Book Title: Agam 04 Ang 04 Samvayang Sutra Part 04
Author(s): Jethalal Haribhai
Publisher: Jain Dharm Prasarak Sabha

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Page 652
________________ श्री समवायाङ्ग सूत्र ॥ चो अंग ॥२९८॥ जिता ८ (५२) अने नवमी रोहिणी ९. आ वळदेवनी माताओ हती | हवे वळदेव अने वासुदेवना नामो ( तेमना गुणोना विशिष्ट वर्णन साथै ) कहे छे मू० - जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए नव दसारमंडला होत्था, तं जहाउत्तमपुरिसा मज्झिमपुरिसा पहाणपुरिसा ओयंसी तेयंसी वच्चसी जसंसी छायंसी कंता सोमा सुभगा पियदंसणा सुरूआ सुहसीलसुहाभिगमसवजणणयणकंता ओहबला अतिबला महाबला अनिता अपराइया सत्तुमद्दणा रिपुसहस्समाणमहणा साणुकोसा अमच्छरा अचवला अचंडा मियमंजुलपलावहसियगंभीरमधुरपडिपुण्णसच्चवयणा अब्भुवगयवच्छला सरण्णा लक्खणवंजणगुणोववे माणुम्माणपमाणपडिपुण्णसुजाय सवंगसुंदरंगा ससिसोमागार कंतपियदंसणा अमरिसण पडदंड प्यारा (र) गंभीरदर (रि) सणिजा तालद्धओविद्धगरुल केऊ महाधणुविकल्या महासत्तसारा दुद्धरा धणुद्धरा धीरपुरिसा जुद्धकित्तिपुरिसा विउलकुलसमुब्भवा महारयणविहाडगा अभहामी सोमा रायकुलवंसतिलया अजिया अजियरहा हलमुसलकणकपाणी संखचक्कग बलदेव वासुदेव गुणवर्णन ॥ ॥२९८॥

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