Book Title: Vissthanakno Ras
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek, 
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

View full book text
Previous | Next

Page 11
________________ तीन संज पूजा करे, समकित शोधे तेह ॥ पामे श्रेणिकनी परें, गोत्र तीर्थंकर देह ॥॥ श्रीजिनवर अर्चा करे, एकसो आठ प्रकार ॥ वन्दे देव शकस्तवें, पांचे प्रेम अपार॥३॥तत्र व्य भावें करी,INE पूजा दोय प्रकार ॥ व्य पूज च्यादिकें, नावाझा जिनधार ॥४॥ यतः ॥ दुविहा ॥ जिणंद पूत्रा दिव्वे नावेय तथ्य दव्वंमि ॥ दव्वेहिं जिणंद पूत्रा, जिणाणा पालणं नावो ॥१॥ नकोसहव्वथयं, आरहिआ जाइ अच्चुअं जीवा ॥नावश्यएण पाव,अंत मुहत्तेण निव्वाणं ॥२॥ ॥ ढाल वीजी ॥ नणदलनी देशी॥ | विघ्नोपशमनी पहिलमी, जिननी पूजा सार हो सुंदर ॥ बीजी अच्युदय साधनी, त्रीजी निवृतिकारहो सुंदर ॥१॥ श्रीजिनपूजा विधि सुणो॥ ए आंकणी ॥ सुणतां थाय नमेद हो सुंदर जिनपूजा हितकारिणी, टाले नवदुःख खेदहो सुंदर ॥ श्री०॥॥ विघ्नशमे अंगपूजथी, अद्भुते Salगुण सुख होयहो सुंदर।मुक्ति लहे नाव पूजश्री त्रिविध पूजा गुण जोयहो सुंदर॥श्री३॥पंचोपचार - Salपूजना, पूजा अष्टोपचार हो सुंदर॥त्रीजी पूजा जिनतणी, सर्वोपचार विचारहो सुंदर॥श्री॥धाकुNaIसुम अक्त चंदन करी, धूप दीप ससनेह हो सुंदरपंचोपंचार पूजाकही जिननी करवीएहहोसुंदर॥श्री ||कुसुम अर्कत गंधं दीपनी, धूप नैवेद्य फूल नीर हो सुंदरअष्टोपचार करम हणी, पूजा एह relगंन्नीर हो सुंदर ॥ श्री०॥६॥न्हवण चंदेन वस्त्र नूषणा, फल बलि दीपक नाट हो सुंदर ॥ गीत अनोपम आरती, सर्वोपचार गहघोट हो सुंदर ॥ श्री० ॥ ७॥ एहवीजो न करी शके, पूजा विस्तर दाख हो सुंदर, तो अक्त दीपादिके, पंच वस्तुकनी साख हो सुंदर ॥ श्री० ॥ ७॥ स्नान विलेपेन नूषणा, कुसुम वासं धूप दीपं हो सुंदर, फैल तंदुल पैत्र पूगिकी, नैवेद्यं वारि समीप हो sal सुंदर ॥ श्री॥ए वसन चैमरत्र दीपंतां, वाजि गीत समृद्धि हो सुंदर ॥ नाटक स्तुति जिन Jain Education international For Personal and Private Use Only www.jalivenorary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 ... 278