Book Title: Agam 20 Upang 09 Kalpvatansika Sutra Kappavadinsiyao Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
________________
साहारणसरीरणाम-सिझणया
१०७७
२७४।६।१६ सिंधुआवत्तणकूड (सिंधुआवर्तनकूट) ज ४।३७ सिंधुकुंड (सिन्धुकुण्ड) ज ११५१,४११७४,१७५ सिंधुकूड (सिन्धुकूट) ज ४।४४ सिंधुगम (सिन्धुगम) ज ३।६४,१५१ सिंधुदेवी (सिन्धुदेवी) ज ३।५१,५२,२४,५६,५७,
५८
साहारणसरीरणाम (साधारणशरीरनामन्)
प२३१३८,१२१ साहाविय (स्वाभाविक) ज ५१५५ साहि (कथय) साज्जिः प१७।१२६ साहिज्जति प १७४१२६ साहिज्जति
प १७११२६ साहिय (साधिक) प ४।२४० ज २१६६३७९,
११६,११८,७११६४ साहीय (साधिक) प २१६४१८ साहु (साधु) चं ११२ साहेत्ता (साधला ) ३१५१ सिउंढि (दे०) प ११४८।१ सिंग (पृङ्ग) ज ३।१०६५/६३७१७८ सिंगरंग (शृंगाग्र) ज ३।२४ सिंगबेर (शृंगबर) प ११४८।२; १७६१३१ सिंगबेरचुण्य (शृंगवेरचूर्ण) प १११७६ १७.१३१ सिंगभूत (शृंगभूत) ज ३३१८६ सिंगभूय (शृंगभूत) ज ३१२१७ सिंगमाल (शृंगमाल) ज २१८ सिंगार (शृंगार) प ३४।१६,२१ ज २११५
सू२०१७ सिंगारागार (शृंगारागार) ज ३११३८ सिगिरिड (गिरीट) १५१११ सिंघाडग (शृंगाटक) प १४८।६ ज २१६५;
३॥१८५,२१२,२१३,५७२,७३ उ श६८ सिंघाडय (दे०) २०१२ राहु का नाम सिंघाण (सिंघाण किंधाण) प ११८४ सिंदुवार (सिन्दुवार) प १३४,११३८।१
ज २।१०३१३५ सिंदुवारवरमल्लदाम (मिन्दुवारवरात्यदामन्)
प १७:१२८ सिंदूर (सि दूर) ३१३५ सिंधु (सिन्धु) ज१८.२०,४८,२।१३१,१३६, १३४,३११,५१,५२.
५ ०७६,२८.९६६ १११,११३,१२८,४१३७.१६८,१०४
सिंधुदीप (सिन्धुद्वीप) ज ४।३७ सिंधुप्पवायकुंड (सिन्धुप्रपातकुण्ड) ज ४।३७ सिंधुसागरंत (सिन्धुसागरान्त) ज ३।८१ सिंधुसोवीर (सिन्धुसौवीर) प ११६३।४ सिभिय (ग्लैष्मिक) उ ३।११२,१२८ लिहल (सिंहल) प ११८६ सिंहलय (सिंहलक) ज ३८१ सिंहली (सिंहली) ज ३१११११ सिंहासण (सिंहासन) ज ११४४ सिक्खा (शिक्षः) प १११४६ उ श२० सिक्खिय (शिक्षित) ज ३११७८७१७८
भू २०१६॥३,५ सिग्घ (शीघ्र) ज ६०,३१२६,३६,४७,५६,६४,
७२,१०६,११३,१३३,१३८,१४५५१५,२८,
४४,४७,६७ म २३,१५१.३७; ११८ सिग्घगइ (शीघ्रगति) ज ७।१८० चं २।४४।२
सू १६।४,१८२ सिग्घमामि (शीघ्रगामिन्) ज ३।३५,१०० शिग्धया (शीघ्रता) ज ३.१०६ इसिस (सिध्) शिज्झइ प ३६५ सिभई
१२।६७४२,३ सिझन प ६१५७,६७,११० जे ११२२,५०,२१५८,१२३.१२८,१४८; ४११०१,१७३ मिति प ३६३६२ सिज्मदिइ उ१५१४१:२१२०,३।१८।२६; १४३ सिमित ज २११५१,१५७
२२:४२ जाए २०१८ या किनार
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388