Book Title: Aacharya Shri Tulsi Abhinandan Granth
Author(s): Tulsi Acharya, Dhaval Samaroh Samiti
Publisher: Acharya Tulsi Dhaval Samaroh Samiti

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Page 254
________________ असाधारण नेतृत्व श्री कृष्णदत्त, सदस्य राज्यसभा मैं प्राचार्यश्री तुलसी के महान व्यक्तित्व के भागे नतमस्तक होता है। बचपन से और उसके बाद का उनका असाधारण जीवन यह सिद्ध करता है कि विधाता ने उनको मानवता के एक सच्चे नेता के रूप में गढ़ा है। उनकी शिक्षाओं का सौन्दर्य और प्रभाव इस बात में निहित है कि वे जो कहते हैं, उस पर स्वयं माचरण करते हैं। अपने अनुयायियों और दूसरों पर उनके असाधारण प्रभाव का यही रहस्य है । मानव जाति के इतिहास में यह नाजुक समय है और इस समय केवल भारत को ही नहीं, समस्त संसार को ऐसे नेतृत्व की आवश्यकता है। आज की परिस्थितियों में प्राचार्यश्री द्वारा संचालित अणुव्रत-आन्दोलन बहुत ही उपयुक्त है। व्यक्तियों के जीवन को सुधारने के लिए भी यह आवश्यक है और तीसरा विश्व-युद्ध छिड़ने पर प्राणविक अस्त्रों के कारण सम्पूर्ण विनाश के खतरे से मानब जाति को बचाने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों को नैतिक आधार देने के लिए भी यह आवश्यक है। मानव-जाति की कल्याण की कामना करने वाले सभी व्यक्तियों को प्राचार्यश्री के इस पान्दोलन का समर्थन करना चाहिए। पूज्य आचार्य तुलसीजी श्री तनसुखराय जैन मंत्री, भारत वेजीटेरियन सोसाइटी भाचार्यश्री तुलसी जी महाराज के मुझे पहले पहल सरदार शहर में दर्शन हुए थे। उनका तेज व विशाल व्यक्तित्व देखकर मुझे बहुत प्रसन्नता हुई। कुछ देर बातें करने के बाद उनकी योग्यता की गहरी छाप पड़ी। मैं वहाँ दो दिन ठहरा और तमाम व्यवस्था देखकर बहुत सन्तोष हुआ । साधुओं के इतने बड़े समूह पर एक प्राचार्य का नियन्त्रण बड़े कमाल की बात है जोकि और सम्प्रदायों में बहुत कम देखने में आता है। साधुनों के काम करने की शैली और उनके कार्यों की रिपोर्ट प्राचार्यजी तक पहुँचाना और नियन्त्रण में रहना यह एक प्रति उत्तम व्यवस्था है। प्राचार्यजी महाराज जहाँ भी विराजते हैं, यहाँ की व्यवस्था भी ठीक ढंग से होती है। उसके बाद आचार्य तुलसी जी महाराज तथा अन्य तेरापंथी साधु-मुनियों से मेरा बहुत सम्पर्क रहा और अभी भी समय-समय पर उनके दर्शन करता रहता हूँ। इस समय अणुव्रत-पान्दोलन जोकि पूज्य प्राचार्यजी ने प्रारम्भ किया है समय की चीज है। देश में घूसखोरी, बेईमानी, ग्लेक मार्केट तथा अन्य व्यसन बहुत ज्यादा जोर पकड़ गये हैं। मुझे पूरी माशा है कि अणुव्रत-आन्दोलन द्वारा बहुत सुधार होगा। पूज्य प्राचार्य तुलसीजी महाराज ने मणुवत-मान्दोलन का प्रवर्तन कर जैन समाज का सिर ऊंचा किया है।

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