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________________ जम्मण-जसंसि जम्मण (अ) ज ५१३.५.७.१७,२२,२६,४४, ४६.६७ से ७०७२ से ७४ ३ २१२३३११२ |४|११ ५२५ जम्हा (स्मात् ) उ ११६३ २०६ जय (गत् ) प २१३१ जय ( जय) ज २।१५,६४,६५,३०५, ६.१८.२६,३६, ४७,१६,६४,७२,७०.१०.१३११४,१३३, १३८.१४५.१५१.१५७.१७८१८०.१८१. २०५,२०६.२२२; ५०५८ ७११० १११०७, ११०.११६,११८,१२२.१३०५।१७ ( जब (जि) जइस्सर उ १११५ जयंति उ १४१३५ जयंत ( जयन्त ) प ११३८ २२६३, ४ २२४ से २१६६४४२,५६७२६ १५६१,६२,१००, १०२. १०५, १०८, १०२.११३, ११४, ११६, १२०,१२१,१२३,१२५,१२६,१३१,१३१; २६/२६११५४६४ जयंती (जयन्ती) ज ४१२१२, २१२४१ ७/१२०१२,१०६ १०८८२ जवणा ( यतना) उ ३३३१ जयहर ( जपधर ) ज २३११२६ १ जया (यदा) ज ५३१ १ ११३ ११० जया ( जगा) सू १०६०, १७०, १७२ जर (जरा) प १|१|१:३६८३२ सू २० हा जर ( ज्वर ) ज २२४३ जरा (जरा) प २०६४ २०६४६, २२,३६६४१ २२८८,८६,१०३, १०४, १३३,३।२२५ जला (६०) प ११५१ जल (जल) प ११७५ ज २।१३४६ ३१३२,८१.६८, १५१४१३२५ उ ३।५५ √ जल (जल) जलति ज ५१५.७ जनंत (वत्) ज ३१८८४६, १४, ११,४१,६८, ३०४८, ४०,५५६२.६७.७०,७३, ७६.९३ १०६,११० जलत (जलकान्त) १२०४२४०१६ जलकिडा (जलकीडा) ३०५१,५६ Jain Education International जलचारिया (जलचारिका) प १५१ जलट्ठाण (जलस्थान ) प २१४, १३,१६ से १६.२८ जलण ( ज्वलन ) ज ३।३५ जलप ( जनपथ ) प १६०४५ जलप्पह (जलप्रभ ) प २२४०१७ जलमज्जण ( जलमज्जन) उ ३१५१,५६ जल (जल) प १।४८।४० ४।२६; ५॥७ जलय ( जलग) ज ३।३२ जलयर (जनर ) प १०५४,५५,६००३०१०३ ४१११३ से १२१६७१७०६२२१८ से १०,३२ से ३४,४३,५३.६० १०।१२० जलरुह (जलरुह ) प १०३३३१.१०४६ जलवासि (जनवासिन् उ ३१५० जलविच्छु (जलवृश्चिक) प १०५१ जलाभिसेय (जलाभिषेक) ३१५०,५१,५६ जलासय (जलाशय) २०४,१३,१६ से १९.२८ जलिय (ज्वलित) ज २०३५ जलोउय ( जलोतुक ) प ११४६ जलीया (जलीका ) प १२४९,७८ जल (दे०) ज २३२ जल्लेस ( यत्लेश्य ) प १७६२, १०२ जललेस (१७१२,१०२ जब (यव) प १।४५०१ ज २११५२७३।१११ जवजय (वय १२४५०१ ज २३७ जवण ( यवन ) प ११८६ जवणदीव (वनद्वीप) १२८१ जवणाणिया (वनानिका) प ११२६ जवणालिया (नालिका) प ३३।२६ जवणिज (यापनीय) ज ३१३०,३२,३४ जवमज्झ ( यवमध्य) ज २२६ जवसय ( यवासक ) प १|३७|३ जवासा नामक पौधा एक तरह का खदिर जवासाकुसुम (यवासककुसुम) प १७।१२५ जस ( यशस् ) ज ३।३५,७७,१०६,१२६,१२६, १६७,१८५,२०१ जसंसि ( यशस्विन्) ज ३।३,१२६१३ ११ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003576
Book TitleAgam 20 Upang 09 Kalpvatansika Sutra Kappavadinsiyao Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages388
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_kalpavatansika
File Size7 MB
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