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प्रथम पर्व
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आदिनाथ चरित्र
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“ हे श्रीप्रतिष्ठ राजाके कुलरूपी गृहके प्रतिष्ठा स्तम्भ - स्वरूप और पृथ्वी माता- रूपी मलयाचलके चन्दनके समान सुपार्श्वनाथ ! मेरी रक्षा करो
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“हे महासेन राजाके वंशरूपी आकाशके चन्द्रमा और लक्ष्मणा देवीके कोख-रूपी सरोवर के हंस चन्द्रप्रभुजी ! तुम्हीं मेरी रक्षा करो
"हे सुग्रीव राजाके पुत्र और श्रीरामादेवी - रूपिणी नन्दन - वन के कल्पवृक्षस्वरूप सुविधिनाथजी मेरा शीघ्र कल्याण कीजिय “हे दृढ़रथ राजाके पुत्र, नन्दादेवीके हृदयको आनन्द देनेवाले और जगत्को आहादित करनेमें चन्द्रमा के समान शीतलस्वामी । तुम मेरे लिये हर्षकारी हो ।
"हे श्रीविष्णुदेवीके पुत्र, विष्णु राजाके वंशमें मोतीके समान और मोक्षरूपिणी लक्ष्मीके स्वामी श्रेयांस प्रभु ! तुम मेरे कल्याके निमित्त हो ।
"है वसुपूज्यराजाके पुत्र, जयादेवी रूपिणी विदूर- पर्वतकी भूमिमें उत्पन्न रत्नके समान और जगत्में पूजनीय वासुपूज्यस्वामीजी तुम मुझे मोक्ष-लक्ष्मी प्रदान करो ।
“हे कृतवर्म राजा के पुत्र और श्यामादेवी रूपिणी शमीवृक्षसे उत्पन्न अग्निके समान विमलस्वामी ! तुम मेरा मन निर्मल बना दो ।
“हे सिंहसेन राजाके कुलमें मङ्गल- दीपकके समान, सुयशा देवीके पुत्र अनन्तभगवान् ! मुझे अनन्त सुख दो ।
“हे सुव्रतादेवी-रूपिणी उदयाचल तटीके सूर्यस्वरूप, भानुराजाके पुत्र धर्मनाथ प्रभु ! तुम मेरी बुद्धिको धर्म में लगा दो ।