Book Title: Vivagsuyam Author(s): Madhusudan Modi Publisher: Gurjar Granth Ratna KaryalayPage 21
________________ विवागसुयंसि तए णं अज्जसुहम्मे अणगारे जम्बु अणगारं एवं वयासी। "एवं खलु, जम्बू , समणेणं [जाव] संपत्तणं एकारसमस्त अङ्गस्ल विवागसुयस्स दो सुयक्खन्धा पन्नत्ता । तं जहा, दुहविवागा य सुहविवागा य " ॥ “जइ णं, भन्ते, समणेणं [जाव] संपत्तेणं एकारसमस्स अङ्गस्ल विवागसुयस्त दो सुयक्खन्धस्स दुहविवागाणं समणेणं [जाव] संपत्तणं कइ अ.झयणा पन्नत्ता?" ॥ तए णं अज्जसुहम्मे अणगारे जम्बु अणगारं एवं वयासो। " एवं खलु, जम्बू , समणेणं [0] आइगरेणं तित्थगरेणं [जाव] 10 संपत्तेणं दुहविवागाणं दस अज्झयणा पन्नत्ता, तं जहा, मियापुत्ते य उज्झियए अभग्ग सगडे बहस्सई नन्दी । .. उम्बर सोरियदत्ते य देवदत्ता य अञ्जू य ॥ १ ॥" ___"जइ णं, भन्ते, समणेणं [ 0] आइगरेणं तित्थगरेणं [जाव संपत्तेणं दुहविवागाणं दस अज्झयणा पन्नत्ता । तं 15 जहा मियापुत्ते य [जाव] अञ्जू य, पढमस्स णं, भन्ते, अ ज्झयणस्स दुहविवागाणं समणेणं जाव] संपत्तणं के अडे पनत्ते ?" ॥ तए णं से सुहम्मे अणगारे जम्बु अणगारं एवं वयासी। " एवं खलु, जम्बू-तेणं कालेणं तेणं समएणं मियग्गामे on नाम नयरे होत्था। [वण्णओ] । तस्स णं मियग्गामस्त नयरस्स बहिया उत्तरपुरथिमे दिसीभाए चन्दणपायवे नामं उज्जाणे होत्था सव्वोउय° [वण्णओ] । तत्थ णं सुहम्मस्स जक्खस्स जक्खाययणे होत्था चिराईए [ जहा पुण्णभद्दे ] । तत्थ णं मियग्गामे नयरे विजए नाम खत्तिए राया परिवसइPage Navigation
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