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प्रथम पर्व
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आदिनाथ चरित्र
सुमित्रा रानीके पुत्र लक्ष्मण ( नारायण ) नामके आठवें वासुदेव होंगे । उनकी सोलह धनुषकी काया और बारह हज़ार वर्षकी आयु होगी। मुनि सुव्रत और नमि तीर्थंकर के समय के बीच में अपनी आयु पूरी कर चौथी नरकभूमिमें जायेंगे । मथुरा नगरी में वसुदेव और देवकीके पुत्र कृष्ण नवें वासुदेव दस धनुषकी काया और हज़ार वर्षकी आयुवाले होंगे । नेमिनाथके समय में मृत्युको प्राप्त होकर वे भी तीसरी नरक भूमिको जायेंगे 1 “भद्रा नामकी मातासे उत्पन्न अचल नामक पहले बलदेव * . पचासी लाख वर्षकी आयुवाले होंगे । सुभद्रा नामकी माता से उत्पन्न विजय नामके दूसरे बलदेव होंगे । उनकी भी पचहत्तर लाख वर्षकी आयु होगी । सुप्रभा नामकी माताके पुत्र भद्र नामक तीसरे बलदेव पैंसठ लाख वर्षकी आयुवाले होंगे। सुदर्शन नामकी माताके लड़के सुप्रभ नामके चौथे बलदेव पचपन लाख वर्षकी आयु वाले होंगे । विजया नामकी माताके सुदर्शन नामक पाँचवे बलदेव सत्तर लाख वर्षकी आयुवाले होंगे । वैजयन्ती नामकी माता के पुत्र आनन्द नामके छठे बलदेव पचासी हज़ार वर्ष की आयुवाले होंगे। जयन्ती नामकी माताके पुत्र नन्दन नामके सातवें बलदेव पचास हज़ार वर्षकी आयुवाले होंगे। अपराजिता कौसल्या नामकी माताके पुत्र पद्म (रामचन्द्र ) नामके आठवें बलदेव पन्द्रह हज़ार वर्ष की आयुवाले होंगे रोहिणी नामक माताके पुत्र राम
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ॐ वासुदेव और बलदेवके पिता एक ही थे, इसलिये बलदेवकी काया वासुदेव की काया के ही समान जानना