Book Title: Adhyatma Ke Zarokhe Se
Author(s): Padmasagarsuri
Publisher: Ashtmangal Foundation

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Page 191
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बावजूद भी उनका मन आध्यात्मिक चिंतन में एकाग्रता ग्रहण नहीं कर पाया । प्रातःकाल जब उन्होंने निवृत्त होकर सारी स्थिति अपनी धर्म पत्नी के समक्ष रखी तो पत्नी ने स्पष्ट किया कि कल शाम को मैंने जो भोजन तैयार किया, उस समय चूल्हा जलाने के लिए पड़ोसी के इंधन का उपयोग उससे बिना पूछे कर लिया। तथ्य को समझते हुए तनिक भी देरी नहीं लगी, बिना पूछे इंधन का प्रयोग भी इतनी गड़बड़ी यदि कर सकता है तो जो अनीति से उपार्जन करके, अपने जीवन में उसका उपयोग प्रयोग करते हैं, उनके जीवन में आध्यात्मिक विकास एवं प्रशांति की अनुभूति किस तरह संभव है ? योगशास्त्र मे मार्गानुसारी के ३५ गुणों का उल्लेख है उनमें जो प्रथम सूत्र है वह न्यायसंपन्न विभव है । इसके बाद शिष्टाचार प्रशंसकता, विवाह संबंध विवेक, पाप भीरु प्रसिद्ध देश आचार का पालन, अवर्णवादी न होना, आदर्श घर, सदाचारी व्यक्तियों की संगति, मातपिता की सेवा, उपद्रवग्रस्त स्थान का त्याग, निंदनीय प्रवृत्ति का त्याग, आय-व्यय का संतुलन, वित्तीय स्थिति के अनुसार वेशभूषा, बुद्धि के आठ गुणों का स्वामी, धर्म श्रवण, आहार विवेक, समय पर भोजन करना कर्म मर्यादित अर्थकाम सेवन, अतिथिसत्कार, अनिभिनिवेशता गुणानुराग, देशकालोचित आचरण, सामर्थ्यासामर्थ्य की पहचान, व्रती एवं ज्ञानीजनों की सेवा, उत्तरदायित्व का निर्वहन, दीर्घदर्शिता, विशेषज्ञता, कृतज्ञता, लोकप्रियता, सलज्जता, सदयता, सौम्यता, परोपकार, अंतरंग शत्रु का त्याग एवं इन्द्रिय निग्रह ये गुण गृहस्थ की व्यावहारिक नीति के सूत्र है। उपासकदशांगसूत्र में भी श्रावकों की नैव्यिक चर्या का वर्णन है। अन्यस्थानों पर भी श्रावक के आध्यात्मिक व्यावहारिक एवं नैतिक चर्या का सूक्ष्म एवं विस्तृत विवेचन मिलता है । श्रावक या उपासक जीवन में प्रवृत्ति एवं निवृत्ति दोनों का सांमजस्य रहता है। इसी आधार पर सभी व्रतों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया है - अणुव्रत, गुणव्रत और शिक्षाव्रत । यहाँ यह ध्यान देने योग्य तथ्य है कि उपासकदशांग आदि आगमों में पांच अणुव्रत एवं सात शिक्षाव्रत रूप प्रस्तुत व्रतों के दो विभागों का उल्लेख मिलता है । प्रथम पांच का संबंध सामाजिक सदाचार से है । द्वितीय विभाग में 190 - अध्यात्म के झरोखे से For Private And Personal Use Only

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