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नीसाग १२०
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, दूहा १७१
" " नीमागी १२२
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मृग सिंचगा यह न्यू महा गंगा कस कर अभंग गागा कटिया पाद घर मला पांगा दिय गोगा मलफिया नाटा पल बक्के सेल मन्चलका यूगी किम्माल, कलक्य कमर वाली गुण गारस बर्ष तंग घमा मह धीरे परट लीय दर मल जमरांगा जलय ५.य भागा टा श्रांगण चनिया के गुणियगा मा बाद बादला जम यम
ग्या हायनका व एकत्र टोली पंगद नाही वर्ष सांगाक मरिय पपालदा गुप पाल्या मित्र पग्नी परिया धारद यायका माप यः नर गोगा जा
दान र श्रा हंगर भीगया कारगी आँध बद्र गिटिया पलिया श्रम मार, पापी गिदियान महास infinity परिया fm
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नीमागणी १२३