Book Title: Adhyatma Ke Zarokhe Se
Author(s): Padmasagarsuri
Publisher: Ashtmangal Foundation

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Page 165
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org रणभूमि बन जाता है । एक ओर मोह के संस्कार उनसे उभरने की निष्ठा बनाने वाली आत्मशक्ति पर आक्रमण प्रत्याक्रमण करते हैं तो दूसरी ओर जागरूकता की ओर बढ़नेवाली आत्मशक्तियां उन आक्रमण प्रत्याक्रमणों को झेलती है । इस युद्ध में आत्म-शक्तियां यदि विजयी होती है तो वे आत्मा को प्रथम गुणस्थान से तृतीय और चतुर्थ में पहुंचा देती है । किन्तु यदि मोह संस्कारों की प्रबलता बनी रहती तो ऊपर की भूमिकाओं से लुढक कर वह पुनः मिध्यादृष्टित्व की खाई में गिर जाती है । इस पतन में आत्मा की जो अवस्था रहती है, वह दूसरा गुणस्थान होता है । इस गुणस्थान में पहले की अपेक्षा आत्मशुद्धि अधिक होती हैं; लेकिन यह दूसरा गुणस्थान उत्क्रान्ति का स्थान नहीं होता. उत्क्रांति करनेवाली आत्मा तीसरे गुणस्थान में जा सकती है और अव क्रांति करनेवाली आत्मा चतुर्थ गुणस्थान से गिरकर तीसरे गुणस्थान में पहुंच सकती है । मोह भावों का अंतिम आक्रमण प्रत्याक्रमण नवें, दसवें गुणस्थानों की प्राप्ति के समय होता है । जहाँ समस्त मोह संस्कारों का संपूर्ण क्षय कर लेनेवाली आत्मा दसवें से बारहवें गुणस्थान मे छलांग लगा जाती है और वहाँ से अपने चरम लक्ष्य की उपलब्धि असंदिग्ध कर लेती है । इसके विपरीत मोह संस्कारों का शमन मात्र करनेवाली आत्मा ग्यारहवे गुणस्थान में, प्रवेश करे ही यह आवश्यक नहीं है । वह भी अपनी उत्कृष्टता से बारहवें गुणस्थान पहुंच सकती है, परंतु जो आत्मा एक बार ग्यारहवें गुणस्थान में चली जाती है, उसका पतन पुनः निश्चित रूप से होता है । दर्शन एवं चरित्र मोहनीय कर्म की प्रभावशीलता अथवा प्रभावहीनता के आधार पर ही आत्मा की अवक्रान्ति तथा उत्क्रांति निर्भर है । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सम्यक् दर्शन, ज्ञान एवं चारित्र की एकाग्र साधना को मोक्ष मार्ग कहा है । कर्म मुक्ति है, मोक्ष है, कर्मों में सर्वाधिक शक्तिशाली मोहनीय कर्म को नष्ट करने के लिए अपने ज्ञान और अपनी निष्ठा को सम्यक्त्व की भूमिका पर लाने की जरूरत पड़ती है । 164 ज्ञान और आस्था के सम्यक् बन जाने पर सद्दृष्टि का विकास होता है । सदृष्टि वह है जो जड़ को जड़ और चेतन को चेतन तद्रूप स्पष्ट झलकाती है । इसके माध्यम अध्यात्म के झरोखे से — For Private And Personal Use Only

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