयत्य (कृतार्थ ज ५१५.४६ उ २३४ कम्मगारोरि कर्मकशरीरिक प २८।१४१ कयपुण्ण (कृतपुण्य) उ १३४ Page #162 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कयमाल-करीर ८७५ कयमाल (कृतमाल) ज २१८, ३७१ से ७४,७६, १६।५०; ३६१८२११३६८५,६२ ज २१६६, ८४ ११७ करेमि ज २।९०३।२६,३६,४७,५६ . कयमालक (कृतमालक) ज ३७१,१५० १३३,१४५ ; ५३२२ उ १।४२ करेमो कयमालय (कृतमालक) ज ११२४,४६, ६.१६ ज ३।११३,११५,१३८,५१३ करेसि उ ३७६ कयर (कतर) ३१४६; १७।१४४ ; २२६१०१, करेस्सामी उ ३१२६ करेह ज २११४,३७, ३६।३८ ज ७।१२६,१७५,१८०,१८१,१६७ १२,२८,४१,४६,५८,६१,६६,७४,१४७,१६८ सू १०।२ से ४,७५,७७,१३३ से १३ करेहि ज ३।१८,१६.३१,५२.६६,६६,१४१, १८१८,१६ १६४,१८० सू३।१०३ करेहिइ उ ३१२१ करेहिति ज २११५१.१५७ उ ३११२६ काहिइ कयलक्खण (कृतलक्षण) उ ११३४ उ११४१३१८६ कीरइ उ ५।४३ कयलोखंभ (कदलीस्तंभ) ज २११५ कर (कर) ज २११५,७१, ३१३,१३८ उ १।१३६ कयलीहर (कदलीगृह) ज ५।१४ करंज (करञ्ज) प ११३५१ कंजा जिसके फल कयलीहरम (कदलीगृहक) ज ५११३ आदि दवा के काम आते हैं कयवर (कचवर) ज २।३६, ५५ करंडग (करण्डक) उ ३३१२८ कयविहब (कृतविभव) उ १२३४ करंडुग (दे०) ज २०१६ कया (कदा) ज ७४१२५ च १४ सू ११६।४;१४११ करंत (कुर्वत्) उ १८८,१२ कयाइ (कदाचित् ) ज ११४७३।४,८३,१०४, करकर (करकर,अकरकरा) प ११४२१२,११४८।४६ १५४,१७२,१८८,२२२,२२६, ४।२२,५४, अकरकरा १०२ उ २१४३१४६,४।२१,५१३ करकरय (करकरक) सू २०१८18 कयाई (कदाचित् ) उ१८ करकरिय (करकरिक) सू २०१८ कर (कृ) अकासी ज २१८४ करवाणि ज ३१३२११ करण (करण) ज १११३८१३२१२६,२०६; करण करिस्सामि ज १६,५१४६ करिस्सामो ५१५; ७११२३ से १२६ ज ५१५,७ करेइ प ७४३६८८ ज १६; करतल (करतल) ज ३१२०६ १६५.६०३३५,६,१२,१८ १६,३१.३२१२, करधाण (करध्मान) ३१३१ ४६.५२,५२ ६१,६२ ६६,७०,८८,६५.१००, करमद्द (करमर्द) प ११३७।४ करौंदा,आंवला १३१,१३७.१४१ १४२,१५६,१६४,१६५, करय (क रक) प ११२३ १८०,१८१.२२४; १२१,२६,४४,४६ ४८ करयल (करतल) ३१५,६,८,१२,१६,२६.३६, सू २११ उ १।१६,३१५१:४।१३ करेंति ४७,५३.५६,६२६४,७०,७२,७७,८४,८८, प १८४, ६।११०.२०१६ से ८३४।१६,२१ ६०,१००,१०५,११४,१२६,१३३,१३८ १४२, से २४ ज ११२२,२७,५०; २।१०.५८,१००, १४५,१५१,१५७ १६५,१८१.१८६,२०५, ११५.११६,११८,१२०,१२३,१२८, ३११३, २०६:५१५७,,२१,४६,५८ उ १११५,३५, २८,४२,४७,५० ५६,६७,७५,६२.११६,१३६. ३६,४५.५५.५७,५८,६१,६२,८०,८२,८३ १४८ १६६.१८४,२११, ४।१०१,१६६.१७१; ८६,८७,६६,१७,१०८,११६,११८,१२२; ५५.७,१४,१६,४६.५७,६०,६६,७४ ३६८,१०६,११४,१३८,१४८,४११५,५।१७ सू २१ उ११६३ करेजा प२०११ से ४,१८, करयलपुर (करतलपुट) ज ५११४,१७,६०६६ ४०,४४,४६,४८ ज ५७, करेति प ११७१ करिय (कृत्वा) ज ५१५८ Page #163 -------------------------------------------------------------------------- ________________ करित्तए-कसरि करित्तए (कर्तुम् ) प २८।१०५ ज ५१२२ ७८,८८,६१,१४७,१६८,१७३,१७५,१८४, करीर (करीर) प ११३७/४ करील १६६,२१२,२१३, ४।२७,४६ १६६५७ करेंत (कुर्वत्) ज २१६५ २८,४३ सू २०१७ उ १२१२३,५१८ करेत्तए (कर्तम् ) प ३४।१६,२१ से २४ ज २१६० कलुय (कलुक) प ११४६ उ३१११५ कलुस (कलुष) ज २।१३१ करेत्ता (कृत्वा) प ३६१६२ ज ११६ सू २११ कलेवर (कलेवर) प १३८४ सू २०११ उ ११९३७, ४११३ कल्ल (कल्य) ज ३.१८८ उ ३।४८,५०,५५,६३, करेमाण (कुर्वत्) ज २६५,७८ ; ३।२२,२८,३१, ६७,७०,७३,१०६,११८ ३२,३४ से ३६,५४,७८,८६,६३,६६.१०२ कल्लाण (कल्यानी) प १५४१२ जंगली ३३८ १०६,१११.११३,१३७,१४३,१५६,१६२, कल्लाण (कल्याण) ज १११३,३०,३३,३६; १६३,१८०,२०४ से २०६,२०८.२०६,२२३ २११८,६४,६७,४१२ सू १८।२३ उ १।१७, उ १२२,६५,६६,७१,६४,१११,११२,१३८, ४१,४४,५।३६ १४०, ३१५० कल्लाणग (कल्याणक) प २।३०,३१,४१,४६ कल (कल) प ११४५११ ज १३७ सालवृक्ष ज ३१६,२२२ कलंकलीभाव (कलंकलीभाव) परा६४ कल्हार (कल्हार) प ११४६ सफेद कोइ, एक पुष्प कलंबुया (कदम्बक) प ११४६; १५:२.१८ सू ४१३, कवड (कपट) ज २११३३ ४,६,७,६१६॥२२१२,१५,१६।२३ कवय (कवच) प २१६४।२१ ज ११३७, ३१३१, कलकल (कलकल) ज २१६५, ३।२२,३६,७८,६३, ७७.७६,६६,१००,१०१,१०७,११६,१२४ ६६.१०६,१६३.१८०, ७१५५,१७८ सू १६।२३ उ ११३८ उ १११३८ कलकुसुम (कलकुसुम) प १७११२५ कवाड (कपाट) प २१८,३०,३१,४१ ज २२४; कलताल (कलताल) ज ३१३१ ३।८३,८५,८८ से १०,१०२,१५४ से १५७, कलस (कलश) प२३०,३१४१ ज २।१५) १६२,१६७।१२ ३११७८,२०६४१२८,५१५६ से ५८ कविजल (कपिञ्जल) प १७६ उ ३१५१,५६ कविट्ठ (कपित्थ) प ११३६३१, १६:५५१७११३२ कलह (कलह) प २।४१२२।२० ज २१४२.१३३ ज ३।११६; १७६ कथ कलहंस (कलहंस) प १७६ ज २०१२ कविट्ठाराम (कपित्थाराम) उ ३१४८,५५ कला (कला) ज २१६४७१३४११ सू१०।१४२, कक्लि (कपिल) ज २।१२,६५,१३३ १४७,१२।३० उ ५११३ कविलय (कपिलक) सू २०१२ राहु का नाम कलाव (कलाप) प २१३०,३१,४१:१५२६% कविसीसग (कपिशीर्षक) ज ३११४।११४ २११२५ ज ३७,८८.११७ कविसीसय (कपिशीर्षक ) ज ४१११४ कलिंग (कलिङ्ग) प १।६३११ कवीय (कपोत) प १७६ ज २१६ कलिद (कलिन्द) पश६४.१ कवोल (कपोल) ज २०१५ कलिय (कलित ) प २१३०,३१४१,४८ ज ३।१०, कव्व (काव्य) ज ३।१६७।१० १५.६५, ३१७ १२,१५,२१,२२,२८,३१, कस (कष) ज २१६७, ३११०६ ३२।२,,३४ से ३६,४१ ४६,५८,६६,७४,७७, कसरि (दे०) सू १०।१२० Page #164 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कसाय-कामभोग ८७७ कसाय (कषाय) १११११५,११४ से ६३.११ काउलेसट्ठाण (कापोतलेश्यास्थान) प १६।१४६ ५१५,७,२०५;१४।१,२,१८।१।१,२३।६८, काउलेसा (कापोतलेश्या) प १७६१२१२८११२३ १४०,१८३,१८४; २८१३२.६६,१०६।१; काउलेस्स )कापोतलेश्य) प ३९६१३११४; ३६।११ ज २११४५ १६।४६:१७१३२,५६,५७,५६ से ६१,६३,६४, कसायपरिणाम (कषायपरिणाम) प १३१२,५,१४ ६६ से ६४,७१ से ७४,७६,८१ से ८५,८७, १४,१००,१०२,१०३,१११,१६७,१८७१ कसायवेयणिज्ज (कषायवेदनीय) व २३:१७,३४, काउलेस्सट्ठाण (कापोतले श्यास्थान) प १७४१४६ ३५ काउलेस्सा (कापोतलेश्या) प १६६४६१७३६, कसायसमुग्घात (कषायस मुद्घात) प ३६६५ । ३७,११७,११८,१२१,१२२,१२५,१२६,१३२, कसायसमुग्घाय (कवायसमुद्घात) प ३६११४,५, १३६,१४४,१४५,१५१ से १५३ ६,७,२१,२२२८,३५ से ४३,४६,५३ से ५८ काउलेस्सापरिणाम (कापोतलेश्यापरिणाम) कसाहिया (दे०) प १७१ प १३।६ कसिण (कृष्ण) प २१३१ ज २२१५ काऊ (कागोती) प २१२० से २५ कसिणपुग्गल (कृष्णपुद्गल) सू २०१२ काऊण (कृत्वा) ज ३।१२ कसेरुया (कशेरुक) प ११४६ एक तरह का घास काओदर (काकोदर) प १७० कह (कथं) प २३।१११ काओली (काकोली) ११४८१५ एक वनौषधि जो किह (कथय ) कहेइ उ २०१२ अष्टवर्ग के अन्तर्गत है, जीवंती कहं (कथं) ज ७५६ चं २१४ सू ११६ उ १७२, काकंदी (काकन्दी) उ ३।१७१ ३७८ काकंध (काकन्ध) सू २०१८,२०८१३ कहग (कथक) ज २१३२ काग (काक) प १७६ कहा (कथा) उ १।१७,५७,८२,६६,१०७,१२७; कागणि (काकिणी) प १४४०१५ ज ३१६५,१५६ ३।१३,२६,१४७,१६०,४।११५१५,३८ कागणिरयण (काकिणीरत्न) ज ३।६४,१३५,१५८, कहि (क्व) प १७४ जे १७ १७८,२२० कहि (क्व) प ६९६ ज २११५ च २।२ सू १४६।२ कगणिरयणत्त (काकिणीरत्नत्व) १२0१६० काणण (कानन) ज २१६५ कहिचि (कुत्रचित्) उ ३३१०१ कातन्य (कर्तव्य) ५ ५।१६१,१७६६५६,६६, कहिय (कथित) ज ११४ च ६सू ११४ उ ११२ ७४ से ७८,८०,१११ काइय (कायिक) ज २१७१ कामंजुग (कामयुग) प ११७६ काइया (कायिकी) प २२।१ २,२२१४६ से ५०,५३ कामकाम (कामकाम) प २१४१ कामकामि (कामकामिन् ) ज २११६ काउ (कापोत) प १३१६,१७१२२ कामगम (कामगम) ज ५।४६।३;७१७८ काउं (कृत्वा) उ ३।१११४१६ कामगामि (कामकामिन्) ज २१२२ काउंबरी (काकोदुम्बरिका) १ ११३६।२ कामगुणित (कामगुणित) प २।६४।१६ काउलेस (कापोतलेश्य) प १७६२,६४,६५,१०३, कामस्थिय (कामाथिक) ज ३११८५ ११०,१११,१६८ कामभोग (कामभोग) ज ३१८२,१८७,२१८ Page #165 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८७८ कामभोय-काल सू २०१७ उ १११ कारियल्लइ (कारवल्ली) ५११४०।२ करेला कामभोय (कामभोग) ३५२५ कारिया (दे० प ११३७५ कामरूव (कामरूप) प २।४१ कारिल्लय (दे०) सू १०।१२० काय (काक) प ११४७ कारेमाण (कान्यत्) प २।३०,३१,४१,४६,५७ काय (काय) प ११८६३११११,१५१५३,५४,५६, ज ११४५:३११८५,२०५,२०६,२११:५४१६ ५७:१६३१ से ८,१० से १५,१८,१६,२१,५४; उ ५११० १८११११२३३१५,१६,२०,३१,३४१११२ कारोडिय (कारोटिक) ज ३।१०५ जश६७,६१६७ सू१०७४२०१८२०८३ काल (काल) प ११४ से ६४,८४२१२० से २७, कायअपरित्त (कायअपरीत) प १८।१०६,११० ३१ से ३३,४०1८२२४२,४३,४५११:२।४६,४७, कायगुल (काय गुप्त) ज श६८ उ ३६६ ६४,४.१ से ४६,५६ से ५८,६५,७२,७६,८८, कायजोग (काययोग) प ३६।१६ से ८८,६१,६२ ६५,१८,१०१,१०४,११३,१३१,१४०,१४६, कायजोगपरिणाम (काययोगपरिणाम) प १३७ १५८,१६५,१६८,१७१,१७४,१८३,२०७, कायजोगि (काययोगिन्) प ३९६,१३३१४,१६; २१०,२१३,२६४,२६७,२६६:५२५,७,३७,३८, १८१५७; २८॥१३८ ७४,१०७,१२६,१५०,१५२,१५४,१६०,१६३, १६७,२००,२०३,२४२,२४४६।१ से २३, काठिइ (कायस्थिति) प ११।५,१८१११२ २७,४२ से ४५,७।१ से ४,६ से ३०,१११५३, कायपरित्त (कायपरीत) प १८३१०६,१०७ ५४;१२२४,३२,३३,१३।२६;१६१५०;१८१३, कायपरियार (कायपरिचार) १३४।१६ १४,१५,२६,२७,३७,३८,४१,४३,४५,५७, कायपरियारग (कायपरिचारक) प ३४।१८,१६, ५६,६२,६४,७७,८३,६०,९५,१०५,१०७, २१,२५ १०८,११०,११६,११७,१२०,२३:४७,६० से कायपरियारणा (कायपरिचारणा) प ३४।१७ से ६२,१०५,१६३ से १६६,१६८ से २०१; २८१४,६,७,२०,२६,३२,३८,५०,५२,५३, कायमाई (काकमाची) प ११३४४२ मकोय ६६,३६१६०,६१,६७,७१,७२,७५,७६,६३, काययोगि (काययोगिन) प १३।१७ १४ ज १५२,४,५,२६१ से ३,६,४४,४६,५१, कायव्य (कर्तव्य ) प ५११३२,२२६;६।४६,११०; ५४,६६,७१,८८,८६,६१,१२१,१२६,१३०, १३११७,१५।३४,३८,७५,१३६१; २८।११२ १३१,१३३ से १४१,१४६,१५४,१६०,१६३; ज ४।१७२ ३१३,२४,३१,३२,६२,६५,१०३,११६,१३८।१, कायसत्रिय (कायामित) २०६८ १५६,१६७४१,७,१७८,२२४;११,६,८ से कारंडव (कापगड़क) ज २११२ १३,१८,४८,५० से ५२,७।५७,६०,१०१, कारण (कारण) प ८।४,६,८,१०,२८१२०,२६, १०२,१८७,२१० चं ६,६,१० सू १११,४,५; ३२,६६ ज ७।२१४ उ ११३६,११६,१२७; २।२८।११७।११८२५ से ३४;१६।२५; ३।११,२६ २०१७ उ १११ से ३,७,६,१३ से १६,२१.२२, कारभरिय (कारभारिक) ज ३११८५ २५ से २८,५१,६५ से ६७,७६,६३,६४,११६ कारव (कारय) कारति ज ३.१३ कारवेह से १२२.१२५,१४०,१४१,१४४,१४७;२।४,६, ज ३१७ ७,६,११,१६,२२,३१४ से ६,६,१२,१४,१६, कारवेत्ता (कारयित्वा) ज ३७ २१,२४,२५,२७,४०,४८,५०,५५ से ५.७,६४, Page #166 -------------------------------------------------------------------------- ________________ काल-किंपुरिस ७६ ६५,६८,६६,७१,७२,७४,७५,७६,८३,८६, कालिंग (कालिङ्ग) प ११४८।४८ ज ३।११६ ६०,६५,६८,६६,१०६,१२०,१२४,१३१,१३२, कालिंगी (कालिङ्गी) प ११४०।१ १५०,१५५ से १५७,१५६,१६१,१६४,१६८, काली (काली) १११२,१३,१५,१७,१६ गे २४; १६६,४१४ से ६,१०,१६,२४:५१४,१४.२१, १५,६ २४,२५,२६ २८,३६,४०,४१ कारोदधि (कालोद) सू १६।११।१ काल (काल) सू २०१७२०८१५ कालोदहि (कालोदधि १११।२,४ काल (दे० कृष्ण) म १६।२२११६,१८,२० काय कालो) ५ १५१५५,५५५१ सू॥१ कालओ (कालतस्) प १११४८,५१,१२।७.८,१०, कागोषसमुह (कालोदामुद्र) प १६३० १०.१०.२०.०७.२२:१८। ११०,१२ १७, कादिसाय (कापिसाचनः प१७१३४ १६ से ३६,४१ से ४७४६ मे ५१, ५४ से। कास (काश, कास) प ११३७१४ सहिजन का पेड, ५६,६१ से १०,६३ मे १११,११३,११४, एक घास ११६,११७.११६,१२०.१२२.१२३,१२५ से कास (कास), २४३ १२७:३५।४ ज २६६ काम (काश) सू२०१८:२०८।४ कालग (कालक) ३३१८२,१३७,५६,८८,८६, कासपात कामपकाश) ३३५ १०७,५४६,१५०.१६०,१६३,१६,२०० कासव (काश्यप) ७।१३।३ कालगय (कालगत) अ २१८८,८६,३।२२५ कासवगोत (काश्यपगोत्र) उ ११३ उश२२,६२,२।१२,५।३६,४० कासित्ता (कातित्वा) ज २०४६ कालण्णाण (कालज्ञान) ज ३११६७१७ कासी (काशी) १ १९३१ उ १११२७ से १३०, कालनाण (कालज्ञान) ज ३१३२ १३२ कालतो (कालतस्) प १२।२०१८१३,१८,४१, काह (कथय) काहिइ उ २११३,१४३ ४३,६०,६५,२८।५,५१ काहार (दे०) ज७१३३११ कालमास (कालमास) ज २१४६,१३५ से १३७ काहारसंठिय 'काहार'सस्थित) सू१०।२७ उ ११२५ से २७,१४०।३।१४,८३,१२०,१५०, कि (किम) ५११ ज १७चं ॥ १११६ १६१,४१२४।५।२८,४०,४१ कालमुह (काल मुख) ज ३८? फि.कर (विकर) प २१३०,३१,४१ व ३१२६,३६, कालय (कालक) प ३३१८२,५१३६ से ३८,५८ से ४७,५६,६४,९२,१३३,१३८,१४५,१७८ ६०,७३ से ७५,८६,९०,१०६ से १०८,१५०, किचि (किञ्चित् ) २६४।१८ ज १७ १५१,१८१ मे १६४,१६६ से २०४,२४१ से। सू१३१४,२०,२७ २४३,१७११२६ सू २०१२ किंचिविसेशण (किचितविक्षपोन) ११४८; काललोहिय (काललोहित) ३१७४१२६ ४।१,४०,५५,६७,१६७,१६६ सू ११२७; कालहेसि (कालहेपिन्) १५१६६४,५६१,१११६७,८१ काला (काला) १३३ किथुग्ध (किंस्तुध्न) ज ७।१२३ से १२५ कालागरु (कालागुरु) ५ ६१३०,३१,४१ ज २६५; किपज्जवसिय (पर्यवसित) ष १११३० ३।१२:५७,५८ किंपहव (शिप्रभव) प ११।३० कालागुरु (कालागुरु) ज ३३७,८८ सू २०१७ किंपुरिस (frपुरुष) प १११३२,४१,४५, कालायस (कालायस) ज ३।१०६,१७८ ४५।२ ज ३१११५,१२४,१२५ Page #167 -------------------------------------------------------------------------- ________________ म८० किसठिय-कीलंत किसठिय (सिंस्थित) १११३० किण्हा (कृष्णा) ज ११२३,२११२ किसुय (किंशुक) ज ३।१८८ किण्हासोय (कृष्णाशोक) प १७४१२३ किसुयपुप्फ (किंशुकपुष्प) ५१७४१२६ किण्होमास (कृष्णावभास) ज ४१२१५ उ ३.४६ किच्च (कृत्य) उ १।६२ कित्ति (कोति) ज ३,१७,१८,२१,३१,६३,१७७, किच्चा (कृत्वा ) ज २१४६ उ १२२५, ३.१४; १८० उ ४।२।१ ४।२४,५२८ कित्ति (कूड) (कीतिकूट) ज ४२६३३१ किच्छ (कृच्छ) ज ३११०८ से १११ कित्तिम (कृत्रिम) ज ११२१,२६,४६, २१५७,१४७, किटिभ (किटिभ) ज २११३३ १५०,१५६ किट्टि (किट्टी) प ११४८।४ कित्तिय (कीर्तित) प १४४८१६३ किट्ठीय (किट्टिया) प ११४८।२ किन्नर (किन्नर) प १११३२,०४१ किढिण (किठिण) उ ३१५१,५३,५५,५६,६३,६४, किन्नरछाया (किन्नरछाया) प १६:४७ ६७,६८,७०,७१,७३,७४,७६ किब्बिसिय (किल्विषिक) प २०१६१ ज ३।१८५ किणा (कथं) प १५१५३ किमंग (किमङ्ग) उ १११७; ३।१०२ किण्णं (किंनं) ज ३११२४ उ १६६ किमिरागकंबल (कृमिरायकम्बल) प १७६१२६ किण्णर (किन्नर) प २।४५,४५१२ ज ११३७; किमिरासि (कृमिराशि) प ११४८६ २१०१३३११५,१२४,१२५,४।२७,५२८ ।। किर (किल) ज २१६ सू २०१६।४ किण्णा (कथं) उ ५२२३ फिरण (किरण) ज २०१५३।२४ किण्ह (कृष्ण) प०४८१६ कालीमीर्च, करौदा किरिया (क्रिया) प १३१६:१७:११,२२,२३, किण्ह (कृष्ण) प २२१ से २७ ज २१३,१४, २५,३०,३३,२२११ से ५,६ से १६,२६,२७, २१७,१२,२३,१६४,४१२६,११४,११६,१२६, २६,३०,३२ से ५०,५२ से ६३,६५ से ६६, २०१,२१५,२४०,२४१ सू १६।२२।१७ ७१ से ७४,७६,६१ से १४,६७ से ८६,१०१; २०१२ उ ३१४६ २६६१०,३६।६२ से ६४,६७,६८,७१,७७,७८ किण्हकणवीरय (कृष्णकरवीरक) प १७११२३ ज ७१५२ किण्णकेसर (कृष्णकेशर) प १७११२३ किरिया (रुइ) (क्रियारुचि) प ११०१११,१० किण्हपत्त (कृष्णपत्र) प ११५१ किरियारइ (क्रियारुचि) प १११०१११० किण्हबंधुजीवय (कृष्ण बन्धुजीवक) प १७:१२३ किलकिलाइय (किलकिलायित) ज ७।१७६ किण्हब्भ (कृष्णाभ्र) ज २१५ इकिलाव (क्लम्) किलावेंति प ३६.६२ किण्हमत्तिया (कृष्णमृत्तिका) १११६ किवणबहुल (कृपणबहुल) ज ११८ किण्हय (कृष्णक) प ११४८।६२ किलेस (क्लेश) चं १।२ सू २०६६ किण्हलेसा (कृष्णलेश्या) प १७:२१ किसलय (किसलय) प ११४८।५२ किण्हलेस्स (कृष्णलेश्य) प ३९६,१७३१,८४; किसि (कृषि) ज २३ २३।१६६ कोड (कीट) प १३५११ किण्हलेस्सा (कृष्णलेश्या) प १७।३७,११६,१२०, 1 कोड (क्रीड्) कीडंति ज ११३०,३३ १२२,१२३,१३६ Vकील (क्रीड्) कोलंति ज १११३४१२ किण्हसुत्तय (कृष्णसूत्रक) प १७/११६ कोलंत (क्रीडत्) ज ३१७८ Page #168 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कीलग-कुप्पर ८८१ कोलग (कोलक.) ज ५१३२ कीलण (क्रीडन) प २१४१ कोलायण (क्रीडन) उ १163 से ६६ कीस (स्मिात् ३१५७८२ कीसत (शी शता) प २८१२४,३६,४२,४५,७१ कुंकुन (ककुम) ज ३१३५ कुंकुमपुड (ककुमपट) - ४११०७ कंजर (कुमार) ब ११३७२११०१, ३१३ ; ४।२७; ५२८ कुंड (कुण्ड) म ११॥२५ ज ४।२५,४०,६७,६८, ७१,७५,६०,६२,१३४ ने २७६,१८२,१८३, १८८,१८६१६४६१८ कुंडल (वृण्डल) २१३०,२१,४१,४६.५०%3 १५०५५.? ३.६.१८,२६,६३,१८०, २११,२२२,४१२०२५३१८,२१.६७ सू १६।३१ कुंडलवर (कुंडलवर) सू १६६३१ कुंडलवरोद (कुडलवरोद) सू १६।३१ कुंडलवरोभास (डलबरावनाम) सू १६।३१,३२ कुंडलोद (कुण्डलोद) सू १६६३१ कुंत (कुत्त) प१४१ ज ३।१७८ कुंदग्ग (कुन्नार) उ २१११५,११६ कुंतम्गाह (कुताह) ज ३१७८ कुंथु (कुथु) प १२० कुंद (कुन्द) प १।३।३, २१३१,१७११२८ जरा१०.१५३1३.१२.३५, ८ ५८ कुंद (लता) (वृन्दलता) प ११३९१ कुंदरुक : (दश).२६५,३८८ एक कर __ और उन सिकी तबीयानी है कंदुरुक्क ( वा) ॥ ३०, ३ १ ज ३१७.१८८५13:५८ सू २०१७ कुंभ (कुम) ज ३,५६,१२०,१४५,७१७८ उ १६७ कुंभगत (भा प्रस्) ११०६.११० कंभिक्क (कम्भिक, भात) ज ५१३८ कुंभी (कुम्भी) ज ३१६२ कुक्कुड (कुक्कुट ! प ११५१११,१७६ कुक्कुडि (कृकुटी) उ ११६:३,८४ कुक्कुह (दे.) ११५१११ कुच्च (वर्च प ११३७५ 1 कुच्छ (कुल) कुच्छेजा ज २१६ कुच्छि (कुक्षि) । ११७५२ २१६.६३ सू २०१२ उ ३१९८५॥३० कुच्छि (कुक्षि) २०४३ अडतालीस आंगुल का मान कुच्छितिरिय (कृक्षिकृमिक) प ११४६ कुच्छियहत्तय (कुक्षिपृथक्त्वि क) प १७५ कुज्जय (ब्जा.) प १३८११ कुज्जाय ( ) ज २११० कुमा (हातल) ज ३१६,२२२ कुठायाण (कुस्थानामन) २२१३३ कुडगछल्ली (कुटज छल्ली) प १७११३० कुडगपुष्फरालि (कूट अपुप्पराशि) प १७११२८ कुडगफल (कुट फल) १७११३० कुडगफाणिय (टफाणित) प ११३० कुडभी (कुडमी) ५.४३ कुडय (कुटको पश३६।३,१६४२१७४१३० ज३३५ कुडुंब (कुटुम्व) 3 ३१११,१३,५०,५५ कुडंबजारिया (कूटम्बजागति) १११५ २४८, ०.७६,६८,१०६,१३१ कुडुमय (कर) (कुम्बादप ११४८०४३ कुक (दुण) प ११४७ कशाला (वृणाला) ११६५ लिम (दे णप) ज २११४६ कुराहार ('वृणिः'माहार) ज१३५ ते १३७ कुत्युंभार (कुस्तुमरी) प ११३६१२,३७१२ कुदंतण (कुदर्शन ) ए १११०१।१३ कट्टि (कुदृष्टि) प ११०१।११ कुपमाप (कुत्रमाण) ज २:१३३ कुष्पर (नयर) ज ३१२२,३५,३६,४५ Page #169 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८८२ कुबेर-कुसील कुबेर (कुवेर) ज ३३१८६,२१७ कुभोइ (कुभोजिन् ) ज २११३३ कुमार (कुमार) उ १११३ से १५,२१,२२,२५ से २७,३१,४२ से ४६,४८,६४ से ६६,६४ से १६,१०२ से ११७,११६ से १२२,१२५, १२७,१२८,१४०,१४१,१४६,१४७,२१६,७, ६,१८,१६,३।११४,१२०५।१०,२०,२२, २३,२७,३१,३२,३४ से ३८ कुमार (कुमार) उ १८६ कुमारग्गह (कुमारग्रह) ज २१४३ कुमारावास (कुमारावास) ज २१६४,८७, ३।२२५ कुमारिया (कुमारिका) उ ३।११४,१३० कुमुद (कुमुद) प ११४६ ज ३।११७,४।१५४, १५५,२१२,२२५११,२३० कुमुददल (कुमुददल) प १४६१२८ कुमुदप्पभा (कुमुदप्रभा) ज ४।२२१११ कुमुदप्पहा (कुमुदप्रभा) ज ४।१५५११ कुमुदा (कुमुद) ज ४।१५५।१,२२१ कमय (कुमुद) ज २१५,४१३,२५,२१०१ कुमुयहत्थगय (हस्तगत कुमुद) ज ३११० कम्म (कम) ज २।१४,१५,६८,३१३;७।१७८ कुम्मुण्णया (कर्मोन्नता) प २६ कुरंग (कुरङ्ग) प ११६४ ज २।३५ कुरज्ज (कुराज्य) ज ३१२२१ कुरय (कुरब) प ११४७ लालफूलवाली कटसरैया कुरल (कुरल) प १७६ कुरा (कुरु) ज ४।१०८,१४१,१४३,२०५,२०७ ३४८,५०,५५,१००,१३३५५ कुल कोडि (कुलकोटि) ५११४६ से ५१,६०,६६, ७५,७६,८१,८१।१ कुलक्ख (कुलाक्ष) १८६ कुलक्षय (कुलक्षय) ज २१४३ कुलगर (कुलकर) ज २१५६ से ६३ कुलत्थ (कुलत्थ) प ११४५११ ज २१३७, ३.११६ उ ३३४१,४२ कुलत्था (कुलस्था) उ ३.४२ कुलदेव (कुलदेव) ज ३।११३ कुलदेवया (कुलदेवता) ज ३।१११,११३ कुलधुया (कुलदुहित) उ ३१४२ कुलमाउया (कुलमातृका) ल ३।४२ कुलरोग (कुल रोग) ज २१४३ कुलवधुया (कुलवधु) उ ३६४२ कुलविसिट्ठिया (कुल विशिष्टता) प २३।२१ कुलविहीणया (कुलविहीनता) प २३।२२ कुलारिय (कुलार्य) प १६५ कुलोवकुल (कुलोपकुल) ज ७११३६,१४१ से १४६,१५० से १५३ सू १०१६,२० से २२,२५ कुवधा (दे०) प १२४०।२ कुवलय (कुवलय) चं १५१ कुविदवल्ली (कुविन्दवल्ली) प ११४०१३ कुविय (कुपित) ज ३१२६,३६,४७,१०७,१०६, १३३ उ ११२२,१४० कुथुट्ठिबहुल (कुवृष्टिबहुल) ज ११८ कुव्वमाण (कुर्वत्) प २।३३,५०,५१,५६ कुव्वर (कूबर) ज ३।३५ कुस (कुश) प ११४२११ ज २८.६उ ३१५१,५६ फुसंधयण (कुसंहनन) ज २११३३ कुसंठिय (कुसंस्थित) ज २११३३ कुसट्ट (कुशावर्त) प ११६३१२ कुसल (कुशल) ज २१३ ३३३२,७७,८७,१०६, ११६,१३८,१७८,५३५ सू २०१७ कुसील (कुशील) उ ३।१२० २०८ कुरु (कुरु) प ११६३।२; १५१५५।३ कुरुर्विद (कुरुविन्द) प १४२।२ कुरूव (कुरूप) ज २११३३ कुल (कुल) ज ३१३,६,१७,२१,२४,३४,१०६, १७७,४।२१२,५१५,४६,५५७१२७१, १३६।१,१४१ से १४६.१५० से १५३, १६७४१ च ५।१ सू ११६१:१०६,२०,२१, २२,२५,२०६४ उ११५४,७६,१४१; Page #170 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कुसीलविहारी केवइय ८८३ कुसीलविहारी (कुशीलविहारिन्) उ ३।१२० १४३,२०६,२११ कुसुंभ (कुसुम्भ) प ११४५।२ ज २०३७ कूलधमा (कूलमायक) उ ३१५० कुसुम (कुसुम) प २१३१,४१ ज २११०,५३,६५, कूवग्गह (कूपग्राह) ज ३११७८ १६२, ३११२,३०,३५,८८,२२१,४।१६६; कूवमाण (कुप्यत्) उ ३३१३० ५।५,७,२१,५८ सू२०१७ केइ (केचित्) प ११४८१४१ ज २११३ कुसुम (कुसुम्) कुसुमेति ज २।१०४।१६६ केउबहुल (केतुबहुल) ज २०१२ कुसुमसंभव (कुसुमसंभव) ज ७११४१२ केउभूय (केतुभूत) ज २०१२ सू १०११२४१२ केऊर (केयूर) ज ३१६:५।२१ कुसुमासव (कुसुमासव) ज २।१२ केषकय (केकय) प ११८६ कुसुमिय (कुसुमित) ज २।११;७१२१३ केणइ (केनचित्) पू १३३५ कुसेज्जा (कुशय्या) ज २६१३३ केतकि.पुड (केतकीपुट) ज ४११०७ कुहंड (कुष्माण्ड) ज २०४१,४७।१ केतु (केतु) प २।४८ कुहंडियाकुसुम (कुष्माण्डिकाकुसुम) प १७।२७ केमहालय (नियत्महत) ज ११७;७।२६ से ३० कुहण (कुण) प १।३३।१,११४७ केमहालिय (वियत्महत ) प २११३८,४० से ४२, कुहर (कुहर) ज २६५ ४८,६३ से ६६,६६ से ७१,७४,८४ से ६३ कूड (कट) प २।११५१५५।३ ज ११३४,३५,४१, केयइ (केतकी) प ११३७१५,११४३।१ ४६।१२।१३३;४।४४ से ४६,४८,५३,७६, केयइअद्ध (केकयार्द्ध) प ११६३६ ६६,६७,१०५,१०६,१५६११,१६२ से १६५, केयूर (केयूर) ज ३।२११ १६७,१६६,१७२।१,१८०,१८६,१६२,१६८, केरिस (कीदश) सू २०१७ २०४,२१०,२१२,२३६ से २४०,२६३,२६६, केरिसिय (कीदृशक) प २३।१६५,१६६,१६६ से २७५,२७६,५।१६ से ८,१३,६१६:१,६।११, २०१ ज ११२१,२२,२६,२७,२६,३३,४६,५०% १६;७५८ सू १९२६ २।७,१४,१५,१७,१८,२०,५२,५६ से ५८, कासामली (कूटशाल्मली) ज ४१२०८ १२२,१२३,१२७,१२८,१३१ से १३३,१३६, कूडसामलोपेढ (कूटशाल्मलीपीठ) ज ४१२०८ १४७,१४८,१५०,१५१,१५६,१५७,१५६, कूडागार (कूटागार) ज २१२० १६१,१६४,४१५६,१००,१०१,१०६,१७०, कूडागारसाला (कूटानारशाला) उ ३१८,२६,६३, १७१ उ १२७ केरिसिय (कीदृशक) प १७११२३ से १२८,१३०, कूडाहच्च (कूटाहत्य) उ ११२२,२५,२६,१४० कूणिय (कणिक) उ ११० से १२,१४,१५,२१, केलास (कैलाश) ज ३११८६,२१७ २२,६३ से ७४,८८,८६,६१ से १५,६८ से केलास (कैलाश) सू २०१२ राहु का नाम १२६,१३१,१३४,१३६,१४०,१४४,१४५;२।४, केलि (केलि) प २१४१ ५,६,१६,१७,५११६ केवइ (क्रियत्) प ७।६।३६१६०,६१,७५ कूर (कर) उ ३११३० केवइय (वियत्) प ५८२,६१३,१२।११,१२, कूल (कल) ज ३।१४,१५.१८,५१,५२,६६,१४६, १५।३२,२०१११, ३६।४४ ज १११७:२२४, १५०,१६१,१६४,४१३,२५,६४,८८,११०. ४४,४५,४।२५७, ६७,८,१०,११,१५ से Page #171 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८८४ १८.२३ से २५:७११.३ से २५,३२,५४,५७, ६०,६२ ६४ से ७३,७६,७६ से ८२,८६ से १६ मे १००.१२७.१७० से १७२,१७४, १०२. १८७.१९०, ११९,२०१ से २०७ चं २११६३१२ ग् ११६।११।७।२३।१६, १२४,१६४ केवरि (चिरं) १८२ १०,१२ ३७ प से मे ४१ से ४७,४६ ५१,५४ मे ८२,८४ से ६०. २३ मे १११, ११३.११४,११६.११७.११६, १२०.१२२,१२३,१२५ मे १२७ ७२१० केवनि (कियत् ) प ७१ से ४,६ से ८,१० से ३० २६/१११,२८४४,२९.३८५०३६१६७.७१.७२, ७६ केय (कियत्) व ४१ में ४६,५६ मे १८,६५, ७२.७६,६८,१२,१८,१०१, १०४, ११६,१३१. १४०, १४७, १५८,१६२.१६८१७१.१७४, १८३,२०७,२१०, २१३, २६४,२६७,२६६, ५०४,६,६,११,१७,२३,२७,२६,३१,३३,३६, ४०, ४४, ४८, ५२,०२,६२,१००,१०३,१०६, ११०,११४,११८,१२८, २३१,२४१६११.२. ४ से २३,२७,४३ से ४५,६० से ६४,६७,६८ १२१७ से १०,१३,१५,१६,२०,२१,२२,२७, ३१.३२ १५३७, ८, १४, १५,२२,२३,२७,४०, ४१,८३ से ६५,८१,६१,६४ से १०, १००. १०३ से १०६,१०८,१०,११३ से १२०, १२३,१२६,१२७, १२६,१३१,१३२,१३५, १३९ से १४१,१४३ १७११०६, १०२, ११०, १४२, १४३, २०१६, १०, १२, १३:२३०६० से ६२,३३१२,३,१०,१२,१३१५ से १८ ३४।१३:३६।६ मे २२.३० से ३४,४४ से ४७,५६,६६,७०,७३,७४७१७३ १०२०,२२,२३,२६,२६ से ३१२३ ३२१,४,५,६,१०,१२१२ मे १८०४८ १५२ से ७१८।४ मे ६,९,१०,१२,१३,२०, २५ से ३४ १२४,५.७.८, १०, ११, १४, १५. १६ मे २१.२५,३०,३१,३८,३५,३७,३ चिर- केवलसमुयाय केवल केवल (के) प २०१७.१०२२.३४ २ २४७१. २५ ३२२३७१३५१.१०५ १८१२३ (के) १२६.२६ ४०.४६.८४, ७०, १३२.१२०, १४५. १७५. १८५,१८८, २०६,२११३३१७,६१ केवल (पा) के ज्ञान) १२२१७ ज्ञान ) २६४४१६५४२४, केवलवाण १०२,१०७.११० १११३ २०१२८, ३१ २६२३०१२ haant (ज्ञाना) १६६ केवलावा रणिज्ज (केवलज्ञानावरणी ) १२३।२५ वाणि (केज्ञानिन् ) प ३११०१.१०३ ५१.११६.११६६१३४१२१८६२ २८१३६, १४०३०११६, १७ सण (केवलदर्शन) १५०२४.१२.१०२. १०७,११६, २०१३, १७६३०१३, १७ सणावरण (केदार) २३|१४ केवलसणावरणिजकेनी) " प २३।२८ केवलसणि (केवल दर्शन ) प ३२१०४ : ५१२० १६३० १६ केवल २४६४१२ केवलमाण (केवलज्ञान ) प ५ १०५ केवलनाणपरिणाम (के ज्ञानपरिणाम ) प १३१६ वाणि ज्ञानिन् २।११२ heatre (cोधि ) उ५१४३ केवल (केन्) १०१०४,१०० १२१,१२६६ १८६८,६६,६७,६६२०१७,१८,२२,२५,२० २६,३४,४५ २०१५५ से २०२६६२,६२, ८३१२ ज ६३,०१, ३२२४, २२५. १०२,१३४.१४२ केवरिया (के) ३२२५ केज (कै) ३६।१।१ केला (वनीसमुद्घात) १ ३६ १३७ ११.१५ मे १७,३१,२४२५४१०२.८५ Page #172 -------------------------------------------------------------------------- ________________ केस-कोडिग ८८५ कोट्ट्य (कोष्ठक) उ ३१६,१२ फोठ्ठसमुग्ग (कोठसमृद्ग) ज ३।१११३ कोट्ठसमुग्गयहत्यगय (हस्तगतकोप्टममुद गक) ज ३।११ कोट्ठागार (कोप्ठागार) ज २१६४ उ ११६६,६४, केस (केश) प १३१ ज २११३३,३।२६,३६,४७, १२,११६ केसवठिअणह (केशापस्थितनख) ज ६।१३८ केस (कीदृश) ३।१२२ केसर (केस) प ११४८।४५,४६ ज ३।२४:४१३, ७,२५७१७८ केसरिइह (केसरिद्रह) ज ४२६२ केगलोय (केश-नोच) ३५४३ केसि (केशि) उशना२९ केसुय (fid.) ३१५ कोइल (काल) १५:३।३५ 3 ५५ कोइलच्छदकुसुम (पिछदकुसुम) प १७१२५ कोइला (विला) १७६ होउय ( क) MIR,3,८२,८५,१२५,१२६, ०२२७१।१६०,१२१३।११।१७ कोउहल कौतुहल ज १३२ कोऊहल ( ह) ग ५१२६ कोऊहरूवत्तिय (कौतुहल प्रत्य) ज २७ कोणग (कोकण) पश८६ कोंच (क्रौञ्च) प ११७६,८६ उ ५५ कोंचारव (क्रौञ्चारब) ज ३८६,१०२,१५६,१६२ घोंचस्तर (क्रौञ्चस्वर) ज २।१६,५।५२ कोंडलग (कुण्ड रक) २०१२ कोत (कुन्त) १३,३५ कोतिय (दे०) ज २१३६ लोमड़ी कोणद (कोकनद) प ११४६,११४८१४४ फोकासिय (दविकसित) ज ३११०६ कोकुइय (कांकुचिक) ज ३१७८ कोक लिय (द) ११६६,११५२१,२३ कोज्जय (कुमक) ३।१२,८८,२१५८ कोटेज्जमाण (कुटन) ज ४।१०७ कोट्टणी (दे०) ३१३२ कोट्ठ (कोष्ठ)ज ३।३२ कोट्ठग (कोष्ठक) प २३०,३१,४१ कोयुड (कोप्ठगुट) ज ४११०७ १. हे ० १।२६ कोडाोडि (काटिकाटि) प २१४६,५०,५२,५३, ५५,५६,६३ ; १२२७,३२,१८१४२,४४,४६, २३१६० से ६४,६६,६८,६६,७३ से ७७, ८१,८३,८५ से १२,६५ से १६,१०१ मे १०४,१११ से ११४,११६ से ११८, १२७,१२६ से १३१,१३३,१७६,१७७, १८२,१८३,१८६,१८७,१६० ज १६, ५१,५४,१२१,१२६,१५४,१६०,१६३,७११, १७० कोडि (कोटि) प २३०,४६,५०,५२,६२,६३,६४ ज ११२०,२३,४८,०६, ३।२४,१७८,२२१; ४११,२१,५५,६२,८१,८६,६८,१०८.१७२, ५६८ से ७०६८।१७।१। १ १।१४,१५, २१,१२१,१२२,१२६,१३३,१३६,१३७,१४०; ५११० कोडिकोडि (कोटिकोटि) यू १८१४१६६१११,५१३, ८।३,१११४,१५१४,१६।१६,२११५,८, १६।२२।३.१६।३१,३५,३८ कोडिगार (कोटिकार) प १९७ कोडो (टि) सु १६५१४,१५।१,१८,२११२ फोडीवरिस (कोटिव) ५११६३१५ कोबिय (नट म्बिक) प १६४१ उ १।१७,१८, ६२,१२३,१३१,३१११,१०१४।१६,१७, ५।१०,१५,१६,१८ होतुक (कौतुक) मू २०१७ कोत्तिय (दे०) उ ३.५० कोत्थंभरि (कुस्तुम्बरी) ज ३१११६ कोत्यलवाहग (दे०) १५५० कोदंडिम (कुदण्डिम) ज ३।१२,२८,४१,४६,५८, Page #173 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८८६ ६६,७४, १४७, १६८,२१२,२१३ कोसा ( कोरदूष ? ) प ११४५॥२ कोव ( कोद्रव ) प ११४५।२ ज २१३७३।११६ कोद्दाल (दे० ) ज २८ कोमल (कोमल) ज २ १५; ३३१०६,२८८ उ ३शह कोमुई ( कौमुदी ) ज २०१५ कोरंट (कोरण्ट ) ज ३४१७८५१५८ कोरंट ( कोरण्टक ) प ११३८ । १ ज २।१०; ३।१२,८८ कोरग (कोरक) ज २११२ कोरव्व (कौरव्य ) प १।६५ कोरेंटमल्लदाम (कोरण्टमाल्यदामन् ) प १७११२७ कोलट्ठिय ( कौलास्थिक) सू १०।१२० कोलव (कौलव) ज ७।१२३ से १२५ कोलसुण ( कोलशुनक ) प ११६६ ज २३६,१३६ कोलसुणय ( कोलशुनक ) प १११२१ कोलसुनिया ( कोलशुनिका ) प ११।२३ कोलालिय ( कौलालक ) प ११६६ कोलाह (कोलाभ ) प १७० कोलाहल ( कोलाहल ) प २०४१ ज २।१३१ कोस (क्रोश ) प ३६१८१ ज १७,३५,३७,४२, ५१; ४७,६,१४,१५,२४,३१,३३,३६,३६,४१,४३, ४६,५६,६६,६८,७०,७२,७६, ६३, ११२, ११४, ११५,११६,१२०, १२२, १३४, १३७, १४७, १५३ से १५५, २४२, ७/१७७१३, २०७ सू १:१४; १८ ११,१२ कोस ( कोष) ज २२६४, ३१३,१७५ ४६६ ७ १७७ उ १६६,६४,६८ atia ( कोशाम्र ) प ११३५।१ कोसंबी (कौशाम्बी ) प ११६३।३ कोसल ( कौशल ) प १६३२ कोसलग ( कौशलक) उ १११२७ से १३०,१३२ कोसलिय ( कौशलिक) ज २/६३ से ६७,७३ से ८२,८६ से ६० कोसा-खंडाभेद कोसागार ( कोशागर ) ज ३१५१ कोसिया (कौशिक) ज ७ १३२१३ सू १०११११ कोसेज्ज ( कौशेय ) ज ३१२४१३,३७३१,४५३१ १३१।३ कोह (क्रोध) प ११ ३४११, १४३,५,७,९,११ से १५,१७,२२१२०, २३६,३५,७० से ७२,१८४ ज २।१६,६६, १३३ उ ३/३४ कोहसा (क्रोधान् ) प ३६८, १३१४, १६; १८/६५ २८।१३३ कोहसाय (कोधकपाय ) प १४५१,२ कोहसा परिणाम ( क्रोधकषा परिणाम ) प १३।५ कोहका (कोषान् ) प ३६८ कोहणिस्सिया (क्रोधनिश्रिता ) प ११:३४ कोहसंजलना ( क्रोधसंज्वलन ) १२३।६६, १४० कोहसण्णा ( क्रोधसंज्ञा ) प ८१,२ कोहसमुग्धाय ( क्रोधसमुद्घात ) प ३६।४२, ४४ से ५१ ख खरसार ( खदिरसारक ) प १७।१२५ खओवसमय (कायोपशमिक ) प ३३|१ खंजण ( खञ्जन ) प १७।१२३ खंजण (दे० ) सू २०१२ राहु का नाम खंजणवण्णाभ ( खञ्जनवर्णाभ) सू २०१२ खंड (खण्ड ) प १३।२५; १७/१३५; ३३।१३ ज २।१७, ६।६।१,६३७ उ ११४,१५,२१ खंड (खण्डक) ज ४११७२११६६॥७ खंडवा (खण्डपातगुफा) ज ३११५४, १६१ से १६३ खंडप्पवायकूड (खण्डप्रपातकूट ) ज ११४१ खंडवाया (खण्डप्रपातगुफा) ज १।२४; ३।१४६,१५०,१५५ से १५७,१५६ से १६१; ४१३५; ६।१६ satकूड (खण्डप्रपात गुहाकूट ) ज १३४ खंड (खण्डक) प १११७४ खंडाभेद ( खण्डभेद ) प ११७६ Page #174 -------------------------------------------------------------------------- ________________ संडाभेदस्वाम खंडाभेव (खण्डभेद ) प ११।७२,७४ खंडिय ( खण्डित) ज ७१३४११ खंति (अन्ति) ज २२६४,७१३११०१ तं (क्षन्तुम्) ३११२६ (स्कन्द) ज २३१ दग्गह (स्कन्दग्रह) ज २०४३ लामे ज ३।१२६ खम (क्षम) ज २६४ खंध ( स्कन्ध) प ११४,३५,३६,४७११,१२४८१२, २२,३२,३६; ३।१७६ ५११२५, १२७,१३४, १३६.१३८, १५४,१६६,१६६,१७२,१८१,२२७ से २३२,१०१७ से १४; १०११४ ५, ६ ; १३।२२।१ १६ ३६,४३ ३०१२६,२६ खमा (क्षमा) ज ३।१०९ खय (क्षय) प ३३|१|१ ज ३११२३ उ १३१३६ खयकर (क्षयकर) ज ३।११७ ज ३११८,७८,९३,२१२,२१३ : ४११४६ : ५/५ ; खर (खर ) प १३१८, २०११ १६ से २० ज २११३३ खरमुही ( खरमुखी) ज ३०१२,२१,७०,१००,२०१ खरय (दे०) सू २०१२ राहु का नाम खरोट्ठी (सरोष्ट्रिका खल (खल) ज २१६६ खलंत ( स्खलत्) ज २११३३ १२६ ७ १७८ उ १।६७, १२१,१४०, ३१११४ खंधावार ( स्कन्धावार) प ११७४ ज ३।१८,२८, ३१,३२१२,४१,४१,५२,६१,६१,८१,८८, १५, १०१,११५ से ११७११६,१२१०१,१२२, १२४,१३१,१३५,१३७, १४१,१५१,१५८, १६४,१६७।२,१७२,१८० ११११५.११६. १२३,१३४ खंभ (स्तम्भ) ज १।३७ : ३१६६ से १०१,१६३; ४६, २६, २७, ३३, १२०, १४७,२१६,२४२, ५१३,४,२८,३२ सू २०१४ खंभच्छाया ( स्तम्भछाया) सू ६१४ खग्ग ( खड्ग ) प ११६५ २४६ ज ३।३१ ४२००११ खगपुरा (खगपुरा ) ज ४।२१२,२१२२४ खम्गरयण (सड्गरत्न ) ३१०६ खचिय ( खचित) ज १।३७ ३१२११५५८ खज्जग ( खाद्यक ) उ ३११३० लग (०) २०११४ खजूरसार (खर्जुरसारक ) प १७।१३४ खज्जरी ( खर्जूरी ) प ११४३१३ खज्जूरीषण (खर्जूरीवन) २६ खट्टोदय ('खट्ट' उदक ) प ११२३ खड्डाबहुत ('खड्डा' बहुल) १११८ खण (क्षण) ७११२ १०११२६५ खण ( खन् ) खर्णति ज ५ १३ खणित्ता (खनित्वा) ज ५।१३ खतय (दे०) सू २०१२ राहु का नाम खत्तमेघ ( 'खत्त' मेघ) उ २।१३१ ८८७ खत्तिय (क्षत्रिय) ज २१६५ ५३५, ४६ (खम (क्षम् ) खमई ज २१६७ खमंतु ज ३।१२६ खलु ( खलु ) प ११४८५२६८०२११७/१५०, १५२,१५५; २३।३,६३६१८२ १ ४६ १।१२ १५ २१२३१२४१२५३२ खल्लूड ( खल्लूट) प १२४८७ खन (क्षपत्र) खवे १९२२ खवइत्ता (क्षपयित्वा ) प ३६।९२ म (क्षपम्) सवयति ३६।२२ सवेद १९।२२।१८ सवेति प ३६४१२ खवय ( क्षपक) प २३११९१,१६२ खवल्लभच्छ (दे० ) प ११५६ सता (क्षपवित्वा) प ३६।१२ खस (खस) प ११८६ खसर ) ससर) ज २१३३ सहचर (सेर) प ११५४,७७,६१३३१८३३ ४।१४९ से १५७६ ६७१,७६,७८, ९४२११८, १७,३५,४७,५३,६० ज २।१३१ खाइम (खाद्य) उ ३।५०, ५५, १०१,११०,१३४; ४:१६ Page #175 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८८८ खाइय-खेत्त खाइय (खादित) उ ११५१,५४,७६,७६ खाणु (स्था) जे १३६४।२७७ खाणुबहुल (स्थाणुबल) १।१८ खात (खात) प २१३० खाय (खात) प १३१,४१ ज ३३२ खार (क्षार) प १७६ खारतउसी (क्षारयुपी) प १७११३० खारतउसीफल (क्षारत्रपुपीफल) प १७१३० खारमेघ (क्षारमेघ) ज २१४२,१३१ खारोदय (क्षारोदक) प ११२३ खासीय (खाशिक) प ११८६ खिखिणी (किंकणी) ३१३५ अखिल (खिन) खिसति उ ३।११७ खिज्जिमाण (खिस्यमान) उ ३३११८,१२३ खिप्पामेव (क्षिप्रमेव) प २८।१०५; ३४।१६,२१, २४ ज २१६५,६७,१०१,१०५,१०७,१०६, १११११४,११५,१४१ से १४५, ६७,१२, १५,१८.१६,२१,२५,२८,३१,३२,३८,३८, ३६ ४६,४६,५२,५३,५८,६१,६२,६६,६६, ७०,७४, ७७,८०,८३,६१६६.६६.१००. ११५.११८.१२१.१२४,१२८,१३२.१८१, १४२१४३,१६० से १६१.१६८,१७३.१७१ १८०,१८१.१८३,१६१.१६६.२०७.१९२, २१३,५१३,७,१४,१५२५,२८,५४,६८ रो खीरोद (क्षीरोद) ज २६७,६८ खीरोग (क्षीदक) जरा९७ से १००,१११, ११२:५१५५ खीरोदय (क्षीदक) ग ११२३ ज ५१५५ खीरोदा (क्षीरोदा) ज ४२१२ खीरोया (धीरोदा) ज ४ा२१२ खोलग (कीलक) ज ७।१३३१३ खीलगसंठिय (कीलकसं स्थित) सु १०।४८ खोलच्छाया (कीलछायः) सूहा। खोलिया (कीलिका) प २६१४५.६८ खु (खलु) ल ३।२४ खुज्ज (कुटज) प १५.३५२३।४६ ज ३११११,८७ खुज्जा (कुटजा) १:१६ खुड्ड (९) प ३६१ ज १७, ४१६०,८३,११३ खुड्डग (शुद्रक) ज४।१३६ खुड्डार (शुदतर) ज ४१५४ खुड्डाग (क्षुद्रक) प १८९५ खुड्डाय (धुक) सू १।१४ खुड्डिया (धुद्रिका) ज ४।६०,८३,११३ खुभिय (अमित) २०६५ खुर (बु.) ३१३०, ११७८ खुरप (अरप्र) प २१२० से २७; १५२५ ज ३१३० खुल्ला (क्षुल्लक) ५१।४६ खुहा (क्षुधा) ३१२२१११३.१२८ खेड (खेट) प ११७४ ज २१२२,१३१, ३।१८,३१, ८१,१८०,१८५,२०६,९२१ उ ३३१०१ खेडग (खटक) ३३५ खेडय (खेटक) ३१३१ खेड्डकारग (खलकारक.) ३११७८ खेत (क्षेत्र) प २६८,३३११२१२१३२, १४१५, १४११८११५१५२,१७४१०६ से १११; २८।२०,३२,६६,३३१२,३,१०,१२,१३,१५ से १८; ३६:५६,६०,६६ से ६८,७० से ७४ ज१६३१३, ७२० से २५,२६,५२,५४, ७६ में ८२,६५,९६ सू १११४; २१३,३।१; खीण (क्षीण) २१६३१२२५ खीणकषाय (क्षीण पाय) प ११०२,१०४ स ११०,११५.११७ से १३ खोर (खीर) प ११४२११ लोकी खीर (वीर) प १५०५५।११।११६,१२८ सू १०१२० उ ३.११४,९३० खीरकाओती (श्रीरकाकोली) १११४१५ खीरपूर (क्षी पूर) प १७१२८ खीरमेह (श्री मेघ) २२१४२,१४३ खीरवार ) सू १६६३१ खीरिणी (बोरिणी) ११३५२ Page #176 -------------------------------------------------------------------------- ________________ खेत्तओ-गंध ८८६ ६.१; ६।१:१०१४,५,१७३; १९२२॥२५. प६.११८ खेत्तओ (क्षेत्रतस्) १११।४८,५०,१२१७,८,१०, गइपरिणाम (गनिरिणाम) प १३१२३ १२,१६,२०,२७,३२; १८१३,२६,२७,३७,३८, गइप्पवाय (गतिप्रपान) '१६।१७,५५ ४१,४३,४५,५६,६४,७७,८३,१०८,११७; गइरइय (गति रतिक) ज ५५,५८ २८१५,५१, ३५१४ ज २६६ गंगदत्त (गङ्गदत्त) उ ३।१३,१६० खेत्ततो (क्षत्रतस्) प १८।१०,६२,६५ गंगष्यवायकुंड (गंगाप्रगानण्ड) ज ४।२५,२६,३१, खेत्ताणुवाय (क्षेत्रानुपात) प ३।१२५ से १७३, १७५,१७७ गंगा (गंगा) ज १११८,२०,४८,२१६१,१३३, खेत्तारिय (क्षेत्रार्य) प ६६२,६३ १३०, ३११,१४,१५,१८,१४१,१४३ से १५१, खेत्तोववातगति (क्षेत्रोपपानगति) प १६१२५ खेत्तोववायगति (क्षेत्रोपपातगति) प १६१२४ ३६,१६७,१७,२७४; ५५५६।१६ से ३०३२ सू २०१७ उ १९७३०५१,५६,६८ खेम (क्षम) प २१३०,३१,४१ गंगाकुंड (गंगाकुण्ड) ज ११५१४।१७५१७६ खेमकर (क्षेमकर) जरा५६,६० सू२०१८,२०१८७ गंगाकड (गंगाक्ट) ज ४।४४ खेमंधर (क्षमंधर) २१५६,६१ गंगाकूल (गंगाकूल) उ ३.५० खेमपुरा (क्षमपुरा) ज ४।१८१,२००।१ गंगादीव (गंगाद्वीप) ज ४१३१,३२ खेमा (क्षमा) ज ४।१७७,२००१ गंगादेवी (गंगादवी) ज ३।१४०,१४१,१४३,१४५, खेल (श्वेल) प १८४ खेल्लणग (खेलनक) उ ३।११४ गंगावत्त (गंगावतं) ज २११५ खेल्लणय (खेलनक) उ ३।१३० गंगावत्तणकूड (गङ्गावर्तनकूट) ज ४।२३ खेवणी (शेपणी) ३३१ गंज (गजा) ११॥३७५ खोत (क्षोद) प १५१५५११ गंठि (प्रन्थि) प ११४१३८ ईख खोतोदय (क्षोदोदक) प ११२३ खोदवर (क्षोदवर) सू १६६३१ गंड (गण्ड) प १६५:२२५० ज ४।१३,५१६७; खोदोद (क्षोदाद) सू १६।३१ 15८ खोद्दाहार (क्षौद्राहार) ज १३५ से १३७ गंडतल (गण्डतल) ५२१३०,४६ खोम (क्षीम) ज ४।१३; ५१६७ सू २०१७ गंडयल (मण्डतल) प २३१४१ खोमिय (क्षौमिक) सु २०१७ गंडलेहा (गण्डरखा) २०१५ गंडीपद (गगडीपद) प ११६२ गंडीपय (गण्डीपद) प ११६५ गइ (गति) ए ४८ ज ११५,७१,१३३,३३, गंडूयलग (गण्डमदर) प १४६ १३८,१७८,५१२१, १२१,२५,५५,५८,८१, गंता (गत्वा) ग ११७२३६।३२ ज ३।२५.३८, १७५,१७८ च ४११ सू११६,१।८।१; १६२२१२२ गंतूण (गत्वा) प २१६४।२,३ गइकल्याण (गति वाल्याण) १८१ गंध (गन्ध्र) ध ११४ ३ ०१,४१,४६; गइनामणिहताउय (गतिनामनिधत्तायुष्क) ३११८२७५११०,१२.१४.१६.१८,२०,२४,२८, Page #177 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८६० गंधओनाच्छ ३०,३२,३४,३७,३६,४१,४५,५३,५६ ५६, ६१.६३,६८,७१,७४,७६,७८,८३,८६,८६, ९१ ९३,६७,१०१,१०४,१०७.१०६,१११, ११५,११६,१२६,१३८,१५०,१५२,१५४, १६०,२०७,२११,२१४,२२८.२४२,२४४; १०॥५३।११११५५,१५३८,४२,१५१५५१२ १७१११४११,१७:१३२ से १३४; २३।१५ १६. १६,२०,१६०,२८१२०,३२,६६,३६८०,८१ ज ११३,२१७,१६,१८,१२०,१४२१६४, २११:३१३,७.६.११.१२,२१,३४.७८,८२, ८५,८८.१०६,१८०,१८७,२०६,२११,२१८, २२२,४।८२,१०७,१०६:५।५,७,२२,२६, ३२,५५,५८,७।२०६ सू २०१७ उ ११३५; ३१५०,११०।५।२५ गंधओ (गन्धतस्) प१५ से६१११५६२८१८, २०,२६.३२,५४,५६ गंधकासाइय (गन्धकासायिक) ज ३।६,२११,२२२; ५५८ गंधचरिम (गन्धचरम) प १०१४८४६ गंधट्टय (गन्धाट्टक) ज ५११४ गंधणाम (गन्धनामन्) प २३॥३८,४८,१०६,१०७ गंधतो (गन्धतस्) प १७ सेह गंधदेवो (गन्धदेवी) उ ४।२१ गंधदधुणि (गन्धध्राणि) ज २११२ गंधपज्जब (गन्धपर्यव) ज २१५१.५४,१२१,१२६, १३०,१३८,१४०,१४६,१५४,१६०,१६३ गंधपरिणाम (गन्धपरिणाम) प १३१२१,२७ गंधमंत (गन्धवत् ) प १११५.२,५५,२८१५,५१ गंधमायण (गन्धमादन) ज ४।१०२,१०४ से १०८, १६२,२०४,२१५ गंधमायणकूड (गन्धमादनकूट) ज ४११०५ गंधवट्टिभूत (गन्धवर्तिभूत) प २।३०,३१,४१ ज ३७,८८,१८४,१६३,५५७ सू २०१७ गंधवाट्टिभूय (गन्धवतिभूत) ज ५७ गंध (वासा) (गन्धर्षा) ज ५१५७ गंधव (गन्धर्व) प १११३२,२१४१,४५,६१८५ ज ३।११५.१२४,१२५७।१२२।३ सू१०१८४१३ गंधव्वछाया (गन्धर्वछाया) प १६१४७ गंधवलिवि (गन्धर्व लिपि) प १९८ गंधव्वाणीय (गन्धर्वानीक) ज ५१४१,४४ गंधहत्थि (गन्धहस्तिन) उ ११९६ से १६,१०२ से २ १११२१ गंधादेस (गन्धादेश) प ११२०,२३,२६ २६,४८ गंधावइ (गन्धापातिन) ज ४२६६ गंधावइवट्टवेयड्ढपव्वय (गन्धापातिवृत्तवैतादय पर्वत) ज ४।२६२ गंधावति (गन्धापातिन् ) प १६।३० गंधाहारग (गन्धारक) प १३८६ गंधिल (गन्धिल) ज ४।२१२,२१२।३ गंधिय (गन्धिक) प २।३०,३१,४१ ज ३१७,१२, ८८,२११,२२१,४।२६,५१७,५८ उ ३।१३१ गंधिलाबई (गन्धिलावती) ज ४११०३,२१२, २१२१३ गधिलायइकर (गन्धिलावतीकूट) ज ४।१०५ गंधोदग (गन्धोदक) ज ५७ गंधोदय (गन्धोदक) ज ३१६,२२२ गंभीर (गम्भीर) प ११५१:२१२० से २७,३०,३१, ४१ ज २०१५,६८,३१३५,१३८।१,४।३,१३, २५:०२२ से २४७।१७८ सू २०१७ गंभीरमालिणी (गम्भीरमालिनी) ज ४।२१२ गगण (गगन) ल ११२६,२।६८,३।१७८,४।४६ गगनतल (गगनतल) प २१४८ ज ३३१७८,५१४३ गग्गर (गद्गद) ज १७८ गच्छ (गम् ) गच्छ ज ३१८३,१७० उ ११५४ गच्छइ ज ४।२६८ २७४; १२२,२६,७।२० से २५,७६ से ८४,९५६८ से १००,१३५; ७।१३५११ च ११ सू ११६११ गच्छं ज ३।१५४,१७० गच्छति प ६१६६.१०५, ११०,३६३८३ ज २१४६,७१३६ से ४८ गच्छति प १६३४,४१,४२,४४,४५,४७,५१, ५४,३६.८२,८३।१ सू २१२ Page #178 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गच्छमाण गव्भवक्कंतिय गच्छह ज ३।१२५, १२७ उ १।४४ गच्छामि ज २१०३२६,३६,४७, ५६. १३३.१४५; ५।२२ उ १।१७;३।२६ गच्छामो ज ३।१३८; ५२३ गच्छाहि ज ३।७६, १२७, १२८, १५१ गच्छदि १९४१: ३।१८४।२६:५१४३ गच्छहिति ज २११३५ से १३७ गच्छेज्ज ३६६१ गच्छमाण (गच्छत् ) सू २२२०/२ गच्छित्ता ( गत्वा ) ज ५ १४ ~ गज्ज (गर्ज ) गज्जंति ज ५१७ गज्जिय (मंजित) ज ३२१०४, १०५ ७२१७८ गड (ग) ज २१३८१३१३२६६३३५.५. मढिय ( ग्रथित) उ ३१११४,११५,११६ गण ( गण ) प २०३०,३१,४१,४८,३० से ६३ २६४/१५ ज १३१ २२८,१२,१३,२०,३६, ४१,६४,४३,२५१६४२२१०, २१:२०६२४ उ ४।११५१५ गणग ( गणक) ज ३४९,७७,२२२ गणणा (गणना) चं ११३ गणधम्म ( गणधर्म ) २०१२६ गणनाय ( गणनायक ) ज ३१६,७७,२२२ गणराय ( गणराज ) उ १।१२७ से १३०,१३२ गणहर ( गणधर ) प १६१५१ ज २७३,६५,६६, १०० से १०२,१०४ सू २०१२/४ गणहचिया ( गदधरचिता) २०१०५ से ११२,११४ गावच्छेय (गणावच्छेदक ) प १६।५१ वणि गणिन् ) प १६।५१ ज ३३५, १६७ चं १।३ गणिमाण ( गण्यमान) १२३ से ६,१५ गणितलिवि (गणितलिपि ) प ११६८ गणिय ( गणित ) ज २२४,६४, ३ । १६७३३,६७,८ पणिय ( गणितपद) ज ६८१ गणिया (गणिका) ज ३११२,२८,४१,४९,४८, ६६.७४, १४७, १६८,२१२.२१३५.१०. १७ ८६१ गत (गत ) प २३०, ३१.६३ १७२१०७,१५१. १५४२११५२,५५,७७३४२०३६०३२, ३६६६६८ सू २२३,६१३१३७,९,१२,१४ से १६:२०१७ गति (गति) प ३|१|१,३२३८, २९१०१५३०१ १६३६,४०,४३,४६,५५१७११४।१० १८|१|१:२३३१३ से २३३६।८३१२ सू २१३,१५।१,३७,१८1८ गतिचरिम (गतिचरम ) प १० ३१ से ३३ गतिणाम (गतिनामन् ) प २३1३८,३६,८१ से ८४, १४६, १४८, १४९,१७१,१७२ गतिणामनिहाय (गतिनामनिधातावुष्क) ६११६, १२२ गतिपरिणाम (गतिपरिणाम ) प १३१२, ३, १४,१६ से २१,२३ गतिमाता ( गतिमात्रा) सू १५/५ से ७ गतिरतिय ( गतिरतिक) सू १६:२३, २६ गतिसमावण्ण ( गतिसमापन्न ) सू १०।१७०; १५ ।५ से १२ गतिसमावण्णय ( गतिसमापन्नक) सू १२ २३,२६ गत ( गात्र ) प २०३१३१६,२२२०४१२६ ५५७१७८ गम (गर्दभ ) प १६३ गन्भ (गर्भ) प २६; १७ १६६, १६७,१६९ से १७२ ज २१८५३१३ उ ११५० से ५२, ५४,७४,७६,७७,७९ गम्भवतिय (गर्भावान्तिक) १२६०.६६. ७५,७६,८१,८२,८४,८५,१२६; ३१८३; ४११० से ११२,११९ से १२१,१२८ से १३०,१३७ से १३९,१४६ से १४५, १५५ से १५७,१६२ से १६४६२२,२४,६५,६६, ७१,७२,८४,१७,६८,१०८, ११३६७, १०, १७,२३; १६।२८, १७१४३, ४७,६३,६४,६६, ६७,८१३२१९,१०,१२,१२,१५ से २०, ३१, ३४,३६,४३ से ४०, ५३, ५४,७२ Page #179 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८६२ भवसहि ( गर्भवति) परा६४ गभिणी (गर्भिणी) ज ३३२ गम (गम ) प १५१४३२३१६७ २२५६. १५६:३३,१५३,२०३.२१७४११२६, १४०११, १६७,२४३५।४० यू २१ गमण ( गमन) ज ३१६,३५,८५,१८३ उ ११४२, ८८,१२६:३।१२७,१२८ गमणिज्ज (गमनीय) २१६४२११६२ २०६३ ५१५८ गमय ( "मक ) प ५११७६,१७१२८, ३५ गमित्तए ( गन्तुम् ) उ ४५४११ गय (गज ) प २३३० ज २।१५.६५,३११५, १७, २१,२२,३१,३४ से ३६,७७,७८,६१,१७२ १७५, १७७, १७८,१६२१।१२३.१३८, ५३ गय (गत ) प २२४१.१७१०१,१११२१४५५ ज २०१४३।१८ १३०७१३३३३,१३५ चं १।१.२ १३२५,४६,५१,५४,६४,७९,७६, ०२६१११.११२,१२१.१३८.२१२ २०१५,३५,५१,५६,८४,१२१,१६२ : ४।२४; ५११७,२०,२७,३१,४० गयंद ( गजेन्द्र ) चं १।१ कण्ण (वर्ण) प ११८६ गयकलभ (कलम गयछाया (गजछाया) १७।१२३ १६२४७ गयण ( गगन) ज ३१३ गगनतला) ५४३ तालय (ग) १७३१२६ जयवंत (गजदन्त) ज ३।३५.४११०३७।१३३०३ गजदंतसंख्य ( गजदंत स्थित ) सू १०१५ १ गयपुर ( गपुर ) १।२३।२ मारिणी (जारिणी ) प ११३७५ धार (पवार) ७१७८ यू १८१४ गवई (पति) प २२४१२११७.१२६२, १७७,१८३,२०१,२१४११२४, १३१. ५।१६ गयवति ( गजपति) ज ३११२६१२ व्यवसहि-गवेसित्ता गयवर ( गजबर ) ज ३१६१ गयविवरु (वि) १३२ गयवमयि किमधित) सू १० ५३ गरह (ग) ३।११७ गहि उ ३।११५ रहिमाण (मान)११८ गराइ (गर) ज ७।१२३ मे १२५ गहय ( गुरुक) प ११४ से ६:३१८२५१५, ७, २०६,१५११४,१६,२७,२८,३२,३३,२८१२०, ३२,६६ मयत (गुरुकर) २५४४४५ लज्ज (गुरुवर्य ५) ज २५१, ५४,१२१,११६.१३०,१२८.१४०.१४६, १५४, १६०,१६३ गरुल (गरुड ) प २१३०,३१ ज ३११०६४ २०६ चं ११२ गरुलह (गडव्यूह ) उ १।१४, १५, २१,१३६. १४० गल (मल) ज २११५, ३१७८ ग) १०१ गल (ल्)उ ११५१ गलय ( ) ज ७ १७ गललाय (गलत ) ज ३११७८३११७८ गल्ल ( गल्न ) ज ५१ (वा) १६२२०४६ गवय ( गवय ) प १।६४ ज २।३५ गवल ( गवल ) प २।३१,१७१२३ ज ३१२४ गवलवलय (गवलवलय ) प १७।१२३ गवेलग (वेलक) ज ३११०३ २११३१ वेस (वेम् ) सइ उ ३१११४ वेग ( गवेपक) ज ३११०६ गाणा २०२२ २०१७ गति (पयित्वा ) २०११४ Page #180 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गविय-गाहेत्ता ८६३ गम्विय ( वित) ज ७११:०८ १६७१२,१८०.१८५,२०६.२२१ उ३११०१: गह (ग्रह) प १४१३३; २. मे २७,४८ से ५१, ५१३६ ६३ ज ११२४,७११७७१३,१८०,१८१,१८६, गामकंटय (कामकण्टर) उ ५.४३ १६७ सू १०।१७१ से १५३; १५१,१०,१३; गामणिमण (सामणिद्धमण') प ११८४ १८१४,१८,१६,३७,१३११,५५२,८१२, माममारी (ग्राममारी) ज २१४३ १६।२२१३,८,९,१०,२१.२०,२६,३१, २०१८ गामरोग (ग्राम ) २।४३ गहगण (ग्र ण) 13,१७,२१,३४,१७७,२२२; गाय (गो) ११५४ ७) ५,५८,१८०,१८१.१६७, सू १८।१८ गामाणुगाम (नामानुपाम) उ ११२,१७३।०६,६६, १६२२,२३,२६,२०1९२११२,५१४१ १३२,५१३६ गहण (पइन) ५११४८१५३ से ५५,१११५३,५५, गामि (मामिन) उ १११११,११२ ५७,५६,०१:१८१६५,२२।१५.८० १७१ गाय (गो) प १२४ महणया (ग्रहण) उ१११७ गाय (ब), १७१३४ ज २०१५,१८,३८२, गहत्त (महत्व) उ ३१८३ २११,५१५८ उ ३१५० गहर (दे०) प १७६ गायंत (प्रयत्) ३३१७८ गहदिगा (कहाँ गान) प.१८६ १६४ गारव (और) ३३ ज १७८११,१६१,१६२ मू १८८,११,१५, गारविय (गौरवित) सू २०१६।२ गालण (गालन) ट ११५१,७६ गहाय (गृहीत्वा) प ३६८१ ज ३१८८ उ ११६७; गालित्तए (जापयितुम् ) उ ११५१,७६,७७ ३.५० यालेमाण (गालात) उ ५।२५ गहिऊण (गृहीत्ला) ज ३।२४ गावी (गो) ज २३४ गहित (गृहीत) सू२०१२,६२३३१५५ गाह (ग्राह) प ११५५,५८ गहिय (गहीत) प २०४१११७१,७२ ज ३.१२, गाह ह )माहेहिति) ज २११३४ ७७,८८ १०७,१२४,१७,५.८ उ १।१३८ गाहा (गाथा) प ११४८:२१४०,१५१५५ सू १११७, ३१६३,७०,७३ १६,२५ गहिर (गंभीर) प २८ गाहावइ (गहनि) ज ४।१८१,१,३,१८४,१८६, गा (ग) ज ५१५७ १६५ उ ३.१०,११,१३,२१.१५८,१६०,१६६; गाउय (व्यूत) प:५२१६४:२१।४२,४४,४६, ४१७ से ८,१६,१८ ४३१.२२४८३३१ मे हज २१,४५; गाहा इकुण्ड (गृहपतिकुण्ड), ४५१८२,१६४ ४१८,१०३,११०,१४३,१७८.२०३,२२६; गाहावइणी (गृहपत्नी) उ ४१६ अ६०,१८२ गाहावइदीप (गृहपतिद्वीप) ज ४१८२ गाउयधुहत्तिय (व्यतपथवित्वा) १५ गाहावइरयण (गृहगिरत्न) ज ३३११६,१२०, गागर (दे) प ११.६ ।। १७८,१८६,१८८,२०६,२१०,२१६,२१६, गाल (ब) ज ३।२११११५८ गाम (TH) प ११७४११२८२११६२.६३ गाहावइरयणत (गहपतिरलतः ) ५२००५८ ज श२२.६६७०,१३१:३।१६,३१,३२,८१, गाहेत्ता (ग्राहयित्या) ज २११३४ Page #181 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५६४ गिण्ह-गुत्ति गिण्ह (ग्रह.) गिण्हइ ज ५१६०,६६ उ ११५७ किण्हति ज ५।१४,१७,५५ उ ११४५ गिण्हह उ ११४४ गिगहेइ उ ११४८ गिण्हउकाम (ग्रहीतुकाम) उ १११०५ गिण्हमाण (गह णत् ) प १११७० गिण्हित्तए (ग्रहीतुम्) उ ११११६ गिरिहत्ता (गृहीत्वा) ज ५११४ सू २००२ उ ११४५ गिण्हेऊणं (गृहीत्वा) उ ३६८ गिण्हेत्ता (गहीत्वा) उ ११४८ गिम्ह (ग्रीम) ज २१६४,७०,७११६४,१६७ सू८।११०।७१ से ७४;१२।१४ उ ५।२५ गिरिकुमार (गिरिकुमार) ज ३११३३,१३६ गिरा (गिरा,गिर्) ज २०१५ गिरि (गिरि) ज २.१५,६५,१३१,१३३,१३४; ३।३२,७६,७७,१०६,१२६.४,१२८,१३८, १५१,१७०,१८५,२०६,२२१,४।२३४,२४० गिरिकण्णइ (गिरिकर्णी) प ११४०१५ अपराजिता गिरिदरी (गिरिदरी) ज ३।१०६ गिरिराय (गिरिराज) ज ४२६०।१सू ५१ गिरिवर (गिरिवर) ज २१६५,३।३,८८ गिल्लि (दे०) ज २१३३ गिह (गृह) ज ३।३२,१८३,१८६ उ ११४२,४४, १०८,३१२६,१००,१०१,१३१,१४१,१४८; ४११२,१३ गिहिलिगसिद्ध (गहलिङ्गसिद्ध) प १११२ गीत (गीत) प २१३०,३१,४१ सू १८१२३; १६१२३,२६ गीतजस (गीतयशस्) प २१४५,४५।२ गीतरति (गीतरति) प २१४५ गीय (गीत) ५ २१४१,४६ ज ११४५,२०६५; ३.८२,१८५.१८७,२०४,२०६,२१८,५१, १६.७५५,५८,१८४ गीयरइ (गीतरति) प२४२ गोवा (ग्रीवा) ज २०१५ गुंजत (गुञ्जत् ) ज २११२ गुंजद्ध (गुजार्ध) ज ३।३५,१८८ गुंजद्धराम (गुजार्ध राग) प १७।१२६ गुंजालिया (गुजालिका) प २।४,१३,१६ से १६, २८,१११७७ गुंजावल्ली (गुञ्जावल्ली) प १।४०१४ चूंघची गुंजावाय (गुञ्जावात) प १।२६ गुच्छ (गुच्छ)प १३३।१,३७१।४८१६,६१ ज २।१२,१३१,१४४,१४६ उ ५१५ गुच्छवहुल (गुच्छबहुल) ज ११८ गुज्म (गुह्म) उ ३११ गुझंतर (गुह्यान्तर) ज ४१२१ गुण (गुण) ५२१६४११३,१७,५१३६ से ३८,५८ से ६०,७३ से ७५,८८ से १०,१०६ से १०८, १४६,१५०,१५१४ से १६,२७,२८,३२,३३, ५७,२०१७,१८,३४,२८१२०,२६,३२,६६, ३४/२० ज २०१५,६५,३।३,३२,११७११, ११६,१८६,२०४,२०६५५६,६८,७० ‘गुणड (गुणाढ्य) ज ३३२।१ गुणनिष्फपण (गुणनिष्पन्न) उ १२६३ गुणरयण (गुणरत्न) ज ५१५८ गुणसिलय (गुणशिलक) उ १११,२,३१४,२१,२४, ८६,१५५,१६८,४।४,६,१३,१८ गुणसेढि (गुणश्रेणि) १ ३६१६२ गुणसेढीय (गुणश्रेणिक) प ३६१६२ गुणहर (गुणधर) ज ३११२६.१ गुणित (गुणित) सू १६।२२।२६ गुणिय (गुणित) ज २६ गुणेत्ता (गुणयित्वा) ज ७।३१ सू ४।४,७ गुणोववेय (गुणोपेत) ज २।१४ गुत्त (गुप्त) प १३०,३१,४१ ज २१६८, ३२३५ गुत्तबंभयारि (गुप्तब्रह्मचारिन् ) ज २१६८ उ २१६%3 ३३१३,८६,१०२,११३,११५,१४६,१६०; ४१२०,२२; ५।२७,३८,४३ गुत्ति (गुप्ति) प ११० १११० ज २०७१ Page #182 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गुत्तिदिय-गोयम ८९५ गुत्तिदिय (गुप्तेन्द्रिय) ज २१६८ उ ३६६ गुमगुमंत (गुमगुमायमान) ज २।१२ गुम्म (गुल्म) प ११३३।११।३८१३,११४८१६१ ज २।१०,१२,१३१,१४४ मे १४६,३।२२१; ४।१६६ उ ५५ गुम्मबहुल (गुल्मबहुल) ज ११८ गुरु (गुरु) प १११११ २११३३ गुरुजण (गुरुजन) उ १७२ गुरुजणग (गुरुजनक) उ १८८,६२ गुल (गुड) प १७।१३५ ज २०१७ गुलगुलाइय (गुलगुलायित) ज २१६५,३।३१; ५१५७ गुलिया (गुलिका) प २१३१ ज ७१७८ गुलगुलाइय (गुलगुलायित) ज ७।१३८ गुहा (गुफा) ज १।२४,३।३२ गूढदंत (गूढदन्त ) प १८६ गूढछिराग (गूढशिराक) प ११४८१३६ गण्ह (ग्रह ) गेण्हइ प १११७१ ज २१११३; ३१२६,३६,४७,५६,६४,७२,१३३,१३८, १४५,५।५५ उ ३।५१ गेहंति प ११८१ २८१२२ से २४,३४ से ३६,३६,४०,४२,४५, ६८,६६,७१,३४।६ ज २।११३,५१५५ गेण्हति प १११४७ से ७०,८०,८१,८३,८५ सू २०१२ गेण्हमाण (गह णत) सू २०१२ गेण्हित्ता (गृहीत्वा) ३१२६,३६ उ ३१५१ गेय (गेय) ज ५१५७ गेरुय (गरिक) प ११२०१४ गेविज्ज (वेय) उ ११३८ गविज्जग (वेयक) ज ३१६,३६,२२२ गेविज्जविमाण (ग्रेवेयकविमान) 3 ५।४१ गेवज्ज (ग्रेवेय) प २१४६,६३,३४।१६,१८ ज ३१७७,१०७.१२४,७११७८ गेवेज्जग (वेयक) ११३६,१३७२।४६,६० से ६२,६।६६,९८,१५।८८,६१,६६,१०४,१०८, ११२,११५,११६,१२२,१२५,१२७,१२६, १३६२११५५,६२,७१,९३,३३१२५ गेवेज्जगविमाण (वेयकविमान) पश६०, ३०१२६ गेह (गेह) ज ६६ र ४।२,३ गेहावण (गेहायतन') ज २१२१ गेहावणसंठित (गेहापणसंस्थित) सू ४।२ गो (गो) ज ३११०३ गोकण्ण (गोकर्ण) प ११६४,८६ ज २१३५ गोक्खीर (गोक्षीर) प २०६४ गोखीर (गोक्षीर) १ २।३१ ज ४११२५:५१६२; ७।१७८ गोजलोय (गोजलौका) प१४६ गोड (गोड) प १८६ गोण (गौण) प ११६४,११११६ से २० ज २१३५ गोणस (गोनस) प १७१ गोतम (गौतम) प ३६।१२,८१ च ११४ गोत्त (मोत्र) प ३६३६२ ज ११५,७१२७११, १३२।४,१६७१ च ५।३,१० सू १६५६१४; १०६२ से ११६; १९४२२१३ गोत्तफुसिया (गोत्रस्पर्शिका) प ११४०१५ मोध (गोध) प ११८६ गोधूम (गोधूम) प ११४५।१ गोपुच्छ (गोपुच्छ) ज १:१८,३५,५१:२।१५; ४१४५,११०,२१३, २४२ गोपुर (गोपुर) ज २२० सू ४।२ गोमयकीडग (गोमयकीटक) प ११५१ गोमाणसिया (दे०) ज ४११३० मोमुह (गोमुख) प १८६ गोमेज्जय (गोमेदक) प १५२०१३ गोम्ही (दे०) प ११५० गोय (गोत्र) ५ २२१२८,२३.१,२,५७,२४११५; २६।११:२७१५,३६१५२ ज ३१२२५ उ १११७ , गोयम (गौतम) प ११७४,८४,२११ से ३६,४१ से १.गेहेषु आपतनानि वा उपभोगार्थमागमनानि । Page #183 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८६६ गोयम ४४,४६,४८ से ६४,३।३८ गे १२०,१२२ में १२४,१७४.१७६ ते १८२,४११ से ५४, ५६ मे ६७.६६ ये ७४.६ ६०,६२ २६९५१ से ७.६ से २०,२३.२४,२७ से ३४.३६,३,४०,४१,४४,४५,६५,८६,५२, ५३,५५.५६,५८,१.६,६२,६३,६१.६८,30, ७१,७३,१४,७७,७८,८२,८३,८५,६६.८८, ८६,६२,९३,९६,६७,१००,१०१,१०३,१०४, १०६,१०७,११०,१११,११४,११५.११८, ११६,१२३ से १३१,१३३ से १४०,१४२ में १४७,१४६,१५०,१५३,१५४,१५६,१५७. १५६,१६२,१६३,१६५.१६६,१६८,१६६, १.१ मे १३४,१७६,१७७.१८०,१८१.१८३, १८४,१८६,१८,१८६,१६०,१६२,१६३, १६६,१६७.१६६,२००,२०२,२०३,२०६, २०७,२१०,२११,२१३,२१४,२१७,२१८, २२०,२२१,२२३,२२४,२२७ से २३४, २३६२३६,२४१,२४५७६५१से ४५, ४७ मे ५५,५७,५८,६० से ६४,६७,६८,७० मे ७२,७४ मे ८५,८७ मे ६१,६३,९४,९६ से १०३,१०५ ११०,११२,११४ से ११६, ११८ से १२१,१२३,७१ से ४,६ से ३०%, ८.१ से ११,६।१ से ४,६ से १६,१६ से २२, २५,२६:१०११ से ५,७ से १३,१५ से २४, २६ से २६,३१ से १३:११।१ से ४४,४६, ७३,७६ ६०:१२११ से 37 १३,१५, १६.२०,२१,२३,२४,२७,३१३३:१३११ मे १६.१ मे ३१:१४.१ से ३.१,७,६११ ने १५,१७,१५२१ । २८,३० से ३३,३६ से ५४, ५७ से ७४,७६ से ८४,८६,६१ से ६८,१००, १०३ से १०६,१०८,१०६,११३ से ११६, १२६,१२६,१३२ से १२५,१४०,१४१,१६.१ से ४,६ गे ८,१० से १३,१५,१७,१६ से २१,१७१ से ६,८ से १७,१६ से २२,२४, २५,२७,२६,३३,३६ से ६१,६३ से ६६,७१ से ७६,७८ से ८७,६० से ६२,६४,६५,१००, १०२ से १०४,१०६ से ११६,११८ से १३३, १३६ से १४०,१४६ से १५२,१५४ मे १६४, १६६,१६७,१६६ मे १७२,१८।१ मे १६,१२ मे ३३,३६,४१ से ४१,४६ से १०,६२ मे १२७:१६।१ से ३,५,२०११ से ४.६.७६ मे २५,२७ मे ३०.३२ मे ३४,३८ मे ५४,६१ से ६४,२१११ से १५,१६ से २५,२८ मे ३२, ३६ से ३८,४० मे ४२,४८ से ८१,८३ से ६६,९८ से १०१,१०३ से १०५,२२११ से ११,१३,१५,१७,१६,२१ से २३.२६,२७, २६,३०,३२ से ५०,५२,५३,५:०,५६ से ६६, ७८.७६.८२ से ८४,८६,८७,८६ से ६५,९७ मे २६,१०१,२३५१ से ७६ से ११,१३ से ५०,५७ से ६२,६५,६६ से ७६,८१,८३ मे ८६,८६,६०,६५,९८,६६,१०१ मे १०४, १०६,१११ से ११८,१२८,१२६,१३१ से १३५,१३७ से १४०,१५४,१५५,१५३,१६१, १६१,१६४,१६७,१७१,१७३,१७६,१७७, १९१ से १६६,१६८ से २०१,२४.१ से६,८, १० से १५,२५॥१,२,४,५२६११ से ४,६८ मे १०:२७११ से ३,५,६; २८।१,२ से ७,१० से १६,२१ से २४,२६,३१,३३ से ३७,३६ से ४२,४४,४५,४६ से ५३,५६ से ६५,६७ से ७१,७६ से १६,१०२,१०४,१०६ से १२०, १२२,१२३,१२५,१२७ से १२६,१३२:२६।१ से ३.५ से १३,१६ से २१:३०११ से ३,५ मे १३,१५ से २३,२५ मे २८,३१११ से ३,६,३२११ से ४,६,३३३१ से ३,७ १०, १२,१३,१५ से २६,३१ से ३३,३५,३६; ३४.१ से ३,५ से २,११ से १८,२०,२५; ३५.१ से १३,१६ से २०,२२,२३,३६११ से २२,३० से ५१.५३ से ६४,६६,६७,७०,७१, ७४ मे १०,६२,६४ 7 १५ मे ७,१५ से १८,२० से २३,२६,२७,२६,३३ मे ३५,४१, Page #184 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गोयम-घणघणाइय ६७ गोवल्ल (गोवल) ज ७/१३२१३ गोवल्लायण (गोवलायन) सू१०११०६ गोवल्ली (दे०) प १४०१४ गोसीस (गोशीर्ष) प १३०,३१,४१ ज २१६५, ६६,६६,१००,३७,६,१२,८२,८८,१३३, १८४,२११,२२२:५११४ से १६,५५,५८ गोसीसावलि (मोशीर्षावलि) ज ७।१३३११ गोसीसावलिसंठिय (गोशीविलिसंस्थित) सू१०।२७ मोहा (गोधा) १७६ गोहूम (गोधूम) ज २।३७:३।११६ ४५ से ५१;२११ मे ४,७,१४,१५,१७ से २३, २५,४२,४४ से ४८,५०,५२,५६ से ५८, १२२,१२३,१२७,१२८,१३१ से १३७,१३६, १४७,१५०,१५१,१५६,१५७,१५६,१६१, १६४:३११,६८,२०८४४१,२२,३४,४४,४५, ४८,५१,५२,५४ मे १६० से ३२,६४,७६, मे ८२,८४ से ८६,८६,६६ से ६८,१०० से १०० से १०३,१०५ से ११०,११३,११४,१४१,१४३, १५६ से १६७.१६६ से १७८,१८० से १८२, १८४,१८५,१८७,१८८,१६० से १९४,१६६, १६७,१६६,२००,२०२ से २१०,२१२ से २१४,२२५,२२६.२३४,२३६,२३७,२३६, २४१,२४५,२४६,२५१ से २७.१,६२,४,७ से २६१ से ३,३८ में ४८, २ ते ५७,, ५६ से १६८,१११ से १४४,१४७,१४८, १५०,१५४ से १६,१७० से १७८,१८० से १८५,१८७,१६७ से १६६,२०१ से २१३, च १० सू० ११५,१०११०२ उ ११२५,२६,२८, १४०,१४१:२११२.१३,३१८,६,१६ से १८, २६,२७,८५,८६,६३,६५,१२२ से १२५,१५२, १५७,१६३ से १६५,४१६,२५,२६ गोयम (गौतम) ज ७४१३२१२ गोयर (गोचर) ज २११३२ गोर (गौर) पु २४०१८,२१४६ ज १५ गोरक्खर (गौरखर) प १६३ गदर्भ की एक जाति गोलगोलच्छाया (गोलगोलच्छाया) सू ६।५ गोलच्छाया (गोलच्छाया) सू ६४,५ गोलपुंजच्छाया (गोलपुआच्छाया) सू ६३५ गोलवट्टसमुग्गय (मालवृत्तममृद्ग) २०१२०, ७।१८५ गोलवायण (गौलव्यायन) ज ७१३२।४ मू १०।११५ गोलावलिच्छाया (गोलाबलिच्छाया) सू ६५ गोलोम (गोलोमन) ५११४६ गोवग (गोपक) ज ३१३५ घओदय (घतोदक) प ११२३ घंटा (धण्टा) ब ११३७,३।३५,१७८४१३०%; ५।२२ से २६,२८,४८ से ५३७१७८ उ १।१३८,३७,६१ घंटिया (घण्टिका) ज २१६४,७११७८ घंटियाजाल (घण्टिकाजाल) ज ३१२४,३०,१०६; २८ घट्टणया (घनता) प१६१५३ घछ (प्ट) प|३०,३१,४१,४६,५६,६३,६४ ज १८,२३,३१ सू २०१७ घड (घट) ५२।३०,३१,४१ ज ३७,४१२३,३८, ६५,७३,६०,६१ घड (घटय घडति ज ५११६ घडावेता (घटयित्वा) उ ३.५० घड़िया (घटिका) ज ४११२६ घडेत्ता (घटयित्वा) ज ५११६ घण (घन) प १।४८।३८२१३०,३१,४१,४६%) १२।१२,३८; ज ११२४,४५,६५,३१३,२४, ८२,१६७,१८५,१८७,२०६,२१८,२२४; ४।१२५,५।१,५,१६,५७,६२,७१५५,५८, १७८,१८४ सू १८।२३;१६।२३,२६ घणघण (घनघन) ज २१६५ घणघणाइय (घनघनायित) ज० ५१५५७ Page #185 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८६८ घणघणेत-चउक्कय घणघणेत (धनघनायमान) ज ३।३१ घणदंत (घनदन्त) प १८६ घणवाय (धनवात) प १।२६२११० घणवायवलय (घनवातवलय) १ २११० घणसंमद्द (धनसंमर्द } सू १२।२६ घणोदधि (धनोदधि) १ २१२४ घणोदधिवलय (घनोदधिवलय) प २१४ घणोदहि (घनोदधि) प २०१३ घणोदहिवलय (घनोदधिवलय) प २११३ घत (घृत) प १५।५५।१ सू १०।१२० घतवर (घृतवर) सू १६३१ घतोद (घतोद) सू १९१३१ चित्त (ग्रह ) घत्तामोज ३।१०७ घतिहामि उ१४१ धत्तेह ज ३।११४ पत्थ (ग्रस्त) सू २०१२ घय (घृत) ज २०१०६११० उ ३३५१ घयमेह (धृतमेघ) ज २११४३,१४४ घर (गृह) सू२०१७ उ ३.१०० घरग (गृहक) ज १११३ घरधरग (घरघरक) ज ७.१७८ अनुकरणशब्द । घरोइला (गृहकोकिला) प १७६ घाइय (घातित) ज ३३१०८ से १११ उ श२२; १४० घाएउकाम (हन्तुकाम) उ१७२ घाडिय (घाटिक) ज २१२६ घाण (घ्राण) प १५७७,८१,८२, ३६८१ ज ४।१०७ घाणविण्णाणवरण (घ्राणविज्ञानावरण) प २३३१३ घाणावरण (घाणावरण) प २३३१३ घाणिदिय (प्राणेन्द्रिय) प १३।४,१५११,४,८, १३,१६,४२,५८,६४,६९,७०,२८.४५,४६, ७१ उ ३।३३ घाणिदियत्त (घाणेन्द्रियत्व) प ३४१२० घाणिदियपरिणाम (घ्राणेन्द्रियपरिणाम) प १३१४ घाणेदिय (ध्राणेन्द्रिय) प १५॥३४ घायय (घातक) ज २।२८ घुल्ला (दे०) ११:४६ घेत्तूण (गृहीत्वा) ज ३८१ घोडग (घोटक) ५ १६३ घोडय (घोटक) ५ ११११६ से २० घोणा (घोणा) ज ३।१०६ घोर (घोर) ज ११५ घोरगुण (घोरगुण) ज ११५ घोरतवस्सि (घोरतपस्विन्) ज ११५ घोरबंभचेरवासि (घोरब्रह्मर्यवासिन ) ज १२५ घोलंत (घोलत) ज ३१६; २१ घोस (घोष) प० २१४०१६ ज २१६५,३१३५, १८६,२०४ घोस (घोषय) घोसंति ल ३१२१३ घोमेंति ज ५७३ घोसेह ज ३१२१२,५१७२,७३ घोसणा (घोषणा) ज ५१२६,७२,७३ घोसाडइफल (कोशातकीफल) ११७।१३० घोसाडई (कोशातकी) प ११४०१ घोसडय (कोशातक) प ११४८१४८ घोसाडिय (कोशातकी) प १७१३० घोसेत्ता (घोषयित्या) ज ३१२१२ च (च) प ११ ज १७ सू १७ उ १७, ३१७; ४११० चइत्ता (त्यक्त्वा ) प २०१४६ ज २१६४ उ ३३१८, १२५,१५२,४१२६,२८:१३०,४३ चइत्ता (च्यत्वा) ज २८५ चउ (चतुर) प १११३ ज ११८ चं ४।३ सु ११८ उ २।२२ चउक्क (चतुप्क) प २१।१६:२३।२६,२८,६२, १३४,१७८ ज २१६५,३११८५,२१२,२१३: ५१७२,७३,७।१३१२२ उ १११८ चउक्कग (चतुष्क) ज ७१३१२ चउक्कय (चतुष्क) प६८३:२३१२८ Page #186 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चउगुण-चउम्मुह 488 चउगुण (चतुर्गुण) १२१५६ ज ५५१ चउदस (चतुर्दशन) ज ३१२२१ चउग्गुण (चतुर्गुण) प २१४०१५ ज ५५४६,५२।१।। चउदसव्वि (चतुर्दशदिन ) ज २१७८ म १६।२२।२३ चउद्दस (चतुर्दशन्) ज ७१५६ सू बा१ चउजमलपय (चतुर्यमलपद) प १२१३२ चउद्दसपुचि (चतुर्दशपूर्विन्) ज २१७८ चउठाणवडित (चनु.स्थानपतित) प ५।१२,१४, चउद्दसम (चतुर्दश) सू १०७७,१३।८ १६,१८,२४,२८,३४,३५,३७,४१,४५,४६, चउद्दसी (चतुर्दशी) ज ७।१२५ ५०,५४,५६,५६,६३,६६,७१,७४,७८,८६, चउद्दिसि (चतुर्दिश्) ज ४।४,२०,११८,१२६, ५७,८६,६३,६४,६७,१०२,१०४,१०५,१०७, १४४,१४७,१५११२,२१६,२३५,२४६; १११,११२,११६,११६,१३१,१३४,१३६, ५१४०,६१ १३८,१४०,१४३,१४५,१४७,१४८,१५०, चउनाणोवगय (चतुर्ज्ञानोपगत) ज ११५ १५१,१५४,१६६१६७,१६३,१७२,१७५, चउपएसिय (चतुःप्रदेशिक) प ५१५६,१०१६ १७८,१८२,१८४,१८५,१८७,१८८,१६०,१६३, चउपण्ण (चतु पञ्चाशत् ) ज २१७७ १६७,२००,२०३,२००,२११,२१४,२१८, चउपण्णग (चतु.पञ्चाशत्क) सू १३।१७ २२१,२२४,२२८,२३०,२३२,२३४,२३७, चउपुरिसपविभक्तगति (चतुःपुरुषप्रविभक्तगति) चउप्पएसिय (चःतुप्रदेशिक) ५११६० चउठाणवडिय (चतुःस्थानपतित) प ५७,२५, चउप्पगार (चतुःप्रकार) प ११॥३०॥२ चउप्पण्ण (चतुःपञ्चाशत् ) ज ४१२३४ चउणउत (चतुर्नवति) सु १६।१४,१५१ चउप्पदेस (चतुःप्रदेशिक) प १०११४।२ चउणउति (चतुर्नवति) सू ४।४ चउप्पय (चतुष्पद) प ११६१,६२,६६,४।१२२ से चउणउय (चतुर्नवति) ज ४।२४१ १३०,६।७१,७७;२११११ से १३,३५,४४, चउणवइ (चतुर्नवति) ज ४१८६ ५३,६० ज २११३१७१२३ से १२५ चउतीस (चतुत्रिशत् ) सु ११२० चउम्पाइया (चतुष्पादिका) प १७६ चउत्तीस (चतुत्रिंशत् ) सू ११२२ चउभाग (चतुर्भाग) ज ७१६० से १६५ सू चउत्य (चतुर्थ) प ३।२०,१८३,६१८०1१; १११६:१०११४२,१४७,१२।३०,१८१२७ से १०११४।४,५,६,११।३,४२,८८,१५।१४३; १७.१४८,३३॥१६,३६०८५,८७ ज ४।१८०, चउभंग (चतुर्भङ) प १६।१०:२६.६,६ २०२; ११०६,१५६,१६३ सू १०७०,७४, चउभंगि (चतुर्भङ्गिन्) प १०१६ ७७,१२७ ; ११५५,६,१२१५,१७,२७,१३१८, चउभाग (चतुर्भाग) प ४.१७७,१७६,१८०,१८२, १६ उ १०,१२,३११४,५४,७१,८३,८८, १८३,१८५,१८६,१८८,१८६,१६१,१६२, १५३,१५.४१६१,४।१,३,२४:५६१,२८,३६,४३ १६४,१६५,१६७१६८,२००,२०१,२०३ चउत्थभत्त (चतुर्थ भक्त) १२८।२५ ज २।५६,१५६ ७१८७,१८८ सू१।१६,२११,६१३; चउत्था (चतुर्थी) सू १२०२२ १०1४७,१२।३०।१३।४।१५।१७ से १६,२४। चउत्थाहिय (चतुर्थाहिक) ज २१४३ चउत्थी (चतुर्थी) १२५ ३ ११२६,२७. चउम्मुह (चतुर्मुख) ज ३११८५,२१२,२१३; १४०,१४१ ५।७२.७३ ३ १९८ २५ Page #187 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९०० चउरंगुल-चंद चउरंगुल (चतुरङ्गुल) सू १०६३१६१२२ चउरंगुलकण्णाक (चतुरङ्गुलकर्णक) ज ३।१०६ चउरंगुलजण्णुक (चतुरङ्गुलजानुक) ज ३।१०६ चउरंगुलमूसियखुर (चतुरमुलोच्छितषुर) ज३।१०६ चउरंस (चतुरस्र) प १४ से ६२०२० से २७, ३१ से ३५,४१,१०।१५,२६,२११६२ ज ११३१२।१५:३१६५,१५६,४।११४ चउरासीई (चतुरशीति) ६ २१४६ ज २१४ चउरासीति (चतुरशीति) प २१२० ज २१७३ चरिदिय (चतुरिन्द्रिय) प १३१४,५१,२।१८) ३।६,४० से ४२,४७,४६,१५० से १५२, १८३,४११०१ से १०३,५१३,८१,६।२०,६५, ७१,८३,१००,१०२,१०४,११५, ६१४,१६, २२११।४५१२१३,३०,१३।१७:१५।३४,७५, ८२,८६,१३७:१६१६,१३,१७४२२,४०,६२, ८८,६६,१०३,१८१५,२३,२०१८,१६,२३, २५,२८,३३,४७,२११६,२८,४२,७६,८०,८६; २२।३१,७३,२३३८८,१५१,१६४,२८।४३, ४६,१०१,१२५,१३६,२६।१४,२१:३०।१२, १३,२२,२३,३११३,३२१२,३४,३,७,३५।१३, २०३६।६,३६ चरिदियत्त (चतुरिन्द्रियत्व) प १५/६७,१४२ चउरेंदिय (चतुरिन्द्रिय) प६८६;१६१३ चउवत्तर (चतुःसप्तति) ज ४१५५ चउवीस (चतुर्विशति) प६।११ ज २६ सू ४१७ चउवीसतिम (चतुविशतितम) सू १२११७ चउवीसय (चतुर्विशति) सू १।१६ चउब्विह (चतुर्विध) प ११४,५२,६२,६८,७७, १०११३,१३०,५२१२५१३१३,५,१४१७,६; १५१६६,७५:१६६,२६,३१,५३,१७११३; २०१६२,२११७७,२३।१८,२८,३७,३६,५४; २५२४,५,२६१३,१२:३०१६,३५१४ ज २२५३, ६६,१६२,३।१६७१०,२११:४।६६,२५४, २५५:५१५७ चउन्वीस (चतुविशति) प ६।१० सू२११ चउव्वीस (चतुविशतितम) प १०।१४।३ चउसट्ठि (चतुःषप्टि) प २।३२ ज २०५२ चउसमइय (चतु:सामयिक) १३६१६७,६८ चउहा (चतुर्धा) प १६.१ चंकमिय (चंक्रम्य) ज ७१७८ चंगेरी (चंगेरी) ज ३।११:५७,५५ चंचल (चञ्चल) प २१४१,५० ज ३।१०६,१७८, ५।१८,७१७८ चंचलायमाण (चंचलायमान) ज ३१२४१३,३७१, ४५११,१३१३३ चंचुच्चिय (दे०) ज ३।१७८६७।१७८ कुटिलगमन चंचुमलइय (दे०) ज ५।२१ चंड (चण्ड) २६०,१३१ चंडिक्किय (दे०) अत्यधिक कुपित ज ३।२६,३६, ४७,१०७,१०६,१३३ उ १।२२,१४० चंडी (चण्डा) ५११४८।४ चंद (चन्द्र) प ११३३;२१२० से २७,४८,१५१३, ४,२१,५५।३,१७४१२८,२११२३,८० ११२४२।१५,६८,१३१,३।३,२४।४,३२१, ३५,३७४२,४२,४५।२,७६,८५,६५,१३१।४, १५६,१८५,२०६; ४।१४२,२११:७१,७२, ७५,७८ से ८२,८४,६८,१०५.१११, ११२।२,१२६,१२७११,१२६,१३४११,४, १६७।१,१७०,१७७।१,१७८।१,१८०,१८१, १८३ से १८५,२०७,२१२,२६२ सू १०।२, ५,७५,१२२,१२७ से १२६२,१३२,१३३, १३६,१३८ से १४२,१४८,१४६,१५२ से १६५,१७०,१७२,१७३;११११ से ६:१२।३, १५,१७११,१६ से २८,३०,१३३१,३ से १७; १४।३,७,१५॥१,२,५,६,८ से १०,१४,१७ से २०,२६,२६,३२,३५,१८।१४,१८,१६,२१ मे २४,३७, १६१११,५।२,८,११६२,१५।२, १६,२१।३,६,१६।२२।४,७,१०,१५ से २५, २७,२८,३०,१६३३१,३५,३८, २०१२,३,४,६ उ ११६३;३।२।१,३।६.१४ से १८,२१,२५ Page #188 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चंदचार-चक्कट्टि १०१ चंदिम (चन्द्रमम) प ०४८ से ५१,६३ ज ७1५५, ५८,१६८,१८०,१८१,१६७ सू ३११;६१ १५.१:१७११,१८,२,३,१८,१६,३७, १९४१, २६ , २०११,७ उ २११२,५१४१ चंदिमसूरियसंठिति (चन्द्रमरसूर्यमंस्थिति) सू ४।१,२ चंदिमा (चन्द्रिका) ज ७१०२ चंदोतारायण (चन्द्रावताराचन) उ ३।१५७ चंप (चम्पक) प १७:२७ चंपकवण (चम्पकवन) ज ४।११६ चंपग (चम्पक) ज २१०,३३१२,८८ उ ११२३, चंदचार (चंद्रचार) सू१०।१२१,१२२ चंदण (चन्दन) प १२००४:२३६।३,११४६; २१३०,३१,४१ ज २१७०,६५,६६,९६,१००; ३१६,१२,८२,८८,१३३,२०६,२११,२२१, २२२:५११४ से १६,५५,५६,५८ चंदणकयचच्चाय (चन्दन कृतचर्चाक) ज ३।२०६ चंदणपुड (चन्दनपुट) ज ४।१०७ चंदणा (चन्दना) उ ३।१७१ चंदद्दह (चन्द्रद्रह) ज ४।१४२।३,२६२ चंदपण्णत्ति (चन्द्रप्रज्ञप्ति) ज ७।१०२ चंदपव्वय (चन्द्रपर्वत) ज ४१२२२ चंदप्पभ (चन्द्रप्रभ) प ११२०।४ ज २११३; ३११२,८८,५१५८ चंदप्पमा (चंद्रप्रभा) प १७।१३४ ज ७/१८३ सू१८१२१,२०६ चंदमंडल (चन्द्रमण्डल) ज ३।६५,११७,१५६, १७८,७६१ से ७३,७६,७८,६७,१७७ सू १०७६,७७ चंदमाग (चन्द्रमार्ग) च ५२ सू १।६२; १०७५ चंदमस (चन्द्रमा) चं १४ ; सू १९६८४ १३३१,१७ चंदमा (चन्द्रम) ११६,१३।१,१७ चंदमास (चन्द्रमास) सू १२।१० से १२ चंदलेस्सा (चन्द्रले ) सू १६६१,२ चंदवडिसय (चन्द्रावतंसक) सू १८१२२,२३ उ ३६,१४ चंदविभाग (चन्द्रविमान) प ४११७७ से १८२; ६१८५ ज ७१७३,१७४,१७६ से १७८,१८८ सू १८।१,८,९,१४,२७,२८ चंदसंवच्छर (चन्द्र वित्सर) ज ७१०६,१०७ सू १०११२७:११।२ से ६,१२।१,३,१० से चंपगजाति (चम्पकजाति) प १३८।३ चंपकवडेसंय (चम्पकावतंसक) प २२५०,५२ चंपछल्ली (चम्परछल्ली) प १७:१२७ चंपभेद (चम्पकभेद) प १७१२७ चंपयकुसुम (चम्पककुसुम) प १७.१२७ चंपयलता (चम्पकलता) प ११३६।१ चंपा (चम्पा) प १०६३।११७।१२७ उ ११६,१०, १२,१६,६३,९५,६७,६८,१०५,१०६,११०, ११६,१२२,१२५,१४४,१४५, २।४,५,१६,१७ चंपापुड (चम्पापुट) ज ४। ०७ चक्क (चक्र) ज २११५:३।३,३५,६५,१५६, १६७।११,१२ सू ३२ चक्कद्धचक्कवालसंठित (चक्रार्धचक्रवालसंस्थित) सू ११२५,४१२ चकरपुरा (चक्रपुरा) ज ४१२१२,२१२१४ चक्करयण (चक्ररत्न) ज ३१४ से ६,६,१२,१४, १५,१८,२२,३०,३१,३६,४३,४४,५१,५२, ६०,६१,६८,६६,६३,६६,१०६,१३०,१३१, १३६,१३७,१४०,१४१,१४६,१५०,१६३, १७२,१७३,१७५,१७८,१८०,२२० चक्करयणत्त (चक्ररत्नत्व) प २०१६० चक्कट्टि (चक्रवर्तिन्) पश७४,६१,६२६ ज २।१८,६३,१२५,१५३,३१२,३,२६,३६, चंदाभ (चन्द्राभ) ज २१५.६,६२ चंदायण (चन्द्रायण) सू १३।१०,१३ Page #189 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६०२ ४७,५६,७१, ६५, ११५, ११६,१२४,१३३, _१३५१,१३६,१३८, १४५,१५६, १६७१५, १४; ४१६४,१६२,२७७, ५।२१,५८,७११६६,२०० hai ( चत्वि ) प २०१५०,५२ चक्कविंस (चक्रातिवंश) ज २ १२४, १५२ चक्कट्टिविजय (चतिविजय ) ज ४११६६, २६२;५।१,५५,६११४,१६ काग (चक्रवाक) उ५।५ arrata (चक्रवात) ज २।१२ चक्कवाल (चक्रवाल) न १२६५,४१२३४, २४०, २४१ सू १६/४,७,१४, १८, ३०, ३४, ३७ उ ३।१२,१४१,४/१२,१३ चक्काग (चक्रवाक ) प ११४८३८१७६ चक्कि ( चक्रिन् ) प ११९३१६,२०२१।१ चक्किय ( चक्रिक ) ज २६४ चक्किया ( शक्नुयात्) ज ३११८५ aftaar (चक्षुरिन्द्र ) प १५ १,३,८,१३,१६, ३४,४१,५८,६४,७०,२८१४६,७१७ ३/३३ चखिदियस (चक्षुरिन्द्रियत्व ) १३४।२० परिणाम (चक्षुरिन्द्रियपरिणाम ) प १३४ चक्खु ( चक्षुप ) ज ५१५, ४६ चक्खुदंसण (चक्षुर्दर्शन) प ५१५,७,२१,४५,८१, ६३,६७,२६१३,७, १४, १७, १९, २१,३०१३,७, १३ चक्बुदंसणावरण (चक्षुर्दर्शनावरण) प २३१४ चक्खुदंसणावर णिज्ज (चक्षुदर्शनावरणीय) प २३३२८ चक्खुदंसण ( चक्षुर्द शिन् ) प ३११०४ खुद (चक्षुर्द) ज ५३२१ चक्खु फास (चक्षुःस्पर्श ) ज ७२० से २५,७६, ८१ चक्खुफास ( चक्षुः स्पर्श) सू २०३ चक्खू भूय ( चक्षुर्भूत) उ३।११ चक्खुन ( चक्षुष्मत् ) ज २२५६,६१ चल्लोयणलेल (चक्षुर्लोकनलेश ) ज ४।२७; ५२८ चक्कवट्टत्त-चर चक्बुहर (चक्षुर्हर ) ज ३१२११५१५८ चच्ays ( चर्चपुट) ज ३३१०६ चच्चय ( पक) ज ३३८८ चच्चर ( चत्वर) ज २२६५ ३११८५,२१२,२१३; ५१७२,७३३ १६८ चच्चा (दे०) ज ५।५६ चच्चिय ( चर्चित ) ज ३१२११ चडकर (दे०) ज २२६५ चडगर (दे० ) ज ३१७,२१,२२,३६,७८, १७७ चण ( चणक) ज ३।११६ चत्ताल ( चत्वारिंशत् ) ज ४।५५ सू १।२१ चत्तालीस ( चलारिंशत् ) प २३३६ ज ५।४६ सू १०११५७ चमर ( चमर ) प ११६४६ २१३१,३२,४०१६ ज ११३७, २१३५, १०१,११३,११६,३११८५, २०६४।२७ : ५।२८, ५० चमरवंचा (चमरचञ्चा) ज ४।१६५,२१० : ५१५० चमरोगंड ( चमरगण्ड ) ज ३।१७८ चम्म ( चर्मन् ) ज ५।३२ चम्पक्खि (चर्मपक्षिन् ) प ११७७,७८ चम्मरयण (चर्मल) ज ३७ से ८१,११६, ११७, १२१,१५१,१७८, २२० चम्मरयणत ( चर्मरत्नत्व ) प २०१६० चम्मेट्ठग (चर्मेण्टक) ज ५१५ चय (चय, व्यव ) प २०१४६ ३ ३१८, १२५, १५२; ४/२६,२८; ५/३०,४३ चय ( स ) नए प २२६४।१७ चय (च्यव्) चयंति प ६।१११,९२६ १७६६ सू १७९ चयति स १६२४ चयंत ( त्यजत् ) प २।६४।५ चयण ( च्यवन ) प ६४६,५६,६६, १७/६१,१०५ चं २५ सू १६।५; १७११ चयोवचय (चयोपचय ) सू १।१४ चर (चर्) चरइ ज ७ १०,१३,१६,१६ से ३०, २४,६६,७२,७५,७६ से ८२,६४,६५,६६,६८ से १००,१७१,१७३, १७५ स् १।११ चरति Page #190 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चर-चामरहत्यगव प१७५, २०४८ ज ३.९५,१२५,७११ च ३११ चल (चल) ज ३।१७५, ७११७८ सू १७११:१६६१,१११२,१५।२,२१॥३,६ चल (चल्) चलइ ज २१६२,३१५५,६४,७२, चरति सू १३१५, १६।२२१२,१७ चरिति १४४,१२० चलंति ज ३।२,१११,११२,५२,७ सू १६८ चरिंसु ज ३३६५७।१ सू १६१ चलंत (चलत् ज ३।३१,७१७८ चरिस्संति ज ३१६५७१ सू १६१ चरेंति चलचवल (चलचपल) प २१४१ सू १६६११ चलण (चरण) ज २११४,१५,३।३५,१०६७।१७८ चर (चर) ज ७।१२४,१२५ चलणीबहुल (चलनी' बहुल) ज २११३२ चरग (चरक) प २०१६१ ज ३.१०६ चलिय (चलित) ज २१८६,६०,६३, ३१५६,११३, चरण (चरण) ज ३१३,१३८ १४५, ५६३,२१,२८ चरम (चरम) सू ७।११०१५६ , २०१३ चवल (चपल) ज २६०,३३६,२६,३५,३६,४७, चरमाण (चरत्) उ ११२,१७,३।२६,६६,१३२, ५६,६४,७२,१०६,११३,१३८,१४५,१७८; १४६,१५६,४।११:५१३६ ५।५,२१,२६,४४,४७,६७,७११७८ चरित्त (चरित्र) प १।१०१११० ज २०७१ चवलायंत (चपलायमान) ज २११५ चरित्तधम्म (चरित्रधर्म) प १११०१।१२ चविया (चव्य) प १७:१३१ चरित्तपरिणाम (चरित्रपरिणाम) १३।२,१२, चाउग्घंट (चतुर्घण्ट) ज ३।२१,२२,३४ से ३६ १४,१८,१६ उ ५१३८ चरितमोहणिज्ज (चरित्रमोहनीय) प २३१३२,३४ चाउघंट (चतुर्घण्ट) उ १।११० चरित्ताचरिति (चरित्राचरित्रिन्) प १३११४,१८, चाउरंगिणी (चतुरङ्गिणी) ज ३।१५,२१,३१,३४, ७८,६१,१७३,१७५,१६६ उ १११२३ १२७, चरितारिय (चरित्रार्य) पश६२,१११ से १२६ १२८,५११८ चरित्ति (चरित्रिन) प १३।१४,१८,१६ चाउरंत (चतुरन्त) ज २।१८३।२,२६,३६,४७, चरिम (चरम) प १११४,१०३,१०६,१०७,१०६, ५६,११५,१२४,१३३,१३८,१४५,५१२१,५८ ११०,११३,११४,११६,११६,१२०,१२२,१२३, चाउस्सालग (चतुःशालक) ज ५१३ २०६४।५।३।१।२,३।१२३:१०१२ से १३, चाउस्सालय (चतु:शालक) ज ५११३,१४ २१ से २४,२६ से २६, ३१ से ५३; चाडुकारग (चाटुकारक) ज ३।७८ १५१४३;१८।११२,१८११२६; २३१६३, चामर (चामर) प १११२५ ज २०१५,३६,१८, ३६.७६ ज ४११४३;७।१५६ से १६७ सू ५१; २४,३१,३५,६३,१०६,१७८,१८०,२२२; १०१६३ से ७४,१३८,१४२,१४३,१४७ से ४।२६,३०,५१११,४३,४६,५५,५७,६०,६६, १५१,१५६,१६१,१११५,६,१२१२४ से २८, ७/१७८ ३०,१३।१ उ ५।४३ चामरग्गाह (चामरग्राह) ज ३११७८ चामरच्छाय (चामरच्छायन) ज ७१३२१३ चरिमंत (नरमान्त) प २१६४,१०१२ से ५,२१, चामरच्छायण (नामरच्छायन) सू १०११३ २६,२७ से २६; १६।३४, २१।१०३३।१६, चामरहत्थगय (हस्तमतचामर) ज ३१११ १७ ज ४११०,१४१,२०६,२०७,२५२ चरिमभव (चरमभव) १ २१६४।४ चरु (चरु) उ ३१५१,६४ १ चलनप्रमाण कर्दम: चलनीत्युच्यते Page #191 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६०४ चामीकर ( चामीकर) ज ३।१ चार (चार) प २०४८, १६१५५ ज ७११,१०,१३, १६, १६ से ३१, ३५, ६६,७२,७५,७८ से ८२,८४,६५,६६,६८ से १००,१७१, १७३ से १७५ १६,११,१४,१६,१७,१६ से २४, २७:२१२,३, ३१२:४१४, ७, ६, ६१; १२; १०।१२१,१२२,१३।५ से १०,१२,१३,१७; १५१२ से ४; १८ । १, ५, ७, १६१, ५, ८, ११,१५, १६,२१,१६२२१२,१३,२२,१६/२३ चारगसाला ( चारकशाला ) उ ११८८, ६१ चारइिय ( चारस्थितिक) ज ७ ५५,५८ चारट्ठतिय ( चारस्थितिक) सू १९/२३,२६ चारण (चार) प १६१ चारि (चारित् ) प २०४८ चारि (चारिक ) प १७३१ चारित्व ( चारयितव्य ) प १७१३१,६७ चारु ( चारु) प २०४९, ५० ज २११४, १५:३।१०६, ११६,१३८५११८ चारुमासि ( चारुभासिन् ) ज ३१७७,१०६ चारेव्व ( चारयितव्य ) प २१।१०२ २२|७० चारोग (चारोपण) सू १६१२२१२१ चारोववण्णन (चारोपपन्नक) ज ७२५५,५८ सू १६१२३,३६ चाव (चाप) ज २।१५; ३।३१, १७८ चावगाह (चापग्रह) ज ३।१७८ चावंस (दे० ) प ११४१२ चास (चा) प १७६१७१२४ चासपिच्छ ( चाषपिच्छ ) प १७ १२४ चि (चि) चिज्जति प २१।६५,६६ चिउर ( चिकुर ) प १७११२७ चिउरराग ( चिकुरराग ) प १७११२७ चिंचाराम (चिञ्चाराम) उ३१४८, ५५ चित (वित्) चितेभि प ११११ चितय ( चिन्तक ) उ १।३१ चिता (चिन्ता) ज ३।१०५ उ२।११ चामीकर-चित्त चितिय ( चिन्तित ) ज ३१२६,३६,४७,५६,८७, १२२,१३३,१४५, १८८५१२२१११५, ५१, ५४,६५,७६, ७६,६६,१०५ ३२६,४८,५०, ५५,९८,१०६,११८,१३१,५१३६,३७ चितेनाण ( चिन्तयत् ) ३११८८ चिंध (चिह्न) प २१३०,३१,४१,४८,४६ ३४२४,३१,७७, १०७ से १११,११७,१२४, १७८ उ १।१२,१४० चिक्खिल्ल (दे० ) प २२० से २७ / चिट्ठ (रथा) चिट्टइ उ ११४७ चिट्ठई ज १ १६, ४०, ४७, ३३५४,६३,७२, १३७, १४३, १६७, २२२:४११४०, १६८, २३४,२४०, २४१, ५।६७, ६८ चिट्ठेति प० २२६४; २।६४१२०;१५/४३, ४५,२८११०५;३४।१६,२२ से २४,३६,७६, ८ १,६३,६४१ १ ज १११३,३०,२१७ से ६,१३, ६० से ६२,३।१११, ११३:४१२, १२६, १३७, ५१५, ७ से १२,३८,५७,६०,६७,७११८५, २१३ सू १८१२३ उ ३।४९ चिट्ठति प १५५१, ५२ सू १९१२ चिट्ठ३।११३ चिट्ठामि उ १।११७ चिट्ठाहि उ १।११५ चिट्ठेज्ज प ३६।९१ चिट्ठित ( स्थित ) सू २०१७ चिट्ठिय (चेष्टित) ज २ । १५; ३११३८ चिडग ( चटक ) प १३६ चिमण ( चयन ) प २१११।१ चिन ( चि) चि प १४।१।१ चिति प १४११२ पणि १४|११ चिणित्संति प १४।१३ चिण्ण (चीर्ण) चं ३१ सू १४३, १५, १६, १३४१२, १४ से १७३१४८, ५०, ५५ चित्त (चित्त) २१४१ ज ३१५,६,८,१५,१६,३१,५२, ५३,६१,६२,६६.७०,७७,८४,६१,१००, १०६, ११४,१३७,१४१,१४२,१५०, १६५,१७३, १८१,१६६,२०८,२१३५१५, १५.१८,२१, २६,२७,२६,४१,५५,५७,७० उ ११२१,३१, Page #192 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चित्त-चुलसीइ ४२,१०८, ३११३६,५१२० चिलाइ (किराती) ज ३१११११ चित्त (चित्र) प १२१२३२१३०,३१,४१,४८,५० चिलाइया (किरातिका) ज ३१८७ ज ३१२४१३,३७१,४५३१,७६,११६,१२४, चिलाय (किरात) ज ३११०३ से १०५,१०७, १३१॥३,१४५,१७८,७११७८ ११५,१२५ से १२७ चित्त (चैत्र) सू १०.१२४ चिलायविसयवासि (किरातविषयवासिन) चित्तंतरलेस (चित्रान्तरलेश्य) ज ७/५८ सू १६२६ प१८६ चित्तंतरलेस्साग (चित्रान्तरलेश्याक) चिल्लम (दे०) प २१४१ सू १६२२३० चिल्लल (दे०) प १३८६; २।४,१३,१६ से १९,२८ चित्तकणगा (चित्रकनका) ज ५३१२ चिल्ललग (दे०) प ११॥२२ चित्तकूड (चित्रकूट) ज ४११६६,१६६,१७२,१७३, चिल्ललय (दे०) प ११।२१,२४ १७६,१७८ से १८१,१८५,१६१,१६७,२००, चिल्ललिया (दे०) प १११२३ २०६,२०७,६६१० चिल्लाय (किरात) प १८६ चित्तग (चित्रक) प ११६६ चिल्लियतल (दे०) सू २०७ देदीप्यमान तल चित्तगुत्ता (चित्रगुप्ता) ज ५।६।१ चीण (चीन) १८६ चित्तपक्ख (चित्रपक्ष) प ११५१ चीणपिठरासि (चीनषिष्ट राशि) ५१७११२६ चित्तगहुल (चित्रकबहुल) ज २।६४ चीवरघारि (चीवरधारिन् ) ज श६६ चित्तय (चित्रक) प ११।२१ चुचुण (चुञ्चुण) प १।६४।१ चित्तलंगमंग (चित्रलाङ्गाङ्ग) ज २११३३ चुचुय (चुञ्चुक) प ८६ चित्तलग (चित्रलक) प ११६६ ज २११३६ चुच्चु (दे०) प १३७।२ चित्तलि (चित्रल,चित्रलिन् ) प १७१ चुण्ण (चूर्ण) प ११४८।३८ ज २१६५, ३।११,१२, चित्तविचितकूड (चित्रविचित्रकूट) ज ४१६४ ८८ सू २०१७ चित्ता (चित्रा) ज ५१२,७४१२८,१२६,१३६, चुण्णग (चूर्णक) उ ३।११४ १४०,१४६,१६४,१६५ सू१०१२ से ६,१६, चुण्णवास (चूर्णवास) ज ५१५७ २३,४७,६२,७१,७२,७५,८३,११२,१२०, चुण्णविहि (चूर्गविधि) ज ५१५७ १३१ से १३३,१५४,१२१३० चुण्णिया (चूणिका) प १११७६ ज ७।२१,२५,६५, चित्तामूलय (चित्तामूलक) प १७६१३१ ६८,६६,७१,७२,७४ सू २।३,१०११५२ से चितार (चित्रकार) प १९९७ १६०,१६२,१६३,१११२ से ६,१२१७,८,१६ चित्तिया (चित्रिका) प १११२३ से २८ चिय (चित) प २३।१३ से २३ ज ३१२१७ चष्णियाभाग (चणिकाभाग) ज ७.२१,६६,७४,७५ चिय (एक) सू १०।१३६ चणियाभाय (चूर्णिकाभाग) ज ७२५,६५,६८, चियगा (चितका) ज २।९५,९६,१०३,१०४,११४ ७१,७२,७५,७७,७८ चियत्तदेह (क्तदेह) ज २१६७ चुणियाभेद (चूपिकाभेद) प १११७६,७६ चिर (चिरम् ) ज ३।१२६६१,२ चण्णियामेय (चूणिकाभेद) प १११७३,७६ चिरंजीव (चिरंजीव) ज ३।१२६ चुय (च्युत) ज २१८५७१५६,५६ चिराईय (चिरातीत) चं ७ उ ५७ चुलसीइ (चतुरशीति) १२१३४ ज २०७४ च ४।२ Page #193 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चुलसीति-चोरग चुलसीति (चतुरशीति) प २१४०११ सू २।३ चेडरूव (चेटरूप) उ ३.११४ चुलसीय (चतुरशीति) सू १११२ चेडिया (चेटिका) उ ३।१४१ चुल्लमाउया (क्षुल्लमातृका) उ १।१२,४३,४४, चेडी (चेटी) ११५४,५५,७६,८०,४।१२,१३ १४५,२१५,१७ चेतियखंभ (चैत्यस्तम्भ) सू१८३ चुल्लाहमवंत (क्षुल्ल हिमवत् ) प १६।३० ज १।४८; चेत्त (चैत्र) ज १०४ उ ३।४० ४।४८ चेत्ती (चैत्री) ज ७।१३७,१४०,१४६,१५५ चुल्लहिमवंतकूड (चुल्लहिमवत्कूट) ज ४१४४,४५, सू १०७,१६,२३,३६ ४८,५१,५२,७६,६६,२२६ चेदि (चेदि) प ११६३४ चुल्लहिमवंतगिरिकुमार (क्षुल्लहिमवगिरिकुमार) चेय (त्यज्) चेएइ उ० ४.२१ चेएसि उ ४१२२ ज ३११३१ से १३४,१३६,४१५२ चेलपेला (चे लपेटा) उ ३३१२८ चूचुय (चुचु ( ज २०१५ चेल्लणा (चेलना) उ ११०,३२ से ४१,४३,४४, चूडामणि (चूडामणि) प २।३० ३१ ज ३१३६, ४६,४८ से ५५,५७,५८,७० से ७४,८८,६५, १०६,११०,११३,११४ चूतलता (चूतलता) प ११३६११ वेव (चैव प१:१७ चूयमंजरी (चूतमञ्जरी) ज ३११२,८८,५१५८ चोइयमइ (चोदितमति) ज ३११३८ चूयवण (चूतवन) ज ४११६ चोक्ख (चोक्ष) ज ३८२,१०६ उ ३।५१,५६ चूयवडेंसय (चूतावतंसक) प २६५०,५२ चोताल (चत्वारिंशत् ) सू १२११२,१६११५१२ चूलासोइ (चतुरशीति) सू १८।२ चोत्तालीस (चत्वारिंशत् ) सू १०।१३६ चूलियंग (चूलिकाङ्ग) ज १४ चोत्तीस (चतु:त्रिशत् ) प २३६ ज ४।११० चुलिय (चलिक) ज २१४,४।२४२ सू ११२२ चेइय (चैत्य) ज ११३;२३१,६७,७१२२४ चं ७,६ चोइस (चतुर्दशन ) प २२६; ज ११४८ सू ११२,४,१८।२३ उ ११,२,६,१७,१६, सू३।११०१६३ १४४,२१४,१६,३१४,६,२१,२४,२६,४६,८६, चोहसपुब्धि (चतुर्दशपूविन्) ज ११५ ६५,१५५,१५७,१६८,१७१४।४,६,१३,१८, चोदाय (चतुर्दश) ज २।८८ २८,५१३६ चोहसरयणीसर (चतुर्दशरत्नेश्वर) ज ३११२६।३ चेइमखंभ (चैत्यस्तम्भ) ज २११२०४।१३३; चोट्सविह (चतुर्दशविध) प २३।१६,२० ७१८५ चोप्पाल (दे०) ज ४,१३७ आयुधशाला चेइयथूभ (चैत्य स्तुप) जरा११४,११५ चोप्पालग (दे०) ज २१२० वरण्डा चेइयरुक्ख (चैत्य रूक्ष,चैत्यवृक्ष) ज ४११२६,१२७ चोय (दे०) ज ३.१११३ चेट्ठा (चेष्टा) ज २११३३ चोयपुड ('चोय'पुट) ज ४११०७ चेड (चेट) ज ३।६,७७,२२२ चोयाल (चतुश्चत्वारिंशत् ) प २१४०।३ ज ७७६ चेडग (चेटक) उ ११२२,१०७,१११,११५,११६, सू ११८ ११६,१२८,१३७,१४० चोयालीस (चतुश्चत्वारिंशत् ) प २।३५ ज ७८ वेडय (चेटक) उ १२२,२५,२६,१०५ से १०७, चोयासव (चोयासव) प १७।१३४ १०६,११०,११३,११४,११६ से ११६,१२७, चोर (चोर) प १७१३२ उ ३।१२८ १२६ से १३४,१४० चोरग (चोरक) प ११४४१३ असबरक, एक बढ़िया Page #194 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चोवटि-छप्पण्ण घास जो रेशम रंगने के काम आता है २१६,२२१,२२२,२२४,२२५,२२८,२३०, चोवछि (चतुष्षष्टि) प२३१ २३२,२३४,२३७,२३६,२४२ से २४४ चोवत्तर (चतुस्सप्तति) ज ७८० छट्ठाणवडिय (षट् स्थानपतित) प ५१५.७।११५, चोवीस (चतुर्विशति) ज ७१०६ चोसट्ठि (चतुष्पष्टि) ज २।६४ छठ्ठी (षष्ठी) प २१२७१२ ज ७।१२५ छण्ण (छन्न) ज ३।३ छण्णउइ (षण्णवति) प २।४०।१,१२।३२ ज २।६; छ (षष् ) प १४६४.१ ज १११८ च ३३३ सू १७ ३.१७८ उ ५२५ छउमस्थ (छामस्थ) ५ १११०१।४,१११०४ से १०७, छण्णउत (षण्णवति) सू १६२१ छण्णउति (षष्णवति) सू २१३ ११७ से १२०,१२६; ३३१८३:१५।४४,४५; छण्णउय (षण्णवति) सू १६।११३२११७ १८।६४,९५,६७,६८,३६१८०,८१ छत्त (छत्र) ५ २६४८,६४,१११२५ ज २११५,२०, छउमत्थपरियाय (छद्मस्थपर्याय) ज २१८५ छक्कग (षट्क) ज ७१३१११ ३.३,६,१८,३१,३५,७७,७८,९३,१७८,१८०, छवखुत्तो (षट कृत्वस्) सू १२११० २२२,५।४३,५५,५७ सू १२।२६ उ १।१६; ४।१३,१८ छगल (छगल) प २१४६ छज्ज (राज्') छज्जइ ज ३१२४१४,३७४२,४५।२, छत्तहत्थगय (हस्तगतछत्र) ज ३।११ छत्तछाया (छत्रछाया) प १६।४७ १३१॥४ छठ्ठ (षष्ठ) प ३३१८,१८३,६१८०।२,१०।१४।४ छत्तरयण (छत्ररत्न) ज ३।११७।१,११८,११६, से ६,१२।३२; १७९६५ ; ३३।१६, ३६८५,८७ १२१,१७९,२२० ज २६५,८५७६७,११७१ सू १०७७, छत्तरयगत्त (छत्र रत्नत्व) प २०१६० १३।८ उ २।१०,२२, ३,१४,५०,५५,८३,१५० छत्तल (पट्तल) ज ३१६३,१३५,१५८ १६१.१६७,१७०।४।२४।५।२८,३६,४३ छत्ताइच्छत्त (छत्रातिच्छत्र) ज ४।३०,४६,५१४३ छट्टक्खमण (षष्टक्षपण) उ३१५० से ५४ छतागारसंठित (छत्राकारसंस्थित) सू ११२५,४।२ छट्ठभत्त (षष्ठभक्त) प २८१४७ ज २१५२,१६१ ।। छत्तातिच्छत्त (छत्रातिच्छत्र) सू १२।२६,३० छठाणवडित (षट्थानपतित) प ५१५,७,१०,१२ छत्ताय (छत्राक) प ११४७ कुकुरमुत्ता, धनिया, १४,१६,१८,२०,२४,२५,२८,३०,३२,३४, सोया, जाल बवूर का वृक्ष ३७,३८,४१,४२,४५,४६,४६,५३,५६,५६, छत्तार (छत्रकार) प १९६७ ६०,६३,६४,६८,७१,७४,७५,७८,७६,८३, छत्तालीस (षट्चत्वारिंशत्) सू १२।२५ ८४,८६,८६,६०,६३,६४,६७,१०१,१०२, छत्तीस (पत्रिंशत्) १ २१४०।४ ज ३१३ १०४,१०५,१०७,१०८,१११,११२,११६,१२६, सू १०.१६६ १३१,१३४,१३६,१३८,१४०,१४३,१४५,१४७, छत्तोह (छत्रौघ) प ११३६।३ १५०,१५१,१५४,१६३,१६६,१६६,१७२, छप्पएसिय (षट् प्रदेशिक) प १०।११ १७४१७७,१८१,१८४,१८७,१६०,१६१, छप्पण्ण (षट्पञ्चाशत् ) प ११८४ ज ४१८६ १६३,१६४,१६७,१६८,२००,२०१,२०३,२०४, २०७,२०८,२११,२१२,२१४,२१५,२१८, छप्पण्ण (दे० षट्प्राज्ञक) ज २११६ Page #195 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ०८ छप्पय ( षट्पद) ज २।१२ छन्भंग ( षट्भङ्ग ) प २८ ।११६, १२३, १२५, १३३, १३६,१४३ से १४५ भाग ( षभाग ) प २१६४ ज १२१८६०३२।१ छमास ( पण्मास ) सू १ १६ छम्मास ( पण्मास ) ज २२४६, ७।२३, २५, २८, ३०, ५७,६०१२१३,१४,१७,२१,२४,२७२ ३; ६११,१६।२५,२७ छम्मासावसेसाउय (छण्मासावशेषायुष्क ) प ६।११४ छल (षष्) ज ७ २०१ १२।१२ छलंस ( षडस्र ) ज ३१६२,११६ छलसीय ( षडशीति) ज ४/४५, ७।३१ सू ४/४; १५।२६ छल्ली ( छल्ली ) प ११४८ ३० से ३७,६३ छवि (छवि) ज २११६,३६,४१,१३३३/१०६ छविच्छेय (छविच्छेद) ज २१३६, ४१ छविधर ( छविवर ) ज ७ १७८ छविहर ( छविधर) ज ७११७८ छविध ( षड्विध ) प ६३११८ छविय (दे० ) प ११६७ कट आदि बनाने वाला छविह ( षड्विध ) प ११९१,६४,६५,६ ११६; १३।६; १५ ३५,७०,२१२६,३१,३२,३४,३६; २२१८३, ८४, ८६, २३१४५,४६, २४१२, ४, ८, १० से १२:२६ २, ४, ६, ८ से १०:२११६; ३०१२ ज २२,३, ५०, ५८, १२३, १२८, १४८, १५१,१५७, १६४,४११०१,१७१ छब्बीस ( पविशति ) प २।२३ ज ७।१०८ सू १।२१ छाउद्देस ( छायोद्देश) सू २ छाउमत्थिय (छाद्मस्थिक ) प ३६।५३ से ५६,५८ छाणविच्छु (छगणवृश्चिक ) प १।५१ छायच्छाय ( छायाछाया ) सू २४ छाया (छाया) प २।३०,३१,४१,४६; १६१४८ ज ११८,२३,३१,२।१६,२०,१४६; ३३,११७१ १२७५/३२७।१५६ से १६७।१ सू ६३४; १०१६३ से ७४ १६५,६ छायागति ( छायामति ) प १६३८, ४७ छप्पय छेत्तुं छायामाणसाण ( छायानुमानप्रमाण ) सू ३ छायाणवादिणी ( छायानुवादिनी) सू ६४ छायावायत ( छायानुपातमति ) प १६३८,४८ छायाल] ( षट्चत्वारिंशत् ) प २।४०।४ ज ४८६ छायालीस (पट्चत्वारिंशत् ) सू १४।७ छायादिकंप ( छायाविकम्प ) सू ६१४ छारियभूय ( क्षारिकभूत ) ज २११३२,१४१ छावट्ठ ( पट्पष्टि ) ज ७।२७ छावट्ठि ( पट्पष्टि ) प १८७६११२० सू १।११,१२१३ छावत्तर ( षट्सप्तति) ज ७११ सू१६११११, ११३ छावतार ( षट्सप्तति ) प २२४०१२ छिंद (छिद्) छिदंति ज ५५७ छिमि १८८ हिज्ज (छेद्य) ३।११४ छिष्ण (छिन्न) ज ८८८६३१२२५ छिण्णरुहा (छिन्नरुहा) १ ११४८१३ गुडूची छिद्द ( छिद्र ) प २११० उ १।६५,६६,१०५ छिण्णलेसा (छिन्न लेश्या) सू 1१ छिन्नसोय (छिन्नस्रोतस छिन्नशोक ) ज २२६८ छिप्पर ( क्षिप्रतूर्य ) उ १।१३८ छिपा (दे०) ज २।६७ छीइत्ता ( क्षुत्वा ) ज ४६ छोरविरालिया (क्षीरविडालिका ) प १७६ छोरविराली (क्षीरविदारी ) प ११४० ४; ११४८२ सफेद और अधिक दूध वाली विदारी छुरघरगठिया (क्षुरगृहकसंस्थित) सू १०1३६ छुरघरय (क्षुरगृहक) ज ७११३३|१ छुहा ( क्षुधा ) प २२६४।१६ छेत्ता ( छित्त्वा ) उ ३११५०५१२८, ४१ छेज्ज (छेद्य) ज ३१३२ छेत्ता ( छित्त्वा ) ज ७२२ सू १।१६ छेत्तुं (छेत्तुम् ) २२६६।१ Page #196 -------------------------------------------------------------------------- ________________ छेद-जभग छेद (छिन् ) छेदेइ उ ३१८३ छेदेहिइ उ ५१४३ छेदित्ता (छित्त्वा ) उ २११२३|१४ छेत्ता ( छित्त्वा ) उ३१८३ छेदोवट्ठावणिय ( छेदोपस्थापनीय ) प १।१२४, १२६ छेदोवावणियचरित्परिणाम (दोपस्थानीय चरित्रपरिणाम ) प १३।१२ छेय (छेद) ज २।३६,४१,६०; ३११७८,५१५. छेय ( छिन् ) एइ ४१३६ छेयणगदाइ (छेदकदायिन् ) प १२१३२ छेरमाण (रिव्यमान ) उ ३ । १३० छेलिय (दे० ) ज ३।३१ छेवट्ट ( सेवार्त ) प २३१४५,६६,१०४, १०७.१०६. ११० छो ( faar) सू ३ ज ज (यत्) प १४ ज ११६ ११४ उ ११२, ३१३१; ५।३६ जद (यदा ) प २२ जद (यदि ) प २२६४।१६ सू १।१३ उ ११६; २०१, ३०१,४११; ५११ जइ ( यत्र ) प २३|१६० जण (जविन्) ज २६०, ३१२६,३५,३६,४७,६४, ७२,१०६,११३,१३८, १४५, ५३५,२८, ४४, ४७, ६७ ७ १७८ जइया ( यावत् ) ज ७ । १३१ जंगम ( जङ्गम ) ज ३।१०६ जंगल ( जङ्गल ) प ११६३१२ जंघा (घा) ज २११५ उ ३१११४ जंत (यंत्र ) १ २ ३०,३१,४१ ज ३१३२,३६,१०६, ११६,१७८,४१२७:५२८ जंतु ( जन्तु) ज २१४|१ जंपमाण ( जल्पत्) ३१८१ जंबु ( जन्तु, जम्बू ) प १।३५।१।१३१ उ ११३ से १. हे० ४।१४३ क्षिप् - छह ५, ७, ९, १४२, १४४,२२,४,१४,१६,२१,३२, ४,१६,२१,२२,२४,८७,८६,१५३, १५५, १६६, १६८,१७०,४२,४,२७,५१२,४,४४ जंबुद्दीव ( जम्बुद्वीप ) प २१३२,३३,३५,३६,४३,५०, ५१:१५।५४,५५११:१६ ३०, ३६८१ ज ११७, १५,१६,१७१,१८,२०,२३,३४,३५,४६,४८, ५१,२१,७,१६,५२,५६,६०,१६१,१६४; ३।२६, ३६,४७,५६,११३,१३३,१३८, १४५,४।१,६, ५२,५५,६२,८१,८६,६८,११४, १५६,१६०, १६५,१६७,१६६,१७२ से १७४, १७८, १८१, १५२,२०१ से २०३, २०६, २१३,२६२,२६५, २६८,२७१, २७४, २७७, ५१३,२२,२६,६११, ५, ७ से २६,७९,४,५ से १४,३१,३३,३६ से ३६, ५२,५४,६२६३,६७ से ७२,८६,८७,६१,६२, १०१,१०२,१७५, १८२,१६८ से २०८,२१० से २१३ १ १४,१६,१७,१६,२१,२२,२४, २७,२११,३;३११,२, ४१३, ४, ७, १०,६१६८१; १०।१३२,१४२,१४७, १२१३०; १८७, २०१ १६।१,२,१६१२२/२३ उ ११६,३७,६१,१२५, १५७५।२४,४३ ६०६ जंबुद्दीवपण्णत्ति (जम्बूद्वीपज्ञप्ति ) ज ७ १०१, १०२, २१४३।१ जंबू (जम्बू) ज ४।१४६ से १५० १५१।१, २, १५.२ से १५४,१५६,१५७ २,१५८, १५६,२०८; ७/२१३ जंबूणय ( जाम्बूनद ) ज ३।३०,३५ जंबू थामय ( जाम्बूनदमय) ज १५१४१७, १३, ११८, १४३,२५६ जंबूपेढ ( जम्बूपीठ) ज ४। १४३ से १४५ जंबूफल ( जम्बूफल ) प १७ १२३ जंबूफलकालिया ( जम्बूफलकालिका) प १७११३४ जंबूरुष ( जंवरूक्ष ) ज ७।२१३ जंबूवण ( जम्बूवन ) ज ७।२१३ जंबूवणसंड (जम्वूवन षण्ड ) ज ७।२१३ जंभग (जृम्भक ) ज ५६६ Page #197 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६१० जंभ ( जृम्भक ) ज ५७० जंभात्ता ( जम्भयित्वा ) ज २२४६ जवख ( यक्ष ) प १।१३२ २ ४१.४५; १५।५५।३ ज २०३१३०१४,१८,३०,३१,४३,५१.६०.६८ १३,१३०.१३६,१४०,१४६.१७२.१८० सू १२।१० ५४७, २४,२६ जखम्गह ( यक्षग्रह) २०४३ खाण (वक्षायतन) २७,८,२४,२६ जक्खोद ( यक्षोद) सू १६३८ जग (जगत् ) ज ५१५,४६ जगई (जगती) ज १७ से १, १२, १४४०६, ३५, ३७,४२,४५, ७१.७७, १०, १४,२६२ जगईस मिया (जगतीस मिका) ज १११० जगती ( जगती) सू २०१ जगप्पईवदाइय (जगत्प्रदीपदायिका) ज ५१५, ४६ जघण ( जघन ) ज ३११३८ जच्च ( जात्य) ज २११५,३३१०६,१७८ अचकण (जायकनक) ज २०६८ जड (इष्ट) उ ३२४८, ५० जडि ( जटिन् ज ३११७८ जडियाइलय (जटिकादिलक) सू २०१८१५ जया (दे० टिकालिक) सू २०१८१५ जढिलय ( जटिलक) सू २०१२ जद ( त्यक्त) ज ३॥१२७ V जण ( जन्) जणइस्सर ज २११४२, १४३, १४५ जप १७१६६.१६७.१६९ से १७२ जन (जन ) प १।११२ ११२६६ २०६५ ३०१.९४० १०२११९,१३८,१५६ ११ ११३८, १३६; ३।११४, ११५, ११९५७,२०,२७ जणक्य ( जनक्षय) ज २१४३ जगणी (जननी) ज ५५ ४६ जणवद (जनपद) उ ११६६ जणक्य (जनपद) प ११।३३।१ ज २११३१,३१८१, १८६, २०४,२२११११४,९९,१०३१०९, ११०.११२, ११४,१२२,१२६,१३३ जणवल्लाणिया (जनपदकल्याणिका) ज ३११७८, १८६,२०४,२१४,२२१ जणवयविहार (जनपद विहार) उ ३२४६, १४५: ५/३३ traयसच्च ( जनपदसत्य ) प १११३३ जणिय ( जनित) उ३४४८,५० जण (यज्ञ) ज २ ३०३ ३१४८,५० aon ( यज्ञकिन् ) ३५० जणु (जानु ) व ३।१२.०६ ५७,५० जण्हवी ( जाह्नवी ) ज ३।१६७१११ जल (यत ) प २३०.४१ जंभय-जम्म जति (यदा ) प ५ २०६५।१३४ १९२२२६ जति ( यत्र ) प २३११६७ जतिविह ( यतिविध ) प १६:२० जता (यात्रा) उ३०३०,३१ जलिय (वत्) १५०६६.१०३२३ १७५ ज ७१२०० जत्थ ( यत्र ) ज ३७६ उ ३।५५४१२१ ; ५३६ जया (या) ज ७ २० जदि (यदि ) प ५१५ जप्पभि ( यत्प्रभृति) ज २२६७ उ २३।११८ जम (यम) ज ७।१३०,१८६३ उ ३१५३ जम (काइब ) ( यमकायिक) ज १।३१ जमग (मक) ज ४|११२ से ११५, ११७,१२०, १४०१२, १४१, १६५ जगपव्यय ( यमपर्वत) ज ४।१११, ११३, २०६. २६२३६।१० जमगवण्णाभ ( यमकवर्णाभ ) ज ४|११३ जमगसंठाणसंठिया ( यमकसंस्थानसंस्थित) ज ४।११० जमगलगम (दे० ) ज ३०१२,३१,७८,१०६,१५० २०६५।२४ जमदेवया (मदेवता ) सू १०१८३ जमय ( यमक ) ज ४।११६ जमल (मल) ज १।२४; २११५६ ४१२७५१५, २८ जमालि ( जमालि) उ ४६१५६४१२०,२७,३८ जमिगा (मिका) ज ४।१६० जन्म (जन्मन् ) प ३६।१४ ज २११०३६, १०४ उ १३४३११८, १०१,१३१ Page #198 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जम्मण-जसंसि जम्मण (अ) ज ५१३.५.७.१७,२२,२६,४४, ४६.६७ से ७०७२ से ७४ ३ २१२३३११२ |४|११ ५२५ जम्हा (स्मात् ) उ ११६३ २०६ जय (गत् ) प २१३१ जय ( जय) ज २।१५,६४,६५,३०५, ६.१८.२६,३६, ४७,१६,६४,७२,७०.१०.१३११४,१३३, १३८.१४५.१५१.१५७.१७८१८०.१८१. २०५,२०६.२२२; ५०५८ ७११० १११०७, ११०.११६,११८,१२२.१३०५।१७ ( जब (जि) जइस्सर उ १११५ जयंति उ १४१३५ जयंत ( जयन्त ) प ११३८ २२६३, ४ २२४ से २१६६४४२,५६७२६ १५६१,६२,१००, १०२. १०५, १०८, १०२.११३, ११४, ११६, १२०,१२१,१२३,१२५,१२६,१३१,१३१; २६/२६११५४६४ जयंती (जयन्ती) ज ४१२१२, २१२४१ ७/१२०१२,१०६ १०८८२ जवणा ( यतना) उ ३३३१ जयहर ( जपधर ) ज २३११२६ १ जया (यदा) ज ५३१ १ ११३ ११० जया ( जगा) सू १०६०, १७०, १७२ जर (जरा) प १|१|१:३६८३२ सू २० हा जर ( ज्वर ) ज २२४३ जरा (जरा) प २०६४ २०६४६, २२,३६६४१ २२८८,८६,१०३, १०४, १३३,३।२२५ जला (६०) प ११५१ जल (जल) प ११७५ ज २।१३४६ ३१३२,८१.६८, १५१४१३२५ उ ३।५५ √ जल (जल) जलति ज ५१५.७ जनंत (वत्) ज ३१८८४६, १४, ११,४१,६८, ३०४८, ४०,५५६२.६७.७०,७३, ७६.९३ १०६,११० जलत (जलकान्त) १२०४२४०१६ जलकिडा (जलकीडा) ३०५१,५६ जलचारिया (जलचारिका) प १५१ जलट्ठाण (जलस्थान ) प २१४, १३,१६ से १६.२८ जलण ( ज्वलन ) ज ३।३५ जलप ( जनपथ ) प १६०४५ जलप्पह (जलप्रभ ) प २२४०१७ जलमज्जण ( जलमज्जन) उ ३१५१,५६ जल (जल) प १।४८।४० ४।२६; ५॥७ जलय ( जलग) ज ३।३२ जलयर (जनर ) प १०५४,५५,६००३०१०३ ४१११३ से १२१६७१७०६२२१८ से १०,३२ से ३४,४३,५३.६० १०।१२० जलरुह (जलरुह ) प १०३३३१.१०४६ जलवासि (जनवासिन् उ ३१५० जलविच्छु (जलवृश्चिक) प १०५१ जलाभिसेय (जलाभिषेक) ३१५०,५१,५६ जलासय (जलाशय) २०४,१३,१६ से १९.२८ जलिय (ज्वलित) ज २०३५ जलोउय ( जलोतुक ) प ११४६ जलीया (जलीका ) प १२४९,७८ जल (दे०) ज २३२ जल्लेस ( यत्लेश्य ) प १७६२, १०२ जललेस (१७१२,१०२ जब (यव) प १।४५०१ ज २११५२७३।१११ जवजय (वय १२४५०१ ज २३७ जवण ( यवन ) प ११८६ जवणदीव (वनद्वीप) १२८१ जवणाणिया (वनानिका) प ११२६ जवणालिया (नालिका) प ३३।२६ जवणिज (यापनीय) ज ३१३०,३२,३४ जवमज्झ ( यवमध्य) ज २२६ जवसय ( यवासक ) प १|३७|३ जवासा नामक पौधा एक तरह का खदिर जवासाकुसुम (यवासककुसुम) प १७।१२५ जस ( यशस् ) ज ३।३५,७७,१०६,१२६,१२६, १६७,१८५,२०१ जसंसि ( यशस्विन्) ज ३।३,१२६१३ ११ Page #199 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जसधर-जहाणोगाहणग जसधर (यशोधर) ज ७११७।१ ७३ से १६,३३१२ से १३,१५ से १७:३६।८ जसभद्द (यशोभद्र) ज ७।११७।१ सू १०८६।१ से १०,१७,१८,२०,३०,३४,४४,६१,६६,६८, जसम (यशस्वत्) ज २१५६,६१ ७०७२ से ७४,७६,६२ ज २१४४,४५,५८, जसवई (यशस्वती) ज ७६१२१ सू१०।६१ १२३,१२८,१४८,१५१,१५७,४११०१,७२८, जसोकित्ति (यशःकीर्ति) ५ २३.१६,२०,१५३ ५७,६०,१८२,१८७ से १९६,२०६ सू १।१४; जसोकित्तिणाम (यश:कीर्तिनामन्) २३१३८, १८।२०,२५ से ३४,१६१२,२०१३ १२७,१८८ जहण्णग (जघन्यक) १७११४४,१४६,२३५१५२, जसोधर (यशोधर) सू १०८६१,८८।१ १८४ जशोहरा (यशोधरा) ज ४।१५७।१:५६।१; जहण्णगुण (जघन्यगुण) १ ५१३६,३७,५८,५६,७३, ७/१२०११ ७४,८८,८६,१०६,१०७,१८६,१६०,१६२, जस्संठित (यत्संस्थित) सू ४१३ १६३,१६६,१६७,१६६,२००,२०२,२०३, जह (यथा) प ११११३ उ १.१०६ २०६,२०७,२१०,२११,२१३,२१४,२१७, जहण (जघन) ज २१५ २१८,२२०,२२१,२२३,२२४,२४१,२४२ जहण्ण द्वितीय (जधान स्थितिक) प ५१२३,३४,५५, जहण्ण (जघन्य) प १७४, २१६४१८,४१ से ५४, ५६,७०,७१,८५,८६,१०३,१०४,१७३,१७४, ५६ से ६७,६६ से ८६,६१ से १३३,१३५ से १७६,१७७,१८०,१८१,१८३,१८४,१८६, २६६,२६८,५१४०,४१,४४,४५,७७,७८,६२, १८७,२३५,२३६ ६३.९६,६७,११०,१११,११४,११५,१५३, जहण्णठितीय (जघन्य स्थितिक) प ५१५६ १५४,१५६,१५७,१५६,१६२,१६३,१६५,१६६, १६८,१६६६.१ से १८,२० से ४५,६०,६१, जहण्णपएसिय (जघन्यप्रदेशिक) प ५२२८ ६४,६६ से६८,१२०,१२१,१२३ ;७४२,३,६ से जहण्णपदेशित (जघन्यप्रदेशिक) १५॥२२८ २९,१११७०,७१:१२१६,१३१२२१२,१५१४० से जहण्णपदासय (जघन्यप्रदाशक) प ५१२२७ ४२,१७१४६:१८०२ से ४,६,८ से १०,१२,१४ जहण्णपय (जघन्यपद) ज ७।१६८,१६६,२०२, से १६,१८ से २४,२६ से २८.३० से ३६,४१ २०४,२०६:१२१३२ से ५४,५६,५७,५६ से ६७,६६ से ७४,७६ से जहण्णमति (जघन्यभति) प ५१६२,६३ ८१,८३ से ८५,८७,८६ से ६१,६३,६५,६६, जहण्णय (जघन्यक) प १५२६४,१७।१४४; १८,१०३,१०४,१०५,१०७.१०८,११०,११३, २१११०५:२३।१६३ ज ७।२६ सू श१४,१६, ११४,११६,११७,११६,१२०,२०१६ से १३, १७,१६,२१,२२,२४,२७२।३।३।२:४१७,६; ६१,६३,२११३८,४० से ४२,४८,६३ से ७१, ६।१८।१;६२ ७४,८४,८६,८७,६० से ६३;२३१६० से ७६, जहण्णुक्कोसग (जघन्योत्कर्षक) प १७।१४६ ८१,८३ से ६२,६५ से ६६,१०१ से १०४, जहण्णुक्कोसय (जघन्योत्कर्षक) प १५।६४; १११ से ११४,११६ से ११८,१२७,१२६, २१४१०५ १३१,१३३ से १३५,१३८,१४०,१४२,१४३; जहण्णोगाहणग (जधन्यावगाहनक) प ५।२७:२८, १४७,१५१ से १५३,१५५,१५७,१५८,१६० ४८,४६,५२,५३,६७,६८,८२,८३,१००,१०१, से १६२,१६४ से १७३,१७६,१७७,१८२,१८३ १५३,१५४,१६२ १६३,१६५,१६६,१६८. १८६ से १८८,१६० से १९३,२८१२५,४७,५०, १६९,२३३,२३४ Page #200 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जहण्णोगाहणय-जातरूववडेंसग जहण्णोगाहणय (जघन्यावगाहनक) प ५२८,४६, जाउकणिया (जातुकणिका) सू १०१६६ ५३,६८,६६.८३,१००,१५४,१५६,१५६, जाउलग (जातुक) प ११३७१५ जागर (जागर) प ३।१७४२३।१६५,१६६ से जहन्न (जघन्य) प४।१०,१३४ जहा (यथा) प ११ ज १११ सू १।१२ उ १।२; २ १०२ जागरमाण (जाग्रत् ) उ ११५,३१४८,५०,५५,८७, २०२३१२४१२.५ ६८,१०६,१३१, ५१३६ जहाणाम (यथानामन्) सू २०१७ जागरिया (जागरिका) उ ११६३ जहाणामय (यथानामक) १६५२,५४; जाण (ज्ञा) जाण प ११४८१५६ ज ७।११२१५ १३१०७,१०६,१११,११६,११६,१२३ से जाणइ प १११११,१७।१०८ से ११०:२३११३ १२८,१३० से १३५:२८।१०५,३४।१६; ३०।२७,२८ ज २१७१:७१११२ उ १६८ ३६।१४ ज १।१३,२१,२६,३३,३८,४६२।७, जाणंति प २१६४।१३१५४६ से ४६,३३।२ १७.१८,३८,५२,५७,१२२,१२.७,१४७,१५०, से १३,१५ से १८,३४११११,३४१६ से ६,११, १५६,१६१,१६४; ३।१६२:४२,८,११,१०७; १२ जाणति प ११११२ से २०११४४,४५; ५१५.७.३२ १७४१०६ से १०८,११०,१११;३०।२५ से जहाभूय (यथाभुत) 3 १४२ २८,३६८०,८१ जाणाहि सू १०।२२६ जहारिह (यथाई) ज २१११३:३८१ जाण (यान) ज २।१२,३३:३।१०३ ३ १२१७,१६, जहाविभव (यथा विभव) उ ५११७,२५ २४,४११२,१३,१५ जहिच्छिय (यथेष्ट) ज २१६,२२ जाणमाण (जानत्) ज २१७१ जहेव (यथव) सू१७१३ ३१२१ जाणय (ज्ञ) ज ३१३२ जहोचिय (यथोचित) उ १३५ जाणवय (जानपद) ज १२२६;३।१,१२,४१,४६, जा (या) जति प ६१८०१ ज ७१३५।४ ५८,६६,७४,१४७,१६८,२१२ से २१४ जाइ (जाति) प ११३८२ छोटा आंवला. चमेली, सू ११ जायफल जाणविमाण (पानविमान) ज ५१३,५,२२,२६,२८, जाइ (जाति) प ११४६,६०,६६,७५,७६११९ ३०,३२,४४,४५ उ ३७,६१ ज २।८८,८६,२२५,३१३,१०६५१५,४६ जाणविमाणकारि (मानविमानकारिन) ज ५१४६ सू१।१६।१२।१५ १०,१२ से १७:१४।३७ । जाणिउकाम (ज्ञातुकाम) प २३।१३ उ१२,३४,४६,४:३।१५१५२६ जाणिता (ज्ञात्वा) प २३।१३ ज ३११२३ उ श६८%; जाइज्जमाण ( च्यमान) १३१०५ ५४० जाहणाम (जातिनामन } ५२३।३८,४०,८५,८७ जाणियत्व (ज्ञातव्य) प १५।१४३;१६।१५।२३।१३ मे ८६,१५० जाणु (आनु) ३६,१२,८८,५१२१,५८ जाइनामनिहलाउय (नातिनाम निश्चत्तायुक) जाणुकोपरमाया (जानुकूपरमात, लानुकूपरगाव) ६.१२१ उ ३९७,१३१,३।१०५,१३१ जाइय (याचिन) ३१३८ जात (यात) प ११७५ जाइविटिया (जातिविशिष्टता) १ २३।५८ जात (जात) ज २११४६३१३ जाहहिंगुलय (जातिशिल मादक प १७॥१२६ जातकस्म (जातकर्मन्) उ १।६३,३।१२६ जाउकषण (नाक) १३२।१ जातरूवब.सग (जातरूपावतंसक) प ५१ Page #201 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११४ जाति-जिणवर जाति (जाति) प ११५०,५१,८१,८१११:२०६४, जालघरग (जालगृहक) ज २११३ २६४१२२:११।८ से १०,३६१६४।१ ज २११०; जाला (ज्वाला) प ११२६ ५१५ जाव (गवत् ) प ११३, २०३२ से ४०,४२ से जातिआरिय (जात्यार्य) प ११६२,६४ ४६,४८,५० से ६३,४।५५७१६ से ३०; जातिणाम (जातिनामन् ) प २३१८६,१५०,१५१ ८३,४,६ से ११;६॥२२:१०।१६ मे २५,२७ जातिणामणिहत्ताउय (जातिनामनिधत्तायुष्क) से ३०,३२ मे ४३,४५ से ५३; २०१५२,५६, __ प ६.११८,१२०,१२३ ६०,६३,६४ ज ११६ च १० सू११ उ १२; जातिनामनिहत्ताउय (जातिनामनिधत्तायुष्क) २१;३।१,४११:५१ - प ६१११६,१२३ जावइ (यावी) प ११३७१५ जातिपुड (जातिपुट) ज ४।१०७ जावइय (यावत् ) ज २१६४।१४०१२ जातिविसिठ्ठया (जातिविशिष्टता) प २३१२१ जावज्जीव (बावज्जीय) उ ३१५० जातिविहीणया (जातिविहीनता) प २३।२२.५८ जावति (यावी) प ११४३११ जातीय (जातीय) ज ३।१०६ जावतिय (कावत्) प १५१५१,५२ मू ६।३१३३२ जाधे (यदा) सू १६।२४ जावय (ज्ञापक) ज ५१२१ जाय (जात) ज ११६,२७१,५५,१२८,१४६; जावेत (मापयत् ) ज ३११७८ ३१८०,६५,६६,१०३ उ ११६६,६३,२१६; जासुमण (जपासुमनस्) प १।३७.१ ज ३।३५ ३।१३,४६,१०५,११३,१४४,१४६४१२१, जासुमणकुसुम (जपासुमनस्कुसुम) प १७११२६ २७,३४,३८ जासुवण (जपासुमनस्) प १४०६३ जाय (जन) जायइ ज ३।६२,११६ जायंति जाहा (जाहक) प १९७६ ज ३१६२,११६ जाहिं (बत्र) प २४९ ‘जाय (याच) जायेइ उ १।१०२ जाहे (यदा) ज ७५६ सू १६।२७ उ ११५२; जायकोउहरूल (जातकौतूहल) ज ११६ ३।१०६ जायणी (शचनी) प १११३७११ इजि (जि) जयति च ११ जायतेय (जाततेजस्) जे २।१२६,१५८ जिण (जिन) प ११६३१६,१११०१।३,४,१२; जायय (जातक) उ ३।३८ ३६०८३३२ ज ११४०२६३,७१,७८,८०, जायरूव (जातरूप) ज २१६८,४१२५५,५१५ ५१५,२१,४६, सू१६।२२११ जायरूवखंड (जात रूपखण्ड) प ११७४ इजिण (जि) जिणाहि ज ३।१८५ जायरूपवमय (जात रूपावतंसक) ५ २०५६ जिणसकधा (जिन सकधा') सू १८।२३ जायसंश्य (जातसंशय) ज ११६ जिणसकहा (जिन 'सकहा') ज २।१२०,४।१३४; जायसढ (जातश्रद्ध) ज ११६ उ ११४५२२ ७.१८५ जार (जार) ज ५१३२ जिणघर (जिनगृह) ज ४।१३६ जारु (चारु) प ११४८२ जिणपडिमा (जिनप्रतिमा) ज ११४०,४६४७,१२६, जाल (जाल) प ११११५ ज ३।६,१७,२१,३४,३५, १३६,१४७,२१६ १७७,१२२,१७८,५।२८ जिणभत्ति (जिनभक्ति) ज २।११३ जालंतर (जालान्तर) प २१४८ जिणवर (जिनवर) प ११२ चं ११४ Page #202 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जिणवरिंद-जीविय ६१५ जिणवरिद (जिणवरेन्द्र) प ११ ज ५१५८ जिणिद (मिनेन्द्र) प ५१४१ जिन्भगार (जिह्वाकार) प १६७ जिभिदिय (जिह्वन्द्रिय) प १५१,२,६,१३,१६, ३० से ३३,४२,५८,६४,६६,७०,८०:२८।४२, जिभिदियपरिणाम (मिनियपरिणाम) प १३।४ जिभिया (जिटिका) ज ४।२४,३६,६६,७४,६०, जिमिय (जिमित) ज ३१८२ उ ४११६ जिय (जित) ज ३११३५१२,१८५,२०६ जियंतय (जीवन्तक) प ११४४।२ जीवंत शाक जियंति (जीवन्ती) प ११४०।४ अन्न, वृक्षों पर रहकर फैलने वाली लता जियनिद्द (जितनिद्र) ज ३।१०६ जियपरीसह (जितपरीषह) ज ३।१०६ जियसत्तु (जितशत्रु) ज ११३ च ८ सू ११३ उ ४१६ जीमूय (जीमूत) प १७१५२३ जीय (जीत) ज २१६०.११३; ३१२६.३६.४७,५६, १३३,१३८,१४५,५।३,२२,२७ जीव (जीव) प १४७१,१।४८१७ से ४३,४५, ४७,४६ से ५१.५५ रो ५६,१८४,१०११२ २१६४,३।११२,३।१,६६ मे ११३.१२३ से १२५.१४१ १४३.१५० से १५२,१७४, १८३,६।१२०,१२३, ६।१२,१६,२५.२६, १०।३१,११।३०,३८.३६,४३.४६,४७.७० मे ७२,८० से ८२,८४,८५,६०;१२।१०।। १४।११ से १५.१७,१८,१६१२.१०,१६. २१,२३:१७।५६ ८४.८६,११२,११३; । १८।१।१,१८:११६५१, २०११,६३, २११८४; २२१७ से १०.१२ से २२.२४ मे २७,२६ से ४०;४२ से ४५,४८ से ५०,५२ से ५६,५८, ५६,६७ से ६६७५ से ८६.८८ से १४,६६, ६.७.१००; २३:१।१.२३।३.५ से ७,६ से ११, १३ से २३,१३४ १३५,१३७ से १३६,१५५, १५७.१६०,१६१,१६४.१६७,१७१,१७६. १६३; २४१२ से ४,६ से ११,१३ से १५%; २५।२,३,५; २६।२से ४,८,९,२७१२,३,६; २८।१०६,१०८,१०६,१११ से ११८,१२० से १२६,१२८ से १३३,१३६ से १४५,२६४, १६,१७,२२,३०१४,१४ से १६,२४,३१११,४; ३२१.६.१ : ३५।६; ३६११११,३६।३०,३२, ३५,४६ से ४८,५२,५६.६२ से ६६,६९,७०,७२, ७३,७४,७७,७८,६४ ज २१६८,७१,५१५,४६, ६।४;७२११,२१२ उ ११६०,६१,३।१४२, १४४; ५।३४ जीव (जीव) जीव ज ३।१२६६२ जीविस्सइ उ१११५ जीवंजीव (जीवंजीव) प ११७८ जीवंजीदग (जीवंजीवक) ज २।१२ जीवंत (जीवत्) उ १११०६,११०,११४ जीवंतय (जीवत्क) उ ११६६,१०३,१३३ जीवधण (जीवधन) प १६४११२३६।६३,६४ जीवणिकाय (जीवनिकाय) प २२११०,७८ ज २०७२ जीवस्थिकाय (जीवास्ति काय) ५३१११४,११५, ११६,१२२ जीवदय (जीवदय) ज ५१२१ जीवपज्जब (जीवपर्यव) प ५१ से ३,१२२ जीवपण्णवणा (जीवप्रज्ञापना) प १११,१० से १५, ४६ से ५२,१३८ जीवपरिणाम (जीवपरिणाम) प १३११,२,२० जीवमाण (जीवत् ) उ १।१५.२१,२२ जीवमिस्सिया (जीवमिश्रिता) प १११३६ जीवलोक (जीवलोक) ज २१६५;३१३१,१२४ जीवा (जीया) ज १२०,२३,४८, ३१२४,४।५५, ६२,८१,९६,६८,१०८,१७२,२६२,२६५,२७१, २७४ सू १११६२।१,१०११४२,१४७:१२।३०; २०११ उ १११३८ जीवाजीवमिस्सिया (जीवाजीवमिथिता) प १११३६ जीवाभिगम (जीवाभिगम) ज ११११,५४६,५१ जीविय (जीति) प ११४८५,४१:२२१६ ज २०७० २११२२,२५,२६,३४,१४०:३१६८,१०१, Page #203 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६१६ जीवियंत करण-जोइस १३१,१५६ जुद्धसज्ज (युद्धसज्ज) उ १११५ से ११७ जीवियंतकरण (जीवितान्तकरण) ज ३१२४ जुम्ह (युष्मत्) सू १।६ उ ११२२,३।२६; ४१११ जीवियारिह (जीविताह) ज ३.६ जुय (युग) ज ७११० जीहा (जिह्वा) प २१३१,१५१७७,८१,८२ जुयणद्ध (युगनद्ध) सू १२।१२६ ज २११५,३११०६; ७१७८ जुयल (युगल) ज १५२४२११५,१००,३१२११: जुइ (धुति) प २६३१ ज ३११२,७८,८८,६२,११६, ४।२७,३०,५१५,२८,५८,६७,७१७८ १२६,१८०५.२२,२६ उ ३।१३४ जिंज (युज) जुजइ प ३६.८६,८७,८६,६० जुयलग (युगलक) ज २०४६ उ ३.१२६ जजति ५३६८६ से १० सु १५।१०।। जुवराय (युवराज) प १६:४१ ज २१२५ मुंजमाण (युञ्जान ) प ३६.८७,८६ से ११ जुवलय (मुगलक) प २१४०।२ जुजिता (युक्त्वा) सू१५।१० जुवाण (युवन् } ज ५१५ जुग (युग) ज २१४,६,१४१ से १४५; ३।३,११५, जुब्वण (यौवन) ज ३।१३८ ११६,१२२,१२४;७१२७ सू६.१८.१, जूय (यूप) ज २०१५ १०११२२,१२३,१२७:१२१६१३१३,१५१३५ जया (यूका) प १५० ज २६,४० जूव (यूप) ज ३१३ उ ३१४८,५०,५५ जुगंतकरभूमि (युगान्तकरभूमि) ज २१८४ जूस (यूष) सू १०.१२० जुगप्पत्त (युगप्राप्त) सू १२१८ जहिया (यूथिका) प १३८।२ ज २।१०।३ जुगमच्छ (युगमत्स्य) प ११५६ जहियापुड (यूथिकापुट) ज ४११०७ जुगव (युगपत्) १ ३६१६२ ज ५१५ जेठ्ठ (ज्येष्ठ) ज १२५,३११०६ चं १० ११५ जुगसंवच्छर (युगसंवत्सर) ज ७।१०३,१०५,११०। जेठ्ठपुत्त (ज्येष्ठपुत्र) उ ३.१३,५०,५५ सू१०।१२५,१२७ जेट्ठा (ज्येष्ठा) ज ७१२८,१२६,१३४१२, जुग्ग (युग्य) ज २।१२,३३ १३५।२,१३६,१४०,१४६,१५२,१६६ सू १०२ जुज्झसज्ज (युद्ध सज्ज) उ १३१२७,१२८,१३३ से ६,१८,२३,५१,६२,७३,७५,८३,११६,१२०, जुज्झ (युध) जुज्झति उ १५१३६ जुज्झह उ १।१२६ जुज्झामो उ१११२८ जुज्झित्था उ १११२७ जेठामूल (ज्येष्ठामूल) ज ७।१०४,१४६,१४६, जुण्णकुमारी (जीर्णकुमारी) उ ४ाह १५५ सू १०११२४ उ ३१४० जुण्णा (जी) उ ४६ जेट्ठामूली (ज्येष्ठामूली) ज ७१३७,१४० जुति (द्युति) प २१३०,३१,४१,४६ ज ५५२०९ सू १०१७,१८,२२,२३,२६ । जुत्त (युक्त) ज २११५:३।३,३५,७७,६५,१०६, जेणामेव (यव) प ३४।२२ ज ३१५ १३८,१५६,२११,४१२७,५॥२८,५८,७११४१ जो (द्योत) सू१२२७ से १४४,१५० से १५२,१७८ सू १०२० से जोइ (ज्योतिष) सू १४१८,६,११ से १३ २२,२५,१७२,१७३;१६।२२७,२०७ जोइस (ज्योतिस्,ज्योतिष) प २१४८:३४६१८ उ १११७,११६,१२८ ज ११२४; २१६४ से ६६,१००,१०२,१०४, जुत्ति (युक्ति) ज ३१२०६ १०६,११०,११३ से ११७:५।४७,६७,७२ से जुत्ति (युक्ति,धुति) उ ५१२।१ ७४,७१७१ से १७४ च ५।४ सू १।६।४; जुद्धणोइ (युद्धनीति) ज ३११६७।६,१७८ १९४२२१२ Page #204 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जोइसगणरायपण्णत्ति-जोय जोइसगणरायपण्णत्ति (ज्योतिर्गणराजप्रज्ञप्ति) १७३।१२।२६।१५।१०:१६।२२।१० उ ३१३१ चं १३ जोगपरिणाम (योगपरिणाम) प १३।२,१४,१६, जोइसपह (ज्योति:पथ) प २।२०,२४,२५,२७ १७,१६ ज ११२४ जोगसच्च (योगसत्य) प १११३३ जोइसप्पह (ज्योतिःपथ) प २।२२,२३,२६ जोगि (योगिन् ) १३६१६२ जोइसराय (ज्योतीराज) ज ७।१८३ से १८५ जोग्ग (योग्य) ज ३११०६:५७,४१ उ ३७ जोइसरायपण्णत्ति (ज्योतीराजप्रज्ञप्ति) चं ११४ जोणय (जोनक) ज ३।८१ म्लेच्छ जोइसिंद (ज्योतिरिन्द्र) प १४८ ज ७।१८३ से जोणि (योनि) प ११११४,११४८१६३,२१६४;६? १८५ उ ३१६,१५ से १८ से ४,६ से ११,१३ से १७,१६ से २३,२६ जोइसिदत्त (ज्योतिरिन्द्रत्व) उ ३।१४ ज २११३५ से १३७,३।३ जोइसिणी (ज्योतिषी) ५ ३११३८,१८३;४।१७४ जोणिप्पमुह (योनिप्रमुख) प १२०,२३,२६,२६, से १७६,१७१५३,७८,६२,८३,२०।१३ ४८,५०,५१,६०,६६,७५,८१ जोइसिय (ज्योतिधिक) प १११३०,१३३, २।४८; जोणिभूय (योनिभूत) प ११४८१५१ ३१२८,१३७,१८३,४।१७१ से १७३; ५३, जोणिय (योनिक) ज ३११११ २६,१२२;६।२६,४६,५६,५६,६५,६६,८५,९४, जोणिसूल (योनिशूल) ज २१४३ । १०६,१११,११७७।६।६।११,१८,२४,१५१३५, जोणीपमुह (योनिप्रमुख) प ११४६,७६ ४८,८७,६६,१२४; १६१६१७४२७,३०,५३, जाह (ज्योत्स्न) १०११३१,१८।१,५,६; ७८.८१,८३,६६,१०५;२०।१३,१६,२५,३०, १९।२२।१६,२०;१६६३१ ४८,५४,६०,२१।५५,६१,७०,६०; २२१३१, जोतिस (ज्योतिष् ) प २।४८,३१।६।१;३४।१६ ३६,८८,१००,२८1७३,११७,२६।१५,३११५ सू १०११३१,१८।१,५,६:१६६३१ ३३११५,३०:३५।१५,२२,२३ ज २१६४ जोतिसराय (ज्योतीराज) सु १८।२१ से २४; ४॥२४८,२५० से २५२,५१५३,५६,७२ से ७४; २०१४,६,७,६।१ जोतिसिद (ज्यौतिरिन्द्र,ज्यौतिषेन्द्र) स १८१२१ मे ७१८५ २४,२०१४,६,७ जोइसियत्त (ज्योतिपिकत्व) प १५१२६ जोतिसिणी (ज्यौतिषी) मू १८१२६ जोइसियराय (ज्योतीराज) प २०४८ जोतिसिय (ज्योतिधिक) ५ १२१६,३७,१३१२०, जोईरस (ज्योतीरस) ज ५१५ १५।१०४,१०७,१६१६१७।३३,३४,६१; जोएअव्व (योजयितव्य) प १०।२६ १६१४,२०।३५,३७,२२।७५:२६॥२२३२।५; जोएत्ता (युक्त्त्वा ) सू १०५,१५८६ ३३।२३,३४,३७,३४१४,१०,३५२२३३६१२६, जोएमाण (युञ्जत् ) ज ७१४१ से १४५,१५०, ४१,७२ १८२३,२५,१६।२२ जोतिसियत्त (ज्योतिषिकत्व) प १५५१११,३६।२२ जोग (योग) प३।१११:११३३११:१८११११ जोत्तग (योक्त्रक) ज ७।१७८ २८॥१०६१३६।१२ ज २१६५,७१,८८,६५; जोय (योग) ज ३११७८,७१२६ सू १०२,३,५, ३।१५६,२२५७।१,११२१२,१२७।१,१२६, ७५,१२२,१२३,१२६१,१३२ से १३४,१३६, १३०:१३४।१,४,१३५,१३८ से १४०,१६७११ १६२ से १६६१२।२६,३०,१५।८,११,१२, चं १३,५.१ सू ११६३,१।६।१:१०.१,५,१७२, १३,१६।१,५,८,१५,१६,२१,१९४२२१२१ Page #205 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६१८ जोय (युज् ) जोइति ज ७/१२६ जोईसु ज ७११२९ जोइस्संति ज ७ १२६ १६ १ जोएइ ज ७ । १२६ जोएंति ज ७।१, ११२/२ सू १०१५,१२६ १,२ जोएंसु ज ७।१ सू १०।७५ जोएति पू १० १२० जोएस्संति ज ७११ सु १०।७५ जोयंति ज ७ । ११२ ११ जोयण (योजन ) प १ ७४,७५,८४,२२१ से २७, २६ से ३६,३८,४१ से ४३,४६,४८ से ५५, ५६,६३,६४;११।७२; १२/२७, ३६, १५३४० से ४२,२११३८, ४१ से ४३,४५,४७११,२,२११६३, ६८ से ७०, ८७, ३३।१०, ११:३६/६६,६८, ७०,७२, ७४ ८१ ज ११७,८,१२,१४,१६, १७१, १८, २०, २३.२८,३२,३५,४६, ४८, ५१; २१६; ३११,१८,२५,३१,३८,४६,५२,६१,६६, ७६,८१,६५,६६,१११,११६, ११८, १३१,१३२, १३७, १४१,१५६,१६०,१६४,१८०,१६२; ४११, ३, ६, ७,१४,२३ से २५,३१,३६,३८ से ४३,४५,४७,४६,५२, ५५, ५७,५६,६२,६४ से ६८, ७२ से ७८,८१,८६,८६० से ६५,६८, १०३,१०८, ११०,११२,११४ से ११६,११८ से १२८,१३२,१३६ से १४११४२/१,१४३, १४५,१४६,१५३,१५४,१५६,१६३ से १६५, १६६,१७४ से १७६ १७८, १८३,२००, २०१, २०३,२०५ से २०७,२१३,२१५ से २१६, २२१,२२६,२३४,२४० से २४३,२४५, २५७ से २५६,२६२, ५३, ५, ७,२२ से २४,२८,३५, ४३, ४४, ४९, ५०, ५३ ६१६/१,६८,७१३ से २४, ३१ से ३४,५८,६२ से ८४,८६,८६ ६१ से ६६,१७१ से १७४,१८२,२०७ सू १११४,२० से २४,२६ से ३१,२।१,३; ४ | ३ से ५, ७, ८, १०, १८१, ५, ६, ६ से ११,२०; १६१४, ७, १०, १४,१८,२०,२२१२६,२६, १६२३,२६,३०,३४, ३७, उ १ १३४ ; ३७, ६१;५४४ जोयणपुहत्तिय (योजनपृथक्त्वक ) ६ १।७५ जोयणसत्तपुत्तिय ( योजनशत पृथक्त्वक ) प १७५ जोय-भूषणा जोयणसहस्वहत्तिय (योजन सहस्रपृथक्तिक) प १३७५ जोन्वण ( यौवन ) प २३१,३४।२० ज २११५; ३६२,११६,१३८५२६८, ७० २०१७ उ ३।१२७ जोव्वणग (यौनक ) ३३११२७१२८,५१४३ जोह ( योध ) ज ३।१५,२१,२२,३१,३४,३६,७७, ७८,६१,६८,१६७१६, १७३, १७५,१६६ उ १।१२३ ५।१८ झ झंझावाय (भावात ) प ११२६ झय ( ध्वज ) ज १३७, २०१५, २०, ३१७,३१,३५, १७८, १७६ शया ( ध्वजा ) उ ११२२,१४० झल्लरि (भल्लरी ) प ३३।२३ ज ३११२,७८, १८०,२०६ झस (झस) ज ३१३ / झा ( ) भियाइ र ११५३८ भवामि उ १।४० भियासि उ ११३७ हिउ १४२ हिउ ११४१ झाण ( ध्यान ) उ३१३१ झाणंतरिया (ध्यानान्तरिका ) ज २१७१ झाणकोट्ठोवगय (ध्यानको प्रोपगत) ज ११५ ; २८३ उ ११३ / झाम (दह ) भामेति ज २१०८ मह ज २३१०७ गिर (दे० ) प ११५० झिगिरिड (६०) प ११५० ( शिया (ध्यै ध्मा ) भियायंति ज ३।१०५ झियायमाण ( ध्यायत् ) उ ११३६,३७,४२,७१ झिल्लिया ( झिल्लिका) १५० झिल्ली ( झिल्ली ) प ११४८१४२ सिर ( शुषिर ) ज ५।५७ २०१ झूस (शोपय् ) भूसेइ उ ३८३ महि उ ५१४३ झणा ( जोषणा ) ज ३१२२४ Page #206 -------------------------------------------------------------------------- ________________ असित्ता-ठिति ६१६ झूसित्ता (शोपवित्वा) ११८ झूसिय (जुष्ट) ज ३।२२४ झूसेत्ता (शोषयित्ता) उ ३.८३,५१४३ झोसेत्ता (शोपयित्वा) उ २११२३।१० ठिइ (स्थिति) प ११११४:४१५:५१५,८४,११५, १४८,२१४,२३।१६३ ज २१५६,७१,१५६; ७।१६८।२,१८७ उ १४१,४३,२११२,२२; ३।१६,८५,१२४,१५०,१६४,१६६,१७१; ४१२५:१२६,४२ ठिइकल्लाण (स्थितिकल्याण) ज १८१ ठिइक्खय (स्थितिक्षय) उ३११८,१२५,१५२,४।२६ टंक (टङ्क) प १११ टिट्टिय (दे०) ज ५१६ टोलकिति (दे०) ज २१३३ TER Vठव (स्थापय ) ठवइ ज २१६५ ठविस्मति ज २११४६ ठवेइ ज २१६५ उ १११६,३।५१; ४११८ ठवें तिज २।१०४ ठवेसि उ ३७६ ठवेहि प ११४८।५८,५६ ठवणा (स्थापना) प ११:३३३१ ठवणासच्च (स्थापनासत्य) प १११३३ ठिवाव (स्थापय ) ठवावेइ उ ११४६ ठयाविता (स्थापयित्वा) उ०४६ ठवेत्ता (स्थापयित्वा) उ १.१६ ठविय (स्थापित) ज ३१८१ ठवेत्ता (स्थापयित्वा) १६५ ठा (प्ठा) ठाइ उ ११२२ ठाईऊण (स्थित्वा) ज ३।२४ ठाण (स्थान) ११५४,८४, २१ से ३६,४१ से ४३,४६,४८ से ५२,५४ से ६४, ६।११०, १४१५,११ से १५,१७; १७/११४११,१७११४३ स १८५२३।११२३१६,७,१६० ज ३२४, ८६,१०२,१५६,१६२,५१२१,७५६ से ६० सू १०।१३८ से १४१,१४३ से १४६,१४८ से १५१:१६२४,२७ उ ११२२,१४०,३१५१।१ ३१८३,११५,१२०४।२१,२२,२४ ठाणठित (स्थानस्थित) सू१६।२६ ठाणमम्गण (स्थान मार्गण) प २८६,५२ ठाभिज्ज (स्थानी ) उ ११४४,४५ 'ठाव (स्थापय ) ठावेगि उ ३३१३ ठावेत्ता (स्थापयित्वा) उ ३५० ठिइय (स्थितिक) उ १२६,१४०:२०२० ठिईय (स्थितिक) ज ११२४,३१,४६,४७,२१४४; ३१२२५,४।२२,३४,५४,६०,६१,६४,८०,८५, ८६,६७,१०२,१४१,१४२,१६१,१६७,१७७, १८६,१६६,२०८,२६१,२७०,२७२:७५५, ५८,२१३ ठिच्चा (स्थित्वा) प १७४१०७,३४१२२,२३ उ ११२०,३१२६ ठितलेस्स (स्थितलेश्य) प २०४८ ठिति (स्थिति) प ४१ मे ४,६ से ४६,५६ से ५८, ६५,७१,७६,८८,६५,६८,१०१,१०४,११३, १३१,१४०,१४६,१५८,१६५,१६८,१७१, १७४,१८३,२०७,२१०,२१३,२६४,२६७, २६६,५७,१०,१२,१४,१६,१८,२०,२४ से २६,२८,३०,३२,३४,३७,४१,४५,४६,५०,५३, ५६,५६,६३,६८,७१,७२,७४,७८,८३,८६,८६, ६३,६४,९७,१०१,१०२,१०४,१०५,१०७, १११,११२,११६,१२२,१२६,१३१,१३४, १३६,१३८,१४०,१४३,१४५,१४७,१४८, १५०,१५४,१६३,१६६,१६६,१७०,१७२, १७४,१७५.१७७,१७८,१८१,१८२,१८४, १८५,१८७.१८८,१६०,१६३,१६७,२००, २०३,२०७,२११,२१८,२२१,२२४,२२८, २३०,२३२,२३४,२३५,२३७,२३६,२४०, २४२,१००५३।१:२३३१३ से २३,६० से ६४, ६६,६८,६६,७२ से ७७,८०,५१,८३,८५ से ६०,६२,९३,९५ से १६,१०१ से १०४,१११ से ११४,११६ से ११८,१२७,१३०,१३१,१३३, Page #207 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १२० १७६,१७७, १७६, १८१,१०२, १८३, १८५, १८७,१९० से १९३२८१५; ३६१८२११,८३११ गु १८।२५,२६ से ३४ ठितिणामनिहताय ( स्थितिनामनिधत्तानुष्क) प ६।१२२ ठितिनामणिहत्ताउय ( स्थितिनामनिधत्तायुष्क ) प ६।११८ ठितिपडिया ( स्थितिपतिता ) उ ११६३ ठितीचरिम ( स्थितिचरम ) प १०३४,३५ ठितीणामणिहत्ताज्य ( स्थितिनामनिधत्तायुष्क ) प ६।११६ ठिय ( स्थित ) प ११ ४७,४८,८० से ८३ ज ३।१२, ११६,१३८, ५३३, २८, ७१५८ सू १११७ उ १११६ डंस (देश) ज २/४० डब्भ (दर्भ ) प ११४२ १ ड उमर (डमर ) ज २१४२ उमरबहुल ( उमरबहुल) ज १११८ डह (दह) बहेज्जा ज २६ डाब (दे०) उ ११३८ डिंब (डिम्ब) ज २१४२ बिबहुल (डिम्बबहुल) ज १११८ डिभय (डिम्मक ) उ३।६२,११४,१२३,१३० डिभिया ( डिम्भका ) उ३।६२, ११४, १२३, १३०, १३१,१३४ डोंगरू (दे० ) ज २।१३१ डोंब (दे० ) प ११८६ डोंबिलग (दे० ) प १८६ ढ ढंक (ध्वांक्ष ) प ११७६ ज २२४०,१३७ ढिकुण (दे० ) प ११५१११ ज २२४० ण ण (न) १।१०१।३ ज १।६ १३१४१०११२६ ठितिपडिया-णक्ख पई (नदी) ज ४।२००,२०२,२१२ गति ( नवति ) १८११ णय ( नवति) ज ११८ ४२५; ६८७१८२, १७३ उल ( नकुल ) प १३७६ णं (दे० ) प ११२० १३ सू ११२ ११५ : २१; ३११,४११:५११ मंगल (लाङ्गल) ज ३।३ मंगलई (लाङ्गलिकी) १४८६ गंगलिय ( लाङ्गलिक) ज २०६४,३११८५ गंगूल ( लाङ्गूल) ज ७ १७८ गंगोलि (लाङ्गुलिन) १९८६ णंद (नन्द ) ज | ११८ णंदणवण (नन्दनवन) ज २६५,६६, ४१२१४, २३४,२३६,२३७,२३६, २४०, ५१५५ दवणकूड (नन्दनवनकूट ) ज ४१२,३६ दवविरचारिणी ( नन्दनवनविवरचारिणी ) ज २।१५ नंदा ( नन्दा ) ज ४।१४०५६१,६८७११८. सू १० १६० दक्खरिणी (तन्दाकणी) ४२२१ दात्त (नन्दात्त ) प ११५१११ ज ३३,३२ दिघोष (नन्दिघोष ) १६३०२ मंदिपुर ( नन्दिपुर ) प ११६३/३ दिय (नन्दित) २१ दयावत ( नया ) प ११४६ ३१७; ४१२६५१४६१३ दिक् ( नन्दिक्ष) प ११३६२ दिवद्धणा ( नन्दिवर्धना ) ५१८११ दिस्सर (नंदिस्वर ) ) ज २११६,५१४४,५२,७४ सु. १९३१ दुत्तरा ( नन्दोत्तरा ) ज ५८ ११ व (नत्र ) प १०५६ पक्क (नक्त ) प ११८६ क्ख (नख ) ज २१५, १३३००१०० Page #208 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पक्सत्त-णसगवयण ६२१ णक्खत्त (नक्षत्र) प १२० से २२,४६,५१, ज १२६,४११७२ १५१५५।३ ज १५२४२१६५,७१,५८,१३८; णग्गोह (न्यग्रोध) प ११३६१२ ज २०७१ ३।२०६,२२५७।१,५५,५८,६५,६६,१००, गरगोहपरिमंडल (न्यग्रोधपरिमण्डल) प १५१३५; १०३,१०४,१११,११२।१,२,११३,१२६, २३।४६ ज ७१६७ सू १०७४ १२८,१२६१,१३० से १३३,१३४।२,३,४, पणच्च (नत) पच्चंति ज ३।१०४,१०५:५।५७ १३५४४,१३८ से १४५,१४७,१४८,१५०, णच्चण (नर्तन) प २१४१ १५१,१५२,१५६ से १६७,१७०,१७५, णिज्ज (ज्ञा) णज्जइ ज ३११०५ १७७१३,१७८१२,१८०,१८१,१६७ च ५।४ पट्ट (नाट्य) प ६३१,४१ ज २१३२,३८२, सू १०११ से ५,८ से २५,२७ से ३१,३३ से १६७।१०,१८५,१८७,२०६,२१८,५१,१६, ४२,४४,४६ से ५६,६१ से ७५,७७ से ८३, ५७,७१५५,५८,१८४ सू १८१२३:१६४२३,२६ १२ से १०७,१०६ से १२०,१२२,१२३,१२८, णमुमालग (नाट्यमालक) ज ३११५०,१५१ १२६।१,२,१३० से १३५,१५२ से १६६, णमालय (नाट्यमालक) ज १५२४,४६, ६.१६ १७१ से १७३,१११२ से ६१२।१६ से २८, मद्रमाल (नाट्यमाल) ज २।८ ३०; १३।११,१४,१५.१,२,४,६ से ६,११, णट्रविहि (नाट्यविधि) ज ३।१६७।१०,५१५७,५८ १२,१४ से १६,१६ २२,२५,२८,३४,३७, णट्टाणीय (नाट्यानीक) ज ५१४१,४४ १८१४,७,१८,१६,३७, १६।१।१,५२,८१२, गट्ठरय (नष्टरजस्) ज ५७ ११४३,१५॥३,१६,१६४२१४,७,२२।३,२२,३१, णडपेच्छा (नटप्रेक्षा) ज २१३२ १६२३,२६,२०१७ उ ५।४१, णत (नत) सू २०१७,२०।६।६ णक्खत्तमंडल (नक्षत्रमण्डल) ज ७९८५ से ६४,६७, णतंभाग (नक्तंभाग) सू १०१४,५ ११३ सू १०।१२६,१३० पत्तु (नप्त) ज २११३३ णक्खत्तमास (नक्षत्रमास) म १२।२,१२ णत्थि (नास्ति) ५ १७५,८०,२६५२,६४।१८, णक्खत्तविजय (नक्षत्रविजय) सू १।६।४; १०११३२, ५१४३,६६,८०,६६,१८०,१२१६,११,२१,२८; १७३ १३।१६१५२८७,६४ से १०१,१०३ से १०६, णक्खतविमाण (नक्षत्रविमान) प ४।१६५ से २०० १०८ से ११०,११२ से ११७,११६ से १२३, ज७।१६३,१६४ मू १८१८,१२,१६,३३,३४ १२५,१२६,१२८ से १३२,१३८ से १४१, णक्खत्तसंठिति (नक्षत्रसंस्थिति) म १०१२७ १४३,१७७०,२११६२ से १०१, २२॥४२; णक्खत्तसंवच्छर (नक्षत्रसंवत्सर) ज ७।१०३,१०४ २३११३७,१३६२८११४२,१४५:३०।१७; सू १०११२५,१२६,१२६,१२।२ ३६.८ से ११,१५ से २३,२५,२६,२८,३०, णख (नख) सू २०१२ ३१,३३,३४,४४ सू १११३,१४,१०।२२,२५ णखीमंस (नखीमांस) सू१०।१२० कथारी की जड णगर (नगर) प ६४१ मे ४३,२२६४।१७; दि (नद्) गदति ज ५१५७ णदी (नदी) प ११७७ ज २१३१ ज १२६:२।२२,६६,७०,१३१,३।१८,३१,५२, णदीबहुल (नदीबहुल) ज ११८ ६१,६६,८१,१३१,१३७,१४१,१६४,१६७१२, १८०,१८५,२०६;५१५,४४ णपुंसग (नपुंसक) प ११६६,७६११६५ से १०,२५ गरणिमण (नगर गिद्धमण') प १।८४ से २८ णगरावास (नगरावास) प २।४१,४२,४६ णपुंसगवयण (नपुंसकवचन) ५ ११२६,८६ Page #209 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १२२ णसगवेद-णक्य णपुंसगवेद (नपुंसकवेद) प १८१६२; २३१३६,८२, णरवइ (नरपति) ज ३।६,१७,१८,२१,२४१४, १४३,१४८,१५० ३।२८,३०,३४,३५,३७४२,४१,४५।२,४६,८८, णपुंसगवेदग (नपुसकवेदक) १३।१४,१५,१८ ६१ से ६३,१०६,१३१४,१३६,१४१,१७७, णपुंसगवेदय (नपुंसकवेदक) प २८१४० १८०,१८३,२०१,२१४,२२२ णपुंसगवेय (नपुसकवेद) प २३११४५ परवति (नरपति) ज ३११२६२ नपुंसगवेयपरिणाम (नपुंसकवेदपरिणाम) प १३.१३ परवरिद (नरवरेन्द्र ) ३।१३५१२ पपुंसय (नपुंसक) प ३३१८३ गरसभ (नरवपन) ज ३१८,६३,१८० णभ (नभ) ज २१६५ सू २०१२ णरसीह (नरसिंह) ज ३।१८,६३,१८० णभसूरय (नभःशूक) मू २०१२ रिद (नरेन्द्र) ज ३१६.६,१८,३२।१,२,६३,११७, णमंस (नमस्य) नमसइ ज ६०५।२१,५८,६८ १२६।१,१८०,२२१,२२२ णमंसति उ ११२१ णमंसामि उ १११७ णल (नल) प १४११ णमंसण (नभस्यन) उ १।१७ णल (नड,नल) प ११४१।१,१४८१४६; ११७५ णमंसमाण (नमस्यत्) ज ११६,२१६०,३।२०५, णलिण (नलिन) ज२४;४।३,२५,२१२,२१२।१ च ११ २०६:५४५८ णलिणंग (नलिनांम) ज २४ णमंसित्ता (नमस्यित्वा) में २१६० उ ११२१ पलिणकड (नलिनबाट) ज ४।१६० से १६३ णमि (नमि) ज ३११३७ से १३६ पमिय (नत) ज २११५ णलिणा (नलिना) ज ४१५५।१,२२२।१ गव (नवन ) प ११५१ ज १।२० सू १०१२ णमो (नमस्) ज १।१३।२४।१,१३१ अमोत्थु (नमोस्तु) ज ५१५,२१,४६,५८,६५ णव (नव) प २१५० ज ५।१८ चं ११ गवई (नवनि ) ज ४२१३ णय (नय) प १६।४६ णय (नत) ज ४.१३ णवग (नवक) प १८१ पयगति (नवगति) प १६।३८,४६ णवणउइमंगुलपरिणाह (नबनवतत्यङ्-गुलपरिणाह) ज३११०६ जयठ्ठया (नयार्थता) सू १११३ णवणवति (नबनर्वाल) ज ४२१३ णयण (नयन) पश३१ ज २११३,६०,१०३,१०६, वजहदति (नवनिविपति) ज ३१२६२,१७५ १०८,१३३,३१३,६,६५,१०६,१३८,५२१ णवगोड्या (ननीतिका) प ११३८।३ ज २०१० णयणमाला (नयनमाला) जश६५,३३१८६,२०४ जयर (नगर) ज ५७०,७२ र ३।१०१ णवणीत (नवनीत) मू१०।१२०,२०१७ णयरी (नगरी) ११६३।६ ज श२,३,७१२१४ णवणीय (नवनीत) प १११२५ ज ४.१३ णयविहि (न विधि) प १११०१६ णवम (नवम) प १७१६६ ज ७।११४१२ सू १०७७, जर (नर) ज ११३७; ११०१,१३३,३१६२,११६, १२४।२।१३।१० १७८,१८६,२०४४१२७,५२८ णवमालिया (नवमालिका) ज ३११२,८८,१०६ णरकता (नरकान्ता) ज ४२६६,२६८,२६६३२; ५५८ ६१२१ णमिव (नवमीपक्ष ) ज २६६४ परः २) ११९० से २७ ज २१३५ से १३७ मियामका ज ५११००१ परगाव, काना) प २२६ पवमी (नवबी) ल १९११. णरदाय णय नरदापनि) ११६६ गवयपदक प२४०,८३,४४ Page #210 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गवरं-जाणावरण ६२३ णवरं (दे०) प २।४५,५२ से ५६,६१ : ५।२१,२६, ७३,५:२८१७२,३३१११,१४:३६.२० ३५,३८,४३,५७,६०,६६,७२,७५,८०,११,८४, ज ३११११ से ३१५,१२४ से १२६, ४।१४१ १०,६४,१०२,११६,१५१,१६०,१६१,१६४, णामकुमारत्त (नागकुमारत्व) प ३६।२० १६१,१६५,२०१६६६,६५,६८,१०४,११३; जागकुमारराय (नागकुमारराज) प २१३४,३५ १०१३०१११८५,१२।२६,३१,३६ से ३८, णागकुमारिद (नागकूमारेन्द्र) ५२।३४ से ३६ १३।१६ से १८,२०,१५१८,१६,२६,३०,३४, णागधर (नागधर) ज ३।१७६ ३५,३८,४६,५५,६३,६५,६७,७५,८५,८६,६१ णागफड (नागस्फटा) प २३० ६७,६८,१०२,१०३,११५,१२१,१२२,१२५, णागपुष्फ (नागपुष्प) ज ३१३ १२६,१३६,१३७,१३८,१४०,१४१,१४२; जागरुक्ख (नागरूक्ष) प ११३५।३ १६६४,१२; १७१२३,२५,२७,२९,३०,३२,३३, णागलया (नागलता) प १४०।३ ३५,५८,६०,६३,७०,६१,६३,६६,१०५,२४५, गागोद (नागोद) सू १६।३८ १७२:१८/८०:२०१४३२,५४५५,५७,५८, णाडइज्ज (नाटकी) ज ३.१२,२८,४१,४६,५८, २१।३५,६१,७०,७१.६२,२२।४१,४२,४४, ६६,१४७,१६८,२१२,२१३,२२१ ७६,८०.८२,६०२३।१०,१२,५६.५८,१५६, णाडग (नाटक) ज ३३१७८,२०४,२१४,२२१ १६६,१६७,१७०,१७२,१७५,१८८,१६०; गाडगविहि (नाटकविधि) ज ३११६७।१० २४१३,११,२६।६।२८।२७,३१,३८,४३,४७, णाडय (नाटक) ज ३१८२,१८६.१८७,२१८; ७३,७४,१०६,११५,१३३,१३८,२६।१४,२१, २२,२६ ३०११७:३३११६:३४।३,५,१४,३५७,३६१६, णाण (ज्ञान) ११११०१।१०,३३१११,३१५,२८,३०, ७,११,१३,१५,२४,२६,२८ से ३४,३८,४६, ३२,३४,३७,४३,४५,६८,६६,७२,७४,८०,८३, ५२,५६,६५,६८,६६,७२,७३ ज २१५२ सू ८४,८७,८६,६४,६६,१०१,१०२,१०१,१०७, २१७,१०१२५,१८१२४ ११२,११७; १७१११२,११३,१८।१।१; गरि (दे०) ज ३१५० २८।१०६।१,३०२६,२८ सू २०१६।४,५ णवविह (नवविध) प ११६२,१३७,२११५५; णाणत (नानात्व) प १४५, ६१६८१५१४४,४५; २३३१४३६ २३।१६०३६।१४,१५ ज २५२५६,१५६, णह (नख) ज २११५,४३,१३३, ३१६२,११६,१४५ पहिया (नखिका) प १४७ १६१:४।१३६,१४१,१६२,२६२,५५४८ से ५०; ७३५,५८ णही (नखी) प १४८५ णाइ (न) ज ३११२६ णाणपरिणाम (ज्ञानपरिणाम) प १३१२,६,१४,१६, णाइ (ज्ञाति) ज ३।१८७ १७,१६ णाइय (नादित) उ १।१२१,१२२,१२५,१२६, णाणा (नाना) ११४८१५१६,१६,२६२१२१, १३३,१३४,१३८,३।१११:४११८,५३१६ २२,२७,५६,६०,६१,७८,७६,३३।२१, गाउं (ज्ञातुम् ) सू १६।२२।२६ ज ११३७,३११६,३०,५६,१०६,१४५,२२२, णाग (नाग) २।४०।१,८,५१३१५५५॥३; ४।३,५,७,१३,२५ से २७,४६,६३,११४; ज २।३१,३१२४।१,२,१३१११,२,१७६; ५।१६,३८,६७१७८ ४१२१२,५१५२,७।१२३ से १२५ सू १६॥३८ णाणारिय (ज्ञानार्य) ५११९२,86 णागकुमार (नागकुमार) प १३४ से ३६,३८,३६; णाणावरण (ज्ञानावरण) प २८१६,११ Page #211 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णाणावरणिज्ज-णास णाणावरणिज्ज (ज्ञानावरणीय) प २२२२६,२७, २६८,२७२,२७४,२७७ : ५११८,२८,४६,५७; २३३१,३,६,७,६ से १३,२४,२५,६०,१३४, ७।११४,२१३,२१४ चं ११४ सू १०।१२४; १३६,१५४,१५५,१६०,१६४,१६७,१७६, १२।२६; १९३२,६,६,१२,१६, २२॥३,२८,३६ १७८,१८६,१६१,१६४ से १६६,२०२,२४।१ से ५,८,१५:२५।१,२,२६।१ से ४,७,१२, णामक (नामक) ज ३।२६,३६,४७,१३३,१३५ २७।१ से ३ णामग (नामक) ज ४।२०० जाणाविध (नानाविध) ज २१७:३।१८६ से १६२ पास गज णाणाविह (नानाविध) प ११४७११,२।४१ २२६,४१२२,३४,५४,६४,१०२,१०७,११३, ज १११३,२१,२६,३३,३७,४६,२।१२,५७, १५७/२,१७७.२६०७/११४,११७.१२० १२२,१२७,१४७,१५०,१५६,१६४३।७, सू १०१८६,८८,१२४;२०१२ १०६,१८४,१६२,४१६३,५।३२ णामधेय (नामधेय) ज ५२१ गाणि (ज्ञानिन्) प १८१७६; २३।२००; २८.१३५ णामय (नामक) ज १२४६२११७४११०६,१६३, २०४,२१०,२११ णाणोव उत्त (ज्ञानोपयुक्त) प ३६।६३,६४ णामसच्च (नामसत्य) प १११३३ णात (ज्ञात) ११६५ णामसूरय (दे०) सु २०१२ णाम (नाम) ज २०१५ णामाहयक (नामाहतक) ज ३१२६,३६,४७,१३३ णाभि (नाभि) ज २।५६,६२,६३, ४१२६०११:५११३ णायग (ज्ञायक) ज ५५५,४६ णाभिणाल (नाभिनाल) ज ५११३ णायय (ज्ञातक) ज २६ णाम (नामन्) ११०१०१।१०,२१४८,५० से ५२ णायव (ज्ञातव्य) प १३१०११३,६,७,६,११ ५४ से ५७,५६,६०,६२ से ६४,६४।१७,११३, १८।१।२३५।११ १११३३११, २२१२८:२३।१,१२,३८,२४।१५ णारग (नारक) प १२६,२४।१०,११:२६।८६ २६.११:२७।५३६।२,६२ ज ११२,३,५,१६, णाराय (नाराच) प २३१४५,४६ ज ३१३,३१ १८ से २०,२३,३५,४१,४५,४६,४८,५१,०८, पारिकता (नारीकान्ता) ज ४।२६२,६१२१ १३,५१,५४,६० से ६३,१२१,१२६,१३०, णारी (नारी) ज ३।१८६,२०४ १४१ से १४५,१४६,१५४,१६०,१६३; ३११, णारीकंता (नारीकान्ता) ज ४१२१६६ २,२६,३०,३५,३६,४७.५६,६७,१०३,१०६, णारीकूड (नारीकूट) ज ४२६३।१ १११,११५:१३३,१४५,१६१,१६७।३,२२५, णाल (नाल) ज ४७ ४११,३,२५,३१,३४,४०,४१,४५,४८,४६,५१, णालबद्ध (नालबद्ध) प १४८१४० ५२,५५,५१,६२,६४,६७,६८,७५,७६,८१,८४, णालिएरीवण (नालिकेरीवन) ज राक्ष ८६,८८,६२,६८,१०३,१०६,१०८,११०,१४१, णालिया (नालिका) ज २१६ १४३,१५६ से १६५,१६७ से १६६,१७२ से णालिया (नालिका, नाडीका) ५ १२४०।१ १७८,१८० से १८२,१८४,१८५,१८७,१८८ णाबा (नौ) प १६:४५ ज ३१८०,८१,१५१, १६०,१६१,१६३,१६४,१६६,१६७,१६० से ७१३३।१ सू १०१३३ २०३,२०५ से २०६,२१०११,२१२,२१३, गावागति (नौगति) प १६।३८,४५ २१४,२२६,२३४,२३७,२३६ से २४२.२४५, पावासंठिय (नीलपित) १०३३ २४६,२५१,२५२,२६१,२६२,२६५,२६६, मास (ना) णासेंति ज ३१६५ १५६ Page #212 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णासा-णिज्जुत्त ६२५ णासा (नासा) प १३१ ज २।१५.१३३ णिगोद (निगोद) प ३१६२,८६,१८१३८ णिइय (नित्य) ज ७२१० णिगोय (निगोद) प १८४४५,५३ ज २।१३३ णिउण (निपुण) ज २।१५:३१६,२४,८७,१३८, णिगंथी (निर्ग्रन्थी) ज २०७२ २२२,५१५,२१,२८ र २०१७ णिग्गय (निर्गत) ज ११४; ३१६,१७,२१,३१,३४, णिओग (नियोग) ज २११३३,५१४३ १७७,२२२ णिओय (निगोद) प ३१६१.६३ णिग्गुंडी (निर्गुण्डी) प १३७।३ इणिद (निन्द् ) णिदेहि उ ३।११५ णिग्गुण (निर्गुण) ज २११३५ णिब (निम्ब) ११॥३५१:१७।१३० णिग्याय (निर्धात) प १।२६ णिबछल्ली (निम्बछल्ली) प १७.१३० णिग्घायण (निर्घातन) ज २१७० णिबफाणिय (निम्बफाणित) १ १७।१३० पिग्घोस (निर्घोष) ज ३१८८,१८०,१८३,३५, णिबसार (निम्बसार) प १७११३० २६,४६,४७,५६,६७ उ १।१२१,१२२ १२५, णिकुरंब (निकुरम्ब) ज २०१० १२६,१३३,१३४,१३८,३।१११४१८% णिक्कंकड (निष्ककट) ज १८,२३,३१ ५।१६ निक्कंकडछाया (निकट छाया) प २।३१४१ णिचिय (निचित) ज ३।३; ५१५७११७८ णिक्खमंत (निष्कामत ) म १९२२११४ णिच्च (नित्य) प २१२० से २७ ज ११११,२४, णिक्खमण (निष्क्रमण) ज ४१२७७ मू १३११७ । ४७, २।११,६७,१३३, ३।२२६,४।२२,५४, णिक्खममाण (निष्कामत्) ज ३।२०३;७।१०,१६, ६१,६४,१०२,१६६,१६७,१७७,२०३,२१०, २० से २२,२६,२७,६६,७५,८१ च ४१२ २६४,२७३,५।२६;७।२१०,२१३ सू १३३६,१२ सू १६।२२।१७ मिक्खित्त (निक्षिप्त) ज ३१२०,३३,५४,६३,७१, णिच्चमंडिया (नित्यमण्डिता) ज ४११५७११ ८४,१३७,१४३,१६७,१८२ णिच्चालोय नित्यालोक) सू २०१८ ‘णिक्खिय (नि-क्षिप्) णिविखवइ ज ३१६२; णिच्चुजोत (नित्योद्योत) सू २०१८ ५।६७ णिच्चुज्जोय (नित्योद्योत) सू २०६८।६ णिक्कुड (दे०, निष्कुट) प २६१० ज ३७६,७७, णिच्छिण्ण (निश्छिन्न) प १६४।२२३६।१४।१ १०६,१२८.१५१,१७० , ५२२५ णिच्छीर (निःक्षीर) प ११४८१३६ इणिगच्छ (नि : गम् ) णिगच्छइ ज २१६५ : ३३१४, णिच्छुभ (नि-क्षिप) णिच्छुभइ प ३६।७३,७४ १७२.२०४,२२६ णिगच्छति ज ५१६३ णिच्छुमति प ३६।५६६१,६६,७०,७६ णिगच्छित्ता (निर्गत्य) ज २१६५ णिच्छद (निक्षिप्त) प ३६।६२,७७ णिगम (निगम) ज २१२२ उ ३३१०१ णिजुत्त (नियुक्त) प २४१ णिगर (निकर) ज ३।१२,३५,८८,६५,१५६; णिज्जरा (निर्जरा) प १५१४३ से ४७,४६; ३६७६ ४११२५,५१५८ से ८१ णिगरिय (निकरित निगडित) ज ३।२४।३, णिज्जाणभूमि (निर्याणभूमि) ज ५१४६ ३७।१,४५।१.१३१३ णिज्जाणमग (निर्याणमार्ग) ज ५१४६ vणिगिण्ह (नि । ग्रह ) णिगिरहइ) ज ३२८ णिज्जिय (निजित) ज ३।१७५,२२१ णिगिरिहत्ता (निगृह्य) ज ३।२८ णिज्जुत्त (निर्युक्त) ज ३।१५८ Page #213 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिज्झरबहुल-गिरह णिज्झरबहुल (निर्भरबहुल) ज ११८ इणिमज्जाव (नि-|- मज्जय) णिमज्जावेइ ज ३।६८ णिट्ठियट्ठ (निष्टितार्थ) प ३६॥६३,६४ णिमुग्गजला (निमग्नजला) ज ३।६७ से १०१, णिडाल (ललाट) ज २१५,३।३६,३६,४७,१३३ णिण्याग (निन्नग) प १८९ णिम्मम (निर्मम) ज १७०,५५,४६,५८ णिण्णथल (निम्नस्थल) ज ७।११२१५ णिम्मल (निर्मल)१२।३०,३१ ज १८,२३,३१; णिण्णथलय (निम्नस्थलक) मु १०।१२६५ २।१५,४११२५,५१६२,७।१७८ णिण्णुपणय (निम्नोन्नत) म ११३१ णिम्माणणाम (निर्माणनामन्) प २३४३८,१२८ णिण्हझ्या (निह्नविका) प ११८ णिम्माय (निर्मात) ज ३१ णितंब (नितम्ब) ज ११५१, ३१६१,१३७,४।१७४, णिम्मिय (निर्मित) ज ३।३५ १७११७६.१८२,१८८८ णिम्मेर (निर्मर्याद) ज २११३५ णित्थारण (निस्तारण) ज ३११०६ इणियंस (नि:- वस) पियंसति ज २११०० णिदा (दे०) १३५३१११,३५११६ णियंसेइ ज २०६६ णिदाया (दे०) प ३५११७,१८,२०,२२,२३ णियंसण (निवसन) १२१४१ णिदाह (निदाघ)मु १०।१२४१२ ििणयंसाव (नि-बासय) णियंसाति ज ३४२११ निद्दा (निद्रा) प २३।१४.२६,२७,१३४ १५५, णियंसावेता (निवास्य) ज ३।२११ १७७,१८० णियंसेत्ता (न्युष्य) ज 168 णिद्दाणिद्दा (निद्रानिद्रा) प २३।१४ णियग (निजक) ज २९४,३१३,१८७,१८८ णिद्ध (स्निग्ध) प ११६२१३१,५।१५४,२११; सू२०१७ ११:५६,६०; १३।२२।१,२,२८।२६,३२,६६ इणियच्छ (निर्+दा) णियच्छति प २३१३ ज २११५,३१३,२४,३५, ७१७८ णियत (नियत) ज ३८१ णियतिया (नयतिकी) प १७।११,२२,२३ णिद्धत (निर्मात) परा३१ णिद्धया (स्निग्धता) प १३।२२११ णियत्व (दे०) ज ३।१२५,१२६ णिद्धाइत्ता (निर्धाव्य) ज २।१३४ णियम (नियम) प १२०,२३,२६,२६, ६.११४, इणिद्धाव (निर --- धाव) णिद्धाइस्मति ज ११३४, ११६,१०।२:१११५३,५७,५६,६६,६६१, १४६ २१४९६,६६,१००,१०३, २२।४८,५१,६८, णिप्पंक (निष्पंक) ज ११८,२३ ६६,७१ से ७४,२३।१०,१२:२४।१४:२५१२, णियच्चकखाणपोसहोववास ४;२७।६।२८११६,३८,६५,६८ से १०१,३६।५६ (निष्प्रत्याख्यानपौषधोपवास) ज २११३५ ज ७.५०,५३,१६६ सू १८।३ इगिफज्ज (निर पद) णिप्फज्ज इज १६ णियमा (नियमा) ज ७३२।१ सू २०१६ शिष्फत्ति (निष्पत्ति) ज ३११६७१६ णियय (नियत) ज ११११,४७,३१२२६; ४१२२, णिकाइय (निष्पादित) ज ३११२० ५४,६४,१०२,१५९; २२२,२६ णिष्फत्यय (निष्पादक) ज ३।११६ णियय (निजक) सू१६२२।१४ णियफावग (निप्पावक) ज २।३७ णियया (नियता) ज ४३१५७।१ णिभय (निर्भय) ज ३११२६:५।५८ णियर (निकर) ज ११५ णिभिज्जमाण (निभिद्यमान) ज ४।१०७ णिरह (निऋति) ज ७।१२०,१३०,१८६४ णिभ (निभ) ज ३१३०,१७८ सू१०८३ Page #214 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परदेवता- णिव्वाणमा णिरइदेवता ( निविदेवता ) सू १०१८३ निरइयार (निरतिचार ) प १११२६ निरंतर ( निरन्तर ) प १ ० १३२ से ३४,४०,१११४१० ७१:२०१२५,३१,५३२२१३, १५, १७, १९ से २१, ३६८, ६ ज २११५ रिय ( निय) २१,१०६२३३६,८१.१११, ११३१ १४६, १७१ पिरय (खि) निरयगतिपरिणाम ( निरयगतिपरिणाम ) प १३३३ णिरयगतिय ( निरयगतिक ) प १३३१४ रिमामि ( निरयगामिन् ) व ११२२, ५०, २१५८, १२३, १२८, १४८, १५१,१५७, ४११०१ पिरयावास ( निरयावास ) प २१२० से २४ निरवसेस (निरवशेष ) प ६६२१०१२८ : १७२८ २१।६४,३४।२४:३६२८,४६,६५,६१,७२ रिहंकार (निरहुकार ) ३२७० णिराणंद (निरानन्द) ज २१६०;१०३, १०६,१०८ णिरातंक ( निरातङ्क) ज २०१६ णिरालय ( निरालय ) ज २२६६ णिरालोय ( निरालोक) ज २।१३१ णिरावरण ( निरावरण) ज २२७१८५ णिरंभ ( नि + रुध् ) पिभइ प ३६६२ भिति ३६।९२ रिंभित्ता (विख्य) ३६६२ णिरुद्ध (निरुद्ध ) प २३।१६३ freanट्ठ ( निस्पक्लष्ट) ज २२४११ पिरुच्छाह (निम्याह) न २।१३३ freeda (निरूप ) २३ freuse (free) ज ११५ णिरुविग्य ( निग्नि) निरुहा (नीरुहा ) प ११४८३ शिरेयण ( निरेजन ) प ३६६३,६४ निरोगय (नीरोगक) ज २।१२ णिरोह (निरोध ) प ३६।१२ पिल्लज्ज ( निर्लज्ज ) ज २।३३ १९१६ जिल्लेव ( निर्लेप) ज २१६ विद्दय ( निपतित ) ज ३१२६, ३६ निवदेत्ता (निवृधा) ज ७।३० विड्ढेमाण (निवर्धमान ) ज ७ १३,१६,२२,७२, ७८,८४ णिवण्ण (निषण्ण ) ज ७।१७८ पिवतित ( निपतित ) ज २।१४२ मे १४५ वित्त (निवृत्त) ३११२६ √ णिवय ( नि पत्) णिवयंति ज ५१६४ विह (निवह) ज ३।१०६ निवात ( निपात) प ३६१६१ ज २११३१ शिवाय ( निपात) ज ३।३५,१०६ णि विट्ठ (निविष्ट ) प २०१३६ णिबुढि ( निवृद्धि ) सू १३ । १७ fasढेत्ता (fra) सू ६१ विड्ढेमाण (निवर्धमान ) सुहार णिवेत्ता (निवेद्य) ज ३१८१ ६२७ / णिवेद ( नि + वेदय् ) णिवेएइ ज ३२८१३५।५८ णिवेदम ज ३५ णिवेदेमो ज ३१६० fat (निवेश ) प १।७४ ज ३१२८,३१,४१,४६, ५.२,११५,१३५,१४१.१५१,१६४,१६७३२, १८० वेस ( नि ! वेगय् ) णिवेसेइ ज ५।२१,५८ निवेसेता (निवेश्य ) ज ५१२१ पियण (निर्व्रण) ज २१५३११७७७ १७८ व्वित ( निर्वृत्) सुहार वित्तंति प २३।१६३ मू ६।१ निव्वत्त (निवृत्त) ज ३।३०,४३,५१.६०,६८,७६, १३६,१५१,१७०, १७८,२१६ वित्तपया (निर्वर्तन ) प ३४१२,३ जिध्वत्तणा (निर्वर्तना) प १५५६११, ११६१ व्वित्तिय (निर्वर्तित) प २३/१३ से २३ णिव्वय (निर्व्रत ) ज २।१३५ णिवाद्याय (निर्व्याघात ) प १६।५५ ; २१ । ६५; २८।३१ ज २ ७१,८३ णिव्वाणमग्ग (निर्वाणमार्ग ) ज २२७१ Page #215 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १२८ णिवाण-णीलय vणिव्वाण (निर-वापय) णिवाविस्सति हिस्संग (निःसङ्ग) ज ५।५८ ज २११४१ णिवाहि ज ५१२८ णिवावेंति हिस्सग्गरुइ (निसर्गरुचि) प ११०११३ ज २।११२ णिवावेह ज २११११ णिस्सा (निश्रा) प ११२०,२३,२६,२६,४८ णिध्वुइकर (निर्वतिकर) ज २१६४,३३, ४११४६ णिस्साय (निश्राय) ज ३११०६ णिवइकरण (निर्वतिकरण) प १११२ णिस्सील (निःशील) ज ११३५ णिवृतिकर (निर्वतिकर) ज ४।१०७ णिस्सेस (निःश्रेयस् ) ज २१७१ णिसंत (निशान्त) ज ५१२६ णिहटु (निहृत्य) ज ३।६ जिसम्म (निसर्ग) १११०११२ इणिहण (नि+ हन् ) णिहणंति ज ५११३ णिसट्ठ (निःसृष्ट) जे ३१२५,३८,४६,४७,१३२ णिहणित्ता (निहत्य) ज ५॥१३ मिसढ (निषध) प १६५३० ज ४।९६ णि हयरय (निहतरजस्) ज ५१७ णिसढकूड (निषधकूट) ज ४।६६ णिहि (निधि) प १५३५५१२ ज ३१६७११३,१४, णिसष्ण (निषण्ण') ज २१८८; ३।६,८१,२२२ णिसम्म (निशम्य) ज ३१६ णिहिय (निहित) ज ३१११९,२२१ णिसह (निषध) ज ४८१,८६,८७,६७,६८,२०१ ।। णिहिरयण (निधि रत्न) ज ३११६७,१७०,७/२०१, से २०३,२०६,२०७,२०६,२३८,२६२ २०२ णिसहकूड (निषधकूट) ज ४१२३६ णिहुय (स्निहूक) प ११४८।४१ णिसहद्दह (निषधद्रह) ज ४१२०७ इणी (नी) णेइज ७/१५६,१५७,१६१,१६५, Vणिसिर (नि+सृज्) णिसिरइ ज ३।२४,२६, १६६ ; ३।१६३ गेति ज ७१५६ सू १०१६३ ३७,३६,४५,४७,१३१,१३३ णिसिरंति णेति सू १०६३ ३११६२,४१५,७,५५,७ णिसिरति भणी (गम्) णीति ज ३।१०६ प ११६७१,७२,८४,८५ गीइ (नीति) ज ३।१६७ णिसिरण (निसजन) १ ११७१ णोणिया (नीनिका) प ११५१ मिसिरमाण (निमृजत् ) प १११७१ णीम (नीप) प १।३६६३ जिसीइत्ता (निषद्य) ज ३४६ णीय (नीत) प १५५१०२ इणिसीय (नि+पद) णिसीएज्ज प ३६।११ णीयतर (नीचतर) ज ४।५४ णिसीयइ ज ३१८,४१,४६,५८,६६,७४,१४७, णीयागोय (नीचगोत्र) प २३१२२,५७,५८,१३२ २१५,२२२ णिसीयंति ज ११३,३०,३३; जीरय (नीरजस्) प २१३०,३१,६३, ३६।६३,६४ ७,४१२,५४२ णिसीयति ज ३१८८ ज १५१८,२३,३१,२०६५।५८ इणिसीयाव (नि+पादय) णिसीयाति णीरागदोस (नीरागदोष) ज ५१५८ ज ५।१४,१७ णील (नील) प १६ से ८,२१३१,२१४०।११; णिसीयवेत्ता (निषाद्य) ज ५।१४ ५।५,७,१३१६१७१९४२३११०४,२८१३२, णिसेग (निषेक) २३१६० से ६४,६६,६८,६६, ६६ ज ३१३१,४१२६४ सू २०१२,८,२०१३) ७३,७५ से ७७,८१,५३,८५ से १०,६२,६५, णीलकणवीरय (नीलकरवीरक) प १७।१२४ से ६६,१०१ से १०४,१११ से ११४,११६ णीलकूड (नीलकूट) ज ४।२६३११ से ११८,१२७,१३०,१३१,१३३,१७६,१७७, पीलबंधुजीवय (नीलबन्धुजीवक) ५१७११२४ १८२,१८३.१८७ गीलय (नीलक) प १७.१२६ सू २०१२ Page #216 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णीललेसणे इय ६२६ गीललेस (नील ) प १७८३,६२,६४,६५, णेग (नंक) प २८१४०,४३,६६ ज ३१३,३२ १००,१०३.१०८,१:८; १९७० णेगम (नगम) प १६।४६ णीलले ठाण (नील लेश्यास्थान) प १७१४६ दव (नेतव्य) सू६१८।१६।३१०।२३,२५; णीललेत (नीललेश्या) १७।१२१.१२४; १५१६, १८:११९४१,३५,२०१८ २८११२३ णेतु (नेतृ) सू १०॥६३ णीललेस्स (नीम इत्या ) प ३९६,१३११४:१७।३१, णेत्त (नेत्र) प १५१७७,८२ .1328,६५६४,६ ६८,७१ से ७४, तविण्णाणावरण (नेत्रविज्ञानावरण) १२३११३ 3६८१ मे ८५,८७,१००,१०३,१०६ से १११, णेत्तावरण (नेत्रावरण) प २३११३ णद्दर (दे० नेहर) प १८९ णीललेस्सठाण (नीललेश्यास्थान) प१७११४६ णेम (नेम) ज १।११ णीललेस्सा (नील नेत्या) T१६६४६; १७.३६, णेमि (नेमि) ज ३।३०,६५,१५६,१७८ ११५ से १-१२४,१२६,१३१,१३६,१४४, णेमिपास (नेमिपाव) ज ३१२२ १४५,१४८ से १५२ जेम्म (नेम) ४१२६ णीदले जाकर जान नीलामापरिणाम) १३१६ णेय (जेय) प २११५३ ज ३७७,१०६,१२६, होती . ४९८,१०३, ७१२७११,१६७१ च ५२ १२ १०८:१०,१८० १.१ से १४३,१६२,१६५, यतिया (नवतिकी) १७१२५ १६७,१७३ से १७६,७८,१८० से १८२, णयब्द (नेता) ४।५५,५११६१८।३१११८१; १८४,१८५,१८७,१८८,१६०,१६१,१६३, १५.१०२,१०८,१४३,१७।८८,२११५२; १९४,१६६,१६७,१६३,२००,२२५२१,२२७, २२१७६; ३६।२२,२६,३२,४६ ज १११२ से २६२ से २६५ १४,२५,४६:२।४,६,४६,५६,६४,१३६,१५६; णोलसुत्तय (नीलसूत्रक) प १७११६ ३॥६४,१५०,१५१,२१७,४११०,४७,५३,५६, णोली (नीली) ३।२४ ६०,६४,७६,८४,६०,६२,६६,१०६,१४१, पीलुप्पल (नीलोत्पल), १७१२४ १४७,१६०,१६३ से १६५,१७३,१७४,१६७, णीसंद (निप्यन्द) : ११३ चं १११ २०७,२१०,२३८,२४३,२६२.२६८,२७४, णीसल्ल (नि:शप) ५८ २७७, ५१५३ : ६१५७१३५,५०,५८१३०, पीसस (निर: वीरागंलिप १७॥२,२५, १३१ १३५.१५५,१७६ सू ७१,६।२,१०१२२ यु (गत) सू १६ णीसास (नि: ::२११६ गरइअत्त (नैरकत्व) प १५।१४ मोहम्ममाणा ( निज ६६३१ त्य (नरक) प २।२०,२१, ३११६,२२,४।३; गीहारिन (मिला). १२ १०३२ से ३८,४० से ४२,४४ से ५२; णीह (स्निह) प? ११॥४४,८०,११२,११ से १३,१५,३६; णणं (जन) 2212:१:४९५ से १०४, १३११४,१६ रो १६; १४१२,३,५,७,६,११ से ११५.१२.१: ० ४८,१४६,१५१,१५.४; १५,१८,१५११७,१८,३५,४६,४८,५६,६२, ३६१८१ ६३,६५,६६,७१,७५,७८,८२,८३,६१,६४ से उर (दे०) १४६१ ६,१००,१०२,१०७.१०८,११८ से १२०० Page #217 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६३० १२४,१३४,१३५,१३८, १४०, १४१; १६ ३, ६, ११,१४,२०,२५,२६,३१,३२,१७।१ से ६, ८ से १४,१७,१८,२३,२५,२८,२६,३२,३७, ४०,४२,४६,५७,८५,६० से ६२,१००,१०६ से १११,१८२, ५, ८,६,११,१२१, २०११/१ २०११ से ३,६,७,६,१०,१४, १५, १७ से २०, २३ से २५, २७, ३२, ३४, ३५, ३५ से ४२,४६, ५२,२११५१, ५२,५८,५६,६५,६६,७७,८१, ८७ २२।११.१३,१५,१७,१६ से २१,२३, २४,२६.२७,३०,३१,३३,३५,३७ से ४५,४७, ५३,५७,६६,७३,७५,७६,७६,८२,८७,८८, १०,६८,१००, २३१२, ४, ६, ७, १०, १८,३७,५४, ७८८०.१४६, १६४ से १६६, १६८, २४११, ३, ५. ८, १४, १५, २५१,२,४,२६११,३:२७११,६; २८।१,३ से ५, २१ से २६,३०३८,९८, १०१, १०२,१०४,१०,११७,११९.१३३,१४३ से १४५, २६।५ से ७,१५,१८,१६,२२३०१५ से ७,१४,१७,२४:३११२, ४,६११, ३२१२, ५; ३३।१ से ७,१६,२७,३०,३१,३४,३५,३७, ३४११,३,५,६,१०, १३, १४,३५१२, ५, ७, ६, ११, १३,१५,१७,१८,२१,३६१४,८,६,११ से १३, १५,२८,२० से २२, २४, ३० से ३४,३६,४३ से ४७,४६,५४,६५,६८,६६,७२ ज २७१ अणिजय (नैरयिकासंज्ञ यात्रुष्) प २०१६२,६४ इयत्त (नरक) १५१०३, १०४, १०६, १११, ११५, ११८, १२२,१२६,१२६, १४१, ३६।१८,१६,२१,२३,२५,२६,३० से ३४,४६, ૪૭ राज्य (नैराष्) प २३११८,३७,७८, ८०, १४५, १६, १७० णेरतिय (नैरयिक) प १०३६ वच्छ (नेपथ्य ) प २१४१ वस्थ (नेपथ्य ) ज ५१४३,७११०१ वाण (निर्वाण ) प २६४२० इस णिआय-गोहुमणोवादर सप्प (सर्प) ज ३।१६७१२,१७८ को (नो) प ११।६८ ज २१६ सु ८१ गोअपरित (नोअपरीत ) १८ ।११२ असंजय (नोअसंत ) प १८६२ पोअसण ( नोअसंज्ञिन् ) प ३११२,६ गोइंदिय (नोइन्द्रि ) प १५७० कसायवेयणिज्ज (नोकषावेदनी) १२३३१७, ३४.३६ नोपज्जत्तयणोअपज्ज सय (नोपर्याप्तकनो अपर्याप्तक) १८११५ पोपरित (नोपरीत ) प १८ ।११२ जोभवसिद्धियणो अभवसिद्धिय (नोभवसिद्धिन अभयसिद्धिक) प १८ ।१२४; २८।११३,११४ गोभवोवातगति (नभिपपातमति ) प १६१३७ गोभवोववायगति (नोभवोपपातगति ) प १६२४, ३३ से ३७ गोमालिया ( नवमालिका) प ११३८ ।११६ ४१६६ पोमालियाड (नवमालिकापुट ) ज ४।१०७ गोसंजतणोअसंजतणोसंजया संजय (नमंत्रनोअसं तनोसंयतासंयत ) प ३२/१,२ णोसंजतणो असंजयणोसंजलासंजय (नोनोअसं तनोतात ) प ३२१४ गोसंजय (नोगत) प १८६२ गोसंजयण असंजयणोसंजयासंजय (नोसं तनोअसंयतनो संवतासंगत ) प २८।१३१,३२३,६ गोसंजय संजय (नोगतात ) प १८६२ गोणिनोअल (नोसंजिना असंज्ञित् ) प १८१२१६२८११२०,१२१,१३४,१३६: ३१।१ से ३,५,६ णोसुहमणोवादर ( नोनुक्ष्मनोवादर ) प १८ ।११८ Page #218 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ण्हाण-तटु Vव्हाण (प्णा) रहाणे इ उ १९७ ण्हाणेति ज २११०० पहाणति २०६६ ण्हाणपीढ (स्नानपीठ) ज ३१६,२२२ व्हाणमंडव (स्थानमण्डप) ३१९,२२२ व्हाणमल्लियापुड (स्नानलिकापुट) ज ४।१०७ व्हाणेता (स्नात्वा) जERE हा (स्नात) सु २०१७ हाय (स्नात) ज ३१५८,६६,७४,७७,८२,८५, १२५,१२६,१४३,१५३ ३ १।१६,४२,७७, १२१,१२२,१२६ ; ३।२६,११०,१४१,४।१२, १८,५१७ व्हारु (स्ना) ज २११३६, ३।२४ पहाव (स्नापय ,स्नपय ) पहावेद ३३।११४ व्हावेता (स्ना , स्मापयिता) ज २११०० त (तत्) प ११ सू११ १११ तइय (तती?) १३१२१,81८०।११५३१४३ ज।१३५।१।४।५६,९७,१४२॥३,७१०८, १५८ च ४१३ सू १८।३ उ १२२७३६६८ ४१ तइया (तृतीया) ज ७।१२५ १०११४८,१५० तइविह (ततिविध) प १५५६ उखंड (पुखण्ड) प ११७४ तउय (पुनः) प १२०।१ तउस (अपुस) प ११४८१४८ ॥ ३१११६ खीरा तउत्तमिजिया (चसमितिका) प ११५० उसी (पुत्री) ११.१ खीरा की लता तए (ततस् ) - १४, २।८।३।११:५३१३ तओ (तता) ३४१ से ३,३६१७७,६२ 3३५१.५३,५४,८६,१०७,११०,१३६; ४१२१ तंजहा (तदया १२ तंडव (ताहर) ५१५७ तंडुल (ताल) १।१२,८८,२१५८ उ ३१५१ नंत (तान्त) उ १५. तंतवा (तान्त्रवक) प ११५१ तंती (तन्त्री) प २१३०,३१,४१,४६ ज ११४५; २।६५:३१८२,१८५ से १८७,२०४,२०६, २१८,५१,१६७।५५,५८,१८४ सू१८।२३; १६।२३,२६ तंतु (तन्तु) ज ३।१०६ तंतुवाय (तन्तुवाय) प ११६७ तंदुल (तण्डुल) उ ३३५१ तंदुलमच्छ (तण्डुल मत्स्य) प १३५६ तंदुलेज्जग (तन्दुलीय) प ११४४।१ वायविडंग, ___चोलाई का साग तंब (ताम्रप १२०।१२।३१:१७११२५ ज२११५:३११३८।१ तंबकरोडय (ताम्र करोडय') प १७/१२५ तंबखंड (ताम्रखण्ड) प १११७४ तंबच्छिकरण (ताम्राक्षिक रण) प१७१३४ तंबछिवाडिया (ताम्र छिवाडिया') ११७६१२५ तंबिय (ताम्रिक) उ ३३५०,५५ तंस (त्र्यस्त्र) प ११४ से ६१०१५,१६ तक (तकत्) ज ३१६५,१५६ तक्करबहुल (तस्करबहुल) ज १११८ तक्कलि (तकिल) प १।४३११ चक्रमर्द वृक्ष, चकवड तगरमेला (तगरमेला)ज ३।११०३ तगरपुड (तगरपुट) ज ४११०७ तच्च (तृतीय) प ३११८३,२१६०,३३।१६:३६।९६२ ज ७।१६२ सू ११४,१६,१७,२१ उ ११३६, ४०,११५,११६, ३१,२,२३,५४,६०,६१,७७, ७८,८७,१८,१०८ तच्चा (तृतीया) सू १२०२१ तच्छण (तक्षण) ज २१७० तट्ट (दे०, स्थल) परा८ त? (स्त) ज ७/१२२।२ सू १०१८४१२ तदेवया (त्वष्ट्रदेवता) सू १०८३ तठ्ठ (त्वष्ट्र) ज ७११३०,१८६६४ Page #219 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६३२ तड (तट) ज ३३१०६ उ ५ डाग (तटाक ) प २११३ तडित (तडित) ज ३१२४ तण (तृण ) प १३३११, ११४२, ४४११, ११४८१४६ ३८६१ ज १११३,२१,२६,२६,३३,४६, २७, २६,५७,१२२,१२७, १४४ से १४७, १५०, १५६, १६४ ३६८, १६२,४६३, ८२ : ५/५ तणमूल (तृणमूल ) प १४६८ तणय ( तृणक) ज २।३६ तणवणसइइ (तृणवनस्पतिकायिक) ज २११३१ तवटिय (तृणवृन्तक ) प १५० तणविहूण ( तृणविहीन) ज १।१४ तणसोल्लिया (दे०मल्लिका) ज ३१३५ तणाहार (तृणाहार ) प १५० तणु (तनु ) प २६४ ज १।५१२।१५,१३३; ४१४५, १५६,७१७८ तणुक ( तनुक) ज ३।१०६ तणुतणु ( तनुतनु ) प २६४ तणय ( तनुक) ज १२८,३५,५१२११५; ३१३८।१४१४५, ११०, ११४, १५६,२१३, २४२ तणुयतर ( तनुकतर ) प १३४८ ३४ से ३७ तनुयरी (तनुतरी ) प २६४ तणुवाय ( तनुवात ) प ११२६; २११० तवायवलय (तनुवासवलय ) प २२१० हा (तृष्णा) प २६४।१६ ज ३११२१।१ तत (तत ) ज ५२५७ ततगति ( ततगति ) प १६११७,२२ तति (तति ) प १५ | १३४ ततिय (तृतीय) प १०१४११ से ३११ ४२,८८ १०/६५,६६,७३, १२१३२,३८३६।८५,८७ ७७,१२/१६,१३११० उ १।६३ ततिविह ( ततिवित्र ) प १६३२० तते ( ततस् ) ज ११६ नड-तयणंतर ततो ( ततस् ) प ३४१, ३,३६१८५ ज ३।३५ तत्त (तप्त ) प ११४८३५६, २२३१, ४८ ज ३३११७ ततरुवेल्लुयभूय (तप्त 'कवेल्लुय'भूत) ज २।१३२, १४१ तसजला (तप्तजला ) ज ४ २०२ तसतव (तप्ततपस्) ज ११५ तत्तसमजो भूय ( तप्त समज्योतिर्भुत) ज २।१३२, १४१ तत्तिय ( तावत् ) प १५/१०३ ज ७ २०० सू १०१६५, ६६,७३,७७, १२१६:१३११० तत्तो ( ततस् ) प १११।७, १४८११२१६४१४; २११४७।१, २, ३४।१,२ तत्थ ( तत्र ) प ११२० ज १११३ सू १।१४ उ ११० तत् (स्त) प २१२० से २७ ज ३।१११.१२५ उ ११८६ तत्थगय ( तत्रगत ) ज ५। २१ तदणुरूव ( तदनुरूप ) ज २।१४१ से १४५ तदुभय ( तदुभय) प १४ । ३; २२४ से ६२३|१३ से २३ तप्प (तप्र ) प ३३ १६ तप्पभिइ ( तत्प्रभृति) ज २२६७३३।११८ तप्पाउग्य ( तत्प्रायोग्य ) प २३१२००,२०१ तम ( तमस् ) ज २११३१ तमतमप्पभा ( तमस्तमः प्रभा ) प ११५३, २११,२०; १०११ तमतमा ( तमस्तमा ) प २।२७,२१२७१३ तमप्पभा ( तमः प्रभा ) प ११५३ २१,२०,२६ ३।१६; ४।१६ से २१; १०।१ तमस ( तमस् ) प २२० से २७ तमा (तमा ) प ३१८,१६,१८३६११५,७८,६१, २०१४२२११६७, ३३८, १६ तमाल ( तमाल ) प ११४३।१ तय ( त्वच् ) उ ३।५०,५१,५३ तयनंतर ( तदनन्तर ) ज ४।२१३ Page #220 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तयणुरूव-तह पगार तवणुरूव (तदनुरूप) ५११७४ तव (तम्) तवइंति सू १६१ तवामु ज ७।१ तया (त्वच् ) प १।३५,३६,११४८।१३,२३,६३; सू १६१ तवइस्सति सू १६१ तवंति ११४८ ज २२६७,१४५,१४६ ज १५७ तवयंति ज ७५४ सू ४।१० तया (तदा) सू १११४१०१२६ उ ३१६२ तविसु सू १६१ तविस्संति ज २११३१ तयाणंतर (तदनन्तर) सू १।१४,१६,२१,२४,२७, सु १०११३२ तवति ज ७१ यु ३१वेंसु म १६ तवेति सू ३१२ तयावरणिज्ज (तदावरणीय) ज ३१२२३ तवणिज्ज (तपनीय) प ११४८१५६२।३१,४८ तयाविस (त्वगविष) प ११७० ज ३१२४,३५,१०६,११७,४१४६,५३८,६७, तयाहार (त्वगाहार) उ ३१५० ७।१७८ तरंग (तरङ्ग) २३१५,१३३: ५।३२ तवणिज्जमय (तपनीयमय) ज ४७,१३,८६,२०६, तरच्छ (तरक्ष) प १४६६११०२१ ज २३६,१३६ २५१,२५२,५१३४ तरच्छी (तरक्षी) प ११२३ तवविसिठ्ठया (तपोविशिष्टता) प २३१२१ तरमल्लिहायण (तरोमल्लिहायन) ज ७१७८ तवविहीणया (तपोविहीनता) प २३३२२ तरण (तरुण) ज २१५, ३१३,२४,३०,१७८; तविय (तप्त) ज ३१३५,१०६७।११२१५ सू१०१२६।५ तरुणी (तरुणी) ज ३१८२,१८७,२१८ तवोकम्म (तपःकर्मन) उ२।१०,३।१४,५०, तल (तल) परा२० से २७,३०,३१,४१,४६ ४१२४:५।२८,३६,४३ ज ११४५,२१६५,३।७,८२,१७८,१८४,१८६, तबोवहाण (तपउपधान) उ ३.८३ १५७,२०४,२०६,२१८,४।३,२५,४६,६७,६२, तध्वरित (तद्व्यतिरिक्त) प २३।१६१,१६३ ८५,१२५,१४२,५।१,५,१६,६२;७।५५,५८, तव्यतिरित्त (नव्यतिरिक्त) प २३।१६२ १७४,१७८,१८४ सू१८१२३,१६०२३,२६ तसकाइय (त्रसकायिक) ५ ३१५० से ५२,५६,६०, तलऊडा (त्रपुटी) प ११३७१३ छोटी इलायची ७२ मे ७४,८३ से ८७,६५,१७१ से १७३; तलभंगय (तलभङ्गक) प २।३१ १८१२८,३०,३६,४७,५४ तलवर (तलवर) प १६।४१ ज २२५; ३१६,१०, तसकाय (सकाय) प १५।५३,५४ ७७,८६,१७८,१८६,१८८,२०६,२१०,२१६, तसणाम (वसनामन्) प २३।३८,११७ २१६,२२१,२२२ उ १६२,३१११,१०१; तसरेणु (त्रसरेणु) ज २१६ ५१० तसित (तृषित) प २।२३ तलाग (तडाग) १११७७ ज २।३१ तसिय (तृषित) ५ २०२० से २२,२४ से २७ तलाय (तडाग) प २१४,१६ से १६,२८ उ १८६ तलिण (तलिन) ज २११५ तह (तथा) प १११३ ज ३३११ चं ४।१ गू श८ तलिय (तलित) उ ११३४,४६,७४ उ ३७६ तल्लेस (तल्लेश्य) प १७।६२,१०२ से १०४ तह (तथ्य) उ १।२४,३११०३ तव (तपस्) प ११०१।१० ज ११५,२।७१,८३, तस्संठित (तत्संस्थित) ज ४१३ ३।३२११,११७,२२१:७११६६ उ ११२,३; तहत्ति (तथेति) ज ३१५३,१०० ३।२६,३१,६६,१३२,५२६,३२ तहप्पगार (तथाप्रकार) प ११२०,२३,२६,२६, Page #221 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६३४ ३५ से ३७,३८ से ५१,५६,६०,६३ से ६६, ७०,७१,७५,७६,७८,६६,६६,११।२१ से २५ तहा ( तथा ) प १।३५।३ ज ३३१०७ सु ८१ उ ११७ तहारूव ( तथारूप ) उ १।१७:२०१० १२:३०१४, १६१, ५१३६, ४१, ४३ ताविह ( तथाविध) ए ११४८७ १० से ३७,४१, ४३ तहिं ( तत्र ) प २६४५ तहेब (तथैव ) प १६४८२ १०५१ १।१७ उ १८७ ता (तावत्) नू ११० ताओ ( ततस् ) ज १२० उ २।१३,३१८ तागंधत्त (तद्गन्धत्व ) प १६/४६; १७।११५, ११६, ११८, १४८, १४९ तादिज्नमाण (मान) २३ ताण (त्राण) ज ५।२१ साफासल (तत्स्पर्शत्व ) प १६।४९ १७११५. ११६.११८, १४८, १४९ तामरस (दे० ) प ११४६ तामलित्ति (ताम्रलिप्ति ) प १।२३।१ ताय (टात) उ ११४२ से ४४ लायतीसा (त्रयस्त्रिंशत् ) प २०३२,१२,३५,५०,५१ ज २६० तार (तार) प ११।२५ तारंतर (तारान्तर) ज ७ १६८६६२ तारयण ( तारका) चं ५२ १११२ तारग (तारक) सू १९।२२।११ तारग्ग ( ताराग्र) ज ७।१२७/१,१३११२,१६७।१ १०१५५; १६२२/२,२६ तारया ( तारका ) प २४८ ५।२१ यू १०.५५१९ २२ तारसत ( तदसत्व) प १६ ४६ १७ ११५,११६, ११८,१४८, १४९ पगार वालियंट तारा (तारा) प ११२३७६,११,१५, २०६७१३१,१७७२१६२१०१५५. ५६,५७,५६,६१,६२०१५११८१४, १५, १६, ३७३१६४२२११,१६१२२,३१ तारायण (तारागण ३६,१७,२१,२४,१७७, २२२७११६१,१७० सू १८१४६१२११, ५१३, ८०३, ११०४, १५८,१६,२११५,६,१९२२।३२, १९०३१,२४,३० तारापिण्ड (ताश पिण्ड ) १९१२२११ तारास्व ( तारारूप ) १२/४२ से ४१.६३ ज ४।२७७२५४.५०, १६०,१७२,१७४, १७८/२,१७६ से १८२,१६७ सू १५ १६ १८३२ से २१ से २०,२७,१६२३,२६: २०१७ २।१२५४१ ताराविमा (सत्यपि ४०१ २०६ ६८५७११९५,११६१०१,८,१२, १७,३५,३६ तारिस ( तादृश ) १०।१६४; २०१७ तारिसग ( तादृशक) ५।१३,१५,३१ २०७१।३३२२८, २०६ (रूपत्व) प १६४४६ १७ ११५, ११६० ११० से १२८,१४८ से १५२,१५४,१५५ ताल (ताल) प ११४७११; १३०,३१,४१,४६ १९४५ २६५३१०२, १८६, २०४, २०६६ २१८,२२२५११, १९७५५,५८,१६४ सू १६।१३, १६०२३,२६ ताल (ताड ) प २०४६४१ ताल (ताड) २१६ उ ५।१५ ताल (सावन) ज ७११७८ तालपुव (ताल) १२०१९० तातावार ( तालाकर) २६.७४, १४७, १६०.११९.२१३ ३३१२,२८,४१,४६,५८ तात्रय (तारित) ५१७ तालियंट (ताजयुक्त) ३०११५१०५५ Page #222 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तालु - तित्यगरत्त तालु (तालु) प २।३१ ज २११५; ३।३५, १०६, ७१७८ ताब ( तायत् ) प २४७ उ ११५१ ताब (ताप) ज ७ ३२ ३५० तावइय ( तावत् ) ज १११६,३८४११२१,१४२, २१७ तावकखेत्त (तापक्षेत्र ) सू २ ३ ४ ५ ६ ११ १६।२२।१४,१६१२३,२६ तापह (तापक्षेत्र ) सू १६।२२५ तावण्णत ( तद्वर्णत्व ) प १६/४६ १७ ११५, तिगिछद्दह ( तिच्छिद्रह) ज ४८५ से ६१ तिगिच्छकूड (तिगिच्छकूट) ज ४।२७५ तिमिच्छायण ( चिकित्सायन ) सू १०।११६ तिगुण ( त्रिगुण) व २२६ ७ ७,६६, ६०, ११८, १२१, सू १०६०,६१,१८६ से १३ तिगुणित ( त्रिगुणित ) सू १९१२२/२३,२५ तावखेत्त (तापक्षेत्र ) ज ७१३२,५५, ५८, १६८,२१२, तिजमलपय ( त्रियमलपद ) प १२१३२ २१३ तावक्खेतसंठिति (तापक्षेत्रसंस्थिति) ज ७१३१,३५, सू ४१,३,४,६ तिट्ठाणचडित ( त्रिस्थानपतित ) प ५ १२, १४,१६, २०,२६,५३,५७,१६,६३,६८,७२,७४,७८,८३, ११६११८, १४८, १४९ तावतिय ( तावत् ) प १५५१,५२, ६२ ज ४।१० तावत्तीस ( त्रयत्रिंश) ज ५।५० तावती (नाशिक ) प २१३२,३३,३५,४६ से ५१ ५ १६ तावतीसय ( त्रयस्त्रिंशक ) ज २० ताबत्तीसा (त्रयस्त्रिंशक ) प २१३० से ३२ तावस ( तापस ) प २०१६१ ३१५०, ५५. तावसत ( तापसल) उ ३1५०, ५५ ताहि (तत्र ) प २४६ ताहे ( तदा) ज ७५६ उ ११५२३।१२३ ति (त्रि ) प १११३ ज ११७ चं ३।३ सू ११७ उ १।१४ तिउड (द०) ज ४।२०२ दु (तन्दु) १।३६।१ ( निन्दु) (तिन्दुक) fara ( तीक्ष्ण) ज २१३३७ १३८ तिक्खम्ग ( तीक्ष्णाग्र) ज ७११७८ तिक्खधार ( तीक्ष्णधार) ज २।१३१; ३३१०६ तिक्तो (त्रि ) ज ११६ २०३१५,८८,८६, ६८,१३१,१३५, १५५,१५६:५५, २१ से २४, १६३५५ १४८४८ ६३५ ४४,४६,५६ उ १ १६,२१:३११०३, ११३; ४११३,१६ तिग (त्रिक) ज २२६५; ३।१८५,२१२,२१३ ५/७२,७३७११३१।१ उ ११६८ ६४,६७,१०१,११२,११५,११६,१२२ दिट्ठाणवडिय (विस्थानपतित ) प ५।१८ तिणिस (तिनिश) ज ३।३५,१७८ तिष्ण (तीर्ण ) ज ५।२१ तितिषख ( तितिक्ष ) तितिक्खइ ज २६७ तित्त (तृप्त ) प २६४११६ तित (क्ति) प १४ से ६,५१५,७,२०५१११५८, १३/२८:२३१४६, २०१२०,३२,६६ ज २२१४५ तित्तिर ( तित्तिरि ) प १।७६ सू १०११२० तितोस ( त्रयस्त्रिंशत् ) ज ४।६८ तित्थ (तीर्थ) ज ३११४, १५, १८, २०, २२,३०,३१; ४१३,२५,५५५,६।६, १२ से १४ तित्थकर ( तीर्थकर ) ज २/६३,१२५ तित्थगर (तीर्थकर ) प २०।१।१ ज २६०, ६५, १०१ से १०३, ११३ ११४,११६,१५३; ५७,२२, ७०, ७३ तित्थगरचियता ( तीर्थकरचितका ) ज २ १०५ से ११२ वित्rगरणाम ( तीर्थकरनामन् ) प २३३८,५६, १२६, १४६, १७४, १८६ गिरणागोय (तीर्थकर नामगोत्र ) प २०१३६ वियगरत ( तीर्थंकरत्व ) प २०१३८ से ४०, ४५. ४६,५१ Page #223 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३६ तित्थगरवंस (तीर्थकरवंश) ज २११२४,१५२ तित्थगर सरीर (तीर्थ करशरीरक) ज २६६ तित्थगरसिद्ध ( तीर्थ करसिद्ध ) प ११२ तित्ययर ( तीर्थकर ) ज ४।२४८, २५० से २५२, ५.१.३.५, ८ से १४,१६,१७,२१.२२,४४,४६, ६०,६२,६४,६६ से ६६.७२.७३ ७ १६८ तित्थयरमाउ (तीर्थकरमातृ) ज ५१६ से १२ तित्ययरमायरा ( तीर्थकर मातृ ) ५१५,१४,१७ तित्थयर माया (तीर्थकरमातृ ) ५७,८,४६,६७ तिथयराइस ( तीर्थंकरातिशय) उ४।१३ तिरथयरातिसय (तीर्थंकरातिशय) उ११६,४१८ तिथयराभिसे (तीर्थंकराभिषेक) ज ५५४ ते ५६ तित्यतिद्ध (तीर्थ सिद्ध ) प १४१२,१६।३६ तिधा ( त्रिधा ) ज ११८ तिपएस (त्रिदेशिक ) प ५११३१,१५६; १० 15 तिपडोयार (त्रिप्रत्यवतार त्रिपदावतार) सू १९३५ तिपदेस (त्रिप्रदेशिक ) प १०११४|१ तिभाग ( विभाग ) प २२६४४४, ६, ७, ९,६।११६६ २११६१२३७८,७६, १४७, १६२, १६२, जे १२०४८ २१५८, १२९, १५५,१५७, १५६, ३१,७१३२, ३४ ११२३४१५८६८३ विभागतिभाग ( त्रिभागविभाग ) प ६।११६ विभागतिभागविभागावसेसाउय ( विभाग त्रिभागविभागावशेपाक ) प ६।११५, ११६ विभागतिभाग वसेसाउय ( विभाग त्रिभागावशेषायुष्क) प ६।११५ तिभागावसेसाउय ( त्रिभागावशेपायुष्क ) प ६।११५, ११६ तिभागूण ( त्रिभागांन ) प २०६४।७ सू १।२३ तिभाय ( विभाग) ज २।५५ से ५७,५६,१५६,१५८ तिमि ( तिमि ) प ११५६ सिमिगिल ( तिमिङ्गिल ) प ११५६ तिमिर ( तिमिर ) प १४१।१ ज ३३६५,१५६ तिमिसगुहा ( तिमिस्रागुहा) ज ११२४:३६८,६६, तित्थगरवंरा-तिविखजाणिवत्त ३०,३३,२५ मे २०१०२ १०६,१५५:४१३७.१७२।११७४३६।१३ तिमिसगुहाकूड (तिमिस्रागुहट) यि () १६११५ ज ७११३१११ लिय (इंदिय) जि प १७१९६ भिंग (त्रिम ) २००,१३२६८, १३४ २८।११२,११६,११६,१२१,१२३, १२५, १२६, १२८,१२६,१३२,१३६,१३६ से १४५ तिक्खि (यंत्र) प १०३३ २११७ लिक्खिजोगियो (नि) पश३६,१२८, १८३,१७७४४,६३,६५६,८९,१८४,१०; २०११३:२३११२४,१६,१३८ तिक्विजोषिय (१११५२,५४,५, ६० से ६२, ६३८७५३७८१२१२६६ ३०२४,३८,३३११२०१६६६४४१०४ से १५७; ५:३,२२,०२,८३,८६,८८,८६,९२,९३, ६६,६७,६१२१,२५,४८,५८,६५,७०,७१,७८, ८१, ८२, ८३,८७,८,१२,२६,६८ से १०३, १०५,१०७,११६ ११६, ६,७,१६,७,१६, १७,२२,२३,११३८६, १२१४, २१:१३।१८ १५३५,४६,८७,१०६,१२४,१३८,१६७, १४, २५,२७१ ११२६,३५,३६,८१ से ४३,५८, ६३ से ६६,६७,५६,६७,१०८११८१३,१०१ १६१४,२०११३.१३,२६,२५,२९,२४,३५,४८, २१८ से १६२६ ३२,४३,५३,६०,६८, ७७,०२,८८०६२/३१,७८,८७,२६,२३७६, १२४,१२६,१६,१२६:२४१७, २८१४७,४८, ११६,१३०,१३६, १३७, १४८, २६११५, २२, ३१०४, ३२१२, २३१,१२,२१,२८,३२,३६० ३४/३८,३४१८,२१,३६१७४०,५१,५७, ७२.७३ १६७,१३५ से १३७ तिरिक्खजोगियअसणआइय ( तिर्यग्योनित्या प ) प २०१६४ तिरिक्खजोणियत्त ( तियंग्योनित्व) व १५।२७, १०३,१००६ Page #224 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तिरिक्खजोणियाउय-तुच्छ तिरिक्खजोणियाउय (तिर्यग्योनिकायुष) तिवण्ण (त्रिवर्ण) प ७.१७८ प २०१६३,२३१७६,१४७,१५८,१६२,१६५, लिवलि (त्रिवलि) ज ३११३८११ १७० तिवलियवलिय (त्रिपालिकवलित) ज २११५ तिरिच्छ (तिर्यच) सू १।६।१ तिवलिया (त्रिवलिका) ज ३१२६,३६,४७ तिरिच्छगति (तिर्यगति) सू २।१ च २१ उ १२२,११५,११७,१४० तिरिय (तिर्यच) १ २१४१ से ४३,४६,४८; तिविह (विविध) प १११११,११५४.६०.६६,७५, ११६६५,६६:१५१५२:२०१५३,२११८७,६० से ७६,८१,८५;६।१,६,१३,२०,२६,१३७,१०, ६३,२३१३६,८२,११२,११५,१४८,२८११५, ११,१३,१५७५१६१४,२४;१७।११,२५, १६,६१,६२,३१६६।१,३२१६।१,३३३१६,१७ ३०,१३६ १८१५६,६४,७७६०,१०५२११८; ज २१४६,७१,६०,१३७,३७६.११६,११८%, २२।४ से ६२३१३३,४२,२६७,३०१३; ४१५२,५१५,४४,७।४४ ५४ सू २।१४।१०; ३५१,६,८ से १० चं ११४ उ ३।३८,४२ १८।११६।२२।१२ तिव्व (तोत्र) परा२७,२६ तिरियगति (तिर्यगति) प ६२.७,२३।१७२ तिसत्तखत्तो (त्रिसप्तकृत्वस्) प ३६.८१ तिरियगतिपरिणाम (तिर्यग्गतिपरिणाम) ५ १३.३ तिसमइय (त्रिसामयिक) प ३६.६०,६७ से ६६, तिरियगतिय (तिर्यग्गतिक) ५१३।१६ से १८ तिरियगामि (तिर्यगगामिन्) ज ११२२,५०,२१५८, तिसरय (त्रिसरक) ज ३१६,२२२ तिहा (विधा) ज १।२०२५५१५५ १२३,१२८.१४८,१५१ १५७,४११०१ तिहि (तिथि) ज ३।२०६७।११८,१२१ सू श६ तिरियलोग (तिर्यक्लोक) प २११८६ तीत (अतीत) ज ७१३६ सिरियलोय (तिर्यक् लोक) प ११.४,८,१०,१३, तीतवयण (अतीतवचन) प १११८६ १६ से १६.२८३।१२५ से १७३,१७५,१७७ तिरियवाय (तिर्यग्वात) प ११२६ तीय (अनीत) प १५:५८२ ज २।६०,३।२६,३६, तिरियाउय (तिर्यगायुप) प २३११८ ४७,५६,१३३,१३८,१४५, ५॥३,२२,७५२ तिरोड (किरीट) प २।४६ ज ६।३१ तीर (तीर) ज ४।३,२५,६७ तिल (तिल) प ११४५॥१.१२४७१३ ज १३७,११६ तीस (त्रिशत्) प १८४ ज ११२० सू१११८ तिलक (तिलक) ज ३।१०६ उ ३।१४ तिलग (तिलक) ज ३११२,८८,१७२,५१५८; तीसइ (त्रिंशत्) सू १०।४ ७/१७८ तीसति (त्रिंशत्) सू १०३५ तिलचुण्ण (निलचूर्ण) प ११७६ तीसतिविह (त्रिंशद्विध) प १३८७ तिलतंदुलग (तिलतण्डुलक) सू १०।१२० तु (तु) मु १६।२२ तिलपप्पडिया (तिलपर्प टिका) प १।४७१३ संग (तुङ्ग) ५२।३१,४८ ज २११५,३८१,१५१, तिलपुष्फवण्ण (तिलपुष्पवर्ण) सू२०१८.२०।८३ ४१४६५।४३ उ ५५५ तिलय (तिलक) प ११३६:३;२०४८१५।५५१२ तुंड (तुण्ड) ज ३१२४ ज ४१४६ उ ३.११४ तुंब (तुम्ब) प ११४८१४८ उ ३।३०,३५,११६ तिलसिंगा (तिलसिला') प १११७८ तिल की फली तुंबी (तुम्बी) प १४०१ तिवई (त्रिपदी) ज ३।१७८,५१५७ तुच्छ (तुच्छ) ज ७११८ Page #225 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तुच्छत्त-तूली तुच्छत्त (तुच्छत्व) प १५६४४,४५ तुच्छा (तुच्छा) पू १०६० तुट्ठ (तुष्ट) ज २१४६,३१२,६.८,१५,१६,२६, ३१,४२,१०,५२,५३,५६,६१,६२,६७,६६, ७०,७५,७७,८४,६१,१००,११४,१३७,१४१, १४२,१४८,१५०,१६५,१६६.१७३,१८१, १८६.१६२,१६६,२०८,२१३,५१५,१५,२१, २३,२७ से २६,४१,५५,५७,७० उ १२१, ४२,४५,१०८, ३.१३,१०१,१०३,११३,१३६, १६०,४१११,१४,२०,५१५,३८ तुठ्ठि (तुप्टि) ज २१७१ उ ११७१,७२ तुडित (तूर्य) प २।३०,३१,४६ तुडित (त्रुटिक) ज ११३१,३।२६ तुडित (त्रुटि) प २१३०,३१ तुडिय (त्रुटित) प २३०,३१,४१ ज ३६,६,२६, ३६,४७,५६,६४,७२,१३३,१३८,१४५,२११, २२१:५२१,५८ तुडिय (दे० त्रुटित ) ज २१४ संख्। विशेष तुडिय (तुर्ष) प २।३०,३१,४१,४६ ज १११४५; स६५, ३३१४,३०,४३,५१,६०,६८,८२,१३०, १३६,१४७,१४६,१७२,१८०,१८५,१८६, १८3,२०४,२१८५११,१६,२२,२६७।५५, ५८,१८४ सुडिय (३०) ज७१६८१२ सु१८१२३ अन्तःपुर तुाडयंग (दे० अटिनांग) ज १४ दुड़ियंग ( ङ्गि) ज ३११६७६१० तुण्णाग (तुम्नाय) ५ १९७ तुयट्ट (ताद : वृत्) यट्ट ति ज १।१३,३०, ___३३:२१७४१२ तुटेज प ३६।६१ तुरग (तुग्ग) ज ११३७,२३१०१,३३,२३,२८, ३५,३७,४१,४५,६७,४६,१७८,४।२७,५१२८ तुरगरूवर (तु गरूपधारिन्) म १८१४ से १७ पुरय (नग) ज ३११३१,१३५ सुरिय (ब) १२७८ तुरिय (नि) ६५,६०३१६,२६,३६ ४७, ५.६,६४,७२,७८,११३,१३३,१३८,१४५,१८०, २०६५३५,२१,२६,२८,४४,४७,६७ तुरुक (तुरु) प २१३०,३१,४१ ज २६५,१०६, ११०; ३७.१२,८८,५७,५८ - २०१७ तुल (नुना) ज ७.१३३१२ तुलसी (दुमली) ११३७॥१,२१४४१३ तुलासंठिय (तुमाथित) १०४० तुल्ल (गुरु) प ३३८ से १२०,१२२ से १२४, १७४,१७६,१७८ स १८२:५५,७,१०,१२,१६, १८,२०,२४,२८,३०,३२,३४,३७,४१,४५,४६, ५३,५६,५६,६३,६८.७१,७४,७८,८३,८६, ८६,९३,६७,१०१,१०२,१०४,१०७,१११, ११५.११६,१२६१३१,१३४,१३६,१३८, १४०,१४३,१४,१४७,१५०,१५४,१६३, १६६,१६,१७०,१७२,१७४,१७७,१८४, १८७,१६०,१६३,१६७,२००,२०३,२०७, २११,२१४,२१८,२२१,२२४,२२८,२३४, २३५,२३७,२३६,२४२, ६।१२३,८१५,७,६, ११; ६।१२,१६,२५२१०१३ से ५,२६ से २९ ११७६,६०,१५११२,१६,२६,२८,३१,३३, ६४; १७५६ से ६६,७१ ते ७६,७८ से १३, १४४ मे १४६:०६४, २१११०४,१०५; २२११०१,२८।४१,४४,७०,६४।२५,२६.३५ से ४१,४८,८६,८३.१ ज ३।३,३५,७।१६८,१६७ मु १८।२,३,३७ तुल्लत्त (तुल) ज १६८ १८१३ तुवर (तुर) ज ३।२०३५५५,२६ तुवरी (तुयी) - १०।१२० तुसार (तुपार) परा६४ तुसिणीय (नुग्णी) ज २१६० उ ११३८,६१,६२, ५६,८७,२००, १२.६.५६.६१,६४,६८,७१, सूली मी) ज ४१३ Page #226 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तूवरी-तेया ६३६ तूवरी (तुवरी) प ११३७१३ १५३,१६२ से १६४,२८११२३ तेइंदिय (त्रीन्द्रिय) प ११५०,२१७:३।८,४० से तेउलेस्सापरिणाम (तेजोलेश्णापरिणाम प १३१६ ४२,४६,४६,१४७ से १४६,१८३,४१६८ से तेदिय (त्रीन्द्रिय) प १११४५०,३१४२,४६,४६ १००,५३,२१,८१,६।२०,६५,७१,८३,८६, तेंदुय (तिन्दुक) प १७:१३२,१३३ १०४,११५६।४;१११४५,१५१३४,७५,८१, तेंदूस (तिन्दुस) ५ ११४८।४८ ८६,१३७ ; १७।४०,६२,१०३,१८।१५,२२; तेगिच्छायण (चिकित्सायन) ज ७।१३२६४ २०१८,२३,२८,३३,४७,२११६,२८,४२; तेणबहुल (स्तेनवहुल) ज १।१८ २२१३१,२३१८७,१५१,१६०,१६१,२८।४५ तेण (तेन) सू ६।१ से ४७,१०१,१२५,१३६,२६।१३,३०।११, तेणउति (त्रिनवति) सू १२।१२ २१,३११३,३४१६ तेणउय (त्रिनवति) ज ४१६२ तेइंदियत्त (त्रीन्द्रियत्व) प १५१६७.१४२ तेणामेव (तत्रैव) ३४१२२ ज ३१५ तेउ (तेजस्) प ६१८६,६२,१०४.११५१३१६, तेतलि (तेजस्तलिन् तेतलिन्) ज २१५०,१६४; १६,१७४४०,६६,१८१२६,२०१८.२३,२८, ४११०६,२०५ ५७,२११८५:२।२४ तेतालीस (त्रिचत्वारिंशत्) सू१११६ तेउकाइय (तेजस्कायिक) ५ १११५:२७ से ९:३१५० तेत्तीस (यत्रिशत्) प २१६४।६ ज ४१६८ से ५२,५६,६० से ६३,६७,७१ से ७४,७८,८४ सू ११२० उ १११२६ से ८७,६१,६५,१६२ से १६४,१८३४१७२,७५ तंदुरणमज्जिया (दे०) प११५० से ७७,५१३,१३,१४,६१६,१०२ तेपण्ण (विपञ्चाशत्) सू १२।२० तेउकाइयत्त (तेजस्कायिकत्व) ज ७२१२ तेय (तेजस्) प २२०,३१,४१.४६,२८१४१ तेउक्काइय (तेजस्कायिक) प श२४२१७, ३१४, ज२११३३,३३३,१८,६३,१८०,१८८७।११२१५ १६४,१८३;६।५,१२१२२; १५।२६,८५,१३७; सू१०।८८,१२९५ उ ३।४८,५०,२५,६३, १७६१ से ६३,१०३ ; १८१३,३८,४०,५१; ६७,७०,७३,१०६,११८ २०।२७,२६,३१,४५,२११२५,४०,२२॥३१ तेयंसि (तेजस्थिन् ) ज ३१७७,१०६ तेउलेस (तेजोलश्य) प १३।१५; १७१६५,६६, तेयग (तेजस) प २११७६;३६॥३२ १०२,१६८ तेयगसमुग्धाय (तैजससमुद्घात) प ३६।८,१२,२६, तेउलेसट्ठाण (तेजोलेश्यास्थान) प १७६१४६ ३२,३५,३७,४१,५३,५५,५७,५८,७३ तेउलेसा (तेजोलेश्या) प १७।५५,१२१,१४६ तेयगसरीर (तैजसशरीर) प २११७५ से ८१,८३, तेउलेस्स (तेजोलेश्य) प ३१६६; १३।१६,२०; ६०.६४,१००,१०३,१०४ १७१३३,५६,५६,६०,६२,६४,६६ से ६८,७१ तेयगसरीरय (तेजसशरीरक) प१२२० से ७६,७८ से ८४,८७,८६,६५,१०१,१०२, तेयय (तेजस) प १२।१ से ५,२१११;३६।१।१ १६७१८७२, २८।१२३ तेयलि (दे०) प ११४३३१ तेउलेस्प्लट्ठाण (तेजोलेश्यास्थान) प १७१४६ तयलेस्स (तेजोलेश्य) ज ११५ तेउलेस्सा (तेजनश्या) प १६.४६% १७१३४ से तेयरिस (ते स्विन्) २१६८,१३८ ३६,३६,५०,५३,५४,६३,१६,११७,११८, तेया (नजम) प १२।१४,१८,२१.२१.२६.२६,३५. १२१,१२२,१२६,१२६,१३३,१३७.१४४, २११६६,१०२,१०४,१०५,२३११२:३६१६२ Page #227 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६४० १०८८२ तेया (तेजा ) ज ७।१२०१२ तेयाल ( त्रिचत्वारिंशत् ) ज १।२३ तेयालीस ( त्रिचत्वारिंशत् ) सू १०/१५६ तेयासमुग्धाय (+जससमुद्घात ) प ३६११, ५, ७, ४० तो (तुण ) प ३१३१,३५,१७८ ज ३१३१,३५. तेहिय ( व्याहिक) ज २०६ तो ( ततस् ) प २२७३ तोट्ठ (दे० ) प ११५१ तेयासरीर (तैजसशरीर ) प २११८४ से ६३ १७८ उ ११३८ तेयाहिय ( त्र्याहिक) ज २१४३ तेरस (त्रयोदशन् ) प ३६।८१ ज १७ सू १।१४ तेरसक (त्रयोदशक ) सू १३३१२,१३,१७ तेरसम ( त्रयोदश ) प १० | १४ | ३ सु १० ७७; १३।१० तोमर (तोमर) ज ३३५,१७८ तोयधारा (तायधारा ) ज ५४१११,६३,६४ तोरण (तोरण ) प २१,३०,३१,४१ ज ११३७ २।१५,२०,३७,१७८, १६५,४५, २३, २७ से ३०, ३५, ३७, ३८, ४०, ४२, ६५, ६७,७१,७३, ७५,७७,६० से ६२,६४, ११८, १२८, १४४, १७४,१८३,१८६,१६५,२२१,२४६ : ५१३१ त्ति (इति) प १११ चं १४ स्थिभंग (स्तिभक ) प ११४८।१ रिथमिय ( स्तिमित) ज ११२,२६,३१,३,१८,३१, १८० चं ६ सू १।१ उ १११,६, २८, ३।१५७; ५१२४ त्थिहु ( स्तिभु ) प ११४८१ तेरसविह (त्रयोदशविध ) प १६ | ७ तेरसी (त्रयोदशी) ज २२८८७ १२५ तेरिच्छिय (तैरश्चिक ) प २०१६१ ज ३६२,११६ तेलापूर (तैलापूप ) प ३६।८१ ज १३७ सू १/४ तेलोक्क (त्रैलोक्य) प १|१|१३ । १२५ से १७३, १७५,१७७ तेल्ल (ल) प ११०११७,१५।१।२; १५।५० ज ३।११।३, ५११४ उ ३११३० तेल्लकेला (तलकेला ) उ ३११२८ तेल्लसमुग्ग ( समुद्ग ) ज ५१५५ तेल्लसमुग्गहयगय ( हस्तगत तैलसमुद्ग ) ज ३।११ तेल्लोक (त्रैलोक्य) उ५१५ तेवट्ठ (त्रिपष्टि ) ज ७ २० २/३ तेवट्ठि (त्रिषष्टि) ज २२६४ तेवण्ण (त्रिपञ्चाशत् ) प ४।१३४ ज ४१६२ सू १११३ तेवर्त्तार ( त्रिसप्तति ) ज २४ तेवीस ( त्रिविशति ) प २१४६ ज २।१२५ सू २/३ तेवीस (त्रिविशतितम) प १०३१४१३ तेवीसइम (त्रिविशतितम ) प १०१४१२ तेवीसतिम (त्रिविशतितम) सू १२।१६ तेसट्ठि (त्रिषष्टि) ज ७।३३ तेसीइ ( व्यशीति) ज २१६४ तेसीत ( त्र्यशीति) सू ११२३ सीति (यशीति) सु ११२३ तेसीय (व्यशीनि ) मू ११४ तेया धणिय कुमार थ थंभणया ( स्तम्भन ) प १६५३ थं भय ( स्तम्भिन ) प २१३०, ३१, ४१, ४६ ज ३३६, २२२:५१२१,२८ / थक्कार (दे० ) थक्कारेति ज ५।५७ ण (स्व) ज २११५:३११३८ उ ३।१८,१३०, ४६ गंतर (स्वनकान्तर) उ४४२१ थणपाय ( स्तपाय ) उ ३।१३० थणभूल ( स्तनमूल) उ ३३६८ यणित ( स्वनित) सू २०११ णिय ( स्तति ) प २२३०११,२१४०१२, ८, १० ज ५।२२ यणियकुमार ( स्तनितकुमार ) प ११३१,४।५५; ५१३,८,५१,६।१८,५२,६१,८१,८५,१०२,१०९, ११४; ७/३८२३,६१३, १५, ११/४४; १२२, १६,१३।१५; १५।१६,७१,७८,८४,१३६, Page #228 -------------------------------------------------------------------------- ________________ थणियकुमारत्त-दंडपति ६४१ १६३,१११७११७,६३,१०१:१६।१२००८, थम (स्तूप) प १११२५ ज २११५,२०,३१; १२,२१,२३,२४,२७,३५;२११५.५,६१,७०,६० ४ १२५,१२६ २२।२३,३०,३६,७३,६८,२४४५,२८।२७,६८, थूभियग्ग (स्तूपिकान) प २६४ ११६,२६७,१६,३०७,१७:३११२; ३३११, थूभिया (स्तूपिका) प १११६,३७,४।१०,४६ २०,२७,३१,३५:३४।२,३५।१८ ; ३६१५,२४, थभियाग (स्तृपिका) प ४८ ज ११३८,४११०, ३७,७२ ११५,२१७,२२६ थणियकुमारत्त (स्तनिल कुमारत्व) प १५२९५,१४१; से थेज्ज (स्थैर्य) उ ३३१२८ ३६१२२,२५ थेर (स्थविर) प १६१५१ सू २०।६।४ उ २।१०, थद्ध (स्तब्ध) ज ३।१०६ सू २०४।२ १२;३११४,१५६,१६१,१६७,५१३६४१,४३ थल (स्थल) प १७५ ज २११३१,१३४:३३३२,६८ थेरग (स्थविरक) ज २११३३ उ ३१५५ थोव (स्तोक) प ३।१ से १७,२४ से १२०,१२२ थलय (स्थलज) प ११४८१४० से १८१,१८३,६१२३,७२,३,८।५,७,६,११, थलय (स्थलक) ज ५।७ ६।१२,१६.२५:१०।३ से ५,२६,२७,१११७६, थलयर (स्थलचर) प ११५४,६१,६२,६६ से ६८ ६०,१५३१३,१६,२६,२८,३१,३३,३४.६४; ७६,३११८३;४।१२२ से १४८:६।७१,७८; १७९५६ से ५६,६१.६४,६६ से ६८,७१ से २११८,११ से १६,३५,४४,५३,६० ७४,७६,७८ से ८३,१४४ से १४६,२०१६४; थवईरयण (स्थपति रत्न) ज ३१३२११ २१।१०४,१०५,२२।१०१:२८१४१,४४,७०; थाल (स्थाल) १११।२५ ज २०१५,३३११५५५ ३४।२५,३६१३५ से ४१,४८ से ५१,८२ थालइ (स्थालकिन्) उ ३१५० ज२।४।२,६६ सु ८।१२०१५ थारुकिणिया (थारुकिनिका) ज ३।११११ थोवतराग (स्तोकत रक) ५३२२ थालीपाक (स्थालीपाक) म् २०१७ थोवूण (स्तोकोन) ज २०१५ थालीपाग (स्थालीपाक) ज २।३० थावरणाम (स्थावरनामन्) ५ २३।३८,११७ थासग (स्थासक) ज ३३१०६,१७८%,७१७८ दओदर (दकोदर) ज २१४३ थिग्गल (दे०) प १२११२ दंड (दण्ड) प २१३०,३१,४१,३६१८५ ज २१६, थिबुग (स्तिबुक) ११५१२६२११२४ ६० से ६२,३१३,१२,८८,११७,१७८,१६२; थिर (थर) ज ७।१२४,१२५,१७८ ४१२६,५।५,७,५८,७।१७८ उ १६३१ थिरणाम (स्थिरगामन्) प २३१३८,१२२ दंडग (दण्डक) ६६१२३१४८३,८५,१४१६,८, थिरीकरण (स्थिरीकरण) प १।१०१।१४ १०,१८,२०१५,२२१२०,२५,२८,४५,५६,५८ थिल्ली (दे०) ज २।३३ ७६,२३१८,१२,२८.१४५,३६८,१२,२०,२६ थी (स्त्री) प १८४ से ३१,३३,३४,४४,४५ थीणद्धि (स्त्यानद्धि) प २३११४,२७ दंडणायग (दण्डनायक) ज ३१६,७७,२२२ थीविलोयण (त्रीविलोचन) ज ७।१२३ से १२५ दंडणीइ (दण्डनीति) ज २१६० से ६२,३।१६७६ थुरय (दे०) प १४४२१२ दंडदारु (दण्डदारु) उ ३१५१०१ थूणा (स्थूणा) प १५॥१॥२.१५:५२ दंडपति (दण्डपति) ज ३३१०६ Page #229 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६४२ दंडय ( दण्डक ) प ११८०, ८२ से ८४ १४/३४; १५ । १०२.१४०; १७८६, २२१३३, ३५, ४१,५४ दंडरयण ( दण्ड रत्न ) ज ३८८,८६,१५५, १५६, १७८,२२० दंडरयमत्त ( दण्ड रत्नल ) प २०६० दंडि ( दण्डिन् ) ज ३११७८ दंडिया ( दण्डिका) ज ३१३५ दंत ( द ) प २।२१ ज २।४३,१३३,१३४; ३११०६,१७८७ १७८ दंतंतर ( दन्तान्तर ) उ ११२७ दंतग्ग ( दन्ताम्र ) ज ७ १७८ दंतमाल ( दन्तमाल ) अश दंतमूल (दन्तमुगल ) उ १९७ दंतार ( दन्तकार ) प १६७ दंति ( दन्तिन् ) प १।४८।४ ज ३।२२१ १ १४, १५,२१,२२,२५,२६,१२१,१२५,१२६,१३२, १३३,१३६,१३७,१४०, १४७ दंतु खलिय ( दन्त' उखलिक') उ३।५० दंस ( दंश ) उ३३१२८ दंसण ( दर्शन ) प १1१०१ १०; २।६४ १२: ३।१।१५।२१,२४, २८, ३०, ३२, ३४, ३७,४१, ४६,८०,६३,८४,८६,८७,८९,६४,६६,१०१, १०२,१०४,१०५,१०७,१११, ११२,११५, ११७१३/१६:१८११११, २०१६१; २३/२६, २८,६२,१३४,१७८३०१२६, २८ ज २२७१, ८५ ३।१७८, २२३५।४३ ३ ३३४४; ५१३, ३१ दंसण ( उ ) ( दर्शनोपयुक्त) प ३६/६३,६४ दंसणधर (दर्शनवर) ज ५३२१ दंसणपरिणाम ( दर्शनपरिणाम ) प १३२,१४,१६, १७,१९ दंसणमोहणिज्ज ( दर्शनमोहनीय ) प २३३,३२,३३ दंसणवत्तिय ( दर्शनप्रत्यय) ज ५१२७ दसणारय ( दर्शनार्य) १ १ ६२,१०० से ११० सणावरण ( दर्शनावरण) प २४१६ दंडेय - ददुर दंसणावर णिज्ज ( दर्शनावरणीय ) प २३१,३,८, १२ दक्ख ( दक्ष ) ज ५१५.५२ दक्खिण (दक्षिण) ज १२४६, ४१५२,५५,८१,८६, १८,१०८, १४३,१५१।१,१५६,१६४,१६५, १८५,१३,१९७, १६६,२००, २०४, २०६ मे २०८,२१३,२२७,२३०, २३७,२३८, २४६, २६२,२६५,२६८, २७१, २७७५३४८; ६१२३; ७।१२६ कूल (दक्षिण कूल ) उ३।५० दक्खिणा ( दक्षिणा ) ३३१४८,५० दखिल्लि ( दाक्षिणात्य ) ज १।२६; ३११६३; ४१३५,६५,७१,६०,११०,१४१,२०२,२१२, २२८,२२६,२३८५/४६, ७ १७८ दग ( क ) प १७१२८ ज ३११२५३७; ७ ११२/४ १०११२६१४, २०१८, २०१८/३ दगकलसग (दककलशक ) ज ५ ॥ ७ दगकुंभग ( दककुम्भक ) ज ५।७ दगथलग ( दकस्थालक) ज ५/७ दगपणवण्ण (दकपंचवर्ण ) २०१८, २०१८/३ पिप्पली (दक पिप्पली ) प ११४४१२ दगर ( दकरजस् ) प २३१,६४,१७१२८ ज २११५ दगण ( दकवर्ण) सू २०1८ दगवारग ( दकवारक) ज ५७ दट्ठव (द्रष्टव्य ) प १५।२६ दड्ढ ( दग्ध ) प ३६।९४ दढ (दृढ ) ज ३१२४; ५१५ ७२ १७८ दढपण (दृढप्रतिज्ञ ) उ १।१४१,२०१३ ढरह (वृढरथ) उ५१२११ दत्त (दत्त) उ ३।२।१,३।१७१ दद्दर (दे० ) प २।३०,३१,४१ ज ३१७,२४,१८४, २२१,५५५ ददु (द) ज २ । १३३ ददुर (दर्दुर) सू २०।२ प २०४६ २० २ Page #230 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दधि-दव्वीकर १४३ दधि (दक्षि) ज ४११२५:५१६२ सु १०।१२० दलिय (दलिक) ज ३१३५ दप्पण (दर्पण) च ३३१२,१०८:४।२८,५१५८ वव (द्रव) प २१४१ दप्पणिज्ज (दपणी) १७१३४ २०१८ दवारग (द्रबकारक) ज ३।१७८ दप्पिय (दपित) ३१२४; ७१७८ दव (द्रव्य) प १११०१।९३.१२४,१७७,१७८%; दभ (दर्भ) ज ११२२ उ ३५१५६ १०५:१११४७,५३,५५.५.७,५६.७० से ७३,७६ दभपुप्फ (दर्भपुल) र १० से ८५,१५।५७,१६।५०:२१११।१,२११२२; दम्भसंथार (दर्भस्तार) ज ३।२०३३,५४,६३, २२।१३,१५,१७,१६,८०,८२,२८।५; ७१,८४,१३७,१७,१५२ उ१४३ ३५।१।१ उ ११४० दब्भसंथारग (दास्तारः) ज ६।२०,३३,५४, दवओ (व्यतम्) ११११४८,४६१२१७,१०; २८५,५१, ३५१४,५ ज २६६ दभियायण (दायिन): १०।११२ दव्वजाय (द्रव्य जात) ज २१६६ दरणग (दमा ) प ११४४।३ ज ५१८ दोनावृक्ष, दव्वछ (द्रव्यार्थ) प३।११६ से १२०,१२२, द्रोणलता १७६ से १८२; १०।३ से ५,२६ से २६; दमणगड (दा कमुट) ज ४११०७ १७९१४४ से १४६,२११०४ दमणय (दग्गज ३११२८८ दवट्ठता (द्रव्याथं) प ३।११६ से ११८ दमिल (द्राविडी १८६ देवठ्ठया (द्रव्यार्थ) प ३३११४,११६,१२०,१२२, दमिली (विडा द्रमिका) ज ३।१११२ १७६ मे १८२,५१५,७,१२,१४,१६,१८,२०, दरि (दरि) ज २१३८,३८८,१०६ २४.२८,३०,३२,३४,३७,४१,४५,४६,५३, दरिदा (दरिबहुल) न १।१८ ५६,५६,६३,६८,७१,७४,७८,८३,८६,८९, दरिय (दप्त) ज २११३३३४ ६३,६७,१०१,१०४,१०७,१११,११५,११६, दरिसणावरणिज्ज वसंता रणी ) प २२१२८; १२६,१३१,१३४,१३६,१३८,१४०,१४३,१४५, २३।१४,२६,२६१७,२७१४ १४७,१५०,१५४,१६३,१६६,१६६,१७२, ररिसणिज्ज (दर्शनी प|३०,३१,४१,४८, १७४,१७७,१८१,१८४,१८७,१६०,१६३, ४६,५६६३.६४ ज ११८.२३.३६ ४२,२।१२. १६७,२००,२०३,२०७,२११,२१४,२१८, १४,१५:३११७८,४॥३६.१३,२५,२७,२६, २२१,२२४,२२८,२३०,२३२,२३४,२३७, ३३.४६,११,१२८ ४३.६२ गु ११ उ ५।४ २३६,२४२,१०।३ से ५,२६ से २६, १७४१४४ से १४६,२१११०४ ज ७।२०६ दरी (दरी) उ ३१५५ उ ३४४ दल (दल) ज. २३१५३:१०६ चं ? दलइत्ता (दत्वाज दव्वणिया (द्रव्यहलिका) प ११४७ दिलय (द) दलल्म उ ३१२८ दल इ विदिय (द्रव्येन्द्रिय) प १५३५८१२,१५०७६ से ज ३१६,४१६१:५॥४६ ११०१३३११४ ८४,८६,६१,६४ से ६७,१००,१०४ से १०६, दलयंतिपदा तिज ३८८ दलयह १०८,१०६,११४,११५,११७ से १२०,१२३, उ११०३ दलमि उ१०३:३१११२ १३१,१३२.१४०,१४२,१४३ दलयानो उ ४ दवी (दार्वी) प ११४४।२ दारुहरिद्रा दलयित्ता (दत्वा) ३.८८ दध्वीकर (दर्वीकर) ५११६६,७० Page #231 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९४४ ददिय (द्रव्येन्द्रिय) प १५ १०३, १२६,१२६, १४३ दस (दशन् ) प ११६६ ज ११२३ सू १।२४ उ १।१७ दस ( दशम ) प १० १४३ दसगुण ( दशगुण ) प ५।१५१२८।७,५३ दसण ( दर्शन ) ज २।१५ ३।३५, १३८५।२१ दह (दशनख ) ज ३।२६,३६,४७,५६,६४,७२, ७७ १३३,१८८५१२१ दसण ( दशार्ण ) प ११६३॥४ दसद्धषण्ण ( दशार्धवर्ण) ज २११०३११२,८८, ४ १६६; ५१७,५८ दसणु ( दशधनुष्) ज ५१२।१ दसपएस (दशप्रदेशिक ) प ५।१३०, १६१,१७६, १६५,२१६ दसपवेलिय ( दशप्रदेशिक ) प ५ १२७,१७६ दसम ( दशम ) प १०।१४१२, ११।३३।१,११।३४।१ ज ७ ६७, १०२, ११४१२ चं ५१४ सू ११६; १०७७, १२४।२; १२/२६१३३८ उ ११७; २११०,२२,३१४, ८३, १५०, १६१,४२४; ५१२८,३६,४३ दसमी (दशमी) ज ७।११८,१२५ सु १०1६० दसरह (दशरथ) उ ५ २१ दविध ( दशविध ) सू १२२६ दसविह ( दशविध ) प १३,१०१,१३१५।१२४; ११।३३,३४,३६,१३।२,२१,२३।१३ दस मई ( दडसमयस्थितिक ) प ५।१४८ दहा ( दशधा ) प २।३०११ दसार (दसार) उ५१५,१०,१७,१६ दसारवंस (दसारवंश) ज २।१२४, १५२ दह (ह) प २/४, १३, १६ से १६, २८:११ ७७ १५/५५।२ ज २३१, ३०१३३,४।३,६४,८८, १४० २,१४१,१४२, २०७, २६८,२७४;५ १५५; ६६।१ दह (दह ) दहइ ज ३।१२ दवें दिय-दार दहफुल्लड (दे० ) प १४०५ दहबहुल ( द्रवहुल) ज १।१८ दहावई (द्रावती) ज ४।१८८, १८९ दहावईकूड (द्रावतीकूट ) ज ४११८८ दहावती (द्रावती) ज ४ । १८७,१६० दहि (दधि ) प ११:२५; १७।१२८ ज २२१५; ७१७८ दहिता ( दग्ध्वा ) ज ३११२ दहिण ( दधिधन ) ज २३११७ १२८ हिमुह ( दधिमुख) ज २।११६ दहिय ( दधिमुखपर्वत) ज २।११८, ११६ दहिवण ( दधिपूर्ण ) प १।३६१३ √दा (दा) दिति सू १०।१२६ देइ ज ७ ११२३४ सू १०।१२६ उ १।११० देति ज ७।११२/३; उ ३६८ दाइज्जमाण ( दर्शयमान ) ज ३ । १८६, २०४ दाइ (दायिक) ज २०६४ दाऊ ( दत्वा ) ज १५८ दाडिम ( दाडिम) प १।३६।१ ज २३१५ दाढा (दंष्ट्रा ) ज ७ १७८ दाण (दान) ज ३|११७११ दाणतराइय ( दानान्तरायिक) व २३|५६ दाणंतराय ( दानान्तराय) प २३।२३ दाणकम्म (दानकर्मन् ) ज ३१३२ दाग (दानव) ज ३।११५,१२४, १२५ दाम (दामन् ) प २४८ ज ३११६७४ ४६, १२६; ५१३८ दामणिसंठिया ( दामनीसंस्थित) सू १०/४६ दामणी ( दामनी) ज ७।१३३।३ सू १०१४६ दामिणी ( दामिनी) ज २।१५ दामिली ( द्राविडी ) प १३८ दाय (दाय) ज २१६४ उ २।६;५।१३,२५,५२ दायव्य ( दातव्य ) सू २०६५ दार (द्वार ) प २1१ ज १११५ से १७,३५; ३१०६,१६३, ४११०, १४, ११५, १२१,१२२, १४७.२१७,२६२ चं ५१४ भू ११६१४; १०११३१ Page #232 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दार-दाहिणिल्ल ९४५ दार (दार) ३३१४८,५० २०१२ उ ३१५१,५३,६२ दारग (दारक) 3 ११५३ से ५५,५७ से ५६,६१ दाहिणअवर (दक्षिणापर) ज ३८१ से ६३,७८,८६,८२,२२६३३६२.६८.१०१, दाहिण उत्तराय। (दक्षिणोत्तरायता) ज ४।१४१ १०६,१३०,१३१ दाहिणओ (दक्षिणनस्) प २१४०१३ दारगरूव (दातरूप) 3३३१२६.१३४ दाहिण ड्ढ (दक्षिणार्ध) १२।५० सू २११,८११ दारय (दार) ५.५७ उ ११५१.५४,५६,६० दाहिण ड्ढच्छ (दक्षिणार्धकच्छ) ज ४.१६८ से से ६२.७६ ७६;२६.१०,३११४.१२३.१२४ १७४ दारियत्त (दानिकात्व) उ३।१२५ बाहिणड्ढभरह (दक्षिणार्धभरन) ज १११६,२१ से दारिया (दारिका) 3 ३६२,१८,१०१.१०६ ११४, २३ ४५ से ४७,३।१,२०८,४।३५ उ ५।१० १२३,१२६.१२८,१३०:४।५,६,११ से १६,१८, दाहिणभरहकड (दक्षिणाई भरनकूट) ज ११३४, १६,२० ४१,४५,४६ दारु (दारु) ज ३1३२ दाहिण दारिया (दक्षिणद्रारिका) सु १०।१३१ दारुग (दारुक) ज ३१७८ वाहिण द्धभरह (दक्षिणाईभरत) ज ११२० दालयित्ता (या वित्या) ज ४।३५ दाहिए पदमि (दक्षिणपाश्चात्य) १ ३११७६, दालित्ताणं (दलयित्वा) ए १७४ १७८ ज ३१३०,३१,१७२,१७३,४११६,१६३, दालिम (दाडिम) प १६।५५; १७।१३२ २०८.२०६.२२३,२२६.२३०,५१३६,४६ सू २०१२ दास (दास) ज २।२६३।१०३ उ ११५४,५५.७६, दाहिण पच्चस्थिमिल्ल (दक्षिणपाश्चात्य) ८० ज ४१२३८ दासी (दासी) प ११३७५ काकजंघा, नीलाम्ला, नीलभिटी दाहिण गडीण (दक्षिणापाचीन) सु १११६ दाहिणपुरस्थिम (दक्षिणपौरस्त्य) प ३११७६,१७८ दासी (दासी) ज ३।१०३ ज ४।१६,१०६.२०३,२२२,२२७,२२८,३६, दाह (दाह) ज २१४३ ४६ सू २१,२०।२ दाहिण (दक्षिण) प २११०,३२.३३.३५,४३.५.० दाहिण पुरथिमिल्ल (दक्षिणपौरत) ज ४।२३८%; से ५२.५४,५६५८से ६०३१ से ३०,१७६, १७८ ज ११८,२०,२३.२५.२८,३२,४६,४८, ५।४४,४६ सू १११६२।१,१२१३० ५.१,२।६५.११३,३।१६.१२,३६ १३६,१३७, दाहिणभुयंत (दक्षिणभुज न्त) सू २०१२ १४६.१५०,१८६.२०४।४।१,३,१६.२३,२६, हिमाय (दक्षिणवत) प ११२६ ३७,५१,२,६५.८१,८६.८६,८६,६०,६८. दाहिणव्यालि (दक्षिण वेयाली') प १६.४५ १०३.१०६,१०८.१२६,१६२,१६७ मे १६६ दाहिफिल (दाक्षिणात्य) प १३२,३३,३५,३६, १७२ ले १७४.१७,१७८ १८० १८१,१८३, ३८,४३,४४,४७,३।१८ से २३:१६६३४ १८७,१८६ मे १६१,१६४,१९६ २०१ मे ज ११२६,५१:२।११६,३११४ ज १२२६,५१, २०३, ०५.२१०,२१४,२२० २३८,२६२, २।११९३३१४,१५,१८,३६,५१,५०,६१,८३, २६८.२९१, २ ३ .२१.३६.६:८; ८५.८८ से १०,६२,६३,१२६,१६२,२०६,२१६; ७।१०१.१०२.१६६ १७८६, १५१५ मे १७, ४।१७४ से १७६,१८२,१८३,१८८,१६५, १६:२१:८११:१०।1:१३15,८,१८।१४: २०१.२०२,२१२,२४८,२५१:५११४,४२,४५, Page #233 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६४६ दिगिदलय-दिसाणुवाय ५२ सू१०११४२,१४७ २१,२२,२४,२७,२१३,३१२,४१८,६;६.१; दिगिदलय (दे०) उ ३.११४ ८।१६।२,३,१०१५,६३ से ७४,८६।३.१२६५ दिठ्ठ (दृष्ट) प ११०१।३,८ ज ३३१२६ १६॥२२॥१८ उ १२६३,३१६४,६८,७१,७४, दिह्रत (दृष्टान्त) प १७११४८; उ ३१८,२६,६३ ७६,१२६,५।१३,४५ दिळंतिय (दार्टान्तिक) ज ५।५७ दिवसखेत्त (दिवसक्षेत्र) ज ७२७,३० दिट्ठाभट्ठ (दृष्टाभापित) उ ३१५५ दिवसतिहि (दिवसतिथि) सू१०1८६,६० दिछि (दप्टि) प २८.१०६।१ ज ३.१०५:५१६७ दिवा (दिवा) ज ७१२५ दिठिवाय (दृष्टिवाद) १११११३,१११०१।८ दिव (दिव्य) प २३०,३१,४१,४६ ज ११३१, विट्ठीविस (दृष्टिविष) प ११७० ४५,२२६७,६०,१००३१४,५,१२,१४,१५,१८, दिणकर (दिनकर) सू १६११२,१६३२१२३, २६,३०,३१,३६,४३,४४,४७,५१,५२,५६, १६।२२।१२,१३ ६०.६१,६४,६८,६६,७२,७६,८८,६२,६५, दियर (दिनकर) ज ३१८८ सू१६।२२।३० १०६,११३,११६,११७,११६,१२२,१२३,१२६, उ ३४८,५०,५५,६३,६७,७०,७३,१०६,११२ १३०,१३१,१३३,१३६ से १३८,१४०,१४१, दिण्ण (दत्त) प २१३०,३१ ज ३७,१८४,५२६ १४५,१४६,१५०,१५६,१७२,१७३,१७८, उ १६६,१०३,१०६,११०,११३,११४; १८०,२०६,२११:५।१,३,५,७,१६,२२,२६, ३४८,५० २८,३०,४१,४३ से ४५,४७,५५,५७,५८, दित्त (दीप्त) १ २१४६ ज ३६,१८,६३,१०३, ६७,७।५५,५८,१८४,१८५ सू १८।२२,२३; १८०,२२२,७।१७५ सू १६।११।२,२११३, १६।२६ उ ३११७,८५,६४,१२२,१२३,१६३; १६॥२२॥३० ४।२५ दित्त (दप्त) ज ३११०३ दिव्वा (दिव्याक) प १७१ दित्ततव (दीप्ततपस्) ज ११५ दिसा (दिशा) प २।३०,३१,२।४०।२,८,१०, दित्तसिरय (दीप्तशिरस्क) ज ३१६,१५ २१४१,४६ ज ११३८, २।१३१, ३.१४,१५, दिन्न (दत्त) प २१४१ २२,३०,३१,४३,४४,५१,५२,६०,६१,६८,६६, दिपंत (दीप्यमान) ज ३१६,१७,२१,३४,१७७, १०० से १११,१२५,१३०,१३१,१३६,१३७, २२२ १४०,१४१,१४६,१५०,१७२,१७३,१६५, दिप्पमाण (दीप्यमान) ज ३१८,६३,१८० २११:४।१०,१२१,१५३,१६३,२१२,२१७, दिली (दे०) प ११५८ २३८; ५१५२,७४; ७।१७८ सू ११४५१ दिवड (द्वयर्धद्वयपाध) १ २३१७३,८३,१३५, उ ११२२,१४०,३१५१,५३,५५,६३,६७,७०, १५२,१७२;३३१७८ ज ६०८।१सू ३३२,६।३; दिसाकुमार (दिशाकुमार) प १११३१, ५।३; दिवड्ढखेत्त (द्वयपार्धक्षेत्र) सू १०१४,५ ६१८ दिवस (दिवस) प २८१२७,७३ से ७६ ज २१६४; दिसाकुमारी (दिशाकुमारी) ज ५१ से ३,५ से ३७६,६५,६६,११६,१२०,१३६,१६०,२०६; १०,१२ से १७ ७१२६ से ३०,११२१५,११७,११८,१२६,१५६ दिसाचक्कवाल (दिशाचक्रवाल) ३.५० से १६७ च ५।३ सू श६।३,१।१३,१४,१६, दिसाणु वाय (दिशानुपात) प ३।१ से १७,२४ से १८.१ Page #234 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दिसादि-दुक्ख ६४७ ३७,१७६,१७८ १०२.१७५,१८२.१६८ से २०८,२१० से २१३ दिसादि (दिशादि) ज ४२६०१२ मेरुपर्वत सु १३१४,१६,१७,१६ से २२,२४,२७, २१, दिशापोक्खि (दिशाप्रोक्षिन) उ ३५० ३,३११.२:४।३.४,७,१०।६।१८।१:१०११३२, दिसापोक्खिय (दिशाप्रोक्षिक) उ ३१५०,५५ १४२,१४७; १२।३०:१८१७,२०; १९३१.२,६, दिसापोक्खिय (तावस) (दिशाप्रोक्षिकतःपन) ७८।३,६,१२ मे १४,१५१३,१६१६,१६२२, उ ३२५० २४,१६१२८,३१ से ३४३ ११९३७,६१, दिसाहत्यिकूड (दिशाहस्तिकूट) ज ४।२२५ से २३३ १२५,१५७; ५१२४.४३ दिसि (दिश) प १२७,२३०११:२०६३,३।११, दीवकुमार (दीपकुमार) प१११३१,५३,६१८ १११६६,६६।१२१६५,६६,२८१६,३१.६५ दीवग (ढीपिक) सू १०।१२० ३६।५६,६६,६८,७०,७२ से ७४ ज ४२०४, दीवणिज्ज (दीपनीय) प १७।१३४ ज २०१८ दीवणिजबीपी २१०,२१६,२२०:५।३०,७१४८,५०,५२,५३ दीविग (द्वीपिक) ज २१३६ उ११२४३।५१,५३,६२,८१,१४३,१५६ दोबिय (दीपिक) प ११६६११।२१ ज ३।१३६; दिसौभाग (दिग्भाग) ज ३।२०८:५।५,४४,४५ उ ३।११३:४२० दोवियगाह (दीपिकमाह) ३।१७८ दिसोभाय (दिग्भाग) ज १।३३।१६२,२०४, दीपिया (दीपिका) प १११२३ २०८,४।१२०,१३६,५१५,७ चं सू ११२ दीवियाहत्यगय (हरतगतदीपिका) ज ५११२ उ ५५ दीस (दश) दीनति प ११४८१५७ ज ७।३६,३८ दोण (दीन) उ १५१५,३५, ३१६८ दोह (दीन) प २१६४१४; १३।२३ ज २११५,६६; दोणस्सर (दीनस्वर) ज २११३३ ३३१०६.१६७।११ दीणस्सरता (दीनरवरता) प २३१२० दोहार (दीर्घदर) ज ४८० दीव (द्वीप) प १५४,७५,८०,८१,८४;२।१,४,७, दोहदेयड्ढ (दीर्घवैत ढ्य) ज ६१० १३,१६ से १६,२८,२६,३०।१,२१३२,३३,३५, दोहिया (दीधिकः) प २१४,१३,१६ से १६,२८; ३६,४०१२,६,११,२१४३,५०,५१,१५११२, ११103 ज २।१२।। १५।५४,५५,१६।३०,३३।१० से १२,१५ से दु (दि) प ११३ सू१।१४ १७ ; ३६।८१ ज १७,१५ से १८,२०,२३, दुइय (द्वितीय) प ३१२२ ३४,३५,४६.४८,५१,२।१,७,५२,५६,६०,११६, दुंदुभय (दुल्दुधक) ज ७११८६।२ मू २०१८ १६१,१६४,३१६,३६,४७,५६,११६,१३३, हय (दुन्दुभकः) सू २०१८२ १३८,४११,३१,२२,३४,४१,५२,५१,६२,६८, दहि दिन्द्रमि) अ ३११२,७८,१८०,२०६५।५, ६६,७६,८१,८६,६०,६३,१८,११४,१५६, २२८६,४६,४७.५६,६७ उ १।१२१,१२२, १६०,१६५,१६७,१६६,१७२ से १७४,१७८, १२५ १२६,१३३.१३४,१३८,३११११,४११८; १८१,१८२,२०१ से २०३,२०६.२१३,२६२. ५१६ २६५,२६८,२.१.२७४,२७८ : ५।३,२१,२२, दुक्कालदहुल (दुरकालबहुल) ज १११८ २६.४४,५२,७४,६१ से ५ से २६७12 दुक्त (दुःख) १ २१६४।२२:६१११०,२०११८; ३.४,८ से १४,३१,३३,३६ से ३६.५२.५४, १६१,२,३५११०,११,३६४८८,६२,६४१ ६२,६३,६७ से ७२,८६,८७.६१,१२,१०१. ज १॥२२,२७.५०:२१५८,७१,८८,८६,१२३, Page #235 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९४८ दुवखत्त-दुरूव दुपदेसिय (द्विपदेगिक) प ५१२७,१३०,१३१; १२८,१५१,१५७; ३।७७,६२,१०६.११६, १२१११,१२५,४११०१,१७१ सू १६०२२।१३ उ ११६३,१४१:३१८६५१४३ दुक्खत्त (दुःखत्व) प २८१२४ दुक्खभागि (दुःखभागिन् ) ज २११३३ दुक्खुत्तो (द्विम् ) सू १११२ दुखुर (द्विखुर) प ११६२.६४ दुग (द्विक) ज ७१३११२ दुगुंछा (जुगुप्सा) प २३१३६,७७,१४५ दुगुण (द्विगुण) सू १६३२२।२३ दुगुणिय (द्विगुणित) ज १२५ दुगूल (दुकूल) सू २०१७ दुग्ग (दुर्ग) उ ३१५५ दुग्गइगामि (दुर्गतिगामिन्) प १७११३८ दुग्गंध (दुर्गन्ध) ज २१३३ उ ३३१३०,१३१,१३४ दुग्गम (दुर्गम) ज ३१७७,१०६ दुग्गबहुल (दुर्गबहुल) ज ११८ दुग्गुल (दुकूल) ज ४११३ दुषण (छैधण) ज ५१५ दुजडि (द्विजटिन्) सू २०१८ दुज्जम्मय (दुर्जन्मक) उ ३११३१,१३४ दुज्जाय (दुर्जात) उ ३११३१,१३४ दुटठाणवडित (द्विस्थानपतित) प ५११३४,१४३, १४८,१५१,१६३,१६४,१८१,१६७,२१८ दुठ्ठ (दुष्टु) उ १८८,६२ दुतीस (द्वात्रिंशत्) ज ४१६४ दुईत (दुर्दान्त) उ ५१० दुईसणिज्ज (दुर्दर्शनीय) ज २११३३ दुद्ध (दुग्ध) प १११२५ उ ३१६८ दुधा (द्विधा) सू १९१६ दुन्निकम्म (दुनिष्क्रम) ज २१३२ दुपएसिय (द्विप्रदेशिक) प ५१५३,१५४,१५७, १५६,१६०,१७६,१७७,१६२,१६३,२१३, २१४,१०।७:११:४६ ; ३०१२६ दुपदेस (द्विप्रदेशिवः) प १०११४१ दुप्पउत्तकाइया (दुष्प्रयुक्ताायिकी) प २२२२ दुप्पव्वइय (दुप्प वजित) उ ३१५८,६०,७६ से ७६ दुप्पवेस (दुप्पवेश) ज ११२४ दुफास (दुम्पर्श) ज २११३३ दुबत्तीस (द्वि द्वात्रिंशत् ) सू १०११३८ से १४१, १४८,१५२,१२।२२ दुब्बल (दुबल) ज २१३३ दुभि (दुर्) प १३१२७,३१,२३।१०७ दुरिभक्खबहुल (दुर्भिक्षवहुल) ज ११८ दुबिभगंध (दुर्गन्ध) प ११४ से ६२०२० से २७; ५१५,७,२०५; १११५६:१७।१३६२८।२०, ३२,६६ ज ५५ दुब्भूय (दुर्भूत) ज २१४३ दूभागमंडल (द्विभागमण्डल) सू १५॥३७ दुम (द्रुम) ज २१८,१३,२०,५५० दुय (द्रुत) ज ५१५७ अभिनय का प्रकार दुरंतपन्तलक्खण (दुरन्तप्रान्तलक्षण) ज ३१२६, ३६,४७,१०७,११४,१२२,१२४,१३३ उ १८६,११५,११६ दुरभि (दुरभि) प२३१४८ दुरस (दूरस) ज २११३३ दुरहियास (दुरध्यास,दुरधिसह) प २०२० से २७ दुरुढ (आरूढ) ज ३।१७,२१,२२,३५,३६,७७, ६१,१७७,१७८,१८३,२०१,२०२,२१४,२१७; ५।२२,२६,४३ दुरुह (आ- रुह) दुरुहइ ज ३१२०,३३,५४,६३, ७१,८१,८४,१०६,११७,१३७,१४३,१६६, २०४,२२४;५१४१,४२३ १११६ दुरुहति ज ३।१११।४।५:१५ दुरुहति प १७।१०६, दुरुहिता (आम्ह य) ५ १७११०६ ज ३।२० उ १३१६ दुरुढ (वारूढ) उ १६१२४,१३१४।१२:५1१४ दुरूव (दुरूप) २११३३ Page #236 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दुरुह-दूसमदूसमा दुरूह (आ--रुह) दुरूहइ उ ११११०,४।१५ १४,१६,१८,२३ ज २११,५,६,५॥१६७।११४ दुरूहेइ उ ४।१८ सू १०८६,१२१,१२४,१८१२०,२०१३ दुरूहित्ता (आरुह य) उ ११११०,४।१५ उ ३१३१,३८,४०,४२,४४ दुरूहेत्ता (आरह य) उ ४११८ दुन्विसय (दुर्विपत्र) ज २।३१ दुल्लह (दुर्लभ) ज३।११७ सू २०६१ दुसमइय (द्विसामयिक) प १११७१:३६।६०,६७, दुव (द्वि) ज ११२५ च ४.३ सु ११८१३ उ १११११ ६८,७१,७५ दुवयण (द्विवचन) प ११८६ दुसमयद्वितीय (द्विसमयस्थितिक) प १११५१ दुवण्ण (दुर्वण) ज २११५,१३३ दुसमसुसमा (दुप्पमसुपमा) ज २१४६ दुवार (द्वार) ज ३०८३,८५,८८ से ६०,६३,१०३, दुस्समदुस्समा (दुप्पमदुप्पमा) ज २।२,३,६ १५४,१५७,१६२.१८६ दुस्समसुसमा (दुप्पमसुसमा) ज २२२,३,६,४६ दुवालस (द्वादशन ) प २१६४ ज १२० सू १११३ दुस्समा (दुष्पमा) ज २१२,३,६ उ२११० दुहओ (द्वितस्,द्वय) ज ४१६१ सू १०।१३६,२०१७ दुवालसंसिय (द्वादशासिक) ज ३१९४,१३५,१५८ दुहओवत्त (द्वितआवर्त) प ११४६ दुवालसक्खुसो (द्वादशकृत्वस्) ग १२।२ स ६,११ दुहणाम (दुःखनामन्) प २३१२० दुवालसमा (द्वादशी) सू १०।१४१,१४६,१४८,१५५, दुहट्ट (दुधाट्ट) उ १४५२,७७ दुहता (दुःखता) १ २३११६ दुवालसमी (द्वादशी) १०११४८,१५० दुहतो (द्वितम् द्वय) सू १०.१७३ दुवालसविह (द्वादविध) प ११३४; १२१३७ दहतोनिसहसंठिय (द्वितोनिषधसंस्थित) सू ४।३ ज ७१०४ सू १०।१२६ उ ३१७६,१४३ दुहत्त (दुःखत्व) प २८।२६ दुविध (द्विविध) सू ४१ दुहया (दुःखता) प २३१३१ दुविह (द्विविध) प१।१,२,४,१०,११,१६ ने १८ दुहा (द्विधा) ज १११६,२०,२३,४११,४२,६२,६४, २० से ३२,३४,४८ से ५१,५३,५७,५६ से १०८,१७२ ६१,६६,६७,६६,७५,७६,८१,८२,८८,९०, दूइज्जमाण (यमाण) ज ३.१०६ उ१२,१७, १००.१०२ से १२३.१२५ मे १२६,१३१ से ३।२६,६६,१३२,५:३६ १३८,५१,१२३,६।११५,११६:१११३१,३२, भगणाम (दुर्भगनामन्) प २३1३८,१२४ ३५,३६,४१,१२७ से १३,१६ स १८,२०, दूमिय (दे० धवलित) सू २०१७ २१,२३,२४,२७.३१ से ३३,१३११,८,२२ दूमिय (दून) उ १।५६,६३,८४ २३.२७.३१:१५॥१८,१६,४८.४६,६८,७१, दूय (दूत) ज ३१६,७७,२२२ उ ११९२,१०७ से ७२,७५,७६,१६३५,२८,३३,३५,१७४२.४,६, ११६,१२७ ६.१६,२३,२५.२७,१८११३,२५,५५.६३,६७ ६८,७६.७६,८६.६४.६७,६६१०१.१०६. दूर (दूर) प २१४६,५०,५२,५३,६३,१७११०६ १०६.१११,१२७,२११४ से ७,६ से २०,४६, ज ७।३६,३८ सु।।१ ५५.५८,५६,६१.६५,६६,७०।२२।२,३.८; दूरतराग (दूरतरक) प १७।१०८,११० २३१६,२६,२६,३२,३४,४८,५६,५७:२८१४, दूस (दुष्य) ज २१२४,६५,६९,३१९,२२२ ४०,५०,३६, २६३१.५,८,६,११,१४,३०१,५, दूसमदूसमा (दुष्षमदुष्षमा) ज २११३०,१३५, ७,११,१२७३३३१,३४११२,३५।११२,३१२, १३६ Page #237 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९५० दूसमदुसमा-देवगतिपरिणाम दूसमसुसमा (दुष्पमसुसमा ) ज २११२१ दूसमा (दुष्षमा) ज २।१२६,१४० दूसरणाम (दुःस्वरनामन्) प २३।३८,१२५ सि (दूष्य) प १७।११६ देय (देय) सू २०६२ देयड (दे० दृतिकार) प ११६७ देव (देव) प ११५२,१३०,१३८, २०३० से ३६, ४१ से ४३,४६,४७४१,४८ से ६३,२०६४।१४; ३।२६ से ३६,३८,३६,१३१,१३३,१३५,१३७, १३६,१८३:४१२५ से २७,३१ से ३३,३७ से ३६,४३ से ४५,४६,५५,१६५ से १६७,१७१, १७७ से १७६,१८३ से १८५,१८६ से १६१, १६५ से १६७,२०१ से २०३,२०७,२१३ से २१५,२२५ से २२७,२३७ से २४३,२४६, २४६,२५२,२५५ से २६६;६१२७ से ३८,४१ से ४३,५०,५२,५६,६५,७०,८१,८२,८५ से ८७,८६,९०,६२,६३,६५,६६,९८,६६,१०१, १०३,१०५,१०६,११०,११२,११३,७१८ से ३०८११०,११,६११११२१४५,५५॥३,८७ से ६३,१०८,१०६,११४,११५,११७,१२५,१२६, १३२,१३६,१४३;१६।२५,२६,३१,१७१४६, ५१,५२,७१:७३,७४,७६,७८ से ८१,८३,८६; १८१५,११:२०।४६,२११५१,५५,६१,६२,७०, ७१,७७,८३,६१ से ६३,२२६४१,४२,४५,७६; २३१३६,५४,८४,११४,१४६,१७२, १६४, १६६,१६८,२८९७,१०२,१०५,१३३,१४३ से १४५,३३३१,१६ से १८,२४,२५,३४।१५, १६,१८ से २५;३६।५०,८१ ज १११३,२४, ३०,३१,३३,३६,४५ से ४७,५१,२१६४,६०, ६५ से १६,१०० से १०२,१०४ से ११६, १२०,३।२०२४११,२,२५ से २८,३०,३२१२, ३३,३८ से ४१,४३,४६ से ४६,५१,६३ से ६५,६८,७१ से ७४,७६,८४,६२,१११ से ११५,११६,१२३ से १२५,१३१११,२,१३२ से १३४,१३६,१५०,१५१,१६७।१३,१७८,१८४, से १८६,१८८,१८६,१६१,१६२,१६८,१६६, २०७ से २१०,२१६,२२१,२२४,२२६;४।२, १३,१६,२०,५१ से ५४,६०,६१,८०,८४,८५, ६७,१०२,१०६,१०७,११२.११३,११४,१२०, १४१,१४२,१५०,१५६ से १६१,१६३,१६५, १६६,१७७,१८०,१८४,१८६,१८७,१६३, १६६ से २००,२०३,२०४,२०८ से २१२, २१५,२२६ से २३४,२३६,२४७,२४८,२५० से २५२,२६१,२६४,२६६,२६७,२७०,२७२, २७३,२७६,२७७, ५११,३ से ५,१४,१५,१६, २२,२३,२६ से २६,३६,४२,४३,४५,४७,४६, ५०,५.३ रो ५६,६१,६७,६६ से ७४,६।१६; ७।५५,५,६,५६,१६६,१७८।१,१८५,१८७, १८६,१६१,१६३,१६५,२१३,२१४ सू ६१; १३।१७,१७११:१८।२ से ४,१४ से १७,२१, २३,२५,२७,२६,३१,३३,३५,१६२३,२४, २६,२७,२०११,२,४,७ उ २।१३,३३५१,५६ से ६२,६५,६६,६६,७२,७५ से ६१,१५१, १५२,१५६,१६२ से १६५,५।५,२६,३०,४२, देव (देव) स १६।३६,३८ देव नामक द्वीप देवमण्णिआउय (देवासंज्ञवायुष्) ५ २०१६२,६४ देवउत (देवकुल) ज ५१५,७ देवकहरूहम (द कहकहक) ल ५१५७ देवकुमार (देवकुमार) उ ३१६२ देवकुमारिया (देवकुमारिका) उ ३१६२ देवकुरा (देव कुरु) ज ४।६४,६६,२०३,२०६ से २०८,२१३ देवकुरु (देवयुरु) प १८७,१६।३०,१७१६४ ज २।६।४।२०४११,२०७,२०८,२१०।१ देवकुल (देवकुल) ज २६५ उ ३३६ देवगइ (देवगति) ज २१६०३।२६,३६,४७,५६, ६४,७२,११३,१३३,१४५:५५५,४४,४७,६७ देवगइय (देवगतिक) प १३१२० देवगति (देव ति) प ६४,६ देवगतिपरिणाम (देवगतिपरिणाम) प १३।३ Page #238 -------------------------------------------------------------------------- ________________ देवगतिय-देविंद १५० देवगतिय (देवगतिक) प १३।१५ देवगामि (देवगामिन्) ज १।२२,५०,२१५८,१२३, १२८,१४८,१५१,१५७,४११०१ देवच्छंदग (देवच्छंदक) ज ४२१६ देवच्छंदय (देवच्छंदक) ज ११४०,४।१३६,१४७, २१६ देवजुइ (देवद्युति) ज ३।२६,३६,४७,१२२,१२६, देवजुति (देवद्युति) ज ५।४४ उ ३.८५,१२२ देवज्जुइ (देवद्युति) उ ३।१२३ देवड्ढि (देवद्धि) ज ३१२६,३६,४७,१२२,१३३ ।। देवता (देवता) च ५२ सू हार देवत्त (देवत्व) प १५६६ से १०१,१०४ से १०६, १०८,११२,११४ से ११७,११६ से १२३, १२५,१२७ से १२६,१३१,१३२,१४३, उ २११२;३।१५०,१६१,५२८,४१ देवदारु (देवदारु) प ११४०।२ देवदाली (देवदाली) प ११३६१२,१७११३० देवदालिपुप्फ (देवदालीपुष्प) प १७.१३० देवदुहदुहग (देवदुहदुहक) ज ५१५७ देवदूस (देवदुप्य) ज २६५,१००,२११,५१५८ उ ३।१४,८३,१२०,१६१,४।२४ देवपव्वय (देवपर्वत) ज ४२१२ देवमइ (देवमति) ज ३।१०६ देवय (देवता) प १४८ ज ७/१२७११,१६७११ देवय (दैवत) ज २१६७,३१८१ सू १८१२३, उ १११७,७२,८८,६२,५।३६ देवया (देवता) ज ३३२,१०४,१०५,४१५३, १०६,२०४,२१०,७३० सू १०७८ से ८३ देवराय (देवराज प २१५० से ५६ ज १३१; १८६ से ६३,६५,६७,६६,१०१,१०३,१०५, १०७,१०६,१११,११३,११४,११७ से ११६, १८६,२१७,४१२२१,५।१८,२० से २३,२६ से २६,३६ से ४१,४३ से ४८,५४,५६,६०, ६१,६२,६५ से ६८,७१ से ७३ उ ३३१२२, देवलोग (देवलोक) प २०१६१ ज २०४६,१५६; ३।१ उ २।१३;३।१८,८६,१२५,१५२,१६५; ४।२६:५।३०,४३ देवलोय (देवलोक) ज २।४६ उ ५१४ देवसंघाय (देवसंघात) ज ७१७६ देवसयणिज्ज (देवशयनीय) उ ३१४,८३,१२०, १६१,४।२४ देवसयसहस्सीसर (देवशतसहस्रेश्वर) ज ३११२६।३ देवसिरि (देवश्री) उ ३११७१ देवाउय (देवायुषक) प २०१६३,२३३१८,३७,८०, १४६,१७० देवाणंदा (देवानन्दा) ज ७/१२० सू१०८८।३ उ ३.११३; ४१२० देवाणुप्पिय (देवानुप्रिय) ज ६५,६७,१०१, १०५,१०७,१०६,१११,११४,१४६, ३३५,७, १२,१५,१८,२१,२६,२८,३१,३४,३६,४१, ४७,४६,५२,५६,५८,६१,६४,६६,६६,७२, ७४,७६,७७,८३,६०,६१,६६,१०५,१०७, ११३,११४,१२५,१२६१४,१२८,१३३,१३८, १४१,१४५,१४७,१५१,१५४,१५७,१६४, १६८,१७०,१७३,१७५,१८०,१८३,१८८, १६१,१६६,२०७,२१२:५॥३,५,७,१४,२२, २६,२८,४६,५४,६८,६६,७२,७३ उ १११७, ३७,३६,४१,४४,५४,५७,६६,७६,८८,६८, १०७,१०६,१११,११३,११५,११६,१२१, १२३,१२७,१२६,१३१,३११३,७८ से ८१, १०२,१०३,१०६,१०८,११२,११५,१३६, १३८,१३६,१४८,४।११,१४ से १६,१६,२२, ५।१५,१८,२७,३२,४० देवाणुभाग (देवानुभाग) ज ३११२६ देवाणभाव (देवानुभाव) ज ३१२६,३६,४७,१२२, १३३,५१४४ उ ३.८५,१२२,१२३ देवाहिव (देवाधिप) ज ५१५४ देविंद (देवेन्द्र) परा५० से ५६ ज ११३१२१८६ से ६५,६७,६६,१०१,१०३,१०५,१०७,१०६, Page #239 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९५२ देविडि-दोणमुह १११,११३,११४,११८,११६४।२२१५१८, २० से २३,२६ से २६,३६,४०,४३ से ४८, ५४,५६,६० से ६२,६५ से ६८,७१ से ७३ उ ३१२३,१५० देविढि (देवद्धि) ज ५।४४ उ ३।१७,८५,६४, १२२,१२३,१६३, ४१२५ देवित्त (देवीत्व) उ ३११२० देवी (देवी) प २।३० से ३३,३५,४१,४३,४८ से ५१,३।३६,१३२,१३४,१३६,१३८,१४०, १८३,४१२८ से ३०,३४ से ३६,४० से ४२, ४६ से ४८,५२,५५,१६८ से १७०,१७४,१८० से १८२,१८६ से १८८,१६२ से १६४,१६८ से २००,२०४ से २०६,२१० से २१२,२१६ से २२४,२२८ से २३६:१७१५०,७२,७३,७५, ७६,७८,८०,८२,८३,१८।६,८,१२:२३॥ १६४,१६६,१६८ ज २३,१३,३०,३३,३६, ४५:२।१०,३१५२ से ५८,६०,१४०,१४१, १४३ से १४७,१४६,४१२,१७ से २०,२२,३३, ३४,५३,६४,८६,१५६,१६४,२०३,२३७, २३८,२४८,२५० से २५२,५१,५,१६,२६ से । २८,४२,४३,४५,४७,६७,७२,७३७१८३, १८५,१८८,१६०,१६२,१६४,१६६,२१४ चं ८ सू ११३;१८।२१,२३,२६,२८ ३०,३२, ३४,३६,२०६४ उ ११० से १३,१५,१७,१६ से २४,३० से ४१,४३,४४,४६,४८ से ५५, ५७,५८,७० से ७४,८८,६५,९७,६६ १०२, १०६,११०,११३,११४,१४६ से १४६,२।४ से ६,१६,१७,१६,२०,३६०,६२,९४,१२१ से १२५, ४१२५,२६,५।१०,१२,१३,१७,२५,३०, ६१,६६,१०८,२१।७४,२२१५५,५६,५८,७६ ज ११३०,३३,२२४:४१२२,३४,८३,११३, ११४,१६६,५१२६,७२१३ सू१।१६६.१; है।३।१०।१३८ से १५१,१६२ से १६६; १२।३०:१३।२ देसपंत (देशप्रान्त) उ १११३३,१३४ देसभाग (देशभाग) प २०१६.१७,३०,३१,४१,५०, ५२ ज २०१२,६५:३१३,११७,५।३५ सू ३९८ देसभाय (देशभास) प ११८.१६,२८,५१,५६,६४ ज ३।७,५१३३,३८ देसमाण (दिशत्) ज २०७२ देसि (देशिन्) प २१४१ देसिय (देशित) ज ३१२२,३६,६३,६६१०६,१६३, १८० देसूण (देशोन) ११२,१४,१७,२३,३५,३७,५१; २६४४,४५,४१११४ देसुणग (देशोनक) ज ३१२२५४।६,३३,१४७, १५५,२४२ देसोहि (देशावधि) प ३३।१।१,३३।३१ से ३३ देह (देह) ज ३।१०६ देहधारि (देहधारिन ) प ४१ ज ३१३ देहमाण (दे० पश्यत्) - ३१२२२, ५१६७ दो (दि) प२०१५६ १७.१११४ उ १११३५ दोच्च (द्वितीय ६८०१३३।१६,३६१६२ ३।१२८,१५१.१६२३.२५,२८ से ३०,१५७.१६१,१६५.१७० सू १११३.१४, १६.१७.२१.२४,२७,९१३, ६११; १०१६४.६८, १२७.१३६.१४०,१८४.१४५,१५८,१११२ से ४,१२१३,२०,२५; १३।१,१२,१३ उ ११३६, ४०.१११,१४३, २११,१५.२१,३३१,२०,२२ २३.५१.५३ ६०,६१.७७,७८.१०८ दोच्चा (द्वितीया) प३।१८३ दोणमुह (द्रोण मुख) प १७४ ज २२,१३१; ३११८,३१,३२,१६७१२,१८०:१८५.२०६, २२१ उ ३११०१ देवलिया (देवोत्कलिका) ज ५१५७ देवोद (देवोद) सू १६:३८ देस (देश) प ११३,४,२१६४।११,४१४३,४५,४६, ४८,४६,५१,५२,५४,५३१२४,१२५,१५३५३; ५४,५७,१८१५६,६४,७७,८१,८३,८४,५६ से Page #240 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दोला-धम्मवर ६५३ दोला (दे०) १५१ २३,२४,३५,३७,६५,१३१,१५६,१६०,१७८; दोवारिय (दौवारिक) ज ३।६,७७,२२२ ४।१०,१२,५५,६२,८१,८६,६८,१०१,१०८, दोस (दोष) प ११॥३४१, २२१२०, २३१६ ११०,११४,१४७, ५४,२४८,२६२,२६५, ज ३१३२,११७ सू २२, २०।६।६ उ ३१३५ २६८,२७१,२७४ ७.१८२,२०७ सू १११४; दोसपिस्सिया (दोषनिधिता) प १११३४ १८।१३,२० उ १२२,१३८,१४० दोसपुरिया (दोषपूरिका) प ११६८ धणुगह (धनुर्ग्रह) ज २१४३ दोसिणा (दे० ज्योत्ना ) चं २।४ सू ११६।४; धणुप्पट्ठ (धनुष्पृष्ठ) ज १।१८,२०,२३,४८, १४।१ से ४,१६॥१,२ ४।१,१७२ जापाव (दोसिडाप्रल - 319.9818 से धणु हत्तिय (धनुःपृथकिवक) ५७५ धणु वर (धनुर्वर) ज २१६६,३७६,११६,११६, दोसिणाभा ('दोसिणा'आभा) ज ७१८३ १२०,१६७।३,१८५,२०६ सू १८१२१,२०१६ धणुह (धनु) ज ३१३१ दोसिणलक्खण (दोसिणा'लक्षण) चं ॥४ धण्ण (धान्य) प ११०२६ से २८ ज २१६६;३७६, सू १६४ ११६,११६,१२०,१६७।३,१८५,२०६ दोसिणालक्खण (दोगिणा'लक्षण) सू १६१ उ ३१४०५१४ धण्ण (धन्य) ज ५१५,४६,५८ उ ११३४,४०,४१, दोस्सिय (दौगिक) प ११६६ ४३,४४,७४,३।६८,१०१,१३१:५।३६ दोहाग (दीर्भाग्य ) ज २०१५ धन्न (धन्य) ज २१६४ उ ३१३८ दोहल (दोहद) उ ११३४,३५,४०,४१,४३,४४, धमाससार (धमाससार) प १७।१२५ धम्म (धर्म) प २०१७,१८:२२,२५,२८,२६,३४, ४५ ज ११४,२०६४,७२,११३,१३३ च ६ सू ११४ धंत (ध्मात) प ११४८१५६ ज २४ उ १२,२०,२१,३।१३,१०२,१०३,१३४ से धंतधोयरुप्पपट्ट (ध्मात धोतरूप पट्ट) प १७:१२८ १३६,१३८,१४२,१४७, ४.१४:५१२०,२७ धण (धन) २६६४,६६,३३१०३, १६७११४ धम्मत (ध्मा मान) जे ३३११७ धणंजय (धनञ्जय) ज ११७॥२.१३२॥१ धम्मकहा (धर्मकथा) उ ३७१ सू १०८६।२६७ धम्मचरण (धमंचरण) ज २१२६,१५८ घणवइ (घ. पति) ज ३१३,१८,६१,६३,१८० धम्मजामरिया (धर्मजागरिका) उ २।११,५१३६ धम्मणायग (धर्मनायक) ज ५।२१ धणिट्ठा (धनिष्ठा) ज ७११३।१,१२८ से १३०, भर धम्मस्थिकाय (धारितकाब) प ११३,३३११४ से १३६,१३८,१४१,१४६,१५६,१५७ सू १०११ ११६,१२२,५११२४,१५१५३,५४,५७; से ६,८,२०,२३,२६,५७,६३,६४,७५,८०,६४, १८.१२५ १२०,१३१ से १३३,१५२ धम्मदय (धर्मदय) ज ५।२१ घणु (धनुप) प ११७५२१६४।६।२१।४६,४७, धम्मदेसय (धर्मदेशक) ज ५२१ ४७।१,२,२११६५ से ६७,३६८१ ज १७,६, धम्मरुइ (धर्मरुचि) प १११०१।१,१२ १०,२३,२५,३८,४०,४३:२।६,१६,५२,५६, धम्मरक्ख (धर्मरूक्ष) प १६४३।१ ५८,८६,१२३,१५१,१५७,१५६,१६१, ३१३, धम्मवर (धर्मवर) ज २१६३:५।२१,२८ Page #241 -------------------------------------------------------------------------- ________________ है५४ धम्मसारहि ( धर्मसारथि) ज ५।२१, धम्मिय (धार्मिक) उ १।१७,१६,२४४।१२,१३, १५. धय ( ध्वज ) उ ३।१०८, १८४ धर (घर) प २३०, ३१,४०११०,२१४१, ४६ से ५४ 1 धर (धू) धरेइ ज ५१४६,६०,६६ धरण (धरण) ज २३४, ३५, ४०१६ ज ३।१८५, २०६५।५२ धरणि ( धरणि) ज २१३२ धरणिखील ( धरणिकील) सू ५:१ धरणितल ( धरणितल ) प १७ १०७,१०६,१११ ज ३।६।१२,३५,१०६ ४१२१३,२१५, ५।२१, ५८ धरणिसिंग ( धरणिशृंग ) सू ५।१ धरणीयल ( धरणीतल ) ज ३२१०६, ११७५।५, ४४ उ १२३,६१ घरिज्जमाण ( ध्रियमाण ) ज ३६,१८,७७,७८, ६३, १८०,२२२ घरत ( धरत्) ज ३६२ ध (ध) प १३३६।३ धवल (धवल ) प २।३१ ज १।३७२११५; ३३६, १७,२१,३१,३४,३५,११७, १७७, १७८, २११, २२२५५८, ७ १७८ धवलवसभ ( धवलवृषभ ) ज ५१६२,६३ धस (दे० ) उ ११२३, ११ धाइकम्म ( धातृकर्म ) उ३१११५ धाई (धातु) उ ११६४ धाय (धातु) प २४७ २ धाइड ( धातकीपण्ड ) प १५।५५; १६।३०; १७।१६५ सू८१; १६७,८११,२, १६३६ ; १६।२२।२५ धाई ( धातकी ) प १।३५।२१५।५५।१ घाईड ( धातकीपण्ड ) स १६।२२।२३, २४ धार ( धारय् ) धारे ज ३ । १२६ । १ धारणा ( धारणा ) ज ३१३ धारणिज्ज ( धारणीय ) प २२२१५,८० धम्मस रहिन्धोव धारा (धारा) ज २११४१ से १४५; ३ । १२,११५, ११६,१२२,१२४ धाराय ( धाराहत) ज ५१२१ धारि ( धारिन् ) प २ ३०,३१,४१,४६ धारिणी ( धारिणी) ज ११३; २०१५ चंसू १३ धारेयव्व ( धर्तव्य ) सू २०६५ घावण ( धावन) ज ३।१७८ ७११७८ धिइ ( धृति) ज ४६८९ उ ४१२३१ धिइकूड ( धृतिकूट ) ज ४१६६ धिक्कार ( धिक्कार ) ज २१६२ धिति ( धृति) सू २०१६१३, ५ धुर (धुर) सू २०१८ धुर ( धुरक) सू २०१८५ धुरा (धूर् ) ज ३।३५, १७८,१८८ ध्रुव ( ध्रुव) ज ११११,४७,३१६७,२२६, ४१२२, ५४,६४,१०२,१५६६७/२१० ध्रुवराहु ( ध्रुवराहु ) सू २०१३ धूमके ( धूमकेतु) प २२४८ सू २०१६२४ धूमकेतु (धूमकेतु) सू २०१८ धूमप्पभा ( धूमप्रभा ) प १।५३; २/१,२०,२५; ३३१५,१६,२०,१८३४।१६ से १५; ६११४,७७,७८,१०११ २०१७, ४१ ; २१/६७; ३३।७,१६ धूमट्टि (धूमवति) ज ३।१२,८८५१५८ 1 धूमाय (धूमाय्) धूमाहिति ) ज २।१३१ धूया ( दुहितृ) ज २२७,६६ ३ ३ ११४; ४६, १६ धूलि ( धूलि ) ज २ १३१,१३२ धूव ( धूप ) प २३३०,३१,४१ ज १४० २२६५; ३७.६.११,१२,२१,३४,८५,८८,४।१३०, १३६,२१८,२४२५७,५७,५८ सू २०१७ उ ३१५०,११० धोत ( धौत ) ज ३|११७ धोय (धौत ) प २३१ ज ३१२४ धोरण (दे० ) ज ३३१७८७ १७८ V धोव (धाव् ) धोवइ उ ४१२१ धोवसि उ ४१२२ Page #242 -------------------------------------------------------------------------- ________________ धोव्व-नलिणिगुम्म ५५ घोम्ब (दे०) ज ३।१६७६ नपुंसकलिंगसिद्ध (नपुंसकलिङ्गसिद्ध) प १११२ नपंसग (नपुंसक) प ११४६ से ५१,६०,७५,७६, ८१:१११२७ न (न) उ ११३७ नपुंसगवेद (नपुंसकवेद) प १८१६२,२३१७५ नउय (नयुत) ज २१४ नपुंसगवेदग (नपुंसकवेदक) प ३६७,१३।१६ नउयंग (नयुताङ्ग) ज २।४ नपुंसय (नपुंसक) प ६१७६ नंद (नन्द) ज २१६४; ३।१८५,२०६ नभ (नभस्) ज २१६५ नंदण (नन्दन) उ २।२।१ निमंस (नमस्य ) नमसइ ज ११६:५५८ नंदणयण (नन्दनवन) उ ५।६,७,३६ ३७ उ १।१६।३।८१,४।१३:५।२० नमसंति नंदा (नन्दा) उ ११३०,३१ उ४।१६,५१३६ नमसीहामि उ ३।२६ नंदि (नन्दि) प १५५५।१ नमसेज्ज ज २०६७ मंदिघोस (नन्दिघोष) ज ३।१७८ नमसमाण (नमस्यत्) उ ११६ नंदिय (नन्दित) ज ३१५,६,८,१५,१६३१,५३, नमंसित्ता (नमस्यित्वा) ज ११६ उ १८१६,३१८१; ६२,७०,७७,८४,६१.१००,११४,१४२,१६५, ४।१४।५।२० १७३,१८१,१८६,१६६.२१३;५।२७ नमिऊण (नत्वा) ११२ नंदीमुह (नन्दिमुख) ज २१२ नय (नय) सू श२५;२२,४१२ उ ११३८,४०,४२ नंदीसरवर (नन्दीश्वरवर) ज २।११६ नयण (नयन) उ १११५.३५,३१६८ नक्खत्त (नक्षत्र) पश१३३,२।२३ से २७,४८,५०, नयर (नगर) उ १२,२८,२६.१२१,१२२:३१४, ६३ उ २०१२ २१,२४,८६,१५५,१६८,१७१,४।४,६.७,१३, नगर (नगर) पश७४ ज २१७१:३१६,७७,२२२ १५,१८,२८,५।२४ से २६,४३ नगरावास (नगरावास) प २४४३ नयरी (नगरी) चं ६,७,८ सू१।१ से ३ उ १५६, नगरी (नेगरी) उ ११११० १०.१२.१६ ६३,६५६७,६८,१०५ से १०७, नग्गभाव (नग्न भाव) उ ५१४३ ११०,१११,११५,१२२,१२५,१२६,१३०, नच्चंत (नत्यत्) ज ३११७८ उ ११३६ १३२,१४४.१४५, २१४,५,१६,१७,३१६,११, निज्ज (ज्ञा) नज्जइ उ ११५४ २१ २७ से २६,४६,४८,५०,५५,६५,६६,६६, नट्ट (नाट्य) प २१३०,३१,४६ ज १४५ १००,१११,१५७,१५८,१६६,१७१,५।४,५,६, नदृविहि (नाट्यविधि) उ ३१७,२१,२५,६२,१५६, १६९७४।५ नर (नर) ज २६५,७१ नट्ठ (नष्ट) ज २११३३ नरग (नरक) प २२२ से २७,२।२७।३,४ नत्ती (नप्त्री) उ ३१११४,११५,११६ उ ११२६ नत्तु (नपत) ज २६६ उ २२२ नरच्छाया (नरच्छाया) प १६१४७ नत्तुय (नप्नक) उ १५१०६,११०,११३,११४; नरय (नरक) प २।२३;६१८०१२ उ १।१४० ३।११४ नरवइ (नरपति) उश१२४,१३१:५।१६ नत्यि (नास्ति) ५११८१,५११५५; ३६१३३ नलिण (नलिन) प ११४६,१४४८१४४ नदी (नदी) प २१४,१३.१६ से १६,२८; नलिणहत्थगय (हस्तगतनलिन) ज ३.१० १५५५।२ नलिणिगुम्म (नलिनीगुल्म) उ २।२।१ Page #243 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नव-निक्कट्ठ नव (नवन्) प ११८११ ज ३।१०६ सू श१४ उ११५३ नव (नवम) प १०।१४।३ नवणउति (नवनवति) सू ११२१ नक्ण उय (नवनवति) सू १२६ नवणवति (नवनवति) सु ११२१ नवति (नवति) सू २१३ नबम (नवम) ५ १०११४।१,२ उ १ २२ नयरं (दे०) प २।४०,४४,६२,५१४२,४३,४६, ५०,५४,६४,८७,९८,१०२,१०५,१०८.११२, ११७,१२२,१३२.१४८,१५१,१६७,१७०, १७५,१७८,१७६,१८२,१८५,१८८,१६४, १६८,२०४,२०,२०८,२१३,२१५.२१६, २१६,२२२,२२५,२३५,२४०,२४३, ६।४६, ५६,७४ से ७८.८०,८१,८३,८४,८६,८६,६२, ६४,१००,१०७,१०८,११२,११८२,८३, १२॥३१, १३।१५,१५।६०,६२,६६,६७,१४३; १७.६६, ३६।६ सू११२२ उ १११४८,२१२०; ३१७,१३, ४१५५११३ नवविह (नवविध) प १७:१३६ नह (नख) उ ११३६,५५,५८,८०,८३,६६,११६ ११८,३।१०६,१३८,५१७ नाइ (ज्ञाति) उ ३.४२,११०,१११:४११६,१८ नाइय (नादित) ज ३७८,५।२२ नाग (ग) प २३०११,२१४०।१० ज ३११८५, २०६ नागकुमार (गकुमार) प १११३१,२।३५,४१४३ से ४५.५५,५८,६१८.६१ नागकुमारत्त (नागकुमारत्व) प ३६।२४ नागकुमारराय (नागकुमारराज) प २१३६ नागकुमारी (नागकुमारी) प ४१४६ से ४८ नागपव्यय (नागपर्वत) ज ४१२१२ नागमाल (नाममाल) ज २१८ नागलता (नारलता) प ११३६१ नाडइज्ज (नाटकीर) ज ३१७४ नाण (ज्ञान) प २१६४।१२।४३,८७,१०२,१०५, ११५ ज २१७१,८५,३।२२३:५।२१ उ ३।४४ नाणत्त (नानात्व) प २४० नाणा (नाना) ज ४।१३ नाणाविह (नानाविध) उ ५१५ नादित (नादित) ज ३।२०६ नाम (नामन्) ५१।१०११५, २१३०११,२१५८,६१; २३३१५१ ज ११४६,३।२४४।२६२ च ६,७, ८,१० सू ११ मे ३,५,६ उ १११ से ३,९ से १३,२८ से ३२,६५,१४४ से १४६, १४८; २।४ से ७.१६ से २०,२२, ३1४,६,१०,२१, २७.२८,४८,५०,५५,८६,६५ से १७,१३२, १५५,१५७,१५८,१७१,४७ से ६.२८; ५।२।१,४ से ७,६.११ से १३,२१,२४ से २६, ४०,४१ नामधिज्ज (नामधेय) प २१६४ नामधज्ज (नामधेय) ज ३।१३५.१ सू १०।८४ उ ११६३; २६।३।१२६ नामय (नामक) च ५२ सू १६२ नायव्य (ज्ञातव्य) ५११४८६.१६१०११४,१२ सूश२५:२।२ नारी (नारी) ज १६५ नालिएरी (नालि केरी) प ११४३१२,११४७११ नालियावद्ध (नालिकाबद्ध) प १४८१४१ नासा (नासा) ज ३१२११:५५८ निउण (पुण) प २१४१ ज ५७ निओय (नियोग) ज ३११७८ इनिंद (निन्द) निदंति उ ३.११६ निदिज्जमाण (निन्द्यमान) उ ३।११८ निबकरय (निम्बकरज) ११३५३ निकुरंब (निकुरम्ब) उ ३।४६ निक्कंकड (निष्कङ्कट) ज २३१ निक्कंकडछाया (निकट छाया) प २।३०,४६. निक्कंखिय (निष्कासित प १११०१।१४ निक्कठ (निकृष्ट) उ १११३८ Page #244 -------------------------------------------------------------------------- ________________ निक्खंत-निन्भच्छणा ६५७ निक्खंत (निष्क्रान्त) उ ३.१७०४।२८,५।२७ निच्छय (निश्चय) उ ३३११ निक्खम (निर्-। क्रम्) निक्खमइ उ १११६ निच्छुहाव (नि ! क्षेपय ) निच्छहावेइ उ ११११७ निक्खमण (निष्क्रमण) ज ४११७७ उ ३३१०६; निच्छुहाश्यि (निक्षेपित) उ ११११६ निच्छूद्ध (निक्षिप्त) उ१।११८ निक्खममाण (निष्कामत् ) सू १।८।२,१११२ १४, निज्जर (दिर : ज़) निज्जरंति प १४।१८ १६,१८,१६,२१ २४,२७, २।३:६११ निजरिसु प १४.१८ जिनिस्संनि निक्खमित्ता (निष्क्रम्य) उ १२११६ प १४११८ निज्जरेंसु प १४६१८ निक्खित्त (निक्षिप्त) उ ३।४८.५०,५५ निज्जरा (निर्जग) प १४।१८१ निक्खेव (निक्षेप) उ १११४८ निज्जाणसंठिय (निर्याणसं स्थित) सू ४१३ निगम (निगम) प ११७४ ज ३६,७७,२२२ निज्जाणभूमि (निर्याणभूमि) ज ५१४८ निगर (निकर) ज ३।१२,८८; १५८ निज्जाणमग (निर्माणमार्ग) ज ५१४४ उ ३१६१ निगिण्ह (नि-+ग्रह ) निनिम्हइ ज ३१२३,३७, निज्जुत्त (नियुक्त) प २।३० निज्झर (निर्भर) ज २।४,१३ १६ से १६,२८ निगिहित्ता (निगृह य) ज ३१२३ निट्टियट्ठ (निष्टिताथं) ५३६९४ निगोद (निगोद) प ३६१ से ६३.७० से ७४,५२, निण्ण (निम्न) ज ३१७७,१०६ ८४ से ८७,६४,६५,१८३;१८।४६ नितंब (नितम्ब) ज ४।१६४ निगोय (निगोद) प ११४८।५६ से ५८,३१८७ नित्तेय (निस्तेजम्) उ १६३५ निग्गंथ (निन्थ) ज २१७२ उ ३१३८,४०,४२, निदाया (दे०) ३५१८,१६ १०३,१३६,४।१४।५।२० निदाह (निदाघ) ज ७१११४१२ निम्गंथी (निर्ग्रन्थी) ज ३।१०२,११५,११७,११८; निद्दा (निद्रा) प २३६१ ४१२२ उ ३११०२,११५,११७.११८,४१२२ । निद्दायमाण (निद्रायमान) उ ३।१३० निग्गच्छ (मिर-गम्) निगच्छइ उ १११६; निद्ध (स्निग्ध) प१४ से ६.५,७,१२६.२१४, ३।१३; ४.१३,५।१६ २१८,२२१,२२६; १३३२२; १७११३८ निग्गच्छित्ता (निर्गत्य) उ ११६,३।२६,४।१३ __ ज ३।१०६ निग्गय (निर्गत) चं ६ सू ११४ उ ११२,१६२।६; निन्न (निम्न) उ ३१५५ निष्पंक (निप्पङ्क) प २।३०,३१,४६,५६,६३, ३१५,१२,२४,८६.१४७१५५,१५६,४१४,१०; ५।१४,२६,२७,३७,३८ ६४ ज १३१ निष्पपसिणशागरण (निःस्टप्रश्नव्याकरण) निग्घोस (निर्घोष) ज ३११२,७८ उ ३.२६ निघस (निकष) ज ११५ निप्पाण (निष्प्राण) उ १२६० ६१ निचिय (निचित) ज ५५ Vनिष्फज्ज (निर्- पद्) निष्फज्जए ज ७।११२।४ निच्च (नित्य) परा२४,२६,२७ सू१०।१२६१४ निष्फज्जति पहा२६ निच्चच्छणय (नित्यासः क, नित्यक्षणक) उ ५५ निष्फन्न (निष्पन्न) ज २११८ निच्चालोय (लित लोक) सू २०८१६ निम्फाव (निप्पाव) प ११४५३१ ज ३।११६ सेम निच्चिट्ठ (निश्चेष्ट) 3 १।१०.६१ निम्भंछ (निर| भत्सं ) निभच्छेइ उ ११५७ निच्छुभिउकाम (निक्षेप्नुकाम) उ १११३ निभच्छणा (निर्भर्सना) उ ११५७,८२ Page #245 -------------------------------------------------------------------------- ________________ निम-निविट्ठ निभ (निभ) ज ३।१०६ निरुवक्कमाउय (निरुपक्रमायुष्क) प ६।११५,११६ निमज्जग (निमज्जक) उ ३१५० निरुवलेव (निरुपलेप) ज २१६८ निमित्त (निमित्त) उ १४१,४३ निरुवहय (निरुपहत) उ ३१३२ निम्मंस (निर्मास) उ ११३५ निरोदर (निरुदर) ज २१५ निम्मम (निर्मम) प २१६४।१ निलाड (ललाट) उ ११२२,११५,११७,१४० निम्मल (निर्मल) प २१३१,४१,४६,५६.६३,६४ ।। निवइय (निपतित) ज ३।२५,३८,४६ ज ७४१७८ ििनवज्जाव (नि। सादय) निवज्जावेइ उ ११४६ नियम (निजक) ज २१६३ उ १११६,१३६, ३२५०, निवज्जावेत्ता (निप.द्य) उ १।४६ ६८,११०,१११,१२८,४११३,१६,१८ निवडिय (निपतित) उ ११२२,१४० नियत्त (निकृत्त) उ ११२३,६१ निवडढेत्ता (निवऱ्या) ज ७४२७ नियत्थ (दे०निवसित) उ ३१५१,५३,५५,६३,६७, निवडढेमाण (निवर्धयत् ) ज ७१२५,२७,३० ७०,७३ सू११२० नियम (नियम) प ६।११६,१०।६,२१,१११५५ निवत्त (निवृत्त) उ १२६३ २१:१०३ ; २२१५० से ५२,६७, २७।२ भिवयउप्पय (निपातोत्पात) ज ५१५७ उ ३।३१ निवह (निवह) ज २१६५,३१६३,१५७.१६३ नियमसो (नियमशस) प २१६४१११ निवार (नि+ वारय्) निवारेंति उ ३१११७ नियमा (नियमा) ज ७/४८ निदारिन्जमाण (निवार्यमाण) उ ३३११८ नियल (निगड) उ १.६५,६६,६८,७२,८८,६२ निवृढिता (निवi) सू १।१४ निरंगण (निरङ्गण) १ १११२५ निवुड्ढेत्ता (निवध्यं) सू ६१ निरंजण (निरञ्जन) ज २६८ निवुड्ढेमाण (निवर्धमान) सू ११४,२१,२७,२॥३; निरंतर (निरन्तर) १६४७ से ५८,१०६,११०% १०३५ से ३६,४१ से ५३,१११७०,२०११६. निवेदण (निवेदन) ज २१३० ४४,६०,२२१११,२७,५३, ३६।२४ ज ५५,७, निवेस (निवेश) प १७४ ज ३।१८,६१,६६, निरय (निरय) परा१,१० ज २१३३ १३१,१३७ उ १११३३,१३४ निरयगति (निरयगति) प ६१,६ निवेसिय (निवेशित) उ ३९८ निरयपत्थड (निरयप्रस्तर) प २११ निश्वत्त (निर्वत्त) २१६७११ ज ३।१४,४३,१४६ निरयावलिया (निरयावलिका) प २।१,१० उ ११५ निव्वत्तणया (निर्बर्तन) प ३४।१,२,३ से ८,१४२,१४३,१४८,२१,५१४५ निव्वत्तणा (निर्वर्तना) प १५१६०,६५ निरयावास (निरयावास) प २।२५ निब्वत्तणाहिकरणिया (निर्वर्तनाधिकरणिकी) निरवकंख (निरवकाक्ष) ज २१७० प २२।३ निरक्यव (निरवयव) उ ३७६ निवत्ति (निर्वृत्ति) प १४८५३ निरवसेस (निरवशेष) प ३४२१ ज ४११६०,२७७ निवाघाइय (नियाघातिक) ज ७/१८२ उ११४७ निवाघातिम ( निघातिन, निर्याघातिम) निरालंबण (निरालम्बन) ज २१६८ सू१८१२० निरालोय (निरालोक) उ११२२,१४० निवाघाय (निाघात) ज १७ ज ३२२३ निरावरण (निराकरण) ज ३१२२३ निस्विट्ठ (निर्विष्ट) ज ३६३२।१,२२१ Page #246 -------------------------------------------------------------------------- ________________ निविट्टकाइय-नोइंदियउवउत्त निविठकाइय (निविष्टकायिक) प १११२७ निविण्ण (निर्विण) उ ११५२,७७ निम्वितिगिच्छा (निविचिकित्सा) प११०१११४ निविसमाण (निविशमान) प ११२७ निव्वुइकर (निर्वृतिकर) ज ५१३८ निवडढ़ ( निर्धय) निबुड्ढेइ सू ६.१ नित्य (निर्वत) उ १।६१,६२,८६,८७ निवेड्ढ (निर्+ वेष्टय) निवेड्ढे इ सू २।२ निव्वेढेति सू २।२ निव्वेयण (निर्बेदन) 3 १६१,६२,८६,८७ निसंत (निशान्त) उ ३११३८ निसढ (निषध) ज ४१९४ उ ५।२६१,५।१३,२०, २२,२३,३१,३२,३४ से ४३ निसम्म (निशम्य) ज ३।६१ उ १२१:३११३; ४११४:५/३० निसामत्तए (निशमितुं) उ ३३१०२,१३४ निसास (निःश्वास) ज ३।२२१ उ ५६४३ निसीय ( निषद्) निसीयइ उ ११४१ निसीयित्ता (निषद्य) उ ११४१ निसीहिया (निषाधिका,नषेधिकी) उ ४॥२१ से २३ निसेग (निषेक) प २३।७४ निस्संकिय (नि:शंकित) प११०१।१४ निस्सग्ग (निसर्ग) प ११०१११ निस्सासविस (निःश्वासविष) ५ १७० निहाण (निधान) प १।११२ निहिरयण (निधि रत्न) ज ३।१६६ से १६८ इनीण (ती) नीणेइ उ ११६७ नीय (नीच) उ३११००,१३३ नीरय (नीरजस) प १४१,४६,५६,६३,६४ नील (नील) प ११४ से ६; ५।२०५:१११५३; २८।२० ज ४२६ नीलपत्त (नीलपत्र) प ११५१ नीलमत्तिया (नीलमत्तिका) प १११६ नोललेस्स (नीललेश्य) प १७१६४ नोललेस्सा (नीललेश्या) प १७३७ नीलवंत (नीलवत्) ज ४११४२।३,१७८,१८०,२०७ २२७ नीलासोय (नीलाशोक) १७।१२४ नोली (नीली) प ११३७।१ नील नीव (नीप) ज ५।२१ इनीसस (निरन श्वस्) नीससंति प ७१ से ४, १ से ३०; १७१२५ नीसा (निश्रा) ज २।१३३ नीसास (नि:श्वास) प ११४८८५३ ज २१४१; ५८ नीहरण (निर्हरण) उ १६२ नूणं (नूनम् ) उ ३।३८ ने उर (नुपूर) ज ११२६ नेमि (नेमि) ज ३।३५ नेयत्व (नेतन्य) प २।४७१३, ३६.२७ ज ४।७५ सू २।२४।२ उ ११४८, २।२२,५१४५ नेरइय (नरयिक) प ११५२,५३,२।२० से २७; ३।१० से २३ ३८,३६,१२६,१८३,४।१,.. से २४,५२३ से ५,८,२२,२७ से ३४,३६,३७, ४०,४१,४४,४५,६।१० से १६,४५,४६.५१, ५८,६०,६५,६८,७०,७३ से ७८,८०८:, ८७,८८,६० से ६३,६६,६६,१०१ से १०३, १०५,१०६,११०,११४,११७,११६,१२१ ७१,८१२,४,५,६२,१४,२१,२४,१०१ : ५१; १११४०,४१,१५१६०,६१,८८; ११::: १७१६,१०१,१८१२,२०१६३;२०१३ २८।१०६,३६१२२ उ १।२६,१४० नेरइयअसपिणआउय (नरयिकासंज्ञयानक प २०१६४ नेरइयत्त (नरयिकत्व) उ ११२६,२७,१० नेवत्थ (नेपथ्य) ज ३३१७८ नेसप्प (नंसर्प) ज ३।१६७१ नेह (स्नेह) उ ११७२,७३,८७,८८.६२ नो (नो) पश२ सू १११८ उ १।१५८ ४१२२ नोइंदियउवउत्त (नोइन्द्रियोपयुक्त) ५ ३।१७० Page #247 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नोइंदियजवणिज्ज-पउस. नोइंदियजवणिज्ज (नाइन्द्रिययापनीय)3३।३२, ३०,६०,६४,८४,१५४,१५५,२६६,२७२; ५।५५ ५६७।१७८ उ२१२,६ से १३ नोजुग (नोयुग) सू १२१७ पउम (कंद) (पद्मकन्द) ५११४८।४२ नोपज्जत्तगनोअपज्जत्लग (नोप निकनोअपर्याप्तक) पउमंग (पद्गाङ्ग) जरा४ प३।११० पउमगुम्म (पद्मगुल्म) उ २१२११ नोपज्जत्तनोअपज्जत (नाप प्तिनो पर्याप्त) पउमद्दह (पद्मद्रह) ज ४।३,४,६,२२,२३.३७, प३१११० ३८,६४.८६,१४१,५४५५ नोपरिर नोअपरित (नोपरीतनो अपरीत) प३।१०६ पउमपरा (पद्मपत्र) ज ५१३२ नोभवसिद्धियोअभवसिद्रिय यमप्पभा (पत्रमा) ज ४।१५४,१५५।१,२२१ (नोम सिद्धिकनोभवमिडिक) प ३।११३ पउमभद्द (पद्मभद्र) २२.१ नोसंजतनोअसंजतनोसंजतासंजत पउमलता (पद्मलता) प ११३६१ (नोनयननो संयतनो दामन) प३।१०५ पउमलया (पदमलता) ज १३७,२।११,१०१; ४।०७।२८,३२३४;७।१७८ नोसंजयनोअसंजयनोसंजतासंजत पउमबरोइया (पद् गवरवेदिका) ज ११० से १२, (ोतं तनातनोगयतागयत) प ३३१०५ १४,२३,२५,२८,३२,३५,५१:४३१,३,२५,३१, नोसणि नोअसष्णि (नोगंज्ञिनोसंजिन) प ३१११२ २६,४३,४५,५७,६२,६८,७२,७६.७८,८६, नोसुहुमनोबादर (नोसूक्ष्मनोबादर) ५ ३।१११ ६५,१०३,११०,११८,१४१,१४३,१४८,१४६, १७८,१८३,२००,२०१,२१३,२१५,२३४,२४० पइठ्ठ (प्रतिष्ठ) ज ७/११४।१ से २४२ पइट्ठा (प्रतिष्ठा) ज ५१२१ पउमसेण (पद्मसेन) उ २।२।१ पइट्ठाण (तिष्ठान) ज ३।१६७।११,३।२०६, पउमा (पद्मा) प ११४८४ ज ४११५५११,२२१ २१०।४।२६:५१५६ पउमहत्थगय (हस्नगतपद्म) ज३।१० पइति ( : तिष्ठित) प २६४१२ पउमावई (पदमावती) ज ५।१०११उ ११११, पइट्टिय (अतिटित) १२१६४।३ ; १४१८।१ १६ से १.२,१४४२।४,७ से १,१६:५।२५ पइण्ण (कीर्ण ) ज ३।१२० पउमुत्तर (पदमोत्तर) प १७।१३५ ज ४१२२५॥१, पइण्णग (प्रकीर्णक) प १११०१।८ पिउंज ( गुज) पउंजइज २१६०,६३,३१५६, १४५५॥२१,५८ पउंज ति ज २११८३।११३; पउनुपलपिधाण (पद्मोत्पल पिधान) ज ३।२०६ १८५,२०६३ पउय (प्रयुत)ज २१४ पउंजमाण (प्रमुजान) ज ३।१७८ पउयंग (प्रताङ्ग) ज २१४ पउंजिता (प्रयुज्य) ज २०१० पउर (प्रचुर) ज २३१३१,३११०३ उ ५५ पउट्ठ (कोष्ठ) ज ७११५८ पउरजंघा (प्रचुरजंघा) ज २१५३,१६२ पउम (पद्म) प ११४६,११४८१४१,४४,६२, पउरजण (पौरजन) ज २१६५ २।४६११।२५ ज ११५१,२१४,१५,१६,३१३, पउल (दे०) प ११४८।६ १०,१०६:२०६;४१६,७,१४,१५,१७ से २२, पउस (पओम) पर Page #248 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पउसीया-पंचवीस ९६१ पउसिया (बकुसिका) ज ३।११०१ पंचगुमितल (पंचांगुलितल) ज ३१५६ पएस (प्रदेश) प १४,११४८१५८,५९२१६४, पंचोलिया (पञ्चाङ्गुलिका) प १४०।१ २०६४।११:३।१८०।५।१३२,१३६ से १४५, पंचगि ((गच्चाग्नि) उ ३०५० १६०,१६१,१७६ १६५,२१४,२१६:१०१२ से पंदण उय (पञ्चनवति) ज ४।११८ १,१८ से २४,२६ से ३०,१११५०; १५।१११; पंचतीत (पञ्चविंशत् ) सू १३१२५ १५॥१२,२५,५४ ; १५११४१ ; २०१।१; पंचपएसिय (पञ्चप्रदेशिक) प १०१० २२१५६,३६८२ ज २१५:३।११७,५१३८%, पंचम (पञ्चमी पंचम (पञ्चय) प ३।१६,१८३,६८०१; ६६१,३,७१७८ १०११४।३;१२१३२:१७१६५; २२१४१,४२, पएसठ्ठया (प्रदेशार्थ) प ३।१२२,१८०,५१२४, ३३११८:३६१८५,८७ ज १८८,४११०६; २८,६८,७८,८६,११५,१३६,१३८,१४०,१४३, ७।१०१ से ११०,१३११ सू१०७७.१२७; १४७,१५०,१५४,१६३,१६६,१६३,१६७ ६३३१११२,६,१२१६,१३१० उ २।२२, २००,२१४,२१८,२२१,२३०,२४२:१०॥३,२७ 1७४,७६,१५४,१६६,१६७,५११,३,४५ से २६:१५॥१३,२६,३१,१७१४४ से १४६, पंचमी (पटनमी) ज ३१२४१४ १२:४५२,११८, २११०४ उ ३१४४ १२५,१२११४ सु १०।६०; १२१२८ पओग (प्रयोग) प ११११५,१६११ से १८ पंचमठिय (परमप्टिक) ज ३।२२४ उ ३।११३ __ ज ३।१०३,११५,१२४,१२५ पंचय (पञ्चक) प २३।२६,२७,६१ पओगगति (प्रयोगगति) प १६।१७ से २१ । पंचराइय (पञ्चरात्रिक) ज २७० पओगि (प्रयोगिन् ) १६१० से १५ पंचलइया (चलतिकर) ज ३१८८ पओय (प्रयोग) उ ३।१०१ पंचम (चवर्ण) ज १।१३,२१,२६,३३,३७, पंक (पङ्क) प १६।५.४ ३६,२७,५७,१२२,१२७,१४७,१५०,१५.६, पंकगति (पङ्कगति) प १६१३८,५४ १६४:३१,७,२६,३६,४७,५६,६४,७२,८८, पंकरपभा (पङ्कप्रभा) प १५३,२१,२०,२४; ११३,१३३,१३८,१४५,१६२,४१६३,११४; ३.१४,२०,२१,१८३:४११३ से १५६१३, ५१३२,४३ सू २०१२ ७६,७७,१०११;२०१६,१०,४०,२१६७:३३१६, if पंच पिणय (पंचणिक) ज ३।११७ काज १६ उ ११२६,२७,१४० पंचध (पञ्चविध) सू २०१७ पंकबहुत (पङ्कवहुल) ज २११३२ पंचविह (पञ्चविध) प १४,१४,१५,५५,५८,६६, पंकय (पङ्कज) ज ३।३५ १२४,१३३,१३८,१११७३;१३१४,६,१२,२४ पंकावई (पावती) ज४।१९३ से १६६ से २६,२८; १५॥१८ से ६०,६२,६३,६.५ से पंकावती (पावती) ज ४१६५ ६७; १६।५,१७,२५,२७,२११२,३,५५,७५,७६, पंच (पञ्नन्) प ११७४१९ च ३।३ सू १० १४:२३।१७,२३,२५,२७,४०,४१,४३,४४,४६, उ १२ ५६३४।१७,१८ ज २२१४५:३१८२,१८७, पंच (पंचम) प १०१४।४ से ६ २१८,७।१०५,१११,११२ सू १०।१२७ से पंचक (पञ्चक) प २३।१.४ १२६:१६।२२।२१ उ ३३१५,८४,१२१,१६२ः पंचग (पञ्चक) प २३११५५,१३७,१८० ४१२४:५१२५ ज७१३१२ पंचवीस (पञ्चविंशति) सू ११२१ Page #249 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६६२ पंचसइय-पक्कणी पंचसइय (पञ्चशतिक) ज ४११६२,१६८,२०४, ३६७,४०,५१,५७,७२,७३,६२ २१०,२३७,२६३,२६६,२७५ पंजर (पञ्जर) १ २।४८ ज ३१११७,४१४६ पंचसतर (पञ्चसप्तति) सू १९४२२१३२ पंजलिडड (प्राञ्जलिपुट) ज ३।१२५,१२६,५४५७ पंचसत्तर (पञ्जसप्तति) सू १८१४ । उ १३१६ पंचाणुब्वइय (पञ्चानुनतिक) उ ३७६ पंजलियड (प्राञ्जलिपुट) ज १६:२१६०३।२०५, पंचाल (पाञ्चाल) प १४६३०२ २०६५१५८ पंचावण (दे० पञ्चपञ्चाशत) ज ७८१,८४ पंडग (पण्डक) उ ३३६ पंचासीइ (पञ्चाशीति) ज ७२५ पंडगवण (पण्डकवन) प २११८७ ज ३।२०८; पंचासीत (पञ्चाशीति) सू १३११ ४।२१४,२४१,२४२,२४४,२४५,२४६,२५१, पंचासीति (पञ्चाशीति) सू २।३ २५२,५१४७,५५ पंचिदिय (पञ्चेन्द्रिय) प ११५२,५४,५५,६६, पंडर (पाण्डुर) १२॥३१४०१८ १३८% २।१६,२८,३११५३ से १५५.१८३; पंडिय (पण्डित) ज ३१३२ ४।१०५५१३६।१०७,१२१५,१३३१४,१५:३५, पंडुकंबलसिला (पाण्डुकम्बलशिला) ज ४१२४४, १७१२३,२०१३४,३५, २११४३,७०, २२॥३१ २४६ २३।१६५ ज ३।१६७५ पंडुमत्तिया (पाण्डुमृत्तिका) प १।१६ पंचिदियरयण (पञ्चेन्द्रियरत्न) ज ३१२२०; पंडुय (पाण्डुक) ज ३।१६७३ ७।२०३,२०४ पंडुयय (पाण्डुक) ज ३।१६७।१,१७८ पंचेंदिय (पञ्चेन्द्रिय) प १।१४,६० से ६२,६६ से पंडुर (पाण्डुर) ज ३।११७,१८८ ६८,७६,७७,८१, ३।२४,४० से ४२,४८,४६, पंडुरोग (पाण्डुरोग) ज २१४३ १५३;४११०४,१०६ से १५७:२२,८२,८३, पंडुलइयमुही (पाण्डुरकितमुखी) उ ११३५ ८५,८६,८८,८६,६२,६३,९६,६७,६२१,२२, पंडुसिला (पाण्डुशिला) ज ४।२४४ से २४७ ५४,६५,७१,७८,८३,८७,२६,६२,१००,१०२, पंति (पङ्क्ति ) ज २१६५,३२०४:४।११६ १०५,१०७,११६ ; ६४६,७,१६,१७,२२,२३, सू १६।२२।७,८,९ १११४६१२।३१:१३।१८,१६१५॥१७,४६, पंतिया (पङ्क्तिका) उ ३३११४ ८७,६७,१०२,१०३,१०६,१२१,१३८,१६७, पंसु (पांशु, पांसु) ज २११३३;३३१०९ १४,२७,१७।३३,३५,४१ से ४३,६३ से ६८, पंसुकीलियय (प्रांशक्रीडितक) उ ३१३८ ५६,६७,१०४;१८।१६,१८,२४,१६।४; पकड्ढ (प्र: कृष्) पकड्डइ ज ५१४६ २०११३,१७,२३,२५,२६,३४,४८,२११२,७ से पकड्ढिज्जमाण (प्रकृष्यमाण) ज ५१४४ १६,१६,२०,२६ से ३२,३६,४६,५१ से ५५, पकर (प्र+कृ) पक रेंति प ६।११४ से ११६: ५८ से ६२,६५,६८,६६,७१,७७,८२,८८,६४; २०१८ से १३ ज ७।५६ सू १६।२४ २२१७४,८७,६६२३१४०,८६,१५०,१६७, पकरेति २०१६३ १७१,१७६,१७७,१६६,१६६ से २०१,२४।७; पकरेमाण (प्रकुर्वत्) प ६.१२३,२०१६३ २८।४७,४८,६८,११६,१३०,१३६,१३७, पक्क (पक्व) प १६५५ १४२,१४४,२६।१५,२२:३११४,३२१३,३३११, पक्कणिय (दे०)प १८६ १२,२१,२८,३०,३६,३४।३,८,३५११४,२१, पक्कणी (दे०) ज ३१०२ Page #250 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पक्कमंत-पच्चत्थिम पक्कमंत (प्रकामत् ) ज ३।१०६ पगास ( प्रकाश) पगासइ ज ४१६१,२७३, पक्किमृगसंठाणसंठित (पक्वेष्टकसंस्थानसंस्थित) ७.१७८ पगासेति मू ३.१ पगासेति सू ३१२ सू १६.२६ पगिझिय (प्रगृह्य) उ ३।४२ पक्किट्टगसंठाणसंठिय (पक्वेष्टकसंस्थानसंस्थित) पगिण्ह (प्र+गह ) पगिण्हइ ज ३।२०,३३,५४, ज ७:५८ ६३,७१,८४,१३१,१३७,१४३,१६६,१८२ पक्कोलिय (प्रकीडित) ज ३११,१२,२८,४१,४६, पगिण्हं ति ज ३।१११ ५८,६६,७४,१४७,१६८,२१२,२१३ पगिरिहत्ता (प्रगृह्य) ज ३।२० पक्ख (पक्ष) प ७२,७ से ३० ज २०४,६४,६६, पग्गहेत्तु (प्रगृह्य) ज ३।१२,८८,५१५८ ८८,७११५,११६,११८,११६,१२६,१२७ पघसिय (प्रर्षित) ज ३१३५ सू६।१८।१:१०८५,२७,६०,६१ पच्चक्ख (प्रत्यक्ष) ज ३११,२४१३,३७११,४५११, पक्खच्छाया (पक्षच्छाया) सू ६।४ १३११३ उ ५४४ पिक्खल (प्र+स्खल) पक्खलेज्ज उ ३।५५ पच्चक्खयाविणीय (प्रत्यक्षविनीत) ज ३१०६ पक्खि (पक्षिन) ५६१८०।१११४, २११४७।१ पच्चक्खवयण (प्रत्यक्षवचन) प ११८६ . ज २११३१ सू २०१२ पच्चक्खाण (प्रत्याख्यान) ५ २०१७,१८,३४ पक्खित्त (प्रक्षिप्त) प १२।३२ उ १५६० पच्चक्खाणावरण (प्रत्याख्यानावरण) प १४७; पविखप्प (प्रक्षिप) पक्खिप्पई ज ३११८ पिक्खिव (प्र+क्षिप) पक्खिवइ उ ११४६३३५१ २३।३५ पच्चक्खाणी (प्रत्याख्यानिनी) प १११३७।१ पक्खिवंति ज २।१२०५।१६ पक्खिवेज्जाहि पच्चणुभवमाण (प्रत्यनुभवत्) प २१२० से २७ सू २०१६।३ पक्खिवित्ता (प्रक्षिप्य) ज २।१२० उ ११६१; पच्चणुभवमाण (प्रत्यनुभवत्) ज १:१३,३०,३६; ३१४१ ३।१२६,४।२ सू२०१७ उ ११११,९८,६९; पक्खिविराली (पक्षिविराली) प ११७८ ३१११४,११५,११६ पक्खुभिय (प्रक्षुभित) ज ३।२२,३६,७८,६३,६६, पच्चत्थाभिमुहि (पश्चिमाभिमुखिन्) ज ४।४२,७७, १०६,१६३,१८० २६२ पक्खेवाहार (प्रक्षेपाहार) प २८१४०,६६,१०२,१०३ पच्चस्थिम (पाश्चात्य) प ३.१ से ३७,१७६ १७८, पक्खेवाहारत्त (प्रक्षेपाहारत्व) प २८१४०,६६ ज १११६,१८,२०,२३,२४,३५,४१,४६,४८, पक्खोलणय (प्रस्खलत्) उ ३।१३० ५१,३१,४४,६८,६६,६७,१२८,४।१,१६, पगइ (प्रकृति) ज २११६,३१३,११७,७।१८० २६,३७,४२,४५,४८,५५,५७,६२,७७,८१,८४, उ ५१४०,४१ ८६,६४,६८,१०३,१०८,१२६,१३५,१४३, पगइभद्द (प्रकृतिभद्र) ज ११४१:२।३६,४१ १५१०२,१६२,१६७,१६६,१७२ से १७८,१८१, पगडि (प्रकृति) प २३३१०१ १८२,१८४,१८५,१६०,१६१,१६३,१६४, पगय (प्रगत) उ ५२।१ १६६.१६७,१९८,२०० से २०३,२०५,२०६, पगरेमाण (प्रकुर्वत्) प ६११२३ २०८,२०६,२१३,२१५,२२६,२३२,२३८, पगार (प्रकार) ज ३१८१ २५१,२६२,२६५,२६६,२७१,२७२,२७४, पगास (प्रकाश) पश३१ ज २१५,३१३५.११७, ५।१०,३६, ६.१६ से २४,२६,७।१७८ १८८,४११२५,५१६२७१७८ उ ५१६ सू २।१८।१:१३३३२,१४,१६,१८११४; Page #251 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पच्चत्थिमलवणस मुद्द-पच्छिमदारिया २०१२ उ ३३५४ पिच्चुत्तर (प्रति --उत्+त) पच्चुत्तरइ ज २०२८ पच्चत्थिमलवणसमुद्द (पाश्चात्यलवणसमुद्र) ४१,४६ उ ३१५१ ज ४१२६८,२७७ पच्चुत्तरिता (प्रत्युत्तीर्य) ज ३१२८ उ ३१५१ पच्चस्थिमिल्ल (पाश्चात्य) प १६३४ ज ११२०, पच्चुप्पण्ण (प्रत्युत्पन्न) ज २१६०; ३।२६,३६,४७, २३,४८,२।११६,३१४७,७६,६५,१४६.१५०, ५६,१३३,१३८,१४५ ,५३,२२ १५६,१६१,१६४ ; ४१३७,५५,६२,८१,८६६८, पिच्चुवसम (प्रति ।-उप गम्) पच्चुवसमंति १०८,१७२.२१२,२१३,२३०.२३१,२३८% . ज ५७ ७१७८ २।१,१०११४२,१३।१४,१६ पच्चुवसमित्ता (प्रत्युपशम्य) ज ५७ पच्चत्युय (प्रत्यवस्तृत) ज ३३११७ पिच्चुवेक्ख (प्रति !- उप-!- ईक्ष) पच्चुवेक्खइ पिच्चप्पिण (प्रति अपय) पच्चप्पिण ज ३११८७ ज ३।३२,१७१,५७१ पच्चप्पिणंति ज ३१८, पच्चुवेक्खित्ता (प्रत्युप्रेक्ष्य) ज ३।१८७ १३,१६,२६,४२,५०,५६,६७,७५,१४८,१६६, पच्चोयड (दे०) ज ४।३,२५ १७४,१७६,१६८,२००,२१३,५१७०,७३ पच्चोरुभित्ता (प्रत्यवरुह्य) ज ४११३ पच्चप्पिणति ज ३।१६,५३,६२,७०,१४२, पिच्चोल्ह (प्रति अव- रुह ) पच्चोरहइ १६५,१८१,५०५ पच्चपिणह ज २१०५; ज ३१६,२०,३३,५४,६३,७१,१४३,१५१,१६६, ३७,१२,१५,४१,४६,५८,६६,७४,१३०,१४७, १८२,१८६,२०४,२१४,५।२१,४४ उ १.१६; १६८,१७३,१७५.१६१,१६६,२१२,५२६६ ३१५१ पच्चोरुहति ज ३१२१५,५१५,४५ ७२ उ १।१७,४११६:५११८ पच्चप्पिणामि पच्चोरुति ज ३१२८,४१ पच्चोरहेइ उ०१०६ पच्चप्पिणामोड १११२७ ज ३।१११:४।१८ पच्चप्पिणाहि ज ३.१८,३१,५२,६१.६६,७६, चोरुहिता (प्रत्यरुह्य) ज २१६५ उ १११६, ८३,९८,१२८,१४१,१५१,१५४,१६४,१७०, ३१५१,४११५ १८०,५१२८,६८ उ श११५ परमपिणिज्जइ पच्चोषक प्रति अब.क) पच्चोसक्कइ उ १११२८ पच्चप्पिणेमा ५ ३६११ ज: ३.१२,८८,१५५ पच्चीसक्कति मु २०१२ पच्चय (प्राय) ज ३११०६ पच्चोसक्कित्था ज ३८६,१०२,१५६,१६२ पच्चामित्त (प्रत्यात्रि) ज १२८ पच्चोसक्कित्ता (प्रत्यवकप्क्य) ज ३११२ पिच्चाया (प्रति जन) पच्चा तिब६४ पच्छभाग (पश्चाभाग) सू १०१४,५ पच्चायति ज २६४ पच्चाबाहिद उ ४३ पच्छा (पश्चात् ) प ३४११,२,३६८५,८८ सु १०१५ पच्चायात (प्रत्याजात) ज २११३३ उ ३७,५१,५३,५४,६१,१०७,११८,१३६; पच्चावड (प्रत्याक्त) ज ५१३२ ४॥२१ पच्चावरण्ह (प्रत्यापराण्ह) उ ३१५६,६४,६८,७१, पच्छाकड (पश्चात्कृत) सू ८.१ ७४,७४ पच्छिम (पश्चिम) ज २१५५,५७ से ५६.६४,१२६, पच्चद्वित्तए (प्रत्युत्थातुम् उ ३१५५ १५५,१५६; ३३१३५॥१ पिच्चुपणम (प्रति + उत्... णम्) पच्चण्णमइ पच्छिम्कंठभाओवगता (पश्चिमकण्ठभागोपगता) ज ५१२१,५८ सू४ पच्चुण्णमित्ता (प्रत्युसम्य) २१ पच्छिमदारिया (पश्चिमद्वारिका) सू १०११३१ Page #252 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पच्छिमग-बज्जुवट्ठिय पच्छिमग (पश्चिमक) प १७७० १३६,१४२,१४५,१४८,१५१,१५४,१५७, पच्छिमड्ड (पश्चिमाध) प १६।३० १६०,१६४,१६७,१७०,१७३,१७६,१७६, पच्छिमद्ध (पश्चिमार्ध) प १६।३०,१७११६५ १८२,१८५,१८८,१६१,१६४,१६७,२००, पिच्छोल (प्र+क्षालय) पछोलेंति ज ५१५७ २०३,२०६,२०६,२१२,२१५,२१८,२२१,२२४, पच्छोववण्णग (पश्चादुपपन्नक) प १७१४,६,१६,१७ २२७,२३०,२३३,२३६,६७१,७२,७६,८३, पजंपिय (प्रजल्पित) उ ३।६८ ६७,६८,१०२,१११३१ से ३४,१८१६ से १२, पज्जत्त (पर्याप्त) प १४१७,२२.३१,४८१६०, १६ से २४,३१ से ३६,४०,४६ से ५१,५३. ११४६ से ५१,६०,६६,७५,७६,८१२।१६ से ५४,११३,२११४०,४२,४४,४५,२३११६६, ३६,४१ से ४३,४८ से ६३; ३१११२,४३ से १६६ से २०१२८११४२,३६।१२ ४६,५३ से ६०,६४ से ७१.७५ से ८४,८८ पज्जत्ति (पर्याप्ति) प २८४,२३।१९५,१६६, से ६५,११०,१७४,४१५५,७८,८७,६०,६१, १६६ से २०१२८११०६।१,२८।१४२ ६४,६७,१००,२३६,२४२,२४५,२४८,२५१, उ ३.१५,८४,१२१,१६२,४।२४ ।। २५४,२५७,२६०.२६३,२६६,२६६,२७२, पज्जव (पर्यव) १३।१२४,५११ से ७,६ से २०, २७५,२७८,२८१,२८४,२८७,२६०,२६३, २३,२४,२७ से ३४,३६ से ३८,४० से ४२, २६६,२६६।६।६८,१८११२२११६,१६,१८, ४४,४५,४८,४६,५२,५३,५५,५६,५८,५६, २३ से ३४,३६,४०,४१,४४,४८,५०,५३,५५; ६२,६३,६७,६८,७०,७१,७३,७४,७७,७८, २३।१६३,१६५ ८२,८३,८५,८८,८६,६२,६३,६६,६७,१०० पज्जत्तग (पर्याप्तक) प ११२०,२३,२५,२६,२८, से १०७,११० से ११२,११४,११५,११८, २६,४८ मे ५१,५३,१३१ से १३३,१३५, ११६,१२८ से १३०,१३३ १३७ से १३६, १३७,१३८,२१ से १६, ३४२ से ४६,५२ से . १४४,१४६,१४६,१५०,१५४,१५६,१६३, ६०,६३ से ७१,७४ से ८४,८७ से ८६,६१,६२, १६०,१६३,१६७,२००,२०३,२०५,२०७, ६४,६५.११०,१४३,१४६,१८३; ६७१,७२, २११,२१४,२१८,२२१,२२४,२२८,२३० से ८३,६७.१०२,११३,१११३६,४१:१५।४९; २३२,२३७,२३६.२४१,२४२,२४४,१०१५ २११५,१०,१३,२०,४१,५२ से ५५,७२; ज २।५१,५४,७१,१२१,१२६,१३०,१३८, ३४।१२; ३६१६२ १४०,१४६,१५४,१६०,१६३,७१२०६ पज्जत्तगणाम (पर्याप्तकनामन ) प २३१३८,१२० उ ३।४७ पज्जत्तभाव (पर्याप्तभाव) उ ३।१५,८४,१२१, पज्जवसाण (पर्यवसान) प ११४६६,६७,१४११८; १६२,४१२४ २८.१६,१७,६२,६३,३६.२० ज २१६४,५२५६; पज्जत्तय (पर्याप्तक) प ३७४,८७,८६,६०,६२, ७।२३,२५,२८,३०,४५ सू २१४,१६,१७, ६३,६५,१४६,१५२,१५५,१५८,१६१,१६४, २१,२४,२७,२।३,६।११०।१,१११२ से ६ १६७.१७०,१७३,१७४,१८३,४।३,६,६,१२, उ ३१४० १५,१:-,२१,२४,२७,३०,३३,३६,३६,४२, पज्जवसित (पर्यवसित) सू १११२ से ६ ४५,४८,५१,५४,५८,६१,६४,६७,६८,७१,७४, पज्जवसिय (पर्यवसित) प ११:३० ७५.८१,८४,१०३,१०६,१०६,११२,११५, पज्जुण्ण (प्रद्युम्न) प ५१० ११८,१२१,१२४,१२७,१३०,१३३,१३६, पज्जुवट्ठिय (प्रत्युपस्थित) ५ १६।५२ Page #253 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ૬૬ √ पज्जुवास ( परि + उप + आस् ) पज्जुवासइ ज २१६०,६३,५१४८,५०,५८,६५ उ १११६६ ३११३४११३५११९ पज्जुवासंति ज ३।२०५, २०६६५।४६ उ ५।३६ पज्जुवासामि उ १११७ पज्जुवासिज्जा उ ५ ३६ पज्जुवासीहामि उ ३।२९ पज्जुवासेज्ज ज २१६७ पज्जुवासणया (पर्युपासन) उ १।१७ पज्जुवासणिज्ज (पर्युपासनीय ) ज ७ १८५ सू १८/२३ पज्जुवासमाण (पर्युपासीन) ज ११६ चं १० उ १४; ५।२२ पज्झमाण ( प्रभमान) ज ५।३८ पट्ट (पट्ट) ज ३२४, ३५, ७७, १०७, ११७, १२४; ४।१३ सू २०१७ उ ११३८ पट्टगार ( पट्टकार ) प १६७ पट्टण ( पत्तन ) प १।७४ ज २१२२,१३१३।१८, ३१,३२,८१,१६७१२, १८०,१६५, २०६,२२१ उ३।१०१ पट्टणपति ( पत्तनपति) ज ३१८१ पट्टिया ( पट्टिका) ज ३ ७७, १०७, १२४ उ १११३८ पट्ठ (पृष्ट) ज २११५;३ । १०६।११७ उ ११६७ पट्ठविय ( प्रस्थापित ) प २०३६ पट्ठित ( प्रस्थित ) प १६१५२ पट्ठिय ( प्रस्थित ) प १६५२ पड (पट) ज ३१६,८१,१२५,१२६,२२२ √ पड ( पत्) पडइ उ ११५१ पडमंडव (पटमण्डप) ज ३१८१ पडल (पटल ) ज २३१३१, ३१११, ४१३, २५ पडलग (पटलक ) ज ५।५५ पडलहत्थग (पटलहस्तक) ज ३।११ पडसाय (पटशाटक) ज २१६६ पड ( पटह) ३३१२२ ३ १२,७८, १८०,२०६ डाग ( पताका) २२४१, ४८ ज ११३७ २।१५; ३।३,३१ पडागसंठिया ( पताकासंस्थित) सू १०१४२ पडागा ( पताका ) प ११५६,७११५।२६२११२६, पज्जुवास पडिणिक्खम ५७ ज ३१३५,१०८ से १११,१७८४१४६; ५१४३७११३३१२, १८४ उ ११२२, १४० पागाइप डागा ( पताकातिपताका) ज ३३७, १८४; ४ ३० पडागातिपडाना ( पताकातियताका ) प ११५६ पडया ( प्रतिश्रुत्) ज २१६५ / पडिक ( प्रति + कृप् ) पडिकप्पेइ ज ३।१५, २९, ३३ पडिकप्पेह ज ३।२१,३४, ७७,६१, १७३,१७५,११६ ११२३ पक्ति (प्रतिक्रान्त) उ २।१२:३।१५०,१६१६ _५।२८,३६,४१ / पडिक्कम ( प्रति + क्रम्) पडिक्कमेहि उ ३।११५ पडिगय ( प्रतिगत) ज १२४, ३।१२५५।७४ चं ६ सू १।४ उ ११२, २४, ३७,२१,२५,४५,६२, ६६,६६,७२,८१,१४३, १५६, ४३५, ५१२० 1 पडिचर ( प्रति + चर् ) पडिचरइ सू १।१८ पडिचरंति सू १।१८ पडिचरति सू १३।१२ पच्छि ( प्रति + इष् ) पडिच्छइ ज ३१४०, ४८, ५७,६५,७३,१३४, १३६,१४६,१५१,१५२ पडिच्छंति ज ५३१५ पडिच्छंतु ज ३१२६,३६, ४७,५६,६४,७२,१३३,१३८, १४५ ३ ३१११२; ४।१६ परिच्छाहि ज ३७६,१२८,१५१ पच्छिण्ण ( प्रतिच्छन्न) ज २८, ६, १३ पच्छिमाण (प्रतीच्छत् ) ज २२६५;३।१८,३१, १८०,१८६,२०४ पडिच्छायण ( प्रतिच्छादन) ज ४।१३ सू २०१७ पडिच्छित्ता ( प्रतीष्य ) ज ३१७६ उ ११३३ पडिच्छिय ( प्रतीष्ट) उ ३११३८ डिजागरमाण ( प्रतिजाग्रत् ) ज ३।२०,३३,८४, १८२,१६० ११६५ १०५ पडिण ( प्रतीचीन ) सु ११६ पडिणिकास (प्रतिनिकाश) ज ३।९५, १५६ / पडिणिक्खम ( प्रति + निर् + क्रम्) पडिणिक्खमइ ज ३१५, १२, १४, १७, २१,२८,३०,३४,४१,४३, ४६,५१,५८,६०,६६,६८,७४,७७, ८४, ८५, १३६,१३६, १४०, १४७, १४६, १६८, १७२, Page #254 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पडिणिक्खमित्ता-पडिवज्जितए १७७,१८७,१८८, १६६,२१४,२१८, २१६, २२२, २२४५।२३ पडिणिक्खमंति ज ३२८, १५३५१७३ पडिणिक्खमेंति ज ३|१३ पडिणिक्खमित्ता (प्रतिनिष्क्रम्य ) ज ३।५ पडिणिक्खमेत्ता (प्रतिनिष्क्रम्य ) ज ३११३ पडिणियत (प्रतिनियत) ज ३१५१ पडिणिड (प्रतिनिवृत ) ज २२६६ परिणीय ( प्रत्यनीक) ज २२८२०१६१२ पडिदिसि (प्रतिदिश्) सू २०/२ पsिदुवार (प्रतिद्वार ) प २१३०, ३१, ४१ ज ३१७, १८३ डिनिक्खम ( प्रति + निर् + क्रम् ) पडिनिक्खमइ उ १।४२; ३१४६४।१२ पडिनिक्खमंति उ १४५;३।१४५ पडिनिक्खमति उ ३।२६ पडिनिक्खमह उ १।१२१ पक्खिमिता (प्रतिनिष्क्रम्य ) उ ११४२ : ३१२६; ४१२ पडिनिग्ग च्छित्ता ( प्रति निर्गत्य ) उ १।१२४; ५१६ / पडिनियत्त ( प्रति + नि + वृत् ) पडिनियत्तति प ३६।८८ पडिनियत्तित्ता (प्रतिनिवृत्य ) प ३६३८८ परिपाति (प्रतिपातिन् ) प २३/१३४,१३५, १३८, १४०,१४२,१४३,१५१ मे १५५, १५७,१६०, १६१,१६४,१६६ से १६८,१७१ से १७३ पडिपाद ( प्रतिपाद) ज ४।१३ पडिपुच्छण ( प्रतिप्रच्छन) उ १।१७ पडिपुच्छणिज्ज ( प्रतिप्रच्छनीय ) उ ३।११ पडिपुष्ण ( प्रतिपूर्ण ) प २१।७४ ज २।१५,७१, ८५; ३।११७,१६७/१२,२०६,२२३,२२५; ५१५६, ७/१७८ परिपुण्णचंद ( प्रतिपूर्णचन्द्र ) प २१५४,६०,३६८१ ज ११७ सू १।१४ परिबंध ( प्रतिबन्ध ) ज २२६६ उ ३।१०३,११२, १३६,१४८४१११ परिबुद्ध ( प्रतिबुद्ध) उ ११३३; २१८५/१३ ६६७ पडिबोहण (प्रतिबोधन ) ज ५।२६ पडिमंजरी (प्रतिमंजरी) ज ७१२१३ पडिमोयण ( प्रतिमोचन ) ज २११२ पडिय ( पतित ) उ ३।१३१,१३४४।६ पडियाsक्खिय ( प्रत्याख्यात) ज ३१२२४ / पडिय गच्छ ( प्रति + आ + गम् ) पडियागच्छइ सू २११ पडियागच्छित्ता (प्रत्यागत्य ) सू २०१ परिह (प्रतिरथ) उ ११२२, १४० पडिव (प्रतिरूप ) प २१३० से ३२,३४,३५,३७, ३८,४१ से ४३,४५,४५१,२,४६, ४८ से ५२, ५८ से ६१,६३,६४ ज १८ से १०,२३, २४, २६. ३१,३५,४२,५१, २।१२, १४, १५ : ३११. १६५४१, ३, ६, १३, २५, २७ से ३०,३३,४६, १४६.१७८, २०३५।३१,३३,३४,६२ सू ११: १८५१४ से ६ परूिवग ( प्रतिरूपक) ज ३।१६५४१४,५, २६, २७,८६,११८, १४४, २४६ ५ ३०, ३१,४६,६७ पडिरूवय ( प्रतिरूपक) ज ३।१६५,२०४ से २०६, २१४,२१६:५/४१,४२,४४,४५ परुिविय ( प्रतिरूपित ) ज ३११२० / पडिलाम ( प्रति + लाभय् ) पडिलाइ उ ३।१३४ पडिलाता ( प्रतिलाभ्य) उ३।१०१ / पडिलेह ( प्रति + लिख) पडिलेइ ज ३१२२४ पडिलेहिता (प्रतिलिख्य ) ज ३।२२४ पडिलोम ( प्रतिलोम ) ज २२६,६७ पडिलोमच्छाया ( प्रतिलोमच्छाया) सु १/४ पक्खि ( प्रतिपक्ष ) प ५।२२६ / पडिदज्ज ( प्रति + पद्) पडिवज्जइ प ३६४९२ उ ३ । १०४५।२० पडिवज्जति सू८ ।१ पडिवज्जाहि उ ३३११५ पडिवज्जिसु ज २१५१,५४,१२१ पडिवज्जिस्सइ ज २११२६,१३०,१३८, १४०,१४६,१५४, १६०, १६३;३।१३४ पडि वज्जित्तए ( प्रतिप्रत्तुम् ) प २०१७,१८,३४ उ ३।१११ Page #255 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६६८ पडिवज्जित्ता ( प्रतिपद्य ) ३।४५, १०४, १४३,५।२० पडिवतिसम्मकि ( प्रतिपतितम्नदृष्टि ) ३।१८२ पडिवण्ण ( प्रतिपन्न ) प ३६।१२ ज ३११४,२६, ३०,३६,४३,४७,५१,५६,६०,६४,६८,७२, ११३,१३०,१३६, १३८, १४०, १४५, १४६, १७२ सू८ ।१ उ ३१६६,७९ पडिवति ( प्रतिपत्ति) चं १ सू १७१३, ११८ १,२, ३,११२० से २३, २५, २६, २१ से ३,३१,४२, ३,५३१,६११,७३१; ८ १६३१ से ३,१०११, १३१,१७।१,१८१११६११, २०११,२ उ १।११६ परिवया ( प्रतिपत्) ज २११३८ परिवर ( प्रतिपत्) ज ७११२५ २०/२५ / पडिसेह ( प्रति + सेध्) पडिसेहेइ ज ३।११० पडिसेति ज ३|१०८ डिसेहित्तए ( प्रतिषेद्धम् ) ज ३।११५,१२४, १२५ परिसेहिता ( प्रतिषिध) उ ११११६ पडिसेहिय ( प्रतिषिद्ध) ज ३२६५, १०६, १११,१५६ उ ११२७ परिवाद (प्रतिपातिन् ) प ३३३१११,३३१३५ पडियाति ( प्रतिपातिन् ) प ११११४ पडिस्इ ( प्रतिश्रुति) ज २१५६,६० परिवादिवस ( प्रतिपत्दिवस ) ज ७।११६ से १०१८५ पडिसेहेयव्व (प्रतिषेधव्य ) प ६६८; १०१६ से पडिवारा ( प्रतिपात्रि ) ज ७।११६ परिवारात (प्रतिपत्ात्रि ) सू १०/८७ पंडिवाले माण ( प्रतिपालयत् ) उ १।१३३ √ पडिक्सिज्ज ( प्रति + वि + सजय्) पंडिविसज्जइ उ ३ । १०४ पडिविसज्जेइ ज ३१६, २, ७,४०, ४८,५७,६५,७३,१२७, १३४, १३६,१४६,१५२, १७१,१५६,२१६ उ १।१०६, ३११३७ पडिविसज्जिय ( प्रतिविसर्जित) ज ३।१७१ पहिण ( प्रति + हुन् ) पडिहमति सू ५।१ पsिहत (प्रतिहत ) प २६४२, ३ ज ४१२५ पडिहता ( प्रतिहता) सू ९१४ पहिय ( प्रतिहत ) चं २ मू १०६ : ५ । १ पडोण (प्रतीचीन ) प २१०, ५० से ६२ ज १११८, २०,२४,३११:४११,३,८६,८८,६८,१०३,१०८, १४१,१६२,१६७,१६६, १७८, १८५, १८७, १६१,२००,२०३, २४५,२५१७ १०१ सु १ १६ २।१ उ १३३,११० डिसिज्जेत्ता ( प्रतिविसर्ज्य ) ज ३।६ परिमाण (प्रतिसंक्षिपमाण ) ज ५२४४ Vusसंवेद (प्रति + सं + वेद् ) पडिसंवेदेति प १५३८ पडिसत्तु ( प्रतिशत्रु) ज ३ १३५।१ पडसाहर ( प्रति + संह) पडिसाहरइ ज ५२६७ परिसाहरति ज ३।१२५ पडिसाहरति प ३६।८५ साहरिता ( प्रतिसंहृत्य ) प ३६८५ ज ३११२५ पडिसाहरेमाण ( प्रतिसंहरत् ) ज ५२४४. पडिपज्जिता बु √ पडिसुण ( प्रति + श्रु) पडिसुगंति ज ५२७३ पडणे ज ३३१६,५३,६२,७०,७७,८४, १००,१४२,१६५, १८१,५३२३,६६ उ ११५५; ३।१४० डिसुर्णेति ज ३१८, १३, १०७,११३ १८६,१६२ १६४५ पडिसुणेमि उ ११८३ परिणेत्ता (प्रतिश्रुत्य ) ज ३१८ उ १४५ परिसेविय ( प्रतिसेवित ) ज २|७१ ( परिसेह ( प्रतिषेध ) प ६१७४ से ७८,८०, ११०; पडोणउदीण (प्रतीचीनोदीचीन ) सू८ । १ पडोणवाय ( प्रतीचीनवात ) प ११२६ पडीणा ( प्रतीची ) ज १११८,२०,२३,२५, २८,३२,४८,३१,४११, ३, ५५,६२,८१,८६,८८, १८,१०३,१०८, १७२,२०५.२१४,२४६, २५२.२६२,३६८ पड़ (पट ) प २१३०,३१,४१,४१ ज १२४५; ३८२, १८५, १८७, २०६.२१८; ५।१,१६; ७ ५: ५८, १८४ सू १८ २३:१६; १९/२३,२६ Page #256 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पडुच्च-पणिवय पडुच्च (प्रतीग) प १७४।२।७६।६३,८।४,६, पण (पञ्चन्) सू १०१५७ ८,१०,१११४६,५३,५.१,१७,५६१४१५ पणगजीव (पनकजीव) ५ ३६१६२ १८.१,२१६५२३१६३,१७६२८१६,६,२० पणगमत्तिया (पन कमृत्तिका) ५ ११६ २६,३१,५२.५५.९ से १०१ ज ४१५४ पिणच्च (प्र- नृत्) पणच्चति जे ५१५७ पणट्ठ (प्रनष्ट) प११४८१३६ पडताच्च (पती मा प११॥३३,११।३३३१ पणतालीस (पञ्चचत्वारिंशत) पश८४ पडप्रपण ( पन) प १२२१२,३२,३८ सू १६०२० ज'३६,५२ १२७ पणतीस (पञ्चत्रिंशत्) सू १।२० पडप्प भाव (मला पन्नभाव) प२८/१८ से १०१ पणतीसतिभाग (पत्रिशतभाग) प २३१८६,८८, पडुप्पण्मानयण ( पनवचन) ५ १११८६ ६५ से १८:११८,१५१ पपया (प्रतिथन) ज ५१२५ पणपण्ण (दे० पञ्चपञ्चाशत् ) प ४१२८ ज ४११७२ पडोयार (प्रावतार) ५ ३०।२५,२६ ज १७,२१, सु १२१७ २२,२६,२७,२६,३३,४६,५०,२।७,१४,१५, पणय (दे०) प ११४६,१४८११,११६५ ज २११३३ २०,५२,५६,५८,१२२,१२३,१२७,१२८,१३१, पणय (प्रणत) ज ३८१,१०६ १३२,१३३,१३,१४७,१४८,१५०,१५१, पणयबहुल ('पन"बहुल) ज २।१३२ १५.६,११७.१५६,१६४:४१५६,८२,६६ से पणयाल (पञ्चचत्वारिंशत् ) ज ७१३४ सु ११२१ १०१,१०६.१७०,१७१ पणयालीस (पञ्चचत्वारिंशत्) ज ११६ मू ४१३ पडोल (पटोल) प १।३१२,११४०।१,११४८।४८ उ २८ पढम (प्रथम) १५१०३,१०६,१०७.१०६,११०, पणव (प्रणव) ज ३।१२,७८,१८०,२०६५१५ ११३,११४,११६,११६,१२०.१२२,१२३; पणवण्ण (पञ्चपञ्चाशत् ) ज ४१५५ २।३१,६८०११;१०।१४।१ से ३,१२११२, पणण्णिय (पणपनिक) प २१४१ १६,३१,३२:२३३,४१,३६८५,८७,६२ पणवन्निय (पणपन्निक) प|४७१ ज २१५५,५६,६३,६४,१३८,१५५ से १५५%; पणवीस (पञ्चविंशति) प २२२ ज १२३ ३१३०,१३५,२१७, ४११४२६३,१५३,१५४, सू११२१ १८०; १८,२०,२३,२६,२८,६७,१०१,१०६, पणवीसतिविध (पञ्चविंशतिविध) सू ६४ १५६,१६०,१६४ च ३३ सू १७,१३,१४, पणाम (प्रणाम) ज ३१५,६,१२,८८ १६,२१,२४,२७, २१३,६१८६११०।६३, पिणाव (प्र- नामय्) पणावेइ उ ११११६ ६७,७७,१७,१३८,१३६,१४३,१४४,१४८, पणावेहि उ ११११५ १५०,१५:११२.३,१२,१६,२०,२४, पणावेत्ता (प्रणाम्य) उ १२११५ १३३१,७६,०; १४॥३,७ उ १६ से ८,६३, । पणासित (प्रणाशित) सू २०१७ १४२,१४३,१८८११,३,१४,१५,२२,३१३, पणिधाय (प्रणिधान) प १७१११ सू ६३१ १६.२०५०,१ ३,२७५॥३,४४ पणिय (पगिन) ज २१२३ पढनणरीसर (प्रथम नरेश्वर) ज ३।१२६।३ पणिवस्य (प्रणिपतित) ज ३।१२५ पहमला (प्रथम) T21४८५१ पणिवय (प्रणि पत) पणिवयामि ज ३।२४।१, पदमया (प्रथम) १२११:४१८०,५१५८ १३११ १. पनक: प्रतलः कदमः-टीका Page #257 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६७० पणिहार-मत्तिय पण्णास (पञ्चाशत) प २१ ज ११२३ र १२१३, ८ उ ५.१३ पण्य (प्रस्नन) ३ ३९८ पितणतण (प्र+तनतनाय)नणतणाइस्सइ ज २११४१,१४५ तणतणानि ज ३१११५; ५७ पणिहाय (प्रणिधाय) प १७।१०६ से १११ ज ४१५४,८०, ७२७,३० सु१।१४,२४ पणुवीस (पञ्चविंशति) प ४१२७३ उ ३७ पणुवीसइम (पंचविंशतितम) प १०.१४१३ पण्णट्ठ (प्रणष्ट) ज ३१३ पण्ण (पञ्चषष्टि) ज ७१६५,६६ पण्णट्टि (पञ्चपप्टि) ज ४११६५ मु १०।१५२ पण्णत्त (प्रज्ञप्त) प १११ ज १७ सू१।१४ उ ११४ पण्णत्तर (पञ्चसप्तति) ज ४१४५ पण्णत्तरि (१ञ्चसप्तति) ज ४.१४२ पण्णत्ति (प्रज्ञरित) सू २०१६।१ उ ३।१६० पण्णर (पञ्चदशन्) प १०।१४१४,५ पण्णरस (पञ्चदशन्) १ १७४ ज ११२३ सू १५१३ पण्णरसइ (पञ्चदशन्) सू १६।२२।१६ पण्णरसति (पञ्चदशन्) सु २०६३ पष्णरसम (पञ्चदश) ज ७।६७ सू १०१७७; १२१६१३।१,१०६; १४१३,७:१६।२२, २०१३ पण्णरसविह (पञ्चदशविध) प ११८८१६११,२, पतणतणाइत्ता (प्रतनतनाट ) २११४१ पतर (प्रतर) प १२११२,१६ १. पतव (प्र तर) पतवनि ५५७ पिताव (प्र- तापम् ) पताओंति सूहा? पतिट्ठिय (प्रतिष्ठित) प १४३ पतिसम (प्रतिराम) ज ३।६२,११६ पत्त (प्राप्त) ५ २१६४।२०६।१८१७२२३१३ - से २३,३६१६४१ ज २१८५२:३६,४३, १२२,१२६,१३३, ४153 ,९८,१०१, १२२,१५०,१६१; ४१२५,२३,२८,३१,३६, पण्णरसी (पञ्चदशी) सू १०१६०;१३।११४।३,७ पण्णरसीदिवस (पञ्चदशीदिवस) ज ७११६ सू १०८५ पण्णरसोराइ (पञ्चदशीरात्रि) ज७११६ पण्णरसीराति (पञ्चदशीरात्रि) सु १०।८७ पिण्णव (प्र+ ज्ञापय) पण्णवेइ ज ७१२१४ उ १२६८ पण्णवेहिति सू १६।२२।३ पण्णवणा (प्रज्ञापना) ५ १११४२,४,४६,१३८%; २८1९८ से १०१ उ ३३१०६ पण्णवणी (प्रज्ञापनी) प ११।४ से १०,२६ से २६, ३७।१,८७ पण वित्तए (प्रज्ञप्तुम् ) उ ३.१०६ पण्णवीस (पञ्चविंशति) प २७।४ पण्णा (दे०) ५२।४०।३ ज ५१४६ पिण्णा (प्र + ज्ञा) पण्णायए ज ७११६९ पण्णावग (प्रज्ञापक) ज ३।६५,१५६ पत्त (पत्र) ११३५,३६,४७१,१६४८१६,१६,२६, ३६,४५,४७,४६,५१,६३ ज २१८,६,१२,१५, ६८,१४५,१४६ ; ३।११३,३।१२,८८,६८, १०६,४३,२५,५५,५८, ७/१७८ उ ३५०, ५१,५५ पत्त (प्राप्त, पात्र) उ १११२८ पत्तउर (पत्तूर) प १।३७१३ पत्तकयवर (पत्रकचार) ज २१३६ पत्तच्छष्ण (पत्राच्छन्न) ज २११२ पत्तळ (दे०) ज ५१५ पत्तपुड (पत्रपुट) ज ४।१०७ पत्तल (पत्रल) ज २११५,३११०६७/१७८ १११ पत्त (वासा) (पत्रवर्पा) ज ५१५७ पत्तविच्छय (पत्रवृश्चिकः) प ११५१ पत्तामोड (पत्रामोट) उ ३१५१ पत्तासव (पत्रासब) प १७।१३४ पताहार (पकाहार) प ११५० उ ३१५० पत्तिय (पत्रित) उ ३३४६ Page #258 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पत्तिय-पभंकरा ९७१ /पत्तिय (प्रति !-इ) पत्तिएज्जा प २०१७, १८०,१८२,५१२४,१२५,१३१,१६१,१७७, १८,३४ पचिवामि ३ ३३१०३ १७६,१६३,२१६,२१८,१०१२,४,५,१८,१६, पत्तेय (प्रत्ये) : १८८161,४७,४६,६०,२१४८%, २१ से २३,२५,२६,१२।३०,५३,५७; ६।१८।४।१०।१४,१६३१५ ज ११४६; १७१११४।१।२२।५८,७६:२८१५,५१ ज २१६५ ३।२०६:४१५,२७,११०,११४,११६,११८, ४।१४३ सू १९०२६ १२२,१२५,१२८,१३६, ५१ से ३,५,७,३१, पदेसघण (प्रदेशघन) प २१६४१५ ४२,५६ उ १११२१,१२२,१२६ पदेसठ्ठता (प्रदेशार्थ) प ३.११६ से १२०,१२२ पत्तेयजिय (प्रत्ये। जीव) प १२४८६ पदेसठ्ठया (प्रदेशार्थ)प ३।११५,११६,१२०,१२२, पत्तेयजीविय (प्रत्येकजीवित) ५११३५,३६ १७६ से १८२,५१५,७,१०,१४,१६,१८,२०,३० पत्तेयबुद्ध सिद्ध (प्रत्येकबुद्धसिद्ध) ॥ १।१२ ३२,३४,३७,४१,४५,४६,५३,५६,५६,६३,७१, पत्तयसरीर (प्रत्येक शरीर) ११२३२,३३,४७; ७४,८३,८६,६३,६७,१०१,१०४,१०७,१११, ४७।२,३,३७२ से ७४,५१,८४ से ८७,६५, ११६,१२६,१३१,१३४,१४५,१६६,१७२, १८३,१८१४४,५२ १७४,१७७,१८१,१८४,१८७,१६०,२०३, पत्यसरीरणाम (प्रायकवारीरनामन् ) प २३:३८, २०७,२११,२२४,२२८,२३२,२३४,२३७, २३६१०१३,४,५.२६,२७,१७११४४,१४६; पत्थ (थ्य) ज ४।३,२५ २१११०४ पत्थड (प्रस्तट) प २।१,४,१०,१३,४८,६० से ६२ पदेसणामणिहत्ताउय (प्रदेशनामनिधत्तायुष्क) ज४१४६ प६.११८ पदेसणामनिहत्ताउय (प्रदेशनामनिधत्तायुष्क) पत्थाइत्तए (प्रस्थातुम् ) उ ३३५ ५६.११६,१२२ पत्थाण (प्रस्थान) उ ३१५१,५३.५५ पिधार (प्र-धु) पधारेइ ज ५७२,७३ पस्थिज्जमाण (प्रायमान) ज २१६:३।१८६,२०४ पधारेति प २२।४ पस्थिय (प्रार्थित) ३१२६,४७,५६,८७,१२२, पपोत (प्रधौत) ज ३।१०६ १२३,१३३,१४५,१८८,५१२२ उ १११५,५१, पन्नरस (पञ्चदशन् ) प १८४ ५४,६५,७६,७६,६६,१०५,३१२६,४८,५०, पन्नरसविह (पञ्चदशविध) प १४१२,१६:३६ ५५,१८,१०६.११८,१३१:५।३६,३७ पप्प (प्राप्य) प १६१४६ १७/११५ से १२२, पस्थिय (प्रस्थित) उ ३१५१,५३,५५ १४८,१५४,२३३१३ से २३,२८।१०५% पत्थिव (पार्थिव) ज १३ ३४।१६ पद (पद) ५१११०१७,१२१३२१८१२; पप्पडमोदय (पर्पटमोदक) प १७४१३५ २८1१४५,३६७२ ज ३:३२ सू १०।६३ से ७४ पप्पडमोयय (पर्पटमोदक) ज २०१७ पदाहिण (प्रदक्षिण) सू १६।२२।१०,११,१६२३ पफ्फुल (प्रफुल्ल) ज ४१३,२५ ‘पदीस ( दश) पदीसई प ११४८.१० से पन्भट्ठ (प्रभ्रष्ट) ज ३११२,८८,५७,५८ १७,१६ से २३ पदीसए प १४४८।११ से १३ पब्भार (प्रागभार) प२।१ ज ३१८५,१०९ प्रदीसति प ११४८१२५ से २६ पदीसती उश२७,१४०,५१५ प ११४८।१८,२४ पभंकर (प्रभङ्कर) सू २०१८,२०८७ पदेस (प्रदेश) प ११३,४२१६४।१,११,३११२४, पभंकरा (प्रभङ्करा) ज ४।२०२,७११८३ Page #259 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६७२ सू १८/२१, २४:२०१६ पभंजण ( प्रभञ्जन ) प २/४०१७ पणिय ( प्रभणित) उ ३१६८ भव (प्रभव ) प ११1३०1२ / पभव ( प्र + भू) भवति प ११।३०।१ भा (प्रभा ) प २३०,३१,४०६१०,२१४१,४६ ज ३१३५२११; ४१२२,३४,६०,२७२५११८, ३२ पभाव ( प्रभाव) ज ३ ९५, १५६,२२१ पभावई ( प्रभावती) उ ११३३ पभावणा (प्रभावना ) प १३१०१।१४ भास (प्रभास) ज ४।२७२:६११२ से १४ / पास ( प्र + भाष्) पभासइ ज ४१२११ / पचास ( प्र + भास् ) पभासंति ज ७ । १ भासिसु ज ७।१ सू १६३१६ पभासिस्नंति ज ७/१ १६१ पभासेति ज ७५१,५८ सू १६।१ भार्सेसू १६ । १ पमासेति सू १६ । भासंत ( प्रभासमान) सु १६१५/२ प्रभासतित्य ( प्रभासतीर्थ ) ज ३१४३, ४४, ४६ प्रभास तित्याधिपति ( प्रभासतीर्थाधिपति) ज ३१४६ भासतित्थाहिवs ( प्रभासतीर्थाधिपति) ज ३६४७ भासतित्थकुमार ( प्रभासतीर्थ कुमार ) ज ३१४७ से ४६, ५१ भासेमाण ( प्रभासमान ) प २१३० से ३३,३५,३६, ४१, ४८ से ५२,५८ पभि ( प्रभृति) ज २१४६, ३३८६ १७८ १८६, १८८१८६,२००,२१०,२१६,२१६,२२१ _उ_३/१०१,५३१०,१७,१९,३६ पभिति ( प्रभूति) ज ३३१० सू १६२२१२५ पशु (प्रभु) ज ५५,४६,७२१८३, १८४,१८५ सू १५ से २३ उ५/३२ भूय ( प्रभूत) ज ३३८१, १०३, १६७ १४५१७ / पमज्ज ( प्र + मृज् ) पमज्जइ ज ३११२,२०,३३, ५४,६३,७२,८८, १३७, १४३, १६६ भजण-पम्हगध मज्जित्ता ( प्रमृज्य ) ज ३।१२ पमत (प्रमत्त ) प १७३३,२११७२ ज ५।२६ पत्तसंजत ( प्रमत्तनंयत ) ६६८ मत्तसंजय ( प्रमत्तमयत ) प ६६८; १७१२५: २२।६१ मद्द (प्रमर्द) ज ७।१२९११७५ उ ११३६ पण ( प्रमर्दन) ज ५४५ माण ( प्रमाण ) प ११०१६; १२।१२,३८ १५११०,२३, २१।१११, २११८६४,८६,८७,६० से ६३,३०/२५, २६, ३३१३, ३६ ५६,६६,७०, ७४ ज १।३२,३५,४१:२१४ : ६११,१५,१३३, १३८, १४१ से १४५, ३११०६, ११७,१३८, १६७।३,४।१,६,२५,६४,७०,७६, ८६,६०, १०६.१२३,१३३,१३६,१४०१२,१३४ से १६०० १६२ से १६५,१७४, १७५, १९४,२०२,२२२११, २३५,२३६.२४६, २५०, २५१५/४६,४६; ७।३५,१६८१२,१७८ ११२७; २१३४१६ उ १।१३८ ३ १११ १ पमाणभूय ( प्रमाणभूत ) उ ३।११ पमानमित्त (प्रमाणमात्र) २९५, ११५,११६, १५६,५.३८ पमाणमेत्त (प्रमाणनत्र ) ज ११४०, २०१३३,१३४, १४१ से १४५:३।१२,८५,१२,११६,११६, १२२,१२४; ४।१०,५७,५८६१७ माणसंयच्छर (भाणवत्सर) ज ७ १०३,१११ म १०।१२५,१२८ मुइय ( प्रमुदित) २/४११२६,२६५/३११, १२,२८,४१,४६,५८,६६,७४, १४७, १६८, १।१ २१२,२१३ पमुह (प्रमुख) ज ७।१७६२०१८, २००८५ मोय (प्रमोद) ज ३१२१२,२१३,२१६ म्ह (क्ष्मन्) २४६, ४१२०६२१०, २१२: २१२११ म्ह (पद्म) ज ११५, २५१ पहकूड ( पक्ष्मकूट) व ४।१८४ से १८३,२१० पहगंध (पद्मगंध ) ज २१५०,१६४:४।२०६, २०५ Page #260 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पम्हगावई-परक्कम ६७३ पम्हगावई (पक्षमावती)ज ४१२१२,२१२।१ पम्हल (क्ष्मल) ज ३१६,२११,२१२:१५८ पम्हलेस (पदमलेशस) १७१६८ पम्हलेसट्ठाण (पद् लेन्यास्थान) १७.१४६ पम्हलेसा (पद्मश्रा) : १७:१२१ पम्हलेस्स (पद्मले ), ३६६१३।२०:१६६४६; १७३५,५६,६४,६६ से ६८,७१.७३,७६ से ८१,८३,८४,११२,१६७,१८१७३:२८११२३ पम्हलेस्सट्ठाण (पद्मलेश्यास्थान) १७.१४६ पम्हलेस्सा (दमा ) प१६।४६,१७।३५,३६, ५४,११७,११८,१२१,२२५,१२७,१२६,१३४, १३७,१४४,१५३ से १५५ पम्हलेस्सापरिणाम (पदमप्यारिणाम) १३१६ पम्हावई (पक्षमावती) ज ४२०२१२,२१२ पय (पद) प १।१०११३,२२१४५; २३।१४६; २८।१।२,२८११२३,३६१६६,७२ ज ३१६,१२, ८८,१५५,१६७७,२१,५८,७११५६ से १६७ उ ३।१०१,१३४ पयंग (पतङ्ग) प १:५११ पयग (पतग, पदक) ज २०४१,२१४७११ पयडि (प्रकृति) ५ २३।१।१ पयणु (प्रानु) ज २१६ पयत (पतग,पदग) ८ २२४१३ पयत (प्रत) ३.१२८८11८ पयत्त (प्रवृत्त) ज ५।२४,५७ पययपद (पलगपति,पदगपनि ) प ६४७३ पयर (प्रसर) प ११४८।६० : १२१८,२७,३६,३७ पयरग (प्रत ) ३.१०६१३८,६७ पयरय (प्रतरक) प ११७५ पपराभेद (प्रारद) प१११७५,७६ पयराभेय (प्रारद) ११५७३ पयला (प्रचला) प२३।१४ पयलाइय (दे०) व १९७६ पयलापयला (च पच५ २३।१४ पर्यालय (प्रचलित प्रगनित) ३६, ५३२१ पयल्ल (प्रकल्प) मू २०१८,२०१८४५ पया (प्रजा) ज २१६४,३११८५,२०६ पिया (प्र-जन ) पाएज्जा उ ३११०१ पामि उ१७८३१६८ पयाहिइ उ ३।१३६ पयात (प्रयात) ज ३११४,१५,३१,४३,४४,५१, ५२,६०,६१,६१,६६,१३०,१३१,१३६, १३७,१४०,१४१,१४६,१५०,१७३ पयाय (प्रगत) ज ३१३०,१४६,१६७,१७२ फ्याय (प्रजात) उ ११५३ ; ३३१३४ पयायमाण (प्रजनयत्) उ ३।१२६ पयार (प्रचार) ज २।१३१ पयालवण' (प्रालवन) ज २६ पयावइ (प्रजापति) ज ७।१३०,१८६३ पयावइदेवया (प्रजापतिदेवता) मू१०८३ पयाहिण (प्रदक्षिण) ज ११६; २१६०; ३१५, ५१५, ४४,४६ उ १।१६,२१, ३१११३; ४।१३ पयाहिणावत्त (प्रदक्षिणावर्त) ज २।१५; ७।५५ पयोहर (पयोधर) ज २११५ पर (पर) प १११०११४, २०६३,३१३६,६८०१२; १४१३;२२१४ से ६:२३११३ से २३ सु ११६; ६६१:१३३१२, १४ मे १७ पर (पर) प ११८१ परंगण्य (पर्यङ्गत्) उ ३।१३० परंपर (परम्पर) प २०१६ से ८ ज ७१४२ परंपरगत (परम्परगत) प २६४।२१ परंपरसिद्ध (परम्परसिद्ध) प १।११,१३,१६।३५, परंपरा (परम्परा) उ श१११,११२ परंपराघाय (परम्पराघात) प ३६१६४,७८ परंपरोगाढ (परम्पर वगाढ) प १११६३ परंपरोबवण्णग (परम्परोपपन्नक) प १५:४६; ३४१२ परक्कम (पराक्रम) प २३११६,२० ज २१५१,५४, १२१,१२६,१३०,१३८,१४०.१४६,१५४, १. पिकालवण इति कल्पनापि जाते। Page #261 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९७४ परक्कममाण-परिग्गहिय १६०,१६३,३१३,७७,१०६,१११,१२६,१२६, १८८,७११७८ सू २०११ परावत्तेत्ता (परावृत्य) ज ३१२८ परकाममाण (पराक्रममाण) उ ३११३० पिरिकह (परि कथम्) परिकहेइ उ ११२०:४।१४ परधर (परगृह) उ ५१४३ परिकति उ ३११३५ परिकहेमो उ ३११०२ परट्ठाण (परस्थान) प ६।६३,१५।१२१,३६१२०, परिकहेह उ११४२ २४,२७,४७ परिकण (परिकथन ) उ ५।१३ परपरिवाय (परपरिवाद) प २२२२० परिकहेउं (परिकार तुम) २१६४।१७ परपुछ (परपुष्ट) प १७११२३ परिकिष्ण (परिकीर्ण) उ ३३१४१,४३१२,१३ परभवियाउय (परभविकायुक) प ६।१११,११४ ।। परिक्खित्त (परिक्षिप्त) ज ३१२२,२४,३०,३६,७६, से ११६ ७८,१७८, ४१११०,११६,११८,५१२८,४४ परम (परम) प २१२० से २७; २३।१६६ ज २।४, उ १११६:५१७ ६६,७१,१३३, ३३,५,६,८,१५,१६,३१,५३, परिवखेव (परिक्षेप) प २१५०,५६,६४, ३६८१ ६२,७०,७७,८१,८२,८४,६१,१००,११४, १४२,१६५,१७३,१८१.१८६,१९६,२१३, ज १७,१०,१२,१४,२०,२३,३५,४८,५१; २।६,४।१,२१,२५,३१४०,४१,४५,४८,५३ ५२१,२७ उश२१,४२,३१५१,५६,१३०, से ५५,५७,६२,६७,६८,७५,७६.८०,८१,८४, १३१,१३४,१४४ परमत्य (परमार्थ) ५११०१।१३ ८६,६२,६३,६६,६८,१०८,११०,११४,११८, १४३,१६५,२१३,२२६,२४१,२४२,७१७,१४ परमाणु (परमाणु) प १०११४११ ज २।६।३ से १६,३१,३३,६६,७३ से ७८,१०,६३,६४, परमाणुपोगग्ल (परमाणुपुद्गल) प ११४; ३।१७६, १८ से १००,२०७१।१४,१६,१७,१६,२१, १८२,५११२५,१२७ से १२६,१७३,१७४,१८६, २४,२६,२७,२१३;३।१,४४,७,६:११०११३२; १६०,२०२,२१०,२११,२२६; १०१६;१६।३४, १५॥२ से ४,१८१६१६१,४,५११,७,१०,१४, ३६,४३,३०१२६,२८ १८,२०,३०.३१,३४,३५,३७ परलोय (परलोक) ज २१७० परिगय (परिगत) ज ३।३०,११७:४।२७,५।२८ परवस (परवश) उ ३३१२६ परसु (परशु) उ ११२३,८८,८६,६१ परिगर (परिकर) ज ३१२४६३,३१,३७१,४५१, परस्सर (पराशर) प ११६६,१११२१ ज २।१३६ । परस्सरी (पराशरी) प १११२३ १३१३३ परहुय (परभृत) ज ३।२४ परिगायमाण (परिगागन ) ज ५१५,७ से १२,१७ पराघायणाम (पराघातनामन्) प २३।३८,५३,११० उ ३१११४ पिराजय (परा : जि) पराजिणिस्सइ उ १११५ परिग्गह (परिग्रह) प २२।१५,१६ ज २०४६ परामुठ्ठ (परामृष्ट) ज ३।७६,८०,११६,११८ परिग्गहसण्णा (परिग्रहसंज्ञा) प ८।१,२,४ से ११ पिरामुस (परा+मृश) परामुसइ ज ३११२,२३, परिग्गहिय (परिगृहीत) ५ ४।२१६ से २२१,२३१ ३७,४५,७८,८८,६४,११६,११७,११६,१३१, से २३३ ज २।१५६,३१५,६,८,१२,१६,२६, १३५ उ १२२ ३६,४७,५३,५६,६२,६४,७०,७२,७७,८४,८८, परामुसित्ता (परामृश्य) ज ३।१२ उ ११२२ ६०,१००,११४,१२६,१२७,१३३,१३८,१४२, पिरावत (परा+वृत्) परावत्तेइ ज ३१२८,४१, १४५,१५१,१५७.१६५,१७८,१८१,१८६, Page #262 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिगहिया परियच्छिय २०५, २०६, २०६, ५१५, २१,४६, ५८ उ ११३६, ४५,५५,५८,६४,८०,८३,६६, १०७, १०८, ११६,११,१२२:३।१०६, १३८, १४८; ४।१५; ५।१७ परिगहिया ( पारिग्रहिकी ) प १७।११,२२,२३, २५, २२६०,६२,६७,७०,७६,६२,१०१ परिघ ( परिवृष्ट) ज ४१२८४१४३ परिछण (परिच्छन्न) ज २११२ परिजन ( परि + ज्ञा) परिचाणइ उ १३८; ३५८ परिजाणाइ उ ११०० परिजानेंति उ ३।११८ परिज्जय (दे० ) सू २०/२ परिणत (परिणत ) ११।४ से ६, ११४८।५६ (परिणम (परि + णम् ) परिणमति २८।२४ से २६,३६,४२,४५,४६,७१,७४, १०५३४/२०, २२ से २४ ज ७१११२१, ३, ५ १०११२६३१, ३, ५ परिणमति प १६।४६ १७ ११५ से १२२, १३,१४८ से १५२, १५४,१५५ परिणममाण (परिणमन् ) ज ३।२१,३४,५५,६४, १५२,८५,११२,१३८, १४४,१६८, १८३,१६१ उ ११६० परिणय ( परिणत ) प ११४, ६ से १ ज २०१६,५१५ उ ३३८, ४०, १२७, १२८; ५।४३ परिणयत्व (रणन्तव्य ) ज २११३३ परिणाम ( परिणाम ) प ११०५: १३ १:१७ ११४१, १३९; २३।१३ से २३,१६५,१६६ मे २०१ २८।१।१ ज २।१६,१३१: ३।२२३७।१३६३१, २११ / परिणाम ( परि - नमय् ) परिणामेति ११७/२; २८१२१,३३,६७ परिणामणया ( परिणामन ) प ३४। १ से ३ परिणामिय (नामित ) प २३।१३ से २३ परिणामेमाण (रिणमयत् ) उ ११४१, ४३ परिणाह ( परिणाह ) ज ४११०२ परिणिय ( परिनिष्ठित ) ज ३१३५ / परिणित्वा ( परि + नि । वा ) परिणिव्वंति ज ११२२, ५० २१५८, १२३, १२८ ४ १०१ परिणाइ ३६८८ परिणिव्वायंति १ ६।११० परिणिव्वाति प ३६३६२ परिणिव्वाहिति ज २।१५१,१५७ परिणिवाण (परिनिर्वाण ) ज २।११६ परिणिवुड (परिनिर्वृत) ज २२६८, ३।२२५ परिणिय (परिनिर्वृत) ज २२८५,६० परितंत (परितान्त) उ ११५५,७७ परित (एरीत ) १।४८।२० से २६, ३४ से ३७, ४३, ५२, ५६ ३११२,१०६, १८१११२.१०६; म १३१२, १४४,८ परितमितिया (पतमिश्रिता) १११।३६ परित्तास (रित्रास ) ज २३७० परिधान रिपाव् ) परिधाति ज ५१५७ V परिनिन्दा (परि+नि+वा) परिनिव्वाहिइ उ ५।४३ परिनिव्वुड (परिनिर्वृत) ज २८८८ परिपीलइत्ता (परिपीड्य ) प २८१२०,३२,६६ परिपीलिय (परिपीडित) ज २११३३ परिपु छणा (परिप्रच्छन) ज ७११७८ परिभट्ट (परिभ्रष्ट ) ज २।१३३ परिभाएता (१रिभाज्य ) ज २१६४ परिभाएमाण (परिभाजयत् ) उ११३४,४६,७४ परिभाग (परिभाग) सु १०।१७३ परिभुंजेमाण (परिभुञ्जान) उ ११३४,४६,७४ परिभुज्जमाण (रिभुज्यमान) ज ४११०७ परिभोगत (परिभोगत्व) ज २१२४,३४,३५,३७, ७२०२,२०४,२०७ परिमंडल (परिमण्डल ) प ११४ से ६,१०।१५ से २४,२६ से ३०/११/२५१३।२४ ज ५१५,७, २२ से २४ परिमंडिय (परिमण्डित) ज ११३७३१,३५, १०६,११७.११८, १७८५२४३ ७ १७८ परिमाण (परिमाण) ज २३६ ; ४।१६८,२४३ परियच्छ ( परिकक्षित ) ज ५१४३ ६७५ Page #263 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६७६ परियण (परिजन) ज ३।१८७ / परियर (परि + र् ) रियर चं ३|१ सू ११७।१ परियाइत्ता (दाय ) प १६/२० परियाणा (पदान) १ ३४११ से ३ परिया (२११२:३११४,८३,१२०, १५०,१६१; ४।२४; ५१२८,३६,४१,४३ परिया (ग) १ १६५५ परियाण ( गरि :- ज्ञा ) परिणइ उ ३।१०८ परिवादि (रि- दा) परियादियंति ज ३।१६२ परिवादिता (पद) ३११६२ परिया ( पर्याय) ज २२८३,८४,४२७२उ २।२२; ३।१६९ परियायतकरभूमि ( पर्यायान्तकरभूमि ) ज २१८४ परियासंग (साङ्गतिक ) ३३।५५ परियारणया ( परिचारण) प ३४।१ से ३ परियारणा (परिवारणा ) प ३४२; ३४।१ से ३, १७,१८ परियारणिड्ढि (परिवार) सू १८:२३ परियारिड्ढि (परिचाद्वि) ज ७ १८५ परियारिय (परिवारित) प २।३१ परियारेमाण (परिचारयत्) सू २०१२ परियाल ( परिवार ) ज २।१३३: ५।२२,२६ उ १११६,६३,९७,६८,१०५ से १०७ / परियाव (परितापय् ) गॉरावेति प ३६६२ परियावण्य ( पर्यापत्न ) ६१७४१३३ परियावण्णग (पपन्नक ) प २३.६,६,१२,१५ परिरय ( परिस्य) ज ४।१४२१२, १५६।१,२३४, २४०,७३१६,१६,७५,७८ सू १२७१८१६ से १३; १६८११, ११।१,१५/१,२१।२ परिलित (परितीयमान) ज २।१२ परिली (३०) १ १३७५ परिवदिय (परिवन्दित ) चं १२ परिवज्जिय ( परिवर्जित) उ४६ परिवढ (परि + वृध् ) परिवति परियण-परिवुढि १९२२१ विडिज्जति १५१६१ परिमाण (प) ११७२ ज ४१३६, ४३, ३२,७८, २५, १०३,१७८ उ ३२४६ परिवढि (परिवृद्धि ) २२१३८, १४०, १४६, १५४.१६०.१६३ परिमाण (पान) ज २१३८, १४०, १४२.१५४.१६०.१६३ परिचय (वित्) परिचयति ५५७ / परिवस ( स ) पनि २३८ ज १४४५.४७३।१२१, ४१५१.५४.६०,६१,० ६४८०८६३७.१०२१०७.१६१, १६६, १६.१२३.१९६,१६६.२०३,२०८,२१०, २६१.२६४.२६६, २६७, २७०, २७२.२७३, २०६७।२१३३।२८ परिवसई उ ३ । १५८; ४। परिवसति ग २० मे २७,३० से ३६ ४१ से ४३, ४८, ४६, ५१ से६४ ज १३२४,२६, ३१,३११०३४।१०२ परिवसति प २१३२,३३, ३५. ३६.३६,४४,५१,५३ से ५५, ५७ से ५६ परिवह ज ३।१२७ परिवसामो ज ३११२६/४ परिवसण (परिवमन) ज २०१६ 1 परिवह (रिव) परिवहइ उ १५० परिवहति ज ७।१७ १८१४ परिवति यू १८/१६ परिहामि उ १७५ परिवाडी (विटी) १] १५४५५२३।१०८ परिवाणी (रवा) ३३१ परिवार (परिवार ) ज २१२३, २४; ५१५६; ७।१६८११.१७०.१८३ १८१४, २१.२३; १६१२२/३१.३२ उ १।१६ ४४५, १३ परिवारणा (परिवारणा ) ज ४।१४० १ परिवारिय (परिवारित) २१३०,४१ परिविवि ! ध्वंस् ) परिविद्धसेज्जा ज २६ परिविद्धसत्ता (परिविध्यस्य ) २८।२०,३२ परिवुड (पति) ५१४४ उ ४१११,१३ परिवुढि (परिवृद्धि ) ५५१३२,१६१,१७६, Page #264 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिवेढिय-पलिओवम ९७७ . १६५,२१६,१११७२,१३३१७; १५।३४,७५ ज ४११०३,१७८ परिवेढिय (परिवेष्टित) १५१५१ ज २११३३ परिष्वायग (परिमाजक), २०१६१ ज ३११०६ परिसडिय (परिशटित) ज ३।१३३ उ ३१५० परिसप्प (परिसर्प) प ११६१.६७७६,६७१, २१।११,१४,५३,६० परिसा (परिपत्) ५ २।३० से ३३,३५,४१,४३, ४८ से ५१ ज ११४,४५२१६४,६०४।१६ ५११६,३६,४६ से ५१.५६, ७१५५,५८ चं ६ सू ११४,१८१२३:१६।२३,२६ उ ११२,१६, २०,२१६; ३१५,१२.२४,२८,८६,१५५,१५६; ४१४,१०,१४,१४,२६,३७ परिसाड (परिशाट) १८४ परिसाउ (रि-शाट्य) रिसा.ति ज ३.१६२; ५१५,७ परिसाडइत्ता (परिशाट्य) प २८१२०,३२,६६ परिसाडेत्ता (परिशाट्य) ज ३:१६२५१५ परिहत्य (दे०) ज ४१३,२५ परिहव (परि-भूरिहवेति सू स२ परिहा (परिखा) : २१३०,३१,४१ ज ३.३२ परिहा (परि--हा) परिहायति सू १६।२२।१४ परिहाण (परिधान) प २।४० परिहाणि (परिहाणि) प २१६४ ज २।५१,५४, १२१,१२६,१३०, ४११०३,१४३ सू १६०२२।१६,२० परिहायमाण (परिहीयमाण) श६४ ज २१५१, ५४,१२१,१२६,१३०,४।१०३,१४३,२००, २१०,२१३ उ ३।४७ परिहारविसुद्धिय (मरिहारविशुद्धिक) च १।१२४, परिहिय (परिहित) प २१३१,४१,४६ ज ३१२६, ३६.४७,५६,६४,७२,८५,११३,१३३,१३८, १४५ उ ११६ परिहोण (परिहीण) १६४।६३६।९२ ज ५।२२,२६ से २८ सू १६८१, २०१६।४ परीसह (परीषह) ज २६४ परुप्पर (परस्पर) ज ४११८० परूढ (प्ररूढ) ज २१६,१३३,१४५,१४६ प रूव (प्र- रूपय) परूवेइ ज ७१२१४ उ १९८ पख्वण (प्ररूपण) ज २।६ परेंत (दे० पर्यन्त) ज ३।१२६ परोक्खवयण (परोक्षवचन) प ११०८६,८७ परोप्पर (परस्पर) १२२१५१,७३.७४ ज ११४६ पिलंघ (प्र - लङ्घ) पलंघेज्ज प ३६१६१ पलंडु (कन्द) (पलाण्डुकन्द) प ११४८१४३ पलंब (प्रलम्ब) प १३०,३१,४१,४६ ज २११५; ३१७८,५१८,७११७८ सु २०१८ पलंबमाण (प्रलम्बमान) ज ३१६,६,२२२:५।२१, पलवमाण (प्रलपत्) उ ३।१३० पलास (पनाश) प ११३५।१ ज ४।२२५११ पलिओवम (पल्योपम) प १।२४,४१३०,३४,३६, ४०,४२,४३,४५,४६,४८,४६,५१,५२,५४, १०४,१०६,११०,११२,१२४,१४६,१५१, १५५,१५७.१५८,१६०,१६२,१६४,१६५, १६७,१७१,१७३,१७७,१७६,१८०,१५२, १८३.१८५,१८६,१८८,१८६,१६१,१६२, १६४,१६५,१६७,१६८,२००,२०१,२०३, २०४,२०६,२०७,२०६,२१०,२१२,२१३, २१५,२१६,२१८,२१६,२२१,२२२,२२४, २२५.२२७.२२८,२३०,२३१,२३३,२३४, २३६,६१४३,१२।२४,१८।४,६,१०,१२,६०, ७० से ७२,२०१६३:२३१६१,६४,६६.६८,७३, ७५ से ७७,७६,८१,८३ से ८६,८८ से १०, ६२,६५ से ६६,१०१ से १०४,१११ से ११४, ११७,११८,१३४,१३५,१३८,१४०,१४२. परिहारविसुद्धियचरितपरिणाम (परिहारविशुद्धिकचरित्रारिणाम) प १३।१२ परिहावेतच (लरिहारयितव्य) सू८।१ परिहित (परिहित) सू२०। Page #265 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६७८ १४३,१५१ से १५३, १५५ से १५७,१६०, १६१,१६४,१६६ से १६६,१७१ से १७३ ज ११२४,३१,४५ से ४७ ; २२५, ६,४४,५२, ५६,५६,१५६,१६१३११६७,२२६ : ४।२२, ३४,५४,६०,६१,६४, ८०, ८५, ८६,६७, १०२, १४२,१६१, १६६,१६७ १३,१७७,१८६,१९६, २०८,२६१, २६६, २७०,२७२७ १८५७ से १६६ सु ६।१८३११८१२५ से ३६ उ ३३१६,८५, १२४; ४।२५ पलिभाग ( प्रतिभाग ) प १२/२७,३६,३७,१५१५० ज २२६५ पलि भागभाव ( प्रतिभागभाव ) प १७ १५०, १५२ पलिमंथ (परिमन्थ' ) प १४५११ पलिय (पलित ) ज २११५,१३३ पलियंक ( पर्यङ्क ) ज १११८, ४८ ४५५,६२,६८, १६७,१६६; ७११३३३२ पलुम ( पलुआ ) प १/४८१६ सन की जाति का एक पौधा पल्ल (पल्य ) ज २६ पल्लग (पल्यक) प ३३।२० ज ४३५७ पल्लल ( पल्वल) १२१४, १३, १६ से १६,२८ पल्हत्थ ( पर्यस्त ) ज ३३१०५ पल्हत्थमुह ( पर्यस्तमुख) उ १११५; ३६८ पल्हव ( पल्हव ) प ११८ पहविया ( पविका ) ज ३।११।१ पल्हाणिज्ज (प्रह्नदनीय ) प १७११३४ ज २०१८, १८५ पच ( प्रपञ्च ) प २१६४ वग (प्लवक) ज २१३२ √ पवड ( प्र + पत्) पवडइ ज ४ । २३ से २५, ३८ से ४०,६५ से ६७,७३ से ७५६६० से ६२ पवडेज्ज र ३१५५ पवडणया (प्रपतन) प १६ ५३ पवण (पवन) प २|३०|१ ज ३।३५१०६; ५५ √ पयत (प्रवर्तय् ) पवत्तड प ११६८, १६ ३६ १. वनस्पतिकोश में हरिमन्थ शब्द मिलता है। पलिभाग-पविज्जुया दत्ता ४०, ५५ पवतति प १६१४३ पवत्त ( प्रवृत्त) ज ३|११५,१२३ पदति ( प्रवर्तिन् ) प १६ । ५१ पति ( प्रवृत्ति) ज ४१२३,३८, ६५, ७३,९०,६१ पवयण (प्रवचन) १।१०११५, ११ सू २०१६४ पवर (प्रवर) १ २ ३०, ३१, ४१, ४६ ज ३७, ६, १२.१५,१७,२१,२२,२४,२६,३१,३२,३४ मे ३६,३६,४७,५६,६४,७२,७७,७८,८१, ८५.८८,६१,१०८ से १११.११३,१३३,१३८, १४५, १६७१५, १७३, १७५, १७७, १७८, १६६, २२२, ५१५,७,४६,५८ सू २०१७ १११७, १६,२२,२४,१२३, १४० ४ १२, १३, १५; ५११८ वह ( प्रवह) ज ४१३६, ४३, ७२,७८,६०,६५, १७४,१८३,२६२, ६११८ पवा (प्रपा) ज २२६५ ५।५,७३३१३६ पवाइत ( प्रवादित ) प २१३१,४६ वाइय ( प्रवादित ) प २१३०,३१,४१ ज ११४५; ३।१२,७८,८२,१८०, १८५, १८७,२०६, २१८, ५११, ५१६७१५५, ५८, १८४ १८१३; १६।२३.२६ पवात (प्रपात ) उ५१५ पवादित ( प्रवादित ) ज ३।२०६ पवाय (प्रभात) ज २२३८ ३३८६४।२३,३८, ४२. ६५.६७,६८,७१,७३,९० से ९४ पाबहुल (प्रपातवहुल ) ज १।१८ पवाल ( प्रवाल ) प १।२०१२, ११३५,३६,११४८।१५, २५,६३; २३१ ज २।२४,६४,६६,१३१,१४४, १४५,१४६,३।३५,११७,१६७८ पवालंकुर ( प्रवालाङ्कुर ) प १७।१२६ पवालि ( प्रवालिन) ज ७।११२३ सू १०११२६१३ पविचरिय ( प्रविचरित) ज ४५३ पविज्जय ( प्र विद्युत् ) पवज्जुवा इस्सइ ज २।१४१ से १४५ विज्जुयायति ज ३।११५ पविज्जुयाइत्ता ( प्रविद्युत्य ) ज २११४१ Page #266 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पविजुयायित्ता-पसत्य ६७६ पविज्जुयायित्ता (प्रविद्युत्य) ज ३।११५ पविट्ठ (प्रविष्ट) प१५११११,१५१३६,४०,४२ ज ३।१०५,१७८.२२३;७।१७८ पविठित्ता (प्रविश्य) सू १०।१३६,१३१५,६ पवित्थर (प्र--वि- स्त) पवित्थरइ ज ३७६, ११६,११८ पविभत्त (प्रविभक्त) ज १११८,२०,४८,४११६७, २१५ पविभत्ति (प्रविभक्ति) सू १५:३७ पवियरिय (प्रविचरित) ज ४१३,२५ पवियारण (प्रविचारण) प १३१७ पविरल (प्रविरल) ज २६१३३; ५७ पिविस (प्र-विश) पविसं ति ज ३।१८३ पविसंत (प्रविशत्) च ४।२ सू १८१२; १९४२२१४ पविसमाण (प्रविशत्) ज ३१२०३११३,१६,२३ से २५,२८ से ३०,७२,७८,८४ सू १११२,१४, १६,१८,१६,२१.२४,२७,२६३, ६।११३१६ से १०,१४ से १६ पिवुच्च (प्र- वच्) पवुच्चइ सू ५१ पढ़ (प्रव्यूढ) ज ३।६७,१६१,४१२३,३५,३५,४२, ६५.७१,७३,७७,६०,६१,६४,१७४,१८३, १६५,२६२ पवेस (प्रवेश) ज ११६,३८,३।१२,४१,४६,५८, ६६,७४,७७,१०६,१४७,१६८,२१२,२१३; ४११०,११५,१२१,२१७ उ ५।४३ पव्व (पर्वन् ) प ११४८।४७,११।२५ ज ७।१०६ से ११० सू १०.१२७:१२।१६,१७,१३३१,२ पव्वइत्तए (प्रवजितुम) प २०१७,१८ उ ३१५०; ५॥३२ पवइय (प्रवजित) ज २६५.६७,६५,८७ उ २१६; ३३१३,२१,५०,५५,५८,६०,७६,७७,७६,११३, ११८, ५॥३८ पव्वंस (दे०) उ ५२२५ मिशिर ऋतु पव्वग (पर्वक) प १४३३११:११४१,११४८।४६ ___ ज २११४४ से १४६, ३।३१ पिन्वज (प्र-व्रज्) प जिहिइ उ ५४३ पन्वज्जा (प्रव्रज्या) उ ३११६६ पब्बत (पर्वत) प २।३२,३६,५०,५१,१७११११ ज ११४६;३।२२४ सू ५।११६२६ पव्वतराय (पर्वतराज) सू १६४२३ पवतिद (पर्वतेन्द्र) सू ॥१ पव्वय (पर्वक) ५ ११४२११ पन्वय (पर्वत) ६२३३,३५,४३,४४,१६।३०; १७४१०६ ज १११६,१६,२०,२३ से २५,२८, ३२,३३,४६।१,४७,४८,५१:२१३१,१०,११७, ११८,११६,१३१,१३३,३।१,६१,८१,१३०, १३१,१३५ से १३७,२२४;४।२३,३८,४८, ५७,५९,६०,६५,७१,७३,८४,६०,६१,६४, १०३,१०६,११०,१११,११३,११४,१४२, १६०,१६२,१६३,१६७,१६८,१७२,१७३, १७५,१७६,२००,२०५ से २०८,२१२ से २१६,२२०,२२१,२२५,२२६,२३४,२३५, २३७,२३६ से २४१,२५३,२५४,२५७,२५६, २६० से २६२९५१४४,४७,४८,४६,५५,६।६।१; ६।१०,१६,२३,२४,७१८ से १३,३१,३३,५५, ५८,६७ से ७२,६१,९२,१७१ सू ४१४,७,७११; ८.१,१८।५ उ ३३५५,५५,६ पिन्वय ( प्रव्रज) पव्वयाइ उ ३.११२ पव्वयामि उ ३११३;४।१४ पन्वयाहि उ ३।१०७ पव्वयग (पर्वतक) ज १११३ पन्वयबहुल (पर्वतबहुल) ज ११८ पवयराय (पर्वतराज) ज ७।५५ सू ५।१,७११ पवयसमिया (पर्वतसमिका) ज ११२३,२५,२८ पत्रयाउय (एवनायुप् ) ज ५॥१६ पव्यराहु (पर्वराहु) सू २०१३ पसंत (प्रशान्त ) ज २१६८,५७,२६ पसदिल (प्रशिथिल) १२१४६ पसष्णा (प्रसन्ना) उ११३४,४६,७४ पसत्त (प्रसक्त) ज ५१२६ पसत्थ (प्रशस्त ) प १७१३३,१३४,१३८,२३४५६, १०६,११६:३४।१३ ज ११३७२।१५:३।३,६ Page #267 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६८० पसय- उन्भूय १८,३५,६३,१०६,१८०,२२२,२२३;७११७८ पसय (दे०) प ११६४ ज २१३५ पसर (प्र स) पसरइ उ ३.५१ पसरई १११०१७ पसरित्ता (प्रमृत्य) उ २५१ पिसव (प्र+स) पसवंति ज २०४६ पसार (प्रसारय) पसारेइ उ ३६२ पसासेमाण (प्रशासयत्) ज ३१२ उ ५१६,११ पसिण (प्रश्न) ज ७।२१४ उ ३१२९ पसिय (प्रमृत) ज ३१३५ पसु (पशु) प १११४ उ ३१३६,४८,५० पसूय (प्रसूत) ज ३१०६ उ ३।४८,५०,५५ पसेढी (प्रश्रेणी) ज ५।३२ पसेणइ (प्रसेनजित्) ज २१५६,६२ पसेणी (प्रश्रेणी) ज ३.१२,१३,२८,२६,४१,४२, ४६,५०,५८,५६,६६,६७,७४,७५,१४७,१४८, १६८,१६६,१७८,१८६,१८८,२०६,२१०, २१६,२१६,२२१ पह (पथ) ज ३१८५,१८८,२१२,२१३,५७२, ७३ सू १६।२२।१५ उ १६८ पहंकरा (प्रभङ्करा) ज ४।२०२।२ पहकर (दे०) ज २११२६५,३।१७,२१,१७७ पहगर (दे०) ज ३१२२,३६,७८ पहत (प्रहत) ज २११३१ पहरण (प्रहरण) ज ३३३१,३५,७७,१०७,१२४, १६७१६,१७८,४।१३७ उ १११३८ पहरणरयण (प्रहरणरत्न) ज ३३५ पहराइया (प्रभाराजिका, प्रहारातिगा) प ११८ पहव (प्रभव) ५ १११३० पद्दसिय (प्रहसित) प २१४८ ज ११४२,४१४६, २२१ : ७६१७६ सू १८८ पहा (प्रभा) प २१३१ ज ११२४ पहाण (प्रधान) ज २।१५,६४,१३३,३१३,३२, ११७६१,१३८,१७५७।१७८ पहार (प्रहार) ज ३।१०६ उ ३।१३१,१३४ पहार (प्र. धारय) पहारेत्थ ज २६३18, १८३ उ १८८ पहारेमाण (प्रधारयत्) प ३४०२४ पहाविय (प्रधावित) ज १६५ पहिय (प्रथित) ज ३११७,१८,२१.३१,६३,१७७. १८० पहीण (पहीण) ज २१८८,८६,३१२२५ पहु (प्रभु) ज ७११६८१२ पाई (पाची) प ११४४।१ एकलता, मरकतपत्री पाइक्क (दे०) ज २०६५ पाईण (प्राचीन) प २१०,५० से ५२,५४ से ६२ ज ११२०,२३ से २५,२८,३२,४८,३११, १२६।४।४।१,३,५५,६२,८१,८६,८८,६८, १०३.१०८,१४१,१६२.१६७.१६६,१७२, १७८,१८५,१८३,१६१,२००,०३,०५, २१५,२४५,२४६,२५१,२६२,६८,१११०१, १०२ सू८।१ पाईणपडिणायता (प्राचीनापाचीनायता) सू१।१९; २।११०११४२,१४७,१२१३० पाईणपडीणायता (प्राचीगापाचीनायता) प २।५० से ६२ ज ११२० । पाईणपडीणायया (प्राचीनापाचीनायता)ज ११२०% ३.१:४।१,३,८६,८८,९८,१०८ पाईणवाय (प्राचीनवात) प २६ पाउण (प्र+आप) पाउणइ उ ३११४,५।३६ पाउणति प ३६.९२ पाउणि सई उ ५।४३ पाउणित्ता (प्राय) प३६९२ ज २१८८,३१२२५ उ २।१२३।१४,४१२४:५१२ पाउप्पभाय (प्रादुष्प्रभात) ज ३।१८८३३१४८, ५०५५,६३,६७,७०.७३,१०६,११८ पाउब्भव (प्रादुन्। भू) पाउभभंति ज ५१२७ पाउन्भवह ज ५२२,२६ उ १११२१ पाउभवामि उ ३।२६ पाउमविस्था ज ३.१०४ पाउभविस्थाइ ज २११४१ मे १४५ पाउभवमाण (प्रादुर्भवत्) ज ५१२८ पाउन्भूय (प्रादुर्भत) ज ३११०५.११३,१२५; Page #268 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाउभवित्ता-पादुम्भ ९८१ ५१७४ सू ११४ उ १।२४,३४,४०,४३,७४; ३३५७,६२,६५,६९,७२,७५,८१,१४३,१५६ पाउभवितए (प्रादुर्भवितुम्) ३११३ पाउया (पादु) ज ३१६,१७५; श२१ पाउस (प्रावृष) ज७१२६ १२११४ उ ५२५ पाओ (प्रारम्) - १ पाओवगध (प्रोपगा) उ ।११ पाओसिया (प्रादोपिकी) २२१४६,५६ पागड (प्रट) ज ३१३ च ११३ पागडभाव (कटभाव) ज २१६८ पागडिय (प्रकटित) २१४८,४६ पागढि (प्रापिन् ) ज ५॥५,४६ पागत (कृत) सू १६२२१३ पागलग (पा शासन) । २।५० ज ५११८ पागार कार) प२३०,३१,४१ ज ३११; ४।११४,११६, ७।१३३१२ पागारच्छाया (प्राकारच्छाया) सू ६१४ पाभारसंठिय (का संस्थिः ) सू १०।४३ पाड (पालय) पाडेइ उ ३१५१ पाडेंति ज ५११६ पाडण (वन) उ११५१,८६ पाडल (माटल) ज ३।१२,८८,५१५८ पाहता(टला)६ १३७५ पापुडाटलिपुट) ज ४।१०७ पाधिएकक (प्रक) ३१११८,४१२२ पउिसए ( विनुम) उ ११५१,७६.७७ पाडियंतिथ (प्रात्यधिक) ज २५७ पाउिवया (हिप) सू २०६३ पाडिहारिय (पानिहारिक) । ३६।६१ पाडेता (पातयित्वा) ज ५११६ उ ३१५१ पाढा (ठा) १९८८१४, १७।१३१ पा (प्राण) पश६४, ३६।६२,७७ ज २।१३१, ३११०८ से १११, २१२ पाण (प्राण, न) ज २१४११,२ पाण (पान) उ ३५०, ५५,१०१,११०,११४,१३४; पाणक्खय (प्राणक्षय) ज २।४३ पाणत (प्राणत) ११११३५ पाणम (प्र-+अन्) याणमंति ॥ ७१ से ४,६ पाणय (प्राणत) १२१४६,५८,५९,५९।२,६३; ३।१८३, ४१२५८ से २६०।६।३६,५६,६६; ७.१७:१५1८८,२११७०२८1८४;३३।१६; ३४११६,१८ ज ५१४६ उ २१२२ पाणय (पानक) उ ३।११४:४।२१ पाणयग (प्राणतज) ज ५१४६ पाणयव.सय (प्राणतावतंसक) प २५८ पाणाइवातकिरिया (प्राणातिपातक्रिया) प २२.१ पाणाइवाय (प्राणातिपात) प २२१६ से ११,२१ से २३ पाणाइवायकिरिया (प्राणातिपातक्रिया) प २२१६, ४६,४७,५०,५२,५७,५६ पाणाइवायविरत (प्राणातिपातविरत) प २२१८३, ___ ८४,६१ से १४,६६ पाणाइवायरमण (प्राणातिशतविरमण) प२२२७७ से ७६ पाणातिवालकिरिया (प्राणातितक्रिया) प २२१६ पाणि (प्राणिन ) ज ३.१७८ पाणि (पाणि) ज ५१५ उ ११११ से १३,३०,३२; २१७,४१८,५।१२,२५ पाणिग्गहण (पाणिग्रहण) उश१३ पाणिय (पानीय) उ ३।१३० पाणियग (पानीयक) ज २११३१ पाणिलेहा (पाणिरेखा) ज ११५ पाणी (पाणि) प ११४०।४ पात (प्रातस्) सू १०१५,१३६ पाती (पात्री) ज ३१११,५१५ पाद (पाद) १७.१११ ज ४११३ पादपीढ (पादपीठ) ज ३११७८ उ११११५ पादीणपडीणायया (प्राचीनााचीनायता) ज १११८ पाभ (पा-दुर् : भू) दुष्यति १३४।१६,२१ Page #269 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १८२ पादो-पास पादो (प्रातस) सू २१ पारगामि (पारगामिन् ) ज ३७० पादोसिया (प्रादोषिकी) प २२॥१,४,५६ पारणग (पारणक) उ ३१५१,५३,५४ पामोक्ख (प्रमुख,प्रमुख्य) ज ११२६; २१७४,७७; पारस (नारस) प २८६ ४११३७ उ ५११०,१७,१६। पारसी (पारसी) ज ३३१०२ पाय (पाद) ज ३११२५,१२६,२२०,२२४:५१५,७।। पारिणामिया (पारिणामिकी) उ ११४१,४३ सू २०१६१६ उ १.११,१३,३० से ३२,७१, पारिप्पन (पारिप्लक) ५११७६ १४:४।८.२१:५।१२ पारियावणिया (पारितापनिकी) प २२११,५,५०, पाय (प्रातस्) सू १०।१३६ । ५२,५६ पायचारविहार (पादचारविहार) ज २१३३ पारेत्ता (पारयित्वा) ज ३१२८ पायच्छित (प्रायश्चित्त) ज ३७७,८१,८२,८५, पारेवत (पारापत) ११६५५, १७१३२ १२५,१२६ सू २०१७ उ १११६,७०,१२१ पारेवय (पारापत) ६११५९ ज ३३५ ३।११०,११५,५११७ पारेवयगोवा (पारापतग्रीवा), १७।१२४ पायत्त (पादात) ज ३।१७८ पाल (पालय) पानयाहि ज ३।१८५ पालेंति पायताणीय (पादातानीक,पादात्यनीक) ज ३११७८ ज १२२,५०,५८,१२३,१२८:४११०१ पायत्ताणीयाहिवई (पादातानीकाधिपति, पाले हिति ज २११४८ पादात्यनीकाधिपति)ज २२,२३,२६,४८ पालइत्ता (पालयित्वा) ज १८८ से ५२,५३ पालंब (प्रालम्ब) ज ३१६,६,२२२:५।२१ पायत्तिय (पादातिक) उ १११३८ पालक्का (पालका) प ११४४११ पायददरय (पाददर्द रक) ज ५१५७ पालण (पालन) ज ३१८५,२०६ पायपीढ (पादपीठ) ज ३१६५२१ उ १५११५ पालय (पालक) ज ५।२८,२६,४६३ पायमूल (पादमूल) उ ३।१२५ पालियायकुसुम (पारिजातकुमुम) १७१२६ पायरास (प्रातराश) उ १११०,१२६,१३३ पालेत्ता (पालयित्वा) ज १।२२ पायव (पादप) ज २।६५,७१, ३।१०४,१०५ पालेमाण (पालयत् ) ए २१३०,३१,४१,४६ उ १११,६१,३१५६,६४,६६,६८,७१,७४,७६ ज श४५,३।१८५,२०६,२२१:५११६ पायवंदय (पादवन्दक) उ १७०४।११ उ १६५,६६,७१,६४,१११,११२,५।१० पायविहारचार (पादविहारचार) उ ३।२६ पाव (प्र+आप) पाये प २१६४।१५ पायसीस (पादशीर्ष) ज ४११३ पाव (पाप) म १११०११२,१११८६ पायहंस (पादहंस) प १७६ पास्यण (प्रवचन) उ ३३१०३,१३६,४।१४।५।२० पायाल (पाताल) ५२११,४,१०,१३ पाववल्ली (पावकवल्ली) ८ ११४०१२ पायावच्च (प्राजापत्य) ज ७/१२२१२ सू १०१८४१२ पावा (पावा) प ११६३३५ पायीण (प्राचीन) ज २१५३ कपास (दश) पासइ ११७१०८ से ११०, पायोवगय (प्रायोपगत) ज ३१२२४ ३०१२८ ज २१७१,६०,६३,३३५,१५,२६,३१, पार (पारय) पारेइ ज ३१२८,४१,४६,५८,६६, ३६,४४,४७,५२,५.६,६१,१०६,११६.१३१, ७४,१३६,१४७,१८७ १३७,१४१.१७३,५१३,२१,२८,६३ उ १११६; पारगत (पारगत) प २१६४१२१ ३।७,४११३,५१२२ पासउ ज २१ मंति Page #270 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पास-पिंगायण १८३ प २१६४।१३,१५१४६ से ४६,३३.२ से १३, २४३,५११,६,२५ उ ११४६,६४,२१६५।१३, १५ से १८,३४१६ से ६,११,१२ ज ३११०५, २०,२७,३१ ११३ उ १५३६ पासति र १२३७,४१,४४, पासायव.सय (प्रासादावतंसक) ज ४।१०२,११६, ४५,१७१०६ से १११:२३।१४;३०।२५ से । २२१,२२२,२२३११,२२४।१।। २८,३६१८०,८१ पासह ज ३।१२४ पासि (पाव) ज २३,२५,२८,३२,३।१७६; पासिज्जा उ ११५ पासिहिति ज २।१४६ ४.१,४३,६२,७२,७८,८६,६५,६६,१०३,१७८, पासिहिसि उ ११२२ पासे इ उ ११५७ पासेज्जा १८३,२००,२०१:५१४६,६०,६६ उ १२१ पासिङ (द्रष्टुम्) १ ११४८।५७ पास (पास) १८६ पासिउकाम (द्रष्टुकाम) प २३।१४ पास (पाश्च) ज २।१५,३१३२,४।१४२,२०२,२१२, पासित्ता (दृष्ट्वा ) १२३३१४ ज २०६० उ ११६ ५।१७,४३,४६,६०,६६, ७१३१,३३ सू ४।३,४ ३३१०१,४११३:५११३ २०१२ उ ३।१२,१४,२१,२८,९६,४६,५१,७६; पासित्ताणं (दृष्ट्वा ) उ ११३३,२१८ ४११०,११,१३,१५,१६,२०,२८ पासियत्व (द्रष्टव्य) प २३।१४ पाश (पाश) ज ३.१०६ पासेत्ता (दृष्ट्वा ) उ ११५७ पासंडबहुल (पापण्डबहुल) ज १११८ पाहाण (पाषाण') ज ५११६ पासंडधम्म (पापण्डधर्म) ज २११२६ पाहुड (प्राभूत) ज ३८१ च ३१२,३,५१४ सु ११७; पासग (पाशक) ज ७१७८ ___६१४,२५,१०।१७३ पासग्गाह (पाशग्राह) ज ३।१७८ पाहुडत्थ (प्राभृतस्थ) सू २०६ पासणया (दर्शन,पश्यत्ता) प १११।७,३०।१,५,८,१० पाहुडपाहुड (प्राभृतप्राभूत) च ५।४ स ११६ पासथविहारि (पाश्चस्थविहारिन्) उ ३११२० पाहुणिय (प्राधुनिक) ज ७१८६।१ सू २०१८ पासमण (श्यत्) ज २१७१ पाहुय (प्राभूत) प १२५० पासवण (प्रस्रवण) : १८४ पि (अपि) उ ३३० पासाईय (प्रासादीय प्रासादिक) प २१३१,४८,५६, पिड़ (पितृ) उ १६१,५४३ ६३ १२३,४१,२।१५:४३,६,१३,२५,२६, पिइदेवया (पिलदेवता) सू१०।८३ ३३,४६,१४६; १६२ उ ५१६ पिउ (पितृ) ज ७१३०,१८६।४ उ ११५२,५४, पासाण (पाषाण) ज ३।१०६४।३,२५,७४१७८ पासाद (पासाद) १६५ पिउसेणकण्ह (त्रिसेनकृष्ण) उ ११७ पासादच्छाया (प्रसादच्छाया) मू ६४ पिंगल (पिङ्गल) ज ३१६,१६७१४,२२२ पासासठित (प्रासादसंस्थित) सू४१२ पिंगलक्ख (गिलाक्ष) ज ७।१७८ पासादीय (प्रासादीय,प्रासादिक) प २।३०,४१,४६, पिंगलक्खग (पिंगलाक्षक) ज २।१२ ६४ ज ११८,३१,२।१२,१४,४।२७ मू १११ पिंगलग (चिंगल क) ज ३।१६७ उ५४,५ पिंगलय (सिंगलक) ज ३३१६७४१,१७८ सू २०१२, पासाय (प्रासाद) ज ११४२,४३ ; २।२०,६५,३।३२, ८,२०१८४ ८२,१८७,२१८,२१६,४१३,४६,५०,५३,५६, पिंगायण ( गायन) ज ७१३२।३ सू १०११०८ १०६,११२,११६,११६१२०,१४७,१५५,१५६। २२१ से २२४,२२६,२३५,२३७,२३५,२४०, १.दे ११२६२ Page #271 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १८४ पिंडय-गीइदाण पिंडय (पिण्डक) ज ६६६१ पिड़वाय (पिण्डपात) उ ५।४३ पिडित (ण्डित) घ २०६४।१५,१६ पिडिम (पिण्डिम) ज २११२५५ पिक्क (पत्र) प १७:१३३ पिखुर (दे०) ज ३१८१ पिच्छय (च्छिक) उ ११५६,६३,८४ पिच्छि (पिच्छिन्) ज ३११७८ पिट्ट (दे०) उ ३.११४ पिट्ठओ (पृष्ठतम्) ज ३।१०,११,८६,८७,१७६; पिढओउदग्गा (पृष्ठत उदग्रा) सू ६४ पिटठंत (पृष्ठान्त) उ ३१३ पिट्ठर (पृष्ठान्तर) उ २०१६; ५५ पिट्ठीय (पृष्ठ) उ ३१११४ पिदिठकरंडक (पृष्ठकरण्डक) ज २०१६ पिटिठकरंडग (पृष्ठकरंडक) ज २०४८,१५६ पिट्टिकरंडुक (पृष्ठकरण्डक) ज २१५२,१६१ पिट्टिकरंडुय (पृष्ठकरण्डक) ज २१५६ पिडग (गिटक) सू१६२२१४,५,६ पिडय (निटक) सू१६।२२।४,५ पिणद्ध (पिणद्ध) ज ३।६,७७,१०७.१२४,२२२ उ ११३८ पिणद्ध (नि- नह) पिणद्धति ज ३।२११ पिणद्धाव (पि+नाहय,पि+नि+धाय्) पिणद्धावेइ ज ५१५८ पिणद्धावित्ता (पिनाह्यगिनिधाप्य) ज ५१५८ पिणवेत्ता (दिनह्य) ज ३।२११ पितिपिंड (पितृपिण्ड) ज २१३० पित्त (पित्त) प ११८४ पित्तिय (पैत्तिक) उ ३।३५,११२,१२८ पिप्परि (पिपाली) प ११३६।२ पिप्पलिचषण (विष्पलिचूर्ण) प १११७६,१७.१३१ पिप्पलिया (पिलिका) प ११३७।२ पिप्पली (हिणली) ५१७।१३१ पिप्पलीमूलय (पिप्पलीमूलक) १७१३१ पिप्पीलिया (विप्पीलिका) १५० पिय (प्रिय) १२१४१, २८1१०५ ज २१६४,३१५, ६०,१५७,१८५,२०६ ; ५१५८ उ ११४१,४४; ३।१२८,५।२२ इपिय (पा) पियंति उ ३।६८ पिय (पित) उ १७२,८८,६२,४१२८ पियंगाल (दे०) १।५१ पियंगु (प्रियङ्गु) ५२।४०१६ पियट्ठया (प्रियार्थ) ज ३१५,११५,१२५ पियतर (प्रियतर) ज २१८,४।१०७ पियतरिया (प्रियतरका) प १७११२६ से १२८, १३३ से १३५ ज २०१७ पियदसण (प्रियदर्शन) ज ३।६,१७,२१,२८,३४, ४१,४६,१३६,१७७,२२२ सू २०१४ उ ५।५,२२ पियर (पित) ५ ११।१३,१८ पियस्सरता (प्रियस्वरता) प २३।१६ पिया (पितृ) ज २२२७ पिया (प्रिया) ज २।६६ उ ४८,६ पियाल (प्रियाल) ज १३५१२ पिरिली (पिरिली) ज ३।३१ पिलग (पिलक) ज २११३७ पिलुक्खरुक्ख (प्लक्षरूक्ष) ११३६१२ पिल्लण (प्रेरण) ज ३।१०६ पिव (इव) ज ३१२२ उ ११३८,३।५० पिवासा (पिपासा) उ ३.११४,११५,११६,१२८ पिसाय (पिशाच)११३२, २१४१ से ४३,४५ ४६६८५ पिसायइंद (पिश चेन्द्र) ५२१४२ से ४४ पिसायराय (पिशाचराज) प २१४२ से ४४ पिसुय (पिशुक) प १५० ज २१४० पिधान (विधान) ज ५१५६ पिहुजण (पृथक् जन) प ६४२६ पिहुल (पृथुल) ज २११५, ७३१,३३ सू ४।३,४, पोइगम (प्रीतिगम) ज ५।४६।३,७।१७८ पीइदाण (प्रीतिदान) ज ३।६,२६,२७,३६,४०, Page #272 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पीइमण-पूच्छा ४७,४८,५६,५७,६४,६५,७२,७३,१३३,१३४, ३६८१ ज १७ सू १११४ १३८,१३६,१४५,१४६ पुक्खरद्ध (पुष्करार्ध) प १५२५५:१७११६५ पीइमण (प्रीतिमनस्) ज ३१५,६,८,१५,१६,३१,५३, सू१६२०२,५ ६२,७०,७७,८४,६१,१००,११४,१४२,१६५, पुक्खरवर (पुष्करवर)सू १९१२ से १६:२११३,२८ १७३,१८१.१८६,१९६,२१३,५।२१,२७ पुक्खरवरदीवड्ढ (पुष्करवरद्वीपार्ध) ५ १६।३० उ ११२१,४२,३।१३६ म १६०२१ पीइवद्धण (प्रीतिवर्धन) ज ७.११४।१ पुक्खरवरोद (पुष्करबरोद) सू १६०२८ से ३१ पीढ (पीठ) १३६६१ उ ३१३६ पुक्खरसारिया (पुष्करसारिका) प १६८ पीढग्गाह (पीठग्राह) ज ३.१७८ पुषखरिणी (पुष्करिणी) प २।४,१३,१६ से १६, पीढमद्द (पीठमद) ज ३१९,७७ २८,१११७७;२११८७ ज १।१३,३३,२११२; पीण (प्रीणय ) पीणेति ज ५१५७ ४।१४०,१५४,२२१ से २२४,२३५,२४३ पीण (पीन) ज २०१५ पुवखरोद (पुष्करोद) ज ५।५५ सू १६।२८ से ३१ पीणणिज्ज (प्रीणनीय) १ १७११३४ पुक्खल (पुष्कल) ज ४११६६ पीणित (प्रीणित) सू १२।२६ पीतय (पीतक) सू २०१२ पुक्खलकूड (पुष्कलकूट) ज ४११६८ पीति (प्रीति) उ १११११,११२ पुक्खलचक्कट्टिविजय (पुष्कलचक्रवति विजय) ज४।१६४,१६५ पीतिदाण (प्रीतिदान) ज ३।१५० पुक्खल विजय (पुष्कलविजय) ज ४११६७ पोतिवद्धण (प्रीति वर्धन) सू १०।१२४११ पीय (पीत) ज ३१२४,३१ पुक्खलसंवट्टय (पुष्कलसंवर्तक) ज २।१४१,१४२ पीयकणवीरय (पीतकरवीर) प १७११२७ पुक्खलावइचक्कवट्टीविजय (पुष्कलावतीचक्रवर्ति पीयबंधुजीवय (पीतबन्धुजीवक) ५ १७११२७ विजय) ज ४।२०० पीयासोग (पीताशोक) र १७११२७ पुखलाई (पुष्कलावती) ज ४१६६ पीलु (पीलु) 4 ११३५११ पुक्खलावईकूड (पुष्कलावतीकूट) ज ४११६६ पीवर (पीपर) ज २१५७.१०८ पुग्गल (पुद्गल) ५ २८॥३५ पीसिज्जमाण (विष्यमाण) ज ४११०७ पुच्छ (प्रच्छ) पुच्छड चं ११४ उ २०१२ पोहगपाय ('पोहग'पान) उ ३।१३० पुच्छिज्जति सू १०।६२ पूच्छित्सामि उ १११७,३२६ पुंख (पुख) ज ३।२४ पुंज (पुञ्ज) प २।३०,३१,४१ ज २।१०:३७,८८ पुच्छणी (प्रच्छनी) ५१११३७।१ ४।१६६:५७ पुच्छा (पृच्छा) प २१४४,४१५० से ५४,५४ से ६४, पुंडरीका (पुण्डरीका) ज ५१११११ ६६,६७,६६,७०,७१,७३,७४,७६,७७,८०,८१ पुंडरोगिणी (पुण्डरीकिणी) ज ४०२००११ से ८७.८६,६०,६२ से ६४,६६,६७,६६,१००, पंडरीय (पुण्डरीक) ५ २१४८ ज ३।१०:४१४६,२७४ १०२.१०३,१०५ से ११२,११४ से १३०, पुक्कार (पुक्का रय) पुक्कारेंति ज ५१५७ १३२ से १३६,१४१ से १४८,१५० से १५७, पुक्खर (पुष्कर) ५ १५६५५३१ ज २१६८ १५६ से १६४,१६६,१६७,१६६,१७०,१७२, सू १६२१३१ १७३,१७५ से १८२,१८४ से २०६,२०८, पुक्खरकणिया (पुष्करकणिका) परा३०,३१,४१, २०६,२११,२१२,२१४ से २६३,२९५,२६६, Page #273 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पुच्छिज्ज-युद्धविच्काइय .६६६१,१५१,१५१३६ से ४०,४५,२०१३६; २२१५६२३।१३ से २३:२८।११,१२,५७,५८ ज०१८,२०,२३,४८3३३३५,४१,५५,६२, ८१,८६,६८,१०८,१७२, ६।१,३,७१४०,५०, २९८५१३,१५,१६,५५.५८,६२,६७,७०, ७३,८८,६६,१३०,१३३,१३५,१३७,१३६, १४२,१४४,१४६,१४६,१५३,१५६,१५६, १६२,१६५,१६८,१७१,१७३,१७६,१८०,१८३, १८६,१८६,१६२,१६६,१६६,२०२,२०६, २१०,२१३,२१७,२२०,२२३,२२७,२२६, २३३,२३६,२३८,६१२४ से २६,२८ से ४२, ७४,७६,७७,११०,११२,६४२२;१०१७ से १३, २२ से २४;१२।२४,३३,१४।१५,१५१४ से ६, ६,१०,४२,५७,८१,८२,८५,८६,६२,६३; १६.४,६ से ८,१७:१४,१७,२८,२६,३३,४१ से ५५,६५,१०२,१०४,१३१ से १३४,१५८, १६२,१६४,१८१२६,६२,११२,११८,१२१, १२३,१२४,१२७:१६।२,३,५,२०१४.७,१६, ३०,३५,४१ से ४४,४६ से ४८,५३,५४; २११३७,६७, २२१६८,६६,६५,६८२३६४८ से ५०,६५,६६ से ७६,८१,८३ से ८६,८८ से ९०,६५,९८,६६,१०१ से १०४,१०६,१११ से ११८,१२८,१२६,१३१ से १३३,१५४,१७३; २४।६,८,२६।६,१०,२८७६ से ६७,६६, १०६,११०,१२६,१४५,२६१८,११,२०,२१; ३०।१२,१८,२०,२२,३१।२,३,६,३२१३,४,६, ३३१७ में ६,२० से २६,२८,२६,३२,३३,३६, ३४।७ से ६,११,३५।३.११,१६,२२,३६१३४, ५०,५१.५५ से ५७ ज ४।२०४,२१०,२५८, २५६७।६३.७४,७७,८३,८४,१०८,१४२ से १४४ सू ९३१०।१५१,१८११० से १३,३५, ३६:१९३५,८,११,१५,१६,२१,३१,३५,३८ उ २०१३;३१८,२१,२६,६४,१५६,१६६ ; ४।५; ५१२३ पुच्छिज्ज (प्रच्छ) पुच्छिज्जइ प ३।१२१ पुच्छिज्जति प १११८२,८३,८५,१७।३०; २११६१,२८।११५,११७ पुच्छिज्जति प२८॥१४५ पुठ्ठ (स्पृष्ट) ५ २६४११०,११,१११६१,६२, पुड (पुट) ज ५११४,१७ उ १५५,५७,६१,६२, ८०,८२,८६,८७,३।११४ पुढवि (पृथ्वी) प ११२०११,११४८३८११५३, २।१,२० से २७,३० से ३७,४१ से ४३,४६, ४८ से ५१,६३,६४,३१११ से २३,१८३:४।४ से २४,६१० से १६,४५,५१,७३ से ७८,८०; ८०१,२,६।८८,६१,६२,१००,१०६:१०१ से ३,११।२६ से २८,१५॥५५२,१६१२६; १७१३३१८११०७.११६.२०१६ से १०,३८ से ४२,४६,५६,२११५२,५६,६६,८५,८७, ६०:२२२२४; २८१२३,३०१२५ से २८, ३३१३ से ८,१६,१७ ज २।१६,१७,६८; ३१२२४; ४।२५४,७११२१४,२११,२१२ सू१०।१२६१४ पढधिकाइय (पृथ्वीकायिक) प १४१५,१६, २१ से ३,३१२,५० से ५२,५४,६० से ६३,६५ ७१ से ७४,७६,८४ से ८७,८६,६५,१५६ से १५८.१८३,४१५६ से ६४,६८,५१३,६,१०, ५२,५३,५५,५६,५८,५६,६२,६३,६।१६.५३, ६२,८२,८३,८६,८६,१०२,१०३,११५; ७।४;८१३;६।४,१६:१२१२०,२१,२३,२५,२६, १३.१६,१५१२० से २८,५३,५४,७२ से ७४, ७६.१३७;१६।१२,१७१६५.१०२,२०१२४; २।३७, २८१२८,२६।२० ज २०७२ सू २१ पुढधिकाइयत्त (पृथ्वीका कत्व) प १५।६६,३६।२२ ज ७१२१२ पुढविक्काइय (पृथ्वीकाक) प १२।३,२४; १५१५७,८५,१६।४१७।१८ से २२,४०,६०, ८७,६४,६५,६७,१०२,१८१२६,३२.३८,४०, पुढविकाय (पृथती माय) सू ११ Page #274 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पुढविक्काइयत्त-पुष्फबद्दलय १८७ ४२,५०।१६।२:२०६१३,२२,२४ से २६,२८, १४२ च ५१ सू १।६।११०२१ ३२,३५, २११३ से ५,२३,४०,७६,८० पुण्णा (पूर्णा) सू १०१६० २२॥३१,७३,२४१६:२८१२६.३० ३३ से ३६, पुण्णाग (पुन्नाग) ११॥३५१३ ज ३।१२,८८,५८ ३८,६६२६८ से १०,२०:३०।८,६,१८,१६ पुण्णिमा (पूर्णिमा) ज ७:१२५,१२७११,१३७ से ३११३,३४।३;३५१६.२०,३६१६,२५.२६, १४५,१५४,१५५,१६७।१ सु १०१६ से १७, १६ से २२,२६ पुढविक्काइयत्त (पृथ्वीकाविकत्व) प १५३१४१; पुण्णिमासी (पौर्णमासी) ज ७४१३८,१४१ च ५१ ३६१२६ सू१०७,८,१८,२०,२२,१२६२,१३६ से पुढविसिलापट्टक (पृथ्वीशिलापट्टक) उ ५।८ । १५६,१३।१ से ३,६ पूढविसिलापट्टग (पृथ्वीशिलापट्टक) ज ३।२२३ पुत (पुत) उ ४६ पुढविसिलापट्टय (पृथ्वीशिलापट्टक) उ ११ पुत्त (पुत्र) ज २१२७,६४,६६,१३३ उ ११०,१३, पुढविसिलावट्टय (पृथ्वीशिलापट्टक) ज १११३ १५,२१ से २३,३१,४३,९७,७२,७४,८२,८७, पुढवी (पृथ्वी) सू २।१,६१३,१८११ उ ११२६,२७, ६५,१०६,११०,११३,११४,१४६२१६,६,१८, १४०,१४१ २२,३१४८,५०,५५,११४ पुण (पुनर्) प६१८०।१ सू ११२० उ ११७ पुत्तंजीवय (पुत्रजीवक) प ११३५१२ पुणं (पुनर्) उ ३।१०२ पुत्तत्त (पुत्रत्व) उ ५३०,४३ पुणब्भव (पुनर्भव) प २०६४ पुष्फ (पुष्प) प १३५,३६:१।४८।१७,२७,४०,४१, पुणरवि (पुनरपि) प ३६१६४ ज २१६,३१८१; ४७,६३,२।३०,३१,४०।१०,४१,१५।२ ज २१८ ७११८,१२१ सू२।१ से १०,१२,१५ से १८,६५,१४५,१४६ ; ३।७, पुणव्वसु (पुनर्वसु) ज ७/१२८,१२६१३४ से ११,१२,२१,३४,७८,८५,८८,१०६,१८०, १३६,१४०,१४६,१६१ सू१०२ से ६.१३, २०६४।१६६,५७,२२,२६,४८,४६,५५% २४,४०,६२,६८,७५,८३,१०५,१२०,१३१ ७।३१,३३,३५,५५,११२१३,४ सू ४।३,४,६, से १३३,१५५,१६१,१११२ से ४ ७,६१०२०,१२६६३,४;१६।२२।२,१५; पुणो (पुनर्) ज ३।१०६ सू १६।२२ उ ३१६८ १६।२३,२०1८।६ उ ११३५,३१५०,५१,५३, ११०,११४:५६ पुण्ण (पूर्ण) प १४०१६ ज २१६०,१०३,१०६, पुष्फ (पुष्प) पुप्फति ज ३११०४,१०५ १०८,१७८,३१६,२२२, ४।३,२५,१७२११ १४६७४१७८ पुष्फकेतु (पुष्पकेतु) सू २०१८ पुण्ण (पुण) प ११०१२ ज ३१११७१५५,४६ पुष्फचंगरी (पुष्प 'चंगेरी') ३३१२५ ज ३।११; पुण्णकलस (पुर्णकलश) प २।३० ज २४३ ५७,५५ पुण्णचंद (पूर्णचन्द्र ) ज ३।३,११७ पुष्फचूला (पुष्पचूला) उ ४।२०,२२,२८ पुण्ण (भद्द) (पूर्णभद्र) उ ३१२११ पुप्फलिया (पुप्पलिका) उ ११५४।१ से ३, पुण्णभद्द (पूर्णभद्र) ए २१४५.४५।१ ज ४११६२११, २७,५१ १६५ उ १६.१६,१४४; २।१४,१६:३।१५६, पुष्फछज्जिया (पुष्पछादिका) ज ५१७ १५८,१६० से १६५.१६९.१७१,५१८ पुप्फपटलहत्थगय (हस्तगतपुष्पपटल) ज ३।११ पुषणभद्दकूड (पूर्णभद्रकूट) ज ११३४,४६:४।१६५ पुष्फपडलग (पुष्पपटलक) ज ५७ पुण्णमासी (पौर्णमासी पूर्णमासी) ज ७११२।२, पुष्फबद्दलय (पुष्पवादलक) ज २७ Page #275 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८८ पुष्पमाला (पुष्पमाला ) ज ५|१|१ पुष्कय ( पुष्पक) ज ५६४६।३ yos (वासा) (पुष्पवर्षा ) ज ५।५७ कांवटिय (पुष्पवृन्तक ) प १०५० रफाराम (पुष्पाराम) उ ३।४८ से ५०, ५५ पुष्कारहण (पुष्पारोहण पुष्पा रोपण ) ज ३।१२,८८ पुष्फासव (पुष्पाराव ) प १७ १३४ पुप्फाहार ( पुष्पाहार ) उ३।५० पुष्पिय ( पुष्पित) उ ३४६ gioफया ( पुष्पिका) उ ११५, ३११ से ३,१६,२०, २२,२३,८७,८८, १५३,१५४,१६६, १६७,१७०; ४।१ पुप्फुतर ( पुष्पोत्तर) प १७/१३५ पुस्फुत्तरा ( पुष्पोत्तरा ) ज २।१७ शक्कर की जाति पुप्फोदय ( पुष्पोदक) ज ३१६,२२२; पुष्फोवयार (पुणोपचार ) ज ७।१३३११ - पुप्फोवयारसंठिय (पुष्पोपचारसंस्थित) सू १०।१३० पुम (पुंस् ) प ११५ से १०,२४,२६ से २८ घुमवयण (पुंसुवचन) प ११।२६, ८६ पुर (पुर) ज २६४ पुरओ (पुरतस् ) ज ३१२,८८,१७८, १७६,२०२, २१७,४।५,२७,१२२, १२४, १२७ ५१३१,४३, ४४,४६,५७,५८,६०,६६ उ ३१५०,११२:४११६ पुरओउदग्गा ( पुरतउदग्रा ) सू ६४ पुरंदर (पुरन्दर ) प २१५० ज ५११८ पुरक्खड ( पुरस्कृत) सू ८१ पुरजण ( पुरजन) ज ३११२,२८,४१,४६,५८,६६, ७४,१४७, १६८,२१२,२१३ पुरतो ( पुरतम् ) सू २२ पुरत्याभिमुह ( पौरस्त्याभिमुख ) ज ३६,१२,२८, ४१,४६,५८,६६,७४, १४७, १८८, २०४, २१२. २२२:५।२१,४१,४७,६० उ १४१, ३६१ पुरत्याभिहि परस्वाभिमुखिन् ) ज ४।२३,३५, २६२ पुरत्थिम ( पौरस्त्य, पूर्व ) प ३१ से ३७,१७६,१७८ पुष्पमाला-पुरिस ज १११६,१८,२०,२३, २४,३५,४१,४६,४८, ५१,३८१.१४,१५,२२,२६,५१, ५२,१६१,४११, १८,२६,३५,४५,५५,५७,६२,७१,८१,८४,८६, १०,१०३,१०६,१०८, १२६, १५१२१,१५३, १६२,१६७,१६,१७२, १७८, १८१,१८२, १८४,१८५, १०, १६१,१६३, १९४, १६६, १९७,१६६ से २०३.२०५,२०६,२०८, २०६, २१३,२१५,२१६,२२८,२३३, २३५,२३८, २४३,२४५,२६२, २६५, २६६,२७१,२७२, २७४, २७७ ५८, १०,३६,४७, ६।१६ से २४; ७११७८ २ १ ८ १ १३।१२,१५,१५८ से १३ १८१४ से १७:२०१२ ३।५१ पुरथिमपच्चत्थिम ( पौरस्त्यपाश्चात्य ) सू २1१; ८११ पुरस्थिम लवणसमुह (पौरस्त्यलवणसमुद्र ) ज ४२६० पुरथिमिल्ल (पीरस्य ) प १६१३४ ज ११२०, २३, ४८, २।११७; ३।२६. ६५, ६७, ६६, १३५,१५१, १५६.१७०, २०४.२१४, ४।१, २३.५५.६२,८१, ८६,६८.१०८, १४३, १४७, १५६.१७२, २२६, २२७,२३७,२३८, २६२: ५।१४,४४,७१७८ सू २।११०।१४७:१३।१५ पुरवर (वर) ३।३२,३५,२२१ पुरा ( पुरा ) १।१३,३०,३३,३७,४१२ पुराण (पुराण) ज ३१६७ पुरिमकंठ माओवता ( पूर्वकण्ठभागता ) सू ६४ पुरिमट (पुर्वा ) प १६।३० पुरिमाल ( पुरिमताल ) ज २७१ पुरम (पूर्वार्द्ध) १६।३०;१७।१६५ पुरिस ( पुरुष ) प १६०,६६,७५,७६,८१,८४; २१६४११६; ३३१८३ ६७६ १६१४८, ५२, ५४; १७११०८, १०६,१११ ज ३७,८,१५,१६,२१, ३१,३४,३५,७७, ८१, १२५, १६७१४, १७३, १७६, १७, १८३, १६६,२००,२१२,२१३ च ४१२५ ११८।२२०१७ उ १११७, १८,४४, ४५,१२३,१३१, ३०११०,१११; ४।१६ से १८; Page #276 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिसकर-पुव्ववेयाली ५१५,१५ से १८ पुरिसकार (पुरुषकार) गु २०६।३ पुरिसक्कार (पुरुपकार) ५ २३११६,२० ज २०५१, ५४,१२१,१२६,१३०,१३८,१४०,१४६,१५४, १६०,२६३,३।१२६,१८८,७१७८ म २०११ पुरिसच्छाया (पुरुपच्छाया) ज २२,२५ मु २।३ पुरिसजुग (युरुपयुग) ज २८४ परिसवरगंधहस्थि (पुरुषवरगन्ध हस्तिन ) ज १२१ पुरिसवरपुंडरीय (पुरुष रपुण्डरीक) ज ५१२१ । परिसलिगसिद्ध (पुरुषङ्गिनिद्ध) ५१११२ पुरिसवेद ( पुरुषवेद) प १८१६१,२३३१४२,१८७; २८।१४० परिसवेदग (पुरुषवेदक) प ३३९७:१३।१४,१८,१६ पुरिसवेय (पुरुषवेद) प २३:१६,७४,८४,१४४ पुरिसबेयग (पुरुषवेदक) T१३।१५ पुरिसवेयपरिणाम (पुरुषवेदपरिणाम) प १३.१३ पुरिससीह (पुरुषसिंह) ज ५।२१ पुरिसादाणीय (पुरुषादानीय) उ ३।१२,२६,७६ ४।१०,११,१३,१४,१६ परिसोत्तम (पुरुषोत्तम) ज ५२१ पुरोष (पुनीप) उ ३३१३०,१३१,१३४ पुरेक्खड़ (पुरस्कृत) प १५८३ से ८५,८७,८६ से १०१,१०३ से १०६,१०८ से ११०,११२ से १२३,१२५ से १३२,१६५ से १४३,३६८ से पुव (पूर्व) प १६।२१:३६१६२ ज २१४,१६१; ३११८५,२०६,२२१,४।१३५,२३८७१३८, २१२ च ११३ सू ३।१:८।११८।१,२१ उ ११६६,१०६,११०,११३,११४ पुत्वंग (पूर्वाङ्ग) ज २४,७११७१ सु८११; १०१८६१ पुचंभाग (पूर्वभाग) गु १०१४,५ पुवकोडाकोडि (पूर्वकोटिकोटि) ज ३११८५,२०६ पव्वकोडि (पूर्वकोटि) प ४११७७,१०६,११३.११५, ११६,११८,११६,१२१,१३१,१३३,१३७,१३६, १४०,१४२,१४६.१४८:१८।४,६०,८१,८४, ८६.६६:२३७८,७६,१४७,१५८,१६२,१६५, १६६ ज २।१२३,१५१:३।१८५,२०६४।१०१ पुब्बग (पूर्वक) ११।४६ पुचितिय (पूरचिन्तित) उ ३१७६ पुषण्णस्थ (पूर्वन्यस्त) ज ५१४२ पुवण्ह (पूर्वह्नि) ज २०७१,८८ पुव्वदारिया (पूर्वद्वारिका) सू१०।१३१ पुब्बपडिवण्ण (पूर्वप्रतिपन्न) उ ३.८१,८२ पुब्बपोट्ठवया (पूर्वप्रीष्ठादा) मू १०।६४ पुब्बफग्गुणी (पूर्वफल्गुनी) ज ७१२८,१२६,१३६ पुदभद्दवया (पूर्वभाद्रपदा) ज ७।१२८, १२६,१३६, १३६,१४२ सू १०१६ पुत्वभव (पूर्वभव) उ ३१६,२१,२६,१४६,१५६, १६६,१७१४।५,२८ पुब्वभाव (पूर्व भाव) प २८१६८ से १०१ पुब्दरहतगुणसेढीय (पूर्वरचितगुणश्रेणिक) प ३६।६२ पुस्थरत (पूर्वर.) उ ११५१,६५,७६,३१४८,५०, ५५,५७.६६,७२,७५,७६,६८,१०६,१३१ पुववण्णिय (पूर्ववणित) ज २।५२,१६१,३११७१; ४।६६,१०१,१०६,१६०,२३७,२४३,५६,७; ७।३५,१६७ पुनविदेह (पूर्वविदेह) प १६।३०१७३१६१ __ज २१६, ४।६६,६६,२१३,२६३११ पुन्ववेयाली (पूर्व 'वेयाली') प १६१४५ पुरेडिय (पुरस्कृतक) प १५३५८१२ पुरोहियरयण (राहिसार) ज ३३१७८,१८६, १८८,२०६,२१०,२१६,२१६,२२० पुरोहियरयणत (पुरोहितल) २०५८ पुलग (दुलक) ११५८ ज १५:१५ पुलय (पुलक) : १।२०।४ ज ३.३५ पुलाकिमिया (दे०) प १४६ पुलिद (जिन्द) ११८६ पलिदी (हिन्दी) ज ३३१११२ पुलिण (पुलिन) ज ४।१३ । २०१७ पुलिय (पुलित) ज ३।१७८,७।१७८ Page #277 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १६० पुवसंगइय-पेच्छाघरमंडव पुब्वसंगइय (पूर्वसांगतिक) उ ३१५५ ६०,६१,११३,११६; २११४४ से ४७,४७११, पुश्वसयसहस्स (पूर्वशतसहस्र) ज २१६४,८७,८८; २,६.२११६८,२४।१४,१५, २५२,४,२७१२,६; ३।१८५,२२५ २८।२७,७३ से ७६,१२१,१२४,१२७ से पृन्दाण पूवी (पूर्वानुपूर्वी) उ ११२,१७,३।२६,६६, १३२,१३६,१४३,१४५.;३६११७,३४ १३२,१४६,१५६; ४।११,५१३६ पुहत्तय (पार्थक्त्विक) घ १११८५ पुवा (पूर्व) सू १०१५,१२०,१११३;१२२२३ पुहवी (पृथ्वी) ज ३१३,३५, ५११०११ पुवापोट्ठवता (पूर्वप्रौष्ठपदा) सू १०॥५६ पूअफलीवण (पम्फलीवन) ज २६ पुवापोवया (पूर्वग्रीष्ठपदा) सू १०१४,५,६,२१, पूइ (पोई) प ११३५४३ २३,३१,८२,६६,१३१,१३२ पूइत्त (पुतित्व) ज २१६ पुवाफग्गुणी (पूर्व फल्गुनी) ज ७.१४०,१४८, पूइय (पूर्जित) ज ३।८१५१५ १५१,१६३ सु १०।२ से ६,१५,२३,४४,६२, पूजित (पूजित)उ ३१४८,५० ७०,७५,८३,१०६,१२०,१३१ से १३३,१५२; पूय (पूर्व) प १८४;२२० से २७ ज ३१२० १२।२३ उ ११५६,६१,६२८४,८६,८७ पुटवाभद्दक्या (पूर्व भद्र'दा) ज ७१४६,१५७ पूयथय (दे०) १११६५ सू१०।२,३,५,७५,१३१,१३३ पूयणवत्तिय (पूजनप्रत्यय) ज ५१२७ पुव्वामेव (पूर्व मेव) प ३६६२ उ ४।२१ पूणिज्ज (पूजनीय) सू १८१२३ पुवावर (पूर्वापर) ज १।२६,४१२१,१४२,२५६; पूयफली (पूगफली) ५ ११४३।२ ६।१०.११,१४,१५,१८ से २२,२६,७१४,६३, पूया (पूजा) उ ३१५१ ८७,११०,१८३ कपूर (पूरय्) पूरयंते ज ३१३१ पूरेड प ३६१८५ ज ७।११२१५ पुरेति ज ५११३ पूरेति पुत्वासाढा (पूर्वाषाढा) ज ७।१२८,१३६,१४०, मु १०1१२६५ १४६,१६७ सू १०।२ से ६,१६,२३,५३,६२, पूरग (पूरक) ज ३१८८ ७४,८३,११८,१३१ से १३५ पूरयंत (पूरयत्) ज २१६५,३१३१ पुटिव (पूर्वम् ) उ ३१११८ पूरिम (परिम,पूर्य) ज ३।२११ पुबिल्ल (पूर्वीय) ज ५।४१ पूरेत (रयत) ज ३१३०,४३,५१,६०,६८,१३०, पुयोववण्णग (पूर्वोपपन्नक) ६१७४४,६,१६,१७ १३८ से १४०,१४६,७११७८ पुस (पुष्प) ज ७।१२६।१ पूरेता (पूरयित्वा) ज ५।१३ पुस्स (पुष्य) ज ११३६,१४०,१४६,१६१,१६२ पूस (पुरुष) ज७।१२८.१३०,१८६।३ यु १०१४; सु १०।२,३,५,६,१३,२४,४१,६२,६८,६६, १२११६ से २३,२६ ७५,८३,१०६,१२०,१३१ से १३३,१५६; पूसफली (पुरुफली) ५११४०११ १११६१६।२२।१७ पूसमाणय (पुष्यमाणव) ज ३११८५ पुस्सदेवया (पुष्यदेवता) सू १०८३ पूसमाणव (पुष्यमाणव) २१६४,५३२ पुस्सफल (पुष्यफल) प १।४८४८ पेच्छणिज्ज (प्रेक्षणी) ज २०१५ पुस्सायण (पुप्यायण) ज ७/१३२१२ सू १०११८ पेच्छा (प्रेक्षा) ज २१२०,३२ पुहत्त (पृथक्त्व) प ७१३,६ से १११८१,८३,८४, पेच्छाघरसंठित (प्रेक्षागृहसं स्थित) मु४१२ १२।६१५।६,१८१४,१६,२४,३१,३६,४९,५४, पेच्छाघरमंडव (प्रेक्षागृहमण्डप) ज ३।१६३; Page #278 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पेच्छिज्जमाह-पोलिंदो ९६१ ४।१२३,१२४;५।३३ १६:३३,३४,१७।२,२५, २१:१।१,६५,६६; पेच्छिज्जमाण (प्रेक्ष्यमान) ज २१६५:३।१८६,२०४ २३।१३ से २३:२८।२०,२२ से २४,३२,३४, पेज्ज (प्रेम) प १११३४।१।२२।२० ३६,३६ से ४२,४४,४५,४८,६६,६८ से ७१. पेज्जणिस्सिया (प्रयोनिधिता) १११३४ १०५,३४११११,३४१६.१६,२०,३६।५६,६१, पेढ (पीठ) ज ४११४३,२०८; ५१३ ६२,६६.७०,७३,७४,७६,७७.७६ से ८१; पेम्म (मेमन्) ज २१२७ ज १६, ३१६२,५२१,७,७।२११ सू ५।१; पेरंत (पर्यन्त) ज ११६ ; ३११२६।४।४।१४३, ७१,६१,२०१२ २४५,२४६,२५१७१७८ पोग्गलगति (पूद्गन्दगति) प १६१३८,४३ पेलव (पे१५) ज ३१२११:५।५८ पोग्गल स्थिकाय (पुद्गलास्तिका) ५३१११४ पेस (प्रेः) ज २२६ ११५,१२०,१२२ पेस (प्र. इ) पेसिज्ज इ उ ११२८ पेसेइ पोग्गलपरियट (पुदगल परिवर्त) प १८१३,२७,४५, उ १।११० पेसेमि उ १।१०६ पेसेमो ५६,६४.७७,८३,६०,१०८ उ ११२७ पसेह उ १११०७ पेमेहि उ ११११५ पोच्चइ (दे०) उ ३.१३० पेसल (पेशल) प १७११३४ पोट्ट (दे०) २४३ पेसित्तए (पितुम्) १।१०७ पोलिया (पोट्टालिका) ज ५११६ पेसिय (प्रेपित) उ १३११६,१२७ पोवई (प्रौष्ठादी) ज ७४१३६,१४२,१४८,१५१, १५५ पेसुग्ण (पशुन्य) प २२१२० पोवती (प्रौष्ठपदी) सू १०७,६,२१,२३,२६ / पेह (प्र- ईक्ष् ) पेहति प १५५० पोट्टक्य (प्रौष्ठपद) मू १०१५,१२०,१५३ पेहमाण (प्रेक्षमाण ) प १५:५० पोडइल (पोटगल) प ११४२११ तल तृण पेहुणमिजिया (पेहुण' मजिका) १७.१२८ पोतिया (दे०) ११५११ पोंडरीय (पौण्डरीक) प ११४६,७६ ज ४।३,२५ पोत्तिय (पौत्रिक) उ ३१५० पोंडरीयदल (पौण्डरीकदल) प १७।१२८ पोत्थगग्गाह (पुस्तकग्राह) ज ३।१७८ पोक्ख (प्र-+उक्ष) पोखेद उ ३५१ पोत्थयरयण (पुस्तकरत्न) ज ४।१४० पोक्खरस्थिभय (पुष्करास्थिभार) ज ४७ पोत्थार (पुस्तकार) प ११६७ पोक्खरपत्त (पुस्करपत्र) ज ३।१०६ पोरग (पोर) ११४४।१ इक्षु पोक्खरवर (पुष्करवर) सू१९६१५३१,२ पोराण (पुराण) प २८१२०,२६,३२,६६ पोक्खरवरदीव (पुष्करवरद्वीप) सू १६११५ ज १११३,३०,३३,३६,४२ पोक्खल (पुष्कर) प ११४६ पोरिसिच्छाया (ौरुषीच्छाया)म् ११६। ३१ से ३ पोक्खलस्थिभय (पुष्करास्थिभाग) प ११४६ पोरिसी (पौरुषी) ज ७११५६ से १६७ मु १०।६४ पोक्खलावतीचक्करदिविजय से ७४ (पुष्कलावतीचक्रवति विजय) ज ४११६७ पोरिसीच्छाया (पौरुषीच्छाया) चं २३ पोग्गल (पदगल) १९८४:३।११२,१२४,१७५, पोरेवच्च (पौरपत्र पौरोवत्य) प २।३० से ३३, १७६,१८० से १८२,५३१४०,१४३,१४५, ३५,४१,४८ से ५१ ज १।४५; ३।१८५.२०६. १४७.१५०.१५४.२३३,२३४,२३६ से २३६, २२१,५।१६ उ ५।१० २४१,२४२,६२६१५१४० से ४७.४६: पोलिंदी (पोलिन्दी) ५ १६८ Page #279 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९६२ पोस-फासचरिम पोस (पौष) ज २१६७१०४ सु १०१२४ फलंगरगाह (फलकग्राह) ज ३११७८ उ ३.४० फलय (फलक) ज ४१२६ उ १।१३८ पोसह (पौषध) ज २११३५ फल (वासा) (फलवर्षा) ज ५१५७ पोसहधर (पौषधगृह) ज ३१३२ फलविटिय (फलवृन्तक) प १५० पोसहसाला (पौषधशाला) जे ३१८ से २१,३१, फलहसेज्जा (फलकशमा) उ ५१४३ ३३,३४,५२ से ५४५८,६१,६३,६६,६६,७०, फलासव (फलासब)६ १७११३४ ७१,७४,८४,८५,१३७,१३६.१४१ से १४३, फलाहार (फलाहार) उ ३५० १४७,१६४ से १६८,१८० से १८३,१६०, फलिय (फलित) उ ३६४६ १६६ उ ५१३५ फलिहकूड (स्फटिककूट) घ २।५१,५६ पोसहिय (पौषधिक) ज ३।२०,३३,३५,५४,६३, 'फलिहामय (स्फटिकमय) मु १८१८ ७१,८४,१३७,१४३,१६७,१८२ फाणिय (फाणित)।१५।११२,१५१५० पोसहोववास (पौषधोपवास) २०११७,१८,३४, फालिय (स्फटिक) ज ४१३,२५ पोसी (पौषी) ज ७१३७,१४०,१४६,१४६,१५५, फालियामय (स्फटिकमय) प २१४८ ज ७।१७६, नु १०।७,१३,२२,२३,२६ १७८ पोहत (पृथक्त्व) प १५.१।१,१५.१८ से १०,२३, फास (स्पर्श) प ११४ से ६२।२० से २७,३०,३१, ३०.१४०,२४६ ४१,४८,४६३।१८२,५१५,७,१०,१२,१४,१६, पोहत्तिय (पार्थक्त्विक) प २२।२५,२८,२३१८,१२ १८,२०,२४,२८,३०,३२,३४,३७ ३६,४१,४५, ५३,५६,५६,६१,६३,६८,७१,७४,७६,७८, ८३,८६,८६,६१,६३,६७,१०१,१०४,१०७, फग्गुण (फाल्गुन) ज १७१,७१०४ सू१०।१२४ १०६,१११,११५,११६,१२६,१३१,१३४, १३६,१३८,१४०,१४३,१४५,१४७,१५०, फग्गुणी (फल्गुनी) ज ७११३७,१४०,१४६,१५३, १५२,१५४,१६३,१६६,१६६,१७२,१७४, १५५,१०११२०;१२२३ नु १०७,१५,२३, १७७,१८१,१८४,१८७,१६०,१६३,१६७, २५,२६,१२०,१५३,१५८,१२।२३ । २००,२०७,२११,२१४,२१८,२२६,२२४, फणस (पनस) ५२३६११:१६।५५;१७।१३२ २२८,२३०,२३२,२३४,२३७,२३६,२४२, फणिज्जय (फणिज्झक) १ १४४१३ मरुआ २४४;१०।५३११,१११५६; १५१३८,७७,८१, फरिस (स) ज ३१८२,१८७,२११,२१८,५१५८ ८२,१७११३२ से १३४,२३।१३ से २३,१०६, गू २०१७ उ ५।२५ २८१६,१०,२०,३२,५५,५६,६६,३४१२; फरुस (रुप) ज २१३१,१३३ ३६१८०,८१ ज १११३:२१७,१८,६८,१४२; फल (फल)११३५,३६,१६४८।६,१८,२८,६३; ३।१३८,४।२७,४६,८२,५।३२:७।२०६ २३.१३ से २३ ज १११३,३०,३३,३६,२८, सू २०१७,८,२०१८,४ ६,१२,१६,१७,१८,७१,१४५,१४६, ३।११७, फासओ (स्पर्श तम्) प १२५ से १११६०; २२१:४।२;७३११२६३,४ रु १०।१२०, २८१०,२०,२६,५६ १२६॥३,४ उ १५३४,६८,६६३५०,५३,९८, फासचरिम (स्पर्शचरम) प १०५२,५३ १०१,१३१,५१६ फलग (फलक) ५ ३६।६१ ज ३।३१ उ ३१३६ १३० १११६७ Page #280 -------------------------------------------------------------------------- ________________ फासणाम-बंधणविमोयणगति ६६३ फासणाम (स्पर्शनामन्) प २३।३८,५० फुसमाण (स्पृशत्) प १३।२३ फासतो (स्पर्शनस् ) प २६ से २८१३२,६६ फुसगणगति (स्पृशद्गति) प १६१३८,३६ फासपज्जव (स्पर्शपयंव) ज २१५१,५४,१२१,१२६, फुसित्ता (स्पृष्ट्वा ) प १५३५१,१६।३९,३६७६,८१ १३०,१३८,१४०,१४६,१५४,१६०,१६३; ज ३२१३१ ७/२०६ फुसिय (स्पृष्ट) ज ५७ फासपरिणाम (सार्शपरिणाम) ५१३१२१,२६ फेण (फेन) ज ३१३५:४:१२५,५२६२,७१७८ फासपरियार (म्पर्शपरिचार) ५ ३४।२१ फेणमालिनी (फेनमालिनी) ज ४१२१२ फासपरियारग (स्पर्शपरिचारक) ५ ३४।२८,२१,२५ फासपरियारणा (स्पन्चिारणा) १३४।१७,२१ फासमंत (स्पर्शवत) १११५२,५६,२८।५,६,५१, बउल (बकुल) प११३५१ बउस (बकुश) प ११८६ फासविण्णाणावरण (स्पर्श विज्ञानावरण) प २३३१३ बंध (बन्ध) १३.११२,१३१२२११,२,१४११८।१: फासादेस (स्पर्शादेश) प १२०,२३,२६,२६,४८ २६।१२ ज २११३३ फासावरण (सावरण) प २३।१३ बंध (वन्ध) बंधइग २३॥३,१६८२४।१३ से फासिदिय (मर्श न्द्रिय) ५ १५१,६,७,१० से १८, १५ ३१५५ बंधति १९.१८२२२२२,२३, २० से २७,३०,३१.३५,४२,५८ से ६४,६६,७०, ८६,६०२३१५,७,१३४,१३५,१३७ से १४०, ७३,७४,८०,८५,१३३,२८/४२,४५,४६,७१ १४२,१४३,१४६,१४७,१५१ से १५८,१६० से १६२,१६४,१६६,१६७,१६६,१७१ से फासिदियत्त (स्पर्श न्द्रियत्व) १२८१२४,२६,३४१२० १७४,१७६,१७७,१८१,१८५,१८६,१६०% फासिदियपरिणाम (स्पर्शेन्द्रियपरिणाम) ५१३१४ २४१४,५,१० से १२,१५:२६१४.६ ज ५११३ फासु (प्रासु) उ ३।३६ बंधति प २२२२१,८३,८६,८७:२३।१।१, फासुय (प्रासुक,स्पर्शक) उ ३।११४ २३६४,६,१६४ से १६६,१६ से २०१:२४१२, फासुयविहार (प्रासुकनिहार) उ ३१३०,३६ ३,१०,१५:२६।२,३,८ बधिसु प १४११७ फासेंदिय (स्पर्शेन्द्रिय) ११५।१६,२८,३१ से ३३, बंधिस्संति प १४:१८ बंधेसु प १४११८ ६४ से ६७,७६,१३४:२८१३६ बंधेसि उ ३७९ फुट्ट (दे०) ज २१३३ बंधग (बन्धक) प ३।१७४;२२१२२,२३,८४,९०; फुट्ट ( फुट) फुट्टउ उ ५१७२ फुट्टिहि ज ५७३ २३१६३, २४१४ से ८,१० से १३;२६।४ से फुट्टमाण (फुटत् ) ज ३१८२,१८७,२१८ ६,८ से १०:२७१५ फुड (स्पृष्ट) ५१५१५३ से ५७,३६।५६,६०,६६ बंधण (वन्धन) प २१६४१२२,१६१५५,३६।८।१, से ६८.७०,७१,७४,७५,८१ च ११३ ८३३१,६४११ ज २२२७,२६,८६,८६,१३३; फुडित्ता (स्फुटित्वा) प १११७८ ३।२२५ उ ११६६,६८,७२,८८,९२ फुडिय (फुटित) प २११३३ फुल्ल (फुल्ल) ज ३।१८८ बंधणछेदणगति (बन्धनछेदन गति) प १६.१७,२३ फुल्लावलि (फुल बलि) ज ५१३२ बंधणपरिणाम (बन्धनपरिणाम) प १३१२१,२२ -फुस (स्पृश् ) फुसइ ज ३।१३१ फुसई प रा६४११ बंधनविमोयणगति (बंधन विमोचन मति) फुसति ५ ११।७२ सु ५।१ फुसंतुज ३१११२ Page #281 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९६४ बंधगाण-बल विसिट ठया बंधमाण (बध्नत् ) प २२२६,२७:२४।२ से ५,६ बत्तीसमंगुलमूसियसिर (द्वात्रिंशदङ्गलोच्छित शिरस्क) से १५:२५।२,४,५ ज ३३१०६ बंधय (बन्धक) प १३१६२,२२१२१ ८३.८६,८७, बत्तीसविह (द्वात्रिशविध) ज ३।१५६ २३।१।१,२३.१६१ से १९३,२४१२,३,७,८, बदर (बदरा) प ११३७।२ कपास का पौधा १०,१२:२६।२ से ४,६,८ से १० बद्ध (बद) प १५१५८१२;२०३६, २३।१३ से २३ बंधिता (बद्वा) ज ५११३ उ ३।५५ ज ३१२४,३५,७७,८२,१०७.१२४,१७८,१८६, बंधुजीदग (वन्धुजीवक) १ ११३८।१ ज २६१०, १८७,२०४,२१४,२१८,२२१४१३.२५ ३१३५ उ ११३८ बंधेउकाम (बद्धकाम) उ ११७३ बद्धग (दे०) ज ७!१७८ एक आभूषण बंधेत्ता (बद्ध्वा ) ज ५।१६ उ ३७६ बद्धेल्लग (दे०) प १२२८ से १३,१६,२०,२१,२३, बंभ (ब्रह्मन्) प २१५४,१५१८८ ज ७१२२।१ २४,२७,२८.३१ से ३३,१५१८३ से ८६,८६ गू १०१८४१ से ६३,६५ से ६७,६६ से १०६,१०८ से १२३, बंभचेर (ब्रह्मचर्य) ज ७११६६ गु १८१३ १२५ से १३२,१३५,१३६ से १४१,१४३ बंभचेरवास (ब्रह्मचर्यवास) उ ५।४३ बद्धेल्लय (दे०) प १२१७,८,१२,२०; १५१९४ बंभग्णय (ब्राह्मण्यक) उ ३।२८,३८,४०,४२ बंभयारि (ब्रह्मचारिन् ) ज ३१२०,३३,५४,६३,७१, बब्बर (वर्वर) प ११८६३८१ बब्बरी (बर्बरी) अ ३।११।१ ८४,१३७.१४३,१६७,१८२ बम्ह (ब्रह्मन्) ब ७।१३०,१७६,१८६१३ बंभलोग (ब्रह्मलोक) प २२४६,५४,५५,६०,७११२; बम्हदेवया (ब्रहादेवता) १०७८ ३३.१६,३४११६ बरग (दे०) ज ३।११६ शालि विशेष बंभलोय (ब्रह्मलोक) म १११३५,२।४६,५४ से ५७, ६३,३।३३,१८३,४१२४३ से २४५,६।३१,५६, बरहिण (वहिन) प १७६ ६५; २०१६१;२११७०,२८१७६; ३४।१८ बल (बल) प २०११६१,२३।१६,२० ज २।५१,५४, 3२।२२५२८ ६४,७१.१२१,१२६,१३०,१३८,१४०,१४६, बंभलोयग (ब्रह्मलोकज) ज ५/४६ १५४,१६०,१६३; ३३३,१२,३१,७७,७८,८१, बंभलीयडिसय (ब्रह्मलोकावतंसक) ५ २१५४ १०१.१०३,१०६,११७.१२६,१२६,१५१, बंभी (ब्राह्मी) ६११६८ ज २७५ १८०,१८८,२०६४।२३६ ५।५,२२, बकुल (बकुल) ज ३।१२,८८,५१५८ २६,७१७८ २०११,७,६१३,५ उ १२६६, बग (बक) १७६ ६६,११५.११६३।२।१,१७१ बज्झ (बंध) बज्झति उ ३.१४२ बलफर (वलकर) ज ३११३८ बत्तीस (द्वात्रिशन्) ।२२ गुरा३ ड ३११२६; यलफूड विलकूट) ४१२३६,२३६ बलदेव (ब ) प ११७४,६१, ६।२६ ज २११२५, बत्तीसइ (द्वात्रिशन) ज ३११८६,२०४ १५३; १२०० उ ५१० से १२.३० बत्तीस इविह (द्वात्रिशविध) ज ५१५७ उ ३११५६ बलदेवत्त (बलदेव) प२०१५५ बत्तीसग (द्वात्रिंशन्) ज ७।१३१११ बलव (बलवन्) ज ५१५७।१२२६१ रु १०।८४११ बत्तीसजणवयसहस्सराय (द्वात्रिशद जनपदसहस्र- बलवग (बल क) उ:१५ राजन्) ३।१२६२ बलविसिठ्ठया (वलविशिष्टता) प २३।२१ Page #282 -------------------------------------------------------------------------- ________________ बल विहीणया बहुबीया बलविया (वलविहीनता ) प २३२२ बलाग ( बलाक ) ज ३।३५ बलागा (बलाका) प ११७६ बलावलोय (बलावलोक ) ज ३१८१ बलाहगा ( बलाहका ) ज ५। ६३१ बलाया ( बलाहका ) ज ४।२१०.२३८ बलि (बलि) प २१३१,३३,४०७ ज २।११३, ११६५५१ उ ३३५१,५६,६४ बलि ( बलिकर्मन् ) ज ३१५८,६६,७४,७७,८२, ८५, १२, १२६,१४७ सू २०१७ १११६, ७०,१२१ : ३।११०:५।१७ बलिपेढे (वलिपीठ ) ज ४।१४० बलिमोडय (दे० ) प १२४८४७ ad ( वव) ज ७ १२३ मे १२५ बहल (बहन) ज ३।१०६ बहलतर ( बहलतर ) प ११४८१३० से ३३ बहलिय ( बहलीक ) प १८६ बहली ( बहली ) ज ३१११ बहव (बहु) ज १।१३,३१,२१७, १०, २०,६५,१०१, १०२,१०४,१०६,११४ से ११६, १२०,३११०, ८६,१०३,१७८, १८५,२०६,२१०४।२२,८३, ६७,११३,१३७,१६६,२०३, २६६, २७६,५।२६, ७२ से ७४ मु १८।२३ उ ३१४८ से ५०,५५, ६२,१२३; ५।१७ बहस (बृहस्पति ) मु२०१८, २०१८६४ बहस देवया (बृहस्पतिदेवता ) सु १०/८३ ब्रहस्पति ( बृहस्पति ) प २४८ बहस्पतिमहग्गह (बृहस्पतिमहाग्रह ) सु १०।१२६ बह (हिरा) २०४८ हिता (हस्तात् बहिस् ) सू १६।२२।२७ बहिया (वहितात् बहिस् ) ज १३ २१७१७५८ सू१।२६।१.३ १६।२२।११।२३।२६, ४६.४८.५०.५५, १४५५१५,३३ बहु ( बहु ) प १।४८।५४२१२० से २७, ३० से ३५, ३७ से ३०,४१ से ४३,४६, ४८ से ५५, ५८ से ६१,६३,६४,३।१८३६।२६; १११२२; १७१ १३९; २२११०१; ३६८२ ज ११४५; २१११,१२,५८,६५,८३,८८, १०, १२३, १२८१३३,१३४,१४५, १४८, १५१,१५७: ३१६,११,२४,३२।१,८१,८७,१०३, १०४ १०५,११७,१७८, १८५,१८६, १८८, २०४, २०६.२१६,२१६, २२१,२२२.२२५,४१२, ३, २५, २८ से ३०, ३४, ६०, १४०, १५६, २४८, २५०,२५१, २५२५११, ५, १६,४३,४६,४७, ६७,७३११२२१,२,७११६८, १८५, १६७,२१३, २१४ चं २४ सू १६/४; २१; १० १२६ १, २१४।१ से ८१८।२३; १९११६ ; २०१७ उ १।१६,४१,४३,५१,५२.७६ ७७,६३,६८, २।१०,१२,३ । ११, १४, २८, ५५, ८३, १०१,१०६, १०२, ११४, ११५, ११९,१२०.१३० से १३२, १३४,१५०,१६१,१६६,४।२४५।७.१० ६६५ बहुआ उपज्जव ( वह वायुः पर्यव) ज १।२२,२७,५० बहुउच्च तपज्जव ( वहुच्चत्वपर्यव) ज ११२२,२७,५० बहुग (बहुक) प २४६,५०,५२,५३,५५,६३ बहुजण (बहुजन ) ज ३।१०३ बहुणाय ( बहुज्ञात) उ ३३१०१ बहुतराग ( बहुतरक ) प १७।१०८ से १११ बहुतराय ( बहुतरक ) प १७२, २५ बहुपण ( बहुप्रतिपूर्ण ) ज २८ ३१२२५ उ ११३४, ४०, ४३, ५३, ७४,७८, २११२; ५३२८, ३६,४१ बहुपदिय ( बहुपठित) उ ३३१०१ बहुपरियार ( वहुपरिचार) उ ३२६६,१५२, ५३२६ बहुपरिवार (बहुपरिवार ) उ३।१३२ बहुपुत्तिय (बहुपुत्रिक) उ ३१६०, १२० बहुपुत्तिया (बहुपुत्रिका ) उ३१२११, ६०, ६२,६४, १२०,१२५४१५ बहुत्पयार ( बहुप्रकार ) ज २।१३१ बहुबीयग (बहुबीजक ) प ११३४,३६ बहुबीया ( बहुबीजक ) प १३६ Page #283 -------------------------------------------------------------------------- ________________ बहुमज्झदेसभाग-बारवती बहमनदेसभाग (बहुमध्यदेशभाग) ज ११३७, ११७,११८,१३१,१६६,१७०,१७९,२३४,२४० ४१३५ सू १६६१६ से २४२,२४७,२४८,२५०:५१३२,३५ र २११ बहुमज्झदेसभाय (बहुमध्यदेशभाग) ज १२१०,१६, १३;१८.१,२०१७ ४०,४२,४३,३११,६७,१६१,१६३,१६४,१६७; बहुस्सुय (बहुश्रुत) उ ३६६,१५६,५१२६ ४।३,६,६,१२,३१,३३,४१,४७,४६,५७,५६, बाउच्चा (वाकुची) प १।३७१२ ६४,६८,७०,७६,८४,८८.६३,६८,११२,११८, बाण (वाण) ५११३८१२ वाण का फल ११६,१३६,१४१,१४३,१४५ से १४७,१५६, बाणउति (द्वानवति) म १११६१:१६११५१ १६८,१७७,२०७,२०८,२१३,२१८,२२१,२४२, बाणउय (द्वानवति) ज ११४८ २४८,२५०,२५२,२६६,२७२,५११३ बाणकुसुम (वाणकुसुम) प १७११२४ बहुमय (बहुमत) उ ३११२८ बाताल (द्वि चत्वारिंशत्) गु १३३१ बाय (बहक) प११४७१३,११४८।५४,३।३८ से १२०। बातालीस (द्विचत्वारिंशत) ग १६१:२११२ १२२ से १२४,१७४,१७६ से १८२,६१२३; बादर (बादर) प २.१,२,४,५.७,८,१०,११.१३, ८.५.७,६,११,९।१२,१६,२५,१०।३ से ५,२६ १४; ३७२ से १५,१११,१८३,४६२ से ६४, से २६१११७६,६०१५।१३,१६.२६,२८,३१, ६६,७०,७६.७७,८५ ८७,६२ से १४,६८३, ३३,६४,१७।५६ से ६६,७१ से ७६.७८ से १०२, १११६४१८१४१ से ४४,४६,४७,४६, ८३,१०६,१०७,१४४ से १४६,२०६४; ५०,५४,११७, २११४,५,२५.४०,४१ ५०; २१।१०४,१०५:२८:४१,४४,७०,३४१२५; २८।१४,१५,६०,६१ सू २०११ ३६।३५ से ४१,४८,४६ सू १८१३७ बादरआउक्काइय (बादरअप्कायिक) पश२१,२३ बहुल (बहुल) प २१४१ ज २।१२,६४,६५,७१, बादरकाय (बादरकाय) प ११२०१२ ८८,१३३,१३४,१३८,४।२७७,७।१२६ बादरणाम (बादरनामन्) प २३१३८,११६ बहुलपक्ख (बहुलपक्ष) ज ७११५,१२५ सू २०१३ बादरतेउक्काइय (बादरतेजस्कायिक) प १।२४,२६ बहुवत्तव (बहुवक्ता) प १३१४ बादरवणस्सइकाइय (बादरवनस्पतिकायिक) बह्वयण (बहुवचन) प ११५९६ प११३०,३२,३३,४७,४८ बहुविह (बहुविध) प २०६४।१७,१७३१३६ बादरवाउकाइय (बादरवायुकायिक) प ११२७,२६ ज ३१६,२२२ बादरसंपराय (बादरसंपराय) प १।११४ बहुसंघयण (बहुसंहनन) ज १२२२,२७,५० बायर (वादर) प ६१०२११।६५,६६।१,१८१५२; बहुसंठाण (बहुसंस्थान) ज श२२,२७,५० बहुसच्च (बहुसत्य) ज ७१२२।१ मू १०1८४१ २१।२३,२४,२६,२७ ज ७१४३ बायरसंपराय (बादरसम्पराय) ५११११२:२३३१६२ बहुसम (बहुसम) प २।४८ से ५१,६३,३३३६; १७११०७,१०६,१११ ज १११३,२१,२५,२६, बस्याल (द्वि चरिशत्) ज ४।८६,१०८ सू ३.१ बायालीस (द्विचत्वारिंशत् ) प २१६४ ज २६ २८,२६,३२,३३,३६,३७,३६,४०,४२,४६% २१७,१०,३८,५२,५६,५७,१२२,१२७,१४७, सू ३.१ उ ५ बायालीसदिह (द्विचत्वारिंशतविध) प २३।३८ १५०,१५६,१५६.१६१,१६४,३१८१,१६२, १६३,१६६,१६७,४२,३,८,६,११,१२,१६, बार (दादा) प १०।१४१३ ३२,४६,४७,४६,५०,५६,५८,५६,६३,६६,७०, बारबई (द्वारवती) उ ५।४,५,६,११,१६,३०,३३ ८२,८७,८८,१००,१०४,१०६,१११,११२, बारवती (द्वारवती) प ११६३.३ Page #284 -------------------------------------------------------------------------- ________________ बारस-बिइय बारस (द्वादशन् ) प ११७४ ज ११८ सू ३११ २४८,२५७,२५८,२५६,५१३५७७.६६,९० उ ५२४५ १७७।१,२,३ सू ११२६,२७:१८११,६ से १३ बारस (द्वादश) ज ७३११४।२ र १०1१२४१२ बाहा (बाहु) ज ११२३,४८,२११५,३।६६ से १०१, बारसग (द्वादशक) प २३२६८,१४०,१८३,१८४ ४।१,२६,५५,६२,८१,८६,६८,११५,१७२; बारसम (द्वादश) प १०११४.२ मू १०७७; ५।१४,१७,७१३१,३३,१६८११,१७८ सू ४।३, १२।१७,१३८ ४,६,७ उ ३३५० बाहाओ (बाहुतस्) सू४१३,४,६,७ बारसविह (द्वादशविध) प१:१३५, २११५५ बाहि (बहिस्) प २२० से २७,३० से ३६,४१ बारसाह (द्वादशाह) उ ११६३, ३३१२६ से ४३,३३२७ से २६ ज १२१२,३१,४।४६, बारसी (द्वादशी) ज७१२५ ११४,२३४,२४०,७१३१,३३,१६८।१सू ४१३, बाल (बाल) ज २१६५,३१२४,७।१७८ ४,६,७:१६।२२११५,१६ बालग (बालक) ज ११३७ बालचंद (बालचन्द्र) उ ३।२४ बाहिर (बाह्य) १ ११४८१४५; १।१०११६; बालदिवागर (वालदिवाकर) प १७४१२६ १५।५५३३।११ ज २२१२,४७.२१:५।३६% बालभाव (बालभाव) उ ३।१२७,१२८, ५१४३ ७।१० से १३.१६,१८.१६,२२,२५.२७ से बालब (बालक) ज २११३८,७।१२३ से १२६ ३०,३५,५५,५८,६६ से ७२,७५,७७,७८,८१, बालिदगोव (बालेन्द्रगोप) प १७:१२६ से ८४,६६,१२६।१,१७५ सु ११११,१२,१४, बालुया (वालुका) ज ४.१३ १६,१७,२१,२२.२४,२७ से ३१,२३३१२, बावट्ठ (द्वाषष्टि) ज ४१४७ ४।६; ६१,६१,२,१०७५;१३।१३ से १६; बावछि (द्विषष्टि) प २१४६७ सू १०।१३७ १६॥२२११२; १६२३,२६,२०१७ बावण्ण (द्विपञ्चाशत् ) ज १।१७ सू १।२१ बाहिरओ (बाह्यतस ) ज ३१२४११,१३१११; बावत्तर (द्वासप्तति) ज ४११० ७।१२६ बावत्तरि (द्वासप्तति) ५।३० ज २०६४ सू २।३; बाहिरपुक्खरद्ध (बाह्यपुष्करार्द्ध) सू १९१६ १६११:२११३ बाहिरय (बाहिरक, वाह्यक) । १।७५.८०,८१ बावीस (द्वाविंशति) प ४.१६ ज २१८१ च १४ ज ७५,१७,६४,७६,८८ २ १।१२ बाहिरिया (बाहिरिका) ज ३१५,७,१२,१७,२१, बावीसइम (द्वाविंशतितम) प १०३१४१५ २८,३४,४१,४६,५८,६६.७४,७७,१३५,१४७, बावीसग (द्वाविंशतितम) प १०।१४।४ १५१,१७७,१८४,१८८,२१६:४।१६;७।३१, बासीत (द्वयशीति) सु१।१२ ३३ सू ४३,४,६,७ उ १११६,४१,४२,१२४, ४.१२,५।१६ बाहल्ल (वाहल्य) प १७४;२।२१ से २७,३० से ३६,४१ से ४३,४६,४८,६४,१५,११,१५७, बाहिरिल्ल (बाह्य) प २१११० सू१८७ २२.३०,२११८४,८६,८७,६० से ६३,३६.५६, बाहु (बाहु) ज ३।१२७,५१५ ६६.७०,७४ ज ११४३:२।१४१ से १४५; वि (द्वितीय) प १०।१४।४ से ६ सू॥२६ ४६,७,१२,१४,१५,२४,३६,६६,७४,६१, बि (द्वि) ज ४।६३,६५१४ सू १२६ ११४,११८,१२३,१२४,१२६ से १२८,१३२, बिइंदिय (द्वीन्द्रिय) प १७।६६ १३६,१४०,१४३,१४५,१४७.२१७,२४५, बिइय (द्वितीय) प २१३१,३६।८५ ज ३१३; सू १६ Page #285 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६६८ बिइया-वेइंदिय ७१०७ उ २१२२,३१६४ बीयय (वीजक) प १३८१ बिजौरानीवु बिइया (द्विनीया) ज ७४११७,१२५ सू १०११४८, बीयरुइ (दीजरुचि) १ १११०१११,७ १५० बीयरुह (जीजरुह) प १।४८१३ बिइयादिवस (द्विनी दिवस) ज ७११६ बीय (वासा) (बीज र्षा) ज ५१५७ विदु (विन्दु) प ११०१७,१२६,२१२४ बीविटिय (वीजतन्तक) प ११५० ___ ज ३।१०६;७१३३।२ बीयाहार (वीजाहार) 3 ३५० बिंब (विम्ब) प २१३१,३२ बुक्कार (दे०) वुक्का ति ज ५।५७ बिबफल (बिम्बफल) प २।३१ ज ३१३५ बुज्झ (बुध) बुज्झइ प ३६८८ बुज्झति बिहणिज्ज (बंदणीय) ज २०१८ ६.११० ज ११२२,५०, २०५८,१२३,१२८% बिगुण (द्विगुण) ज २।४ । ४११०१ युज्झति प ३६१६१ बिडाल (विडाल) प ११६६ ज २६३६ बुज्झिहिइ उ १११४१,३८६,५१४३ बितिय (द्वितीय) १११४२,८८,१२११२,३८% बुझिहिति ज २१५१,१५७ बुज्झज्जा २२१३३,४१,३६१८७ ज ३१६५, ४११४२२३ प २०।१७,१८,२६,३४ सू १०७२,७७,८५,८७,१३।१,८,१४१३,७ बुज्झित्ता (बुवा) उ ५१४३ उ १२६३ बुद्ध (बुद्ध) प २६४।२१ ज २१८८,८६,३३२२५; बितियादिवस (द्वितीनदिवस) मू १०८५ ५।५,२१,४६,५८ बितियाराति (द्वितीयरात्रि) सू १०१८७ बुद्धंत (बुध्नान्स) सू २०१२ बिब्बोयण (दे०) ज ४।१३ बुद्धबोहिय (बुद्धबोधित) प १३१०५,१०७,१०८, बिभेलय (विभीनक) पश३५२ १२० बिराल (विंडल) ज २११३६ बुद्धबोहियसिद्ध (बुद्ध बोधितसिद्ध ) प १११२ बिल (विल) प २१४,१३,१६ से १६,२८ बुद्धि (बुद्धि) ज ३१३,३२,४१२६६।१३ ४।२।१ ज २१३४,१४६ बुध (बुध) सू २०१६ बिलतिया (क्लिपडितका) प २४,१३,१६ से। ‘बुय (ब्रू) वुयापि प ११।११,१६ १६,२८ ज ४१६०,११३ बुयमाण (ब्रुवाण) प १११११.१६ चिलवासि (विलवासिन्) ज २१३३ उ ३.५० बुह (बुध) प २१४८ सू २०।८।४ बिल्ल (बिल्ब) प ११३६११,१६५५१७१३२ ब (ब) वेमि सू १०।१७३ उ १६१४२२।१४; गु१०।१२० ३।१६२४४ बिल्लाराम (दे०) उ ३।४८,५५ बूर (दे०) २०१७ बिल्ली (चिल्ली) प ११३७१२ एकसण, वथुया बे (द्वि) प १२।३७ सू १३१६ बिल्ली (विल्पी) प११४४।१ बेइंदिय (द्वीन्द्रिय) प ११४६; २।१६:३७,४० से बीभच्छ (शीभत्स) उ ३।१३० ४२,४५,४६,१४४,१४५,१८३,४।६५ से १५ बीय (बीज) ११४५।२,११४८।१६,२६,५१,६३ ; ५१३,१६,२०,६७,६८,७०,७१,७३,७४,७८% ३६१६४ ज२।१०,१३३,३२१६७।३ उ ३१५१, ६।२०,५४,६४,७१,८३,८६,१०२.१०४,११५; ९।४,२२,१११४५:१२।२७,१३।१७.१५।३० से बीय (द्वितीय) प १२।१२ भु १०७७ ३३,७५,८०,८६,१३७:१६।६,१३,१७१८०,६२, Page #286 -------------------------------------------------------------------------- ________________ बेइंदियत्त-भंत ९९९ १०३,१८१५,२१,१६।३;२०१८,२३,२८,३२, ४७:२११६,२८,४२,८६.८८,२२१३१:२३१८६, १५१,१५५ से १५७,१६३,१६,१६७.१७५ २८१३७ से ४०,४२,१००,१०३.११६,१२५, १३६,२६१११ से १३,२१,३०११० से १२, २०,२१:३१॥३:३६१३६,६२ बेइंदियत्त (द्वीन्द्रित्व) प १५१९७,१४२ बॅटट्ठाइ (वृन्तस्थायिन् ) ज ५७ बॅदिय (द्वीन्द्रिय) प १११४,४६,३१४२,४५,४६, १४६,५१५७,६।७१ बेतेयालसतविह (द्वित्रिचत्वारिंशत्शत विध) प १७:१३६ बेयाहिय (दव्याहिक) ज २१४३ बेहिय (दू याहिक) ज २६ बोंडइ (दे०) प ११३७११ बौदि (दे०) प २१३०,३१,४१,४६,६४।२,३ ज ५११८ बोद्धव्व (बोद्धव्य) प १०।१४।२,३४११०२ ज ४।१५६६१,१६२।१,२०४:१,२१०।१; ७।११७।२,१२०।१,१३२।१,१६७।१, १७७३१,२,१८६।४ १०८६,८८,२०1८1८ उ १११७, ३।२।१,४१२६१ बोधव (बोद्धव्य) प १।२०।४,३३३१,३५।२, ३६१२,३७४३,४२१२,४३१२,४८१८,४०, ११८१।१; २१६४।६,७,६१८०१२,१०५३।१; ११३७।२,१७१।१२८।१११ २०१८1७ बोर (बदर) प १६१५५,१७:१३२ बोल (दे०) प २४१ ज २१४२,६५,३।२२,३६, ७८,६३,६६,१०६,१६३,१८०५।२६,७१५५, १७८ सू १६२३ उ १११३८ बोहग (बोधक) ज ५१५,४६ बोहय (बोधक) ज ३।१८८,५।२१ बोहि (बोधि) प २०११७,१८,२६,३४ बोहिदय (बोधिदय) ज ५१२१ बोहिय (बोधित) ज २६१५३१३ भइज्ज (भज) भइज्जति प २०७४ भइन्जति प २२४७३ भइत्ता (भक्त्वा ) सू१।१० से १२ भइत्त (भक्त) प २०६४।१६ भंग (भङ्ग) प ११४८1१० से २०१०१६ से १; १४।२१६१६१०,१५,२१:२२।२५,८४,८६; २४१५,८,१२,२६।४,६,६,१०,२८६११८ भंगुर (भङगुर) ज २१५ भंगी (भृङ्गी) १४८१५,१७।१३१ भंगी (भनी) प १९३५ भंगीरय (भृङ्गिरजम् ) प १७।१३१ भंड (भाण्ड) ज ३।७२,१५०,४।१०७.१४० सू २०१४ उ ११६३,१०५,१०६,११६:३१५०, ५५,६३,७०,७३,१२८ भंडग (भाण्डक) उ ३१५०,५५ भंडवेयालिय (भाण्डवैचारिक) प १११६ भंडार (भाण्डकार) प १९७ भंडी (भण्डी) प १३७।५ शिरीष का पेड़ भंत (भदन्त) प ११७४,८४,२११ से ३६,४१ से ४३,४६,४८ से ६४३।३८ से १२०,१२२ से १२४,१७४,१७६ से १८३,४।१ से ४६,५२, ५६ से ५८,६५,७२,७६,८८,६५,६८,१०१, १०४,११३,१३१,१४०,१४६,१५८,१६५, १६८ से १७१,१७४,१७७,१७८,१८०,१८१, १०३,२०७,२१०,२१३,२६४,२९७५१ से ७,६ से १२,१४,१६ से १८,२०,२३,२४,२७ से ३४,३६,३७,४०,४१,४४,४५.४८,४६,५२, ५३,५५,५६,५८,५६.६२,६३,६७,६८,७०,७१, ७७,७८,८२,८३,८५,८६,८८,८६,६२,६३, ६६,६७,१००,१०१.१०३,१०४,१०६,१०७, ११०,१११,११४,११५,११८,११६,१२३ से १२६,१३१,१३४,१३६,१३८,१४०,१४३, १४५,१४७,१५०,१५३,१५४,१५६,१५७, १६२,१६३,१६५,१६६,१६८,१६६,१७१, Page #287 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ००० भंत १७३,१८०,१६२,१६६,१६६,२०२,२०३, २१०,२१७,२२७,२२६,२३१,२३३,२३६, २३८,२४१,६।१ से २३,२७,४३ से ४५,४७ से ५५,५७,५८,६० से ६४,६७,६८,७०,७५, ७८,८० से ५२,८७,६०,६३,६४,६६,६६, १०१,१०३,१०५,११०,११४ से ११६,११८ से १२१,१२३,७४१ से ४,६ से ३०,८११ से ११,६११ से ४,६ से १६,१६ से २१,२५,२६; १०१ से १३,१५ से २४,२६ से ५३,१११ से ४४,४६ से ४८,६१ से ७३,७६ से ६०%; १२।१ से ५,७ से १३,१५,१६,२०,२१, २३,२७,३१ से ३३,१३३१ से ३१; १४.१ से ३,५,७,६,११ से १५,१७,१५१ से ३,७,८,११ से २८,३० से ३३,३६ से ४१,४३ से ५४.५६ से ७४,७६ से ८०,८३,८४,८६, ६१,६४ से ६७,१००,१०३ से १०६,१०६, ११४,११५,११७,११८ से १२०,१२३,१२६, १२६.१३२ से १३५,१४०,१४१, १६:१ से ३,१० से १३,१५,१७,१६ से २१,१७।१ से ६.८ से १६,१६ से २१,२४,२८,२६,३३,३६ से ४०,५१,५६ से ६६,७१ से ७६,७८ से ८७, १० से १२,६४,६५,६९ से १०४,१०६ से ११६.११८ से १२०,१२२ से १३०,१३५ से १३७,१३६ से १५२,१५४ से १५७,१५६ से १६१,१६६,१६७,१६६ से १७२,१८१ से १०,१२ से ३७,३६,४१ से ४७,४६ से ५१, ५४ से ८२,८४ से ६०,६३ से १११,११३, ११४,११६ से १२०,१२२,१२३,१२५ से १२७,१६।१,२०११ से ३,६,७,६ से १५,१७ से २५,२७ से २६.३२ से ३४,३८ से ४०, ४५.४६ से ५१,६१ से ६४, २१११ से १५, १६ से २५,२८ से ३२,३६,३८,४० से ४२,४८,४६,५६ से ६६.६८ से ८१, ५३ से ६६,६८ मे १०१,१०३ से १०५; २२११ से १६,२१ से २३,२६,२७,२६,३०, ३२ से ५०,५२ से ६६,७६ से ७६,८१ से ८४,८६,८७,८६ से १४,६७ से ६६,१०१, २३.१ से ७,९,११,१३ से ४८,५७ से ६२, ८१,६०,१३४,१३५,१३७ से १४०,१५४, १५५,१५७,१६०,१६१,१६४,१६७,१७१, १७६,१७७,१६१ से १६६,१६८ से २०१; २४.१ से ५,८,११,१२,१४:२५।१,२, ४,५,२६।१ से ४,८,६,२७१ से ३,६; २८११,३ से ५,११ से १६,२१ से २५,२८ से ३१,३३ से ४२,४४,४५,४८ से ५०, ५१,५७ से ६०,६२ से ६५,६७ से ७१, १८,१०२,१०४,१०६ से १०८,१११ से १२०,१२२,१२३,१२५,१२७,१२८,१३२; २६१ से ३,५ से ७,६,१०,१२,१३,१६ से १६,३०१ से ३,५ से ११ १३,१५ से १७, १६,२१.२५ से २८, ३१११,३२११,२,४३३३१ से ३,५,६,१२ से १८,२०,२२,३५।१,२,४ से १३.१६ से १८,२०,२३,३६.१ से २२,३० से ४६,५३,५४,५८ से ६७,७०,७१,७३ से ८८,६२,६४ ज १७,१५ से १८,२० से २३, २६,२७,२६,३३ से ३५,४१,४५ से ५१:२१, ४,७,१४,१५,१७,४३,५२,५६,५७,५८,१२२, १२३,१२७,१२८,१३१ से १३७,१३६,१४७, १४८,१२०,१५१,१५६,१५७,१६१,१६४; ३३१,९८,४।१,२२,३४,४४,४५,४८,५१,५२, ५४.५५,५६.५७,६०,६२,७६ से ८२,८४ से ८६,९६ से १८,१०० से १०३,१०६ से ११०, ११३,११४,१४१,१४३.१५६ से १६७,१६६ से १७८,१८० से १८२,१८४,१८५,१८७, १८८,१६० से १६४,१६६,१६७,१६६ से २०३,२०५ से २०६,२११ से २१५,२२५, २२६,२३४,२३६,२३७,२३६ से २४१,२४४, २४५,२४६,२५१ से २५५,२५७,२६० से २७७,६।१,२,४,७ से २६७१ से४८,५०, ५२ से ७३,७६.७८ से १०७,१११ से १४५, १४७ से १५१,१५४ से १६७,१६६ से १७८, १८० से १८५,१८७,१६७ से १६६,२०१ से Page #288 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंतसंभंत-भद्द २१३ उ ११४,६,८,२१,२४,२५,१४१,१४३; भट्टिदारय (भर्तदारक) ५ १११५,२० २।१,३,१३,१५,३।१,३,८,१६,१८,२०२३, भट्ठरय (भ्रष्ट रजस्) ज ५१७ २६,३० से ३२,३५ से ४१,४४,८६,८८,६३, भट्ठि (दे०) ज २६१३१ ६४,१२३ से १२५,१५२,१५४.१६४,१६५, भड (भट) ज ३१७,२१,२२,३६,७८,१७७ १६७,४१,३,१४,२६,५१,३,२०,२२,२३, भडग (भटक) प १६ ३२,४०,४३ भिण (भण्) भणइ उ ३१६६ भणंति प १७८९ भंतसंभंत (भ्रान्तसम्भ्रान्त) ज ५।५७ मणित (भणित) प ११४८१६,४७,श६३।६, २१४०%; मंभा (दे०) ज ३१३१ ३॥१८२, ५१२४४;६।५६,६६,८३,८६,६२, भंभाभूय (भंभाभूत)ज २१३१,१३६ १००१५५५, २१७७ सू १०.१४८, २०१७ मक्खेय (भक्ष्य) उ ३३३७ से ४२ मणितम्व (भणितव्य) सू ८१११०१४८,१५०%; मग (भग) ज ७।१३०,१३३,१८६।४ सू १०६३५ १५ भगंदर (भगंदर) ज २१४३ मणिय (भणित) प ११४८१५२:२।२७१३,४७; भगदेवया (भगदेवता) सू १०८३ ६४।४६.८,५१५२,११५८०१२।१३,१५, भगव (भगवत्) प ११॥३,३६८१ ज ११५,६; २१,१५।१८,३०,१४०,१६३१८,१७७,६७; २१६८,७०,७२,९०,६३,६५,६६,१०१ से । २०१२६,३५,२११७६,६४:२२।५४:२३११००, १०३,११३,११४; ५५३,५,७ से १४,२१,२२, १०८,१५६,१७६,१८१,१८५,१६०२४१८,६; २६,४४,४६,५८.६०,६२,६४,६७ से ७०,७२ २९१५,३६।२०,२४,४६ ज २०४१३,२११५; से ७४७।२१४ च १० सू ११५ २०६६ ३।१०६,१३८,१६७।३,४,४१२०० चं ४।३ उ १२,४ से ८,१६,१७,१६ से २६,१४२, सू१८१३,१०।१५०,१६।२२।१,२। १४३;२।१ से ३,१० से १२,१४,१५,२१,३३१ भिण्ण (भण्) भण्णइ प ५२२६ ज ७।१४६ से ३,७,८,१६,२०,२२,२३,२६,८७,५८,६०, भण्णति प ५।२०५ भण्णाति प ५।२०५,२११; ६३,१५३,१५४,१५६,१६१,१६६,१६७,१७०%; ३६६८ ४।१ से ३,२७; ५।१ से ३,४४ भत (भक्त) ज २२६५,७१,८८,३२२५ उ २।१२; भगवंत (भगवत् ) प २।६४ ज २१६६.७१,८३ ३.१४,१२०,१५०,१६१,१६६५२८,३६,४१, ५१.२१ उ १.१७ भत्तपाण (भक्तपान) ज ३१०३,२२४ भगवती (भगवती) सू २०६१ भगसंठिय (भगसंस्थित) सू १०३५ भत्तसाला (भक्तशाला) ज ३1३२ भत्ति (भक्ति) ज ३।१६७/६ भगिणी (भगिनी) ज २।२७,६६ भत्तिचित्त (भक्तिचित्र) प २।४८ ज ११३७, भग्ग (भग्न) ५११४८१० से २६ उ ३६१३१,१३४ भग्गवेस (भार्ग वेश) ज ७१३२।२ सू १०११०० २।१०१,३।३६,१२,५६.८८,१०६,११७, भज्जमाण (भज्यमान) प ११४८।३८ १४५,२२२,४१२७,४६५१६,२८,३२,३४, मज्जा (भार्या) ज २१२७,६६ उ १११२,१४५; ५६ सू१८१८१६२२।१,२ २१५,१७ भत्तिय' (दे०) प १।४२११ भज्जिय (भजित) उ ११३४,४६,७४ भद्द (भद्र) प २१३१ ज २१६४८१:३१३,१२,५६, भट्टित्त (भर्तृत्व) प २१३०,३१,४१,४६ ज ११४५; ८८,११७,१३८,१८५,२०६४।४६,५।२८; ३।१८५,२०६,२२१; ५।१६ उ ५।१० १. वनस्पति कोष में भूतीक शब्द मिलता है। Page #289 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १००२ ७१११८ उ २१२; ३१६६ से १८,१००,१०१ ७५,८३,१००,१२०,१३१ से १३४१८१७ १०६ से ११२ भरह (भरत) प १३८८,१६।३०,१७११६० भङ्ग (भद्रक) ज २०१६ ज १११८ से २०,२३,४६,४७,५१, २७ से भद्दमुत्था (भद्रमुस्ता) ज १:४८६६ १५,२१ मे ४५,५०,५२,५६,५७,५८,६०,१२२, भद्दय (भद्रक) ज ३।१०६ उ ५१४०,४१ १२३,१२७,१२८,१३१,१३२,१३३,१३६, भद्दवत (भाद्रपद) सू१०।१२४ १४१ से १४७,१५०,१५६,१५७,१५६,१६१, भद्दवय (भाद्रपद) ज ७१०४,११३११,११४ १६४,३।१ से १३,१५,१७,१६ से २३, सू १०।१२६ उ ३१४० २५ मे ३४,३६ से ४२,४४ से ५०,५२ से ५६, भट्टसालवण (भद्रशालवन) ज ४१६४,२१४,२१५, ६१ से ६७,६६,७७,८३,८४,६० से १४,६६, २१६,२२०,२२१,२२५,२२६,२३४,२६२ ६६,१००,१०१,१०३,१०६ से १०६,११५ से भद्दसेण (भद्रसेन ) ज ५१५२ १२६,१३१ से १३५।१,१३७,१३८,१३६,१४१ भद्दा (भद्रा) ज ५।१०।१५।६८,७।११८ सू १०२, से १४८,१५० से १५४,१५७,१५८.१६०, १६३ से १७०,१७३.१७५,१७७.१७८,१७६, भद्दासण (भद्रासन) ज ३१३,५६,१७८,४/२८, १८१ से १६२,१६८,१६६,२०१,२०२,२०४ ११२:५।३६,४२ से २२६,४।१,४८,५३,१०२,१७२,१७४,१७७, भद्दिलपुर (भद्दिलपुर) प ११६३३३ २७७,५१५५,६७,६,१२,१६ भमंत (भ्रमत, भ्रम्यत्) ज ४।३,२५ भरहकूड (भरतकूट) ज ४।४४,४८ भमर (भ्रमर) प ११५१,१७४१२३ ज २।१२;३१२४ भरहवास (भरतवर्ष) ज २।१५,४।३५ भमराक्ली (भमरावली) ११७११२३ भरहवासपढमवति (भरतवर्षप्रथमपति) भमास (दे०) ५११४१११,११४८।४६ ज ३११२६१२ भय (भय) ५ ११११,२१२० से २७:१११३४।१; भरहाहिब (भरताधिप) ज ३।१८,८१,६३,१२१११, २३१३६,७७,१४५ ज २१६६,७०,३१६२,१११, १३५॥२,१६७।१४,१८०,२२१ ११६,१२१११,१२५,१२७ उ १८६३।११२, भरिय (भत) ज २६३३१७८ १५६४।१६ भरिलो (भरिली) प ११५१ भयंकर (भयङ्कर) ज २१३१ भरु (भरु) प १८६ भयग (भूतक) ज २।२६ भरेत्ता (भृत्वा) उ ३३५१ भयणा (भजना) प ११४८५० भल्लाय (भल्लात) प ११३५१२ भणिस्सिया (भयनिश्रिता) प १११३४ भल्ली (भल्ली) ५११४०१४ भयभेरव (भयभैरव) ज २६४ भव (भव) प २१६४।५,६; ३१११२१०१५३११; भयव (भगवत्) प १।१।२ ज २१६०,५१३,१४, १८।११२,१८१६५; २३।१३ से २३ ज ३।२४, १६,१७,२१,६६ भयसण्णा (भयसंज्ञा) प ८.१,२,४,५,७,६,११ भव (भवत्) ३ ३.४३ भिर (भृ) भरेइ उ ३१५१ भिव (भू) भवइ ज ११४.४% २१६६ सू १:१३ भरणी (भरणी) ज ७१११३११,१२८,१२६,१३४१२, उ ११२० भदउ ज २१६४,१५७ भवंति १३५१२,१३६,१४०,१४४,१४६,१५६, प११४६ से ५१,६०,८०,८१,५१४३:१६११५; १७५ सू१०११ से६,११,२३,३५,६२,६६, २११८४:२३११५२,३६।२०,८२,६३ Page #290 -------------------------------------------------------------------------- ________________ "भवंत-भाणितव्व ज ४१५१।१ सू ३११ उ १११४१, ३।५० भवति १४५ २८.३२.११ २२४७३ १५५८१ ३६।१।१ ज १।२६ ११३ भवतु ज २१६४ भवह उ ११४२ भविस्सइ अ १४७, १२७२|७१,१३१ १६४१.५०४३ भरिति ण २।१३३ भवे प १४५३० से ३८ २६ सू १९११११, ५१३, १५११,४, १६।२२।१३,१५,२११४,५ भवेज्जा ३८१ भवंत ( भवत् ) ज ३।२४/१,२,१३१।१,२ भवक्खय ( भवक्षय ) प २२६४।१० उ ३१८, १२५, १५२४।२६ ५।३०,४३ भवचरिम ( भवचरम ) प १०३६,३७ अवण (भवन) ए २१,४,१०,१३, ३० से ४०, ४०१३, ४,२१४२,४३,१११२५ ज ११३१,५१; २४१५,२०,६१,१२०,३३,२५,२६,३२१२, ३८,३६,४६,४७,५१,५२,१०३, १४०, १४१, १८३,१८६, २०४,४६, १०, ११,३३,४१,७०, १०,१३,१४७, १५२, १५५,१७४१०२,२३८, २४३५/१५ से ७,१७,४४,६७,७० उ १।३३ भवणपति ( भवनपति ) ज ३३१८६,२०४ भवणपत्थड (भवन प्रस्तट ) प २११ भवणवद्द ( भवनपति ) प १६।२९, २०१५४ ज २०६५० २६१०० से १०२,१०४,१०६,११०,११३ से ११६, १२०, ४२४८, २५०, २५१, ५२४७,५९, ६७,७२ से ७४ भवणवति ( भवनपति ) प ६।१०६, ३४।१६,१५ वणवासि (भगवान्) प ११३०,१३१:२४३०, ३०११,२३२:३।२६,१३३,१८३४।३१ से ३३,६१६५१७५१,७४,७६,७७,८१,०३ २०६१:२१।५५,६१,७० २।१४ ५५२ सू २०७ भवणवासिणी ( भवनवासिनी ) प ३।१३४,१०३: ४१३४ से ३६, १७।५१,७५,७६,८२, ८३ भवणावास भवनवास २०२० ३६ भवत्थवलि (नवस्थकेवलिन् ) ११८/६६, १०१ भवपारणिज्ज (भवधारणीय) व १५१८. १६ २११५८,५६,६१,६२,६५ से ६७,७०,७१ भवपच्चय (नवत्यधिक ) प ३३|१ भवसिद्धिय (भवसिद्धिक) प३।११३,१८३ 1 १८।१२२,२८।१११,११२ भवित्ता ( भूत्वा ) प २०१७ २२६५ उ ३११३ ४११४;५।३२ भविष (भविक ) प १।१।२२८ १०६।१ भविय ( भव्य ) ज ५५८२२४३, ४४ भवोवग्गह (भवोपग्रह ) प ३६३८३३१ भवोचवायगति (भवोपघातयति) १६०२४, ३१, ३२ भव्व ( भव्य ) प १६।५५: १७ १३२ कमरख, करेला भव्वपुरा ( भव्यपुरा ) ज ३।१६७/७ भसोल (दे०) ज ५५७ भाइ (भागिनेय) ०३ ३१२० भाइयत्व ( भेतव्य ) ज ५३५,७ से १०,१२,१३,४६ भाइल्लय (दे०) ज २२६ भाग (भाग) प २०१०,११:२३ १६०,१६४, १६७,. १७५२८४०, ४३,६९ २०६४ चं ५.१ नू ११६,२४.२६, २७.२९.३० २१.१.३२३ ४:४, ५, ७, १०, ६१.९१३: १०१२, १३२,१३५, १३८ से १४२.१४४ से १६३:११।२ से ६ १२१२,३.६ से ९.१२.१२.११ से २५, २० १३११.३,४.७ से १२.१४ से १७१४/३,७: १५२ से २०,२२ से २९.३१,३२,२४१०११ १०,२५,२६,१६२२।११, २०१३ भागसप ( भागशत ) ज ७१८१,८४,१८,१६,१०० भागसहस्स (भागसहस्र) ७८१,६५,९६ भाणित ( भणित) २१३२,४०, ४२,५०; ३।१८२४।६८, ५१२२.३९,४३,६१,७६.६६, १०,११७,१२२.१५२,२०६,२२६.२४४; ६२४६, ५६,६६, ८१, ८३,८६,८६,६२,६५, १००.१०२.१०३ १०७ १०८ १०११४:१६ २० १।१४,२२,२५ Page #291 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १००४ भाणिय-भावेमाण ५१२४ भाणिय (भणित) ज ३१२४,१३१ भायण (भाजन) ज ३।३२ उ ११४६ भाणियव्य (भणितव्य) प १४३,४५,४७,६२; भारंडपक्खि (भारण्डपक्षिन) प १७८ ५।६१,११७,१२०,२०५,६६६१,१२३,६३४; भारग्गस (भाराग्रशस्) ज २११०६,११० १०१२८११:४१,४६,८३,८५,१२१८ से १३. भारद्दाय (भारद्वाज) ज ७.१३२२ सू १०।१०३ १५ से १७,२१,२५,१५।३०,५६,६२,८४, भारह (भारत) ज २३४,३५,२।१३।१३५२२ १०२,१०३,१२१,१३४,१३८,१४०।१६।१८, सू११८,१६,४१३ उ १२६,३२१२५,१५७; २१,३२,१७७,२८,२६,३३,३५,६५,७०,७७, ८६,६७,१०२,१०३,१०५,१४६,१४८,१६५, भारहग (भारतक) ज ४१२५० १६७,२०१२५,२६,२११३५,४३,७७,८०,९४; भारहय (भारतक) सू ११६ २२२०,२५,२८,३३,३५,४१,४५,५४,५८, मारियत्त (भार्यत्व) उ ३११२८ ५३,८४,८६२३३१००,१०८,१५२,१५६, भारिया (भार्या) ज २१६३ सू २०१७ उ ३६७, १६०,१६४,१६७,१७५,१७६,१६०,१६१; ११२,१२८,४१८ भाव (भाव) प १३१२,१०१॥३,४,६,२१६४।१३; ५,२८।१०,२५,५६,८७,१०२,१४५:२६।१५, १११३३।१ ज २२६६,७१ उ ३१४३,४४ ३४।२१,३६।२०,२४,२६ से ३०,३२,३४,४६, भावओ (भावनस्) प १११४८,५२,५३,५५; ४७,६५ ज १५१६,२३,२६,४४,४६,२१७, २८।५,६,६,५१,५२,५५,३५४४,५ ज २१६६ ७२,६३,३।१२६,१५५,१७१४१३,४,२५,३१, भावकेउ (भावकेतु) ज ७१८६ भावकेतु (भावकेतु) उ २०१८,२०1८18 ३६,४१,५२,५७,७०,७६,८२,८४,६०,६३, भावचरिम (भादचरम) प १०।४४,४५५३११ १०६,११०,११२,११६,११८,१२८,१६५, १७५,१७७,१८४,१६३,१६६,२०१,२०२, भावणा (भावना) ज २१७१ २०४,२०८,२१२,२१५,२१७,२२० से भावणागम' (भावनागम) ज २१७२ २२२,२२६,२३७,२४०,२४८,२४६.२६२, भावतो (भावतस्) प ११:५७,५६ २६५,२७१,५३,७,१३,३२,४६,५५,५६६५; भावरुई (भावरुचि) प ११०१११८ ६१३;७।१८६ सू ४।६१८११,१५१११; भावसच्च (भावसत्य) ज १११३३ २०१६ उ १११४७,१४८;२।२२:४१२८; भाविअप्प (भावितात्मन् ) प १५१४३ ५।१७,२५ भाविदिय (भावेन्द्रिय) प १५४५८१२,१५७६,१३३ भाणी (दे०) प ११४६,११४८१६२ से १३५,१४०,१४१,१४३ भाय (भाज) भाएंति ज ५।५७ मावित्ता (भावयित्वा) उ ३।१६१ भाय (भाग) ज ११८,४८,३११,१३५४१,४१, भाविय (भावित) प १७1८८ २३,३८,५५,६२,६५,८१,८६,९१,९८,१०३, भावियप्प (भावितात्मन्) प ३६७६ ज ७/१२२१२ १०८,११०,१४१,१६७,१७८,२००,२०५,२०७, सू१०।८४१२ २१२,२१४,२४०,७७,९,१०,१२,१३,१५, भावेमाण (भावयत्) ज १५,२१७१,८३ उ ११२, १६,१८ से २५,३१,३३,५४,६५,६६.६८,६६, ३;२११०३३१४,२६,८३,६६,१३२,१४४,१५०% ७१,७२,७६,१३४,१७७३१,२ उ १६६६,६४ ४१२४; ५२६,२८,३२,३६,४३ भाय (भ्रातृ) ज २।२७.६६ उ ११९५ १. आयारचला पञ्चदशाध्ययनानुसारी Page #292 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भावेयम्व-मुज्जो १००५ भावेयव (भावयितव्य) प २२।४५ भिगार (भृङ्गार) प११।२५ ज ३१३,११,१७८%, भास (भाष) भासइ ज ७२१४ उ ११८ ५१६,४३,५५ भासंति प ११०४३ से ४६ भासती भिगारग (भृङ्गारक) ज २११२ प१११३०११,२ भासिति प १९८ भिडिमाल (भिण्डिमाल, भिन्दिपाल) भास (भस्मन्) म २०१८,२०।८।८ ज ३।३१,१७९ भिक्खायरिया (भिक्षाचर्या) उ ३३१००,१३३ भासंत (भाषमाण) ५ १११८६ भासग (भापक) प ३३११२,१०८१११३८ से ४१% भिज्जमाण (भिद्यमान) प ११७९ १८ गा २ भिण्ण (भिन्न) प ११७२ सू २०१२ भासज्जात (भाषाजात) ५११६४२ भित्तिकडग (भित्तिकटक) ज ३१७ भासज्जाय (भाषाजात) प ११३८८,८६ भित्तुं (भेत्तुम्) ज २१६११ भासत्त (भाषात्व) १ १११४७,७० से ७२,८० से । भिभिसमाण (बाभाष्यमाण) ज ४।२७।५।२८ मिस (विस) प ११४६,११४८१४२ ज २०१७; भासमणपज्जति (भाषामनःपर्याप्ति) उ ३।१५,८४ ४१३,२५ १२१:४१२४ भिसंत (दे० भासमान) ज ३११७८७।१७९ भिसकंद (विषकंद) प १७।१३५ भासमाण (भाषमाण) प ११1८६ भिसमाण (दे०) ज ४।२७,५१२८ भासय (भाषक) प १८।१०४ भासरासि (भस्मराशि) प २१५०,५६,६० सू २०१८ भीत (भीत) प २०२० से २७ भीम (भीम) प २०२० से २७,४५,४५११ भासरासिप्पा (भस्मराशिप्रभ) प २१५४,५८ उ१११३६ भासरासिवण्णाभ (भस्मराशिवर्णाभ) सू २०१२ भीय (भीत) ज २१६०,३।१११,१२५ उ १८६; भासा (भाषा) प १३१५,१६८;२।३१; __ ३११२,४।१६ १०५३।१:१०१ से १०,२६ से ३०,३०११, मंज (भज) भंजइज ३.३ भंजए ज ४।१७७ २,१११३१ से ३७,३७।१,२,१११४३ से ४६, भुंजाहि उ ३११०७ ८२,८३,८७,८६,२८।१४२,१४४,१४५ भुंजमाण (भुजान) प २।३० से ३२,४१,४६ ज ३७७.१०६ ज ११३३,४५:२।६१,१२०, ३१८२,१७१, भासाचरिम (भाषाचरम) प १०३८,३६ १८५,१८७,२०६,२१८४११३,५५१,१६; भासारिय (भाषायं) प १६२,६८ ७।५५,५८,१८४,१५५ सू १८।२२,२३, भासासमिय (भापासमित) ज २१६८ उ ३६६ १६२६ उ ३१६०,६८,१०१,१०६,१२६ से भासुर (भानुर) प २१३०,३१,४१,४६ ज ५७.१८ १३१,१३४,५२२५ भिउडि (भृकुटि) ज ३१२६,३६,४७,१३३ vमुंजाव (भोजय) भुजावेइ उ ३१११४ उ ११२२,११५,११७,१४० भुकंड (दे०) भुकडे ति ज ३१२११ भिंग (भृङ्ग) ५ १७४१२४ भुक्खा (दे० बुभुक्षा) उ ११३५ से ३७,४० भिगनिभा (भृङ्गनिभा) ज ४२२३३१ भुजंग (भुजङ्ग) ज २११५ भिगपत्त (भृङ्गपत्र) प १७।१२४ भुज्जो (भूयस्) १६.४६,१७११५ से १२२, भिगप्पा (भृङ्गप्रभा) ज ४११५५।२ १५४,२८।२४ से २६,३६,४२,४५,४६,७१, भिगा (भृङ्गा) ज ४११५५।२,२२३११ ७४,३४१२०,२२ से २४ ज ३।१२६७।२१४ Page #293 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भुत्त (भुक्त) ज २१७१३१८२ सू २०१७ उ ४११६ भुत्तभोइ (भुक्तभोगिन् ) उ ३.१०७,१३६ भुमगा (भू) ज २।१५ भुयग (भुजग) प २२४६ चं ११२ भुयगवड़ (भुजगपति) प २१४१ भयपरिसप्प (भजपरिसप) १६७,७६,४११४० से १४८,६७१.७५ २०१४,१६,३५,४६,६० भुयमोयग (भुजमोचक) १ १२००३ भुयय (भुजग) प २११४७.१ भुयस्वख (भूतवृक्ष) प ११४३।२ भुया (भुजा) प २१३०,३१,४१,४६ ज २१,५८, उ ३६२ भुस (बुश) ५ १६४२११ भू (भू) मू २।१ भूत (भूत) प॥६४ सू१९३८ भूतिकम्म (भूतिकमन्) ज ५११६ भूतोद (भूतोद) सू १६३८ भूमि (भूमि) प ११७४ ज १।२६ भूमिगय (भूमिगत) ज ३।१०५ भूमिचवेडा (भूमिचपेटा) ज ५१७ भूमितल (भूमितल) ज ५१५ भूमिभाग (भूमिभाग) प २।४८ से ५१,६३; १७११०७,१०६,१११ ज १३१३,२१,२५,२६, २८,२६,३२,३३,३६,२७,३६,४०,४२,४६; २१७,१०,३८,५.२,५६,५७,१२२,१२७,१४१, १४.७,१५०,१५६,१५६,१६१,१६४ ; ३१८१, १६२,१६३,१६६,१६७,४१२,३,८,९,११,१२, १६,३२,४६,४७,४६,५०,५६.५८,५६,६३,६६, ७०,८२,८७,८८,९३,१००,१०४,१०६,१११, ११२,११७,११८,११६,१२२,१२३,१३१, १६६,१७०,१७६,२१७,२३४,२४० से २४२, २४७,२४८,२५०,५१३२,३३,३५,७३३ सू २।१६।३।१८।१:२०१७ भूमिया (भूमिका) ज ३१३२ भूमी (भूमि) ज ११२।१३२,१४२,१४३,४।११६ भूय (भूत) प १११३२,२१४१,४५,६४,१५१५५:३; ३६.६२,७७ उ २।१०,३१,१३१,३११,६,२२, ३६,७८,८०,८१,६२,६३,६५,६६,११६,१२१, १५१,१५६,१०,१६३,१८०,२२२७४२१२ उ ११३८,३१४३.४४,४६,५१४ भूय (भूयर) ज ३१ भूयग्गह (भूतग्रह) ज २१४३ भूयणय (भूतृणक) प ११४४१३ भूयस्थ (भूतार्थ) प ११०१२ भूयवाइय (भूतादिक) १ २१४१,२।४७११ भूया (भूता) र ४४६,११ से १६,१८ से २४ भूयाणंद (भूतानंद) प २१३४,३६,४०।७ भूसण (भूपण) प २३०,३१,४१ ज ३८१,१८८; ७१७८ भूसणधर (भूपरणधर) ज ३।६,२२१,५।२१ भूसिय (भूषित) ज ३१३०,३५,१७८ भे (भोस् ) उ ३।३८,४०,४२,४४ भेद (भेद) प १४८१३८,६८३;११।७४,७६ से ७८%3; १५१५३,२१११६,४०,४३,४४,५२,५५,७६,७७, ६४,२२२०३३१११ भेदल (भेदक) ज ३११०६ भेदपरिणाम (भेदपरिणाम) प १३३२१,२५ भेय (भेद) प १११७२,७३,७५,१६।३२,२११७७ उ ११३१ भेयघाय (भेदघात) चं ४।१,३ सू श८।१,३, २२ भेयपरिणाम (भदपरिणाम) प १३१२५ भेरि (भरि) ज ३।१२,७८,१८०,२०० भेरी (भरी) उ१५ से १७ भेरुतालवण (भेरुतालवन) ज २१६ भेसज्ज (भैषज्य) उ ३३१०१ भेसण (भीषण) ज २।१३३ भो (भोस्) ज २१६५,६७,१०१,१०५,१०७,१०६, १११,११४:३।७,१२,२६,३६,४७,४६,५२, ५६,६१,६६,८३,६१,६६,११३,११५,१२२, १२४,१२७,१२८,१३३,१४१,१४७,१५१, १५४,१६८,१७०,१७५,१८०,१६६,२०७, Page #294 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भोग-मंजसा १००७ : २१२:५१३,१४,२२,२६,५४,६८,६६,७२ २२१,२२२:५११८,२१ उ २१७,१२३,१३१:४।१६:५।१५,१८ मउय (मृदुक) प २४ से ६३.१८२,५।५७,२०६; भोग (भोग) प १६५ ज २१६५;३1३ भू १८१२२, १५।१५,१६,२७,२८,३२,३३,२८१२६,३२,६६ २३:१६।२६ उ ११२७,६३,१४०:३६८,१०१, ज२।१५३१३५५,७,१७८ १०६,१०७,१२६ से १३११३४,१३६ मउल (मुकुट) प २१४१ भोगकरा (भोगङ्करा) ज ४।१०६,५५११ मउल (मुकुल) ज २।१५,३३१७८,७१७८ भोगतराय (भोगान्तराय) प २३।२३ मउलि (मुकुलिन्) प ११६६.७१ भोगस्थिय (भोगाथिक) ज ३११८५ मउलि (मौलि) प २१३०,३१,४१,४६' भोगभोग (भोपभोग) ५ २।३०,३१,४१,४६ मउलिय (मुकुलित) ज ३१६; ५।२१ ज २६१,१२०:३११७१,१८५,२०६५.१,१६; मंकुणहत्थि (मत्कुणहस्तिन् ) प १६५ ७।५५,५८,१८४,१८५ मंख (मङ्ख) ज २१६४,३३१८५ भोगमालिणी (भोगमालिनी) ज ४।१६४:५११११ मंगल (मंगल) ज २१६७,३१६,१२,१८,७७,८२, भोगवइया (भोग तिका) प ११९८ ८५,८८,६३,१२५,१२६,१८०,२२२:५१५,४६ भोगवई (भोवती) ज ४।१०६:५।।१७।१२१ सू१८१२३,२०1७ उ १२१७,१६७०.१२१, सू १०१६१ ३१११०:५।१७,३६ भोगविस (भोगविष) प १७० मंगलग (मंगलक) ज ३११७८,४।१५८,५१५८ भोच्चा (भुक्त्वा) सू १०।१२० उ ५११६ भोत्तूण (भुक्त्वा ) प २१६४।१६ मंगलावई (मंगलावती) ज ४।१६१,२०२।२,२०३ भोम (भौम) ज ७४१२२१३ गु १०१८४१३ मंगलावईफूड (मंगलावतीकूट) ज ४।२०४११ भोमेज्ज (भौमेय) प २।४१,४३ ज ३१२०६; मंगलावत्त (मंगलावर्त) ज ४।१६३.१६५ मंगलावत्तकूड (मङ्गलावतंकूट) ज ४११६२ भोमेज्जग (भौमयक) परा४१,४३,४६ मंगल्ल (गांगल्य) ज २६४,३१८५,१८५,२०६; भोमेज्जा (भौमेयक) प २२४१,४२ ५।५८ उ ११४१,४४ भोयण (भोजन) पश६४।१६ ज २०१८ च ५।३ मंगुस (दे०) ११७६ सू ११९१३१०।१२०,२०१७ उ ३१११०,११४ मंच (मऊ) सू १२२६ भोयण जाय (भोजनजात) ज २११८ मंचाइमंच (ञ्चातिमञ्च) ज ३७,१८४ भोयणभंडर (भाजनमण्डप) ज ३१२८,४१,४६, मंचातिमंच (मञ्चातिमञ्च) सू ११२६ ५८,६६,७४,१३६१४७,१४६,१८७,२१८ मंजरिका (मञ्जरिका) ज ५१७२,७३ मंजिठ्ठावण्णाभ (मञ्जिष्ठावर्णाभ) सू २०१२ मइ (मति) ज ३।३२ मंजु (मञ्जु) ज २१६५; ३.१८६,२०४ मइअण्णाणि (मत्य ज्ञानिन् ) प ३।१०२,१०३; मंजुघोसा (मंजुघोषा) ज १५२,५३ १८८३२८।१३७ मंजुपाउयार (मजुपादुकाकार) प ११६७ मइल (दे० गलिन) ज २।१३१ उ ३३१३० मंजुल (मजुल) उ ३।१८ मउड (मुकुट) प २१३०,४८ से ५०,५.१८ मंजुस्सर (मंजुम्वर) ज ५।५२,५३ ज ३।३,६,६,१८,२६,३१,४७,६३,१८०,२११, मंजूसा (मञ्जूषा) ज ३।१६७,४१२००।१ Page #295 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १००८ मंडण-मगदंतिया मंडण (मण्डन) ज ३११०६ मंद (मन्द) ज २१६५:५१३८,५७,७१५८ सू २१३; मंडल (मण्डल) ज ३।३०,३५,६५,६६,१०६,१५६, १८१८ १६०२७।२,१०,१३,१६,१६ से ३१,३५,५५, मंदकुमारय (मन्दकुमारक) प १११११ से १५ ५६,७२,७५,७८ से ८४,६५,६६,९८,६६, मंदकुमारिया (मन्दकुमारिका) प ११।११ से १५ १००,१०४,१२६१ च ११,३१२९ ११६३१मंदगइ (मन्दगति) चं ४२ सू शका२ १७।२,१३११,१२,१४,१८ से २५,२७,२११ ।। मंदर (मन्दर) ५२१३२,३३,३५,३६,४३,४४,५०, से ३,३१२,४१४,७,६६।१६।२१०७५, ५११५॥५५१३:१६६३० ज १११६,२६,४६,५१; १३८ से १५१,१७३।१२।३०:१३१४,५,१३; २६८,३२,४१६४,१०३,१०६,१०८,११४, १५।२ से ४,१४ से ३६,१६।२२११० से १२, १४३,१६०.१६२,१६३,२०३,२०५,२०८, १६०२३ २०६,२१२ से २१६,२१६ से २२२,२२५, मंडलगइ (मण्डलगति) प २।४८ २३३ से २३५.२३७ से २४१,२५३.२५४, मंडलम्ग (मण्डलान) ज ३३५ २५७,२५६,२६०।१,२६१,२६२,५०४७ से ५०, मंडलपति (मण्डलपति) ज ३।८१ ५.३;६।१०,२३,२४,७३८ से १३,३१,३३,६७ मंडलरोग (मण्डल रोग) ज २०४३ से ७२,६१,६२,१६८।१,१७१ सू ४।४,७; मंडलवत (मण्डलवत्) सू ११२५ से ३१ ५११७१८११,१८१५ उ ११०,२६.६६ मंडलसंठिति (मण्डलसंस्थिति) सू ११२५ मंदरकूड (मन्दरकूट) ज ४१२३६,६१११ मंडलि (मण्डलिन् ) प १७१ मंदरचूलिया (मन्दरचूलिका) ज ४।२४१,२४२, मंडलिय (माण्डलिक) प १।७४,२०११ २४३,२४५,२४६,२५१,२५२ मंडलियत्त (मण्डलिकत्व) प २०५७ मंदरपब्वय (मन्दरपर्वत) प १६।३० सू ४।४,७ मंडलियराय (माण्डलिकराज) ज ३१२२५ मंदलेस (मन्दलेश्य) सू १९२२१३०,१९२६ मंडलियावाय (मण्डलिकावात) प १२६ मंदायवलेस (मन्दातपलेश्य) ज ७५८ सू १६।२६ मंडव (मण्डप) ज ३१८१५१३५ मंदिर (मन्दिर) सू ७१ मंडवग (मण्डपक) ज १११३,२३१२ मंस (मांस) प ११४८/४६२।२० से २७ मंडव्वायण (माण्डव्यायन) ज ७।१३२।३ सू१०।१२० उ११३४,४०,४३ से ४६,४८, मू १०।१०७ ४६,५१,५४,७४,७६,७६ मंडित (मण्डित) प २१३१ ज ३।१८४ मंसकच्छभ (मांसकच्छप) प ११५७ मंडिय (मण्डित) प २।३१ ज ३१७,१८,३१,१८०; मंसल (मांसल) ज २११५;७।१७८ ५।२१,३८ मंसाहार (मांसाहार) ज २११३५ से १३७ मंडुक्को (मण्डूकी) प ११४४२ मंसु (श्मश्रु) ज २११३३ मंडूकपुत्त (मण्डूकपुत्र) सू १२।२६ मक्कार (माकार) ज रा६१ मंड्य (मण्डूक) प १६॥४४ मगइत (दे०) उ १११३८ मंडूयगति (मण्डूकगति) ५ १६:३८,४४ मगइय (दे०) ज ३।३१ मंत (मन्त्र) ज ३.११५,१२४,१२५ उ ३३११,१०१ मगत (दे०) उ १११३८ मंति (मन्त्रिन ) ज ३६,७७,२२२ मगवंतिया (मदयंतिका) प ११३८।२ ज २११० मंथ (मन्थ) प ३६१८५ मेंहदी Page #296 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मगर-मज्झिमउवरिम १००६ मगर (कर) ११५५,५६,२।३० ज ११३७; २११०१,४१२४,२७,३६,६६,६१,५५३२ सु २००२ मगरंडग (रकराण्डका) ज ५।३२ मगरज्मय (मकरध्वज) ज २०१५ मारमुहविउट्टसंठाणसंठिय (मकरमुखनिवृतसंस्थान गरिधत) ज ४१२४,७४ मगसिरी (मार्गगिरी) सू१०१७,१२ मगसीसावलिसंटिय (मगशीविनिमंस्थित) सू१०३८ मगह (मगध) प १६३।१ मगूस (दे०) प ११७८ मग्ग (मार्ग) ज १६४:३१२२,३६,६३,६६,१०६, १६३,१७५,१८० मगओ (दे० पृष्ठत ) ज ५१४३ मगण (गर्गण) ज ३१२२३ सग्गदय (मार्गदय) ज ५।२१ मग्गदेसिय (मार्गदेशिक) ज ५१५,४६ मम्गमाण (मार्ग:त्) उ ३११३० मगरिमच्छ (मकरीपत्स्य) प ११५६ मांगसिर (मार्गशी) ज ७।१०४,१४५,१४६ सू १०।१२४ उ ३१४० मग्गसिर (मृगशिरस) ज ७१४०,१४५,१४६ मग्गसिरी (मागं शिरी) ज ७।१३७,१४०,१४५, १४६,१५२,१५५ सू१०१७,१२,२३,२५,२६ मग्गिज्ज (मार्गय) मज्जिद ५ १२।३२ मघमत (दे० प्रसरत् ) ॥ २॥३०,३१.४१ ज ३७, ८८,५७ २०१७ मघव (मघवन् ) प २१५० ज ५११८ मघा (मघा) ज ७१२८,१२६,१३६,१४० सू १०१५,६२ मच्छ (मराय) प ११५५.५६:६।८०।२ ज २१५, १३४,३१७८४१३,२५,२८५४३२,५८ सू २०१२ मच्छंडग (मत्स्याण्डवः) ५।३२ मच्छडिया (मत्सण्डिका) ५ १७४१३५२११७ मच्छाहार (मत्स्याहार) ज २।१३५ से १३७ मच्छिय (मक्षिका) प १५०१ मच्छियपत्त (मक्षिकापत्र) प २१६४ मज्जण (मज्जन) ज ३१९,२२२ मज्जणघर (मज्जनगह) ज ३।६,१७,२१,२८,३१, ३४,४१,४६,५८,६६,७४,७७,५५,१३६,१४७, १५३,१६८,१७७,१८७,१८८,२०१,२१८, २१९,२२२ उ १।१२४;५१६ मज्जणय (मज्जनक) उ १६७ मज्जणविहि (मज्जन विधि) ज ३१९,२२२ मज्जाया (मर्यादा) ज २११३३ मज्जार (मार्जार) प१४४।१ चित्रक मिज्जाव (मज्जय ) मज्जावेंति ज ५११४ मज्जावेत्ता (मज्जयित्वा) ज ५११४ मज्जिय (ज्जित) ज ३२६,२२२ मज्झ (मध्य) प ११४८१६३, २०२१ से २७,२७।३, २०३० से ३६,३८,४१ से ४३,४६,५० से ५६, ६४,१११६६,६७,२८1१६,१७,६२,६३ ज १८,३५,४६,४७१,५१,३१६,१७,२१, २४१३,३४,३७११,४५११,१०६,१३११३,१७७, १८५,२०६,२२२,२२४,२२५,४।१३,४५, ११०,११४,१२३,१४२।१,२,१५५,१५६.१, २१३,२२२,२४२,२६०११,५३१४,१५,१७,३३, ३८,७४५,२२२११ सू १२।३०,२०१७ मझमज्झ (मध्यमध्य) ज २१६५,६०,३११४, १७२,१८३,१८४,१८५,२०४,२२४;॥४४ सू २०१२ उ १२१६,६७,११०,१२५,१२६, १३२,१३३,३।२६,१११,१४१,४।१३,१५, १८५१६ मज्झंतिय (मध्यान्तिक) ज ७.३६,३७,३८ मज्झगय (मध्यगत) ज ७१२१४ मज्झयार (दे० मध्य) ज ७।३२११ मज्झिम (मध्यम) प २०६४।७:२३३१६५ ज २१५५, ५६,१५५,१५.६४/१६,२१,५।१३,१६,३६ सू २१३ उ ३.१००,१३३ मज्झिमउवरिम (मध्यम उपरितन ) प २८६२ Page #297 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मझिमउवरिमगेवेज्जग-मणि मज्झिमउवरिमगेवेज्जग (मध्यमउपस्तिन देयक) १७६११२,११३,२०१८,३२,४७,२६२ प११३७,४।२८२ से २८४,७१२५ ३०१२ मज्झिमग (मध्यमक) प २०६१ मणपज्जवणाणारिय (मन:पर्यवज्ञानार्य) ५ १६६ मज्झिमगेवेज्ज (मध्यमवेयक) प ६१४० मणपज्जवणाणि (मन.पर्यवज्ञानिन ) प ३१०१, मज्झिमगेवेज्जग (मध्यमवेयक) प २।६१,६२, १०३,५३११७:१८।८१२८४१३६,३०११६,१७ ३५१८३;६१५६३३३१६ मणपज्जवनाण (मनःपर्यवज्ञान) प २०१३३ मज्झिममज्झिम (मध्यमाध्यम) प १८१६१ मणपज्जवनाणपरिणाम (मन पर्यज्ञानपरिणाम) मज्झिममज्झिमगेवेज्जग (मध्यपमध्यमवेयक) १३ प १११३७,४१२७६ से २८१,७१२४ मणपरियारग (मन:परिचारक) प ३४११८,२४,२५ मज्झिमय (मध्यमक) १ २०६२।१ मणपरियारणा (मनःपरिचारणा) प ३४११७,१८, मज्झिमहेट्ठिम (मध्यमाधस्तन) प२८१६०० २४ मज्झिमहेटिठमगेवेज्जय (मामाधस्तनप्रवेषक) मणभक्खण (मनोभक्षण) प २८.१०५ प१:१३७,४१२७६ से २७८;७।२३ मणभक्खत्त (मनोभक्षत्व) प २१०५ मझिमिल्ल (मध्यम) ज ४।२५३,२५५,२५८ मणभक्खि (मनोभक्षिन) प२८११२,२८।१०४, मज्झिय (मध्यक) ज २०१५ मझिल्ल (मध्यम) ज ३।१ मणसमिय (मनःसमित) ज १६८ मट्टिया (मृत्तिका) ज ३१२०६:५१५५,५६ मणसाइय (मनःस्वादित) ज ३।११३ मठ्ठ (मृष्ट) प २।३०,३१,४१,४६,५६,६३,६४ मणसीकत (मनीकृत) प २८।१०५ ज ११८,२३,३१,२।१५,४११२८:५॥४३ मणसीकय (मनीकृत) प ३४।१६,२१ से २४ सू २००७ मणसीकरेमाण (मनीकुर्वत्) ज ३१५४,६३,७१, मट्ठमगर (मृष्टमकर) प १२५६ १११,११३,१३७,१४३,१६७ मडंब (मडम्ब) प १७४ ज २।२२,१३१,३११८, मणहर (मनोहर) ज २१२,६५,३११३८,१८६, ३१,८१,१६७।२,१८०,१८५,२०६,२२१ २०४:४।१०७५1५,२८,३८,७/१७८ उ ३।१०१ मणाभिराम (मनोभिराम) ज ३।१०६ मण (मनस्) प २२१४:२३११५,१६, ३४१११२, मणाम (दे० 'मन' आप) ५२८1१०५ ज २१६४; ३४१२४ ज २१६४,७१,३।३,३५,१०५,१०६% ३११८५,२०६५।५८ उ ११४१,४४,३।१२८; ४११०७,१४६,५।३८,७२,७३ सू २०१७ ५१२२ उ ११५,३५,४१ से ४४,७१,३।१८ मणामतर (मन:आपतर) ज २१८,४।१०७ मणगुत्त (मनोगुप्त) ज २०६८ उ ३९E मणामतरिय ('मन' आपतरक) प १७११२६ से मणजोग (मनोयोग) प ३६।८६,८८,८६,६२ १२८,१३३ से १३५ ज २।१७ मणजोगपरिणाम (मनोयोगपरिणाम) प १३७ मणामत्त ('मन' आपल) प २८१२६,३४१२० मणजोगि (मनोयोगिन् ) ३९६:१३.१४,१६ मणि (गणि) प ११२०१२,२।३१।४१,४८,१५।११२, १८१५६,२८११३८ १५।५० ज १११३,२१,२६,३३,४६:२।७,२४, मणपज्जत्ति (मनःपर्याप्ति) प २८।१४२,१४४,१४५ ५७,६४,६६,१२२,१२७,१४७,१५०,१५६, मण (पज्जवणाण) (गन:पर्यवज्ञान) प २६:१७ १६४,३।१,६,२०,२४,३०,३३,३५,५४,५६, मणपज्जवणाण (मनःपर्यवज्ञान) प ५१२४,११५, १. भिक्षुशब्दानुशासन पास१६ अरुभनश्चक्षु.. Page #298 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मणिकंचण-मणुस्सलोय ६३,७१,८१,८४,६५,१०६,११७,१३७,१४३, १४५.१५६,१६७८.१२,१७८,१८२,१६२, २२२:४१३.१६,२५.४६,६३,८२,११४:५:१६, ३२.३८ सू२०१७,१८ मणिकंचण (मणिकाञ्चन) ज ४।२६६१ मणिदत्त (मणिदत्त) उ ५१२४,२६ मणिपेढिया (मणिपीठिका) ज ११४३,४४,४।१२, १३,३३,१२३,१२४,१२६.१२७,१३२,१३३, १३६,१३६,१४५,१४६,१४७,२१८,२१६% मणिमय (मणिय) प २१४८ ज ११४३,३।२०६; ४१५,७,१२,१३,२६,२७.४६,११४,१२३, १२४;५।३५.५५ मणिरयण (मणिरत्न ज ३१६,१२,२४,३०,८८, ६२,६३,११६.१२१,१७८,२२०,२२२,४।१६, ४६,६७, ५।२८,५८,७१७८ मणिरयणक (मणिरत्नक) ज ११३७,३।६३ मणिरयणत्त (मणिरत्तत्य) प २०१६० मणिवइया (मणिमती) उ ३३१५०,१५८ मणिवई (मणिमती) उ ३।१६६ मणिवर (मणिवर) ज ३१६२,११६ मणिसिलागा (मणिशलाका) प १७:१३४ मणुई (मनुजी) ज २११५ मणु ण (मनोज्ञ) प २३।१५,३०२८।१०५; ३४.१३,२१ ज २१६४, ३।१८५,२००; ४।१०७; ५५३८.५८ सू २०१७ उ ११४१,४४, ३११२८,५१२२ मणण्णतर (मनोज्ञतर) ज २११८४११०७ मणुण्णतरिय (मनोज्ञतरक) प१७११२६ से १२८, १३३ से १३५ ज २१७ मणुण्णत्त (मनोज्ञत्व) १ ३४।२० मणुणस्सरता (मनोज्ञस्वरता) प २३।१६ मणुय (मनुज) प ६१८०२,६८१;२०१५३, २३।३६,८३.११३,१४६,१७२,२८!१४४, १४५:३१।६।१,३२।६।१ ज ११२२,२७,५०; २२१४,१६,१६,२१ से २६,२८ से ३७,४१ से ४६,५६,५८,६४,१२३,१२८,१३३,१३४, १३५,१४६,१४८,१५१,१५७,१५६,४१८५, १०१,१७१ उ १२१४,१५,२१,३१६८,१०१, १३१,५१२३,३१ मणुयअसणिआउय (मनुजासंज्ञयायुषक) प २०६४ मणुयगति (मनुजगति) प ६३,८ मणुयगतिय (मनुजगतिक) प १३.१६ मणुयगामि (मनुजगामिन् ) जे १२२,५०:२।१२३, १२८,१४८,१५१,१५७,४।१०१ मणुयगतिपरिणाम (मनुजगतिपरिणाम) प १३१३ मणुयरयण (मनुजरत्न) ज ३१२२० मणुयलोग (मनुजलोक) सू १६।२१।८ मणुयलोय (मनुजलोक) सू १९१२२३१,३ से है मणुयदइ (मनुजपति) ज ३१३ मणुयाउय (मनुजायुष्क) प २०१६३,२३।१८,१५८ मणुस्स (मनुप्य) प११५२,८२ से ८५.१२६; २।२६,३।२५,३८,३६,१२६,१८३,४१५८ से १६४,५३३,२३,२४,१००,१०१,१०३,१०४, १०६,१०७,११०,१११,११४,११५.११८ से १२०,६१२३,२४,४६,५५,६५,६६,७०,७२, ७६.८१,८२,८४,९०,६२,६४,९६,६७,६९ से १०४,१०८,११०,११३,११६,७१४८1८,६; 810 से १०,१६,१७,२२,२३,१११२१,२२, २४,२६,१२१५,३२,१३।१६:१।१२२; १७१४५,४६.१२६.१६४,१७१:१६।४,२१७, ४८,२२१३६२३.१६४,१६८; २६६१५; ३४॥३,३६।१।१,३६.४१,५२ ज २१६,७,५०, ५३,१६२,१६४,३१६८,१७८,२२१ सू २।३; १६।२२।१३,२०१२ उ १११२१,१२२,१२६, १३३,१३६,१३७,१४० मणुस्सखित्त (मनुष्यक्षेत्र) ५११७४ मणुस्सखेत्त (मनुष्यक्षेत्र) प १३८४,२१७,२६ सू१६॥२२॥२१ मणुस्सगामि (मनुष्पगामिन् ) ज २१५८ मणुस्सरुहिर (मनुष्यरुधिर) प १७११२६ मणुस्सलोय (मनुष्यलोक) सू २०१२ Page #299 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०१२ मस्साउय-मत्थय मणुस्साउय (मनुष्याप्क) प २३३१४७,१६२,१६५, मणोणुकूल (गनोनुकूल) मु २०१७ १७० मणोमाणसिय (मनोमानसिक) उ १५१३ मणुस्सी (मानुषी) प ३।३६,१३०,१८३।११।२३; मणोरम (मनोम) प ३४११६,२१,२२ १७.४८,१६०; २३।१६४,१६८,२०१ ज २७ ज ४२६०१,५३४६।३,७१७८ ५११ मणस (मनुष्य) प६८४,८७,१५१३५,४४,४५, उ ५।२८ ४७ मे ५०८७,६१,९८,१०३ से १०६,११५, मणोरह (मनोरथ) ज ३८८,२२१ १२११२३,१२६,१३८,१६१८,१५,२५,२८, मणोहरमाला (मनोरथमाला) ज २१६५,३११८६, १७।२४,२५,३०,३३,३५.४७,७०,६७,१०४, २०४ १५७,१५६ से १६३,१६६,१६७.१७०,१७२; मगोसिला (मन शिला) पश२०१२ ज ३।१११३ १८१४,१०,२०१४,१३ १८,२५,३०,३२.३५, मणोहर (मनोहर) प ३४११६,२१ ज २११२; ३६,४८, २१११६,२०,३६,५४,६०,६६,७२, ७११७१ सू१०८६१ ७७,८२,८६,२२॥३१,४५,७५,७६८०,८३ से मिण (मन्) मण्णामि प १११ मण्णे १२१५; ८५,८८,६०,६६,१००।२३।१०,१२,७६, ३९८ १६६,२००,२४१३,८,१०,१२,२५।४,५, मति (मति) प १३।१० ज ३११ २६॥३,४,६,८,१०,२७।२,३,२८१२,४६ से मतिअण्णाण (मत्यज्ञान) प ५१५,७,१०,१२,१४, ५१.६७ से ६६,७१,१०३,११६ से १२१, १६,१८,२०,५६,६३,२६४२,६,६,१२,१७,१६ १२४,१२८,१३०,१३६ से १३८,१४१ से से २१ १४३,२६।२२,३०।१४,२४,३११४,३२१४; मतिअण्णाणपरिणाम (मत्यज्ञानपरिणाम) १३.१० ३३११,१३,२१,२६,३३,३६,३४१६;३५१४, मतिअण्णाणि (मत्यज्ञानिन्) प ३.१०३:५१८०,६६, २१,३६७,१०,११,१३ से १५,१७,२६,३०, ११७:१३३१४,१६,१७:१८८३ ३१,३३,३४,५८,७२,८०,८१ ज ४।१०२, मतिणाण (मतिज्ञान) प २६६ ७.२० से २५,७६,८२ सू २१३ मत्त (मत्त) ज २।१२ मणूसखेत्त (मनुप्यक्षेत्र) प २११६२,६३ मत्त (अमत्र) म् २०१४ उ १६३,१०५,१०६ मणूसत्त (मनुष्यत्व) प १५।१८,१०४,११०,११५, मत्तंग (मत्ताङ्ग) ज २।१३ १२६,१३०,३६।२२,२६३०,३१,३३,३४ मत्तजला (मत्तजला) ज ४।२०२ मणूसाउय (मनुष्पायुष्क) प २३७६ मत्तियावई (मत्तिकावती) प १६३।४ मणसी (मनुष्यणी) २७१५८,१५६,१६१ ले मत्थगसूल (मस्तकशूल) ज २०४३ । १६४,१८१४,१०,२०११३:२३।१६६,२०१ मत्थय (पस्तक) ज ३१५,६,८,१२,१६,२६,३६, मणोगम (मनोगम) ज ७१७८ ४७,५३,५६,६२,६४,७०,७७,८१,६२,८४, मणोगय (मनोगत) ज ३।२६,३६,४७,५६,१२२, ८८,६०,१००,११४,१२६,१३३,१३८,१४२, १२३,१३३,१४५,१८८५२२ उ १।१५,५१, १४५,१५१,१५७,१६५,१८१,१८७,१८६, ५४,६५,७६,७६,६६,१०५:३३२६,४८,५०, २०५,२०६,२०६,२१८,५१५,२१,४६,५८ ५५,६८,१०६,११८,१३१,५१३६,३७ उ ११३६,४५,५.५,५८,८०,८३,६६.१०७, मणोगुलिया (मनोगुलिका) ज ४१२६ १०८,११६,११८,१२२,३११०६,१३८,४११५; मणोज्ज (मनोज्ञ) प ११३८.१ ज २०१० ५.१७ Page #300 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मदणसागा महंत मदणस लागा ( मदनशलाका ) प १७६ मदणसाला ( मदनशाला ) उ५१५५ मध्य (दे० ) प १३७४ मद्दव (मार्दव) ज २११६.७१ म (फ) ज २।१३७ मधु (मधु ) प १७११४ ज २०१०६,११० मधुर (मधुर) ज ३१८६.२०४ / मन्न ( मन्) मन्ने ज ३।१०५ मम्म ( मर्मत् ) उ १६६ मम्मण (मम्मन) उ ३१६ मय (पद) चं १|१ मच्चि (मृतकृत्य) व १८६२ मर्याणिज्ज ( मदनी ) प १७ १३४ ज २२१८ मपूर (मयूर ) प १०३ २११५ ३ ५।५५ मरमय (मरत) १।२०१३ ज ३११०६ मरण ( मरण) प १|१|१ २२६४; २१६४१६,२२; ३६१०१,३६२३२२४१ २७०८० ८१, १०६,१०४, ३१२२५ २०१६ उ ३।११२, १५६, ४१६ मरी ( मरीचि ) ज ११३७ मरोइया ( मरीचिका) ज ५३२ मरुदेव ( मरुदेव) ज २२५६.६२ देवा (मरुदेव) ज २०६३ मरुय (मरुक ) प ११८ मरु (बक ) प ११४४३ मरुआ मरुयरायवसभरुप्प ( मरुद राजवृषभ कल्प ) ३११६,६३,१५० मध्याड (बकपुट) ज ४।१०७ मलय मलय ) प ११८६,११६३२ ज ११२६/३/२. २११,५१५५ उ १११०,२६.६६,५१११ मलयगिरि ( मलगिरि) ज ३१२४ मलिन ( मलिन ) ज २११३३ भलिय (मुदित) ज ३१२२१ ११३५३२५० ११०,११३:४०२० मल्ल ( २०३०,३१,४१.४२ २११२०८ १०१३ ३१६,११,१२,२१,३४५५५,५७ उ १।३५ ३।५०,११० मल्ल (मल्ल) ज २३२३१७८,८५,८८, १८०, २०६, २११,२२१; ५।२२,२६ मल्लइ ( मल्लवि) उ १११२७ से १३०,१३२ महलदाम (मास्यदामन् ) प २०३०,३१,४१ ज ३४७.१.१२.१८,२८,३०,३५,४१,४१,५८, ६६,७४,७७, ७८,८८, १३, ११७,११६, १४७, १६०,१७०, १००, २१२,२१३,२२२ महल (वासा) ( माल्यवर्षा) ज ५५७ महिल (मल्ल) ज ३१०२ मल्लिया (मा) १३५१२२१० ३११२,८६,१७८५५,२८७११७८ लाड (ल्लिकापुर) ज ४१०७ भविज्जमान (साप्यमान ) प ११४८५६ मजमाण (माध्यमान) १४८६ मसग ( मशक ) प १।५१।१ ज २।४० उ ३।१२८ मार (दे० ) प १४२०१३ ज ३।१०९:५५ मसि (मसि, गपि) ज २०२३ मसूर (मसूर) प १४५११, ११७६ १५०३,२१: २११२३,८० ज २।३७ मह ( महत् ) प २/३०,३१,४१,४६,६२,२३/१९३; २६११।१२, १४,२७,४०,४२,४३ २१३१, ३।२४,१११,१२३, १९४,१६७ : ४३, ६,१,१२,१३,२४,२५,३१,२३,३१ से ४१,४७, ४९,५६,६६ से ६८,७०,७४,७५,७६,८८,१२, १५६.२१६,२१,२२१.२३५, २४३,२५० ५।५, ७, ३५ से ३८,५४,६७, ७५० मह (थ) पहिति ज ५१६ महेइ उ ३।५१ महाआस ( महादव) ज ३।१७६ महइ (महती ) प २२७ ज १३१० २।११४, ११५; ५।४३ महामहालय (महती ११२०६४।१४ महंत (तु) प २३१३३ व १४६, २६:३२ उ १।१०,२९६९: ५।११ Page #301 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०१४ महंततर-महाणई ५।२२,२६,५६,५७,५८,७२,७३,७५५,५८, १७८,१८४ सू १६२३,२६ उ १।१०,२३, २६,६०,६२,६५,६८,६६,७२,८५,८७,६१ से ६३,१३८,१३६,५८,११,१६,२०,२७ महरिह (महाह) ज ३१६८१,११७,२०७,२०८, २२२:५१५४ महव्यय (महाव्रत) ज २०७२ महा (मधा) ज ७११४७,१५०,१६२,१६३ स् १०११ से ४,६,१४,२३,६६,७०,७५,८३.१२०,१३१ महंततर (महत्तर) ज ४१८०,१०२ महग्गय (महाग्रह) ज ७।११३ महगह (महाग्रह) ज ७१,१०४,१७० सू १०१३० ,१६५,८; १११३,१५।३,१६, २११४,७,१६।२२१६.१३; २०१८ उ ३१२५, ८४ से ८६ महम्गहत्त (महाग्रहत्व) उ ३८३ महग्ध (महार्घ) ज ३१८५,२०७,२०८,२२२; १५४ सू २०१७ उ १११६,४२, ३१२६,१४१:४।१२ महज्जुइ (महाद्युति) ज ११२४,३१:३।११५,१२४, १२५,२२६; ४।१६५,५११८ महज्जुइय (महाद्युतिक) ५२१४६ महज्जुतीय (महाद्युतिक) प १३०,४१,३६८१ महड्ढिय (महद्धि क) ५ २१४६ महड्ढीय (महद्धिक) ज ४।१७७ महण (मथन) ज ३१२२१ महत (महत्) सू १८।२३ महति (महती) ज ३१३१ महतिमहालय (महतीमहत ) प २०६३ महत्तरग (महत्तरक) उ १११६ महत्तरगत्त (महत्तरकत्व) प २।३०,३१,४१,४६ ज ३।१८५,२०६,२२१,५।१६ उ ५:१० महत्तरिया (महत्तरिका) ज ४।१८५।१ से ३,५ से १०,१२ से १७ उ ३६०, ४१५ महत्थ (महार्थ) ज ३२२०७,२०८:५१५४,५५ महदंडय (महादण्डक) प ३।११२ महद्दह (महाद्रह) ज ५५५, ६१७ महत्पत्थाण (महाप्रस्थान) उ ३१५५ महप्प (महात्मन्) ज ३।७७,१०६ महाबल (महाबल) प २।३०,३१, ३६८१ उ ५१२५ महया (महत् ) ज १।२६,४५,२।१२,६५,३१२,१२, २२,३६,७८,८२,८८,८६,६३,६६,१०२,१०६, १५५,१५६,१८०,१८५,१८७,२१२,२१३, २१४,२१८,४।२३,३८,६५,७३,६०,६१,१७७; महाओहस्सर (महौघस्वर) ज १५१ महाकदिय (महा क्रन्दित) प २।४१,४२,४७११ महाकण्ह (महाकृष्ण) उ ११७ महाकच्छ (महाकच्छ) ज ४११८२ से १८५ महाकच्छकूड (महाकच्छकट) ज ४।१८६ महाकम्मतराग (महाकमतरक) प १७१४,१६ महाकाय (महाकाय) प २।४१,४५,४५२ महाकाल (महाकाल) प २१२७,४४,४५,४५११, २१४६,४७ ज ३११६७४१,८,१७८ सु २०१८, २०८१५ उ १७ महाघोस (महाघोष) प १४०१७ ज ५१४८,४६ महाचाव (महाचाप) ३१२४१४,३७१२,४५१२, १३११४ महाजस (महायशस्) स १७११, २०११,२ महाजाई (महाजाति) प ११३८।३ ज २।१० महाजुतिय (महाद्युतिक) प १७१:२०११,२ महाजुतीय (महाद्युतिक) ५ २१३४ महाजुद्ध (महागुद्ध) ज २१४२ महाणई (महानदी) ज १५१६,१८,२०,४८,२।१३३; १३४,३११,१४,१५,१८,५१,५२,७६.७८,८१, ६७ से १०१,१११,११३,१२८,१४६ से १५१, १६१,१६४,१७०,४।२३,२४,२५,३५,३६,३८ से ४०,४२,५७,६५ से ६७,७१,७३,७४,७७, ७८,८४,६० से ६२,६४,९५,११०,१४१,१४३, १६७,१६६,१७४,१७७,१७८,१८१,१८३ से १८५,१८७,१८६,१६०,२००,२०१,२०२, Page #302 -------------------------------------------------------------------------- ________________ महाणक्खत्त-महावीर २०६,२०८,२१२,२१५.२३२,२६२,५१५५; महाभीम (महाभीम) प २१४५,२।४१ ६।१ से २२ उ ११६७,३१५१,५६,५८ महामंडलिय (महामण्डलिक) प१७४ महाणखत्त (महानक्षत्र) सू १०२५,४३,१०८ महामति (महामन्त्रिम्) ज ३१९,७७,२२२ महाणदी (महानदी) ज ४।१६५,२६८ महामहिम (महामहिमन्) ज २१११७,११८, महाणिरय (महानिरय) प २।२७ ३।१२,१३,१४,२८,३०,४१,४२,४६ से ५१, महाणिहि (महानिधि) ज ३।१७८,१८३,२२०, ५८ से ६०,६६ से ६८,७४ से ७६ १३६,१३६, २२१ १४७ से १५१,१६८,१६६,१७०,५७४ महाणुभाग (गहानुभाग) प १३०,३१,४१,४६, महामेह (महामेघ) ज २।१०,१४१,१४२,१४५, ३६.८१ ज १।२४,३१,३१११५,१२४,१२५, ३।६,१७,२१,३१,३४,३५,१७७,२२२ उ ३३४६ २२६, ४१६०।५।१८ सू १७११, २०११,२ महायस (महायशस्) प २१३०,३१,४१.४६; महाणुभाव (महानुभाव) सू १७१:२०६१,२ ३६८१ ज ११२४,३१,३१११५,१२४,१२५, महातव (महातपस्) ज ११५ २२६,५१८ महादंडय (महादण्डक) प ३.१८३ महारह (महारथ) ज ३१३५ महाद्दुम (महाद्रुम) ज ५।५१ महाराय (महाराज) ३१२०७,२०८,२२५ उ ३१५१, महाधणु (महाधनुष) उ ५१२।१ महानिहि (महानिधि) ज ३३१६७११,१० महारायवास (महाराजवास) ज २१६४ महानील (महानील) प २।३१ से ३३ महारुधिरपडण (हारुधिरपतन) ज २२४२ महापउम (लहापा ) ज ३।१६७।१,६,१७८ महारोरुय (महारोरुक) प २७ उ २१२,२० महालय (महत, महालय) प २१२७,६३ महापउमद्दह (महापद्मद्रह) ज ४।६४,६५,७३,८६ ज।११४,११५:५१४३ महापउमा (महापद्मा) उ २६१६,२० महावच्छ (महावत्स) ज ४२०२११,२०३ महापम्ह (महापक्षा) ४।२१२,२१२।१ महावप्प (महावप्र) ज ४।२१२,२१२।३ महापह (महापथ) ज ३११८५ २१२,२१३; ५७२, महाविजय (महाविजय) ज २०१७ ७३ उ १६८ महावित्त (महावृत्त) ज ५।५८ महापाताल (महापातान) प २१६१ महाविदेह (कहाविदेह) प १७४,८८,२१७ महापुंडरीय (महापुण्डरीक) ज ४१२६८ ज ४८६,९८ से १०३,१०८,१६२,१६७, महापुंडरीयहत्वगय (हस्तगतमहापुंडरीक) ज ३११० १६६,१७२ से १७४,१७८.१८१,१८२,१८४, महापुरा (महापुरा) ज ४।२१२।२ १८५,१८७,१८८,१६०,१६१,१६३,१६४, महापुरिस (महापुरुप) परा४५,२१४५२ १६६,१६७,१६६,२०० से २०३,२०५,२०६, महापुरिसपडण (महापुरुषपतन) ज २१४२ २१३,२६२, ६१६,१४,२२ उ ११४१,१४७, महापोंडरीय (महापौण्डरीक) प ११४६ ज ४१३,२५ २११३,२२,३।१८,२१,८६,१५२.१६५,१६६; महाफल (महाफल) उ ११७ ४।२६,२८,५४३ महाबल (महाबल) प २६३१,४१,४६ ज ११२४, महाविमाण (महाविमान) प २०६४ ३१,३७७,१०६,११५,१२४,१२५,१२६, महावीर (महावीर) प१:१११ : १५,६,७१२१४ २२६५।१८ सु१७११,२०११.२ उ २६ चं १० सू ११५ १६२४८,१६,१७,१६ ५।१३,२५ से २६,१४२,१४३,२११ से ३,१० से १२,१४, Page #303 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०१६ ईमहावेदणतराग-महेसर १५,२१,३११ से ३,७,८,१२,१९.२०,२२, महिंदज्झय (महेन्द्रध्वज) ज ४११२८,१३३,१३६; २३.२६,८७,८८,६१,६३,१५३,१५४,१६६, ५।४३,४४,४६,५०,५२,५३ उ ३।७ १६७,१७०४१ से ३,२७,५११ से ३,४४ महिड्ढीय (महद्धिक) परा३०,३४.३५ से ३७, महावेदणतराग (महावेदनतरक) प १७६,२७ ३६,४१,४६,४६,५०,५८ महासंगाम (महासंग्राम) ज २।४२ महित्ता (मथित्वा) ज ५:१६ महासत्थपडण (महाशस्त्रपतन) ज २१४२ महित्य (दे०) प ११३७६४ महासमुह (महासमुद्र) ज ३२२,३६,७८,६३,६६, महिमा (महिमन) ५ २१६१,६०,११६,५३,७,२२, १०६,१६३,१८० ४६,७४ ज २।३१,६०,११६,५३,७,२२,४६, महासरीर (महाशरीर) प १७.२,२५ महासुक्क (महाशुक्र) प २१४६,५६,५७, ३१३५, महिय (महित) प २३०,३१,४१ ज ११३७,३७, १८३ ; ४।२४६ से २५१,६।३३,५६, ७।१४; । १०८ से १११ २११७०; २८।८१, ३३।१६३४११६,१८ महिय (मथित) उ ११२२,१४० उ २।२२ मह्यिा (महिका) प ११२३ महासुक्कग (महाशुक्रज) ज ५।४६ महिला (महिला) ज ११५,६४; ३११३८,१६७४ महासुक्कवडेंसय (महाशुक्रावतंसक) प २१५६ महिलिया (महिलिका) ज३।१२६।३ महासुमिण (महास्वप्न) उ१४० ४३ महिवड (महीपति) ज ३।११७ महासेणकण्ह (महासेनकृष्ण) उ ११७ महिस (हिष) प ११६४; २।४६,१११२१ महासेत (महाश्वेत) प २१४७१३ ज ३।२४,१०३ महासोक्ख (महासौख्य) प १३०,३१,४१,४६; महिती (महिषी) प १०२३ ज २।३४,७।१६८१२ ३६८१ ज १।२४.३१, ३।११५,१२४,१२५, महु (मधु) ज ७।१७८ उ १३४,४६,७४; ३।५१ २२६; ५११८ सू १७।१,२०११ महु (मधुः) प ११४८३ महाहिमवंत (महाहिमवत् ) प १६३३० ज ४१५४, महुयरी (मधुकरी) ज २०१२ १५,६१ से ६३,७६ से ८१,२६८ महुर (मधुर) प ११४ से ६ ५,७,२०५; महिड्ढिय (महद्धिक) परा३१,३७,३६.४२,४३, १११५८,१३१२८२३६४६,१०८, २८।२६, ४८,५०,५२; १७८४ से ८७,८६, ३६१८१ ३२,६६ ज २।१२,१५.६५,१४५,४।३,२५; ज ११२४,३१,४५,४७,५१,३१११५,१२४, ५२८,७१७८१४१,४४,३१६८ १२५,२२६; ४१२२,३४,५१,५४,६०,६१,६४, महुरतण (धुरतृण) प ११४२।२ ८०,८४,८५,६७,१०२,१०७,११३,१५६, महुरयर (मधुरतर) ज ५१२२ से २४ १६१,१६५,१६६,१७७,१८०,१८४,१८६, महुररस (मधुर रस) प ११४८१४ १९६,१६८,२०३,२११,२६१,२६४,२६६, महुरा (मथुरा) प ११६३५ २७२,५१८,७१८१,२१३ सू १७।१; मसिंगी (मधुशृङ्गी) प १४८३ १८।१६,२०११,२ महुस्सर (मधुस्वर) प ५१५२ महिंद (महेन्द्र) ज १२६,३१२ उ ११०,२६,६६; महेत्ता (मथित्वा) उ ३१५१ महेसर (महेश्वर) प २।४७।२ Page #304 -------------------------------------------------------------------------- ________________ महोरग-मायणि १०१७ महोरग (पहोरग) प ११६८,७५,१३२, २१४५ ज ३३११५.१२४,१२५ माणकसाई (मानकपायिन्) प ३१६८:२८।१३३ महोरगच्छाया (महोरगच्छाया) घ १६१४७ माणकलाय (मानकपाय) प १४।१ मा (मा) उ ११४१३।१०३,११२ ; ४।११ भाणकतायपरिणाम (मानकषायपरिणाम) प १३१५ माइ (मात) उ ११४८, २२,४१२८; ५।४३ माणसायि (पानकपायिन्) प ३९८ माइमिच्छद्दिदिठ (मायिथ्यावृष्टि) ११५१४६; माणणिस्तिया (माननिश्रिता) ११११३४ १७२२; ३४६१२; ३५।२३ मामूरण (मानभजन') ज ५१५८ माइमिच्छहिटिउवद गहरा भाणवग (माणवक) ज २०१२०,३११६७११,६, (मायिमिथ्यादष्ट्युपपन्नक) प १७.२७,२६ ३३१७८,४।१३५ सू २०१८ माइमिच्छद्दिट्ठीउववष्णग माणवय (मानवक) ज ४११३३७१८५ (मागिमिथ्यादृष्ट युपपन्नक) प १७१२७ सू १८१२३, २०१८४ माइय (मात्रिक) ज २११५ माणस (मानस) ३५.११२,३५१६,७ ज ५१२६ माईवाह (मातवाह) प ११४६ माणसंजलणा (भानसंज्वलना) प २३१७० माउय (मातक) ज ५६ से १२,१७,४६,७२,७३ मागसपणा (भानसंज्ञा) प८१,२ माउलिंग (पातुनिङ्ग) प ११३६११ माण सभुग्धाय (भान समुद्घात) प ३६४४२,४६, ४८ से ५२ मालिगाराम (मातुलिगाराम) उ ३४८,५५ माणि (मानिन्) ज ४११७२।१ सू २०१२ माउलिंगी (मातुलिङ्गी) प ११३७१ माउलुंग (मालुलिङ्ग) ५१६१५५१७।१३२ माणिक्क (माणिक्य) ज ३।१०६ माणिभद्द (माणिभद्र) प २।४५,२१४५१ ज ११३; मागह (मागध) ज ५१५५;६।१२ से १४ ७।२१४ चं ७,६ सू ११२,४ उ ३।२।१,३।१६६ मागहकुमार (मागधकुमार) ज ३।१६१ माणिभड्कड (माणिभद्र कूट) ज १२३४,४६ मागहतित्य (मागधतीर्थ ) ज ३११४,१५,१८,२२, माणस (मानुष) प २०६४।१४ ज २।१५,६७, २६:५५५ ३१६२,११६,४११७७ सू १९२२।२२०१२ मागहतित्थकुमार (गवतीर्थकुमार) ३।२०, माणुसमेत मानुषक्षेत्र) - १६।२१।१,२,१६०२६ २६,२७,२८.३० मागहतित्थाधिपति (मारघतीर्थाधिपति) १२५. माणुग (मानुष) १९२२५२७,२६ SAVध (मानुपलोकः) सु १६२११६,२०१२ मागहतित्याहिवाई (मागधतीर्थाधिपति) ३१२६ माघी (माघी) ज ७१४० मासुत्तर (बानुषोत्तर) अ ७।५५,५८ सु १६३१६ माडंबिय (माउम्बिक) प १६४१ ज २२५,३६, ___मास्लग (मनुष्य) उ ३।१३७ १०,७७,८६,१७८,१८६,१२८,२०६,२१०, माणुसब (मनुष्य) ज ३८२,१८७,२१८, २२१:४११७७ २८ २०१७ उ १।११,३४,५२२५ २१६,२१६,२२१,२२२१६२३१११, माता (जात्रा) प १६४ १०१,५११० माढरी (नाठरी) प ११४८।४ माय (मा) माजा परा६४।१६ माढी (माठी) ज ३।३१ भायंजन (पाताञ्जन ज ४।२०२ माण (मान) प ११४३४११:१४१४,६,८,१०१४; मायापायिन) १३१६८,१८१६५ मायण (भादनि) उपा२१ २२।२०,२३१६,३५,१८४ ज २११६,६६,१३३; ३१६५,१३८,१५६,१६७१३,२२१ सू१२।१७।१ १.० ४।१०६ Page #305 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०१८ माया-माह माया (माया) प ११३४।१।१४।४,६,१० से १४:२२।१०२३।६,३५,१८४ ज २१६,६६, १३३ ३ ३।३४ माया (मात) जरा२७,६९५५,७ से १०,१२, १४,१७,४६.६७ उ १।१४८ माया (मात्रा) ज ४१३६,४३,७२,७८,६५,१०३, १४३,१७८,२००,२१३ मायाकसाइ (मायाकपायिन्) ५ २८१३३ मायाकसाय (मायाकपाय) १४११ मायाकसायपरिणाम (मायाकपायपरिणाम) १३१५ मायानिस्सिया (मायानिश्रिता) ११३४ मायामोस (मायामषा) प २२१२०,८० मायामोसविरय (मायामपाविरत) प २२१८५,६६ मायावत्तिया (मायाप्रत्यया) प १७।११,२२,२३, २५, २२२६०,६३,६८,७१,६३,६६,१०१ मायासंजलण (मायासंज्वलन) प २३७१ मायासण्णा (मायासंज्ञा) प ८।१,२ मायासमुग्घात (मायासमुद्घात) प ३६।४६ मायासमुग्घाय (मायासमुद्घात) ५ ३६१४२,४८ से ५१ मारणंसियसमुग्घाय (मारणःन्तिकममुद्घात) प १५१४३; २११८४ से ६३३६१,४,७,२७, २६,३५ से ४१.४६,५३ से ५८,६६ मार (मार) ज ५१३२ मार (मारय) मारिस्सइ उ १८६ मारिबहुल (मारिबहुल) ज ११८ मारुय (मारुत) ज ५१५ मारेउकाम (मारयितुकाम) उ १०३ माल (मालक) ५११३७।५ नीम माल (माला) प २१५० ज ५१८ मालक (मालव) प १८६ मालवंत (माल्यवत) ज ४/१०८,१४२१३,१४३, १६२११,१६३ से १६७,१६६,१७२ से १७४, २०३,२०७,२०६,२१०,२१५,२६२ मालवंतकड (माल्यवत्कट) ज ४११६३ मालवंतद्दह (माल्यवद्रह) ज ४२६२ मालवंतपरियाय (माल्यवतपर्याय) प १६।३० ज ४।२७२ माला (माला) प २।३०,३१,४१,४६ ज ३१६,२०, ३३,४७,५४,६३,७१,८४,११३,१३७,१४३, १६७,१८२,१८६,२०४,२२२ मालागार (मालाकार) ज ५१७ मालि (मा लिन ) प ११७१ सांग विशेष मालिया (मालिका) ज ७१७८ मालुय (मालुक) प ११३५.१ मालुया (मालुका) प ११४०।५,११५० मास (मास) घ ४११०१,१०३, ६१५,१३ से १६, ३५,३६,४४:१८१२३ ; २३१६६,७०,१६५, १८४ ज २१४,६४,६६,८३,८८,३।११६; ७११४१२,११५,१२६,१२७,१३६३१,१५६ से १६७ च ५।३ सू १३६६.१ ८.१; १०१६३ से ७४,१२४,१२।३ से ६,१० से १२,१५; १३१३,१४,१७,१५.१४ से २८, २०१३ उ १६३६,४०,४३,५३,७४,७८,३१४० मास (माष) प ११४५१ ज २१३७, ३।११६ उ ३१३६.४० मासखमण (मासक्षपण) उ२।१०।३।१४,८३; ४।२४५।२८,३६,४३ मासचुण्ण (माषचूर्ण) प १११७६ मासद्ध (मासा) उ २११०३.१४ ८३,४।२४; ५।२८,३६,४३ मासपण्णी (मापपर्णी) प ११४८१५ मासपुरी (मासपुरी) प १६६३।५ मासल (मांराल) प १७।१३४ माससिंगा (मास 'सिंगा') प ११७८ उडद की फली मासवल्ली (मापवल्ली) प १४०१४ मासिय (मासिक) ज ३१२२५ मासिया (मासिकी) उ२।१२:३१५०,१६१,१६६ ५२८,४३ माह (गाघ) ज २।८८,७।१०४ सू १०।१२४ Page #306 -------------------------------------------------------------------------- ________________ माहण-मिसिमिसेत १०१६ माहण (माहन) उ ३।२८,२६,४५,४७,४८,५०, ६६,७२ से ७४,६४,६५,६७ से ६६.१०१ ५५,५८,६०,७५,७६.७६ मिच्छादसणसल्ल (मिलादर्शन शल्य) प २२।२०,२५ माहणकुल (माहनकुल) उ ३३१२५ मिच्छादसणसल्लविरय (मिध्यादर्शनशल्यविरत) माहणरिसी (मानषि) उ३१५१ से ५७,६२,८२ प २२।८६,८७,८६,६०,६७ से १६ माहणी (माहनी) उ ३।१२६ से १३१,१३४ से मिच्छादसणसल्लवेरमण (मिथ्यादर्शनशल्यविरमण) १४४,१४७,१४८ प २१०८१,८२ माहिद (माहेन्द्र ) प १११३५२१४६,५३,५४,६३; मिच्छादंसणि (मिथ्यादर्शनिन ) प २२१६५ ३।३२,१८३,४१२४० से २४२,६१३०,५६.६५, मिच्छादिट्ठि (निश्यादृष्टि) प २३:१६५ १५।८८२१८७०,२८७८,३४।१६,१: मिज्जमाण (मीयभान) सू १२।२ ज ५१४६७१२२।१ सू १०1८४१ उ २।२२ मित (मित) उ १४१,४४ माहिदग (माहेन्द्रक) ५ २१५३; ७१११,३३।१६ मित्त (मित्र) ज २।२६,३१८७,७।१२२२१, माहिंदवडेंसय (माहेन्द्रावतंसक) प २०५३ १३०.१८६.४ सू १०१८४१ उ ३१३८,५०, माही (माघी) ज ७.१३७,१४६,१५३,१५४ ११०,१११:४।१६,१८ सू १०७.१४,२३,२५,२६ मित्तदेवया (मित्रदेवत।) सू १०३ माहेसरी (माहेश्वरी) प १६८ मिय (मृग) प ११६४१११४ ज २।३५ उ ५१५ मिउ (मृदु) ज २११६,३।११७७।१७८ मिय (मित) ज २०१५ मिजा (मज्जा) प ११४८१४५,४६ मियंक (मृगाङ्क) म २०१४ भिग (मृग) प २१४६ सू १०।१२० मियगंध (मृगगन्ध) ज २१५०,१६४,४११०६,२०५ मिगसिरा (मृगशिरा) ज ७।१३६,१६०,१६१ मियलुद्ध (मृगलुब्ध) उ ३१५० सू १०१२ से ५.१२,२३,३८ मियवालंकी (मृगवालुकी) पश४८।४; १७:१३० मिगसीसावलि (मृगशीर्षावलि) ज ७१३३११ पियवालुंकीफल (मृगवालुकीफल) प १७।१३० मिच्छत्त (मिथ्यात्व) प २३१३ उ ३।४७ मिरिय (परिच) प १७।१३१ मिच्छत्तवेदणिज्ज (मिथ्यात्ववेदनीय) प २३११६८, मिरियचुण्ण (मरिचचूर्ण) प १११७६; १७।१३१ १८२ मियसिर (मृगशीर्ष) ज ७।१२८ मिच्छतवेयणिज्ज (मिथ्यात्ववेदनीय) १२३११७. मिरीइ (रीचि) ज ३१११७ ३३,६६,१३८,१५७,१६१,१६६ मिरीचि (मरीचि) सू २११ मिच्छत्ताभिगमि (मिथ्यात्वाभिगमन ) प३४११४ मिरीया (मरीचि) सू २१ मिच्छद्दिछि (मिथ्यादृष्टि) प १७४,८४; मिलक्ख (म्लेच्छ) प १८८,८१ ज ३१७७,१०६ ३११००,१८३ : ६।६७,१३।१४,१६,१७; मिलाइता (भिलित्वा) ज ५।६४ १७।११,२३,२५; १८७७; १९१से ५ मिलाय (मिलय) भिलाइ उ १११२५ मिलायंति २१४७२२३।१६६,२००,२८।१२६ ज ३१११ मिच्छादसणपरिणाम (मिथादर्शनपरिणाम) मिलायित्ता (मिलित्वा) ज ३११११ १३.११ मिलिय (मिलित) ५१६१५२२१८४ मिच्छादसणवत्तिया (मिथ्यादर्शन प्रत्यया) मिसिसित (दे०) ज ३११०६,५१२१ ५ १७११,२२,२३,२५, २२१६०,६५,६६, मिसिमिसेंत (दे०) ज ३१६,२४,२२२:५।२८ Page #307 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०२० मिसिमिसेमाण-मुद्दा मिसिमिसेमाण (दे०) ज ३१२६,३६,४७,१०७, १०६,१३३ उ ११२२,५७,८२,११५,१४० मिस्स (मिथ) प १४४७१२ मिस्सकेसी (मिश्रकेशी) ज ५१११११ मिस्तार (मिथाकूर) सू १०२० मिहिला (मिथिला) पश६३१३ ज ११२,३; ७२१४ च ६ से ८ सू १।१ से ३ उ ३११७१ मिहुण (मिथुन) ज २११२; ४१३,२५ उ ५१५ मीसग (मिथक) ५ ३२१६१ मौसजोणि (मिथयोनि) प ६१६ मौसजोणिय (मिश्रोनिक) प ६।१६ मोसय (मिश्रक) ज २१६५,६६ मीसाहार (मिश्राहार) प २८।१.२ मीसिय (मिश्रित) प ६३१३ से १७ मुइंग (मृदंग) प २१३०,३१,४१,४६,३३।२४ ज ११४५;३.१२,२८,४१,४६,५८,६६,७४, ७८,८२,१४७,१६८,१८०,१८५,१८७,२०६, २१२,२१३,२१८,५१,५,१६, ७५५,५८, १८४ सू१८।२३,१६१२३,२६ मुइंगपुक्खर (मृदंगपुष्कर) ज २६१२७ मुंच (मुच्) कोच्छिहिति ज २११३१ मुंजपाउयार (मुजपादुककार) प श६७ मुंड (मुण्ड) प २०११७,१८ ज २१६५,६७,८५,८७ उ ३३१३,१०६ से १०८,११२,११८,१३६, १३८,१३६,४।१४,१९:५३२ मुंडभाव (मुण्टभाव) उ२२४३ मुंडि (मुण्डिन् ) ज ३३१७८ मुक्क (मुक्त) प २१३०,३१,४१ ज २११०,१५; ३७,८८,४११६६५७ मुक्केलम (दे०) प १२१८ से १३.१६,२०,२१, २३,२४,२७,२८,३१ से ३३ मुक्केलय (दे०) प १२।७ से १०,१६,२०,२४,२७, २८,३६ मुगुंद (मुकुन्द) ३।३१ मुग्ग (मुद्ग) प ११४५३१ ज २१३७,३१११६ मुग्गचुण्ण (मुद्गचूर्ण) प ११७६ मुग्गपण्णी (मुद्गपर्णी) प १:४८५ मुग्गसिंगा (मुद्ग सिंगा') प १११७८ मूग की फली मुग्गसूव (मुद् गसूप) सू १०११२० मुच्च (मुच्) मुच्चइ प ३६.८८ मुच्चंति प६११० ज ११२२,५०,२१५८,१२३,१२८; ४११०१ उ ३११४२ मुच्चति प ३६।११ मुच्चिहिइ उ १११४१,३।४६:५१४३ मुच्चिहिति २।१५१ गुच्चेज्जा प २०१८ मुच्छिय (मूच्छित) ज ५१२६ उ ११४७,३।११४ ११५,११६ मुछि (मुष्टि) ज २११४१ से १४५,३।११५, ११६,१२२,१२४ मुठ्ठिय (मौष्टिम,मुप्टिक) ज २।३२; ५,५ मुणाल (मृणाल) प ११४६,११४८।४२,२०६४ ल ३११०६४३,२५ मुणालिया (मृणालिका) प २।३१ मुणेयव (ज्ञात य) प १३८१३,२१४०१६,११; १५६१४३ ज ४।१४२।३,७४१३४१४ सू१६२२१११,२२ मुत्त (मुक्त) २१८८,८६,३७६,११६,११७,२२५ १५,२१,४६ मुत्त (मूत्र) उ ३३१३०.१३१,१३४ मुत्तजाल (मुक्तजाल) ज ३३१७७ मुत्तमाण (मुद्रयत्) उ ३।१३०,१३१,१३४ मुता (मुक्ता) ज ४।२७ मुत्ताजाल (मुक्ताजाल) ज ३।३०,४७,२२२ सुतादास (मुक्तादामन्) ज ५१३८ मुत्तालय (मुक्तालय) प २१६४ मुत्तालि (मुक्तावनि) ज ३।२११,४१२३,३८, ६५,७३,६०,६१ मुत्ति (मुक्ति) प २१६४ ज २०७१ मुत्तियाजालय (मौक्तिकजालक) ज ३।१०६ मुत्तिसुह (मुक्तिमुख) प २१६४११५ मुत्तोली (दे०) ज ३११०६ मुद्दा (मुद्रा) प २१३१ Page #308 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मुद्दिया-मेंढमुह १०२१ मुद्दिया (मृद्वीका) प ११४०१४ ६५,९६,६८ से १००,१२२,१२६,१२७, मुद्दिया (मुद्रिका) ज ३१६,२११,२२२ १३४।१,२,३,१३५१ से ४ च ३३१४११:५।२ मुद्दियासारय (मृद वोरासारक) प १७१३४ सू१।७।१,११८।१,११६२,११०,१३,१४,१६ मुद्ध (मुर्धन् ) ज ५१२१,५८,६४,७२,७३,७१७८ से १८,२१,२२,२४,२७,२१३,३१२,४८,९; मुद्धत (मूर्द्धान्त) सु २०१२ ६।१८:१; ६।२;१०।२ से ५,८४,१३३,१३४, मुद्धय (दे०) प ११५८ १५२ से १६५,१११२ से६१२१२ से ६, मुद्धागय (मूर्द्धगत) ज ३९२,११६ १२,१३,१६ से २८,१३॥१.३,१४१३,७; १५२ मुम्मुर (मुर्मुर) प ११२६ से ४,८,६,११,१२,३७:१७.१ उ श२४,४७, मुम्मुरभूय (मुर्मुरभूत) ज २११३२,१४१ ९०,६२ मुय (मुच्) मु ति कु २०१२ मुहत्तगइ (मुहूर्त गति) चं ४।३ मुयंत (मुञ्चन्) ज २:१२ मुहत्तरंग (मुहूर्ताग्र) च ५११ सू १।६।११०१२; मुरव (मुरज) ज ३।१२,७८,१८०,२०६ १२॥२ से । मुरुंड (मुरुण्ड) प ११८६ मूल (मूल) प १३५,३६,११४८।१०,२०,३०,३४, मुरुंडी (मुरुण्डी) ज ३।१११२ ५१ ज १८,३५,५१,२१६३१२२२०,४७,१५, मुसल (मुसल) प २१३०,३१.४१ ज २१६,१४१, ४३,४५,७२,७८,६०,६५,११०,११४:१२०, १४५, ३१३,२०,३३.५४,६३,७१८४,११५, १४२११,१४६,१५६।१,१७४,२१३,२४२; ११६,१२२,१२४,१३७,१४३,१६७,१८२; ५६७,७१३६,३८,६२४११,१२८,१२६, ७.१७८ १३२।४,१३६,१४०,१४६,१५२,१६६,१६७, मुसावाय (मृषावाद) प २२।१२,१३,८० १७५ सू१०।२ से ६,१८,२३,५२,६२,७३ से मुसावायविरय (मषावादविरत) प २२१८५ ७५,८३,११७,१२०,१३१ से १३३,१२।२७; मुसंढी (दे०) प ११४८।१२।३०,३१,४१ १८१७ 3 ३१५०,५१,५३ मुह (मुख) ज २०७१,१३३,३।१०५,१०६, यूलग (मूलक) प ११४४।२,११४५१२ ज ३१११६ १६७१११४१२३,३६,३८,३६,४३,६५,६६, मूलांग (मूलाग्र) प ११४८१६३ ७२,७३,७८,६०,६१,६५,१८३.२६२७।१७८ मूलपासायव.सय (मुरुप्रासादावतंसक) ज ४।१२० उ ३१५५,५६,६३,६४,६७,६८,७०,७१,७३, भूलय (मूलक) प १।४८।२ ७४,७६, ४।२१ मूलाग (मूलक) उ १९६२ मुहफुल्लय (मुखफुल्लक) ज ७१३३१२ मूलाषण्ण (मूतकपर्ण) १०११२० मुहफुल्लसंठिय (मुख'फुल्ल'स स्थित) सू१०४७ मूलाबीय (मुलना वीज) ज २१३७ मुहभंडग (मुखभाण्डम.) ज ३११७८ मूलाहार (मूलाहार) उ ३५० मुहमंगलिय (मुखमाङ्गलिक) ज २१६४;३३१८५ मुसग (मुषक) प ११७८ मुहमंडव (मुखमण्डप) ज ४.१२२ मूसा (भूषक) प १७६ मुहुत्त (मुहूर्त) ६१ से ४,६ से १०,१७,१८,२२ मेइणी (मेदिनी) ज २११५ से ३०,४५७१३,६ से ६२३१६३,१२७,१३१, मेइणीय (मेदिनीक) ज ३११८,३१,१८० १८८ ज २१४१२,३,२१६६,१३४,३३३२१२, मेंढक (मेंढक) सू १०।१२० मेढानिंगी लता २०६७।२० से ३०,३६ से ३८,७६ से ८२, मेंढमुह (मेंढमुख) प ११८६ Page #309 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०२२ मेघ (मेघ) ज ३।२२४ मेघमालिनी (मेघमालिनी) ज ४१२३८ मेघस्सर ( मेघस्वर ) ज ५१५२ मेच्छ ( म्लेच्छ ) प २२६४।१७ मेच्छजाइ ( म्लेच्छजाति) ज ३१५१ मेढी (मेढी) उ ३।११ मेढीभूय (मेढीभूत) उ ३।११ मेत्त (मात्र ) प ११४८१६०, १३७४८४ १२११२, २४,३८,१५११०,२३, २११८४,८६,८७,६० से ६३;३३|१३,३६१४६,६६,७०,७४ ज २।१३४ उ ३८३,१२०,१२१, १२७,१२८, १६१; ४१२४; ५१२३ मेद ( मेदस् ) प २।२० से २७ मेधावि (मेधाविन् ) ५१५ मेय (मेद) १८६ मेरग (मँरेय) उ ११३४,४६,७४ मेर (मैरे ) प १७ १३४ मेरा ( मर्यादा) ज ३२६,३६,४७,७६,१३२,१३३, १३८,१५१,१८८ सू २०१६१४ मेराग ( मर्यादाक) ज ३११२८, १५१,१७०, १८५, २०६,२२१५।१० मेरु (मेरु ) ज ४ १२६०११ ७ ३२२१७१५५ ५ १; ७११६२२११०, ११,१६१२३ मेरुतालवण ( मेरुतालवन) जराह मेलिसिद (दे०) १७० मेसर (दे० ) प ११७९ मेह (मेघ) ज २११३१; ३७, ६३, १०६, १२५, १४७, १६३, ५/२२ से २४ उ २।११ मेहंकरा (मेकरा ) ज ४१२३७; ५।६।१ मेहकुमार ( मेघकुमार ) उ२११११, ११२ मेहमालिणी (मेघमालिनी) ज ५२६११ मेहमुह ( मेघमुख ) र १८६ ज ३।१११ से ११५ १२४ से १२६ मेहवई ( मेघवती ) ज ४१२३८; ५६ । १ मेहवण्ण ( मेघवर्ण ) उ५।२४, २६ मेघ-या मेहा (मेघा ) ज ३१३ मेहाणीय (मेघानीक) ज ३।११५, १२४, १२५ हावि (मंधाविन्) ज ३।१०६ २२१६, १७,८० हुण (मैथुन) मेहुणवतिय (नप्र) ज ७ १८५ १८।२३, २४:२०१६ मेहुणा (मैथुनसंज्ञा ) प ८११ से ५,७ से ६, ११ मोंढ] (दे०) १८६ 7 मोक्ख (मोक्ष) ज २४३१ मोगली (गोगली) एक जंगली पेड | १|४०|५ मोग्गर ( मुद्मर) ११३८ २९ २१४१ ज २।१० मोग्गलयण (मौद्गलान ) ज ७ । १३२ । १ TE सू १०३६२ मोति ( मौक्तिक ) ज ३१६७८ मोत्तिय ( मौक्तिक ) प ११४६ ज २०२४,६४,६६; ३३३५ मोद्दाल (दे० ) ज २८ मोयई (मोची) ११।३५।१ हिलमोचिका साग मोयग ( मोचक ) ज ५। २१ मोरगीवा ( मयूरग्रीवा ) प १७ १३४ मोसभाग (मृपाभाषक ) प ११६० मोसमण (मृपामनस् ) प १६११,७ मसणजोग (मृप:मनोयोग ) प ३६३८६ मोसवइजोग (मृषावाक्योग ) प ३६ ६० मोसा (मृपा) व ११ २ से १०२६ से २६,३२, ३४,४२,४३,४५,४६, ८२, ८४, ८५, ८७ से ८६ मोह (मोह ) प २३११९१ ज २।२३३ मोह (माहय् ) मोहति ज १ १३ मोहणिज्ज ( मोहनीय ) प २२२८२३११,१२, १७,३२,१२२; २४।१३,२६।१२; २७/६ मोहरिय (मौखरिक) ज ३११७८ य य (च ) प १।१० ज १३७ सू १७ उ ११७; ३१२१, ४२११५१२।१ या (च) उ३।२1१ Page #310 -------------------------------------------------------------------------- ________________ याण-रत्या १०२३ याण (ज्ञा) याणंति प १५।४६,४८,४६% रठ्ठ (राष्ट्र) उ ११६६,६४,६६ ३४.११.१२ याणति प २३११३ याणामो रट्ठकूड (राष्ट्र कूट) उ ३३१२८ से १३१.१३३, उ १।३६ १३६,१३८ से १४०,१४७,१४६ याव (यावत्) प ११२०,२३,२६,२६,३६.३७,३६ रणभूमि (रणभूमि) उ १११३५ से ४७,११४८७.१० से ३७,४१,४३,१४४८ से रतण (रत्न) ५२१४८ ५१,५६,६०.६० से६६,७०,७१,७५,७६,७८, रतणप्पभा (रत्नप्रभा) प २१४८,४६३३१८३; रतणम्पमा रत्नप्रभा) ६६.६७ ६।६११०१२,३ रतणबडेंसय (ग्लावतंसक) १२१५१ रतणामय (रत्नमक) २०४६ रई (रति) १४१ ज ५१२६ रति (रति) २३६३६,७६,१४४ रइकरग (रतिकर क) ज ५१४८,४६ रतिणाम (रतिनामन्) प २३१६४ रइकरगपन्वय (रनिकर कपर्वत) उ ५१४४ रतिपसत्त (रतिप्रसक्त) सू २०१७ रइत (रचित) ए ३६१६२ रत्त (रक्त) प २१३१,२१४०।१० ज ३७,२४,२५, रइत्त (रतिद) ज ३१३५ १८४,१८८७१७८ सू १३.१,२०१३,७ रइय (रचित) १ २।३०,३१,४१ ज ११३७,२१५, उ१९७२,७३,८७,८८,६२ ३१६,६,१८,२४,३५,६३,१०६,११७,१७८, रत्त (रात्र) ज २६.१,२।१४१ से १४५,३३११५, १८०,२२१,२२२,५१४३०१५५ ११६,१२१,१२२,१२४ रइय (रतिक) प २१४८ रत्तंसुय (रक्तांशुक) ज ४११३ सू २०१७ रइय (रतिद) ज २११५ रत्तकंबलसिला (रक्तकम्बल शिला) ज ४१२४४, रइयामय (रजत मय) ज ४११३ २५२ रउस्सल (रजस्वल) ज २।१३१ रएत्ता (रचयित्वा) उ१।१३७, ३१५१ रत्तकणवीरय (रक्तकरवीरक) प १७१२६ रंग (रङ्ग) ज ३।१६७१६ रत्तचंदण (रक्तचन्दन) प २१३०,३१,४१ रक्खस (राक्षस) ५ १५१३२, २१४१,४५ ज ७१२२ रत्तबंधुजीवय (रक्तवन्धुजीवक) प१७११२६ रत्तरयण (रक्तरत्न) ज २१२४,६४,६६,३।१६७ रक्खा (रक्षा) ज ५११६ रत्तवई (रक्तवती) ज ४१२७४।६।१६ रज्ज (राज्य) ज २१६४;३१२,१७५,१८८ उश६६. रत्तवईकूड (रक्तवतीकुट) ज ४।२७५ १४,६६,१०३,१०६,११०,११३,११४,१२१, रत्तसिला (रक्तशिला) ज ४१२४४,२५१ १२२,१२६,५९,११ रत्ता (रक्ता) ज ४१२७४; ६.१६ रिज्ज (रञ्ज) रज्जति सु १३३१ रत्ताकूड (रत्ताकूट) ज ४।२७५ रज्जधुरा (राजधूर्) उ १।३१ रत्ताभ (रक्ताभ) प २१४६ रज्जवास (राज वास) ज २१८७ रत्तासोग (रक्ताशोक) ११७६१२६ रज्जसिरि (राज्यश्री) उ ११६५,६६,७१,६४,९८, रत्ति (त्रि) ज ३१६५,१५६ ६९,१११,११२ रस्तुप्पल (रक्तोत्पल) प १७:१२६ ज २।१५; रज्जु (रज्जु) ज ३३१०६७।१७८ ७११७८ रज्जुच्छाया (रज्जुच्छाया) गू६१४ रत्था (रथ्या) ज ३७ सू १०८४१३ Page #311 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०२४ रम-रयणी रिम (रम् ) रमंति ज १११३,३०,३३,३७ ; ४१२ ११२,१२३,१३१ रमंत (रममाण) ज ३।१७८ रयणकरंड (रस्नकरण्ड) ज ३१११ रमण (रमण) ज ३।१३८ रयणकरंग (रकार गडक) ज ५१५५ उ ३।१२८ रमणिज्ज (रमणी) प २।३१,४८ से ५१.६३ रयकुन्छिधारिय (त्निकुक्षिधान्बिा ) ज ५।५,४६ १७४१०७,१०६ १११ ज १११३.२१,२५,२६, रयणचित्त (मानचित्र) ज ३४५६,१४५ २८,२६,३२,३३.३६.३७,३६.४०,४२,४६) रयप्पभा (नप्रभा) ए ११५३; २।१२०,२१, २।७,१०,१५,३८,५२,५६,५७,१२२,१२७, ३० से ४६,४१ से ४३,४६,५०,५१,६३; १४७,१५०,१५६,१५६,१६१,१६४,३१६,८१, ३.११.२१,४१८ से;६।१०,४५,५.१,७३, १६२,१६३,१६६,१६७,२२२,४१२,३,८,९,११, ८८,६१,१०६:१०।१ से ३,२८,३०,१६१२६; १२.१६,३२,४६,४६,४०,४६,५०,५६,५८,५६, २०१६,६,२८.३६.४६,५०,५९,२११५२,५६, ६३,६९,७०,८२,८७,६८,१००,१०४,१०६, ६६३०।२५ से २८:३३१३,१६ र २११; १११,११२,११७,११८,१३१.१६६,१७०, ६।३,१८१ १७६,२०२३१,२३४,२४० से २४२,२४७, रयणप्यमा पुरविणेरइय (रत्नाभा प्रथित्रीनरक) २४८,२५०,२६७, ५१३२,३५,७१७८ मू२।१६।३,१८१ रयणर. य (बावतंसः) २१५६ रम्म (रम्य) ज २१०,१२, ३१८१; ४।२०२१ रयण (वासा) (रत्नवर्ण) ज ५१५७ उ ३।४६;५.६ रयणमय (रनमा) ! २।३०,३१,४१ से ४३, रम्मग (रम्बक) ज ४।१०२,२०२ ४६,५० से ५२,५.८ से ६०,६३ ज २९१०, रम्मगकूड (रम्यककूट) ज ४१२६३।१,२६६११ ३१,३५,४०,४६।१,२१११४,११५,३१६६, रम्मगवास (रम्पकवर्ष) प ११८७:१६।३० १००,१०१ ; ४१२८,३०,४१,४५,५७,६२,७४, ज ४१०२,१६२,२६६ से २६८,६१६,२१ ७६,१०३,११४,१३६,१७८,२१२,२१७,२७६; रम्मय (रम्यक) प १७११६४ ज ४।२०२।१,२६५ ५.३७ से २६७ रयणसंचया (रत्नांचया) ज ४१२०२।२ रम्मयवास (रम्यकवर्ष) ज २६ रयणाली (रत्नावली) ज ३१२११ रय (रजस्) ज ३।२२३, ५७ राण (नि) १७५२१६४७,८,२११६६.६७, रिय (रच्य) रएइ उ १११३७,३१५१ रएंति ७०,७१३४ ज २११३३ याट जोह - ३१११४ रयाण (रनि), ११४,६११ रयण (रत्न) प १११२,११३,४८, २१३०,३१,४१, राषिकर (रजनिकर) ज ३।१०६ गु १६१२२११२, ४८,१११२५; १५३५५१२,२०१११ ज ६४, ६६, ३।६,१२,१८,२४,३०,३१,३२॥१,३५, रवणिलेत (रजक्षेत्र) ज ७४२७,३० ५६.६४,७६,७७,८१,११७,१२५ से १२८, रयजिगर (जनिकर) ज ३।११७ १३८,१४५,१५.१,१५२,१६७४१,५,१२,१४, रणिपुहतिय (थिक्त्यिक) प १७५ ३।१६८,१७५,१७८,१८०,१८४,१६२,२११, रणिय (रनिः ) ४।१० २२१,२२२४१४६,१३७; ५।५,७,१३,१६, रणियर (रजनिवार) ज २११५,३१११७ ३८,५८,७११७८ सू १८/८२०१७ उ१११११, रयणी (ररिन) १६,१२८,१३३,१४८ Page #312 -------------------------------------------------------------------------- ________________ रयणी - रहवर रयणी (रजनी) ज २१२८, १३३,३६१८८, ७ १२० सू १०८८१३ उ ३२४८, ५०, ५५,६३,६७,७०, ७२,१०६,११८ रयणुच्चय ( रत्तोच्चय ) सू५४१ रयणोच्चय ( रत्नोच्चय ) ज ४२६०११ रत्ताण ( रजस्त्राण ) ज ४११३ सू २०१७ रयमत्त ( रतमत्त) ज २।१२ रथ (रजत) ज ३ | १०३,४१२५, १२५, १४६; १६२१,२३८,२५.५ ५१५,६२; ७११७८ रययकूड (रजतकूट ) ज ४।१६४,२३६ रखंड ( रजतखण्ड ) ११/७४ वालुवा (रजतवालुका) ज ४१३ रययामय ( रजतमय ) ज १२३ ३ १२,८८४३ १३,२५,६४,८८,२०३५१५८ ७ १७८ रव (ख) २३०,३१,४१,४६ ज ११४५ २२६५ ३१२२,३६,७८,८३,६३,६६,१६३, १८०, १८३, १८५, १८७, २०४,२०६,२१३,२१६,५११, ५, ६,२२,२६,४४,४६, ४७,५६,६७, ७१५५,५८, १७८१८४ १८१२३; १९ २३, २६ उ १।१२१,१२२, १२५, १२६,१३३,१३४,१३८; ३।१११, ४११८५ १६ रवभूय ( रवभूत) ज ३११०६ रवि (रवि) ज २०१५; ३१३,३०,७११२७।१,१६७ सू १०९७७ १६८।२:२२/३ रविकिरण ( रविकिरण ) ज २२१५ रस (रस) प ११४ से ६ ३ १८२५१५,७,१०,१२, १४,१६,१८,२०,२४,२८,३०, ३२, ३४, ३७, ३६, ४१,४५,५३,५६,५६,६१,६३,६८, ७१.७४, ७६,७८.८३,८६,८६,६१,६३,९७,१०१, १०४, १०७.१०६,१११,११५, ११६,१२६,१३८, १५०,१५२, १५४,१६०, २०५, २०७, २११. २१४,२२८,२४२,२४४, १० १५३११:११ ५७, १८१५/३८; १७३११४।१, २३११५,१६,१९, २०,१०८ २६१२०,३२.६६; ३६/८०, ८१ २११८,४५, १४२, ३३८२,१८७,२१८; १०२५ ७ ११२२४, २०६ सू १०/१२६२४; २०१७ उ ५।२५ सओ (रस) प ११५ से ६,२८।२६,३२,६६ रसचरिम (रराचरम ) प १०३५०, ५१ रणाम (रसनामन् ) प २३३३८,४६ रसतो ( सतस् ) प १६, ६, ६ ११५८२८८, २०, ५४ रसदेवी ( रसदेवी ) उ ४२१ रसपज्जव ( रसपर्यव) ज २१५१,५४, १२१, १२६, १३०,१३८, १४०,१४६,१५४, १६०,१६३ रसपरिणाम ( रसपरिणाम ) प १३।२१,२८ रसभेय (द) प १।४८।५ समंत (वत्) प १११५२,५७२८१५,५१ रमेह (घ) ज २१४५ रसविण्णाणावरण (सविज्ञान ) प २३।१३ रसादेस (रसादेश ) प ११२०,२३,२६,२६,४८ रसावरण ( रसावरण ) प २३१३ सिदिय (सेन्द्रियत्व ) प ३४१२० रशिय (सित ) ज ३।३५: ५। २२ से २४, २६ रोदय ( रसोदक ) प १२३ रसि (२) ज ३१३,१८८ रह ( 25 ) ज १२६,२।१२,३३,६५,१३४,३३, १४,१७,२१ से २३,२८,३१,३६,३७,४१,४५, ४६,७७,७८,६१,६८,१०६, १३१,१३५, १७३, १७५,१७७ से १७६,१६६,२२१५।५७ उ १११४,१५,२१,२२,१२१,१२६,१३३,१३६ से १३८४११५: ५११८ रहचक्कवाल ( रथचक्रवाल ) प ३६।८१ ज १७ सू ११४ रहच्छाया (रथच्छाया ) प १६/४७ रहनेउ रचक्कवाल (रथनूपुरचक्रवाल) ज १९।२६ रह (रथाथ ) ज २११३४ रहमुसल ( रथमुसल) उ १११४, १५, २१, २२, २५, २६,१३६, १३७,१४० रहरेणु (रथरेणु) ज २१६ रहवर ( रथवर ) ज २।१५; ३।२२.३६,४४ Page #313 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०२६ रहसिर (रथशिरस् ) ज ३ । १३१,१३५ रहस्स (रहस्य) उ३।११ रहस्सियाग ( राहसिक ) उ ११४६ रहस्सियय ( राहसिक ) उ ११४४ हरसीकर (रहस्यो कृ ) रहस्सीकसि उ ११३६ रहिय ( रहित ) प ३२|६| १३५।११२ ज २११५, १३३ सु २०१६।६ रहोकम्म (रहःकर्मन् ) ज २७१ राइ ( रात्रि ) ज २११५; ३ | ११७,७१२६ से ३०, १२०,१२१ चं ५।२ सु १६३; २१, ३, १६।११।१ राइ ( राजन् ) उ५११० राइदिय (रात्रिदिव) प ६१३० १८।३३,५१; २३।१६२ ज २१४६, ५२, ५६, १५६, १६१; ७१२७,३०,१५८, १६१ से १६७ सू १/११, १४,२२ से २४,२७; २/३ ; ६।१; ८११; १०।१६६ से १६६६१२।२ से ६, १३, १५; १५/३२,३४,३७ उ ११५३,७८ इंदिया (रात्रिदिवान ) सू १।११,१२।२ से ६, १५. राइष्ण ( राजन्य ) प १।६५ ज २१६५ राईसर ( राजेश्वर ) ज ३३६,७७,८६,१७८, १८६, १०८,२०६,२१०,२१६,२१६,२२१,२२२ उ ३।११,१०१:५।१०,१७,३६ राग (राम) २१४१; १७१११६६२३/६ ज २१२६; ३१७,३५,१०४,१८८ १३/२ राति (रात्रि ) सू १।१३, १४, १६, २१, २२, २४, २७; २३;३१२,४१६, ६, ६ १ ८ १ ६२; १० ५, ८८३ रातिदिय (रात्रिदिव) प ४७२,७४,७६,७८,६८, १००६।११,२६,३१ से ३४; १८/२२ रातीतिहि (रात्रितिथि) मू १०८६,६१ राम (राम) ११३६ रामकन्ह ( रामकृष्ण) उ ११७ राय ( राजन् ) प १६ ४१ ज १३३,२६६२।१६, २५, ६३:३२ से ७, ६ से १३, १५, १७ से २४, २६ रहसर - रायहंस से २६, ३१ से ३४, ३६ से ४२, ४४ से ५०, ५२ से ५.६,६१ मे ६७,६६ से ७४,७६, ८३, ८८, ६० से ९४,६६,६६ से १०१,१०६ से १०६, ११२ से १२०, १२१।१,१२२ से १२५; १२६११,१२७,१२८, १३१ से १३४,१३५११, १३७ से १३६,१४१,१४३,१४५ से १४७. १५० से १५४,१५७ से १६०,१६३ से १६७, १७०,१७३, १७५,१७७,१८१ से १८३, १८५ से १९२, १६८, १६६, २०१,२०२, २०४ से २१२,२१४,२१५,२१८,२१६,२२१ से २२३; ४।१७७,१८१,२००५१५, ७८ सू ११३,४ उ १।१० से १२,१४, १५, २१, २२,२५,२६,२६ से ३२, ३४, ३६ से ४४, ४६,४६,५७,५८,६१, ६२,६१,६६,६५ से ७४,८२, ८३,८६ से ९६, ६ से ११६,१२१,१२७,१२६ से १४५ ; २४,५,१६,१७,३०४,१४ से १८,२१,२४,८६, १५५,१६८, ४१४,६:५६, ११ से १३,२५,३० रायकुल ( राजकुल) उ १।१११, ११२,५१४३ यहि (राजगृह ) प १६३।११।१,२,२८,२६, ६३, ३१४, २१, २४, ८६, १५५, १६८ ४४,६,७, १३,१५,१८ रायग्गल ( राजार्गल ) यू २०१८ २०१८| रायत ( राजत) ज ३।११७ रायतेय (राजतेजस्) ज ३११८,६३,१८०, १८७ रायधम्म (राजधर्म ) ज २११२६,१५८ पवर ( राजप्रवर) ३३६५,६६,१५६ रायप्प सेणइज्ज (राजप्रतीय) ज ४१११५: ५/३२ रायबहुल ( राजबहुल) ज १११८ रायममा ( राजमार्ग ) ज २२६५ रायलच्छी (राजलक्ष्मी) ज ३१११७ रावण ( राजवर्णक ) ज ११२६६३३३ रायवर ( राजवर ) ३५२,३६,६३,६६,१०६, १६३,१७५,१७८,१०,१८८२१६,२२४ रायवल्ली ( राजवल्ली ) ११२४८१४ रायसरिस ( राजसदृश ) उ१।१२८ रायहंस (राजहंस) १७६ Page #314 -------------------------------------------------------------------------- ________________ यहाणी -कहिर रायहाणी (राजधानी) प ११७४ ज १११६,४५, ४६,५१ ; २।२२,६५; ३।१, २, ७, ८, १४, १७२. १७३, १८०,१५२ से १८५, १६१, १६२,२०४, २०८,२०६,२१२,२२०, २२१,२२४, ४५२, ५३,६०,८४,६६,१०६,११४ से ११७,१५६, १६०,१६३ से १६५, १७४, १७५, १७७१८०, १८१,१६२,२००,२०२,२०४, २०६, २०७, २०८,२१०,२१२,२२६ से २३३,२३७ से २३६, २६३, २६६, २६६२७२,२७५ ५१५०; ६।१६,७११८४,१८५ उ ३।१०१ रायाभिसेय (राज्याभिषेक) ज २२८५ ३३१८८, २०६,२१२,२१४ उ १२६५,६८,७२ रायारिह ( राजार्ह ) ज ३३८१ राग ( रालक) प ११४५।२ ज २।३७३।११६ दक्षिण भारत के जंगलों में मिलने वाला एक सदावहार पेड़ / राव (रावय्) रावेंति ज ५।५७ रावत (रावयत् ) ज ३११७८ रासि (राशि) प २२६४११६; १२ ३२ १७११२६ राहु ( राहु ) प २४८ सू २०१२, ८, २०१८१४ राहुम्म ( राहुकर्म ) सू २०१२ राहुदेव ( राहुदेव) सू २०/२ राहुविमाण (राहुविमान ) सू १६ । २२ १७ ; २०१२ रिध्वे (ऋजुर्वेद) उ३१२८ रिक्ख (ऋक्ष ) ज ३६, १७,२१,३४, १७७,२२२ सू १५/३७; १९ २२ २६ रिगिसिगि (दे० ) ज ३।३१ वाद्य विशेष रिट्ठ ( रिष्ट) ज ३१६२५।५,७, २१ रिट्ठपुर (रिष्टपुरा ) ज ४१२०० | १ रिट्ठा (रिटा ) ज ४२००११ रिट्ठामय ( रिष्टमय ) ज ४।७, २६ रिद्ध (ऋद्ध ) ज ११२, २६:३१ चं ६ सु ११ उ १११, ६, २८, ३३१५७५।२४ रिसह ( कृाभ ) ज ७३१२२।३ सु १०८४१३ रुइल ( रुचिर ) प २०४८ ज २११५३।३५४(४६; १०२७ ७१७८ रुंद (दे० ) ज ७ ३२ १ रुक्ख ( रूक्ष ) प १।३३।१,११३४,३६,४७११; १७ १११ ज २१२०,३१,१३१,१४४ से १४६; ३१३२,१०६,१२६ उ ५ ।५ raiहालय ( रूक्षगेहालय ) ज २१९, २१ रुक्खमूल (रुक्षमूल ) प ११४८६१ ज २८, ६ बहुल ( रूक्षबहुल) ज १११८ रुक्मूलिय ( रूक्ष मूलिक) उ३।५० रुट्ठ (रुप्ट) ज ३।२६,३६,४७,१०७, १०६,१३३ उ १२२,१४० रुद्द (रुद्र) ज ७ १३०,१८६।३ रुदेवया ( रुद्रदेवता ) सु १०/८३ रूप्प (रूप्य ) प १ २०११ ज ३११६७८ उ ३ ॥४० रूप्पकला ( रूप्यकला ) ज ४ २६८,२६६।१,२७२; ६/२० रुपपट्ट (रूप्यपट्ट) ज ४।२६, २७० रुपमणिमय (रूप्यमणिमय ) ज ५।५५ रुष्पमय (रूप्यमय ) ज ४।२६ ; ५३५५ रुप्पामय (रूप्यमय ) ज ३।२०६४।२७० रुप्पि ( रुक्मिन् ) प १६३० ज ४।२६५,२६८, २६६ १,२७०,२७१ सू २०१८, २०१८१३ रुपिणी ( रुक्मिणी) उ ५ १० रूप्पोभास (रूप्यावभास) सू २०१८ रुग ( रुचक ) प २ ३१ ज ११२३,२११५३।३२; ४११,६२,८६,२३८५८ से १७ सू१६।३५ कूड ( रुचककूट) ज ४९६, २३६ रुगवर ( रुचकवर ) सू १९१३५ रुयगवरोद ( रुचकवरोद ) सू १९१३५ रुययवरोभास ( रुचकवरावभास) सू १६।३५ रुयय ( रुचक ) प १ २०१३ सू १९३२ से ३४ रुरु ( रुरु) प १२४८२ ज १३७, २३५, १०१; ४१२७५२८ रुहिर ( रुधिर ) प २२० से २७ ज ३।३१ १४४ से ४६ Page #315 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०२८ रुहि रकम-रोहियंसा रुहिरकद्दम (रुधिरकर्दम) उ ११३६ रेवयग (रेवतक) उ ५१६ रुहिरबिंदु (रुधिर विन्दु) ज ७:१३३१२ रोइंदग (ोविन्दक) ज ५१५७ रुहिरबिंदुसंठिय (रुधिरबिन्दुसंस्थित) सू १०।३६ रोग (रो:) ज २१४३,१३१ उ १३५,११२ रूत (रूत) ज ४।१३ सू २०१७ रोगबहुल ( बहुल) ज १११८ रूयंता (रूपांशा) ज ५११३ रोज्झ (दे०) प१६६४ रूयगावई (रूपकावती) ज ५११३ रोद्द (रौद्र) ज ७।१२२।१,१२६ १०१८४।१ ख्या (रूपा) ज ५।१३ रोग (रोमन्) १११८६ ज २१५,१३३ रूव (रूप) ११॥२५,३३।१:१२।३२,१५।३७, रोमक (रोम) ज ३१८१ ४१:२२।१७,८०; २३।१५,१६,१६,२०, रोमकूद (रोगका) ज २२१ ३४।१,२,३४।२० से २२ ज २।१५,१३३; रोमग ( क) र ११८६ ३१३,६,७६,८२,१०३,१०६,११६,११७,११६, रोमराइ (रोमराजि) ज २११५ १३८,१७८,१८६,१८७,२०४,२१८,२२२; रोय (रुच) रोएइ १११०११२ रोएज्जा ४।२७,४६,५१२८,४१,४३,५७,६८,७० २०११७१८,२४ सेयर : १।१०११५ सू २०१७ उ ३।१२७,५१२५ रोय (रोचय) रोएमि उ ३३१०३ रूवग (रूपक) ज ४१२७,५२८,७११७८ रोय (रोग) उ ३।१२८ रूवपरियारग (रूपपरिचारक) प ३४५१८,२२,२५ रोयणागिरि (ोवनगिरि) : ४३२२५३१,२३३ रूवपरियारणा (रूपपरिचारणा) ५३४११७,२२ रोयमाण (रुदत) उ १९२३११३० रूवविसिठ्या (रूपविशिष्टता) प २३१२१ रोख्य (रोहक,नैः) २२७ रूवविहीणया (रूपविहीनता) प२३१२२ रोबाव (रोय) शेवग्वेइ उ ३१४८ रोजावित्तए (योगनितुम्) उ ३१४८ रूबसच्च (रूपसत्य) ११.३३ रोवाविय (रोहित) उ ३१५०,५५ रूवि (रूपिन ) प ११२.४,६ ; ५:१२३.१२५,१४४ रोह (रुह) रोहति ज ३७६,११६ सू १३११७ रोहिणिय (रोहिणीक): १५० रूवी (रूपिका) पश३७४१ सफेद आक का वृक्ष रूसमाण (रुष्यत्) उ ३।१३० रोहिणी (रोहिणी) ज ७११३।१,१२८,१२६, रेणु (रेणु) ज २१६,६५,१३१:५७ १३४१३,१३५३,१३६,१४०,१४५,१४६,१६० रेणु बहुल (रेणुवहुल) ज २।१३२ सू १०.२ ६.१२,२३,३७,६२.६७,७५,८३, रेणया (रेणकः) पश४८.५ रेणका, संभाल के बीज १०२,१२०,१३१ से १३३ रेरिज्जमाण (र: राज्यमान) उ ३।४६ रोहियंस (रोहितांज) १६८२१ एक प्रकार का रेवई (रेवती) ज ७१११३११,१२८,१२६,१३६, तण १४०,१४३,१४६,१५८ सू १०.१ उ ५।१२, रोहियं तकूड (रोहिताशकूट) ज ४१४४ रोहियं सदीर (रोहितांशही ) अ ४१४१ रेवतय (रैक्तक) उ ५।५ रोहियं सप्पयायकुंड (रोहितांशाप्रपात कुण्ड) रेवती (रेवती) सू १०।२ से ६,१०,२२,२३,३३, ज ४।४० से ४२ ६१,६५,७५,८३,९८,१२०,१३१ से १३३; रोहियंसा (रोहितांशा) ४।३८ मे ४०,४२,४३, १२।२२ ५७,१८२,२७०६।२० Page #316 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६।२० रोहियकूड-लयाबहुल १०२६ रोहियकूड (रोहितकूट) ज ४७९ लक्खणसंवच्छर (लक्षणसंवत्सर) ज ७१०३,११२ रोहियदीव (रोहितद्वी7) ज ४१६८,६६ सू १०११२५,१२६ रोहियप्पवायकुंड (रोहितप्रातकुंड) ज ४१६७,६८, । लक्खणसहस्सधारक (लक्षणसहस्रधारक) ज ३।१२६।१ रोहियमच्छ (रोहितमत्स्य) ? ११५६ लक्खारस (नाक्षारस) प १७११२६ रोहिया (रोहिता) ज ४१६५ से ६७,७१,७२,२६८; लख (लक्ष) ज ३।३१ लच्छिकड़ (लक्ष्मीकूट) ज ४।२७५ रोहीडय (रोहितक) उ ५।२४ से २६ लच्छिमई (लक्ष्मीमती) जह? लच्छी (लक्ष्मी ) ज ३११८,६३,१८० उ ४१२११ लज्जिय (लज्जित) ज २१६० उ०५८,८३ लउड (लकुट) ज ३१११ लठ्ठ (लष्ट) ज ११३७,२।१५, ३१६,३५,११७, लउय (नकुच) प ११३६।३ २२२,४।१२८,२४३,७११७८ लउल (लकुट) ज ३११७८ लउस (लकुश) प ८६ लठ्ठदंत (लष्टदंत) १८६ लउसिया (कुशिकी) ज ३११११२ लठ्ठि (यष्टि) ज २०१५ लेख (लख) ज २१६४,३।१८५ लग्गिाह (यष्टिग्राह) ज ३११७८ लंघण (लङ्घन) ज ३३१०६,१७८; १५,७१७८ ।। लडह (दे०) ज २०१५ लंतग (लान्तक) २१४६.५५,६३, ६।३२,५६, लव्ह (श्लक्षण) ५२१३०,३१,४१,४६,५६.६३,६४ ६५:७।१३,१५३८८,२११७०३३।१६,३४।१६, ज १८,२३,३१,४११ १८ ज ५४६ लता (लता) प ११३३१ लंतगवडेंसय (लान्तकावतंसक) २५५ लद्ध (लब्ध) ज ३१२६,३६,४७,१०३,११७,१२२, लंतय (लान्तक) र १११३५२२५५,५६, ३।३४, १२६,१३३,१८५,२०६ उ १११७.५७,८२,६६, १८३; ४१२४६ से २४८; २०१६१; २८१८० १०७,१२७,३।१३,२६,३८,८५,१२२.१४७. उ २१२२ १६०४।११,२५,५११५,२३,३१,३८,४२ लंबिय (लम्बित) ज ७१७८ लट्ठ (लब्धार्थ) सू २०१७ लंबूसग (लम्सा ) ज ५१३८,६७ लद्धि (लब्धि) प ११४६:१५१५८1१,१५१६२ लंभ (लभ) लभंनिज ३१३५ लिब्भ (लभ) लभइ ज ७१४३ लंभणमच्छ (लम्भनम स्य) प ११५६ लिभ (लम्) लभइ ज ७।१५१ लभति गु १०।५ लक्ख (लक्ष) १८११ ज ३।१०३ लभज्जा प २०१७,१८,२२२५,२८,२९,३४, लक्खण (लक्षण) २४८५५,२६४११२ ३८,३६,४१ से ४३,४५,४६ से ५२,५४,५५, ज २११४,१५,१६,३१३,३५,७७,१०६,१३८, १६७।१२,७११७८ च २।४ सू ११६:४१६॥२, लय (लता) ७१७८ ४,६ उ ११३४ लया (लता) प ११३६ ज २।११,६७,१३१,१४४ लक्खणधर (लक्षणधर) ज २१५ मे १४६,३।१०६ उ ११२३,५१५ लक्खणधारि (लक्षणधारिन् ) ज २११५ लयाबहुल (लताबहुल) ज १११८ Page #317 -------------------------------------------------------------------------- ________________ लयावण्ण-लूहेता लयावण्ण (लतावर्ग) ज २६११ लाउयवण्णाभ (अलाबुकवर्णाभ) सू २०१२ लिल (लल,लड्) ललंति ज १११३,३०,३२, २७ लाघव (लाधव) ज २७१ ललंत (ललत्) ज ३११७८,७११७८ लाढ (लाढ) प ११६३३५ ललाड (ललाट) ज ७११७८ लाभ (ला) ज ३११७८,७।१७८ ललित (ललित) ज ३१९,२२ लाभंतराय (लाभान्तराय) प २३१२३ ललिय (ललित) ज ३१६,१७८,२२२,७११७८ लाभत्थिय (लाभार्थिक) ज ३।१८५ ललियबाहा ('ललितबाहु) ज २११५ लाभविसिठ्ठया (लाभविशिष्टता) प २३१२१ लव (लव) २२४१२,२१६६७७११२१५ सू ८।१; लाभविहीणया (लाभविहीनता) प २३।२२ १०।१२६५ लायण्णत्त (लावण्यत्व) प ३४१२० लिव (लप) लवति सू २०११ लाला (लाल!) ज ७१७८ लबंगरुक्ख (लवङ्गरूक्ष) प ११४३३२ लालाविस (लालाविष) प ११७० लवण (लवण) प १५२५५१ ज ६११,२,४,७४, लावग (लाक्क) प १७६ ३२।१,६३,८७ मू ८.१,१६३२,३,५, लावणग (लावणिक) म १९४२२१२३ १६३२२।२३ लावण्ण (लावध) प २३११६,२० ज २१५, लवणजल (लवणजल) सू १९।५।३ श६८,७० उ ३३१२७ लवणतोय (लवणतोय) सू १६१५१२:१६४२२१२४ लास (लासय) लासेंति ज ५१५७ लवणसमह (लवणसमुद्र) ५ १५१५५ १६॥३० लासग (लासक) ज २१३२ ज १११६,१८,२०,२३,३५.४८,४६, ३.१,२२, लासिया (लासिका,ल्हासिका) ज ३११११२ २८,३६,४१,४४,४६ ; ४११,३५,३७,४२,४५, लिक्खा (लिक्षा) ज २१६,४० ५५,६२,७१.७७,८१.८६,६०,६४,६८,२००, लित्त (लिप्त) प २१२० से २७ २०१,२६२,२६५,२७१,२७४,६३,५,१६ से लिवि (लिपि) प ११६८ २६,७।३१,३३,८७ सू श२२,४१४,७, ८.१; लिहिय (लिखित) ज ७/१७८ १६१३ से ६ लीला (लीला) ज ५१३,२८ लवणोदधि (लवणोदधि) सू १९५१ लुक्ख (रूक्ष) प १४ से ६; १५,७,१२६,१५२, लवणोदय (लवणोदक) प ११२३ १५४,२११,२१८,२२१,२२६,२४४,११५६ लह (लघु) ज ३२३५,४८,४६७।१७८ से ६१:१३।२२।२,१३१२२,२६,१७११३८%; लहुपरक्कम (लघुपराक्रम) ज ५१४८,४६ २३।५०; २८१६ से ११,२०,३२,५५ से ५७,६६ लहुभूय (लघुभूत) ज २२७० लुक्खत्तण (रूक्षत्व) प १३१२२११ लहुय (लघुक) प ११४ से ६,३११८२; ५१५,७, लुक्खया (रूक्षता) प १३।२२११ ज २११३१ २०६१५३१५ से १७,२८,३२,३३,२८।२६, लुद्धग (लुब्धक) उ ३६८ लूह (मृज्,रूक्षय्) लू हेइ ज ५१५८ लूहेति लहुयत्त (लघुकत्व) ५ १५१४४,४५ ज ३१२११ लाइय (दे०) प २।३०,३१,४१ ज ११३७,३।७,१८४ लूहिय (मृष्ट,रूक्षित) ज ३।६,२२२ लाउय (अलाबुक) ज ३१११६ लहेत्ता (मृष्ट्वा,मार्जयित्वा, रूक्षयित्वा) ज ३१२११; १. टीका में 'ललिनो बाहु' है। Page #318 -------------------------------------------------------------------------- ________________ लेक्ख-लोभसमुग्धात १०३१ लेक्ख (लेख्य) १६८ ५८ से ६१.६३,१०।२,३,५,१२१७,१०,२०; लेच्छइ (लिच्छवि,च्छवि) उ १११२७ से १३०, १५६११२,१५१४३,४५,५६:१६१३४,१८१३, २६,२७,३७,३८, ३६७६,८१,८५ ज २।६५, लेछु (लेष्टु) ज २१७०,७१, ३।३५,६५ ७१;३।३५,६५,१५६,१६७,४१२६०।१ लेप्पार (लेप्यकार) प १६७ सू १६२२ लेस (लिश) लेभेलिप ३६१६२ लोगंत (लोकान्त) ५२२६४२१११३०,२११८४,८६, लेसणया (श्लेषण) ५ १६१५३ ८६ ज ७।१,६८,१६८।१,१७२ लेसा (लेश्या) १११५१३०,३१,४६,३३११ लोगणाली (लोकनाली, लोकनाडी) प ३३११८ १७।४३ से ४५,४७,६६,६७,११४,१४७,१५६ लोगणाह (लोकनाथ) ज ५१५,२१,४६ से १५८,१६१,१७२ च २२ ज ३१६५,१५६, लोगपईव (गोकप्रदीर) ज ५२१ २२३,७।३८,५८ स् ११६।२,१७११६।१ से लोगपज्जोयगर (लोकप्रद्योतकर) ज ५१२१ ३,१६३२६,२०१२,३ लोगपाल (लोकपाल) प २१३० से ३३,३५,४६ से लेसागति (लेश्यागति) ५ १६।३८ ५१ ज ६०,११८,११६:५।१६,५०,५६ लेसापडियाय (लेश्याप्रतिघात) ज ७१३८ लोगमज्झ (लोकमध्य) ज ४२६० लेसापरिणाम (लेश्यापरिणाम) प १३१२ लोगमज्यावसाणिय (लोकमध्यावसानिक) ज ५१५७ लेसाहिताव (लेश्याभिताप) ज ७१३८ लोगसष्णा (लोकसंज्ञा)प ८.१,२ लेसुद्देस (लेसोद्देश) सू ६२ लोगहिय (लोकहित) ज ५२२१ लेस्सा (लेश्या) २६४१;१६१५.०,१७११११,१७१७, लोगागास (लोकाकाश) प ११४८१५८% २०१० १७,१८,३०,३६ से ४१,८८,६७,११४,१२६, लोगाधिवति (लोकाधिपति) प २५०,५१ १३६,१३७,१४७,१५६,१५७,१५६,१६० से लोगालोग (लोकालोक) प १०१५ १६३,१८५१११२८।१०६१ लोगाहिवइ (लोकाधिपति) ज २१६१५१८,४८ लोगुत्तम (लोकोत्तम) ज ५॥५.२१,४६ लेस्सागति (लेश्यागति) व १६।४६ लेस्साणुवायगति (लेमानुपातगति) प १६:३८,५० लोण (लवण) प ११२०११ लेस्सापरिणाम (लेश्यापरिणाम) प १३६,१४,१६, लोद्ध (लोध्र) प ११३६१३ १८ से २० लोभ (लोभ) प १११३४।११४।४,६,८,१० से लेह (लेख) ज २६४ उ ११११५.११६ १५,१७, २२।२०,२३३६,३५,१८४ ज २११६, लेहठ (रेखास्थ) ज ७१५८,१६१,१६४,१६७ १३३ उ ३१३४ __ सू १०१६५,६८,७१,७४ लोभकसाई (लोभकषागिन) 4 ३११८१३।१४; लोअण (लोचन) ज २२१५ १८६६,२८१३३ लोइय (लौकिक) ज ७११४ सू१०।१२४ लोभकसाय (लोभकषाय) ५ १४१,२,३६१४६ उ ११६२ लोभकसायपरिणाम (लोभकषायपरिणाम) प १३१५ लोउत्तरिय (लोकोत्तरिक) ज ७.११४ सू १०११२४ लोभणिस्सिया (लोभनिश्रिता) प १११३४ लोक (लोक) ज ३११०६,१६७ लोभसंजलणा (लोभसंज्वलना) २३७२,१४० लोग (लोक) प ११४८१६०:२११०,१६,३०,३२. लोभसण्णा (लोभसंज्ञा) प ८१,२ ३४,३५,३७,३६,४१ से ४३,४८,५० से ५२, लोभसमुग्धात (लोभसमुद्घात) प ३६१४७ Page #319 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०३२ लोभसमुग्घाय-वइर(वासा) लोभसमुग्धाय (लोमस मुद्यात) प ३६.४२,४४ से लोहित (लोहित) प ५१२०५ सू २०१२ लोहितक्ख (लोहिताक्ष) ज७।१८६१ सू २०१८ लोम (लोमन) १ २०२० से २७ ज ३१३,१०६; लोहिय (लोहित) प ११४ से ६५1५,७,१११५३; ७.१७८ १७.१२६; २३।१०३:२८।३२,६६ ज ४।२६ लोमपक्खि (जोमपक्षिन् ) प ११७७,७६ सू २०१२ लोमहत्थ (लामहस्त) ज ३८८ लोहियक्ख (लोहिताक्ष) ११२०१३,२१३१,३२ लोमहत्यम (लोमहस्तक) ज ३.१२ ज ४११०६,५।५ सू २०१८।१ लोमहत्यगपटलहत्यगय (हस्तगत लोमहातकपटत) लोहियक्खकूड (लोहिताक्षकूट) ज ४।१०५ ज ३।११ लोहियक्खमणि (लोहिताक्षमणि) प १७:१२६ लोमाहार (लोमाहार) प २८।१।२,२८१४०,६६, लोहियक्खमय (लोहिताक्षम4) ज ४१२६ १०२,१०३ लोहियक्खामय (लोहिताक्षमय) ज ३।३० लोमाहारत्त (लोमाहारत्व) प २८16०,६६ लोहियपत्त (लोहितपत्र) प १३५१ लोय (लोक) १४४८१५८,५६,२१ से ३१,४६, लोहियमत्तिया (लोहितमृत्तिका) प ११६ ४६;३३।१३ सू २।१।१६।१,२१ उ ३६१३ लोहियसुत्तय (लोहितसूत्रक) प १७।११६ लोय (लोच) ज २१६५, ३१२२४ उ ३३११३ ल्हसणकंद (लगुनकन्द) प ११४८१४३ लोयंत (लोकान्त) प २६४११०,११६७२ सू २०१० ल्हसिय (तहासिक,लासिक) प ११८६ १८।६ लोयग्ग (लोकाग्र) प श६४,२१६४।३ लोयग्गथूमिया (लोकास्तूपिक:) प २६४ व (वा) प ११०१।६ ज ३१११३ – २११ सू १६ लोयग्गपडि बुज्झणा (लोक अप्रतिबोधना) ५ २०६४ वई (वाच) प १६६१,७:२३।१५,१६ ज २१६८ लोयण (कोन) ज ७:१७८ वइउल (दे० व्याल) प १७१ लोयणाभि (लोकनाभि) सू ५१ वइगुत्त (वारगुप्त) ज २१६८ लोयमज्झ (ोकमध्य) सू ५११ वइजोग (वाम्योग) प २का१३८,३६।८६,८८,६०, लोयाणों (दे०) प ११४८१६ ६२ लोल (लोल) ज २०१२ वइजोगपरिणाम (वाम्भोगपरिणाम) प १३१७ लोह (लोभ) ज २१६६ वइजोगि (सम्बोगिन) प ३९६:१३।१४,१८१५६; लोह (लोह) ज ३।३,३५,१६७८ २८।१३८ लोहकडाह (लोहाटाह) उ ३१५०,५५ वइत्ता (वदित्वा) ज २३ लोहकसाइ (लोभकपायिन) प ३९८ वइयरिय (व्यतिचरित) सु २०१२ लोहदंडग (लोहृदण्डक) ज ३.१०६ वइयोगि (वाग्योगिन्) प १३३१७ लोहबद्ध (नोहवर्ध) ज ३।३:: वहर (वन) ५ ११२०६१ ; २३३० ज ३।१२,१८, लोहयक्खमय (लोहिताक्षम।) ज ४।१३ २४,३५,८८,१०६,१८४,२१६४१३,२५,४६, लोहि (लोह) प ११४८।१ सफेद सुहागा ६७,२३८,२५४,५।५,१३,२८,५८,७११७८ लोहिच्च (लौहित्य) ज ७१३३।२ वइरउसह (वज्रऋषभ) ज ३१३ लोहिच्चायण (लोहित्यामग) सू१०।१०४ वइरकूड (वज्रकूट) ज ४।२३६ १. लोचनी-बड़ी गोरखमुण्डी। बइर (वासा) ( व र्षा ) ज ५१५७ Page #320 -------------------------------------------------------------------------- ________________ वइरवेइया-वग्ग १०३३ वहरवेइया (वज्रवेदिका) ज ११३७,४१२७,५२८ वइरसारमइया (बज्रसारमतिका) ज ३८८ वइरसेणा (वज्रसेना ) ज ४।२३८ वइराड (वैराट) प ११६३४ वइरामय (वज्र मय) ज १७,८,११,२४,२।१२०; ३१३०,४१३,७,१३,१५,२४ से २६,२६,३१, ३६,६६,६८,७४,६१,६३,१२८,१४६ ५।३८, ४३,७।१७८,१८५ सू १८।२३ वइरोयणराय (वैरोचनराज) प २३३ ज २१११३ वहरोयणिद (वरोचनेन्द्र) प॥३३ ज २१११३ वइरोसभणाराय (वज ऋषभनाराच) प २३।४५, ६४ ज २४६ वइसमिय (वाक्समित)ज १६८ बइसाह (वैशाख) ज ३१२४;७।१०४,१४६,१५५ सू १०११२४ उ ११२२,१४०,३१४० बइसाही (वैशाखी) ज ७।१३७ सू १०१७,१७,२३, २६ वइस्सदेव (वैश्वदेव) उ ३१५१,५६.६४ वउ (वाच्) प १११५,८,२१ से २६ वंक (वक्रयङ्क) ज २।१३३ वंकगति (वङ्कगति, वक्रगति) प १६१३८,५३ बंग (वन) प ११६३।१ ज २०१५ बंजण (व्य ञ्जन) ज २११४ सू २०१७ वंजणोग्गह (पञ्जनावग्रह) प १५५८१२, १५॥६८,६६,७१ से ७३,७५ वंजुलग (वजुलक) प ११७६ वंझा (वन्ध्या) उ ३६७,१३१ वंत (वान्त) प १८४ सू २०१२ विंद (वन्द्) बंदइ ज ११६२।६०, २१,६५ उ१३१६३८१,४।१३, ५१२० वंदंति उ ४११६,५१३६ वदामि प ११११ ज ५।२१ सू २०६६ उ ११७ वंदिज्जा उ ५१३६ वंदीहामि उ ३१२६ वंदेज्ज ज २१६७ वंद (बन्द) ज ३१२२,३६,७८ उ १३१६ वंदण (बन्दन) उ १११७ वदणकलस (वन्दनकलश) ज ३७,८७,५।५५ वंदणकलसहत्यगय (हस्तगतवन्दनकलश) ज ३।११ वंदणवत्तिय (वन्दनप्रत्यय) ज ५२७ बंदणिज्ज (वन्दनीय) सू १८.२३ वंदिऊण (वन्दित्वा) चं ११४ वंदित्ता (वन्दित्वा) ज ११६ उ १११६,३।८१; ४१४:५४२० वंदिया (वन्दिका) उ४।११ वंस (वंश) ११४१०२ वास वस (वश) १११७५ ज २।१२४,१५२,३१३१, १०६ उ ५१४३ वंसमूल (वंशमूल) ५११४८८ वंसी (वंशी) प ११४७ बंसीपत्त (वंशीपत्र) प ६।२६ वंसीमुह (वंशीमुख) प ११४६ वक्कंत (अवक्रान्त) प ११४८.५३ ज २८५ वक्कंति (अबक्रान्ति) प १११४ बिक्कम (अव--ऋम्) वक्कमइ ५ ११४८१५१ वक्कमति प ११२०,२३,२६,२६,४८६२६ वक्कमति म १६॥२२॥१६ बक्कल (वल्कल) उ ३।५१११ बकवासि (वल्लवासिन्) उ ३१५० वक्ख (वक्षस्) ज २११५ वक्खार (वक्षस्कार) १ २१११५५५२ ज ४१२१२: ६.१० वक्खारकूड (वक्षस्कारकूट) ज ४।२०२, ६.११ वक्खारपव्वय (वक्षस्कारपर्वत) ज ४१६४,१०३ से १०८,१४३,१६२,१६३,१६६,१६७,१६६, १७२ से १७४,१७६,१७८ से १८१,१८४, १८५.१६०,१६१,१६६,१६७,१६६,२००, २०२ से २०५,२०८ से २१२,२१५,२६२, ५.५५;६१० वग (वृक) प११२१ ज २।१३६ वगी (वकी) ५१११२३ वग्ग (वर्ग) प २।६४११५,१६,१२११०,३२,३६, ३७ उ २५ से ८3११,३११,२,४।१,३:५।१, Page #321 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०३४ ३,४५ श्रवग्ग ( वल्गु ) वग्गति ज ५ ।५५ वग्गण ( वल्गन ) ज ३।१७८ वगण ( वर्गणा ) प ११/७२ १७ ११४।१, १४२ वग्गमूल ( वर्गमूल ) १२।१२,१६,२७,३१,३२,३८ व ( वल्गु ) प २६४।१५ ज २२६४३२१८५, २०६४२१२, ४२१२/३ ५।५८ बज्ज (वाद्य) ज ५।५७ वज्जकंद ( वज्रकंदक) व १७ १३० वग्गु (वाच्) उ ११४१, ४४ गुरा ( वागुरा) उ५।१७ वजण ( वर्जन ) प ११०११३ वज्जणिज्ज ( वर्जनीय) ज २११४६ वग्गुलि ( वल्गुलि ) प ११७८ वग्घ (व्याघ्र ) १६६ ११ २१ ज २२३६,१३६ वह (प्रमुख) प ११८६ वज्जपाणि ( वज्रगणि) १२।५० ज ५।१८,४६,६६ वज्जमाण ( वाद्यमान) उ १११३८ वज्जरिसभणाराय ( ऋपमनाराच) ज ११५; वग्धारिम (दे० ) ज ३८८ २१४६ वग्घारिय (दे० ) प २३०,३१,४६ ज २७,८८, वज्र्जारिसहणाराय ( वज्रऋषभताराच ) ज २।१६,८६ ११७ वग्धावच्च (व्याघ्रात्य) ज ७ १३२ ४ १०।११६ वज्जरिसहनाराय (ऋषभनाराच) सु ११५ वज्जसंठिया ( वज्रसंस्थित ) प ११।३० वग्घी (व्याघ्री ) प ११ २३ वज्जसूलपाणि ( वज्रशूलपाणि) ज ५।५७ वज्जिऊण ( वर्जयित्वा ) प २२७३ वच्च ( वच् ) वच्चति ज ७ १३५,१२,३ वच्च ( व्रज्) वच्चइ स १६ वच्छ (क्ष) २३०,३१,४१,४१ ज ३१३,६, वग्ग वट्टमाणे १२६:१६१३२,१७/५८ २०५६ से ५८ २२१२५:२३।१६१, १६७; २४।१३ ; २५।३; २६/४,२८।११२,१२३,१२६,१२७,१२६, १३२,१३३,१३७ से १४१,१४३ ज २७०, १३१,३।६४।१७७, २१०, २४०, २४८, ५१३, ४६, ५२११ वज्जित्ता ( वर्जयित्वा ) प २१२२, ३२, ३४ ज ४ । १३४ वज्जि ( वर्जित ) प १०।१४।६ ज ५।५२ सू २०१७ ६,१८,६३,१८०,२२१,२२२:५।२१ वच्छ (वत्स ) प ११९३३४ ज ४१२०१,२०२१, २४८ वज्जेता (वर्जदित्वा ) १२१२१, २३ से २७,३०, वच्छगाव (वत्सकावती) ज ४।२०२।१ ३१,३३,३५,३६,४१ से ४३, ४६ वच्छमित्ता ( वत्स मित्रा) ज ४।२०४,२३८,५६ वच्छल ( वत्सल ) प ३११२५ ५।५,४६ वच्छल (वात्सल्य ) प १।१०१।१४ वच्छाणी ( वत्सादनी) १ १।४०।४ सू १०।१२० गजपीपल, गुडूची बच्छावई ( वत्सावती) ज ४१२०२ वज्ज (वज्र ) १ ११४८३७ वज्रकंद, कोकिलाक्षवृक्ष, तालमखाना 1 वज्ज ( वर्जय् ) वज्जेज्ज प १०३१४|४ बज्ज ( वज्र ) ज २।१५ बज्ज ( वर्ज्य ) प २४०१५, २१५२,६१४६,५६,६६, ८६,६४,६५,१०२,१०४,१०१३६, ११४१,८०, ८४ १२३, १३/२२२; १५/६८, ११५,१२१, ज्झ (वा) ज ३।९२,११६ वझार (वर्धकार ) प १६७ वझियायण ( ध्यान ) ज ७ १३२/४ सु १०१११८ वट्ट (वृत्) वट्टति उ ३।३३ वट्टति प १६।२२ (वृत्त) १४ से ६, ११६३।५; २।२० से २७, ३० से ३६,४१ से ४३ १० १५,२६,३६१८१ ज १।७,३१,२ १५,३७,८८, ११७,४३,२५, ६७,११४,१२८,२३४, २४०, २४१, ५।५,४३; ७१३१,३३,१६७,१७८ सू १।१४:४३ से ७; १०२७४ १६२,६,६,१२,१६,२८,३२,३६ वट्टग ( वर्तक) प १७६ ज ५।१६ चट्टगमंस ( वर्तकमास ) ६ १०।१२० कमलकंद वट्टमाण ( वर्तमान ) प २१३१ ज २७१३।१३८, Page #322 -------------------------------------------------------------------------- ________________ वेड-वणसई ५।५७ वट्टवेयड्ढ ( वृत्तवताढय ) प १६३० ज ४ ४२, ५७,५८,६०,७१,७७, ८४, २६६, २७२ ५।५५; ६।१० ट्टि (वर्ति) प ११४७।२ ट्टिय (वर्तित ) ज २११५; ७ १७८ वट्टिया (वर्तिका ) प १४७२ वड (वट ) ५ १ ३६११ उ ३।७१ वड (दे० ) प १५६ मत्स्य विशेष डर (दे० ) प ११५६ मत्स्य विशेष वडभी ( वडभी) ज ३।११।१ asar (अवतंसक ) प २२५४,५८ वडिय ( पतित ) ज ३।१२५,१२६ बडेंस (अवतंस ) ज ४।२२५,२३२,२६०११ वडेंसग (अवतंसक) १२५०, ५२, ५५ से ५६ ज ११४३३।१७८, १८३४।५०, १०६,११२. ११६,१५५,१५६,२३७, २३८, २४०, २४३ डेंसगधर (अकार) ज ७।२१३ वडेंस (अवतंसक ) प २१५० से ५३,५६ ज १२४२३११८६; ४१४६, ५६, १०२, ११६, १२०,१४७, २२१ से २२४,२३७,५३१,६,१८; ७१८४, १८५ ड्ड (वृधू ) वडति सू १६१२२/१६,२० वढते १६।२२।१४ वडिज्जति प ५१७६, २१६ वड्ढ ( वर्धय् ) वड्ढे इ उ ३।५१ वड्ढे सि उ ३१७६ वड्ढरयण ( वर्द्ध किरत्न) ज ३१५, १६,३१,५२, ५३,६१,६२,६६,७०,६६, १००, १४१, १४२, १६४,१६५,१७८,१८०, १८१,१८६, १८८, २०६,२१०,२१६,२१६,२२० वरयणत्त (वर्द्ध किरत्नत्व) प २०५८ वड्ढमाणय ( वर्धमानक) प ३३१३५ वढावय (वर्धापक) उ३।११ afar (वर्धितक) उ३१३८ यत्ता ( वर्धयित्वा ) उ३।५१ वड्ढोवुढि ( वृद्ध वृद्धि ) चं ३३१ सू ११७ १, ११०,१४:१३।१ वण (वन) ज ४।२००, २०१,२१२,२१४,२१५, २३४,२३६,२३७,२४०, २४१,२४४, २४५, २४६,२५१,२५२;५।५५,५७; ७१११४ duces (वनस्पति) प १८ १४, १०५, ११०,१२०; २०/२२ areफइकाइय (वनस्पतिकायिक ) प ६१६,८३ १२।२६; १३ १६; १५ २६, ५३, ५५, ७४१४०; १६।४; १७३६२,६६, १०२, १८३८; १६१२; २०११३,२६,४६, २१३,२७,७६, ८५; २२ २४; २८१३६,१२३;२६।१०,२०; ३०१६,३६।१३ से १०३५ १६,३४,३८ autosकाइयत (वनस्पतिका विकत्व ) प १५९६ फतिकाइय (वनस्पतिकायिक ) प १६ । १२; १७/४० वर्णमाला ( वनमाला ) प . १३०,३१,४१,४६ ज ११३८, ४।१०, १२१, १४७, २१७ ; ५११८ वयर ( वनचर) ३१।६।१ वणरा ( वनराजि ) प १७ १२४ ज २११२ वलय ( वनलता ) प ११३६११ वणलया (लता) ज ११३७ २ १०१ ४ २७; ५।२८ विरोह ( वनविरोध) ज ७।११४१२ वर्णाविरोहि (वनविरोधिन् ) सू १०।१२४१२ वणसंड ( वन षण्ड) ज १।१२ से १४,२३, २५, २८, ३२,३५,४११,३,२५, ३१.३६,४३,४५. ५७,६२, ६८,७२,७६,७८,८६,६०,६३,६५,१०३, ११०, ११६,११८,१४१,१४३, १५२१५३,१५४, १५६,१७४,१७६,१७८, १८३,२००,२१२, २१३,२१५,२२१,२३४,२४०, २४१,२४२, २४५७ २१३५८ वणस्स (वनस्पति) प ६ १०४; १७१३३; १८१५७,६२,२०१२८ Page #323 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०३६ Treasers (वनस्पतिकायिक ) प १११५, ३०, २०१३ से १५:३६, ५० से ५२,५८,६० से ६३० ६८.७१ से ७४,८०६१४ से ६७९३.९५. १६८ से १७०, १८३४००६० से ९४५०३. १७,१८.६६६।५३.०६, १०२, ११५ ९०२१ १५१८५१२१,१३७,१८१२७, ३५, ४०, ४३, ४४,५२,२०१८,२११५,४१:२२०३१,३६१३३ ज २।१३१.१४४ aणसइकाइयत ( वनस्पतिकायिकत्व) ज ७।२१२ वणस्पति (वनस्पति) प ६।१०२ २०४ वसतिकाय ( वनस्पतिकाधिक ) प ३।५०,५१, ६०, १३, १५, १०३ ४१०२५१६१६३.८३ १५७६ २४१६३०।१९ वणिज (वणिज) ज ७।१२३ से १२५ करण नाम वर्णिम (वणिज् ) ज २०२३ atra (नीबहुल ज १०१० Naण्ण (वर्णय् ) वण्णइस्सामि प १।१।३ वण (वर्ण) प १३४ से ६, २२० से २७.३०,३१, ४०, ४०१६:२२४१,४८,४१,६४, ३१८२, ५५, ७,१०,१२.१४.११.१८, २०, २४.२५,२८,३०, ३२,३४,३७ से ३६, ४१,४५,४१,५३,५६,५६, ६१,६३,६८,७१,७४,७६,७८,८३,८६,८६,६१, १३,१७,१०१, १०४,१०७, १०२, १११.११५. १११,१२,१३१,१३४, १३१.१३८, १४०, १४३.१४५, १४७, १४०, १५२, १५४, १६३, १६६,१६,१७२, १७४, १७७, १८१,१८४, १८७,११०, ११३,११७,२००,२०३, २०७ २११, २१४,२१८, २२१,२२४,२२८,२३०, २३२,२३४,२३७,२३१,२४२, २४४, १०१५३११, ११।५३,१७।१११,१७२७,१७,१८; ११४११, १२३ से १२६,१३२ से १३४; २३।१०८,१६०,२८६,७,२०,२६,३२,५२, ५२,६६२०१२५, २६:३६६००१ १।१२, २६ २७,१८,१३३,१४२३३,११,१२,८८, २११,४१२२,२४,३६,६०,८२.८४,८९,९४, वणस्स इकाइय-वष्णिय १३५, १६६, २६६, २७२: ५।३२,५८७ १७८ वण्णओ (वर्णवस्) १५ से ११११५४ २८७ २०,२६,५३ वण्णग (दे०वर्णक) उ ३।११४ वण्णग (वर्णक) ज ११३२,३६,२०,३३,५४,६३, ७१.८४, १३७,१४२,१६७,१०२,१११,१२७, २२२,४१,११७,५३१३, ७।५५ वष्णचरिम (वर्णवरम ) प १०३४६,४७ वष्णणाम (वर्णनामन् ) प २३०३८,४७,१०१ से १०६,१०१ तो ( वर्णतस् ) प ११८, ६, २८१३२,६६ वण्णनाम (वर्णनामन् ) प २३१०१ चणपज्जव (पर्यव) ज २१५१,५४, १२१,१२६, १३०.१४०, १४६,१५४, १६०,१६३, ७/२०१ वण्णपरिणाम (वर्णरिणाम ) प १३ २१, २६ वणमंत (वर्णवत् ११३५२, ५३ २८/५.६.५१. ५२ aura (वर्ण) प २१३२,४२,४३ ज ११२,३,१२, १६,२३,२५,२०,३१,३५,३०२११.०३ ४१३,२५,३१,३९,४०, ४७.५७,६७, ७६.११०, ११२,११५ से १२०,१२६, १२८,१३५,१३१, १४१ से १४४,१४७ से १४६, १५३ से १५६, १७८, १८३,२००, २०१.२१३,२१४, २१९. २२१,२३४,२४०,२४४, २४६, २४८ ५३, २१ से २२,२५ से ३७ नं ६.७.८ १२.३ उ १४१: ३।२१, ४११०३५६१४ वण्णय (दे०वर्ण क) उ ३।११४ वण्ण (वासा) (वर्णवर्षा ) ज ५।५७ वष्णादेस (देश) प ११२०,२३,२६,२६,४८ यण्णाभ (वर्ण) १२३२० से २५,५०,५९,६० ४।२२,३४,६०,६४,०४, ११३, २६६, २७२ वणवास (वर्ण) १।११.४६.३ । १९५. १७:४१४७.१५, २६,८४,१४६ ५।१२ वण्णिय ( वर्णित ) प १११ ३; १६१२१ Page #324 -------------------------------------------------------------------------- ________________ वहिदसा-वय १०३७ २५. वहिदसा (वृष्णिदशा) उ ११५,६:५११ से ३ वदित्ता (उदित्वा) ज ३।१२५ वित्त (वर्तय) बत्तइस्सामि प ३।१८३ वर्तेति बद्ध (वर्ध) ज ३।३५ प ३६१६२ वद्धमाण (वर्धमान) प २।३० ज ३३२ वत्तमंडल (वृत्तमण्डल) ज ३११७८ बद्धमाणग (वधानक) ज २१६४,३।३,१२,१७८%; वत्तव्व (वक्त०) ज ४।२६६७।१४१ से १४५, ४।२८,५:३२, ७।१३३१२ २०८,२०१६ १५० से १५२,१५४,१८६ सू१०।२० से २२ वद्धमाणगसंठिय (बद्ध मानकरा स्थित) सू १०१४१ वद्धमाणय (वर्धमानक) ज ३।१८५ बत्तन्वया (वक्तव्यता) प २।४०,४४,५११५२, वहाव (वर्धय्) बद्धावेइ ज ३।५,२६,३६,४७, २०५,२४४१११८०१५।१८ ज ३११५०. ५६,६४,७२,९०,१३३,१४५,१५१,१५७ १६१,२७७,४१५३,६४,७५,७६,८३,८६,६०, उ १।११० वद्धाति ज ३।११४,१२६,१३८, ६२,१०६,११५,१२६,२००,२०५,२०७,२२८, २०५,२०६ उ १११२२५४१७ वद्धावेहि २४०,२४६,२६२,२६८,२७७,७११०२ उ १११०७ वस्थ (वस्त्र) प २१३०,६१,४१,४६ से ५४; बद्धावेत्ता (व त्वा) ज ३१५ उ १५१०७ १५५५१२, १७११६ ज ३१६,११,१२,२६, वध (वध) उ ३१४८,५० ३६,४७,५६,६४,३२,७८,८१,८५,११३,१३३, वप्प (वत्र) ज ४१३,२५,२१२,२१२।३,२५१ १३८,१४५,१६७।६,१८०,२९१ सू २०१७, वरपगावई (वप्रकावती) ज ४।२१२।३ उश१६,३५:३१५१,५३,६३,६७,७०, बप्पावई (वप्रावती) ज ४।२११ वष्पिण (दे०), २१४,१३,१६ से १६,२८ वत्थधर (वस्त्रधर) ज २१६१५१४८ वमण (वमन) उ ३।१०१ वत्थव्व (वास्तव्य) ज ५१ से ३,५ से ७ वममाण (वमत् ) उ ३३१३० वत्थारुहण (वस्मारोहण, वस्त्रारोपण) ज ३।१२,८८ बमिय (वमित,वान्त) उ ३।१३०,१३१,१३४ वस्थि (वस्ति) ज २१५, ३१११७ वम्म वमन्) ज ३३१ वत्थिकम्म (वस्तिकर्मन) उ ३११०१ वम्मिय (अमित) ३७७,१०७,१२४ उ १११३८ वस्थिपुडग (दे०) उ ११४४ से ४६ । बय (पच्) बुच्चइ च २११ वोच्छं प २१६४११८ वस्थिभाग (वस्तिभाग) ज ३१११६ वत्थु (वस्तु) १४१५ ज ३१३२७।१०१,१०२ बिय (द्) यएज्जा ज ७।३१ सू १०११० श्यंति सू १०।१:१५॥१,३७ ज श६५१,६४ वयह उ ३.१०३;४११४ व मि वत्थुपरिच्छा (वस्तुपरीक्षा) ज ३।३२ उ १७६ कामो सू ११२०-यासी जशक्षा वत्थुप्पएस (वस्तृप्रदेश) ज ३।३२ २१६४,६०,६५,६७,१०१,१०५,१०७,१०६, वस्थुल (वास्तुक) प १।३७।२,३८।२,४४०१ १११,११४,३१५,७,१२,१८,२१,२६,२८,३१ ज २०१० से ३४,३६,४१,४७,४६,५२,५६,५८,६१,६४, विद (वद) वदा र ३१७७ वदंति सू २०१२ ६६.६६,७२ ७४,७६.७७,५३,६०,६१,६६, वदह ज ३।११३:५७२११२४ बदामो १०५,१०७,११३ से ११५,१२४,१२५,१२७, मू५११ वदिस्थति ज २११४६ वदेज्जा १२८,१३३,१३८,१४१,१४५,११,१५४, सू ६३१२ १५७.१६४,१६८,१७०,१७३,१७५,१८०,१८५, Page #325 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०३८ १८८,१६१,१६६,२०६;५३३, ५, १४, २१, २२,२६ २८,४६,५४,६६,७२ चं १० सू १५ उ ११४; ३।२६४|१४; ५/१५ वयाहि ज ५।२२ उ १११०७ वय (स) ज २।३१ वय (व्रत) प २०१७, १८,३४ उ ३१४८, ५०, ५५ वयं (स्व) ज २१२६ वयगुत्त ( बचोगुप्त ) उ ३६६ वयण ( वचन ) प ११ ८६ ज २।१३३३३३, ८, १३,१६,२४,३२१२,५३,६२,७०,७७,८४, १००,१३१,१४२,१६५, १८१,१६२,२१३: aण ( वदन) ज २।१५,१६,३६,५।२१ उ १११५,३५,३३६० वयणमाला ( वदनमाला ) ज २१६५३ । १८६, २०४ वयमाण ( चदत् ) प १११२६,८७ वर ( वर ) प २४०1८,२४६; ३६१८३१२ ज १११६,३७,३८, २२१५,२०,६५,७१, ८५, ६५,६६, १००, १२०, ३१३,६,७,१२,१८,२२, २४,२८,३१,३२,३५,४१,४६, ५२, ५८,६१, ६६,६६,७४,७६,७७, ७८,८२,८८, ६३, १०७, १०६,१२४, १२५, १२८,१३१,१३७,१३८, १४१, १४७, १५१, १५२,१६३,१६४,१६८; १७५, १७८, १८३, १८६, १८७, २०६,२१०, २१३,२१८,२२१,२२३ ; ४११०,११५, २१७; ५१७,२१,४३,५६,५८७११७८ सु १६।११।१ उ १११, ४१, ४६,६४,६१,१२१, १३८:२६; ३।५६,६४,६६,६८,७६, ८१ ५१५, १३, १६, २०,२५,२७,३१ वर (बरक) प १३४५।२ तृण धान्य, चीनाधान ( वर ( वरय् ) वरति सू १६२२ १६ वरयंति चं २२ ११६१२ वरयति सू ७।१ वरणगणिहस ( वरकनकनिकष ) प १७ १२७ वरग ( वरक) ज २।३७ तृणधान्य वरम (वरक) उ४|६ वरगंध ( वरगन्ध ) प २ ३०, ३१,४१ वरगंधघर ( वरगन्धधर ) तू १७/१ वरगंधित' ( वरगन्धिक) सू २०/७ वरगय (वरगत) ज ३१६,१२,१८,२८,४१,४६, ५८,६६,७४,७८,८२,९३, १३६, १४७, १८०, वरदत्त (वरदत्त) उ५१२१, २२, २४, ३१, ४०, ४१, ४३ वरदाम (वरदामन् ) ज ३१३०,३१,३३,३६,३६,४१; ६।१२ से १४ ५।१५,२३,२६,२७,६६,७३११३३,४५,१०८ वरदामतित्थकुमार (वरदामतीर्थ कुमार ) ज ३।३३, वय-वरुण १८७,१८८,२१२,२१३,२१८,२१६,२२२; ५:४७, ६० वरपग (वरचम्पक) ज ३१३ राजचंपक वरण (वरण ) प १६३१४ ३६ से ४१,४३ वरदामतित्थाधिपति (वरदामतीर्थधिपति) ज ३१३८ बरसण्णा (वरसन्ना ) प १७११३४ वरपुरिसवसण ( वरपुरुषवसन ) प १७।१२७ वरबोंदिधर (वर' बोंदि धर ) सू १७|१:२०११ वरमल्लधर ( वरमाल्यधर) सू १७/१,२०११,२ वरवत्थधर (वरवस्त्रधर ) सू १७/१; २०११, २ वरवारुणी ( वरवारुणी ) प१७/१३४ वरसीधु (वरसीधु) प १७ १३४ वराडा ( वराटक ) प १४६ वराभरणधर ( वराभरणधर ) सू १७११ वराभरणधारि ( वराभरणधारित्) सू २०११, २ वराह (वराह ) प १६४२।४६ उ २१३५ वराहमंस ( वराहमांस ) सू १०।१२० वाराहीकंद वराहरुधिर ( वराहरुधिर ) प १७।१२६ वरिट्ठ (वरिष्ठ) ज ३३८१,५३२१ वरिस (वर्ष) ज ३।१७५ वरिसारत ( वर्षरात्र ) सू १२/१४ ३ ५।२५ बट्ट (वरुड ) प १६७ पिच्छिकार, बेंत का काम करने वाला वरुण (वरुण) प १५ ।५५११ ज ७ १३०, १८६३ उ ३१५४ १. अतोऽनेकस्वरात् इति इक प्रत्ययः । Page #326 -------------------------------------------------------------------------- ________________ वरुण-वहिय १०३६ वरुण (काइय) (वरुणकायिक) ज ११३१ ७७,८४,६१,१००,११४,१४२,१६५, वरुणदेवया (वरुणदेवता) मु १०।८१ १६७।१४,१७३,१८१,१८६,१९६,२१३; वरुणवर (वरुणवर) सू १६३१ ५२१,२७,४१ उ ११२१,४२, ३।३३,१३६ वरुणोद (वरुणोद) सू १६३१ वसंत (बसन्त) प ७।१४४।२ सू १२११४ उ ५.२५ वरेल्लग (दे०) १७६ वसंतमास (बसन्तगास) सू१०।१२४।२ वलभीधर (वलभीगृह) ज २१२० वसंतलय (बामन्तीलता) ज ५१३२ वलभीसंठित (वलभीसंस्थित) म ४१२ वसट्ट (वसात) उ १२५२,७७ वलय (वलय) प ११३३।१,११४३ ज ३।६,२२२ वसण (दमन) ५ २।४०।१०,११ ज ३१७,१८४ उ ३११३० वलयाकारसंठाणसंठिय (वलयाकारसंथानमंस्थित) ज ४१२३४,२४०,२४१ वसणभूय (बसनभूत) ज २।४३ वलयागार (वलयाकार) सू१६२,६,६,१२,१६, वसभर्मस (वृषभमांस) सू १०।१२० २८,३२,३६ वसभवाहण (वृषभ वाहन) प २१५१ ज २१६१;; वलवा (वडवा) ५ १११२३ ५१४८ वलि (वलि) ज २११५,१३३ उ १।३४,४०,४३, वसभाणुजात (वृषभानुजात) सू १२।२६ ४६,४८,४६,५१,५४,७४,७६,७६ वसमाण (वसत्) प ३३१८,३१,१८० उ ११११०, बलिय (वलित) ज २११५, ३११०६; २५ १२६,१३३ वल्लभ (वल्लभ) ज ११२६ वसह (वृषभ) ज २६१,७१७८ च १४ बल्लि (वल्ली) ज २११३१,१४४ से १४६:३३२ वसहरूवधारि (बषभरूपधारिन् ) ज ७११७८ सू१८।१४ वल्ली (वल्ली) प ११३३११ ११४०,११४८१६१ वसहि (वसति) ज २।१६,३।१८,३१,१४० वल्लीबहुल (वल्लीबहुल) ज १११८ उ १११०,१२६,१३३,३३३६ ववगय (व्यपगत) प १११।१२।२० से २७ वसा (सा) परा२० से २७:१५३११२,१५१५० ज ११२४ ; २।१५,२३,२५,२६,२८,३० से ३२, बसिट्ठक ड (वाशिष्ठकूट) ज ४१२०४११ ३६,४०,४२,४३,७०,३१२०,३३,५४,६३,७१, बसु (वसु) ज ७।१३०,१८६।३ ८४,१३७,१४३,१६७,१८२ वसुंधरा (वसुन्धरा) जाला? Vबवरोव (कि- अप-1 रोपय ) ववरोवेइ प २२१६ वसुदेवया (वसुदेवता) सू १०८० उ ११२२ वसुहर (सुधर) ज ३११२६।१ ववरोविय (व्यपरोपित) उ ११२५,२६ वसुहा (वसुधा) ज ३११८,३१,१८० ववसाय (व्यवसाय) ज ४।१४०।१ वह (वध्) बहंति ज ७।१६८।२ बवसायसभा (व्यवसायसभा) ब ४११४० यह (बध) उ १११३६, ३।४८,५० ववहार (वहार) प ११।३३।१:१६।४६ उ ३१११ वह (व्यथ) उ ५२।१ ववहारसच्च (व्यवहारसत्य) प ११३३३ ।। वह (वह) उ ५।२।१ विस (वस्) वसइ ज ३।१२२ बसाहि वय (वधक) ज २८ ज ३११८५ वहस्सइ (बृहस्पति) : ७/१३०,११।३ वस (वश) ज ३१५,६,८,१५,१६,३१,५३,६२,७०, बाह्य (व्यथिन) ज ३११११,१२५ Page #327 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०४० वा-वाणमंतरी वा (वा) ११११८७ ज २१३९ सू१।१४ उ ११२७; वाउभक्खि (वायुभक्षिन्) उ ३.५० ३।१०१ वाउल (व्याकुल) ज २११३१ वा (वा) वाहिति ज रा१३१ वाकरेमाण (व्यागणत्) ज १७८ वाइ (वादिन्) ज १८० वागरा (वि+आ-कृ) वागरेहिति उ ३१२६ बागरेहिती उ ३।२६ वाइंगण (दे० वातिकुण) प १।३७११ बैंगन का गाछ वागरण (व्याकरण) ज ७२१४ सू३ उ १६१७, वाइंगणिकुसुम ('वाइंगणि'कुसुम) प १७१२५ ३२६ वाइत (वादित) प २।३०,३१,४६ बागल (वाल्कल) उ ३१५१,५३,५५,६३,६६,७०, वाइय (वादित) प २१४१ वाइय (वाद्य) ज ११४५,२१६५,३८२,१५५, बागली (दे०) प १४०२ बागुची, एक औषधि १८६,१८७,२०४,२०६,२१८,५११,१६,७१५५, वाघाइय (व्याघातिक) ज ७१८२ ५८,१८४ सू १८१२३;१९२३,२६ वाघात (व्याघात) प ११७४; २११६५ वाइय (वातिक) उ ३३११२,१२८ वाघातिम ('व्याधातिम,व्याघातिन् ) सू १८२० वाउ (वायु) प६८६,१०४,११५६।४१३।१६, वाघाय (व्याध.त) प २१७२८।३१ उ ११६५,६६ १७१४०,६६, २०१८,२३,२८,५७; २११८५; वाण (वाण) प ११३७६४ २२।२४ ज २१६३११७८,४१४६५१४३,५२; वाणपत्थ (दानप्रस्थ) उ ३१५० ७१२२११,१३०,१८६१४ सू १०१८४११ वाणमंतर (वानव्यन्तर) ११२१३०,१३१:२।४१, वाउकाइय (वायुकायिक) ११५:२।१० से १२; ४३; ३।२७,१३५,१८३;४।१६५ से १६७%, ३।५,५० से ५२,५७,६० से ६३,६८,७१ से ५१३,२५,१२१,६।२५,५६,६५,८५,६३,१०६, ७४,७६,८४ से ८७,६२,६५,१६५ से १६७, १११,११७,७१५,६११,१८,२४;१२२६,३६; १८३,४७६,८०,८२,८३,८५ से ८७,५१३, १३।२०१५॥३५,४५,८७,६६,१०४,१०७, १५,१६,६।१६,६२,६२,१०२ १११,१२४;१६१६,१६,१७।२६,३०,३२,३४, ५२,७७,८१,८३,६८,१०५,१६।४।२०।१३, वाउकाय (वायुकाय) सू २०११ १६,२५,३०,३५,३७,४८,५४,६१,२११५५,६१, वाउकुमार (वायकुमार) प १११३१,२।४०१, ७७,६०,२२।३१,३६,७५,८८,१००,२४१८; ६,११:५१३;६।१८ ज २।१०७.१०८ २८1७२,११७,११६; २६।१५,२२,३११४; वाउक्क लिया (बातोत्कलिका) प श२६ ३२॥५३३३१४,२२,३०,३४,३७, ३४।४,१०, वाउक्काइय (वायुकायिक) प १।२७; २।११; १६,१८३५१५,२१:३६।२५,४१.७२ १२॥३,४,२३; १५२६,८५,१३७,१६१५,१२; ज १११३,३०,३३,३६ ; २।६४,६५,६६,१०० १७।६१,१०३,१८।२६,३४,३८,४०.४२,५२; से १०२,१०४,१०६,११०,११३ से ११६, २०१३१,४५,२११२६,४०,५०,५७,६४,२२।३१; १२०,४१२,२४८,२५० से २५२, ५।४७, ३४१३; ३६१६,३८,५६,७२.७५ ५३,५६,६७,७२ से ७४ सू २०१७ वाउकाइयत्त (वायुकायिकत्व) ज ७।२१२ वाणमंतरत्त (बानव्यन्तरत्व) ३६।२२,२६ वाउक्काय (आयुकाय) ज २११०७,१०८ बाणमंतरी (वानव्यन्तरी) प ३३१३६,१८३, वाउन्भाम (वातोद्भाम) प ११२६ १. भावादिमः इति सूत्रेण इमः , Page #328 -------------------------------------------------------------------------- ________________ वाणारसी-वास १०४१ ४।१६८ से १७० १७१५२,८२,८३, २०१३ वाणारसी ( गणसी) प ११९३।१ उ ३।२७ से २६४६,४८,५०,५१,६५,६६,६६,१००,१११ वाणिज्ज (वाणिज्य) ज २२३ वातिय (पातिक) उ ३।३५ बाध (व्यावाध) ज २१३६,४१ वाम (काम) ज २११३, ३१६.१२.२४।४,३७१२, ४५२,८८,११७,१३११४५२१.५८ उ१११५,११६ ; ३१६२ तामण (बामन) १ १५:३५; २३।४६ वामणी (वा पनी) ज ३१११११ वामभुयंत (समभुजान्त) सू २०१२ वामेय (मामे) प २१३१ वाय (कान) २४८ ज २१६.१०,१३१,१३३, ३१११,२४।३,३७।१,४५॥१,११७,१३१।३, २११४।१६६,५१३८,५८ ‘वाय (वाचथ्) बाएंति ज ५।५७ वायंत (वाद न्) ज ३।१७८ वायकरग (व:तक रक) ज ३१११; ५।५५ वायमंडलिया (वातमण्डलिका) प ११२६ वायस (वायस) प ११७६ वायुदेवया (वायुदेवता) सू १०.८३ वारि (शरि) ज ३२२०६:५२५६ वारिसेणा (नारिषणा) ज ४१२१०५६१ वारुण (आरुण) ज ७.१२२२ सु १०१८४।२ वारुणी (वारुणी) ज ५१११११ वारुणोदय (वारुणोदक) १ ११२३ वाल (व्याल) ज ३१२२२ उ ३.१२८ वाल (बल) ज ७१७८ वालग (व्यान) ज ११३७, २१४१,१०१, ३१२०; ४।२७।५।२८ बालग्ग (वालाग्र) जश६,७१७८ वालग्गपोइया (दे०) ज २१२० वालगपोतियासंठित ('वालाग्रपोतिका'संस्थित) वालपुच्छ (व्यालपुच्छ) ज ७।१७८ वालिघाण (वालधान) ज ७।१७८ वालिहर (वालिधर) ज ७१७८ वाली (पाली) ज ३३० वालुंक (वालुक) प ११४८४८ कपिप्थ की छाल वालुयप्पभा (वालुकाप्रभा) प ११५३, २११,२०, २३,३११३,२१,२२,१८३४।१० से १२; ६।१२,७५,७६,१०११;२०१६,३६,२११६७; ३३१५ वालुया (बालुका) प ११२०११, २१४८ ज ३११११, ११३, ४११३,२५,४६ सू २०१७ उ ३१५१,५६ वावण (व्यापन्न) व १२१०१।१३ वावण्णम (व्यापन्नक) प २०१६१ वावहारिय (व्यावहारिक.) ज २१६ वादिय (व्यापित) ज ३७६.११६ वावी (वापी) ५२।४,१३,१६ से १६.२८,१११७७ ज ११३३,२।१२,१५, ४१६०,११३,७११३३११ वास (वर्ष) प ११४६; २२१,४११,३,४,६,२५,२७, २८,३०,३१,३३,३४,३६,३७,३६,४०,४२, ४३,४५,४६,४८,४६,५१५२,५४,५६,५८, ६२,६४,६५,६७,६६,७१,७६,८१,८५,८७, ८८,६०,६४,१२५,१२७,१३४,१३६,१४३, १४५,१५२,१५४,१६५,१६७,१६८,१७०, १७१,१७३,१७४,१७६,१७७,१७६,१८०, १८२,१८३,१८५,१८६,१८८६.३७ से ४१; १६।३०।१८२,६,६,१२,२०,२१,२८,३२, ३४,३५,४७,५०,५२,२०१६३;२३।६० से ६४, ६६.६८,६६,७३ से ७८,८१,८३,८५ से १०, ६२,६५ से ६६,१०१ से १०४,१११ से ११४, ११६ से ११८,१२७,१३०,१३१,१३३,१४७, १५८,१६६,१७६,१७७,१८२,१८३,१८७, २८/२५,७४ से ८७,९७ ज १११८ से २३, ३४,३५,४७ से ५१२।१,४,६ से १५,२१ से ४५,५०,५२,५६ से ५८,६५,७१,८८,६०, १२२,१२३,१२६ से १२८,१३० से १३४, Page #329 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०४२ १३८ से १५०,१५४, १५६, १५७, १५६, १६१, १६४३०१, ३,२६,३२,३६.४७,५६,६४,७२, ७७,७६, १०३, १०६,११३.१२४,१२६,१३३, १३५।२, १४५,१६७.१७५, १८५.१८८, २०६, २२१,२२५,२२६, ४११,३५,४२, ५५,५६,६१, ६२,७१,७७,८१ से ८३,५६,१४,१८, २६ से १०३,१०८१६२,१६७७, १६९ १७२ से १७४,१७८,१८१, १८२.१८५, १८७, ११२. १९४,१६,१६ से २०३,२०५,२०,२१३, २६२,२६५, २६६,२७१ से २७३, २७७ ५०५५ ६६।१,६६,१२,१३,१४,१९७१५६ से १५६,१५७ से १२० ४ ३ ६ १ १० ६३ से ६६ ११८/२५ से ३०:२०१७ ११६ १४१, १४७, २०१२,१३,२२३।१४,१६,१८, २१,८३,८६,१०४, ११८, १२५, १५०, १५२, १५७,१६१,१६५,१६९, ४२४,२६,२८ ५।२४,२८,३६,४१,४३ वास (वर्ष) वर्षा ज ३१११५, ११६५७; ७११२३४ १०।१२६।३.४ ( यास (वृष) वासंति ज २१८४ ५७,५७ वासति सू १०।१२६३ वासह ज ३११२४ वासिस्स ज २१४१ से १४५ वासिहित ज २११३१ वासंतिष ( वासन्तिक) ज २।१० वासंतिला वासन्तीलता) ११३६।१ वासंती ( वासन्ती ) प १३८३२२।१५ वासचर (कामगृह ) ज ३।३२ सू २०१७ १३३ २१२५ वासपुड ( वासपुट) ज ४।१०७ वासमा (वत्) ज ३।११६ वासयंत ( वासवत् ) ज २२६५ वासरेणु ( वासरेणु) ज २२६५ बाहर (वर्षवर ) प १५५५१२ ज २४६५ : ३।१३१ ४११०२, १०८, ११०,१४३, १६२.१६७.१८१. १०२, १८४,१६०, २००६ १०.१६ वासहरकूड (वर्षधरकूट ) ज ६१११ वासहरपव्यय (घ) २०११६३० ११८,४८,२१:२०१३१:४११ २ ४४, ४५. ४८, ५४,५५,६१ से ३,७२१.६,८७, १६ से १०.१०२.१०२.१००, ११०,१४३, १६२,१९,१७३ मे १७६.१७,१५०.१०४. १९०,२०० से २०६२०२१२६२ २६४ २६० से २७०,२७२ से २७६५।१४.१५: ६.१०,१८ वासावास ( वर्षावास ) ज २१५० वासि (तुम) २०११५ वासिकी ( वार्षिकी) सू १२/१८ से २३ वासिड (वाशिष्ठ) ७१३२२ १०११४. वासिता (वर्षवित्वा) २७ वासी (बागी) ज २७० वासुदेव ( वासुदेव ) प ११५४, ९१, ९२६, २०११११ ४२.१५, १७ से ज २।१२५ १५३७२०० १६ वास-विउल वासुदेव ( वासुदेवस्य ) ६२०१५६ वाण (वान) ज २६४३।१७,२१,३१,३२, ८१, १०३, १०२, १७७.२०१५,२२,२६ १३६६,६४,६९,११५,११६ वाहि ( व्याधि) ज २०१५.१११,१२३ वाहिनी (वाहिनी) उ ३।११०१४११६,१८ वि (अपि) प १३५ ज १।१६ १६ उ १११७ विक्कत (शिकान्त ) २२७११६८१४० √ विजयकम (वि उन् ! क्रम) विउक्कमंति I ६१२६ विट्ट (विवृत) २०११५ उट्ट (निस) विजल (वि) ४१३०,६६,६१ २०२०२१४१११५ २२६४,६५.११.१२०.२०२,६७.१०३१८५, २०६५।२६, ५४७१७६११७.२३ २२११३०७,५०,४,५,९१.१८.१०१.१०६ १०७.११०.१२९,१३१.१३४,१३६.१४६ ४११६ Page #330 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विउलमइ विग्गह चिलम ( विपुलमति ) ज २८० विउ (विकृ) विजय ज ५१४१,४६,६०, ६६ ३६२ उव्वति प ३४।१६ २१ से २३ ज २१०२,१०६, १०८३१११५,१६२,१६४, १५, १७, १८५१५५, ५७ विउवह २११०१,१०५,५१३ विउब्वाहि ज ५१२८ उह ज ३११९१ पित्त (विकिद्विप्राप्त) सू १३।१७ विजवण्या (विकरण ) उ ३४११ से ३ विन्वणा (विकरणा ) उ ३१७ विनमाण ( विकुर्माण ) सू २०१२ (म्) ज ७।१८३ १८।२१ विजवित्ता ( विकृत्य ) प ३४।१६,२१ से २३ उ ३११२३ विउत्रिय (त्रिकृत ) प २१४१ विवेत्ता (वि) ज ३।१६१ विउसमण ( व्यवशमन ) २०७ विझगिरि (विन्ध्यगिरि) उ३।१२५ विट ( वृन्त ) प ११४८४६ विणिज्ज (बृंहणीय ) प १७ १३४ V विकंप (वि + कम्पू ) किं चं ३।२ सू ११७१२ विपत्ता ( विकम्प्य ) सू ११२४ विकंपमाण ( विकम्पमान) सू ११२४ विकप्प (विकल्प) ज ३१३२ विकप्पिय ( विकलित ) ज ३११०९ विकल ( विकल ) ज २११३३ विकिष्ण (विकीर्ण ) ज ७।१७८ afera ( विकृत भूत) ज ५।५७ विरकर (विकिरणकर) ज ३।२२३ विकिरिज्माण (विकीर्यमाण) ज ४११०७ विकुस ( विकुश ) ज २२८६ विक्कत ( विक्रांत) ज ३।१०३ विक्कम (विक्रम) ज ३।३७ १९७८ १११ विश्वंभ ( विष्कम्भ ) प १२७४ २५०,५६,६४; २१८४,८६,८७,९० से ६३, ३६१५६,६६, १०४३ ७०,७४,८१ ज ११७ से १०,१२,१४,१६,१८, २०,२३ से २५,२८,३२,३५,३७,३८, ४०, ४२, ४३,४८,५१,२१६,१४१ से १४५, ३६५, १६, १५९,१६०.१६७ ४ १ ३, ६, ७, ९, १०, १२, १४, २४,२५,३१,३२,३६,३० से ४१,४३,४५,४७, ४८,५६,५२ से ५५, ५७,५६,६२,६४,६६ से ६६,७२,७४,७५,७६,७८,८०,८१,८४ से ८६, ८,८६,६१ से २३, १५, १६, १८, १०२, १०३, १०८, ११०,११४ से ११६,११८ से १२७, १३२,१३६,१४०,१४३, १४५ से १४७, १५४ से १५६,१६२,१६५,१६७ ११,१६६,१७२, १७४,१७६,१७८,१८३,२००,२०१,२०५, २१३,२१५ से २१६.२२१,२२६,२३४,२४० से २४२, २४५,२४८ २१३५,७१७, १४ से १६, ६६,७३ से ७८,६०,६३,६४,१७७,२०७ चं ३१२ सु१७/२:१।१४,२६,२७,१८१६ से १३; १६/४,७,१०,१४.१८,२०,२१११,३०, ३१, ३४, ३५, ३७ विries (विष्कम्भसु ि ) प १२ १२, १६, २७, ३१३६ से ३८ विषय ( विक्षत ) ज २११३३ विवखुर (दे० ) प ७११७८ विग ( वृक ) ज २१३६ विगत ( विगत ) प १३८४ विगतजोइ (विगतज्योतिस् ) मु १४११०३१५१८ से १३ fare ( विकृत) ज २१३३ विगयमिस्सिया ( विगतमिति ) ११३६ विधि (विकलेन्द्रिय) १९१८३ से ८५; १५।१०३:२० १३५; २२८ २:२८।११५.१२७, १३८, ३११६।१, ३४।१४:३५।११२,३५७; ३६।५६ विगदिय ( विकलेन्द्रिय ) प ११५२ विगोवइत्ता ( विगोप्य ) ज २१६४ विगह ( विग्रह ) प ३६ ६०, ६७ से ६६,७१,७५ ज ५३४४ उ ३३६१ Page #331 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०४४ विनारि-विज्जुष्पभह विचारि (विवारिन) म १६१ विचित्त (विचित्र) ५२।३०,३१,४१,४६ ज २०१२; ३।६१०६,२२२,७१७८ ३ २०१७ उ २११० ३.१४,८३,१०२,१३५,१४२,४१२४,५।२८, विचित्तकूड (विचित्रकूट) उ ६।१० विचित्तपक्ख (विचित्रपक्ष) प ११५१ विचित्ता (विचित्रा) ज ५११ विच्छड्डयित्ता (विच्छद्य) ज २१६४ विच्छड्डिय (विदित) ज ३११०३ विच्छिण्ण (विस्तीर्ण) : २१५१,५२,५४,५६,६० ज ११८.१८,२०,२३,२५,३२,३५,४८,५१, २११५,३११,१८,३१,३५,५२,६१,६६,१०३, १०६,१३१,१३७,१३८।१,१४१ १६४,१८०; ४।१,३,४५,५५,६२,८६,८८,६८,१०३.१०८, ११०,११४,१४१,१५६.१६२.१६७.१६६, १७२,१७८,१८५,१८७,१६१.२००,२०३, २०५,२१३,२१५,२४२,२४५,२४६,२५१, २५२,२६२,२६८,२३,२८,४६;७.१७७।१,२ उ ३१३७ विच्छिण्णतर (विस्तीर्णतर) ज ४११०२ विच्छिप्पमाण (विस्पृश्यमान') २१६५; ३।१८६,२०४ विच्छुत (वृश्चिक) प १३५१ विच्छुयअल (वृश्चिक ल) ज ७१३३।३ विच्छ्यनंगोलसंठिय (वृश्चिक लांगूलनास्थित) सू १०१५२ विडि (द्विजटिन्) सू२०१८,२०१८) विजय (विजय) प १११३८,२११,४८.६३ ; ४१२६४ से २६६,६१४२,५६७२६ १५१५५१२,१५८६,६२,१००,१०५,१०८, १०६,११३,११४,११६,१२०,१२१,१२३, १२५,१२६,१३१,१३६; २८९६ ज १११५, १६,४६,५१,११७:३३५,१८,२४१४,२६, ३१,३५,३७१२,३६,४५१२.४७.५२,५६.६१, ६४,६६,७२,८१,९०,११४ से ११६,१२२, १२४,१२६,१३११४,१३३.१३५,१३७,१३८ १४१,१४५,१५१,१५७,१६४,१३२,१७८, १८०,२०५,२०६,२०८,२०६; १४६५२, १०३,१६२,१६७ से १७,१८१ मे १८४, १८७ से १९१,१६३,१९६.१६७,१६६ २०३,२०६,२१२,२६२।४३,५५,५३,५८ ६.६. १ १:४,१२२१२ च ५१४११०१८४ २,१२४११ उ ११०७.११०,११६,११८, १२२,१३०,५१७ विजय (दिचय) १९ विजयखंधावार स्वा३।१७२ विजयडूस ( ४८५ विजयपुरा ( 1) १२ विजयवेजइया (विजयी ) १२,२८, ४१,४६,५५.६६,७८,४७,१६८ विजया (विजया) ४२१८,२१२१४५१८।१; ७१२०१२,१२६ विजह (वि : हा) विहति सू १५३८ विज्ज (विद्) विज ३११२१११ विज्जल (दे०, वि ): ३८ विज्जा (विद्या) ३१६०१ विज्जाहर (विद्याधर) १६१.२११६३ ज ३.१३७ रो १३६,२०:४/७ २ ।२८ ३ ५१५ ज्जिाहरसेढी विद्या मोज ११२५ से २८% ४११७२:६।१५ विज्जु (विधु) १९६६१,२१४०।६,११ ____ ज ४।२१०१? सू०१ विज्जुकुमार (विध कु. :) ११३१; १३; ६.१८ विज्नुकुमारिका ) विन्दुः (न्यूयत) विज्छप्पन (६.बुर से २१० विजुप्पम शुभ १२१० विजुप्पभदह (विद्युमन ल ४६६४ १. हे०४।२५.७ Page #332 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विज्जुपविद्ध हि (वि) ज ४।२१५ रज्जुप्पहार (युत्प्रभवक्षस्कार ) ज ४।२०५ विज्ह (विमुख ) प १८६ विषेश (वि) ज २१३१,४ । २११ ; शर दिज्जु ( () विज्जुयाति ज ५७ विज्gare (विद्युत्यत्वा ) ज ५७ विज्झडिय (३०, मिश्रित ) ज २।१३३ विज्झिडियमच्छ (सिडिय मत्स्य ) प १।५६ विद्धि (विष्टि ) ५११२३ से १२५ fastu (f) ७२१७८ विडिय (२० प ) २४६ ४१४६ विमिंदर (६०, पिटपान्तर ) ज २०१६ दिड्डा (त्रीडा) ११५८,८३ विण (निप्ट) ज २११०३.१०४ विर्णामि (निमि) ३११३७,१३८,१३६ विजय (विनय ) प १११०१।१० ज ११६, २२६०, ६०,१३३, ३१८,१३,१९५३,६२७०,७७,८४, १००,१४२.१४७,१६५, १८१,१८६,१९२ २०५,२०६२१३५११५,२३,५८,६६,७३ यू २०१६ उ १११६,४५,५५,५६.६७ ८०,०३,१०८.११६,१२०,३११२० विणास (नाम) प १७४ विभासण (विजन ३८८१०९५७ विनियमं (विच्छा) ३११०६ विणित (त्) ११३७३।१२, ६८४१५८ वणी (वणी) वि२०४६ वर्णेति उ ११३४ निमि १।७४ विणीला ( विनीतः) ज ३११८२ विणीय (त्रित) उ५१४०, ४१ footer (२/१६,६५,३११२७,८, १४,८७,८५,१०६,१७२, १७३, १८०, १८३ से ܬܘ &o3 ex Po,> ?, ?, . ܔܔ २१२२२०२६१२४११०० विore (विशक) २०१२७, १२७३५४४३ √ विष्णव (वि + ज्ञपय् ) विष्णवे उ ११०१ बिष्णवणा (विज्ञान) उ ३३१०६ विगविज्जना (विज्ञप्यमान ) उ१।१०२ विवि (विज्ञपयितुम् ) उ १६६ विve (विष्णु) ज ७।१३०,१८६१३ faughar (foदेवता ) सू १०१७९ वितत (वि) ज ५३२, ५७ तिपक्खि (तितपक्षिन् ) प १७७,८१ वित्त ( वितृप्त ) सू २०१८,२०1८1८ वितत्य ( वित्रस्त ) सू २०१८, २०१८ तिथि ( वितरित) ज २१६ वितिमिर (वितिभिः ) प २/६३३६६३,९४ वितिरितराग (वितिमिरतरक) ५१७ १०८, ११० वित्त (वित्त) ज ३११०३, ५५८ वित्त (वेव) ज ३ | १०६ विति (वृत्ति) ज १११३.३०,३३,३६,२११३४; ४२ वित्थड (विस्तृत) ज ३।११७,७१३०,३१,३३ मु ४५३, ४, ६, ७,१६/२२११५ वित्थय (विस्तृत) ज ३१३२,१०६ विस्थर ( विस्तर) ज २।१३४ fararves (विताररुचि ) प १।१०१।१,६ वित्थिष्ण (ती) प २२५०,४६,५८ ज ११२४, २८ ३१२१,५१४ विदिशा (विदिशा ) ज ४११०६,१५५,२०४,२१०, २१२.२३५.२३७५।१२ विदिसि (विदिश् ) प ३६।७०,७२ ज ५।१२ विसिवाय (विदित) ५१।२६ विदेह (देह) प ११६३३,६४१११।१२६, १३३ विदेहजंबू (विदेहजम्बू) ज ४११५७।१ विदुम (वि) ज ३।३५ वि (विद्ध) ज ३।२५ (ध्वंस) १०४५ : विद्धरोहित सरदर १११७२२८१४०,४३,६६ २११५१ Page #333 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०४६ विद्वंसइत्ता ( विध्वस्व ) प २८|६६ विद्वंसण ( विध्वंसन) उ ११५१,५२,७६,७७ विद्वेत्ति (रिध्वंसितुम् ) उ११५१, ५२.७६, ७७ विद्धि ( वृद्धि) ज ७११८६१३ सू १५१८ विष्पण (महाण ) ४३६१६२ free हित्ता ( विप्रहाय ) प ३६।६२ विपचिण (विप्रतिपन्न) उ३२४७ विधाउ (विधा ) प २४७२ विधुय (विधुत ) ज २३१०:४।१६६ विपुल ( विपुल ) ज २२६६; ३३८८, १०६ विपुलतर ( विपुलतर) ज ४।१०२ विप्पजद ( विप्रहीण ) उ ११२०, ६१ / विप्पजह (विप्र हा) विप्पजहति प ३६६२ विभु ( विभु ) ज ५१५, ४६ fareyes ( विमुक्त ) प २१६४११, ६, १६:२५; ३६/८३१२ ज ३११२,८८,६२,११६; ५७, ५८ ३।१५६ विपरिणामइता (परिणम् ) २८१२०,३२,६६ विमान (प्रलयत् ) उ ३११३० विपति (विप्रोषित) सू २०१७ विषय (विज) उ ३३१३१,१३४ विबुद्ध (विबुद्ध) ज ३०३ विलोम (३०) सू २०१७ उपधान विभल (विह्वल) २०१३३ विभंग अण्णाणपरिणाम ( विभंग ज्ञानपरिणाम ) प १३।१० विभंगणाण ( विभङ्गज्ञान ) प ५१५७२६ २,६, १७,१६,३०१६ विभंगणाणि ( विभंगज्ञानिन् ) १ ३१०२,१०३; ५६६,१०७ १३ १४, १७, १८१८४; २८११३७, ३०।१६ विभंगनाण (विभंगज्ञान ) प ३०|२ १/४२/२ विभंगु (दे०) v विभज (वि- 1 - भज् ) विभज्जइज २१५५ विभजिस्सइ ज २११५५ विभत्त ( विभक्त) ज २११५,१३३ विभयमाण (विभजमान, विभजत् ) ज १११६,४७; ४१४२,७१,७७,६४, १६८, १८३,१८६, ११५. २६२ सू १६/१६ विभाग ( विभाग ) ज ३३२ विभावणा (विभावना) १२८१२ / विभास (वि + भाष्) विभासिज्जा ज ५।५५ विभासेज्जा ज ५१५७ विद्वंसता- विमाण विभावि (विभापितव्य ) ज ५।४०,५७ विभूइ ( विभूति) ज ३।१२,७८, १८०, ५१२२,२६ विभूति ( विभूति) ज ३।२०६ विभूसा ( विभूषा ) ज ३ १२,७८, १८०,२०६; ५१२२,२६ विभूतिय ( विभूषित) ज २१६६, १००, ३१६, ३५, ७८,१०६,२११,२२२, ५११४, ४१, ४३, ५८ ७ १७८ ११७०३३।११०,४।१८५ १७ विभेल ( विभेल) उ३।१२५, १३२,१३३,१४१,१४५ विमण (विमनम् ) ज २६०,१०३,१०६, १०८ उ ११३५ विमय (दे० ) प १।४१।२ विमल ( विमल ) प २३१,६४ ज ११३७ २११५; ३२,१२,१८,७७,८१,८८, १०७,११७, १२४, १५१,१७८, २२२, ४१३,२५, १२५, २०४/१९ ५१५,४११३,५८,६२,७१७८ सू २० दाद उ १११३८ विमलवाहण (विमलवाहन ) ज २१५६,६१ विमाण ( विमान ) ६ २११,४,१०,१३,४८ से ५२, ५६२, २५ से ६३,७१२६; ११२५, २१/६२, ६३, ३३,१६,१७ व २।१२०६३।३,११७; ४।११५,५१३,५,१८,२२,२५,२६,२८,३०,३२, ४१, ४३ से ४५,४६, ५०, ५२, ५३, ७२१७८१, १७६,१८४ से १६६ ६।१,१८।२२ से २४; २०१२ से ४ उ ३६, ७, १४, २५,८३,९०, १२०, १५६,१६१,१६६,१७१ : ४५, २४, २८, ५१२८, ४१ Page #334 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विमाणकारि-विव १०४७ विमाणकारि (विमानकारिन) ज ५।४८ से ५०,५३ विरल्लिय (तत') प १५१५१ विमाणास (विमानवास) ज ३.११७ विरव (वि+रचय) विरवेइ उ ११४६ विमाणावलिया (विधानावलिका) प २११,४,१०,१३ बिरवेत्ता (विरच्य) उ २४६ विमाणावात (विभागास) प २१४८ से ६३ विरसमेह (विरसमेघ) ज २१३१ ज ५।१८,१६,२४,४८ विरह (विरह) उ १६५,६६,१०५ विमाणोववण्णग (विमानोपपन्नक) सू१९४२३,२६ विरहित (विरहित) प६५ से ७,४३ सू १६४२५ विमक्क (विमत) प २६४११०,१६,२२, ३६१६४।१ विरहिय (विरहित) १६.१ मे ४,८ से २३,२७, विमोक्खण (विमोक्षण) ज २७१ ४४,४५ ज २१४०,७१५७,६० सू १०७७ वियछउम (विवृत्तछद्मन्) ज ५१२१ विराइय (विराजित) प २।३०,३१,४१,४६ दियड (विकट) प ६१२० से २३ ज २०१५ च ११३ ज २११५:३१११७,७१७८ सू २०१८,२०१८ विराग (विराग) सू१३१२ वियडजोणिय (निकटयोनिक) पहा२५ विरायंत (विराजमान,विराजत्) ज ३१६,५१२१ वियडावइ (विकटानातिन् ) ज ४।७७,८४,२६६ विराल (विडाल) प १११२१ वियडावति (टापातिन् । १६।३० विराली (विडाली) प १११२३ वियस्थि (वितस्ति) प ११७५ विराय (वि-गवय) विरावेहिंति ज ११३१ वियस्थिपुत्तिय (तस्तिपृथक्त्विक) प १७५ विराहणी (विशाधनी) प ११०३ इवियर ( विन) बियरह ज ३१८८ विराहय (विराधक) प ११८६ वियरग (दे०) ज ५११३ विराहिय (विराधित) उ ३.१४,२१,८३ वियरिय (चिरिन) ज १२ दिराहियसंजम (विराधितसंगम) प २०६१ वियल (किल) प २४१७ विराहियसंजमासंजम (विरावितसंयमासंयम) वियसंत (विकारात्प रा४१ प२०६१ विसिय (कि.मिन) ६।३१,४८ ज ३।६; चिरिच (वि-1-भज) चिरिचइ उ १६४ 61८६; ५२१ विरिचित्ता (विभज.) उ११६६,६४ जिया (1 ) विमाणाहि ॥ ११४८।३८,३६ विरिय (वीर्य) प २३११६,२० ज ३११०७,११४ वियाणंत (विमानत) १ २१६४।१७ विरेयण (विरेचन) उ ३३१०१ चियाणय (जिन्ना) ३।३२,७७,१०६ विलंब (विलम्ब) प २१४०१६ वियाणित्ता (ज्ञा.) उ ५१३७ विलवमाण (विरूपत्) उश६२,३११३० दियाणिय (विज्ञ त) ज ३१८७ विलास (गिलास) ज २१५,३।१३८ र २०१७ वियालय (जिमाल) ज ७११८६११ सू २०८१ विलिय (वीडित) ज २१६० उ ११५८,८३ विरइय (रिचित) ज ३३,६,२२२ विलिहिज्जमाण (विलिख्यमान) प २१५० विरज्ज (दि: ज्) बिरज्जति सू १३।१ विरत (पिरत) : २६।१० पिरति (निरनि) २००४१ विलेवण (विलेपन) ज ३१६,२०,३३,५४,६३,७१, विरत (विरत.) म १३११:२०१३ ८४,१३७,१४३,१६७,१८२,२२२ बिरय (रज- २०१८,२०१८१७ पिन (इ) श३८,६८ उश२३,३।१२८ विरयाविरति (विरताविरति) ६ २०१४२ १. हे० ४।१३७ Page #335 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०४८ विवंचि (विपञ्ची) ज ३१३१ विवज्जिय (विवर्जित) उ ३१३६ विवडिय ( पतित ) ज ३ १०८ से १११ सु १०११२६/२ विघढ (त्रि- वृध्) विवड्ढति ज ३२६५, १५६ विसमबहुल (विषमबहुल ) १११५ विवड्ढत ( विवर्धमान ) प ११४८५२ विवरण ( विवर्ण) उ १।१५,३१८ विवत्थ ( विवस्त्र ) सू २०१८ विवर (विवर) ज २२६५५१५ विवरीत (विपरीत) मु २०६२ विवरीय (विपरीत) ज ३।११७११ विवाग ( विपाक ) प २३|१३ से २३ विवाह (विवाह) सू २०१७ विवि (विविध) प २४१, ४८ ज ३।२४,११७, १६७/१२; ४।२७,४६,५३८, ६७ ७/१७८ म १८१८ उ ३।३५,११२,१२८ विस (विष) उ ११८६,६० विधि (सन्धि ) भू २०/८५ विसंधिकप (सन्धिकल्प ) मु २०१६ विसज्जिय ( विसर्जित) ज ३१८१ विसयमाण (वित्) ज २११५; ३५,६,८,१५, १६,३१,५२,६२,७०,७७,८४,६१,१००, ११४, १४२,१६५,१७३, १८१,१८६,१६६,२१३, ५।२१,२७,४१३ ११२१,४२, ३।१३६ विसम (विष) प १३२२२; १६१५२,३६८२११ ज २/३८, १३६,१३३,३७६,८८, १०६,१२८, १५१,१७०६७।११२/३ सू १०११२६/३ उ ३३५५ विसमकोणसंठित (विषमचतुष्कोणसं स्थित ) सु ११२५४१२ विसमचउरंसठाणसंठित (विषमचतुरस्रसंस्थान संस्थित) १२५ विसमचउरंससंठित (विषमचतुरस्रसंस्थित) सू ४१२ विसमचक वालठाण संठित (विषमचक्रवालसंस्थान संस्थित) सू १६६ विसमचक्क बालसंठित ( विषमचक्रवालसंस्थित ) विवंचि विसुद्धतर सू १/२५४१२, १६१३,६,१३,१७,२६,३३,३६ विसमचारि (विषमचारिन् ) ज ७१११२।२ विसमाउय (विषमायुष्क ) प १७|१३ विसमेह ( विषमेघ) ज २११३१ सिमोववण्णग (विषनोपपन्नक) प १७|१३ विसय (विषय) प २४८, ११६२१११५ १११, १५१४०,४१,३३११।१ ज २।४३।१०४, १०५, १०७, ११४,१२६।४; ५१४६७ १९७८ १८११ विसय ( विशद ) ज २४,६५,१२६ विसयवासि ( विषयवासिन् ) ज ३।२४/२,३२६, ३६,४७,५६,६४,७२, १३११२,१३३.१३८, १४५ fantryaat (विषयानुपूर्वी) ज ७५० विसह (विषय) ज २२६८ विसहरण (विषहरण ) ज ३।६५, १५६ विसाएमाण (विस्वादयत् ) उ ११३४,४६,७४ विसायणिज्ज (विस्वादनी) जे २११८ विसारय ( विशारद) ज ३१७७, १०६ उ १।३१ विसाल (विशाल) २२४७२ ज २२१५; ३११७८; ४११५७२७ १७८ सू २०१६, २०६८ विसाहा (विशाखा ) ज ७११२८, १२९, १३४१३, १३५३३,१३६,१४०, १४९, १६५, १६६ सु १०१२ से ६,१७,२३,०६,६२,७२,७३,७५, ८३, ११४,१२०,१३१ से १३३१२/२१ विसाही ( वैशाखी) ज ७७१४० विसिट्ठ (विशिष्ट) प २४०७ ११३७ २ १५, २०,३१६,३५,१०६, ११७ २२१,२२२,५८४३; ७१७८ विसितर (विशिष्टतर) सू २०१७ विमुज्झमाण (विशुध्यमान) १०११३,१२८ २३।२००,२०१ ज ३।२२३ बिसुद्ध (वि) ज २१८, ६,३३,१०६५।५८ उ ५१४३ विसुद्धतर ( विशुद्धतर ) ज २०७१ २६३; १७/१३८३६/६३,६४ Page #336 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विशुद्धत राग-वीइक्कत विसुद्ध तराग (विशुद्ध तरक) ११७।१०८ से १११ विशुद्धस्ततराग ( विशुद्ध लेश्यातरक ) प १७१७ विसुद्ध वण्णतरग (विशुद्ध तरक ) प १७१६, १७ विसेस (विशेष ) प १|१|४, २२६४११८, १२२३१; १५२६, ३०१७३०,१४६ ज १।१३,३० ३३,३६,२।४५,१४५ ३।३२,४१२,२५ सू २ २४१४, ७, १५१५ से ७१६६८; २२/१३ विसेसाहिय ( विशेषाधिक ) प २६४३११ से हैं, २४ से ३२, ३७ से १२०, १२२ से १२५, १२७, १४१ से १४३, १५६ से १७०,१७४ से १८३, ६१२३,८१५, ७, ६, ११:६१२, १६, २५; १०/३ से ५,२६ से २६,११७६, ६०; १५ १३,१६, २६ से २८,३१,३३,१५।५८।१,१५१६४; १७/५६ से ६६,७१ से ७६,७८ से ८३,१४४ से १४६ ; २०६४; २१ १०४, १०५ ; २२/१०१:२८।४१, ४४, ७०, ३४१२५, ३६।३५ से ४१,४८,४६, ५१,८१ ज ११७,२०,४/४५, ५७,६२,१८,११०,१४३,२१३,२३४,२४१; ७।१४,१६,७३ से ७५,६३,१६७,२०७ ३ १११४,२७,१८१३७११६१० / दिसोह (वि + शोधय ) विसहिहित ३ । ११५ विस्स (शिव) ज ७।१३०, १८६४ विस्संभर ( विश्वम्भर ) प १७६ विस्तदेय (विश्वदेवता ) १०१२ विस्सुत ( विश्रुत) ज ३।३५ विस्सु (विश्रुत) ज ३१७७,१०६, १२९, १६७ दिहं (दे० ) प ११४८४६ विहन (ग) १३७ २२६८, १०१ ४ २७; ५२८ fares ( वृहस्पति ) ज ७ १०४ बिहर (विन है ) विहरइ प २५० से ५३ ११५,४५,२१७०६१,३२,२०,२३, ३३, ८२,८४,१५३, १७१,१८२,१६१,२१८,२१६, २२४; ४१५६,५१६ उ ११२, २७, ३६ ; ४११५९ विहरति प २२० से २७,३० से १०४६ ३७,३० से ४२,४६, ४८ से ५२,५४,५.५, ५७ से ५६ ज १३१३,३०,३३,२८३, १२०:४२, ११३, ५११, ३, ८ से १३,६८,७५६,५६ सू १६१२४ उ ३५० : ५२६ विहरति प २३२,३३,३५,३६,४३ से ४५, ४८, ५१ ५३ से ५६ ज २७२ ३ । १२६५१८ से १३ सू २०१७ विहरसि उ ३।८१ विहरामि उ १७१ ३।३६ विहराहि ज ३३१८५,२०६ विहरिस्संति ज १।१३४,१४६ विहरेज्जा सू २०१७ उ५/३६ विहरमाण ( विहरत् ) ज २१७१ उ १।२,२० विहतिए ( विहर्तुम् ) ज ७ १८४, १८५ सु १८।२२ उ १२६५,३१५० विहरिय ( विहृत ) उ ३१५५ विहव ( विभव) ज ५४३ विहाड (वि + घटय् ) विहाडेइ ज ३३६०, १५७ विहाडेहि ज ३८३,१५४ विहाडिय ( विघटित ) ज ३।६० विहाडेला (विघटा ) ज ३१८३ विहाण ( विधान ) प १।२०१२, ११२०, २३.२६,२६, ४८, ६८ विहाणग्गण ( विधानमार्गण ) १२८२६.६, ५२, ५५ विहायगति ( विहायोगति ) ५ १६ १७,३८,५५ विहाय गतिणाम ( विहान् ) प २३०३८, ५.६,११६,११७,११६,१२८, १३२ विहार ( बिहार ) ज २२७१ विहि (विधि) प २४५ ; २१।१।१ ज ३२४/२, सु १६१२२ विहिष्णु ( विधिज्ञ ) ज ३१३२ विहूण ( विहीन ) प १०।१४१५ ज ४१६४,८६,१३६, २०८ विहसण ( विभूषण ) ज ४ । १४०।१ ats (वीचि ) ज ३।१५१ वीseकंत (व्यतिक्रान्त) ज २१५१,५४,७१,८८, ८६, १२१,१२६,१३०, १४६, १५४, १६०,१६३; ३।२२५ उ ११५३, ७८३११२६ Page #337 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०५० वोsभय ( वीतभय ) प १६३२४ वीइय ( वीजित ) ज ३६,२२२ attasar (व्यतित्रज) १११६,४६, ४१५२ उ ५४१ वीईवप्रमाण ( व्यतित्रजत् ) ज २१६०; ३३२६,३६, ४७,५६६४,७२,१३३, १४५,५।४४, ४७,६७ वीचि (वीचि ) ज २१५३८१ वीणग्गाह ( वीणाग्रह) ज ३११७८ वीतराग (जीएम) प १११०७ से ११०, ११५, ११७ से १२३ रासंजय ( वीतरागमंत) प १७।२५ ataसोग ( वीतशोक) यू २०१८ वीतिमिर (वितिभिर) ६३ वोतिया (व्यतित्रत्) ज ३।११३,५१४४ / वीतीय (वि - अति - व्रज्) वीतिव्यति २०१२ वतीवत्ता (जि. ) प २१६३ वणी (बीजनी ) ज ३१३ बीयराग (राग) प ११००, १०४ से १०७, १०६ से १११,११५,११६.११८,१२१ से १२३ वीराय (वीतराग ) प १1१०२ से १०४,११६, ११७,११,१२०.१२२ वीसोय (क) ज ४।२१२,२१२२ सू २०१८ाउ वीर (वीर) ३१६,१०३,१०८ से १११.२२२ चं १११ उ १।२२,१४०१ २१५,१० वीरंग (बीराङ्गद) उ५।२५, २७ से ३० वीरकण्ह (कृष्ण) उ५।१० वीरण (वीरण ) प ११४१ १ वीरवर (वीरखर) सू २०१६६ वीरसेन (वीरसेन) उ ५ १० वीरिय (तीर्थ) २३०६ २१५१,५४,७१, १२१, १२६,१३०,१३,१४०, १४६, १५४, १६०, १६३,३३,१२६,१८८७१७८ सू २०११, २०१६१३,५ वीरभय-वुच्न वीरियंतराय ( वीन्तरायिक ) प २३।५६ वीरियंतराय (वीर्यान्तराय) प २३।२३ वीवाह (विवाह) ज २।१३० बीस ( ) प २२० से २७ वीस (विशति ) प २।२४ ज १।२३ मू ७।१ उ ५।२८ वीस (विशतितम) व १०१४१४ ates ( विंशति) ज ३।१०६ च २२५ सू ११६१५ atesअंगुलवहाक (विशन्यं गुलबाहुक) ज ३|१०६ वीसति (विशति ) प २३।७५ वीसतिम (विशतितम) सू १२/१७ बीधा (विशतिधा ) सू १२३० areer (fr) ११६/५५ २३|१३ से २३ वीतसेण ( विश्वसेन ) ज ७।१२२१२ सू १०८४ २ वीसा (विशतिधा ) सु १०११४२,१४७ वीसायणिज्ज ( विस्वादनी) प १७/१३४ वीसुत ( विश्रुत) ज ३१३५, ११९ वीहि (व्रीहि ) प ११४५।१ ज २।३७ √ बुच्च ( वच्) बुच्चइ प ५१७,३४, १०२, ११६,१६६; १११३,४१; १७१२, १३,२०,२७,११६,११६, १५२,१५५;२०३९ ज ११४५,४७ २२४१; ३।१,६८,२२६४।२२,३४,५१,५४,६०,६१, ८०,८१,८६,६७,१०२, १०७,११३,१५६, १६१, १६६,१७७,२०८, २११,२६१, २६४,२७०, २७३, २७६, ७ १६६, १८५, २०६, २१३,२२६ उ २३८ दुच्चति प २२|४५, ३०११७ बुच्चति प ५३,५,७,१०,१२,१४,१६,१८,२०,२४, २८,३०,३२,३७,४१,४५,४६,५३,५६,५६, ६३,६८,७१,७४,७६,८३,८६,८६,६३,६७, १०४, १०७, १११,११५, १२७, १२६, १३१, १३४,१३६,१३८,१४०, १४३, १४५, १४७, १५०,१५४,१५७,१६३, १६६,२०३, २४२; १०१३, १११३,३६,४१ १५१४५,४६, १८ १७।२, ४, ६,६,११,१६,१७,२०,१०७,१०६, १११,११११६,१५०, १५५; २०१३६,५१६ २२१८,४५, २३।११०, २६/१७, १६ से २१ ; Page #338 -------------------------------------------------------------------------- ________________ बुट्टि-वेद १०५१ ३०.१६,१६,२१,२३,२६,२८,३४!१२,१६, ३६८७ १८३५॥१८,२०,२३,३६२८,८१,६४ वेउब्वियसरीरग (वक्रिपशरीरक) प १२।३६ बुठि (वृष्टि) ज ३।११७ बेउब्वियसरीरय (वैक्रिशरीरक) प१२१८,२१.३१ वृड्ढकुमारी (वृद्धकुमारी) उ ४६ देउब्वियसरीरि (4 क्रियशरीरिन् ) प २८।१४१ वृड्ढय (वृद्धक) ज २१६५ वेंट (वन्त) ५१४४८४५ बुड्ढा (वृद्धा) उ ४६ वेटबद्ध (वन्तबद्ध) प १४४८।४० बुढि (वृद्धि) प ३३।१।१ ज ७१,१०,१३,१६, बेग (वेग) प २०२१ से २७,३० ज २११६ १६,६६,७२,७५,७८ चं २।४ सू ११६४,१२२७; वेगच्छिग (वैकक्षिक) ज ७।१७८ १३३१७ वेच्च (दे०,व्युत,ब्यूत) ज ४११३ वृत्त (उका) ज ३१८,१३,१६,२६,४२,५०,५३,५६, वैजयत (वजयन्त) प १११३८, २।६३,४१२६४ से ६२,६८,७०,७५,७७,८४,१००,१२५,१२६, २६६।६।४२,५६;७।२६:१५२८६,९२,१००, १४२.१४८,१६५,१६६,१८१,१८६,१६२; १०५,१०८,१०६,११३,११४,११६,१२०, ५१५,२२,२६,७० च २१४,५,५२ १२१,१२३,१२५,१२६,१३१,१३६२८६६ सू १।६।४,१६।३ उ १६४०,४५,५५,५८,८०, ज १११५ ८२,१०८,३७८,८२,११३; ४१२० बेजयंती (वैजयन्ती) प २४८ ज ३।३१,१७८%; ४१४६,२१२,५१८११,५४३ ; ७१२०१२,१८६ वेिज (वि+इ) वेअति सू ६१ ज्झ (वेध्य) ज ३।३२ वेइगा (वेदिका) ज ४११२८ वेड्ड (दे० वीडित) ज २१६० वेइया (वेदिका) प २।१२११९० ज २१२०, ४१३, बेढ (वेष्ट) ज २११३६ २५,३६,५७,६३,११०,१४८,१५६,२२१.२४५ बेढ (वेष्ट ) वेढइ उ ११४६ वेवि (वैऋिषिन) प २१४६ वेढय (वेष्टक) ज २११३६ वेउध्विय (क्रियक) प १२२१,२,४.५,८,१४,१८, वेढल (दे०) प ११५८ २४,२८,३३,३६:१६।५,२१।१,८३,१०४. वेढिम (वेष्टिम) ज ३।१११ १०५:२३१४२,६०,६२,१४६,१७३,३६।११, वेढिय (वेष्टित) ज ३१३२ ३६।३२ ज २१८०, १४०,५६७१५५,५८ ।। वेढेत्ता (वेष्टित्या) उ ११४६ गु१६२३ २६ वेणइया (वैनयिकी,वैण किया) प १९८ उ ११४१, वेदिवयमीससरीर (वैक्रियमिश्रशरीर) प १६३१, ३,७,१० वेणुदालि (वेणुदालि) प २।३७,३६,४०।७ देउब्वियमीसासरीर (वैक्रिमिश्रकशरीर) वेणुदेव (वेणुदेव) प २।३७,३८,४०१६ ज ४।२०८ ५१६।११,१२,१५,३६८७ वेणुयाणुजात (वेणुकानुजात) मू१२।२६ वेउब्वियसमुग्घाय (वै कि समुद्घात) प ३६११,४ ।। वेत्त (वेत्र) प ११४१।१:१११७५ ज २१६७ से ७,२८,३५ से ३८,४०,४१,५३ से ५८,७० वेद (वेदय ) वेदेइ प २३११११, २५१४ वेदेति ७३ ज ३१११५,१६२,२०८१५,७,२६,५५ प१७।२०,२३।११:२५१४,५,२७।२,३,३५१२, बेउब्वियसरीर (वैक्रियशरीर) प १२११२,१६; ३,५,७,६,११,१३,१४,१७ से २०,२२,२३ १६।१,३,७,१२,१५, २११४६ से ६५,६८ से वेदेति प २३१६,१०,१२ से २३:२५२,२७१२, ७१,७७,८१,६६,६८,१०१,१०४,१०५; Page #339 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०५२ वेद-वेयणा वेद (वेद) पश१६,३।११।१८११ ८,१०,११,१४,१५, २५४१,२,४,२६.१,३,४, २८.१०६।१ उ ३।४८,५० ८,६; २७।१.२,६; २८१,७४,१०१.१०२, वेदग (वेदक) प ११९४११:२५२७।३ १०५.१०६,१०६,१११,११५ से ११७,१२२, वेदणा (वेदना) प २।२३,२६,१७११७.२०,२७, १२७,१३२,२६।१५,२२,३०।१४,२४; २६,३२,३३,२२१५,३५३१११,३५.१ से ७,६, ३११५,६११३२।५३३१३०,३४,३७; ११ से १४,१६ से २०,२२,२३ ज २।१३१ ३४।४,५,११ से १४,३५६३,५,७,६,१११५, वेदणासभुग्घाय (बेदनासघात ) ५ ३६।१,२,४ २३; ३६१७ से १,११ से १३,१५,२०, से ८,१२,१८ से २०,३२,३६ से ४१,४६,५३ . . २६,२७,३०,३२ से ३४,४१,४३ से ४५,४७, से ५६,६५ ५०,६५,६६,१२,७३ ज ११९०,९५,६६, वेदणिज्ज (वेदनीय) प २३११,१२:२४११२:२५१५: १००,१०१,१०२.१०४,१०६,११०,११३ से २६.६.११:२७५,३६६८२,६२ ११६,१२०,४१२४८,२५० से २५.२,५।१६, वेदपरिणाम (वेदपरिणाम ). १३।२,१४,१५,१८, २६,२८,४७,६७,७२,७३.७४ वेमाणियत्त (वैमानिकत्व) प ३६.१८,२०,२२,२४, वेदय (वेदक) ! २२ २६,२७,३० से ३४,४६,४७ वेदि (देदि) उ ३५१,५६,६४,६८,७१,७४,७६ वेमायत्त ( वित्रत्व) प २८।३६,४२,४५,४६,७१ वेदिया (वेदिका) ज १।१४ बेमाया (विमाना) प ७/४; १३।२२।१२८१३८ वेदमाण (दद त्) प २६१२ से ४,८,६,१२,२७२, वय (विद्) वइसु प १४।१८ वइस्सति प १४११८ वेएइ प २३।१५,१६,१८ से २० वेमापिणी वानिकी) प३।१४०४।२१० से वेएंति ५१४११८ २१२; १७५५,८०,८२,८३, २०१३ बेय (वेत्र) ५११४२।१ वेय (वेद) १४।१८।१ वेमाणिय (वैमानि), १११३०,१३४,१३८; वेधग (वेदक) प २७५ २४६ से १३:१३६,४।२०७ से २०६; वेयड्ढ (बंता) ११५ से २०,२३ से २५, ५॥३,२६,१२२:६।४६.५६,६६,८५,८६,६२, २८,३२,३३,४६।१,४७,४८% २११३३ ; ३३१, ६५.१०६,१११.११७,११६,१२१,७७; ६१.१३७.२२०७४।१६७ से १६९,१७२।१, ८।३६।११,१८,२४,१०३२ से ५३,१११४६, ८०,८१,८४,१२२६.३६, १३१२०,१४१२,३, यड्डकड (वैताड्ट ) ज ११३४,४६,६।११ ५,७,६,११ से १५,१८,१५१३५,४६,५६ से वेयगिरि (वता गिरि) ज २१३१,३१२२० ६३.६५ से ६७,७५,८२,१३४; १६।६,१६, उ५।१० २०,२१.२६१७२७,२८,३०,३४,३५,५४,७६ वेयडढगिरिकुमार (वैतादयगिरिकुमार) ज ११४७; से ८१,८३,८६ ६१.६६.१०५; १९६४; ३१६३ से ६६,६८,७२ २०६१,४,५,१३,१६.२५,३०,३५,३३,५४,५६; वेयड्ढपध्वय (ताड़यविन) ज ११३४,३५,४१, २११५५,६२,७१, २२११ १३,१५,१७,१६, ३१६०,६१,१३६,१३७,४१३५,३७,१६७,१७४ २०,२६,२७ ३५,३५,३७.३६.४१,४२,४४, देयणा (वेदना) प ११११७:२।२० से २२,२४,२५, ४७,५३ से ५८.६६,७५.७६,७६,८२,८८, २०३५८,१०,२०२६।१। १ २।४३ ६०,१००; २३१२,४ से ७,१०,११,२४११,३, उ११६०,६२,८५,८७ Page #340 -------------------------------------------------------------------------- ________________ वेयणासमुग्धाय-स १०५३ वेयणासमुग्धाय (वेदनासमुद्घात) प ३६१३५,३७, बेसासिय (श्वासिक) उ ३।१२८ वेहल्ल (मेल) ९५ से १६,१०२ से ११७, वेयणिज्ज (वेदनी) प २२१२८२३१२६२४११०, ११६,११५.१२८ राया श्रमिक का एक पुत्र । ११,२५॥३,४,२६८; ३६८२ ज ३।२२५ बेहास (भास में ३।१३१,१३२:५१६४ वेयय (वेद) प२५१४ १९७ वेयवेयय (वेदवेदक) प ११११६ बेहातवाडच्या मिहा स्वाहा ।) सू ६४ वेर (वै) ज २४२,१३३ वोका दि० प ११८६ वेरमण (विरण) प २०११७,१८,३४ वोच्छ ( अच्छ.जि ७१३५१ वेराण बंध (वैर नुबन्ध) ज २०४२ सू १६१३१ बोच्छिद (F: : अ- छिद) बोच्छिजिस्सइ वेराणुमय (वैरानुगय) ज २१२८ वेरिय (वैगिक) ज २०२८ ज २२१२६.१५८ वेरुलिय (वैडय) प ११२०१४ ज ११३७,३११२, वोच्छिण्ण (न्य च्छिग सू ८१३ ३१३४ ८८,६२,११६,१६७१२,१७८; ४।२४२, वोच्छिा मोह नच्छिन्नदोहद) ११५०,७५ २६४:५५,१५८,31१3८ बोयडाड (व्यवच्छेद की। ए १७१३४ योज्य ( मािति ३४ वेरुलिया (यकट) ४७९ योज्य (उह्य) ज ३१२१११५८ वेरुलियमणि (वैडमणि) प १७।११६,१४८ वोडाप (दे०) प ११४४११ वेरुलियमय (वैड्यंत) ज ३३१२,८८,४१७,२६, वोयड (व्य.वृत) ५ १११३७।२ ओलीण (') गु २०१६।४ १६२,२४२,२६४,५१५८ बोरछकाय (जस्यष्टकाय) ज २१६७ वेलंबग (विडम्बक) ज २।३२ वैसाह (वैशाख) ज ७११०४ वेलंबय (विडम्बक) ज २६३२ व्व (इ.) प११०१७; २१४८ ज २११५; वेला (ला) प २११ 3 ३१११० ३२४३,३७११,४५१,१३१।३ उ १३५ वेलु (वेणु) प ११४११२ वेलुय (वेणुक) प ११४८१६१ वेस (वय) प२०४१ ज २।१५, ३११३८,१५८ स (ब) प २१३०,३१,४१४६,५०,५८ ज १११६; सू २० २११२०३१२.१७८ १०७४ उ ३२६, वेसमण (वंशाण ज ३१८,२१,९३,१८०; ४११७॥१५३६८ से ७१७११२सार भाग) T१४८१४९; २३०,३१.३२,४१,४६,५६, सू १०८४१२ ३६१५४ ६३,६६ ज १८,१६,२३,२६.३१,३५२१६४, देसमण भाइय) (वंशः णकाधिक) ज ११३१ ७५,७२,५७ से २२,१६,१७,१८,२१,२८, वेसमणकर ( वै ट ) ज ११३४,४६,४।४४, ३०,३५,४१,४६,५८,६६,४४,७६,८१,१०१, ११६ से ११८,१२८,१४७,१५१,१६७,१६८, वेशाणिय (वैवाणिक) प १८६ १८०,२१२,२१३.२२०; ४३.१३.२१,२५, वेसाली (वैशाली) उ १.१०५ से १०७,११०,१११, . ३६,४०,८१,५०,५१,५९,२,१२,११४, ११५.११६,१२६,१३०,१३२ Page #341 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०५४ ११६,१३५, १४७, १५५,१५६,२२१ से २२४, २५६,२७७,५१,२१,३२.४१, ४३, ५०, ५८; ६११०, ११, १४, १५,१८,१६,२१,२२,२६; ७१४,४६,६३,६६,८७,६०,११०, ११४, १३२, १६७, १८३,१६४ सू १८।२१:२०१२, ७ ११२६.४४ से ४६, ६३, १०५, १०६, ११५, ११६.११६,१३८, १४८४१५५१२८ अंतर ( सान्तर ) प ६ | १|१ लई ( सकृत् ) सू १११२,१४ सइंदिय (सेन्द्रिय ) प ३१४० से ४३, ४६; १८११३, १८,१६ सइय ( शतिक) ज ४११६२,१६८, २०४, २१०, २३६,२६६,२७५ सण ( शकुन) ज २।१२:४३३, २५ सउणस्य ( शत्रुनरुत) ज २१६४ सउणि ( शकुनि ) ज २।१६६७ १२३ से १२५, १३३।१ सउणिपली गठिय (शकुनिप्रलीन कसं स्थित ) सू १०/२६ संकड (संकट) ज ३।२११ संकष्प (संकल्प) ज ३१२६, ३९, ४७,५६,१०५, १२२,१२३,१३३,१४५, १८८ ४११४० ११ ; ५१२२१११५, ३५, ४१ से ४४,५१,५४,६५, ७१,७६,७६, ६६.१०५; ३१२६,४८,५०,५५, ६,१०६,११८,१३१,५१३६, ३७ संकम (संक्रम) प १०३० ज ३।६६ से १०१,१६१ १६१२२/१२ / संक्रम ( + क्रम ) संकमति सू २१२ संमण ( संक्रमण) गु १६१२२।१२ संकममाण (संक्रामत्) ज ७११०,१३,१६,१६,२२, २५,२७,३०,६६,७२,७५,७८, ८१, ८४ सू १।१४,१६,१७, २१, २४, २७, २१२,३,६११ संकला ( श्रृंखला) ज ३१३ संकाय (दे०) ३३५१,५३,५५,५६,६३,६४,६७,६८, ७१,७३,७४,७६ अंतर-मुखेज्ज संकाइयग (दे० ) उ ३१५१ संकास ( संकाश ) प १।४८।५६ ज २७८ ३११ संकिलिट्ठ ( संक्लिष्ट ) १७ ११४ १,१३८० २३/१६५ संकि लिस्समाण ( संक्लिदयमान ) १११११३, १२८ संकिलेसब हुल ( संक्लेशबहुल) ज १११८ संकुचियपसारिय (संकुचितप्रसारित) ज ५२५७ संकुड (दे० संकुच ) सू १६२२/१५ संकुडिय (दे० संकुचित ) ज २११३३ संकुय (संकुच ) ज ७।३१,३३४१३,४,६,७ संकुल ( संकुल ) ज २१६५३।१७, २१, १७७३ ५।२५ संख (शंख) प ११४६ : २३११७ १२८ ज २११५, २४,६४,६८,६६, ३१३,१२,७८, १६७११,१०, १७८.१८०,२०६, ४१६५, १२५.२१२,२१२३१; ५/६२७।१७८ मू २०१६, २०१८२ संखणग (शंखनक ) प १४६ संखणाम ( शङ्खनाभ ) सू २०१८ संखदल (शङ्खदल ) प २०६४ संघमा (शंखध्मायक ) उ३१५० संखमाल (शङ्खमाल) ज २८ संखवण्णाभ ( शङ्खवर्णाभ ) सु २०६ संखसणाम ( शंखसनामन् ) ज ७।१८६।२ संखायण (शंखायन ) ज ७ १३२ ।१ मु १०१६३ संखार (शंखकार ) प १६७ संखावत ( शंखावर्त ) प ६२६ संखिज्ज ( संख्येय) ज ३ । १६२५१५ संखित ( संक्षिप्त ) ज ११८, ३५, ५१, ४१४५, ११०, ११४,१५६,२१३,२४२ संखित्तविजलतेयस ( संक्षिप्त विपुलतेजोलेश्य ) ज ११५, उ १।३ संखिय (शांखिक) ज २६४; ३१३१,१८५ संखेज्ज ( संख्येय) प १११३, २०, २३, २६, २६, ४०, ४८,११४८१८,४०,५७,३११८०५१२, ३, ५,१२६, १२७,१४२,१४३; ६/३५ से ४१,६०,६१,६४, ६६,६८,१०११६,१८ से २७,२६,११ ५०, ७२/१२/३२,३३,३६:१५८३,८४,८७, Page #342 -------------------------------------------------------------------------- ________________ संखेज्जइभाग-संघयणपज्जव १०५५ ६.१,६३ से ६६,१०३,१०४,११०,११२,१२२, संखेवरुचि (संक्षेपरुचि) प १११०११११ १२३,१३० से १३२,१३५ से १३७,१३६ संखोहबहुल (मक्ष भवहुल) ज १११८ १४२,१४३,१८११५,२० से २३,२८,३२ से संग (राङ्ग) ज २०७० ३५,४७,५.० से ५२;३३।११,१५,३६१८,१४, संगइय (साङ्गतिक) ज २६ १७ से २०,२२,२३,२५,३३,४४,७०,७२,७४ संगंय (मग्रन्थ) ज २।६६ २॥४,५८,१५७,५७११६६३०,३१ संगत (मङ्गत) सू २०१७ संखेज्जइभाग (संख्येयभार) प|४३२११६५ से संचय (मङ्गा)ज २।१४,१५३।१०६,१३८ ७०,३६७२ ७.१७८ संखेज्जगुण (संख्येयगुण) प ३३४ २५,३७,३६,४३, संगह (मंग्रह) प १६१४६ ४४,४६,५३ से ५८,६०,६४ से ७१,८८ से संगहणिगाहा (मंग्रहणीगाथा) प २४.७:२११४७ ६५,६३,६६,१०६,११०,१२८ से १४०,१४४ संगहणी (संग्रहणी) १११७६१६।१,७११६७ से १५५,१७१ से १७४,१७,१७६ से १८३; गु १६६१ उ ३।१७१, ४।२८,५४५ ५१५,१०,२०,३२,१२६,१३४,१५१:६११२३; संगहणीगाहा (संग्रहणीगाथा) प १०५३ ८.५,७,६,११,१०।२६,२७,१५११३,३१; संगहिय (गहीत) ज ३१३५ १७॥५६,६३,६४,६६ से १८,७१ से ७३,७६, संगाम (संग्राम) ज ३।६२.११६ उ ।१४,१५, ७८,८० से ८३,२१।१०५,२८७,५३; २१,२२,२५,२६,१२६,१३७,१४० ३४।२५:३६।३५ से ४१,४० से ५१ ज ७११६७ सगामेमाण (सङ्ग्रामात्) उ श२२,२५,२६,१४० म् १८१३७ संगल्लि (दे०) ज ३।१७६ सिंगोव ( गुपसंगांवेंति ज २१४६,५६ संसेज्जजीविय (संख्येयजीवित) प ११४८१४१ संगवेस्संति ज २१५६ संखेज्जतिभाग (मंख्येयभाग) प १२।१६,१५१४१ संगोविज्जमाण (मंगोप्यमान) ३४६ संखेज्जपएसिय (संख्येयप्रदेशिक) प ५।१३४,१६२, संगोवेत्ता (संगोप्य) ज २१४६ १६३,१८१,१६६,१६७,२१७,२१८,१०११४, संगोवेमाण (मनीपयत) उ ११५७,५८,८२,८३ १७,२६,२६ संघ (सइ) प|३०,३१,४१ ज ११३१ ११२१ संखेज्जपदेसिय (संख्येयप्रदेशिक) प ३११७६; उ ५५ ५।१२७,१३३,१८०.१८१,१०।१८,२१,२६ संघट्ट (मं. घट ) गंध ति ५३६१६२ संखेज्जभाग (संख्येयभाग) प ५१५,१०,२०,३०, संघट्टा (संघद्रा) प ११४०।३ इरा नाम की लाा ३२,१२६,१३४ संघबाहिर (संघबाह्य) २०१६।४ संखेज्जवासाउग (गरुयेयवर्याक) प ६७१ संघयण (गहनन) प२३०,६१,४१,४६२३।६८, संखेज्जवासाउय (संख्येयवक) प६७१,७२. १०५,१०७,१६० न १,११६,४६,२८,८६, ७६,६७,६८,११३,११,२१५.३,५४,७२ १२३,१२६,१२८,१४८,१५१,१५७,४११०१, संखेज्जसमयद्वितीय (संख्येयसमयस्थिलिक) १७१ ११५ प३।१८१,५।१४८ संघयणणाम (पहननामन ) प २२३८,४५६४ संखेज्जसमयठितीय (संख्ये समयस्थितिक) -गे ६७,६६,१०० । प ३११८१ संघयणपज्जव (संहनगपर्यय) १,१४,१२१. संखेव (संक्षेप) प १।१०१।१ १२६,१३०,१३८,१४०,१४६,१५४,१६०,१६३ Page #343 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०५६ संघरिससमुट्ठिय-संठित संघरिससमुठिय (संघर्पसमुत्थित) प ११२६ संजायसढ़ (मंजातश्रद्ध) ज ११६ संघाइम (संघातिम) ज ३१२११ संजुत्त (संयुक्त) प १५१५७ संघाड (संघाट) प११४८९६२ संजोग (संप्रोग) प २१११ ज ५१५७;७।१३४१२.३ संघाडय (संघाटक) ऊ ३११००,१३३ संजोय (संयोग) प १८४; १६।१५। सिंघात (सं !-घालय) संघातेंति सू १११८ संजोयणाहिकरणिया (मयोजनाधिकरणिकी) संघाय (गघात) प १४७।२,३ ज ७.१७८ प २२।३ सिंघाय (सं घाय) संघाएंति व ३६६२ संझन्भराग (सन्ध्याघ्र राग) प १७१२६ संचय (मंच .) ज २११; ३११६७११४ संझा (सन्ध्या) ५२१४०।११ संचय (मनक) संचाएइ उ ११५२,३।१०६ संठाण (संस्थान) प ११४ से ६,४७११, २०२० से चामा १२०११७.१८,३४ संचाए मि २७,३०,३१,४१,४८ से ५०,५४,५८ से ६०, उश६५३३१३१ संचाएमो उ १६६ ६४,६४११,४,५,६,१०।१५ से २४,२६ से संचाहिइ उ ३।१३० ३०,१५१३१,१५।२ से ६,१८,१६,२१,२६, संचारिम संचालिज ३।११७ ३०,३५:२१।१।१,२११२१ से ३७.५६ से ६२, Vसंचिठ्ठ (सं : ष्टा) संचिट्ठइ उ ११३८,३१५६ ७३,७८ से ८०,१४, २३३१००,१६०;३०२५, चिटुनि उ ११८६:३१७६ २६; ३३।१११,३३१२१ से २३,३६६८१ ज १५, संचिय (सञ्चित) प २३२१२ से २३ ज ३१२२१ ७,८,१८,२०,२३,३५,५१:२।१६,२०,४७, संछण्ण (संछन्न) ज ४१३,२५ ८६,१२३,१२८,१४८,१५१,१५७,३३३,६५, संजत (नंयत) १३।१०५,६।६७,६८,२११७२; १५६,४११,३६,४५,५५,५७,६२,६६,७४,८४, ३२।६।१ ५६,६१,६७,६८,१०१,१०२,१०३,१०८,११०, संजतासंजत (संयतासंत) प ६१६८,२१७२; १६७,१७८,२१३,२४२,२४५,७१३१,३२११, ३२॥१३ ३३,३५,५५,१२७११,१२६११,१३३३३.१६७११; संजतासंजय (संपतासंयत) प ३२१४ १६८।२,१७६ च ३१२ सू ११७।२,१११४; संजम (संयम) प ११११७ ज ११५, २१८३,३६३२।१ १०१६; १३॥१७,१८।८ उ ११३ उ११२,३,३१२६,३१,६६,१३२,५।२६ संठाणओ (संस्थानतम् ) प११५ से ६ संजाय (यत) प ३३१११,१०५,६१६८; १७।२५, संठाणतो (संस्था तस्) १ ११७ से ६ ३०,३३,१८११११,१८१८६२१।७२; संठाणणाम (संस्थाननामन्) प २३।३८,४६ २८११०६।१,२८११२८,३२११ से ४,६६।१।। संठाणपज्जव (मंस्थानपर्यव) ज २१५१,५४,१२१, संजयासंजय (संयतायत) प ३११०५; ६१९७; १२६,१३०,१३८,१४०,१४६,१५४,१६०,१६३ १७।२३,२५,३०:१८।६१,२१।७२,२२१६२; संठाणपरिणाम (संस्थान:रिणाम) प १३१२१,२४ २८११३०,३२२१,२,६ संठाणा (दे०) सू१०१६,६२,६७,६८,७५,८३, संजलण (संज्वलन) प १४।७; २३१३५ १०३,१२०,१३१ से १३३, १२।२० मृगशिरा संजलणा (संज्वलना) प २३।१८४ नक्षत्र संजार (सजात, ज ३११११,१२५ उ १८६ संठिइ (संस्थिति) ज ७।३१,३३,३५ च २।१३।१, संजाय उहाल (संजातकौतूहल) ज ११६ १ सू ११६११,११७११,१६१ संजायसंसय (संजातसंशय) ज ११६ संठित (संस्थित) प २१२० से २७,३०,३१,४१, Page #344 -------------------------------------------------------------------------- ________________ संठिति-संपण्ण १०५७ संथरिता (संस्तृत्य, संस्तीय) ज ३१२० संथरेता (संस्तृत्य, संस्तीर्य) ज ३।१११ संथव (संस्तव) प ११०२३ संथार (संस्तार) ज ३।११३ संयारग (संस्तारक) ज ३११११ संथारय (संस्तारक) ज ३।१११ सिंथुण (सं+स्तु) संथगइ ज ५१५८ संथुणित्ता (संस्तुत्य) ज ५१५८ संथुय (संस्तुत) ज २१६६ संथुव्वमाण (संस्तूयमान) ज ३११८,६३,१८० संदमाणिया (स्यन्दमानिका) ज २।१२,३३ संधि (सन्धि) ५२४८३६ ज २६१५,१३३,४।१३, ४८ से ५०,५४,५६,६०,६४ सू११२५३१२, ४.२ से ४,६,७,६,३३,३६,१०।२७ से ३१, ३३,३४ से ४४,४६ से ५४:१८।८।१६।२,३, ६.६,१२,१३,१६,१७,२२१२,१५ संठिति (संस्थिति) ज २१४६ सू १।१५,१६,१७, २५;४१ से ४,६,७,६६.१११ २ १३३१७ संठिय (मंस्थित) प २१४८,६४, १५२ से ६.१८, १६,२१,२६,३०,३५, २१०२१ से ३७,५६ से ६२.७३,७८ से ८१,८३३३।१६ से २६; ३६।८१ ज १५,७,८,१८,२०,२३,३५,३७, ४८,५१, २।१५,१६,२०.४७,८६,३।६,६४, ६५,१३३,१३५,१५८,१५६,१६७.२२२,४१, २३,३८,३६,४५,५५,५७.६२,६५,६६,७३७४, ८६,६०,६१,६७,६८,१०३,१०८,११०,१२८; १६७१११.१६६,१७८,२१३,२४२,२४५, ५१४३,७१३१ से ३३,३५,५५,१३३,१६७, १७६,१७८ सू११५.१४,४१६ उ ११३ संड (षण्ड) ज ३१११७,१८८ संडिल्ल (शाण्डिल्य) प ११६३।३ संणय (सन्नत) ज ३११०६ संत (सत्) १११४७१३ ज २१६४,६९ सू २०१२ संत (शान्त) ज २६८ संत (श्रान्त) उ १३५२,७७ संतइभाव (संततिभाव) १८१४,६ संततिभाव (सन्ततिभाव) प ८८,१० संतप्प (सं:-तप) संतप्पंति सू ।१ संतपमाण (पंतप्यमान) सू !१ संतय (सन्तत) प ७१ संतर (सान्तर) प ६४७ से ५८,१११७०,७१ संताणय (सन्तानक) सु २०१८ संताव (मं : तापय् ) संत.वेति सू ।१ संतिकर (शान्निकर) ज ३८८ सिंथर (मं स्न) संथरइ ज ३१२०,३३,५४,६३, ७१,६४,१३७,१४३,१६६ संथति ज ३।१११ संधिकम्म (सन्धिकर्मन) ज ३१३५ संधिवाल (सन्धिपाल) ज ३१६,७७,२२२ उ श६२ सिंधुक्क (सं+-धुक्ष्) संधुक्के इ उ ३३५१ संधुक्केत्ता (संधुक्ष्य) उ ३५१ सिंधुक्ख (सं+ धुक्ष्) संधुक्खंति ज ५११६ संधुक्खित्ता (संधुदय) ज ५१६ संनिक्खित्त (सन्निक्षिप्त) ज ११४० संनिचित (सन्निचित) उ ५१५ संनिवडिय (संनिपतित) उ १२३,६१ संनिविट्ठ (संनिविष्ट) ज ४२७, १४ संनिसण्ण (संनिषण्ण) उ ३६१ संपउत्त (संप्रयुक्त) ज ३1३५,८२,१०३,१७८, १८७,२१८ संपक्खालग (सम्प्रक्षालक) उ ३१५० संपग्गहिय (सम्प्रगृहीत) ज ३१३५,१७८ संपठित (सम्प्रस्थित) प १६।२२ संपटिठय (सम्प्रस्थित) ज ३३१७८,१७६,२०२, २१७,५४४३ संपणदित्त (संप्रणदित) प १३०,४१ संपण दिय (संप्रणदित) प १३१ संपणादित (संप्रणादित) ज ११३१ संवण (संपन्न) उ ११२३।१५६:५२२६ Page #345 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०५९ संपत्त-संलाव संपत्त (सम्प्राप्त) ज २१ सू २१३ उ ११४ से संपुष्णदोहल (सम्पूर्णदोहद) उ ११५०.७५ ८,६३,६३,१४२,१४३, ११ से ३,१४,१५, सिंह (सं+प्र-1ईक्ष ) संपेहेइ ज ३१२६,३६,४७ २१:३।१ से ३,२०,२३,२६,८८,१२६,१५३, उश१७, ३१२६ संपेहेति ज ३।१८८ १५४,१६६,१६७,१७०,४१ से ३,२७,५११, संपेहेमि उ १७६ संपेहेत्ता (सम्प्रेक्ष्य) ज ३२६ उ १११७:३१२६ संपत्ति (सम्प्राप्ति) उ १२४१,४३,४४ संब (शम्ब) उ ५:१० संपत्थिय (सम्प्रस्थित) उ ३१६३,६७,७०,७३ संबंधि (सम्बन्धिन) ज ३।१८७ उ ३१५०,११०, संपन्न (सम्पन्न) ज २०१६ १११;४।१६,१८ सिंपमज्ज (सं+-प्र--मृज) संपमज्जेज्जा ज ५५, संबद्ध (संबद्ध) ज २२० से २७ ७५ से ७६ संबद्धलेसाग (संबद्ध लेश्याक) सू १६।१११२ संपया (संपदा) ज २।७४ । संबररुहिर (शम्बररुधिर), १७१२६ संपराइयबंधग (साम्परायिकबन्धक) प २३१६३ संबाह (सम्बाध) ज २१२२:३।१८,३१,१८०,२२१ संपराइयबंधय (साम्परायिक बन्धक) प २३६१७६ संपराय (सम्पराघ) ज ३।१०३ संबुद्ध (सम्बुद्ध) उ ३१४५ संपरिक्खित्त (सम्परिक्षिप्त) ज १७,६,२३,२५, संमंत (सम्भ्रान्त) उ ११३७ २८,३२,३५,४११,३,६,१४,२५,३१,३६,४३, संभम (सम्भ्रम) ज ३।२०६५।२२,२६ ४५,५७,६२,६८,७२,७६,७८,८६,६०,६५, संभव (सम्भव) ज ७.११४ १०३,१४१,१४३,१४८,१४६,१५२,१७४, संभिन्न (सम्भिन्न ) प ३३.१८ १७६,१७८,१८३,२००,२१३,२१५,२३४, संभिय (श्लेष्मिक) उ ३१३५ २४०,२४१,२४२,२४५,५।३८ सू ३।१:१६२, संभूयग (सम्भूतक) उ ३९८ १२,२८,३२,३६ उ ५१८ संभोग (सम्भोग) उ १२२७,१४० संपरिवुड (सम्परिवत) ज २१८८,६०३१६,१४, संमज्जग (सम्मज्जक) उ ३१५० १८,२२,३०,३१,३६,४३,५१,६०,६८,७७, संमज्जण (सम्मार्जन) उ३१५१,५६,७१,७६ ७८,९३,१३०,१३६,१४०,१४६,१७२,१८०, राजिया सम्मानित) ज २६५ : 3310.१८४: १८६,२०४,२१४,२२१,२२२,२२४; ५।१,५, ५।५७ २२,४६,४७,५६,६७ उ ११२,१६,६२,६३,६७, संमठ (सम्मृष्ट) ज २१६; ३७,५१५७ ६८,१०५ से १०७.१२१,१२२,१२६ से १२८, संमुच्छ (+ मुर्छ, ) समुच्छंति सू ६।१ संमुच्छति १३३, ३११११; ४११८५१६ गु२०११ संपलग्ग (सम्प्रलग्न) ज ३।१०७,१०६ उ १११३८ समुच्छित्ता (सम्मूर्छ य) सु २०६१ संपलियंक (संपर्यडू) ज २८८ संमुच्छिय (सम्मूच्छित ) सू ६१ संपाविउकाम (सम्प्राप्तुकाम) जे ५।२१ सम्माण (स गानय्) सम्माण इ उ १।१०६; संपिडिय (सम्पिण्डित) प १६४१५ ज १२ ३१११० सम्माणति उ ५१३६ सम्मामि संपिणद्ध (संमिनद्ध) ज २११३३,३।२४ उ १११७ संपुच्छण (सम्प्रच्छन) ज ५१५ संलवमाण (संलगत् ) उ ११४७ संपुण्ण (सम्पूर्ण) ज ३१२२१ उ ११३४ संलाव (संलाप) ज २११५:३।१३८ सू २०१७ Page #346 -------------------------------------------------------------------------- ________________ संलेहणा-सवकरप्पभा संलेहणा (संलेखना ) ज ३।२२४ उ २११२:३।१४, ८३, १२०, १५०, १६१, १६६५१२८,४३ संवच्छर ( संवत्सर ) प ४१६५, ६७ २३।७४, १८७ ज २४,६६,६६,७१२०, २५, २६,३७,१०३, १०४,११२/२,३,११३,११४,१२६ चं २१३५३ सू १।६।३; १६, १३, १४,१६, १७,२१,२४,२७,२१३ ; ६ | १ ; ६११; १०।१२४ से १२७,१२६१२,३,१३०,१३८ से १६१, ११।१ से ६; १२1१ से ६,१० से १३,१६ से २८,३०; १३२,२०१३ ३ ३ १२६,१३४ संवच्छरण (संवत्सरण) सू ११६१३ संच्छरय (सांवत्सरिक ज २२४३।२१२,२१३, २१६,७१११०,१२७ सु १०/१२२,१२३ (विकीर्ण ) प २०४१ ज ११३१ संविगण ( संविकीर्ण ) प २०३०, ३१ सविषद्ध (भविन ) ज ३१३१ संवुक्क (दे० ) प ११४६ संवुड (संवृत ) प ६२० से २३ सू २०१७ संजोग (संवृत योनिक ) प ६ । २५ संबुडवियड (संवृतविवृत ) प ६।२० से २३ संवुडवियडजोणिय (संवृतविवृतयोनिक ) प ह २५ संकल्प (संवर्तकल्प) उ ११३६ संग (संवर्तक) ज २११३१ संगवाय ( संवर्तकवात ) प ११२६ ज ५।५ √संवड्ढ (सं+वृध्) संवड्ढे इ उ ११५८ संवढे मि सकथा (कथा ) उ ३।५१११ उ १८३ संवढे हि उ १।५७ संवढमाण ( संवर्धमान ) उ ११५४ संवदिज्जमाण (संवध्यमान) उ ३ | ४६ संवत्त (संवृत्त) ज ३|१०६ संवद्धिय (संवद्धित ) ज ३१३५ संवर (शंकर) प ९६४ मृग की जाति संबर (संबर) प १।१०१।२ संवाह ( संवाह ) प १।७४ ज २।२२ संfafe संवृत्त (संवृत्त) ज ४११३ संवय (वृत्त) ज ३।२२२ संसयकरणी (संशयकरणी ) प ११।३७।२ संसत्त (संसक्त) उ ३११२० संसत्तविहारि ( मंसक्तविहारिन् ) उ३।१२० संसार (संसार) प २२६४,६४।१ ज २७० उ ३।११२ संसार अपरित (संसारापरीत) प १८१०६,१११ संसारत्य ( संसारस्य ) प ३११८३ संसारपरित (संसारपरीत ) प १८२१०६, १०८ संसारपारगामि (संसारपारगामिन् ) ज २७० संसारसमावण्ण (संसारसमापन्नक ) प ११०,१४, १५,४१ से ५२,१३८ संसारसमावण्णग (संसारसमापन्नक) प ११ ३९; २२८ संसिय (संश्रित) ज ३३८१ उ ३३५५ संहित ( संहित ) प १२४७३ संहिय ( संहित ) ज २११५ १०५६ सकसाई ( सकषायिन् ) प ३६८, १८३; १८२६४; २८।१३२ सकहा (दे० ) ज २।११३ सकाइ ( सकायिक ) प ३।५० से ५३,६०१८ २५; ३०,३१ सकिरिय (सक्रिय) प २२७,८ सकोरंट ( सकोरण्ट ) ज ३१६,१८,७७, ७८, १३, १८०,२२२ सक्क ( शक्य ) प ११४८१५७ ज २२६ १ सक्क (श) प २५०, ५१ ज ११३१; २२८६,६०, ६३,६५,६७,६६,१०१, १०३, १०५, १०७, १०६, १११,११३,११८, ३१११५, १२४, १२५; ४।१७२, २२२,२२३ १,२३५, २४०,२४३; ५।१८,२० से २३,२७ से २६,३६,४१,४३, ४५ से ५०,६१,६२,६५ से ६६,७२,७३ उ ३।१२३, १५० सक्करप्पभा (शर्कराप्रभा ) प १५३, २११,२०,२२; ३।१२,२२,२३,१८३,४७, ८, ६, ६ ११, ७४, ७५:१०११; २०१५१, ५४:२११६७ ; ३३१४, १६ Page #347 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सक्करप्पभापुढविणेरइय-सट्ठाण सक्करप्पभापुढविणेरइय (शर्कराप्रभापृथिवीनरयिक) सचित्तजोणिय (सचित्तयोनिक) प६।१६ प २०१५२,५५ सचित्ताहार (सचित्ताहार) प २८.१,२ सक्करा (शर्करा) प११२०११७१३५ समच (सत्य) प १११०१११० उ १।२४ ज २१७,६८,४।२५४ सश्चमासग (सत्यभाषक) प ११६० सक्कार (सत्कार)ज २।२५; ३।२१७ उ ११६२; सच्चमण (सत्यमनम् ) प १६।१ से ३,७,८,१०, ५१७ ११,१५,१८ से २१ सिक्कार (सत्कारय् ) सक्कारेइ ज ३१६,२७,४०, सच्चमणजोग (सामनोयोग) प ३६८६ ४८,५३,५७,६५,७३,६१,१२७,१३४,१३६, सञ्चवइजोग (सत्यवाक्योग) प ३६१६० १४६,१५१,१५२,१८६,२१६ उ १:१०६ सच्चा (सत्य) प १११२,३,३२,३३,४२ से ४६,६२, ३।११० सक्कारेंति उ ५३६ सक्कारेज्ज ८४,८५,८८,८९ ज २१६७ सक्कारेमिउ ११७ सच्चामोस (सत्यामृषा) प १११२,३,३५,३६,४२, सक्कारणिज्ज (सत्कारणीय) सू १८।२३ ४३,४५,४६,८२,८४,८५,८८,८६ सक्कारवत्तिय (सत्कारप्रत्यय) ज ५१२७ सच्चामोसमासग (सत्यामृपाभाषक) प ११।९० सक्कारिय (सलारित) ज ३८१ सच्चामोसमण (सत्वामृषापना) प१६६१,७ सक्कारेत्ता (सत्कार्य ) ज ३।६ उ ३३५० सच्चामोसमणजोग (सत्यामृषामनोरोग) प ३६८९ सक्कुलिकण्ण (शप्कुलिकर्ण) प ११८६ सच्चामोसवइजोग (सत्यामृपावायोग) प ३६१६० सक्कोत (सक्रोश) जे २३,३५ सच्चित्त (सचित्त) प २८।१।१ सखिखिणी (सकिंकिणी) ज ३१२६,३०,३६,४७, सच्छंद (स्वच्छन्द) प २।४१ ५६,६४,७२,११३,१३३,१३८,१४५,१७८ सच्छंदमइ (स्वच्छन्दमति) उ ३१११६४१२२ सग (स्वक) ५ २१६२,६३, ३३११६,१७ सच्छीर (सक्षीर) प १४८।३६ ज २११२०,३१८१,८६,१०२,१५६,१६२ सजोगि (सयोगिन् ) प ३१६६,१८३१८५५ सग (शक) प १८६ सगंय (सग्रन्थ) ज २१६६ २८१३८,३६१६२ सगड (शकट) ज २११२,३३,७१, ७३१ सजोगिकेवलि (सयोगिकेदलिन् ) प १३१०८,१०६, सगडवूह (गकटव्यूह) उ ११३७ १२१,१२२ सगडुद्धिसंठिय (सकट 'उद्धि' संस्थित) सू १०३७ सजोगिभवत्थकेवलि (सोगिभरस्थकेबलिन) सगडुद्धी (शकट 'उद्धि') ज ७१३३.१ प १८।१०१,१०२ सगडुद्धीमुहसंठिय (शकट 'उद्धि' मुखसंस्थित) सज्ज (सज्ज) ज ३।१७८ सज्जाय (सर्जक) ५ ११४८१४६ पीत शालवृक्ष सगडद्धीसंठिय (शकट'उद्धि' संस्थित) ज ७१३२११ सज्जाव (सञ्जय) समावेति उ १११३५ सगल (शकल) प २४७१२; २।३१ ज ७११७५ सज्जावेत्ता (सञ्जयित्वा) उ११३५ सू.१,१३१३ सज्झाय (स्वाध्याय) उ ३३१ सगोत (सगोत्र) सू १०1१२ से ११६ सट्ठ (षष्ठ) ज ३११७८ मु१६२१ सचित्त (सचित्त) ५ १३ से १७ ज २०६६ सट्ठाण (स्वस्थान) म ११,२,४,५,७,८,१०,११, सचित्तकम्म (सचित्तकर्मन्) मू २०१७ उ २८ १३,१४,१६ से ३१,४६, ५॥३५,४२,४६,५४, सचित्तजोणि (सचित्तयोनि) प६१६ ५७,६०,६४,६६,७५,७६,६०,६४,६८,१०८, Page #348 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सद्विग-सग्णिसीय १०६१ ११२,११६,१२२,१५१,१६४,१६७,१६१, सण्णवणा (संज्ञपना) उ ३।१०९ १६४,१६८,२०१,२०४,२०८,२१२,२१५: इसण्णवित्तए (संज्ञपयितुम् ) उ ३.१०६ २१६,२२२,२२५,२४३,२४४,६१६३; सण्णा (संज्ञा) प ११११४८।१३ ज १२१३३ १५.१०२.१२१,१२२,१२७,३६।२०,२४,२६, सण्णासण्णि (संज्ञामंजिन) प ३११६।१ २७.४७ सिण्णाह (मंनाहय्) सणाहेह ज ३।१५,२१ सछि (पष्टि) प १३३ ज ११२६ उ २०१२ ३१,३४,७७,६१,१७३,१७५,१६६ उ १११२३; सठिग (पष्टिक) ज ३१११६ ५२१८ सटिठभाग (पष्टिभाग) ज ७१२१,२२,२५ मू ११० सण्णि (संजिन) प १४१७,३११२,११२,१११११ सट्ठिभाय (पष्टिभाग) ज ७।२४ से २०१८।१।२,१८।११६२३।१७६,१७७, सट्ठिय (पष्टिक) गु १२१८ १६५,१६६.१६६ से २०१:२८.१०६६१, सिड (शट) सइइ उ ११५१ २८१११५,११६,३१११ से ३,५,६,६११; सड्ढई (धाद्ध किन्) उ ३३५० ३६१६२ सण (शण,सण) प ११३७६४,११४५।२ ज २।३७; सण्णिकास (सन्निकाश) ज ३१२२३,४१८५ ३.७६,११६ सण्णिक्खित्त (संनिक्षिप्त) ज ७/१८५ सणंकुमार (सनत्कुमार) प १११३५,२१४६,५२ से सण्णिचिय (सन्निचित) ज २६ ५८.६३, ३।३१,१८३, ४१२३७ से २३६% सणिणाद (संनिनाद) ज ३।३०,३१,४३,५१,६०, ६।२६,५६,६५ ८५.११२,७।१०।१५।८८, ६८,७८,१३०,१३६,१४०,१४६ १३८,२१४७०,६१,२८७७,३३।१६,३४११६, सणिणाय (सन्निनाद) ज ३।१२,१४,१७२,१८०, १८२१२ २०६,२२४;५।२२,२६,७११२७।१ सर्णकुमारग (सनत्कुमारज) ६१६५ ज ५१४६ सण्णिम (सन्निभ) ज ३।३,१७,१८,३१,८१,६१, सणंकुमारवडेंसय (सनत्कुम्हारावतंसक) प २२५२ ६३,१७७,१८०,१८३,२०१,२१४ समाफद (सनख द) प ११६२,६६ सण्णिभूय (सं शिभूत) ५१५।४८;१७१६,३५११८ सणिक्रमण (सनिष्क्रमण) ज ४।२७७ सपिणवाइय (सन्निपातिक) उ ३.११२,१२८ समिक्खिर जनिक्षिप्त) ज ७१८५ सू १८।२३ सण्णिवात (सन्निपात) सू १०१२६ सनियरसंबछर (मनैश्चरसंवत्सर) ज ७४१३३ सपिणवाय (सन्निपात) चं ५.१ सू१६१ सणिच्दरि (शनरचारिन् ) ज १५०,१६४; सणिविट्ठ (सन्निविष्ट) ज ११३७,३१६६ से ४।१०६,२०५ १०१,१६३,४१६,३३,१२०,१४७,२१६,२४२, ५।३,२८,३३ समिच्छर (शनैश्चर) परा४८ ज ७१८६।१ सण्णिवेस (सन्निवेश) प १६१२२ ज २१२२ मु १०१३०, २०१८।१ ३१३२,१८५,२०६ उ ३११०१,१२५,१३२, सणिच्छरसंवच्छर (शनैश्चरसंवत्सर) ज ७।१०३, १३३,१४१,१४५,५३६ ११३ सु १०।१२५.१३० सण्णिवेसमारी (सन्निवेशमारी) ज२४३ सणिय (सनस) ज ३१२२४ सण्णिसम्ण (सन्निषण्ण) ज ३।६,२०४; ५।२१, सपणज्रिउं (सन्नद्ध) ज ३११२३ ४१,४७,६० सपण मला) ३.१०७.१२४ उ १११३८ सिण्णिसीय (सं! नि पद) सणितीयह सम्मय (सन्नत) ज ७।१७८ ज ३११२ Page #349 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०६२ सण्णिसीयित्ता-सत्तर सण्णिसीयित्ता (संनिषद्य) ज ३.१२ सणिहिय (सन्निहित) प २१४७१२ सण्ह (श्लक्ष्ण) प १११८,१९,२।३०,३१,४१,४८, ४६,५६,६३,६४ ज ११८,२३,३१,३५,५१; ३।१२,८८,१६४,४१२४,२५,२६.४६,६७, ८८,११०,१७८,२१३, ४११०,५१५८ सोहमच्छ (श्लक्ष्णमत्स्य) प ११५६ सण्हसण्हिय (श्लक्षणश्लक्षिणक) ज २२६ सत (सत्) सू १३।२ सत (शत) प २१४१ से ४३,४६,४८ से ५२,५८ से ६४,४११८६,१८८६१३४,३६,६७, १८:१९,२४,४६,५४,६०,६१,११६,२०१३; २११६७,६८; २३१६३,६८,६६,७३,७५ से ७७,८१,८३,८५,८७,६०,६२,९६,६७,११२, ११४,११६,१२७,१६४,१६६:३६.१७,३४, ४१ सू श१५ से २०,२४,२१३:३।१६।१ ६१३;१०११२७,१६५,१२।२ से ६,१२,१३, ३०१३।१ से ३,१४१७:१५२ से ४,१७ से १९,२२,२५ से २६,३१,३२,३४ से ३७, १८११,४ से ६,१७,२०७१६६१,४,५।३.१६७, ८,१०, ११,२,४,१६१८ से २०,२११४; १९४२२१३२ सतक्कतु (शतक्रतु) प २१५० सतक्खुत्तो (शतकृत्वस्) सू० १२।१२ सतत (सतत) प ७१ सतपोरग (शतपोरक) १ ११४११ सतभिसत (शतभिषग) सू १०।६४ सतभिसय (शतभिषग्) सू २०१२ से ६.६,२१,२३, ३०,५८,७५,८१,६५,१२०,१३१ से १३५; १२१२५ सतरा (सप्तति) मू १६।१११ सतवच्छ (शतवत्स) प ११७६ सतवत्त (शतपत्र) प ११४८१४४ सतवाइया (शतपादिका) प १५० सतसहस्स (शतसहस्र) प १२०,४६,५०,७५,७६, ८१२।२० से २७.२७४२,२६ से ३३,३६ से ३९४०१२,२०४१ से ४३,४८ से ५३,५४, ५६१,२६६३,६४,४११७१,१७३,१७७,१७६; ६।४१,२१।६३,६६,७० सू १५१२:१८१२५; १६१२१,३१६८।१,३,१६।२१११,८, १९४२२१६ सतहा (सप्तधा) ज ५।७२,७३ सता (सदा) सू १६११ सतीणा (दे०) प ११४५।१ सतेरा (शतेगा) ज ५११२ मन (मान सत्त (सप्तन्) प१४६ ज ११२० चं ३।३ सू १७ उ ३३१०१ सत्त (सत्त्व) प १६४; ३६।६२,७७ ज २११३२; ३१३,७।२१२ उ ११३;३१५१ सत्तंग (सप्ताङ्ग) उ ३१५१ सत्तग (सप्तक) ज ७१३०२ सत्तछि (सप्तषष्टि) सू १०२ सत्तद्विधा (सप्तषष्टिधा) मू १०।१५२ से १६०, १६२,१६३,१११२ से६१२१७,८,१६ से २८ सत्तट्टिहा (सप्तपष्टिधा) म ११०२ सत्तणउत्ति (सप्तनवति) मू १८१ सत्तत्तरि (सप्तसप्तति) ज ३।२२५ सत्ततीस (सप्तत्रिंशत्) ज ४१५५ सत्तत्तीस (सप्तत्रिंशत् ) ज ४.१४२।२ सत्तघणु (सप्तधनुष्) उ ५।२।१ सत्तपएसिय (सप्तप्रदेशिक) प १०।१२ सत्तपदेस (सप्तप्रदेशिक) प १०।१४१५ सत्तभाग (सप्तभाग) प २३१६१,६४,६८,७३,७५ से ७७,८१,८३ से ८५,८६,६०,६२,६६, १०१,१११ से ११४,११७,१२१,१२२,१३०, १३४,१३५,१४०,१४२,१४३,१५२,१५३, १५५,१६०,१६४,१६७,१७१ से १७३ सत्तम (सप्तम) ५६१८०१२,१०११४१३,३६०८५, ८६ ज ७६७ सू १०७७१२१६,१३।१० उ २१२२ सत्तमी (सप्तमी) ज ७।१२५ सत्तर (सप्तदशन् ) प १०११४१४ से ६ ज ७।२०२ Page #350 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सत्तरस-सहाव सत्तरस (सप्तदशन् ) प ४१६ ज ३१७६ सू ८१ सत्तरसविह (सप्तदशविध) '१६॥३८ सत्तरि (सप्तति) प २।५३ ज ५४६ सू १६।१४ सत्तविह (सप्त विध) प १११६,५३,१६।२६,३२, २।२१ से २३,८३,८४,८६,८७,६०; २४।२ से ८.१० से १३:२५१४,५,२६२ से ६,८ से १०;२७२,३,३६।७ सत्तसठ्ठ (सप्तपष्टि) ज ४१६८ सत्तसठ्ठि (सप्तपप्टि) सू १०।२२ सत्तसिक्खावइय (सप्तशिक्षावतिक) उ ३।७६ सत्तहत्तरि (सप्लसप्तति) ज २१४१२ सत्तहा (सप्तधा) ७६५,६८,६६,७१,७२,७४, ७५,७७.७८,५१७२.७३ सत्ताणउइ (सप्तनवनि) २४६ सत्ताणउत (सप्तनवति) प २१४८ सत्ताणउय (सप्तन वति) ज ७१८ सू ११२७ सत्तातीस (सप्तत्रिंशत् ) प ४.२७६ सत्तालीस (सप्तचत्वारिंशत् ) म १०११५१ सत्तावण्ण (सप्तपञ्चाशत् ) ज ४१६२;७।२१; म २१३ उ ११३ सत्तावीस (सप्तविंशति) प ४।२७६ ज १७ सू १६१० सत्तावीसतिविह (सप्तविशतिविध) प १७१३६ ससासीय (सप्ताशीति) ज ७७७ सति (शतिः) प २१४१ ज ३।३५,१७८ सत्तिषण (सप्तरण) प ११३६।३ उ ३१६४ सत्तिवण्णवडेंसय (सप्तपर्णावतंसक) प २।५०,५२ सत्तिवण्णवण (सप्तपर्णवन) ज २१६;४१११६ सत्तु (शत्रु) ज ३१३,३५,८८,१०६,१७५,२२१ सत्तुस्सेह (सप्तोत्सेध) ज ११५ सू ११५ सस्थ (शस्त्र) ज २१६।१,३।२०,३३,५४,६३,७१, ७७,८४.१०६,११५,१२४,१२५,१३७.१४३, १६७,१८२ उ ३२३८,४० सत्थ (शास्त्र) उ ३३२८ सस्थवाह (मार्थवाः १६१४१ ज १२५:३१६, १०,७७,८६,१७८,१८६.१८८,१८६,२०६, २१०,२१६,२१६,२२१,२२२ उ ११६२; ३१११,९६,६८,१००,१०१,१०६ से ११२; ११०,१७,१६,३६ सत्यवाही (सार्थवाही) उ ३६८,१०१ से १०५, १०७,१०८,११० से ११३ सत्थीमुहसंठित (स्वस्तिमुखसंस्थित) सू ४।३,४,६,७ सदा (सदा) प १३०,३१,४१ सदेवीय (सदेवीक) प २०११२,३४।१५,१६ सद्द (शब्द) प २।३०,३१,४१,१५१३६,३६,४०; १६.४६,२३११५,१६,१६,२०,३०,३१, ३४।११२,३४१२३ ज १११३,२६,३१,२१७, १२.६५,३१६,१२,१४,१८,३० से ३२,४३, ५१,६०,६८,७७,७८,८२,८८,८६,६३,१३०, १३६ १४०,१४६,१५५,१५६,१७२,१७८,१८०, १८५,१८७,२०६,२१२,२१३,२१८,२२२; ४।३,२५,८२,५।२२,२६,३८,५७,५८,७२,७३, ७११७८ सू २०१७ उ १६० से ६२,८५ से ८७: श१६,१७,२०,२५,२७ सपरिणाम (शब्दपरिणाम) प १३१२१,३१ सहपरियारग (शब्दपरिचारक) ५३४११८,२३,२५ सहपरियारणा (शब्दपरिचारणा) प ३४१७,२३ सहव्वया (सद्व्य ता) ज ३।३ सिद्दह (श्रत् +धा) सहइ ५ १११०१।४,१२ सद्दहाइ प ११०१।३ सद्दहामि उ ३११०३; ४।१४५:२० सद्दहेज्जा प २०११७,१८,३४ सद्दहणा (श्रद्धान) ५०१०१११३ सिद्दाव (शब्दय) सद्दाविस्तंति ज २११४६ सद्दावेइ ज २१६७,१८५,१०७,१११:३७, १२.१५,१८,२१,२८,३१,३४.४१,४६,५२, ५८,६१,६६,६६,७४,७६,७७,८३,६१,६६, १७०,१७३,१७५,१८०,१८३,१८८,१६१, १६६,२०७,२१२,५२२,२८,५४,६१,६८,६६, ७२,१२८,१४१,१४७,१५१,१५४,१६४,१६८ १।१७,३१९१४।१६५।१५ पहाति .३३१०५.१०७,११३,५१३,१४ महामि उपल Page #351 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०६४ सद्दावइ-समकम्म सहावइ (शब्दापातिन्) ज ४१४२,५७,५८,६०,७१ सद्दावति (शब्दापातिन) प १६३० सहाविता (शब्दयित्वा) ज ११४६ सहावेत्ता (शब्दयित्वा) ज २१९७१।१७:३१७ ४११६:५११५ सदुण्णइय (शब्दोन्नतिक) ज २११२,४१३,२५ सद्ध (श्राद्ध) ज २१३० सद्धा (श्रद्धा) सू २००६।३ सद्धि (सार्धम् ) प ३४११६,२१ से २४ ज २१६५, ५८,६०,३१९,२२,३६,७७,७८,१८६,२०४, २२२,२२४;५१,५,४१,४४,४६,४७,५६, ६७,१३४,७११३५,१८४ सु १०।२ उ ११२ ३३९८,४११८,५।१६ उ १२२,३।६८,४११८; ५१६ सन्नद्ध (सन्नद्ध) ज ३७७ सन्निकास (सन्निकाश) ज ३१२४ सन्निभ (सन्निभ) प २१३१ सन्निवाइय (सानिपातिक) उ ३.३५ सन्निहिय (सन्निहित) प २।४६,४७ सपक्ख (स्वपक्ष) उ १२२,१४० सपक्खि (स्वपक्षिन् ) उ ११४६ सपक्खि (सपक्षम् ) १ २।५२ से ५६,६१,१६।३० सपज्जवसिय (सपर्यवसित) ११८१३,२५,५५, ५६,६३,६४,६७,६८,७६,७७,७६,८३,८६, ६०,१०५,१११,१२२,१२६ सपडिदिसि (सप्रतिदिश्) प २१५२ से ५६,६१ १६।३० उ १५२२,४६,१४० सपरिनिव्वाण (सपरिनिर्वाण) ज ४।२७७ सपरियार (सपरिचार) ३४११५.१६ सपरिवार (सपरिवार) प २१३२,३३,३५,४३, ४८ से ५१ ज ११४४,४५२१६०;४१५०,५६, १०२,११२,१३५,१४७,१५५,२२१,२२२, २२३३१,२२४११:५१,१६,४१,५०.५८ सपुव्वावर (सपूर्वापर) ज ४१२१,२५६ सू ३३१; १०१२७,१८६१,२१ सप्प (सर्प) ज ७१३०,१८६।३ सप्पदेवया (सर्पदेवता) सू १०१८३ सप्पभ (सप्रभ) प २१३१,४१,४६,५६,६३,६६ ज ११८,२३,५।३२ सप्पसुयंधा (सर्पसुगन्धा) प १।४८३ धवलवा सप्पह (सप्रभ) ५ २।३० ज ११२१ सप्पुरिस (सत्पुरुष) प २।४५,४५।२ सरफाय (दे०) प १४८।५० सबर (शबर) ५११८६ सबरी (शबरी) ज ३।१११२ सभितर (साभ्यन्तर) ज ३१७,१८४ सभा (सभा) ज २१६५,१२०,४१२०,१२१,१२६, १३१,१४०,५३५,७,१८,२२,२३,५०,७१८४, १८५ सू १८१२२,२३ उ ३१६,३६,६०,१५६, १६६४१५:५।१५,१६ सभाव (स्वभाव) ज २११५ सभावणग (सभावनाक) ज २१७२ सम (सम) १ ११४८१० से १६:१३१२२११,२, १७१।१२११०२:२२१६६,७०,२३५१६७; २६।६,६; ३६१८२।१ ज २१७१,३।३५,१३८, १५१,१७०,२११:४१३.२५,५७.६७,१८०; १८३;५।१८,४३,७।३७,३८,१३५।१,४,१६८, १७८ समइक्कंत (समतिकान्त) ५ १३१ समइच्छमाण (समतिकामत्) ज २१६५,३।१८६, २०४ समंतओ (समन्ततस्) ज २१६५ समंता (समन्तात्) प १७१०६ से १११ ज १७, ६,२३,३२,३५२।१३१,४।३,६,१४,२०,२१, २५,३१,४५,४७,५७,६८,७६,८६,१०३,१०७, १३१,१४३,१४८,१४६,१५२,२११,२१३, २१५,२३४,२४० से २४२,२४५, ५४५,७,३८, ५७,७।५८ सू ३११ उ ५८ समकम्म (समकर्मन्) प १७१३,४,१५,१६ Page #352 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समकिरिय-समय मू२०१७ समकिरिय (समक्रिय) प १७११११,१७।१०,११,२१ १३८,१४०,१४६,१५४,१५६,१६०,१६३; समक्खेत (समक्षेत्र) सू१०१४,५ ५।५८७१०१,१०२,१२६,२१४ चं १० समग (समक) ५१६३५२ ज ११२३,२५,३२, सू १५,८११:२०१७ उ ११२,४ से ८,१६, ३१७८,७।११२।२ सू १०।१२६६१,२ १७.१६ से २६,१४२,१४३ ; २११ से ३.१०, समग्ग (समग्र) ज ३१२२१,४१३५,३७,४२,७१, १२,१४,१५,२१३११ से ३,७,८,१२,१६,२०, ७७,६०,६४,१७४,१८३,२६२,६।१६ से २२; २२,२३,२६,३८,४०,४४,८७,८८,६१,६३, १५३,१५४,१६६ १६७,१७० ४.१ से ३,२७, समचउक्कोणसंठित (समचतुष्कोणसंस्थित) ५१ से ३,३७,४४ सृ ११२५,४२ समणी (श्रमणी) ज ७।२१४ उ ३.१०२,११५, समचउरंस (समचतुरस्र) प २।३०:१५:१६,३५; ११७,११८,४१२२ २११२६,३१,३२,३६,६१,७३,२३१४६ समणुगम्ममाण (समनुगम्यमान) ज २१६४ ज ११५, २।१६,४७,८६, ७१६७ उ १३ समणोवासम (श्रमणोपासक) ज २१७६ उ ३१८३ समणोवासय (श्रमणोपासक) उ १२०:५॥३४ समचउरंससंठाणसंठिय (समचतुरस्रसंस्थानसंस्थित) समणोवासिया (श्रमणोपासिका)ज २२७७ उ ११२०% सू १५,२५ ३।१०५,१०६,१४४ समचउरंससंठित (समचतुरस्रसंस्थित) सू ४०२ समण्णागय (समन्वागत) ज ५१५ उ ११६३ १०७४ समतल (समतल) ज ३३६५,१५६ समचक्कवालसंठित (समचक्रवालसंस्थित) समतिक्कंत (समतिक्रान्त) प २०६७ सू ११२५,४१२,१६१३,१३,१७,१९,२३ समत्त (समस्त) घ २१६४।१५ ज ३११७५ उ ३१६१ समजस (समयशस्) प २१६० समत्त (समाप्त) ज ३११६७,४१२००,५०५८; समजोगि (समयोगिन् ) ज ५१५८ ७/१०१,१०२ सू १३।१०,१३,१४ से १६ समजुतीय (समद्युतिक) १ २१६० उ ११४८,३१६१ समठ्ठ (समर्थ) प ११।११ से २०; १५।४४; समत्थ (समर्थ) ज ३।१०६:५५ सू २०१७ १७११,३,५.८,१०,१२,१४,१५,२४,१२३ से समपज्जवसिय (समपर्यवसित) सू १२११० से १२ १२८,१३० से १३२,१३४,१३५,२०१२,३.१४ सिमप्प (मं+अर्पय) ममप्पेइ ज ३११३८:४।३५, से १७.१६ से २५,२७ से ३०,३३,३४,४० ३७,४२,७१,७७,६०,१७४,१८३,१८६,२६२; से ४८,५२,५३,५६,६०,२२१७६,८०,८२,६२, ६।२१ से २४ समति ज ३।६७,१६१ ६४,६५,३०१२५,३६८०,८१,८३,८८,६२ ६.१६,२५,२६,४।६४ सू१०१५ समप्पेति ज २०१७,१८,२१ से २३,२५,२८,३० से ३३, सू १०५ ३० से ४०,४२,४३,४११०७,७११८४ समबल (समबल) प २१६०,६३ सू १८०२२ समभिरुढ (समभिरूढ) प १६:४६ ज ३.१०६ समण (श्रमण) प १३,६,६,१२,१५,२० से २७,६० समभिलोएमाण (समभिलोकमान) ५१७१०६ से से ६३,३।३६;१५४३,४५,३६७६,८१ १११ ज ११५,६:२११६,१६ से २१,२३,२५,२६, सिमभिलोय (सं+अभि+लोक) २८,३० से ३३,३६,३६ से ४३,४८,४६,५१, समभिलोएज्जा प १७।१०७,१०६,१११ ५४,५६,६८,७२,७४,८२,१२१,१२६,१३०, समय (समय) प १३१३,१०३,१०६.१०७,१०६, Page #353 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समय-समासतो ११०,११३,११४,११६,११६,१२०,१२२, १२३,२१६४।५।६।११,६५१ से १८,२० से ४५,६० से ६४,६७,६८,१०।३०११,२, १०७०,७१,१२२४,३३,१५१५८११,१६।३४, ३७,१८१५६,६०,६२,६३,६७,८०,८१,८४, ८७,८६,६५,६८,१०२.१०४, २०।१।१,२०१६ से १३; २२१५४,५६.५८,५६,७६:२३।६३, १६३,३०।२५,२६,३६.८५,८७,६२ ज ११२, ४,५,१४,१४,७१,८८,८६६१,१३१,१३४, १३८,१४१,३११०३,५१,६,८,९ से १३,१८, ४८,५० से ५२७।५७,६०,११२।१ च ६१६, १०१।१,४,५,६११:८1१६१२,१०११५२ से १६११११२ से ६,१६ से २८,३०; १३.१,२७१७११,१६।२५, २०१३,५,७ उ ११ से ३,६,१६,२८,५१,६५,७६,१४४; २१४,१७,३१४ से ६,६,१२,२१,२४,२५,२७, ४८,५०,५५ से ५७,६४,६८,७१,७४,७६,८६, ६०,६५,६८,६६,१०६,१३१,१३२,१५५ से १५७.१५६,१६८,१६६४१४ से ६,१०,५१४, १४,२१,२४,२६,३६,४०,४१ समय (समक) ज १।१४ । समयक्खेत्त (समयक्षेत्र) सू १६२०,२१ समयखेत (समयक्षेत्र) प २११८६ समर (समर) ज ३।३,३५.१०३ समवण्ण (समवर्ण) प १७४५,६,१७ समवेदण (समवेदन) १७११११,१७१८,६,१६,२० समसरीर (समशीर) प १७:१,२,२८,२६ समसोक्ख (समसौख्य) १६०,६३ समा (समा) जरा७ से १५,२१ से ४५,५० से ५६,८८,१२१ से १३३,१३८ से १४०,१४७ से १५०,१५२ से १६४,३११३५६१,४।१८०, १८३,७३७ सू ६।४।१८।२,३ समाउय (सम्मानुष्य) प १७११११,१७।१२,१३ समागम (सागः:) ज २४, समाण (सत् ) प १५१५१,५२,१७।११६ 2. २८.१०५,३४११६,२१ से २४,३६१६२,७७ ज २०६० से ६२,७१,१४२ से १४५,३३,., १३,१४,१६,२२,२५,२६,३०,३६,३८,४२, ४३,४६,५०,५१,५३,५९,६०,६२,६७,६८, ७०,७५,७७,८०,८२,८४,८६,६७,१००, १११,११८,१२५,१२६,१३२.१३६,१४२, १४८,१४६,१५६,१६१,१६५,१६६,१७८, १५१,१८६,१९२,२०२,२०८,२१२ से २१४, २१७,२१६,४।२३,२५,३५,३७,३८,४२,६५, ७१,७३,७७,६०,६१,६४,१७४,१८३,१८६, १६५,२६२:५११५,२२,२४,२६,२६,४३.७० सू ६।१ उ १११७,२३ से २६,३७,४०,४५, ५२,५५ से ५८,६०,६२,७४,७७,८० से ५३, ८५,६० से १३,६६,१०७.१०८,११०,११८, १२७, ३.१३,१५,२६,५०,५५,७८,८२,८४, १०६,१०८,११२,१२१,१४७,१६०,१६२; ४|११,२०,५।१५,१७,३८ समाण (समान) ज ३।११७ सू २०१७ उ ३।१२८ सिमाण (सं--आप्) समाणे इ ज ७१०४ सू १०।१३० समातिम् १०११२६ समाणीत (समानीत) उ ३१४८,५० समाणु भाव (समानुभाव) २१६०,६३ ज २११३१; ४१५६ सिमादह (मं+आ-!-धा) समादहे उ ३१५१ समादीय (समादिक) सू १२।१० से १२ समायरित्तए (समाचरितुम् ) उ ३।१०२ समारंभ (समारम्भ) उ १।२७,१४० समारूढ (समारूढ) ज ३११२१ समालभ (सं+आ--लम्) समालभइ उ३।११४ समावण्णग (समापन्नक) ज ७१५५,५८ समास (समास) प ३३८,३६ ज ७.१०१,१०२ सू १६।२।१ समासओ (समासतस्) प ११४८१५४:११४८ ... ज २१६६ समासतो (समासतस्) प ११४,२०,२३,२६,२६, Page #354 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समासाद-समुष्पण १०६७ समन्याय समु५५ समुद्घात) प १।११७२।१,२,४,५,७,८, १०,११,१३,१४,१६ से २०,२२ से ३१,४६; ३६।१,४ से ७,४७,५३ से ५८,८२,८३,८३११ २,३६६८६,८८ समुज्जाय (समुद्रात) ज १८८,८६,३१२२५ समुट्ठ (सं+उत् । ष्ठा) समुछेति प ११७४ समुत्त (समुक्त) ज ३।६,१७,२१,३४,१७७,२२२ समुत्तिण्ण (समुत्तीर्ण) ज ३।८१ समुदय (समुदय) ज २१४,६,३१३,१२,३१,७८, १८०,२०६:५२२,२६,३८,६७ उ ११६२ ४६ से ५१,५३,६०,६६,७५,७६,८१,८६, १३१ से १३३,१३५,१३७,१३८ सिमासाद (सं+आ+सादय्) समासादेति सू ११८ समासादेत्ता (समासाद्य) सू१५१८ से १३ समासादेमाण (समासादयत् ) सू २१३ सिमासास (सं+आ+श्वासय्) __ समासासेइ उ ११४१ समासासेता (समाश्वास्य) उ ११४१ समाय (समाहत) ज ५१५ समाहार (समाहार) १७.१,२,१४,२४,२५,२८, २६ समाहारा (समाहारा) ज ५।६।१७।१२०१२ सू१०1८८२ समाहि (समाधि) उ ३.१५०,१६१,५।२८,३६,४१ समाहिय (समाहित) ज ५१५८ समिइ (समिति) प १११०१११० ज २१४,६:३१२२१ उ १६३ समिडिढय (सद्धिक) प २१६०,६३ समित (समित) मू ६१ समिद्ध (समृद्ध)ज १२,२६, २११२,३।१,८१, १६७१४,१७५ चं ६ सू ११ उ १३१,६,२८%; ३६१५७; ५१६,२४ समिरीय (समरीचिक) प २३०,३१,४१.४६,५६, ६३,६६ ज ११८,२३,३१ समिहा (समिध्) ज ५.१६ ।। समिहाकट्ठ (समिकाष्ठ) उ ३५१ समीकर (समी+कृ) समीकरहिंति ज २११३१ समीकरण (समीकरण) ज ३१८८ समीकरणया (समीकरण) प ३६१८२११ समुइय (समुदित) ज २।१४५,१४६ समुक्खित्त (समुत्क्षिप्त) उ १११३८ समुग्गपक्खि (समुद्गपक्षिन्) प १७७,८० समुग्गय (समुद्गत) प ३६१८१ समुग्गयभूय (समुद्गतभूत) ज ३११२१ समुग्धात (समुद्धात) प २१२१ समुदाण (समुदान) उ ३३१००,१३३ समुदीरेमाण (समुदीरयत्) प ३४१२३ समुद्द (समुद्र) प १३८४; २॥१,४७,१३,१६ से १६, २८,२६; १५१५५,२१८७,६०,६१:३३१० से १२,१५ से १७:३६.८१ ज १७,४६,४८; २११०,६७,६८,३।१,३६,४१५२,५१४४.५५; ६।१,२,४,७१४,६३,८७ सू १११४,१६,१७, १६ से २२,२४,२७,२६३,३११,४१४,७,६।१; ८।१:१०।१३२,१६०१ से ३,५,६ से १२; १९२२।२६:१६।२८,२६ से ३२,३५,३६,३० उ १११३८ समुद्दय (समुद्रक) प १७५,८०,८१ समुद्दलिक्खा (समुद्रलिक्षा) प ११४६ समुद्दवायस (समुद्रवास) प १७८ समुद्दविजय (समुद्रविजय) उ ५॥१०,१७,१६ सिमुप्पज्ज (सं+उत् + पद्) समुपज्जइ प २८/७५,१०५:३४११९,२१ से २४ ज २।२७; २६,५६:४११७७,१८१ समुप्पज्जति ज ५१ उ १११११ समुप्पज्जति प २८१४,२५,२७,२६, ३८,४७,५०,७३,७४,६७,३४।२३ समुप्पज्जित्था ज २१५६,६३,१२४,१२५; ३१२,४,२६,३६,४७,५६,१२२,१३३,१४५, १८५५२२ समुपज्जिस्सइ ज २१५६ समुप्पज्जिस्सं तिज २११५,२१,५३ समुप्पण्ण (समुत्पन्न) ज ३।१२३,२१६ Page #355 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०६८ समुप्पन्न-सम्मामिच्छत्तवेयणिज्ज समुप्पन्न (समुत्पन्न) ज १७१,८५३।५ से ६३;३६१३५ से ४१,४८ से ५२,५६,६५, उ १११११,११२ ६६,७०,७३,७४,७६ समुत्पन्न कोउहल्ल (समुत्पन्नकौतुहल) ज ११६ सम्म (सम्पा) सू १०११२६४ उ ११११,११२ सम्म (सम्यक् ) ज २१६७, ३.१८५,१८६,२०६%; समुप्पन्नसंसय (समुत्पन्न शिव) ज ११६ ७११२१३,४ समुप्पन्नसड्ढ (ममुत्पन्नश्रद्ध) ज १६ सम्मट्ठरत्यंतरावणवीहिय सपुभव (समुद्भव) ज ५१५,४६ (मंमृष्ट रथ्यान रापणवीथिक) ज ५१५७ समुल्लालिय (समुल्लालित) उ १११३८ सम्मत (सम्मत) प १११३३११ समुल्लावग (समुल्लापक) उ ३९८ सम्मतसच्च (सम्मतसत्य) प ११३३ समुल्लावय (समुल्लापक) उ ३।६८ सम्मत्त (सम्यक्त्व) प १११५,१११०११६,७,१३; समुवगूढ (समुपगूढ) ज ४।६१,२७३ ३।१११,१८५१०१,२०।३६२३११७४;३४।११२ समुस्सासणिस्तास (समुच्छवासनि:श्वास) प१७१, जरा१३३ उ ३१४७,८३ २,२८,२६ सम्मत्तवेदणिज्ज (सम्यक्त्ववेदनीय) प २३११८१ समुस्सासणीसास (समुच्छ्वासनिःश्वास) प १७१२ सम्मत्तवेर्याणज्ज (सम्यक्त्तवेदनीय) प २३।१७,३३, समूसिय (समुच्छित) ज ३११७८; ५।४३ समोगाढ (भभवगाढ) प २१६४११० सू १६।२६ सम्मत्ताभिगमि (सम्यक्त्वाभिगमिन) १३४।१४ समोच्छण्ण (सभवच्छन्न) जे ३.१२१ सम्मइंसणपरिणाम (सम्यकदर्शनपरिणाम) समोप्पणा (समर्पणा) ज ३१११७ प १३।११ समोयर (सं+ अ त) समोय रंति ज ७६७ सम्मद्दिछि (सम्यक्ष्टि ) ५ ३११००६।९७,६८%; सलोवण्णग (समोपपन्नक) ५१७।१३ १३.१४,१७:१७११,२३,२५,१८१७६१६१ समोराड (समरसत) ज ११४ चं हसू ११४ से ५२११७२, २३१२००,२०१;२८।१२५,१३५ उ ३१५,१२,२१,२४,२८,२६,८६,१५६,४१४; सम्मय (सम्पत) उ ३११२८ सम्मा (सम्यक् ) प १३।११ समोसर (-- ) समोसरह ज ५।५० सम्माण (२-मानय्) सम्माणे इ ज ३१६,२७,४०, सासरंति ज ५१४६ ४८,५७,६५,७३,६१,१२७,१३३,१३६,१४६, समोसरण (समवसरण) ज ५१५३ उ ३।२१,४१० १५२,१८६,२१६ सम्माणेज्ज ज २१६७ समोप्तरिय (सवात) ज ५१४८ उ १११६:२।६३; सम्माणणिज्ज (सम्माननीय) सू १८१२३ ३।१५५,१६८; १४ सम्मापवत्तिय (सम्मान प्रत्यय) ज ५१२७ समोहणित्ता (समबहत्य) प ३६१५६,६६,७०,७३, सम्माणियदोहद (समानीतदोहद) 'उ ११५०,७५ ७४ ज ३१११५ सम्माणेता (सम्मान्य) ज ३।६ उ ३५० सिमोहण (2 - -हन) समोहष्णं नि प सम्मामिच्छत्त (सम्य मिथ्या:व) प २३।१७४ ३६८३ ज ३।११५,१६२,२०८,५१५,७ सम्माभिच्छसवेदणिज्ज (सम्यक मिथ्यात्ववेदनीय) समोणति १ ३६१८२ प२३१६७,१८१ समोहल (सवहत) प ३३१७४ सम्मामिछत्तयधिज्ज (सम्यक मिथ्यात्ववेदीय) समोहय (सभवहत) प ३।१७४,१५६४३, २११८४ प२३।१७,३३,१३६ Page #356 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सम्मामिच्छताभिगमि-सयणिज्ज १०६६ सम्मामिच्छत्ताभिगमि (सम्यकमि वाभिगमिन ) २४१,२४५,२४८;५।३,४,२८,३३,५२,५३,५८%; प३४।१४ ६७.६.११,१४,१५, ७१।१,७१२ से ४,१०, सम्मामिच्छद्दिटिठ (सम्मिथ्यादृष्टि) प ६।६७; १२,१४ से २५,२७,३०,३२,३४,५४,६२ से १३।१४,१७,१७.११,२३,२५,१८१७८१६१ ६४,६७ से ८१,८४,८६,८७,८८,६१ से १६,९८ से ५,२११७२,२८११२७,१३८ से १०२,११०,१२७,१३१११,१७१ से १७४, सम्मामिच्छादं सणपरिणाम १६०,२०१ से २०७ सू ११८१२.१५१० से १२, (गम्यमितादर्शनपरिणाम) प १३।११ १४,१६ से २४,२६ से ३१:२११,३,४१४,५, सम्मामिच्छादिदिठ (मा, मिथ्याष्टि) प ३३१०० ७,८,१०,६१,८११:१०११३८ से १५१, Vसम्मुच्छ (+- मुच्छ) सम्मुच्छंति प १८४ १६२ से १६४,१६६ से १६६१२।२,५; सम्मुच्छति प १३:४ १३।४।१४।३।१८।१,१३,३०,१६५२, सम्मुच्छिम (संमूच्छिम् ) प २४६ से ५१,६०,६६, १६००।१,२,१६।२११५,१६१२-१६,६३ ११२; ७५,७६,८१ से ८४;३।१८३,४।१०७ से ३।५५,६२,५१२८,४१ १०६,११६ से ११८,१२५ से १२७,१३४ से सय (स्वक) ज ३७७,८४,१०२,१५३,१६२, १३६,१४३ से १४५,१५२ से १५४,१६१; १७८,१८३.१८६.२२४५।१,६,८,१०,१३, ६.२१,२३,६५,७१,७२,७४,८४,६४,९७,१००, २२.२६,४३,५६ उ १।३३.४२,४४,१०८, १०२,१०८।९।६:१६,२२:१६।२८; १७१४२, १२१,१२२,१२६, ३।११,४३,५३,१४८,४।१५ ४६,६३ से ६५,६७,८६२११६,१०,१२,१३, सय (शी,स्वप् ) सयंति ज १११३,३०,३३, २१७; १५ से १६.३०,३३,३५,३७,४३ से ४७; ४१२,८७,२१५,२४७,६१८ २११४७१२,२११४८,५३,५४,७२ सयं (स्वयं) प १५१०११३,२३।१३ से २३ सम्मुति (सन्मति) ज २१५६,६० सू १६।११।३ सय (शत) ५ २०४१ से ४३,४६,५५,५८,५६।२, सयंजय (शतञ्जय) ज ७.११७१२ सू १०१८६२ ६२।१२।६३,२१६४।६।१२।३६,३७,१८१३१, सयंपन (स्वयंप्रभ) ज ४१२६०११ सू ५।१२०१८, ३६,६०,११३,२१४६५,२२।४५,२३७४,८६, २०1८६ ८८,८६,९५,६८,६६,१०१ से १०४,१११, सयंबुद्ध (स्वयंवुद्ध) प १६१०५,१०६,११८,११६ ११३,११७,११८,१३०,१३१,१६४,१८३,१८७ सयंबुद्धसिद्ध (कम बुद्ध गिढ़) ॥ १।१२ ज १७,९,१०,१८,२०,२३,२६,३७,३८,४०, सयंभुरमण (वभूरमण) 4 २११८७,६०.६१ ४८; २१४१३.१६,४८,५२,६४,७५,७७.७८, सयंकरमण (स्वयम्भूरण) १५१५५,५५।३ ८०,८६,१२८,१४८,१५,१६१,३।१,१८.३१, १६।३८ ३५,६३,६५,९६ से १०१,१०४,१०५,१०६, सयंसंबुद्ध (स्वयंभवुद्ध) ५।२१ १२६,१५६.१७८,१८०,१६३,२०६,२१०, सयकाउ (शतक्रनु) ज ५'८ २१६,२२१.२२२,४।६,१०,१२.१३,२३,२५, सयग्घी (दे०) प २१३०,३१,४१ ३२,४६,५५,५७,६२,६५,६७,७२,७३,७५, सयज्जल (शतज्वल) ज ४१२१०११; ७६,८१,८६,६०,६१,६३,६५,६८,१०३,११०, सयण (शयन) प १११२५ ज ३११०३ सू २००४,७ १२०,१४१,१४२११,२,१४३,१४७,१५४,१६३ उ ३३५०,११०,१११।४।१६,१८ से १६५,१६७,१६६,१७८,१८३,२००,२०५ से सयण (स्वजन) ज २१६६ २०७,२१३ से २१६,२२१,२२६,२३४,२४०, सयणिज्ज (शयनीय) ज ४।१३,३३,७६,९३,१३५, Page #357 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०७० सयधणु-सरिस १३६,१४०,१४७,१५३,५।१७ सू २०१७ उ १६४६,५।१३,२५,३१ सयधणु (शतधनुष्) उ ५२।१ सयपत्त (शतपत्र) प १२४६ ज ४१३,२५ सयपत्तहत्थगय (हस्तगतशतपत्र) ज ३३१० सयपाग (शतपाक) ज ५।१४ सयपुष्फा (शतपुष्पा) प ११४४१३ सौंफ सयभिसया (शतभिषग्) ज ७११३।१,१२८; १३४१२:१३५२.१३६.१३६,१४२,१४६,१५७ सयमेव (रव मेव) प १११०११३ ज २१६५; ३३१०२,१६२,२२४ सू १३।५,६,१२,१३,१७ उ १२६५,६६,७१,८८,६४,३८१,८२,११३; ४४२० सयरिसह (शतवृषभ) सू १०।०४।३ सयरी (शतावरी) प ११३६१२ सयल (सकल) ज ३।३१ सू१६।२११६ सयवत्त (शतपत्र) प २१३१,४८ ज ४।४६ सयवसह (शतवृषभ) ज ७/१२२६३ सयसहस्स (शतसहस्र) प १५२३,२६,२६,४८,४६, ५१,६०,६६,८४,२।२२,२५,२१२७१४,२३०, ३३ से ३५,४०।३,४,२१४६,४६,१५१४१; ३६.८१ ज १७,२१४,१८,६४,८७.८८% ३।१७८,१८५,२०६,२२१,२२५,४।२५६,२६२, ५५१८,२४,२५,२८,४४,४८,४६२,६८।१, २० से २६,७।१।१,७१४ से १६,७३,७४, ७८,६३,६४,६८ से १००,१८७,२०७ सू १।१४,२१,२७,२१३,३।१६।१८।१; १०.१६५,१७३;१२।६।१८।२७;१६।११, १६४,८,११,१४,१५१४,१८,२०,२१११,५ उ ३।१६ सयसाहस्सिय (शतसाहसिक) सु १६२६ सयसाहस्सी (शतसाहस्री) ज ४।२१,६८,७९५८ सया (मदा) ज ७/१२६,१७० १०७५,७७, १३६,१७३, १६।१,११,२१,२०१२ मयावरण (सदावरण) ज ३११०६ मसहरी सर (शर) प ११४१११ ज ३।२४।१,२,३१२५,२६, ३१,३५,३८,३६,४६,४७,१३१११,२,१३२, १३३,१३५,१७८ उ १११३८ सर (सरस्) १ २।४,१३,१६ से १६,२८; १११७७ सर (स्वर) ज २।१२,१३३, ३१३,४१३,२५,५१२८% ७.१७८ सरंत (दे०) १७६ सरग (शरक) ज ५११६ उ ३१५६ सरड (सरट) प १७६ सरण (शरण) ज ३११२५,१२६,५२२१ सरणदय (शरणदय) ज ५१२१ सरणागय (शरणागत) ज ३१८१ उ १११२८ सरद (शरद्) सू १२।१४ सरपंतिया (सर:पंक्तिका) प २१४,१३,१६ से १६, २८,१११७७ सरभ (शरभ) प ११६४ ज ११३७,२६३५,१०१; ४१२७,२८ सरय (शरक) उ ३१५१ सरय (शरद्) उ ५१२५ सरल (सरल) प ११४३३१,११४७११ सरलवण (सरलवन) ज २१९ सरस (सरस) प २३०,३१,४१ ज १९५,९६,६६, १००:३।७,६,१२,८२,८८,१८४,२११,२२२; ५१४,१५,५५,५८ सरसर (मरःसरस्) ज ३।१०२,१५६,१६२ सरसरपंतिया (सर.सरपंक्तिका) ५२१४,१३,१६ से १६,२८,१११७७ सराग (सराग) प १११००,१०१,१११ से ११४; १७.३३ सरागसंजय (स रागसंयत) प १७१२५ सरासण (गरासन) ज ३१७७.१०७,१२४ उ ११३८ सरि (सदक) ज ३११६७।१३ उ ३।१७१:४१२८ सरिच्छ (सदग) ज ३।१८,५२,६१,६६,१३१, १३६,१३७,१४१,१६४,१८० सरिस (सदृश) प ११४८।३८, २।३१ से ३३ Page #358 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सरिसव-सविलेवण १०७१ ज ११४१,४६,२।१५,१६,३।३,३५,७६,११६, सरीरसंघातणाम (शरीरसंधारनामन्), २३१४४ १३५,१८८४१५२,१०६,१६३,१७२,१७४, सरीरसंघायणाम (शरीरगंघातनाम्न) २३१३८, १७७,२००,२०४,२१०,२१२,२२६७३१७८ मु १०११६२,१६।३१,३५,३८ उ १३१४८; । सरुव (स्वरूप) ज ५१४३ २०२२ सललिय (सलभित) चं ११ सरिसय (सदशक) ज ११४६ सलाइया (शलाकिका) ज ५१५ सरिसव (सर्षप) प ११४४१२,४५१२.११४७।२ सलामा (शलाका) ज ३.११७:५१५ ज २१३७ उ ३१३७,३८ सलिगसिद्ध (स्वलिङ्गसिद्ध) प १।१२ सरिसवय (मदृशवयम्) उ ३।३८ सलिगि (स्वलिङ्गिन) प २०१६१ सरिसवय (सर्वपक) उ ३१३८ सलिल (सलिल) ज ३७६,१०६:४१३,२५,६४ . सू३५१ सरिसवसमुग्ग (सर्षपसमुद्ग) ज ५१५५ सलिलबिल (सलिलबिल) ज २।१३१ सरिसवा (सदृश्वयम्) उ ३१३८,४०,४२ सलिला (सलिला) ज ३७६,११६४।३५,३७,४२. सरीणामय (सदग्नामक) ज ११४६ सरीर (शरीर) प १११३५,११४७।२,३,११४८१५३, ७१,७७,६०,६४,१७४,१८३,२६२,६१६३१, ६।१६ से २६ ५७; १११३०,३०१२,१२११:१४१५;१५११०,२३; सलिलावई (सलिलावती) ज ४।२१२,४।२१२।१ १६।२३।१७।१।१,२१।१११२११३८,४० से। सलील (सलील) ज २११५ ४२,४८,५३,५६,६१,६३ से ६६,६८ से ७१, सलेस (सलेश्य) प १८१६८:२८१२२,१२३ ७४,८४ से ६३,२८१११२,६८ से १०१। सलेस्स (सलेश्य) प ३१६६.१७।२८,५६ १०६६१,३६.५६,६६,७०,७४ ज २१४५,४७, सल्ल (दे०) प ११७६ ६०,३।८२,८५.१०६.१३८ सू २०१७ सल्लई (सल्लकी) प ११३५।१,११३७११ उ १११६,३५,४२,३।८,२६,३५,१२७,१४१; सहलगत्तण (शल्पकर्तन) ज ५१५८ ४।१२,१८ सवंतीकरण (सवर्णीकरण) उ ११४६ सरीरंगोवंगणाम (शरीराङ्गोपाङ्गनामन्) सवण (श्रवण) ज २११५,३३२२५, ७।११३११, ५ २३१३८,४२,६२ १२८.१३०,१३६,१३८,१४१,१४६.१५६ सरीरग (शरीक) ज १९६,१००,१०३,१०४, १०७,१०८ मु १०१ से ६,८,२०,२३,२८,५६,६३,७५, ७६,६३.१२०,१२,१३० से १३५; १५९ सरोरणाम (शरीरनामन् ) प २३।३८,४१,८६ से सवणता (थत्रण)२०२८ ६३,१४६,१७३,१७४ सरीरस्थ (शरीरस्थ) प ३६८५ सवथा (थयण) प २०११७,१८,२२,२५,२६, सरीरपज्जत्ति (शरीरपाप्ति) प २८।१४२,१४३ ३४,४५ उ १५१७.३६,४०,४२,४३ उ ३.१५,८४ सदहावित (शपथशास्ति) उ २५७,८२ सरीरबंधणणाम (शरीरबन्धननामन्) ५ २३।३८, सवालुइल्ल (सवालुक) ज ३११०६ ४३,६२ सविणय (सविय) ज ३१८१ सरीरबाओसिया (शरीरबाकु शिका) उ ४१२१,२२, सवियु (मवित ) ज ७१३०,१८६ २८ सवियादेवया (सवितृदेवता) सू१०८३ सरीरय (शरीरक) १२१२ से ५:२१।१,२११६२ सपिलेवण (सविलेपन) । ३६१८१ Page #359 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०७२ सविसय-ससि सविसय (स्वविषय) प १११६७,६८,२८८१७,१८, ज ४।१०७:५३५,७ सू १६०२,१२,२६,२८ ६३,६४ ज ७४६ सव्वत्थ (सर्वत्र) प २१३२:२११३५,४२,२२।२५; सविसेस (सविशेष) ज २१६:४११५६७७,६६, ३६।४७ ज ३।१०६४।५७,१८३;७।३७,१९७ ६० सू १८१६ से १३ सू१८३७ उ १२२ सवेद (सवेद) २८११४० सव्वदरिसि (सर्वदशिन्) ज २७१५२१ सवेदग (भवेदक) प ३९७ सव्वपाणभूतजीवसत्तसुहावहा (सर्वप्राणभूतजीवसवेदय (गवेदक) १८१५६ सत्त्वसुखावहा) प २६४ सधेयग (सवेदक) प ३६७ सम्वप्पभा (सर्वप्रभा) ज ५११११ सव्य (सर्व), ११२ ज १७ चं ११२ सू १।१०।। सव्वबल (सर्वबल) ज ३।१२,७८,१८०,२०६; उ१९७० ५१२२,२६ सव्वओ (मर्वता) प १७११०६ से १११,२८।११, सध्वम्भंतराय (सर्वाभ्यंतरक) सू १११४ २८।२१,६७ ज १७,६,२३,३५४१३,२१०, सव्वभाव (सर्वभाव) ज २१७१ २१४,२४१,२४२ मु ३११ उ ५८ सव्वरयण (सर्वरत्न) ज ३.१६७,१७८ सत्वोभद्द (सर्वतोभद्र) ज ३.३२,५।४६६३ सव्वसिग्धगइ (सर्वशीघ्रगति) ज ७।१८० सध्वंग (मङ्गि)ज१५ उ ११२३,६१ सवसिग्घगइतराय (सर्वशीघ्रगतितरक) ज ७।१८० सवकज्जवड्ढाक्य (सर्वकार्यवर्धापक) उ ३।११ सव्वसिद्धा (सर्वसिद्धा) ज ७।१२१ १०६१ सव्व सामसमिद्ध (सकामसमृद्ध) ज ७११७६१ सम्वहेट्ठिम (सर्वाधस्तन) सू ६३ मु १०।८६१ सध्याउय (सर्वायुष्क) ज २१८८३।२२५ सव्वकालतित्त (सर्वकालतृप्त) प २१६४।२० सव्वामयणासिणी (सर्वामयनाशिनी) ज ३११३८ सव्वक्खरसंनिवाइ (सर्वाक्षरसन्निपातिन्) ज २१७८ सविदिय (सन्द्रिय) ज २०१८ सव्वक्खरसंनिवाति (सर्वाक्षरसन्निपातिन्) ज ११५ सव्वखुड्डाय (सर्वक्षुद्रक) सू १११४ सम्वोउय (सर्वर्तुक) ज २११२३१३०,३५,२२१:५१५ उ ५११६ सम्वग्ग (सर्वाग्र) ज ४।६,१४,१४६,२५६;७१६८, १६६,२०१,२०३,२०५,२०७ ।। सम्वोहि (सर्वावधि) प ३३।३१ से ३३ सध्वज्जुणसुव्वणमती (सार्जुनस्वर्णमयी) प २१६४ । ससंभम (ससम्भ्रम) ज ३१६:५।२१ राव (सर्वार्थ) ज ७।१२२ सू १०१८४।३ ससक्कर (सशर्कर) ज ३।१०६ सव्वट्ठसिद्ध (सर्वार्थकसिद्ध) ५६।११० ससग (शशक) प १.६६ ज २११३६ सव्वाद्ध (सर्वार्थ सिद्ध) प १११३८, २१६३; ससबिंदु (शश बिन्दु) प १४०।५ ६२६,६२,२०।६१२११७७ उ ५१४१ ससय (शशक) प ११२१ सव्वळसिद्ध ग (सर्वार्थसिद्धक) प ४।२६७ से ससरीरि (सशरीरिन्) प २८।१४१ २६६,६:४३, ७:३०;१५।६०,६३,१०१,१०६, ससरुहिर (शशरुधिर) प १७११२६ १०८,११४,११५,११७,१२०,१२१,१२३, ससि (शशिन्) ५ २१३१ ज २११५, ३१६,१७,२१, १२५,१२८,१२६,१३२,१३६,१४३,२०.४६% २८,३४,४१,४६,६३,१०६,१३६.१५७,१६३, २८१६७ १६७।१२.१७७,२२२,७।११२७१६८.१ सवण्णु (मत्रज्ञ) ज २०७१,५१२१ सू १०1७७,१२६।२१९।८।२,१६।२२।३,२३, मन्बतो (सर्वतस् ) प २१६४।१३:२८१२१,३३,६७, २६.२६,३१,२०१४ Page #360 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ससिया सहस्सार ससिया (शिका) प ११।२३ सस ( दास्य ) ( १०।१२९०४ सस्तिरीय ( सश्रीक) व २२३०,३१,४१,४८,४६, ५६,६३,६४ ज ११३१ २२६४, ३६, ३५,११७, १८५.२०६, २२२, ४/२७, ४९, ५१२८,५८ १२४१, ४४ सह (गज़ ) प २३।१५६.१६०,१६४,१७५ २०५०, ११४; ४।१०६, २०५७।१३५४ उ ३३३८ V सह (सह ) महइ ज २२६७ सहगत (सहगत ) प २२११७ सहमय (सहगत ) प २२८० सहजायय ( सहजातक) उ३१३८ सहकीय (क) उ सहरिस ( सहर्ष ) ज ३१८१ सहयय (सबधितक) २३२३८ महसम्म (स्वयंस्मृति ) प १।१०१२ सहस (सहस्र ) प २१२१ से २७.३० से ३६,४०१५, ४१ से ४३,४६, ४६ से ५२, ५५ से ५७,५६, ५६१.३२६६,६४,४१,३,४,६,२५,२७,२८, ३०,२१,३३,३४, ३५, ३७, ३६, ४०, ४२,४३, ४५,४६,४८,४९,२१,१२,५४,५६,५८,६२,६४, ६५,६७,६१,७१,७९,०१,८५,८७,८८,२०,९४, १२५, १२७,१३४,१३६, १४३, १४५, १५२, १५४,१६५, १६७,१६८, १७०, १७४, १७६, १००,१६२,१०१, १०५६/४०; १२६; १८१२, ६,९,१२,१०.२०,२८,३२,२४,३५,४७,५०, ५२,८५ २०१६३,२१।३८,४१,४३,४५, ४७११, २:२१०६५,६७,८७६२३६० से ६२,६४,६६, ७८,०१,८४,१०.१११.१३२,१४७.१६७ से १६१,१७१ से १७२, १७५ से १७७,१०२ २८१२५.४०,४३,६६,७४ से ८७,६७३६६८, १११०११,१११६,१७,२०,२३,४६,४८ २४४१३,२४६,१६,५२,५६,६५,७१७७ से ८२, ८८१२६.१३०,१३४,१३८, १४०, १४९, १५४, १५१.१६१२।१४,१८,२२,२०,३१,३६,४२, २०७३ ५१.५१,६०,६८,१३,६९,१०६,११७.१२०, १२२,१२६।३:३०१३०,१३६.१४०, १४५, १४६,१६३.१७२, १७५, १०, १८५, १०६. १८८, १८१, २०१, २१०, २१४, २१५, २१९, २२१:२२४४।१,२७,३५,३७,४२,४५, ५२, ५५.५७,६२,६४,७१७७,८१,८६,८८,६०,६१, १४,६८.१०३,१०८, ११०,११४,११६.१५१३१. १६५,१६७, १६६,१७४, १७५, १८३,२००, २०५,२१३,२१५,२३४, २४०, २५७ से २५६, २६२५२८,३२,४३,४८,४९११,५०,५२३१. ५३,५५,५६,६३८ । १.१२ से २६,७११,७८ से २५,३१,३३,३४,५४,६७ से २४,१५,१६, १२७,१७०, १७८११२,१०३१५८१८१, २०७ ११४,२० से २२,२६,२७१२०१,२,३११३ ४३ से ५,१० ६१ ६१ १०२ १०११३५, १६४; १२२ से ७,६१८११,४,२०,२१,२६,२८, २६११।१।१,१२६४, ५१३,७,६१३,१०,१११, ३,४:१६ १४, १५२१,३,४,१९४१०.१६. १६२११२, ४, ५, ७, १६१२२२८,३२,१६३० उ १।१४, १५,२१,२२,२५,२६,१२१,१२६, १३२,१३३,१२६,१३७, १४०, १४७, ३७, ६१, ११०,१११.४।१६, १८:५११७,२७ सहस्रसक्छ ( सहस्राक्ष ) प २५० ज ६ सहगल (सहस्राशस् ) प १२०,२३,२६,२६, ४८ सहस्रप (सहस्रपत्र) १२४६ ३८६४१३ २२,२५,३०,३४.५।५५ सहस्त्रपतत्यय ( हस्तत्तसहस्रपत्र ) ज ३१० सहस्रपान ( सहस्रपाक ) ज ५११४ सहस्रस्ति (सहस्ररशिंग ) ३२४८, १०,५५,६३, ६७,७०,७१,१०६,११८ सहस्वस (सहस्रपत्र ) प १२४८४४ सहस्सार (सहस्रार ) प १।१३५२०४६,४७.५८ ५११६३३०३६१८३४२५२ से २५४ ६१३४, ५६, ६५, ८६,६२,१०६; १५८८ २०१५१, ६१:२१।७०, ११:२८१६२: ३४११६.१८ Page #361 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०७४ सहस्साग-साडय ज ५।४६२ उ २०२२ २५५,२५७,२५८,२६०.२६१,२६३,२६४, सहस्सारग (सहस्रारक) प ६११२७।१५; २६६,२६,२६६,२७०,२७२,२७३,२७५, ३३।१६ २७६,२७८,२७६,२८१.२८२.२८४,२८५. सहस्सारथडेंसय (सहस्रारावतंसक) प १५७ २८७,२८८,२६०.६६१,६३२६४, १६, ताहि (सखि) ज २१२६,६६ २६७,२६६; १८१२,१६,१६,२४,२८,३१, सहित (ति) सू १६।२२।२५ ३६,४२,४४,४६,४६४६,६१,६६७४, राहिय (सहित) १ २६२१ ज २११५; ३।३१,६५, ७६,७६,८४,८५,९.१२.१९९२३१६० से १५६७११८६२ २०८,२०।८।२ ६६,६८,६६,७३८,८१, ६०,६२, तहोयर (सहोदर) उ ११६५ ६५ मे १६.१०१ १.४.१११ से ११४, खाइ (स्वाति) ज७१२८,१३४।२,१३५२,१३६, ११६ से ११८, १ ६ मे १३१,१३३ से १४०,१४६,१६५,१७५ १३५.१३८,१४०,१४२.१४३ १५१.१५३,१५५ साइम (वाद्य) उ ३.५०,५५,१०१,११०,१३४; से ११०, १६०,१६४.१६६ १६८,१७१ से साइयार (मातिचार) प ११२६ १७३.१७५ से १०१,८ ८ ,,१८०, साइरेग (सातिरेक) प १८१७६२३१६५ ज ११३५, १३० जरा! ,११,१२,१५४, १६०,१६३ सू२:११ १२६,१४०; ४०,११:२।१२८,१४८,४।६,१४२३,३१,३८, ३११५०,१६४,२०६ : ४० ४१,६५.६८,७३,६०,६१,११६,११६,१२२, १३६,१४६,१४७,२१६,२४२,७१२५,१६६, : स्मगार (गकार प:४१२६११६५,१६६ से २०७ सू८११;१८१३० २०१:२६।११:६४१५६२८ साउफल (स्वादुफल) ज २।१२ रागारपति कार वॉशन) ३०.१५ से १८, साएय (सात) प ११९३२ सागर (मागर) प २१६८।३,७६,७६,८१,१०५, सागारशारणला (स करवर्ग):३०१२७ ११६,१२६१४,१२८,१५१,१७०,१८५,१८८, सागारपाल (सः :रवीन) प ३०११,२,५,६, २०६,२२१,४१६२११,२३६:५१३२.५८ ज २६८,३३,७६,७६,८१.१०५,११६, सागाराणागारो उर (मामा सामोपत) १२६।४,१२८,१५१.१७०,१८५.१८८,२०६, २२१ ; ४११६२११,२३८५।३२,५८ सू १६१६१ मारोवस : स): ३।१०६.१७४; उ २०१२;५१० १३४REE९१६२१:३६।१२ सागरकड मानरमाट) ज1१६४ शामाकोषागाक... ग): २६१,२,५.६, सागरचित (सावित्री २३८ सागरचितकड (साम चिकट) ज ४२३६ मोनिकायमान बार सागरोवर (भागसेपर) ८११,३,४,६,७,६,१०, १२,१३,१५,१६,१८,१६,२१,२२,२४,२५,२७, साग (माटया) १०. १२५ ३१,३३,३७.६६.१०७,२०६,२१३.२१५, भाड मारा : १५२६७७ २२५,२२७,२३७.२३६,२४०,२४२,२४३, २४५,२४६,२४८ २४६.२५१.२५२.२५४ाथ ट न : Page #362 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सात-सारइयबलाहक १०७५ सात (सात) प ३५३१११,२,३५१८,६ सातावेदग (सातवेदक) ॥ ३३१७४ तातावेदणिज्ज (सातवेदनीय) प २३११५,२६, १४६,१५६ साताव्यणिज्ज (सातवेदनीर) प २३।१५,३०,६३, सातासात (मातासात) प ३५.८,९ सालासोक्ख (मातगोरु) सु २०१७ साति (गादि) प २३।४६ साति (स्वाति) सू १०१२ से ६,१७,२३,४८,६२, ७२,७५.८३.११३,१३१ से १३४१८७ साहिरेग (सातिरेक) प ४१३१,३३,३७,३६,१६८, २००,२०४,२०६,२२५,२२७,२२८,२३०, २३१२२३,२३४,२३६,२४०,२४२,७२,६, ११:१५६४११८११६,१६,३१,३६,४६,५४, ६१.७६,८५,८७,११३,११६:२११३८,४१, ६३,६६८७:२८१२५,७६,७८,३६।६८ सू२३६।३; १२०१५ सादि (सादि) प १५१३५ सादि (रवाति) सू १०।१२० सादिय (सादिक) प २०६४ सादीय (सादिक) प १८१७:१७,२६,५८,५६,६३, ६.७५ से ७७,७६,८२,८३,८८,६०,६२, १००.१०५,११२,११५,११८,१२१,१२४,१२७ साध (साध) साधेति सू१०११२० साधेति १०।१२० साभादिय (नामाविक) ज ३।२०६;५५६ साम (वा) प ११३७।४ राग (साग) उ १।३१ सामंत मन्त) उ १।३,३३२६ सामग या ) प ११४५।२ सामण गामान्य) सू १०७७ साहय श्रमण्य) उ २११२,३३१४,२१,१२०, १५०.१६१४।२४।५।२८,३६,४१,४३ सायण्णओपिणिवाइय (मामान्यतोविनिपातिक) सामण्णपरियाय (श्रामण्यपर्या) ज २१८८ ३२२५ सामल (शामल) ज ३११०६ सामलता (श्यामःलता) प ११३६१ सामलया (शामालता) ज २११ सामली (शाल्मली) ज ४१२०८ सामा (श्यामा) प२४०।६१०.१२४ सामाइय (सामयिक) प १११४.१२५ उ २११०, १२:३३१४,१५०,१६१,५२८,३६४१ सामाइयचरित्तपरिणाम ( सामिपरिणाम) प १३३१२ सामाण (समान) १ २१४६,४७,४००२ सामाणिय (साम निक) १३० मे ३३.३५; ४०॥५,४१,४३.४८ से १६ १४३१०; ४।१७,११३.१५० १५८ !?",६,१६,३६,४२ ४४,४५,४६,४६।२५०, १,५२२१,५३,५६, ६५,६७,७१५६,५६.१८५ : १८१२२; १९२४, २७ उ ३६,२५,६०,१०,१५६,१६६५ सामि (स्वामिन) ११४६८,१६,४३.६२,७०,७७, ८४,१००,१२६॥२,६४२,१६५,१८१,११२, ५।५५,५७:५८ च ६ ४ उ ११९,३६,४० ४२,४५,६९.१०३,१०,१०८,२१०११२, ११४,११६,१२८,१३६ .१. ११.२८, ८६१५५.१६८,४१४ सामित्त (स्वमित्व) २१३०,३१,४१,४६ ज १।४५,३।१८५,२०६,२२१:५११६ उ ५११० सामिय (बाक) ज३८१ सामुदानिय (नामुदानि १५७१७ सायं (सायं) सू २११ १२ १३६ सायावेदणिज्ज (रातवेदनीय) : २६११ सायावेयणिज्ज (जावेदनी ) प २३११४१ सार (मार) प ११७६ ज ११२६; २१६४,६६; ३।२,३,२४,३५ च ११३ उ ११०,२६,६६; ५११ सायर (सागर) मू १६।२२।२४ मारइयबलाहक (शारदिलाहक) प १७११२८ Page #363 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सारंग-साहारणसरीर सारंग (सारङ्ग) प ११५१ ज ३३३ साविट्ठी (धाविष्ठी) ज ७।१३७,१३८,१४१, सारकल्लाण (सारकल्याण) प २४३।१ १४७,१५०,१५४ सू १०७,८,२०,२३,२५,२६ सारक्ख (स-रक्ष) सारक्यति ज २१४६,५२, साविया (श्राविका) ज ७२१४ ५६ सारक्खिस्मति ज २११५६,१६१ सावत (धावयत ) ज ३११७८ सारक्खमाण (संरक्षत्) उ १५७,५८.८२,८३ सास (श्वास) ज २१४३ सारक्खिज्जमाण (मरथ्यमान) उ ३।४६ सास (मस्य,शम्) ज ७११२१४ सारक्खित्ता (मरक्ष्य) ज २४६ सासग (सत्यक,शरयक) प १२०१२ सारय (शारद) ज ३।११७ सासग (शामक) ज ३१३५ सारस (सारस) प ११७६ ज २।१२ उ ५१५. सासण (शासन) ज ३.८१,१५१ उ ११३६ सारहि (सारथि) ज ३१३५,१७८ सासत (शाश्वत) ३६१६४ सारिक्ख (सादृश्य) प २१६४।१८ सासय (शादत) ५ २१६४,२१६४।२०,२२; सारीर (शारीर) प ३५३१११,३२६,७ ३६।६३.६४,६४१ ज १११,४७,३।२२६; सारीरमाणस (शारीरमानस) प ३५१६,७ ४।२२,३४,५४,६४,१०२,१०७,११३,१५६, साल (शाल) ५ ११३५॥१,११४३।१,११४८११४,२४ १६१ ७२०८ से २१० सू २०१८,२०१८१८ सासवसमुग्गयहत्थगय (हस्तगत सर्षगसमुदात) सालंबण (सालम्बन) ज ३९ से १०१ ज ३१११ सालभंजिया (सरलभजिका) ज ११३७,५।३,२८ सासेंत (शासत्) - ३।१७८ सालवण (शामवन) ज २६ साह (साधय) साहेइ ३१५१ साला (दे०) १ ११३५,३६,११४८।३३,३७ साहटु (पहर) जे ३।१२ उ ११२२ सालि (शालि) प ११४५११ ज २१३७,३.११६; सिाहर (मं है) साइज २९५,३१२६,३६, ४।१३,७।१७८ ४७,१३३;५।२१,५८ साहरंति ज २१६६; सालिंगण (सागिन) र २०१७ ५।१५,७०,६८,११० साह ज २१६५,६७, सालिपिरासि (शालि पिप्टराशि) प १७११२८ १०६५।१४.८६ सागहि ज ५१६८ सालिसच्छियामच्छ (शालिसाक्षिकामत्स्य) प १५६ साहरिज्जमाण (गंल्लियाण) ४१०७ सालिरुय (सदृशक) सू २०१७ शाहरित्ता (हृत्य) जना सावइज्ज (रवापते ) ज २१२४,६४ साहस्तिय (सिक) तू १६०२३,२६ उ ३६१ सावगधम्म (श्रावकधर्म) उ ३१४५,७६,१०३.१०४; साहस्ती (जारनी प६० से ३३,३५,४१,४३, १४३,५:२० ४८ से ५६ ज ११४५२१४ से ७७,६०, सारण (याःण) ज २११३८,७४१०४.११४ १२६ ३१२२१,४।१७,१६,२०,११२,११३,१२६, सू १०।१२४,१२६ उ ३।४० १५०,१५१ १५६:११,५,६,१६,३६,४०, सारतेय (स्व:पतेय) ज २१६६ ४४८६,४६ से १३,१६,६५.६७, ७५५, सावत्थी (था यस्ती) प १६३।५७३।६ से ११,२१ ।। १३८,१८५ सू१८१४ से १७,२१,२३ सावय (श्वापद) ज २१३६ उ ३६,१२,२५,६० १५६,१६६:४१५,५।१० सावय (श्रावक) ज ७१२१४ साहारण (सारण) T११४६।५४,५५,६० सावयबहल (स्वापदवः, न) ज १११८ माहारणहरीर (साधारणारीर) ११:३२,४८ Page #364 -------------------------------------------------------------------------- ________________ साहारणसरीरणाम-सिझणया १०७७ २७४।६।१६ सिंधुआवत्तणकूड (सिंधुआवर्तनकूट) ज ४।३७ सिंधुकुंड (सिन्धुकुण्ड) ज ११५१,४११७४,१७५ सिंधुकूड (सिन्धुकूट) ज ४।४४ सिंधुगम (सिन्धुगम) ज ३।६४,१५१ सिंधुदेवी (सिन्धुदेवी) ज ३।५१,५२,२४,५६,५७, ५८ साहारणसरीरणाम (साधारणशरीरनामन्) प२३१३८,१२१ साहाविय (स्वाभाविक) ज ५१५५ साहि (कथय) साज्जिः प१७।१२६ साहिज्जति प १७४१२६ साहिज्जति प १७११२६ साहिय (साधिक) प ४।२४० ज २१६६३७९, ११६,११८,७११६४ साहीय (साधिक) प २१६४१८ साहु (साधु) चं ११२ साहेत्ता (साधला ) ३१५१ सिउंढि (दे०) प ११४८।१ सिंग (पृङ्ग) ज ३।१०६५/६३७१७८ सिंगरंग (शृंगाग्र) ज ३।२४ सिंगबेर (शृंगबर) प ११४८।२; १७६१३१ सिंगबेरचुण्य (शृंगवेरचूर्ण) प १११७६ १७.१३१ सिंगभूत (शृंगभूत) ज ३३१८६ सिंगभूय (शृंगभूत) ज ३१२१७ सिंगमाल (शृंगमाल) ज २१८ सिंगार (शृंगार) प ३४।१६,२१ ज २११५ सू२०१७ सिंगारागार (शृंगारागार) ज ३११३८ सिगिरिड (गिरीट) १५१११ सिंघाडग (शृंगाटक) प १४८।६ ज २१६५; ३॥१८५,२१२,२१३,५७२,७३ उ श६८ सिंघाडय (दे०) २०१२ राहु का नाम सिंघाण (सिंघाण किंधाण) प ११८४ सिंदुवार (सिन्दुवार) प १३४,११३८।१ ज २।१०३१३५ सिंदुवारवरमल्लदाम (मिन्दुवारवरात्यदामन्) प १७:१२८ सिंदूर (सि दूर) ३१३५ सिंधु (सिन्धु) ज१८.२०,४८,२।१३१,१३६, १३४,३११,५१,५२. ५ ०७६,२८.९६६ १११,११३,१२८,४१३७.१६८,१०४ सिंधुदीप (सिन्धुद्वीप) ज ४।३७ सिंधुप्पवायकुंड (सिन्धुप्रपातकुण्ड) ज ४।३७ सिंधुसागरंत (सिन्धुसागरान्त) ज ३।८१ सिंधुसोवीर (सिन्धुसौवीर) प ११६३।४ सिभिय (ग्लैष्मिक) उ ३।११२,१२८ लिहल (सिंहल) प ११८६ सिंहलय (सिंहलक) ज ३८१ सिंहली (सिंहली) ज ३१११११ सिंहासण (सिंहासन) ज ११४४ सिक्खा (शिक्षः) प १११४६ उ श२० सिक्खिय (शिक्षित) ज ३११७८७१७८ भू २०१६॥३,५ सिग्घ (शीघ्र) ज ६०,३१२६,३६,४७,५६,६४, ७२,१०६,११३,१३३,१३८,१४५५१५,२८, ४४,४७,६७ म २३,१५१.३७; ११८ सिग्घगइ (शीघ्रगति) ज ७।१८० चं २।४४।२ सू १६।४,१८२ सिग्घमामि (शीघ्रगामिन्) ज ३।३५,१०० शिग्धया (शीघ्रता) ज ३.१०६ इसिस (सिध्) शिज्झइ प ३६५ सिभई १२।६७४२,३ सिझन प ६१५७,६७,११० जे ११२२,५०,२१५८,१२३.१२८,१४८; ४११०१,१७३ मिति प ३६३६२ सिज्मदिइ उ१५१४१:२१२०,३।१८।२६; १४३ सिमित ज २११५१,१५७ २२:४२ जाए २०१८ या किनार Page #365 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०७८ सिणेहभाव-सिरिकंदलग सिणेहभाव (स्नेहभाव) ज २११४३ लित (सित) १२१३१ सित्त (लिस्ट) ज२१६५,३७,११६,५१५७ सिद्ध (सिद्ध) प ११११,१११३:२१६४,२१६४१२ से ४,६ से १२,१४,१६,१८,२० से २२:३१३७ से ३६.१८३,५॥३,६।४४,४६.५७,५६,६७,६६; १११३६,१२१७,१०,२०:१६।२५,३०,३२,३३, ३५.३७:१८१७:१६५२१२१८,२८११०७,११०, २१,११४.१२०,१२१,१२४.१२५.१३१, १३८,१३९.१८१,३११६,३२।६३६४६३,६४ ज२।१,२१८२,८८,८९,३२२५,४।१६२१, १७२५१,२०४।१,२१०३१,२६३११,२६६।१; ५।५७।११७ चं १२ नियहि (सिद्धावां कन्) ११८१६८,१०० सिद्धति (सिद्ध) ५६५ हित्य (सिद्धार्थ) उ ५।२६,२८ लिय (सहायक) ज ३१२०६५।५५,५६ सिबिया (शिबिका) ज २।१०१,१०२ सिब्भ (श्लेष्मन्) ज २११३३ सिय (स्यात) ५ ११४८,५१५,१०,२०.३०.३२, १०२,१२६.१३१,१३२,१३४,१६०,१७७, १६३,२१४,२२८,६११५,११६:१०१७ से १३,१७,१६,२०,३१,३२,३४,३६,३८,४०, ४२,४४,४६,४८,५०,५२,१११२,३,१२।६, २४,३२,३३,१५१५३,५४,६१,१२२,१२३; १७।१४,६५,१०२ से १०४,११६,१५०,१५२; २१४९५,९८ से १००:२२१२६,२९,३०,३२, ३३,३८ से ४०,४२,५० से ५२,६७ से ६६, ७१,७४,९१,६३,९७,६६२८१३१,१०६, १११,११५,११७,१२०,१२२.१२५.१२८, १२६:१३२,१४३,३६।१४,१७,१६,२२,२३, २५,२७,३३,३४,६२,६३,७७ ज ७/२०८,२०६ सिया (स्पात्) ज ५७ सियाल (शृगाल) प ११६६१११२१ ज २१३६, द्विपिया ( मियिका) प१७११३५ निर ) ११७ सू १७८६१ सिद्धायन (सिन्दा तनफट) ज १५३४ से ३६, ४१,४८४,४५,४८.७६.६६,१०५,१०६, १३६.१६६.१६६ १८६.१६५.१९८२१०, २११,२३५.२३७,२४२,२६३ तिहासिक ज ४१४७.१६३,१५० २१६,२१७:२२०,२३५.२३७.२४२ सिद्धाययण (मिद्धा तनकट) में ४।२१२,२७५ सिद्धालय (सिद्धा ) प २१६४ सिद्धि (सिदि) प २१५४,३६।८२ सिद्धिगइ (सिलिन) श२१ सिप्प (शिल्प) ल २१६४;३:१६७१७,५१५,७ शिकारियािर्म) प ११६२,६७ सिपिया (सिलिक) ६१।४२ लिप्पिसंदुर (सिंपुट) ११४६ सियाली (शृगाली) ८१११२३ सिर (शिरस) ज २११३३,१८०,२२१ सिरय (शिरस्क), २।४६ ज २।१५।६,१८, ९३,१८०,२२२ सिरसावत्त (शिरसावर्त) ज ३१५.६,८,१२,१६, २६,३६,४७,५३,५६.६२.६४,७०,७२,७४, ७७,८४,८८,९०,१००,११४,१२६,१३३, १३८,१४२,१४५.१५१,१५७,२६५,१८१, १८६,२०५,२०६,२०६,५१५,२१,४६,५८ उ ११३६,४५,५५,५८,८०,८३.६६,१०७, १०८,११६,११८,१२२:३।१०६,१३८,४११५; ५।१७ सिरसिज (शिरसिज) ज ३११३८ सिरि (श्री) ज २।८,९,१५, ४१२।१,४।१७ से २०, २२,५१११११,५॥३८७।२१३ सिरिकता (श्रीकान्ता) ज ४११५५२,२२४१ लिरिकंदलग (श्रीशन्दलक) ११६३ Page #366 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सिरिकूड-मीमाविक्वंभ सिरिकूट (श्रीकट ) ज ४/४४ तिरिघर (श्रीह) ज ३।२२० सिरिचंदा (श्रीचन्द्रा) ज१५५,२२४१ सिरिजिलया (धीन या ज४१२२४.१ सिरियाम (श्रीदन) १६७ शिरिदेसि (धौलवीर उ ४.२४ शिरिदेवी (थीबी) उ ४१५ सिरिनिलया (श्री नया) ज ४१५५१२ तिरिमहिया (श्रीता ) ४११५५।२,२२४११ सिरिवडिरय ( वतसक) ४५ लिरिद य (मग उ४:२४ सिरिबस्छ (श्री स.) ज ३१३, २६,११६,१७८; ४॥२८ लिरियच्छ श्रीस:) 11४६।३ सिरिसंवा श्री गु!) ११२०१४ मू १०८८१ सिरिहिरिधिविजय (श्रीही तिकीति सिस्सिणीभिक्खा (शिष्याभिक्षा) उ ४।१६ सिहंडि (विखण्डन ) ज ३११७८ सिहर (शिखर) प २४८ ज ११३७, ३१२४; ४१४६५१४३ उ ५५ सिहरतल (शिखरतन) ज ११३२,३३,४१२४१ सिहरि ( ख ) प २११:१६।३० ज ३११८६, २१७:४।२७१,२७३,२७४,२७७ सिकिड (शिखरिकूट) ज ४।२७५ सिहरिसंठाणसंठिय (चिखरि संस्थान रिया) ज ४१२७६ सिहि (शिखिन) जे २०१३७ सीउण्ह (शीतोष्ण) ज २१३३,३११३८ सीओदयवायकुंड (पीतादापातकुण्ड) ज ४१६२ सीओ (शीतादा) ज ४१९३,६४ सीओदाकूड (शीतांदाकूट) ज ८१६६ सीत (गीत) प ११५,७ से ६५७,२११,२१२, २१४,२१५,२१८,२२० से २२६६।१ से ११; २८।१०५३४११६३५।११ तीतजोणिय शांतनिक) ६।१२ तोतल (शीन) २०१२ सोवा (सीता) २१६४ सू २३ किरीस ( १६६ तिरीब 24t सिलागि २ १ २२८,६४, सातोदय (सीतादया) । १२३ सोलन ३१,२६८०११० सीतोदा (सीतादा) ज ४१६१,६२,६५,५१०११, २१२२१५,२२६ रा २३१६।२२ सातोपामुह सिंडीतापामुखममण्ड) ज ४२१२ सोसजोगिय (मीण नि:) : १२ सिव २०,२१४१ १६८।१२, सीतोलप (शीतोष्ण) प ६१११३५१ से ३ २०६५ २१,५८११४१. १०१२८१ सोय (सीधु) उ ११३८,४६,७४ १४१४४३।११,१५१ खीभर (शीर) ६G सिसिर ११.१ १०१२८१ सीकर (लोक) २५६,६० सदेवधर (पीकर) १९६० सिस्सि .१६ तिमि .. .. Page #367 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०८० सीय-सुइभूय सोहकण (सिंहकर्ण) प १८६ सोहकण्णी (सिंहकर्णी ) प ११४८।१ सीहगइ (शीघ्रगति) ज ७४१६८२ सोहघोस (सिंहघोष) ज २१६ सीहणाद (सिंहनाद) सू १६।२३ सीहणाय (सिंहनाद) ज ३१२२,३१,३६,७८,६३, ६६,१०६,१६३,१८०,५२,५७,७१५५,१७८ सीय (गीत) प१४ से ६५१५,१२६,१५४, २१०,२१३ से २१५,२१७ से २१६,२२१; १११५६,६०१७।१३८, २८।२०,३२,६६, १०५,३५१२,३ ज २११३१,१३४ उ ३११२८ सोयउरय (दे०) प ११३७५३ सीयल (शीतल) ज २२०;४१३,२५ सीया (शिक्षिका) ज २११२,३३,६४,६५,१०३,१०४ उ ३.११०१११:४११६,१८ सीया (सीता) ज १।१६४१११०,१४१,१४३, १६२२१,१६७,१६६.१७२,१७४,१७७,१७८, १८०,१८१,१८३ से १८५,१८७,१८६ से १६१,१६३,१९६,१६७,१६६ से २०२,२१२, २१५,२२६,२२७,२३२,२३३,२६२,२६३११; ५.१०११६।२२,७।२२ सीयामहाणई (शीतामहानदी) ज ४२०० सीयामुहवण (शीतामुखवन) ज ४११६६ से २०२ सीयालोस (सप्तचत्वारिंशत) ज ७.२० मू ४।१० सीयोया (गीदा ) ज ४१२०६,२०७,२०८,२१२, २२८ सीयोयाग्रह (सीतादामुख) ज ४।२१२ सोल (शी १२०१७,१८,३४ ज ३1३; ५:५८ सीवली (श्रीपणी) प ११३५।३ सीस (सी) उर३।११४,४।२१ सीस.पहेलियंग (भीर्यनलिकाङ्ग) ज २।४ सीसपहेलिया (शीय प्रहेलिका) ज २१४ सू ८१ सीसय (सीरक) प १३२०११ सोसवा (शिवाका) प ११३५६३ सोदिया (शोमवेदना) ज २।४३ सोसाखंड (सीसखण्ड)११/७४ सीसिणिभिक्खा (शिष्याभिक्षा) उ ३।११२ सीह (सिंह) १९६६२१३०,४६,६८०११; १११२१ ज २११५,३६,१३६ उ ११३३,२१८ ५११३,१५ सीह (शोध) ज २१३६,१३६,३१२६,३६,४७,५६, ६४,७२,११३,१३३,१३८,१४५:५१५,४४,४७, ६७ सोहणिसाइ (सिहनिषादिन) ज ७।१३३३३ सीहणीसाइसंठिय (सिहनिपादिसंस्थित) सू १०१५४ सोहनाय (सिंहनाद) उ १११३८ सीहपुरा (सिंहपुरा) ज ४१२१२,२१२२ सोहमुह (सिंहमुख) प १८६ सीहरूवधारि (मिहरूपधारिन् ) ज ७११७८ सू१८।१४ से १७ सोहस्सर (सिंहस्वर) ज २०१६ सीहसीया (मिहस्रोता,शीघ्रस्रोता) ज ४।२१२ सीहासण (सिंहासन) ज ३१३,६,१२,२६,२८,३६, ४१,४७,४६,५८.६६,७४,१३३,१४५ १४७, १७८,१८८,१९७,२०४,२१४,२१६,२२२, ४१५०,५३,५६,११२,११६,१२३,१३५,१४७, १५५,२२३।१,२२४११,२४८,२५० से २५२; ५:१३,१४,१८,२१,३६,३६ से ४१,४७,५०, ५५,६० सू १८।२३ उ ११४९,३१६,२५,६०, ११,१३६,१५६:४१५ सीहासपहस्थगय (हस्ता तसिंहासन) ज ३।११ सोही (सिही) प १११२३ सु (सु) ज १११३,३७,२।६,१२,१५,३१६,१२,२८, ३५,४१,४६,५८,६६,७४,११७,११६,१३८, १७८,२२२,४।१३,१०२,१२८,१४६,१५७, १७८,१८०,१८१,१८२,२०२,२०४,२११; ५।५,७,६,५३,७:१२० सुइ (शुचि) ११५,३।६,२२२१२६:५२५७ सुइग (शुचिक) ज २६५,३।७ सुइभूय (शुचीभूत) ज ३.८२ उ ३१५१,५६ १. वनस्पति कोश में सिंहपर्णी शब्द मिलता है। Page #368 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुईभूय-सुजाय सुईभूय ( शुचीभूत) उ ४११६ सुउतार ( सुत्तार ) ज ४१३, २५ संकलितण ( शूकरीतृण ) प १।४२।२ संगा (शौङ्का' ) ज ७।१३२३ सुंगायण (शौङ्कायन) १०।११४ सुंठ ( शुण्ठी) प ११४२१२, ११४८।४६ सुंदर ( सुन्दर ) ज २११५; ३११३८, ७ १७८ सुंदरी ( सुन्दरी) ज २।१५,७५ सुंब (सुम्ब) प ११४१।१ सुं सुमार ( शुशुमार, शिशुमार ) प ११५५,६० सुकच्छ ( सुकच्छ) ज ४११७८, १८१ से १८३ सुकण्ह ( सुकृष्ण ) उ १।७ सुकत ( सुकृत ) प २३१,४१ सुक ( सुकृत) १ २ ३१,४१ ज ११३७ ३ ७,६, १८,२४,३५,६३,१०६, १७८, १८०,२२२; ७१७८ सुकरण (सुकरण ) ज ३१३५ सुकाल ( सुकाल ) उ ११७,१४६, १४७, २०१८,१६ सुकाली ( सुकाली) उ १११४५, १४६ : २०१७,१८ सुकुमाल ( सुकुमार ) ज २११५;३।३,६,१०६, २०६,२११,२२२ उ १।१४६ सुकुल (सुकुल) ज ३११०६ सुकुसल ( सुकुशल ) ज ३१११६ सुक्क (शुक्र) प १८४, १३५ : २१४८,६३ सू २०१८, २०१६१४ उ ३।२।१,३२५, ८३, ८६ सुक्क (शु) : १३।६ सुक्क (शुल्क) उ ३११२८ सुरु (शुष्क ) उ३।३५ से ३७,४०, ४३ सुक्कपख ( शुक्लाक्ष ) ज ७।११५, १२५ म १६।२२।१८ सुक्कछवाडिया (दे० ) प १७।१२८ सुक्कलेस (शुक्लेश्य ) प १७५८, १०४,१६८; २३।२०० सुक्कलेसट्ठाण ( शुक्लेश्यास्थान ) प १७ १४६ सुक्कलेसा ( शुक्ला) १७१४७, १३६ १. शौकायन गोत्रस्य संक्षिप्त रूपम् । १०८१ सुक्कलेस्स ( शुक्ललेश्य ) प ३१६६; १३११८, २०; १७१३५,५६,५८,६३ से ६६,७१,७३,७६ से ८१,८३,८४,८६,८६,१०४,११३, १६७; १८७४, २३१२०१; २८।१२३ सुक्कलेसट्ठाण ( शुक्ल लेप्यास्थान ) प १७ । १४६ सुक्कलेस्सा ( शुक्ललेश्या ) प १६/४६, ५०; १७/३५, ३६,३८,४१,४३,५४,११४,११७ से १२२, १२६,१३५,१३७,१४० से १४५, १४७, १५३ से १६१ सुक्कलेस्सापरिणाम ( शुक्ललेश्या परिणाम ) प १३१६ सुक्कडस (शुक्रावतंसक) उ३१२५, ८३ सुक्किल ( शुक्ल ) प ११४ से ६५।५, ७, २०५; ११/५३,५४,१३।२६,२३०४७, १०१,१०६६ १०६ २०१६,७,२६,३२,५३,६६ ज १।१३; २१७,१६४;३।२४,३१,४१२६,११४ सू २०१२ सुक्लिप ( शुक्लपत्र ) प १।५१ सुक्किलमत्तिया (शुक्लमृत्तिका ) प १११६ सुक्लित्तय ( शुक्ल सूत्रक) प १७ ११६ सुक्किलय ( शुक्लक) प १७१२६ सू २०/२ सुक्किल्ल (शुक्ल ) प २८५२ सुग ( शुक ) प १७६ सुगइगामि ( सुगतिगामिन् ) प १७ १३८ सुगंध ( सुगन्ध ) प २१३०,३१,४१ ज २।१५,६५; ३७,१२,८८,२११,५७,५५ सू २०१७ उ ३।१३१ सुगंधि ( सुगन्धिन् ) ज २।१२ सुगंधिय ( सुगन्धिक) प ११४६ सुगपत्त ( शुकपत्र ) ज ३।१०६ सुगूढ ( सुगूढ ) ज २।१५ सुघोसा (सुघोषा ) ज ५।२२, २३, २४,४६ सुचक्क ( सुचक्र ) ज ३।३५ सुरिय ( सुचरित) ज २७१ सुचिष्ण (सुचीर्ण) ज १११३,३०,३३,३६; ४२ सुजाण (सुजानु ) ज २।१५ सुजाय (सुजात ) ज २।१४, १५, ३११०६४।३, २५, १५७७ १७८ Page #369 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०८.२ सुजाया-सूपुट सुजाया (सुजाता) ज ४११५७।२ सदसण (सुदर्शन) प १६४, ३।३०,४१४६, सुजोइय (सुयोजित) ज ७१७८ १४७,१५०,१५७,१५६,२०८,२६०११ सुज्ञ (दे०) ४१३,२५ ७१२१३ ज २१६४; ३३०४१४७,१५०, सुठ्ठिय (सुस्थित) ज ७।१७८ १५६,२०८,२६०११७२१३ सू५१ उ ४७ सुम (शृ) सुणंतु ज ३।२४.१,२,३११३१।१,२ सुणह प २१६४।१८ सुणेइ प ११३६ सुदंसणभद्दसालवण (दर्शनभद्रशालवन) ज ५१५५ सुति प १५१३६,४० सुदंसणा ( दर्शन:) ज ४११५७।१,२ सुजग (शुनक) प११६६ ज २१३६,१३६ सुदिट्ठ (दृष्ट) ११०११३ सुगक्खत्ता (मुनक्षत्रा) ज ७११२०११ मू १०८८११ सुदुल्लह (सुदलं न) ज ३।११७११ सुममिय (सुनत) ज ७।१७८ सुणय (शुनक) प १११२१ सुद्ध (शुद्ध) प १७.११४१,१७।११६ सू २०१७ सुणिम्मिय (सुनिमित) ज २।१५ सुद्धदंत (शुद्धदन्त) ५ ११८६ सुणिरिक्खण (सुनिरीक्षण) ज ७४१७८ सुद्धप्पावेस (शुद्ध प्रवेशद्वात्मवेश,शुद्धप्रावेश्य) सुणिया (शुनिका) प ११:२३ ज ३८५ सू२०१७ उ १११६ सुणिवेसिय (सुनिवेशित) ज २०१२ सुद्धवाय (अनात) ५११२६ सुण्हा (स्नुषा) ज २२२७,६६ सुद्धागणि (शुद्धाग्नि) प १।२६ सुत (णाण) (श्रुतज्ञान) ५ २६।१६ सुद्धोदय (शुद्धोदक) ६ ११२३ ज ३।६,२२२ सुतअण्णाण (श्रुताज्ञान) प ५७,१२,२०,५६; सुधम्म (धर्म) ज ४।१४०३१ २६१६,१२,१७,१६,२० सुतअण्णाणि (श्रुताज्ञानिन्) प ३।१०२,१०३; सुधम्मा (धर्या) ४.१३१ सू १८/२३ सुनिउण ( पुण) ५८०,११७:३०/२३ , सुतणाण (श्रुतज्ञान) प ५७,२०,२४,४१,४६,६७, सुपा ( ४३,५५ सू १०।१२४११ १११:२६११७,२१,३०६,११ सुतणाणि (श्रुतज्ञानिन्) ५३।१०१,१०३; ५१४३, सुबइ यतिष्ठ. . .१५६.?? ८०,६५.११३,२८४१३६ सुपा दिसतष्ठिा) २११४,४।१४६; सुतिक्षण (सुतीक्ष्ण) ज २१६११ १४६ सुतोवउत्त (श्रुतोपयुक्त) १ २३।१६५,१६६ से २०१ सु स ) १२८ सुत्त (सूत्र) प १५१०११६,२११३५ सुत्त (सुप्त) ज ३।१७४ सुपरपात ( सालः) ज १११३,३०,३३,३६; सुत्त (श्रुत) प १:१०१६ ४॥२ सुत (रुइ) (सूत्ररुचि) प ११०१११ सुपरिनिठ्यि ( निप्ठित) उ ३१२५ सुत्तग (नुत्रक) ज ३१३६,१०६ सुपरइय (प्रजित) उ ३।८०,८१ सुत्तत्तय (सूत्रत्र) प ४१५५ सपसत्य (प्रशस्त) ज ३।११७ सुत्तरुइ (मूत्ररुचि) पश१०१६ सुपिकताछोयरस (पक सोदर) प १७११३४ सुत्तत्रेयालिय (शुक्रवत्रारिक) प १६६ सपोप ( १९२११ १०१८४३ सुत्तीनई (शुक्तिाती प११९३४ Page #370 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुप्पइण्णा-मुरभि १०८३ सुप्पइण्णा (सुप्रकीर्णा) ज ५१ सुमिणपाठग (स्वप्नपाठक) उ ११३३ सुप्पबुद्धा (यूप्रवुद्धा) ज ४१५७११;५६१ सुमेहा (सुमेघा) ज४।२३८,६१ सुप्पभा (सुप्रभा) ज ७११७८ सुय (श्रुत) प ११११२,३,१५१०११६:१३।१० सुप्पमाण (नुप्रमाण) ज २०१५ चं १३ सुप्पमाणतर (प्रमाणतर) ज ४११०२ सुय (शुक) प १७।१२४ सुफुल्ल (फुल्ल) ज ३३१०० सुय (शुक) १ ११४२११ बालतण सुबद्ध (गुबद्ध) ज ११५, ७।१७८ सुयअण्णाण (श्रुत!ज्ञान) प ५१५,१०,१४,१६,१८, सुबहु (सुवहु) उ ३१५०,५५ ६३:२६।२,६,२१, ३०१२,६,६,११,१६,२१ सुभि (१) प १३।२७,३१; २३।१०६ सुयअण्णाणपरिणाम (श्रुताज्ञानपरिणाम) प १३३१० सुभिगंध (सुगन्ध) प ११४ से ६५५,७,२०५; सयअण्णाणि (श्रुताज्ञानिन्) प ५१६५,६६१३।१४, ११।५६,१७।१३७,२८।२६,३२,६६ १६,१७,१८।८३२८।१३७,३०११६ सुभ (शुभ) प २८११०५ ज १११३,३०,३३,३६; सुयक्खंध (श्रुतस्कन्ध) उ ५१४५ ३१२२३,४।२ सुयणाण (श्रुतज्ञान) प १२१०१८,५५,७८,६३; सिभ (शुभ) सोभंति सू१६।११ सोभिमुसु १६५ १७.११२,११३, २०१७,१८,३४,२६२,६, सोभिस्संति सू १९१ सोभेति ।। १६१ १२:३०१२,२१ सीभेनु सू १९११ सोभेस्संति सू १६॥३८ सुयमाणारिय (श्रुतज्ञानार्य) प ११६६ सुभंकर (शुभंकर) ज ३1८८ सुयणाणि (श्रुतज्ञानिन् ) प ३३१०१,१०३; १३।१४, सुभग (शुभग) ॥ १।४८१४४,११५० ज ४।३,२५; १७; १८।८० ; ३०११६,२३ ५६८,७१७८ सू २००४ सुयतोंड (शुकतोण्ड) ज ३३५ सुभगणाम (शुभगनामन्) प २३।३८,१२४ सुयनाणपरिणाम (श्रुतज्ञानपरिणाम) प १३16 सुभयत्त (शुभ त्व) प ३४१२० सुयधम्म (श्रुतधर्म) ५ १।१०१।१२ सुभगा (सुभगा) प १४४०१२ ज ४११६४,५३१११ सभणाम (शुमनामन्) प २३११६,३८,१२३ स्यपुच्छ (शुकपिच्छ) प १७।१२४ सुभद्द (अभद्र) उ १२ सुयाह (शुकमुख) ज ३।१८८ सुभद्दा (सुभद्रा) ज २१७७,३११३८,४१५७२ सुविट (शुभवृन्त) प ११५० उ ३६७,९८,१०१ से १२०,१४९२२ सुधिसिठ्ठया (श्रुतविशिष्टता) ज २३१२१ सुभय (शुभग) प ११४६ सविहीणया (श्रुतविहीनता) ज २३१२२ सुभय (शुभक) उ ५१५ सुयात (सुजात) ज ३११०६ सुभा (शुभा) ज ४।२०२२ सुर (सुर) ५ २०६४।१५, ३११६१ ज ३।११७ सुभोगा (मुभोगा) ज ४११६४५.११ सुरइय (सुरचित) प २१४१ सुमणवाम (रामनोदामन्) ज ३।२११,५२५५,५८ सुरट्ठ (सौराष्ट्र ) प ११६३।३ सुमणसा (गुमनस्) प ११४०१३ मालतीपुष्पलता सुरत्त (सुरक्त) ज ७१७८ सुमणा (गमनन्) ज ४११५७१२,२०३ सुरप्पिय (मुरप्रिय) उ ५७,८ सुमहग्ध (मभहाध्य) ज ३१६,२२२ सरभि (सुरभि) प २।३१,४१,२३।४८ ज २।१२, सुमहुर (धुर) उ ३१६८ १६,३७,६,३०,८,१०६,२०६,२११,५१५, सुमिण (स्वप्न) उ १८३३,२१८,५११३,२५,३१ ७,१४,२१,५६,५८,७१७८ उ३११३१ Page #371 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०५४ मुरम्म-सुसाहय सुरम्म (सुरम्य) ज २११२,४।१३ सू २०१७ सवण्णजहिया (सुवर्णयथिका) ५१७११२७ सुरवर (सुरवर) ज ५७ पीलीजूही सुरवरिंद (सुरवरेन्द्र) ज ३।१०६ सुवण्णमय (स्वर्णमय) ज ४१२६,५३५५. सुरहि (सुरभि) प २३० ज ३।६,१२,३५,८८, सुवग्ण (वासा) (मुवर्ण वर्षा ) ज ५।५७ २२१,२२२ सुवर्णमिप्पि' (गुवर्णशुक्ति) प १७१२७ सुरा (सरा) उ ११३४,४६,७४ सुण्णिद (सपणे द्र) २१३८ सुरादेवी (सुरादेवी) ज ४।४४,२७५,५।१०।१ सुवप्प (गुरप्र) ज ४।२१२,२१२२३ उ४१२।१ सुवयण (सुवचन) उ १।१७ सुरिंद (गुरेन्द्र) प २५० ज २६१, ३।३५:५।१८, सुविण (स्वप्न) उ ११३३५१२५ २१,४८,५२ सविभत्त (मविभक्त) ज ११३७, २।१४,१५, ३।३ सुरूया (सरूपा) ज ५:१३ सू २०१७ सुरूव (गुरूप) प २।३०,३१,४१,४५,४५११,४८ सुविरइय (सविरचित) ज २११५, ३१२४,४।१३ ज ३।१०६,१३८,४१२६ सू२०१४ उ ११२, सू २०१७ १३,३१,५३,७८,६५,५२५,२२ सुव्वत (मुद्रत) सू २०१८ सुलद्ध (सुलब्ध) उ १।३४;३।६८,१०१,१३१ सुब्वय (सूबत) सू २०१८।८ सुलस (मुलस) ज ४१६४,२०७ सुन्वया (मुक्ता) उ ३१६६,१००,१०६ से १०८, सुलित्त (मलिप्त) उ ३११३०,१३१,१३४ १११ से ११३,११५,११६,११५.१३२,१३३, सुवरगु (सुवल्गु) उ ४१२१२,२१२।३ १३६,१४१ से १४३,१४५,१४६,१४८,१५० सुवच्छ (मुवत्स) प २।४७।२ ज ४।२०२।१ सुसंगोविय (सुसङ्गोपित) उ ३।१२८ सुवच्छा (सुयत्सा) ज ४।२०४,२३८:५।६।१ सुसंठिय (मुसंस्थित) ज ७१७८ सवण्ण (मपर्ण) प २१३०११,४०1१,८,१०:५१३ ससंपरिहिय (संपरिहित) उ ३.१२८ ज ३।२४।१,२,१३०१,२ सुसंवुय (मुगवृत) ज ३६,२२२ सुक्ष्ण (सवर्ण) प १२०११ ज २।२४,६४,६६; सुसज्ज (सज्ज) ज ५४३ ३।६,२०,३३,५४,६३,७१,८४,९५,१०६, सुसद्द (शब्द) ज ७१७८ ११७,१३७,१४३,१५६,१६७/८,१८२,१८४, सुसमण (नशमन) ज २१५३,१६२ २२२:४१३,२५,२६,५१३८,५२,५५,६७,६८ सुसमदुस्समा (मुपमदुप्पा ) ज २।२,३,६,७,५४,५६ उ ३।४० सुसमससमा (गुषमापना) ज २२,३,६,७,५२ सुवण्णकुमार (भुषणकुमार) ५ १११३१,२।३७ से १६१,१६३,१६४,४।१०६ ४०,४१४६६१८ सुसमा (मुषमा) जरा२,३,६,५१,५२,१६०,१६१ सुवण्णकुमारराय (सुपर्णकुमारराज) प २।३७ से ४१८३ ३६ सुसमाहिय (मसमाहित) ज ३१३५ सुवण्णकुमारिद (सुपर्णकुमारेन्द्र) प २१३७,३६ सुसवण (सुश्रवण) ज २११५ सुवण्णकुमारी (मार्णकुमारी) प ४।५२ सुसारखिय (सुसंरक्षित) उ ३.१२८ सुवष्णकूड (मृवर्ण कूट) ज ४।२७५ सुसाहय (समहन] ज२१५ सुवष्णकूला (सुवर्णकला) ज ४१२७२,२७४,२७५; । ६२० १ हे० २११३८ सिणि (शुक्ति) Page #372 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुसिणिद्ध-सूर १०८५ सुसिणिद्ध (मस्निग्ध) ज २।१५ सुहम (सूक्ष्म) १२॥३,६,६,१२,१५,३१,३।११२, सुसिलिट्ठ (सुश्लिष्ट) ज ११३७,३१६,१२,१७८, ६१ से ७१.५५ से ६५,१११,१८३,४।५६ से २२२:४।१२८,५४४३,७११७८ ६१,६८,७५,८२,८३,६१,६१८३,१०२, सुसीमा (मसीमा) ज४।२०२।२ १५।४३,४५,१८।१।२,३७ से ३६,११६, सुसीस (सुशिष्य) ज ३३१०६ २१४,५,२३ से २७,४०,४१,५०,२३।१२१; सुसेण (सुषेण) ज ३७६.७७,७८,८०,८२ से ११, ३६७६,८१,६२ च ११३ ज २०६७।१७८ १०६ से १११,१२८,१५१ से १५७,१७०,१७१ ११.१२८१५१ से १५०.००.०१ सुहुमआउक्काइय (सूक्ष्मअप्काक), ११२१,२२ सुस्सर (सुस्वर) ज २११५,५१५२,५३ सुहुमणाम (सूक्ष्मनामन् ) प २३१३८,११८,१२० सुस्सूसमाण (शुश्रषमाण) ज १६२।६०, ३१२०५, सुहुमतेउक्काइय (मूक्ष्मतजस्कायिक) प १२४,२५ २०६:५१५८ उ ११६ सुहुमवणस्सकाइय (सूक्ष्मवनस्पतिकायिक) सुह (सुख) प २।४८,२।६४११५,१६,२०;३५।१२२, प १६३०,३१ ३५१०,११:३६।१४।१ ज २११२,२०,७१, सुहमवाउक्काइय (सूक्ष्मवायुकारिक) प १५२७,२८ ३।६,८१,६६,१००,१०१,११७११,१२१,२२२; सुहुमसपराय (सूक्ष्मनाराय) प १११२,११३, ४१२७,४८,१७७; ५।२६,२८ सू १६।२२११३ १२४,१२८, २३।१६१ उ ११११०,१२६,१३३ सुहमसंपरायचरित्तपरिणाम (सूक्ष्मपरायचरित्रसुह (शुभ) प २१४६ ज २।१२,२०:३। परिणाम) प १३३१२ सुहंसुह (सुखसुख) ज २११४६:३११२१,१२७, सुहोतार (सुखावतार) ज ४॥३,२५ २२४;५।६७ उ ११२.५०,७५ सुहोदय (सुखोदक, शुभोदक) ज ३१६ २२२ सुहणामा (शुभनामा) ज ७.१२१ सू १०१६१ सुहोवभोग (सुखोपभोग) ज २११४५,१४६ सुहता (सुखता) प २३।१५ सूइ (शुचि) ज ४१२६ सुहत्त (सुखत्य) प २८२४,२६ सूईमुह (सूचीमुख) प ११४६ सुहत्थि (सुहस्तिन) ज ४१२२२१,२२८ सुई (सूची) १५।२६:२१।२५ सुहफास (सुख पर्श, शुभल्पशं) ज १२८ सूणा (मुना) उ १६४४,४५ सुहम्मा (सुधर्मा) ज २।१२०,४।१२०,१२१,१२६, सूमाल (सुकुमार) ज ३।२११:५१५६७११७८ १३८।५।१८,२२,२३,५०,७१८४,१८५ उ १११ से १३,३० से ३२,५३,७८,६५, सू १८।२२,२३ उ ३६,६०,१५६,१६६; १४५,२।५,७,१६,३१६७,४१८,५१२ ४।५; ५११५.१६ सूमाला (सुकुमारा) ज ३१२२१:५१५८ सुहया (सुखतः) २३१३० सूय (पु) ज ३।१७८,१८६,१८८,२०६,२१०, सुहलेसा (शुभतेश्या) ज ७५८ २१६,२१६,२२१ सुहलेस्सा (शुभमेश्या) सू१६।२२।३० सूयलि (दे०) प १८९ सुहावह (सुखावह ) में ४१२१२ सूर (यूर) प १११३३; २१२० से २७,४८%) सुहासण (सुखासन) ज ३१२८,४१,४६,५८,६६, १५५५५।३ ज ११२४, २१६८, ३१३५,६५, ____७४,१३६.१४७.१८७,२१८ ११७,१५६,१६७।१२,१८८,२०७,२१२; सुहि (सुखिन्) प २१६४१२०, ३६१६४।१ ज २१२६ ५१५६, ७१०२,१३५.१,४,१७७।२.१७८।१, सुहिरणियाकुलुम (सुहिरण्यिकाकुसुम) १८०,१८१ मु १०।३,१२३,१३४,१४३ से प१७।१२७ १४७,१५० से १६१,१६६ से १६९,१७२, Page #373 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०८६ १७३,१११२ से ६,१२११६ से २८, १५११, ५, ७,११,१२,१३, १५, १८, २१, २४,२७,३०,३३, ३६; १८११,१८,१६,३४, ३७; १६ १११, १६२२१४, १०, १५, २१, २३, २४, २७ से ३०, ३२:१६१३५; २०१२,३,५,६ उ २।१२; ३१२११,२१,४८,५५,६३,६७,७०,७३,१०६, ११८ सूर ( शूर ) ज ३११०३; ४|१४ सूरकंत ( सूरकान्त ) प १।२०१४ सूरकतमणिणिस्सिय (पुरकान्तमणिनिश्रित ) प १२६ सूरणकंद (सूरणकन्द, शूरणकंद) प १२४८२७ सूरत्थमण (सुरतरुयन ) ज २।१३४ सूरपणति ( गुरप्रज्ञप्ति ) ज ७ १०१ सूरपव्यय ( सुरपर्वत) ज ४२१२ सूरख्पमा ( सूरप्रभा ) सू १८१२४ सूरमंडल ( सूरमण्डल) ज ७१२ से १६,१७७ सूरलेस्सा (सूरलेखा ) सू १६३३, ४ सूरवस (सूरावतंसक ) सू १८/२४ सुरवर ( सुरवर ) सू १९३५ सूरवरोभास ( सूरवरावभास) सू १९१३५,३६ सूरवल्ली (गुरवल्ली ) प १४० ३ सुरविमरण (सुरविमान ) प ४।१८३ से १८८ ज ७।१७३,१७४,१७६,१८६,१६० सू १८१, ८,१०,१४,२३,३० सूरसेण (शूरसेन ) प १६३३५ सूरादेवीकूड (मुरादेवीकूट) ज ४१४४ सूराभिमु (गुराभिमुख ) उ ३३५० सूरिय (सूर्य) २४८ से ५१,६३ ज २।१३१; ७१.१३,२० से ३१,३५ से ३६,५४,५८,६६, १०१,१५६ से १६८, १८०,१८१,१६७ चं २१२, ५ सू ११६१२, ५, ११११,१२,१४,१६ मे २४,२७,२११ से ३, ३१,२,४३१, २, ४, ७, ६, १०५।१६।१ ; ७११; ८।१९।१ से ३,१०।६३ मे ७४,१३२,१३४,१७१,१५।१.३ : १७ १; १८१२,३,१८,१६,३७,१६४१, ५२, १६ ११, सूर-सेणावइ १५१२,१६,२११६, १६१२२/२३, २६, २०१११७ उ ५/४१ सूरियगत ( सूर्यगत) सू ११६ सूरियपडिहि (सूर्य प्रतिधि ) सु ९1३ सूरियाभ (सुभि ) ज ५३५५ उ ३७, ६० से ६२, १५६५।२३ सूरियाभगम (सुभगम ) ज ५१४० सूरियावत्त (सूर्याज ४२६०१२ सू५११ सुरियावरण (सूर्या) ज ४२६०।२५।१ सूरुग्गमण (मुरोद्गम ) २११३४ सुरोद (सुरोद ) गु १६१३५ सूल ( शूल) ज ३1३१, १७८ सूलपाणि ( शूलपाणि) प २१५१ ज २२६१:५३४८, ६० सुसर ( सुस्वर ) ज २।१६; ५ २२,२६ सुसरणाम (सुस्वरनामन् ) प २३१३८,१२५ सुसरणिःघोष (सुस्वरनिर्घोष ) ज २११६ सूसरा ( सुस्वरा) उ३।७,६१ से (दे० ) प १1१० उ १११५; ३।३३ सेउ (सेतु) ज २।१२ सेज्जंस ( श्रेयांस) ज २७६ सु १०।२४११ सेज्जभंड ( गय्याभाण्ड ) उ ३।५१।१ सेज्जा ( शय्या) प ३६।६१ उ ३३६६४।२१ सेट्ठि (श्रेष्ठिन ) प १६ ४१ ज २२५; ३६,१०, ७७,८६,१७८, १८६, १८८, २०६२१०,२१६, २१६,२२१,२२२ उ १६२३।११,१३,१०१ सेडिय (दे० ) प ११४२११ सेडी (३० ) प १।७६ लोमपक्षी विशेष सेठ (णि) २३१:१२१८,१२,१६,२७,३१, ३२,३६ से ३८,२१।६३ ज २।१३३,२२०; ४११७२,२००,५१३२,६।६।१,१५ गठित (सेनक पृष्ठसंस्थित) मू४।३ सेणा ( सेना ) ज ३३१५.१७,२१,३१,३४,७७,७८, ८८,१०६,१५६,१७३, १७५,१७७, १८0, १६६ उ ११२३, १२७, १२८५११८ सेणा ( सेनापति ) प १६।४१ ज २११५;३१६, Page #374 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सेणावइरयण-सेस १०,७६ से ७८, ८० से ६१,१०६ मे १११, १२८, १२६,१५१ से १५७,१७०,१७८, १८६, १५८,२०६,२१०,२१६.२११,२२१,२२२ उ १।१२:३।११.१००५१० सेणावइरयण (सेना विरत) ३३१७८१८६ १८८२०६२१०,२१९ २२०, २२१५।१२ सेावरण (सेना) २०१८ मावच्च (वय २३०,३१,४१,४६ द ११४५६ ३।१८५,२०६,२२२६६३५१० सेणि (३१२,११,१०,२९,४१,४२,४६, ५०, ५०, ५२,६६,६७,७४,७५, १४७, १४८, १६८,१६२,१७०,१५५१००२०३,२१६, २१६,२२१ (१२०.१२,२६६२,३४, २६४४,४६४२,१७,५०,६१,३२,६४, १६,६८,७२७,८२,८३,६६६२,६५, २६,१०३,१०६ से ११४,१४५ २१५, १७,२२; ३४,२१,२४,८१,१५५, १६८४०४ सेज २०१५. २१,३१,२४,७७, ७८,२१, १५,१५६, १७३, १०५, ११६ सेन्हा ( ) १२५३ सेत (श्वेत) २४७१३,२२६४ ज ३११२८८ सेत (तू) ११०१-४३१ १४७० से (४१११६३८२०१८,११. ३५.२३१००१००५११५१२१ १२५. २१७२७९७ 2 PAY9122 से (१९५४ सेय ()३४३६९३८९४७११२२/१ ३ ११५.४ ५४,६६,७६,७६,६६, १०७,११६ २०४९, ५०, ५५.१०६.११० २११६ ada (2)=5015,201510 से ( 19 ) ज ७१४१ १२ से ( सेचनक) १६६१०२ से ११६.१२७: १०८७ १२८ सेयणगसंठित ( सेचनक स्थित ) नु ४३ सेयणय ( सेचनक) उ १।९६ से ६६,१०३, १११, ११२ सेवता ( दवेदतः) सू ४०१ सेयधुजीवय (स्वेतवन्धुजीवक) १७१२६ सेयमाल (श्वेतमाल ) ज २८ सेवा (वेविका) १३ सेया ( श्वेततः ) चं ६ १३६ । १ सेवा (एकल) २०२२,२४,३९,६६ सेवासीय (वेताशोक ) प १७।१२८ सेरियय ( मैरे. क ) प ११३८११ सेरिया (सेरिका) २०१० ४।१६६ सेस्तालवण (तालवन) २०६ सेल (ल) २१. ११४२५ सेलसिहर (सिखर) ज २२६६ सेलु (लु) प १३५११ सेलेसि (शैलेशी ) प ३६९२ ज सेलेसिपडिवण्णग ( शैलेशी प्रतिपन्नक ) प ११।३६; २२८ सेल्लार (दे० कुन्तकार ) प ११२७ भाला बनाने वाला सेवणा (संवना ) प १११०११३ सेवा ११३८१२.१०४५६, ११४८११, १६२ २।१० सेवाभक्ति नमक्षिन् ) उ३१२० सेस (शेष) ४११०१०११२१३२,३४,३६४०, ५१ से ५४,५८,६०,६२.३०१०२, ५०२४, १५२,१५४,२०५,२४४,६१८१, ८३, ८४; १०।१४६ १२३८:१३।१५ से १८:१५ १८. १६,३४,७५,८२ १७२३, २५, २७, २९, ३४, ३५. २०१६,५६,६०२२४५, ५५.८० २३०५६,१५६,१५१.१६१, १९१,१९३,१९६६ २४१८, १२५४ २८१२६,१८,४६,७४, १०१, १२३, १४५ ३० १४:३२०६४१.३४१२२ से २४:३५।१।२:३६।३३,६७ से ६९,७१.७३ Page #375 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०८५ सेसय-सोमणस्सिय ज ११४६ ; २१५२,८८,१६१ ; ३.१५०,१५३, १५७,१६१,१८३,४१३७,४१,५३,७०,६३, १०६,१४१,१४७,१५३,१५५,१५६,१६५, १७२,१७७,१८४,१८५,१८७ से १६१,२०३; ५१८,५१,७१३५३१ सू ८।१६।३१०१२५, १५२ से १६१,१११२ से ६:१२११६ से २८; १८२४:१६।२२२२ उ ११४८,२१६,२२; ३।७,४१२२,२८,५११६,४५ सेसय (शेषक) ॥ २३॥१६० सेसवई (शेषरती) ज ५।९।१ सेसिय (ोपित) ज ७।१४६ सेह (दे०) प १७६ सोइंदिय (श्रोत्रन्द्रिय) प १५॥१,२,७,८,११ से १८, ४०१५।५८ से ६७,६६,७०,१३३,१३४; २८७१ उ ३३३३ सोइंदियत्त (श्रोत्रेन्द्रियत्व) प २८१२४;३४.२० सोइंदियपरिणाम (थोत्रेन्द्रियपरिणाम) ५ १३१४ सोंड (शौण्ड) ज ७११७८ सोंडमगर (शौण्डमकर) प ११५६ सोंडा (शुण्डा) उ १६७ सोक्ख (सौरूम) प २१६४।१४,१८.२२ सोक्खुप्पाय (सौख्योत्पाद) सू २०१६।६ सोग (शाक) प २३।३६,७७.१४५ ज २।१५,७०%; ३।१०५ सोगंधिय (सौगन्धिक) १२०१४,११४८१४४ ज ३।१०,४६३,२५,५१५ सोच्चा (श्रुत्वा) ज ३१६ उ ११२१,३।१३; ४।१४:५२२० सोणि (श्रोणि) ज २०१५ सोणिय (शोणित) प ११८४ ज ३१३६ उ १५६, ६१,६२,८४,८६८७ सोणीक (श्रोणिक) ज ३।१०६१ सोत्त (थोत्र) १५७७ सोत्तिय (शौनिक) प ११४६ सोत्तिय (सौत्रिक) प १६६ सोस्थिय (स्वस्तिक) प २।६४ ज २१५; ३।३, ३२,१७८,४।२८,५१३२ सू २०१८,२०६६ सोत्थियसाय (स्वस्तिकशाक) प ११४४।२ सोदामिणी (सौदामिनी) ज ५११२ सोभ (शुभ) सोभति ज ७।१ सोभते ज २११५; ३।२४।३,३७१,४५॥१,१३११३ सोभिमु ज ७।१ सोभिरांति ज ७१ सू १६१ सोति सू १६०१ सोभेमु सू १६१ सोभंत (शोभमान) ज २११५ सोभग्ग (सौभाग्य) ज ५४६८,७० सोभण (शोभन) ज ३।२०६ सोभमाण (शोभमान) ज ३।२४।३,३७४१,४५।१, १०६,१३११३ सोभयंत (शोभमान) ज ७।१७८ सोभा (शोभा) ज १ सोभावेत (शोभयमान) ज ३११७८ सोभिय (शोभित) ज ३।३५,२२१७।१७८ सोभेत (शोभमान) ज ३।१७८ सोम (सोम) ज ४।२०३,७१३०,१८६२ सू २०१८,२०८१२ उ ३।५१,१५१,१५२ सोम (सौम्य) ज २११५ सू २०१४ उ ५१५,२२ सोमंगलक (सौमङ्गलक) ११४६ सोम (काइय) (सोयायिक) ज १।३१ सोमणस (सौमन रा) ज ४।२०३,२०४११,२०५, २०८,२१५।५।४६१३,५५,७११७२ सू १०८६।२ सोमणसवक्खार (सौमनस वक्षस्कार) ज ४।२०५ सोमणसवण (सौमनसवन ) ज ४।२१४,२४०, २४१,२४३ सोमणसा (सौमनस्या) ज ४।१५७।१७१२०६१ सू १०१८८१ सोमणस्सिय (सौमनस्पित, सौमनस्यिक) ज ३१५, ६,८,१५,१६,३१,५३,६२,७०,७७,८४,६१, १०७,११४,१४२,१६५,१७३,१८१,१८६, १६६,२१३,४।२०३:५१२१,२७ उ १२१,४२, ३११२६ Page #376 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सोमदंसण-हंभो सोमदंसण ( सौम्यदर्शन ) ज २२६८ सोमदेवया ( सोमदेवता ) सू १०१८३ सोमया ( सोमता ) ज ३१३ सोमरूव (सौम्यरूप) उ५।२२ सोमा (सोगा ) उ ३।१२६ से १३१,१३४ से १४४, १४७, १४८, १५० सोमाण (सोपान) ज ५:४१,४२,४४,४५ सोमिल ( सोमिल) उ ३।२८ से ३२,३५ से ४५, ४७,४८,५० से ६५,६७ से ८३ सो (श्रोतस् ) ज २११३४ सोय (शोक) उ ११२३,६१,९३ सोयमाण ( शोचत् ) उ ११६२ सोय विष्णाणावरण (श्रोत्रविज्ञानावरण) य २३|१३ सोयामणी ( सौदामिनी) ज ३१३५ सोयावरण ( श्रत्रावरण) प २३११३ सोरिक ( सौरिक ) प ११६३२ सोल ( षोडश ) १ १०११४/४ से ६ ज ४११४२ सू २/३ सोल ( षोडशन् ) सू १९११ सोलस ( षोडशन् ) प २१२५ ज १७ १११४ उ ३।१२,१२६, ५३१० सोलसअंगुलजंघा ( पोडशांगुलजङ्घाक) ज ३११०६ सोलसग ( षोडशक ) प २/२७१, २ सोलसम ( पोडश) सू १२।१७ सोलसमंडलचारि ( पोडशमण्डलचारिन् ) सू १३/५ सोलसविह ( षोडशविध ) प ११।८६२३।३५ सोला ( पोडशन् ) सु १६११६ सोल (दे० क्व ) उ ११३४,४०,४६,७४ सोल्लिय (दे० पक्त्र) उ ३२५० Haase (सोपा मुष्क ) प ६।११५, ११६ सोवचिय ( सोपचित) ज २७१ सोच्छिय ( सौवस्तिक ) प ११५० सोणिय ( सौर्वाणिक) ज ३११३५, २०१:४५ १३; ५।५५,५६ सोवत्थिय ( सौवस्तिक) ज ४।२१०११३ ५।३२ २०/८,२०१८/६ १०८६ सोवाण (सोपान) ज ३।१६५,२०४ से २०६, २१४ से २१६, ४/४, ५, २६, २७, ८६, ११८, १२८,१४४,२४६; ५1३०,४१,४२ सोस ( शोष) ज २१४३ सोहंत ( शोभमान ) प २११ सोहग्ग (सौभाग्य) प ३४१२० ज २३६५३।१८६, २०४ सोहम्म (सौधर्म ) प १११९३५ २२४६ से ५२, ५८, ६३, ३/२६, १८३४।२१३ से २२४६ ५६,६५, ८५, ६५, १११,१०१२,३; १५१८७, २०१६१; २११६१,७०,६०; २८७५; ३०/२६ ३४।१६, १८ ज ५।१८, २४, २५,४४ उ २।१२,२२; ३ १०, १२०, १५६, १६१,४१५,२४,२८,५:४१ सोहम्मकम्प ( सौधर्मकल्प ) प ६।२७ सोहम्म कष्पवइ (सौधर्मकल्पपति) ज ५।२६ सोहम्म कम्पवासि ( सौधर्मकल्पवासिन् ) ज २६० _५/१६,२६,४३ सोहम्मग ( सौधर्मज) प २२५०, ५१७८ १५२६६, १०८,११२,१२५;२०१४६; ३३११६,२४ ज ५४६ सोहम्म कम्पवासि ( सौधर्म कल्पवासिन् ) प २५० सोहम्मवडेंस ( सौधर्मावतंसक ) प २०५६ सोहम्म वडेंस ( सौधर्मावतंसक ) २५०,५४ ज ५।१८ सोहा (शोभा) ज ३६, २२२ सोहिय ( शोभित ) ज २१२ ह हंत ( हन्त ) ज २१२४.२७, २६, ३४ से ३७,४१,६४, ६६४/२७३ ५६८ से ७०६७/३६, ३७,१०१ हंता (हत ) प ११ ११५१४३; १७/१६६;२०११०, २२;२८१३ उ५/३२ हंदि (दे० ) ज ३१२४ ।११,३१।१५।२७,७२,७३ हंभी (दे० ) उ१।११५, ११६; ३५८,६०,३६,७६, Page #377 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०६० हंस-हरिकंतदीव हस्थिणिया (हस्तिनिका) प ११०२३ हत्यितावस (हरिततापस) 3 ३१५० हत्थिमुह (हस्तिमुख) प १।८६ हत्थिरयण (हस्तिरल) ज ३।१५,१७,२०,३१,३३, ५४.६३,७१,७७,६१,६२,१४३,१५१,१६६. १७३,१७५,१७७,१७८,१८२,१८३,१८६, १६६,२०२,२०४,२१४,२१७,२२० उ १११२३, हंस (हंस) प १२००४,७६ ज २।१२,१५ उ ५५ हंसगम्भ (हंसगर्भ) ज ५५ हंसलक्खण (हंसलक्षण) ज २१६६ हंसस्सर (हंसस्वर) ज २।१६,५२५२ हक्कार (हाकार) ज २१६० हिक्कार (आ+कारय) हक्कारेंति ज ५१५७ हठ (हृप्ट) ज॥४,१४६;३।५,६,८,१३,१५,१६, २६,३१,४२,५०,५२,५३,५६,६१,६२,६७, ६६,७०,७५,८४,६१,१००,११४,१३७,१४१, १४२,१४८,१५०,१६५.१६६,१७३,१८१, । १८६,१६२,१६६,२०८,२१३,५१५,१५,२१, २३,२७ से २६,४१,५५,५७,७० उ ११२१, ४२,४५,१०८,३।१३,१०१,१०३,११३,१३४, १३६,१४७,१६०४।११,१४,२०:५।१५,३८ हडप्परगाह (हडप्प ग्राह) ज ३।१७८ हद (हठ) प ११४६,११४८.६,१२६२ हणमाण (घ्नत्) ३३१३० हणुगा (हनुका) ज २०१५ हत्थ (हस्त) प २१३०,३१,४१,४६ ज २१६५; ३१६,२४१४,३७४२,४५२,१०६,१३११४,१८६, २०४:५।२१:७/१२८,१२६२१,१३३।२,१३६, १४०,१४६,१६४ सू१०।२ से ६,१६,२३, ४६,६२,७१,७५,८३,१११,१२०,१३१,१३२, १५४१२२४ उ १८८,८६३५१,५६,९८% ४।२१ से २३ हत्थग (हस्तक) ज ४१३०,५१५ हत्थगय (हस्तगत) ज ३१९,२१,३४,८५ से ८७; ५१८ से ११,५७ हस्थसंठिय (हस्तसंस्थित) सू १०॥४६ हत्थि (हस्तिन ) प ११६५; ११:२१ ज २।३५, ६५,३१३१,६८,१६७,१७८,५१५७ उ ११२१, १३१,५११८ हत्थिखंध (हरितस्कन्ध) ज ३।१८,७८,६३,१८०, २१२,२१३ हत्यिणपुर (हस्तिनापुर) उ ३६१७१ हत्थिणाउर (हस्तिनापुर) उ ३७१ हत्थिरयणत्त (हरितरत्नत्व) प २०१५६ हस्थिसोंड (हस्तिशौण्ड) म ११५० हदमाण (हदमान) उ ३।१३० हम्ममाण (हन्यमान) उ १११३० हम्मिय (हर्म्य) ज २१२० हम्मियतलसंटित (हयतलसंस्थित) सू ४१२ हृय (य) प २१३०,४६ ज २।६५,३१३,१५,१७, २१,२२,३१,३४,३६,७७,७८,६१,१०८ से १११,१७३,१७५,१७७,१८५,१८७१६६, २०६,२१८ उ १।१२३,१३८,५११,७,१८ ह्य (हत) ज २१६० से ६२,३।२२१७११८४ उ ११२२,१४०,३११२३,१२६ यकण्ण (ह कर्ण) प ११८६ हयच्छाया (हयच्छाया) प १६१४७ हयपोसण (ह्यपोषण) ज ३३ हयरूवधारि (ह्यरूपधारिन्) ज ७११७८ हयलाला (यलाला) ज ३१२११,५१५८ हयवति (हयपति) ज ३।१२६२ यहेसिय (यहेसिन) ज ३1३१५१५७,७।१७८ हिर (ह) हरेज्जा ज २६ हरओ (हरतस्) ज ४११४० हरडय (हरीतकः) ११॥३५॥२ हरतणुय (हरतनुक) प ११२३,११४८१६ हरि (हरित्) ज ३।३५,४१८४,६०,६२१ सू२०१८,२०१८४ हरिकंत (हरिकान्त) प २१४०१६ हरिकंतदीव (हरिकान्तदी।) ज ४।७६ Page #378 -------------------------------------------------------------------------- ________________ हरिकंतष्पवायकुंड-हालिद्दय हरिकंतप्पवायकुंड (हरिकान्ताप्रपातकुण्ड) ज ४१७५, हलीमुह (हलीमुख) ज ३।३५ ७६,७७ हलीसागर (हलीसागर) १११५० हरिकंता (हरिकान्ता) ज ४।७३ से ७५,७७,७८, हव (भू) हवाइ प २।४७।२,३६।६४ ८४,९०,२६२,२६८,६१२१ ज ७।१३२१४,१७७१३ सू१६०२रा हवंति हरिकताकूड (हरिकान्ताकूट) ज ४।७६ प ११३८॥३,११४८१५८,५६ ज ७१७८१,२ हरिकूड (हरिकूट) ज ४१६६,२१०।१ चं ३१३ १७३;१२२७११६११, हरिणेगमसि (हरिनगमेपिन ) ज ५१२२,२३,४६ १६२२१८,२१ हवति प ११३७।३,३५।१११ हरितग (हरितक) ११४४।१ ३६।६४ हवेज्ज प २०६४।४ हवेज्जा हरिता (हरितक) ज २१४४,१४५ ५ २।६४११६ हरिमेला (हरिमेल:) ज ३.१७८७।१७८ हव्व (अर्वाच) प ३६८१ उ १२२,७०,८६,१०७, हरिय (हरित) प ११९४१ ज ३१२४ उ ३१५१,५३ १०५,११५ से ११७,११६,१२७,१२८ हरियग (हरितक) उ ३.४६ हव (व्य) ज २१६,२४,३४,३५,३७,३।१०७, हरिया (हरितक) ५११३३११,११४४ ज २१४५, ११४७१२० से २५,७६,८२,२०२,२०४,२०६ सू २१३,२०१७ हरियाल (हरिताल) प ११२०१२,१७:१२७ Vहस (हस्) हसंति ज २१५ जे ३३११ हसंत (हसत) ज ३।१७८ हरियालगुलिया (हरितालगुलिका) प १७११२७ हसमाण (हसत्) उ ३.१३० हरियालभेद (हरितालभेद) प १७६१२७ हसित (हसित) सू २०१७ हरियालिया (हरितालिका) ज ५।१३ हसिय (हसित) प २१४१ ज २१५,३११३८ हरिबास (हरिवषं) '११८७;१६।३०:१७११६४ । हस्स (ह्रस्व) प २०६४।४; १३१२३ ज २१६:४१६२,७७,८१ से ८६,१०२,२६५; हस्सतर (ह्रस्वतर) ज ४१५४ ६१६,२१ हाण (मल्लिनाण) ज ३।१०६ हरिवासकूड (ह िवर्ष कूट) ज ४.७६,६६ हायमाणय (हीयमानक) प ३३१३५ हरिस (हर्ष) प २२० से २७ ज ३१५,६,८,१५, हार (हार) १२१३०,३१,४१,४६,६४ ज ३१६,६, १६,३१,५३,६२,७०,७७,८४,६१,१००,११४, १५,२६,३५,६३,१८०,२११,२२२,४।२३, १४२,१६५,१७३,१८१,१८६,१६६,२१३,५०२१ ३८,६५.७३,६०,६१,५।२१,३८,६७ २७,४१३ ११२१,४२,७१,७२, ३।१३१,५।२२ उ १६६,१०२ से ११७,११६ हरिस्सह (हरिसह) २४०७ ज ४.१६२११,१६५, हारितग (हारितक) ज ३१११६ हारोस (दे० हारोष) प १८६ हरिस्सहकूड (हरिसहकट) ज ४।१६५.२३६ हालाहल (हालाहल) प १५० हलउलेमाण (दे०) उ ३।११४ ।। हालिद्द (हारिद्र) ५२४ से ६१५,७,२०५; हलधरवसण (हलधरसन) प१७१२४ ११३५३;२३.१०२,२५२६,३२,६६ ज ४।२६ हलिहपत्त (हरिद्रापत्र) प ११५१ सू २०१२ हलिद्दा (द्रिा ) प ११४८।२ हालिद्दगुलिया (हारिद्रगुलिका) प १७११२७ हलिद्दी (हरिद्रा) ज ३।११६ हालिहमत्तिया (हारिद्रमृत्तिका) ११६ हलिमच्छ (हलिमत्स्य) प ११५६ हालिद्दय (हारिद्रक) ५ १७१२६ २१० Page #379 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०६२ हालिद्दवण्णाभ-हु हालिद्दवण्णाभ (हारिद्रवर्णाभ) सू २०१२ हालिद्दसुत्तय (हारिद्रसूत्रक) प १७६११६ हालिद्दा (हरिद्रा) ११७१२७ हालिद्दाभेद (हरिद्राभेद) १ १७:१२७ हास (हास) प २४१,२१४७१३,१११३४।१% २३१३६,७६,१४४ ज २१६६,७० हासकारग (हासकारक) ज ३।१७८ हासणिस्सिया (हासनिधिता) प ११३४ हासरइ (हास रति) ५ २१४७३ हासा (हासा) ज ५।११११ हाहाभूय (हाहाभूत) ज २।१३१.१३६ हिगुरुक्ख (हिंगुरूक्ष) प ११४३१२ हिंगुलय (हिंगुलक) प ११२०१२ ज ३।११ हिंगुलुग (हिंगुलुक) ज ३३५ हिट्टिम (अधस्तन) प २०२७।१ हिट्ठ (अधम्) प १२४ से २७ रू १८.२,३, १६२२०१७ हिट्ठि (अधम्) ज ७.१६८०१ हिट्ठिल (अधस्तन) ज ७।१७५ हिट्ठिलग (अधस्तन) ज ७।१७५ हिल्लि (अधस्तन) सू १८७ हितकर (हितकर) ज ३१८८ हिदय (हृदय) ज ३।१३८ हिमय (हिमक) प ११२३ हिमवंत (हिमवत्) ज ११२६,३१२,३५,४।१७७ उ१।१०,२६,६६५१११ हिमवयकूड (हिमपत्कूट) ज ४।२३६ हिमसीतल (हिमशीतल) सू २०१२ हिय (हित) ज २१६४,७१,३१८८,५।२६ हिथईसर (हृदयेश्वर) ज ३६१२६३ हियकर (हितकर) ज ३।१६७ हियकारग (हितकारक) ज ५१५,४६ हियय (हृदय) ज ३१५,६,८,१५,१६,३१,३५, ५३,६२,७०,७७,८४,०१,१००,११४,१४२, १६५,१७३,११,१८५.१८६,१८६,१६६, २१३:५।२१,२७,४१,५८ गु २०१६।१ उ १।२१,४२,३।१३१ यियगणिज्ज (हृद गमनीय) ज २१६४;३।१८५, २०६५१५८ हिययपल्हायणिज्ज (हृदयप्रह्लादनीय) ज २।६४ ३.१८५,२०६:५११८ हिययमाला (हृदयमाला) ज २६५,३११८६,२०४ हिययसूल (हृदयशूल) ज २१४३ हिरण्ण (हिरण्य) ज १२४,६४,६६,४१२७३ ५।६८ से ७० हिरण्णवय (हैरण्यवत) प १८७ हिरण्णवास (हिरण्यवास) अ ३।१८४,५१५७ हिरण्णविहि (हिरण्यविधि) ज ५१५७ हिरि ('ह्री) ज ४१६४५११११ उ ४१११ हिरिकूड (ह्रीकूट) ज ४७६ हिरिसिरिधीकित्तिधारक (ह्वीश्रीधीकीतिधारक) ज ३११२६।१ हिरिसिरिपरिवज्जिय (ह्रीश्रीपरिजित) ज ३।२६, ३६,४७,१०७,११४,१२२,१२४,१३३ हिलियमाण (अभिलीयमान) ज ३।१०६ हिल्लिय (दे०) प ११५० हीण (हीन) २१६४।४५।५,१०,२०,३०,३२, १०२.१२६,१३१,१३२,१३४,१६०,१७७, १६३,२१४२२८ होणपुण्णचाउद्दस (हीनपुण चातुर्दश) ज ३।२६, ३६,४७,१०७,११४,१२२,१२४,१३३ हीणपुण्णचाउद्दसिय (हीनपु:चातुर्द शिक) उ १८६, हीणस्सरता (हीनस्वरता) ॥ २६॥२० होनस्सर (हीनरवर) ज २१३३ हीर (हीर) प १४४८।२० से २६ हीरमाण (ह्रियमाण) ज ७।३१,३३ सू ४१४,७ केहील (हेलय) हीति उ ३.११७ होलिज्जमाण (हेल्यमान) उ ३१११८ हु (भू) हुति ज १११७,४।१४२।१७।१३४।१,४; १७२। १ ४१३ मु ११८१३,१६।२२।४,५,१५, Page #380 -------------------------------------------------------------------------- ________________ हुंड-होरंभा २०,२३,२७,३१ हुंड (हुण्ड ) प १५1१८,३०,३५,२१/२८ से ३३, ३५ से ३७,५८,५६; २३।४६ हुंबट (दे० ) उ ३३५० हुडुक्क (हुडुक्क) ज ३।२०६ हुण ( हु ) हुण्ड उ ३१५१ हुत (हुत) उ३।४८, ५० हुतवह ( हुतवह) ज ३।१०६ हुयवह ( हुतवह) ज २१३१ (क) २४ यंग (हुहुकाङ्ग ) ज २४ हूण ( हूण ) प १८६ हे ( हेतु ) प ११०१।५ ३६ ट्ठ (अधस् ) प २।२१ से २३,३० से ३६,४१ से ४३,४६,१२/३२; ३६१६१ ज ३११८३ ४ १३४ हेट्ठा ( अधय् ) सू १२।३०; १७/१, २०१६ हेमि (अवस्तन ) १ २।६२।१६३३।१६ हेमिउवरिम (अधस्तनउपरितन ) प २६/६ मिउवरिमवेज्जग (अत्रस्तन उपरितनग्रैवेयक ) १११३७,४१२७३ से २७५; ७।२२ हेमिंग (अधस्तन ) ज ७ । १३६ । १ मिवेज्ज (अधस्तनग्रैवेय ) प ६३६ हेट्ठिम गवेज्जग (अधस्तनग्रैवेयक ) ५२२६० रो ६२,३१८३,६१५६ हेट्ठिममज्झिम (अधस्तनमध्यम ) प ४१२७१; २८१६८ हेमिमज्झिमवेज्जग (अधस्तन मध्यम ग्रैवेयक ) १११३७ ४१२७०,२७२७/१ हेमिहेमि (अधस्तनाधस्तन ) प ४२६८,२६६ हेट्ठिमहेमिवेज्जग (अधस्ताधस्तन बेक) प१ ।१३७४।२६७ ७२०२८८७ हेल्लि ( अधस्तन ) प १६/३४; २११०३३।१६, १७ ज २१११३ ४१२५३,२५४, २५७, ७ १७४, २५५ १८३१ हेतु ( हेतु ) प ३०/२५, २६ सू १११४, १६, २१, २४, २७:२।३४१४,७६३१ हेम (हेम ) प २५० ज ४१६१;५।१८ १०८६३ हेमंत (हमन्त ) ज २७०,८८७ १६० से १६३ सू८।१; १०१६७ से ७०,१२११४ उ ५ २५ हेमंती (हमती ) सू १२।२४ से २८ हेमंतीय (हैमन्तीक) १२१८ हेमजाल ( हेमजाल ) ज ३१४७ हेमव ( हेगवन्) ।११४१ सू १०।१२४१२ हेमवय ( है ) १९८७ १६३०; १७ १६३ ज ३११७५६४।१,४२, ५३, ५५, ५६, ५७.६१,६२, ७१,७६,१०२,२३८,२७१६१६,२० हेमकूड (हेमकूट) ज ४१४८,७६ हेमाभ (हेमा ) उ ११२६,१४० रणवय (हैरण्यवत) १६३० ४११०२, २६४।१,२६८,२७१ से २७४,६१६, २० रणवयकूड (हैरण्यमनकूट ) ज ४५२६६, २७५ ( हो ( भू) होइ । ११४१५२,१८१ से १०,१२ से ३७,३६,४१ से ५१,५४ से ५६,६१ से ६०, ६२ से ११४,११६, ११७,११६,१२०.१२२, १२३,१२५ से १२७११६७८८३६, ११६४/१४२१२, १११२११, १८२१२, १५११२,१७७ १,२ सु १६१२२२६,७,१७,२८, २६,२०१८/८ उ४।२।१ होई + १११०११म २२७१ होउ उ १६३, २२९ होति ६१२४७२, ११४६२४७,४६, १७५.७५, ८१।१; २२२७१३,२२४ से ११२२६४६; २२२५ १।१६:४११११।२७।११३११. १७२११ १०/१२९/२, ५, २०१८१३, २० उ सरर होज्ज | २२६० २८११०० होज्जा १ १६/१०,११,१३,१५,२१,१७।११२,२२/२३: २४१४, ५, ८, ११, १२, २५१५, २६१४,६,६,१०१ २०१३ हा ११४३१२, ११४३६, ५०; ४०१, २६४६, १०११४५१ १ २१२२१ १८ ११२, १८१५१ ज ११४३|१३|१७२११ ; गु १२२/१६ हात्था ११२६६ चं ६ गु १११ उ ११:२४; ३, ४, १४ होतए (मनु) ४२२ होति (हार्दिक ) प १४२२१३५० होमाण (भवत् ) प १७/११२,११३ होरंभा (होरम्भा ) ज ३।३१ Page #381 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शुध्दि पत्र १४२ १५४ 9 १७४ १६६ १७६ १८० अशुद्ध पण्णवणा संठाओ कोलोभामा परमममुह अभिः गब्भक्कं० बण्णादि देवेहतो सोतोसिणा पडूच्च परिमंडलस्य ओसपप्पि पडुप्पणं वाणमंतरणं एणणं पुविक्क० पुच्छए बधेलग० जस्सस्थि बा ०सरीकाय ०मीससरीर० आहाग. मीसारीर० पुरिस होज्चा ur . x x ० ० ० 91 Wo ० ० ० ० ० ० or or ० ० ० / १८२ संठाणओ कालोभासा परमभसुह आभि० गब्भवक्कं० वण्णादि ० देवेहितो सीतोसिणा पडुच्च परिमंडलस्स ओसप्पि पडुप्पण वाणमंतराणं एणठेणं पुढविक्क० দ্যায় बधेल्लग जस्सत्थि वा सरीरकाय० ० मीसासरीर० आहारग० मीसासरीर० पुरिसे होज्जा २२६ Page #382 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०६५ २३१ २३२ २४३ २५६ २५६ २८१ भवेतारूवे पोंडरीय इथिवेदे तिरिक्खजोणिय० गबभवक्क० छवि० जहा २८५ २८६ २६२ २६७ भवेतारुवे पोंडरिय० इत्थवेदे तिरिक्ख० गठभक्क० छहन्वि० जाव पण्णत्ते द सागरोव० सागारोव सरीरा सरीर० समुग्घया ० उवण्णगा जंबुद्दीव पह्मगोरे महावीस्स ३२४ ३४१ ३४१ ३४२ ३४३ सागरोवम सागारोव० सारीरा सारीर. समुग्घाया ०उववण्णगा ३५६ ३५६ ०पम्हगोरे महावीरस्स ३६६ ३७६ ०कुडे मत्तंगाणाणं मणम० वोवाह मत्तंगाणाम मणाम ur"० ०० mmmmmm SY वीवाह ना अंतिम ३६५ ३६६ ४०८ ४१२ ४१३ इणट्टे अज्झावसत्ता दूसमणाम अभिरमाणा निग्घोषणा मिसिमिस खिप्पमेव महाहिम खिप्पमेव ० इंदणी० अणुप्पबाए अटटारस वा इण? अज्झावसित्ता दूसमाणाम अभिरममाणा निग्घोसणा० मिसिमिसे खिप्पामेव महामहिम खिप्पामेव ०इंदणील० अणुप्रवाए अटठारस ४१४ AMRG WWी ४१५ ४२० Page #383 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ل ४२२ ४२२ ا २१ वासिणी पीइदाणं उस्सुक्क ار ا वासिण्णो पीइदिणं उस्स पुरंत पवयभि० णेयववो हरि० पुरेत س بل अन्तिम پر ४३६ पा०४ (म) ४४२ पा०२ पव्वयाभि० यम्बो हिरि० (म) अस्थमंतमेत्त (शा व पा) जं० संपट्ठियं तए णं सद्दावेत्ता ०पीठं फलिहा धूव० मपंद्वियं तणं २ सदधावेत्ता ४४५ ४४५ ४४५ ४६० ४६३ ४६३ ४६६ ४६८ ०पीढ़ धणु फहिलह धव० धण जंव विहफइ पणत्ताओ जंबू विहप्फई पण्णत्ताओ ५७० सुरपण्णत्ति जोयय० मुहुता oXWWW जोयण मुहुत्ता वावट्ठि समुद वराभरण विताए ०धूम बावट्टि ससुदं वराभण० विताए धुम० उवंगा मवंतीकरणेणं सवण्णीकरण (क) ०वंक० पुडिबुद्धा पाबयणं पारिया पा० ५ ७२३ ७३४ ७८० ७८१ १८४ सवण्णीकरण सवंतीकरणेणं (ग) ०वकं पडिबद्धा पावयणं परिया Page #384 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दकोश कमांक स्थल अशुद्ध अंगपरियारिया * अगरुयलहुयपज्जव अट्ठावग्ण * अपज्जुवासणया अप अओज्झ (अंगप्रतिचारिका) अगच्छमाण ज २१६३ (अष्टपञ्चाशत् ) अधम्मस्थिकाय (अपर्युपासन) अप्पा (अल्पा) अप्पिण (आ+स्फोट्य) अिभंग अभंतरपुक्खरद्ध अब्भुक्ख ॥ अष्फोड अउज्झ (अंगपरिचारिका) अगक्छमाण ज २११६३ (अष्टपञ्चाशत) अधमथिकाय (अपर्युपासना) अप्प (अल्प) जवासा अप्पिण (आ+स्फोट्य) अभंग अब्भतरपुरक्खरद्ध अब्भुक्ख अब्भुट्ठ अभिणंद अभिवुड्ढ (आकाश थिग्गल) (आरारकशरीरक) (इच्छामनस) (निर्झरबहुल) (उत्तमपुरु) उत्पन्न (उपदर्शयितुभ) (ओधमेघ) ओलंग कक्खंत्तर (कछभी) अन्भुटु १७. १८, १६. २०. आगासथिग्गल आहारगसरीरय ভূমিকা उज्झरबहुल उत्तमपुरिस अभिणंद अभिवुड्ढ (आकाश थिग्गल') (आहारकशरीरक) (इच्छामनस्) (उज्झरबहुल) (उत्तमपुरुष) उप्पन्न (उपदर्शयितुम्) (ओघमेघ) ओलंब कक्खंतर (कच्छपी) उवदंसित्तए ओघमेघ २४. २६. २७. कच्छभी Page #385 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०६८ २८. २६. ३०. ३१. ३२. ३३. ३३. ३५. ३६. ३७. ३८. ३६. ४०. ४१. ४२. ४३. ४४. ४५. ४६. ४७. ४८. ४६. ५०. ५२. ५२. ५३. ५४. ५५. ५६. ५७. ५८. ५६. ६०. ६१. ६२. ६३. कलंबुया कुंभिक्क कुमुदा एसिय चुल्लहिमवंत छायाछाया छिन्नसोय जटियायलय णिवुड्ढत्ता णिव्वत्त रइयअसणआउय तउसी मिजिया कल (कल) ( कदम्बक) कर्हिचि कहिय कालहेसि ( काल हेसिन् ) ( कौंम्भिक ) (कुमुद) गरह गवेस गा गाह गिण्ह √ गुणड्ढ गेवज्ज चःतु प्रदेशिक चय चय चर चि चित ( चुल्ल हिमवत् ) छज्ज (छायाछाया) छिंद (छिन्नस्रोतस ) छेद छेय (दे० जटिकालिक ) जा जाणियत्व जोयणसत्तपुहत्तिय (निवर्ध्यं ) (निवृत्त) निव्वाण (नैरयिकासंज्ञयाग्रुष्) (त्रपुसी मञ्जिका) (कलम ) ( कलम्बुका ) कर्हिचि कहिय X ( कौम्भिक ) (कुमुदा ) √ गरह √ गवेस √गा √ गाह √ गिण्ह गुणड्ढ / गेवेज्ज ( चतुःप्रदेशिक ) चय √ चय चर √चि √ चिंत ( क्षुल्ल हिमवत्) √ छज्ज (छायाच्छाया) √ छिंद (छिन्नस्रोतस् ) √ छेद √ छेय (दे० जटिकायलक) √ जा जाणियव्व जोणसतपुत्तिय ( निवृध्य ) (निवृत्त) णिव्वाय (नेरयिकासंज्ञ्यायुष्क) (पसी मज्जिका) Page #386 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०६६ ६५. तिंडव (त्वष्टदेवता) (त्वष्ट) ६७. ६८. तंडव तदेवया (त्वष्ट्रदेवता) तठ्ठ (त्वष्ट्र) तित्तीस (प्रयस्त्रिशत्) ज० ४११८ तिरिक्खजोणियअसण्णिआउय (तिर्यगयोनिकासंज्ञयायुष) तिरियाज्य (तिर्यगायुष) दलयित्ता (दत्वा) दाऊण (दत्वा ) ६६. ७०. (तिर्यग्योनिकासंज्ञयायुप्क) (तिर्यगायुष्क) (दत्त्वा ) (दत्त्वा ) दु? ७३. ७४, ७५. दुरभि दुहट्ट देवअसण्णिाज्य पंचसतर पच्चोसक्कित्ता पडि सेहित्तए ७८. ८०. u r 9 9 9 9 9 9 9 9 9 90155555550 0 0 0 0 0 0 0 0 ८ पल्हायणिज्ज (दुरभि) (दुधाट्ट) (देवासंघ्यायुष्) पञ्जसप्तति प्रत्यवकष्क्य प्रतिषेध्दु (पद्म) २५१ परिणित्वा परियाण परिवय परिहा (प्रहृलदनीय) पिट्ठीय पुक्खलाई (पुष्पपटलक) पुस्वरत्त पूजित 'पेहण' मञ्जिका प्रौष्टपदी प्रोष्ठपदी प १३.१ से ३१ प१४१४७ ज० ३३६५५६ (भवोवपघातगति) प३२१२,........१०८ ज ५७ iਚਰਚn tia} (दुर्घट्ट) (देवासंघ्यायुष्क) पञ्चसप्तति प्रत्यवष्वक्य प्रतिषेद्धम् (पद्म) ४।२५१ परिणिव्वा परियाण पिरिचय अपरिहा (प्रहृलादनीय) पिट्टि पुक्खलावई (पुष्पपटलक) पुत्ररत्त पूजित पेहुणमज्जिका प्रोष्ठपदी प्रोष्ठपदी प १३।१ से १३,२१ से ३१ प०११४८४१ ज० ३१३,६,५५५ (भवोक्पपातगति) प ३३१२,१०८ जा५७ पुप्फपडलग पूइय पेहुणमिजिया पोट्ठवई पोवती १५. भणित भत्तिचित्त भवोववायगति भासम भूमिचवेउ मंहलवता ६७. Page #387 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११०० १००. १०१. १०२. १०३. १०४. १०५. १०६. १०७. १०८. १०६. ११०. १११. ११२. ११३. ११४. ११५. ११६. ११७. ११८. ११. १२०. १२१ १६६ १२३. १-८ १२५. माणवग मालवंतपरियाय मेहुणा रण (वासा) रयणिय रिसह लोम वरदामतित्थाधिपति बालुंक संवत्त सिलिध सुदुल्लह केक्षण ( माणवक ) ( माल्यवत्पर्याय ) मैथुन संज्ञा ( रत्नवर्षा ) ( रन्निक) ( वृषभ ) (लोमन) वरगंधघर ( वरदामतीर्थधिपति) वालिघाण कपिथ्य ( संवृत्त) सगोत सत्तणउत्ति सम्माणियदोहद सय (सिलीन्ध्र) ( सुदर्लभ ) स्यपुच्छ सुसमससमा x गल (नड) प० ११४११ (मानवक) ( माल्यवत्पर्याय ) मैथुन संज्ञा ( रत्नवर्षा ) ( रत्निक ) ( वृषभ ) ( लोमन् ) वरगंधधर (वरदामतीर्थाधिपति) वालिधाण कपित्थ ( संवर्त ) सगोत्त सत्तणउति सम्माणियदोहल √ सय (सिलीन्ध्र) (सुदुर्लभ) सुयपुच्छ सुसम सुसमा अट्टरू ( अटरूषक) प १०३७।४ एरावण (ऐरावत ) प १|३७|४ प ११४८१५० X पीवलड (दे०) ११४८१३ वेणु ( वेणु) प १४६१४६ Page #388 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Fon Private & Personal use only