Book Title: Abhakshya Anantkay Vichar
Author(s): Pranlal Mangalji
Publisher: Jain Shreyaskar Mandal Mahesana

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Page 5
________________ पुस्तक प्रसिद्ध कर दीया है । कोइ सुज्ञ विद्वान् महाशय इस ग्रंथ की भाषा में यथायोग्य सुधार कर हमको भेजेंगे, तो तदनुसार आगामी आवृत्ति में सुधार कर छपवायेंगे । आशा है कि कोइ तथाप्रकारका विद्वान् भावनाशील महाशय अवश्य पुण्यका भागी होगा। कागज और हिंदी छाप काममें अधिक किंमत लगने से हमको किंमत ०-६-० रखनी पड़ी है। और गुजराती आवृत्तिमें रखा हुवा आहार मीमांसा का विस्तृत और अभ्यास योग्य निबंध पुस्तक का कद बढ जानेका भय से इस हींदी आवृत्ति में रखा नहीं है, तथापि जिज्ञासुओ गुजराती आवृत्ति से पढ सकेंगे। अन्तमें शास्त्र आदि से विरुद्धकी केइ बात का उल्लेख हुआ हो, तो उनके लिये मिच्छा मि दुक्कडं देते है। --प्रकाशक प Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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