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श्री
व्यवहार
सूत्रम् पीठिका ९७(A)
४४४
कृतकरण | अकृतकरण | कृतकरण | अकृतकरण अधिगतस्थिर | अधिगतस्थिर| अधिगतस्थिर | अधिगतास्थिर अनाधिगतस्थिर अनधिगत स्थिर अनाधिगतास्थिर अनाधिगतास्थिर आचार्य: आचार्यः । उपाध्यायः उपाध्यायः भिक्षुः कृत० | भिक्षुः कृतः |भि०अकृतकरण भि. अकृतकरण भि. कतकरण भि. अकृतकरण भिकृतकरण भि.अकृतकाण
मूलम् । छेदः | छेदः । षष्मासगुरु | षण्णसगुरु | षण्मासलघु पग्नासलघु | चतुर्मासगुरु | चतुर्मासगुरु चतुर्मासलघु चतुर्मासलघु मासगुरु | | छेदः । षड्गुरु । षड्गुरू | षड्लघु | कइला । चतुर्गुरु । चतुर्गुरु । चतुलघु । चतुलंधु - मासगुरु | मासगुरु |३| षड्गुरु | पद्दलघु | बद्दलघु | चतुगुरु | चतुर्गुरु | चतुर्लयु | चतुर्लघु | मासगुरु | मासगुरु | मासलघु | मासलघु | भिन्नमासगुरु || बद्दलघु | चतुपुरु | चतुगुरु | चतुलघु | चतुर्लषु । मासगुरु | नामगुरु | मासलघु | मासला | भिन्नमास गुरु | भिन्नमास गुरु | भिन्नमाम लघु चतुलघु चतुलंघु मासगुरु
मासलघु | भिन्नमास गुरु भिन्नमास गुरु | भिन्नमास लघु | भिन्नमास लघु | | गरु २० |६| चतुर्लघु | मासगुरु | मामगुरु | भासलघु | मासलघु | भिन्नतमासगुरु | भिन्नमालगुरु | भि. मा. ल. भ. मा. ल. गुरु २० । गुरु २० । लघु २०
मासगुरू । मासलघु मासलघु | भि० मा० गु० भिक मा० गु० भिन्नमामल| पिनमासलघु गुरु २० गुरु २० | लघु २० । लघु २० । मासलपु | भिक मा० गु० भि० मा गु०|भि० मा० ल०/भि० मा० स० गुरु २० | गुरु २० । लघु २० । लघु २०
गुरु १५ लघु १५ NिE मा | भि० म० ल./भिक मा० तः गुरु २० । गुर २० । लघु २० लघु २० ।
लघु १५ लघु १५ १० भिक मा० ल. गुरु २० गुरु २० । लघु २० । लघु २० | गुरु १५
लघु १० १९ गुरु २० लघु २० लघु २० | गुरु १५ । गुरु १५ लघु १५ / लघु १५ गुरु १० १० | लघु १० । लघु १० । गुरु ५ १२ | लघु २० गुरु १५ गुरु १५ । लघु १५ | लघु १५ | गुरु १० | गुरु १७ लघु १० लघु १० | गुरु५ | गुरु ५ | लघु ५
गुरु १५
गाथा १६३-१६७ व्यवहारस्य नामादिभेदाः
९७ (A)
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