Book Title: Aagam 24 V CHATU SHARAN Moolam evam Vrutti
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 2
________________ आगम (२४-वृ) “चतुःशरण” - प्रकीर्णकसूत्र-१ (मूलं+अवचूर्णि:) ------------ मूलं [-] -------- मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित......आगमसूत्र-[२४/१], प्रकीर्णकसूत्र-[१] “चतुःशरण" मूलं एवं विजयविमल गणि कृता अवचूर्णि: चतुःशरण' प्रकीर्णक (१) श्री देवचन्द्र लालभाई पुस्तकोद्धार ग्रन्थाङ्कः ५९ श्री महावीरहस्तदीक्षित-वीरभद्रमुनिः प्रणीतं “चतु:शरणं प्रकीर्णकं" एवं विजयविमलगणि विहित अवर्णि: चतुःशरण-प्रकीर्णकसूत्रस्य मूल “टाइटल पेज" ~1~

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