Book Title: Agam 20 Upang 09 Kalpvatansika Sutra Kappavadinsiyao Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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१८४
पिंडय-गीइदाण
पिंडय (पिण्डक) ज ६६६१ पिड़वाय (पिण्डपात) उ ५।४३ पिडित (ण्डित) घ २०६४।१५,१६ पिडिम (पिण्डिम) ज २११२५५ पिक्क (पत्र) प १७:१३३ पिखुर (दे०) ज ३१८१ पिच्छय (च्छिक) उ ११५६,६३,८४ पिच्छि (पिच्छिन्) ज ३११७८ पिट्ट (दे०) उ ३.११४ पिट्ठओ (पृष्ठतम्) ज ३।१०,११,८६,८७,१७६;
पिढओउदग्गा (पृष्ठत उदग्रा) सू ६४ पिटठंत (पृष्ठान्त) उ ३१३ पिट्ठर (पृष्ठान्तर) उ २०१६; ५५ पिट्ठीय (पृष्ठ) उ ३१११४ पिदिठकरंडक (पृष्ठकरण्डक) ज २०१६ पिटिठकरंडग (पृष्ठकरंडक) ज २०४८,१५६ पिट्टिकरंडुक (पृष्ठकरण्डक) ज २१५२,१६१ पिट्टिकरंडुय (पृष्ठकरण्डक) ज २१५६ पिडग (गिटक) सू१६२२१४,५,६ पिडय (निटक) सू१६।२२।४,५ पिणद्ध (पिणद्ध) ज ३।६,७७,१०७.१२४,२२२
उ ११३८ पिणद्ध (नि- नह) पिणद्धति ज ३।२११ पिणद्धाव (पि+नाहय,पि+नि+धाय्)
पिणद्धावेइ ज ५१५८ पिणद्धावित्ता (पिनाह्यगिनिधाप्य) ज ५१५८ पिणवेत्ता (दिनह्य) ज ३।२११ पितिपिंड (पितृपिण्ड) ज २१३० पित्त (पित्त) प ११८४ पित्तिय (पैत्तिक) उ ३।३५,११२,१२८ पिप्परि (पिपाली) प ११३६।२ पिप्पलिचषण (विष्पलिचूर्ण) प १११७६,१७.१३१ पिप्पलिया (पिलिका) प ११३७।२ पिप्पली (हिणली) ५१७।१३१ पिप्पलीमूलय (पिप्पलीमूलक) १७१३१
पिप्पीलिया (विप्पीलिका) १५० पिय (प्रिय) १२१४१, २८1१०५ ज २१६४,३१५,
६०,१५७,१८५,२०६ ; ५१५८ उ ११४१,४४;
३।१२८,५।२२ इपिय (पा) पियंति उ ३।६८ पिय (पित) उ १७२,८८,६२,४१२८ पियंगाल (दे०) १।५१ पियंगु (प्रियङ्गु) ५२।४०१६ पियट्ठया (प्रियार्थ) ज ३१५,११५,१२५ पियतर (प्रियतर) ज २१८,४।१०७ पियतरिया (प्रियतरका) प १७११२६ से १२८,
१३३ से १३५ ज २०१७ पियदसण (प्रियदर्शन) ज ३।६,१७,२१,२८,३४,
४१,४६,१३६,१७७,२२२ सू २०१४ उ ५।५,२२ पियर (पित) ५ ११।१३,१८ पियस्सरता (प्रियस्वरता) प २३।१६ पिया (पितृ) ज २२२७ पिया (प्रिया) ज २।६६ उ ४८,६ पियाल (प्रियाल) ज १३५१२ पिरिली (पिरिली) ज ३।३१ पिलग (पिलक) ज २११३७ पिलुक्खरुक्ख (प्लक्षरूक्ष) ११३६१२ पिल्लण (प्रेरण) ज ३।१०६ पिव (इव) ज ३१२२ उ ११३८,३।५० पिवासा (पिपासा) उ ३.११४,११५,११६,१२८ पिसाय (पिशाच)११३२, २१४१ से ४३,४५
४६६८५ पिसायइंद (पिश चेन्द्र) ५२१४२ से ४४ पिसायराय (पिशाचराज) प २१४२ से ४४ पिसुय (पिशुक) प १५० ज २१४० पिधान (विधान) ज ५१५६ पिहुजण (पृथक् जन) प ६४२६ पिहुल (पृथुल) ज २११५, ७३१,३३ सू ४।३,४,
पोइगम (प्रीतिगम) ज ५।४६।३,७।१७८ पीइदाण (प्रीतिदान) ज ३।६,२६,२७,३६,४०,
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